डाक्टर ताऊनाथ होस्पीटल का काम काज काफ़ी मंदा चलने लग गया था. होस्पीटल के खर्चे भी चलने मुश्किल होगये. डाक्टर पूजा उपाध्याय ने भी पेशेंट भेजने बंद कर दिये सो रामप्यारी द्वारा किये जाने वाले कैट स्केन की कमाई भी बंद होगई थी.
अब राज भाटिया जी ने ताऊ को सलाह दे दी कि ताऊ एक बढिया धंधा है. वो करले तू तो, बस समझ ले निहाल हो जायेगा. सो मरता क्या ना करता? ताऊ तैयार होगया और धंधे की स्कीम समझने भाटिया जी के पास पहुंच गया. भाटिया जी ने सब स्कीम समझा दी और एक जंगली तोता पकडा दिया.
अगले दिन ताऊ उस तोते को लेकर सडक किनारे बैठ गया. थोडी देर मे वहां से एक सुथरी सी छोरी निकली और उसको देखकर वो तोता गाने लगा...रुकजा ओ जाने वाली रुकजा..मैं तो राही हूं तेरी मंजिल का...और एक जोरदार सीटी मारकर बोला...ए पलट...और जाकर ताऊ के पीछे छुप गया...उस छोरी ने पलट कर देखा तो वहां सिवाए ताऊ के कोई दिखा नही...
वो लडकी भडक कर बोली--ए बुढऊ..तेरे को शर्म नही आती क्या?
ताऊ बोला - ए छोरी तैं लाल ताती क्युं होण लाग री सै? मन्नै के कर दिया?
वो बोली - इस उम्र मे लडकियों को देखकर ऐसे ऐसे गाने गाते हुये तुमको थोडी तो शर्म आनी चाहिय. तुम्हारे घर मे मां, बहन, बेटियां नही हैं क्या? और वो तो एकदम काली का अवतार होने लग गई.
ताऊ ने कहा - देख छोरी, मेरे मां, बहन और बेटी सब हैं और ये गाने मैं नही गा रहा था. और मैं इस तरह की छिछोरी हरकते नही करता. मेरा धंधा जरा दुसरे टाईप का है. अब ये सुनकर वो बालिका तो सैंडिल निकालने लग गई...और बोली - यहां तेरे सिवाय और कोई है नही. फ़िर क्या भूत प्रेत गाने गा रहे थे.
अब ताऊ बोला - गाने तो ये मेरा तोता गा रहा था. और अपनी पीठ पीछे से हाथ मे पकडकर तोते को सामने किया. उस लडकी ने कहा --तुम खुद इसका बहाना बनाकर गा रहे थे...ताऊ ने लाख कोशीश की..पर तोते ने लडकी के सामने सिर्फ़ कांय कांय के कुछ नही बोला. लडकी बुरा भला कहती हुई चली गई..और ताऊ को बडी शर्मिंदगी ऊठानी पडी.
उस लडकी के जाने के बाद ताऊ ने तोते से पूछा कि उसने ऐसा क्युं किया? तोता बोला - मुझे तो मेरे मालिक राज भाटिया ने ऐसा ही कहा था. ताऊ बोला - फ़िर क्या तुम मेरी इज्जत लुटवाने यहां आये हो?
तोता बोला - ताऊ देख तेरी क्या तो इज्जत और क्या इज्जत की पूंछ? कहां लटक रही है तेरी इज्जत? मुझे तो कहीं नही लटकती दिख रही है. तू तो बस मेरे को बेच डाल..फ़िर देख तमाशा.
अब इतनी ही देर मे एक धनवान मेमसाहिबा आगयी..थोडी उम्रदराज थी....उसको देखते ही तोते महाराज ने तान छेड दी... ए मेरी जोहरा जबीं तुझे मालूम नही...तू ...मेमसाहिबा वहीं ठिठक रुक गई...ताऊ ने मन मे सोचा कि बस अब पिटाई पक्की है...इतनी ही देर मे में तोते ने अगला गाना शुरु कर दिया...हम तुझसे मुहब्बत करके सनम, हंसते भी रहे रोते भी रहे...वाकई तोते की आवाज इतनी दिलकश और सुरीली थी..जैसे जन्मों के बिछडे प्रेमी को मिल लिया हो.
उस महिला ने यह दर्द भरा नगमा गाते हुये तोते को देख लिया और ताऊ से पूछा - यह तोता तुम कहां से लाये?
ताऊ बोला - मैडम जी, ये तोता तो मैने ठेठ मियां तानसेन से खरीदा था..बहुत ही पक्का गायक है. और बस यही मेरा सहारा है...और तोते जी ने अगला राग छेड दिया....चौदवीं का चांद हो या आफ़्ताब हो.....
यह गाना तोते ने इतना सुरीला गाया कि बस गजब होगया...वो बीरबानी तोते पर फ़िदा हो गई और ताऊ से बोली - ताऊ हमको यह तोता चाहिये..किसी भी कीमत पर..
ताऊ यों चाहे जितना बेवकूफ़ हो..पर उडती चिडिया के पर पहचानता है....बस अड गया कि तोता तो वो नही ही बेचेगा..महिला ने बहुत कोशीश की...आखिर महिला दस लाख रुपये देने को तयार होगई....ताऊ ना ..ना..करता रहा......इतनी ही देर मे तोता राम ने गाना शुरु कर दिया...ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे....और ये इशारा था ताऊ को --कि बस सौदा नक्की करो..और नोट गिनकर घर पहुंचो. आसामी में इससे ज्यादा कश नही है. बस बहुत हो गया..
ताऊ बोला - ठीक है बहणजी, मेरी इच्छा तो नही है पर आपकी संगीतप्रियता को देखते हुये मैं इसे बेच रहा हूं. ये आपका मन हमेशा गाने गाकर बहलाता रहेगा...महिला भी अकेली थी..तोते का साथ पाकर निहाल हो ऊठी...उसने ताऊ को भुगतान करवा दिया घर ले जाकर और तोते को घर के अंदर ले गई..तोते ने अच्छा चकाचक नाश्ता पानी किया.
अब महिला ने फ़ुरसत पाकर तोते को हुक्म सुनाया कि वो वाला गाना सुनाओ..तोता तो चुप..महिला ने बहुतेरी कोशीश की पर तोते ने चूं चपड भी नही किया.
शुरु के पांच सात दिन तो महिला ने समझा कि नई जगह की वजह से इसका मन नही लगा होगा...पर जब देखा कि खाना तो तोता पेट भरकर ठूंस ठूंस कर ऐसे खाता है जैसे किसी भुक्कड के घर से आया हो? और गाने का कहते ही इसकी नानी मर जाती है.
कुछ दिन बाद तक भी यही हाल रहा तो थक हार कर वो बीरबानी तोते को लेकर ताऊ के पास पहुंच गई..और बोली - ताऊ तुमने मेरे साथ दगाबाजी की है. यह तोता तो गूंगा है...ताऊ ने कहा - नही बहणजी..इसका मन नही लगा होगा..कुछ दिन मे लग जायेगा...
महिला बोली- मैने दो हाथ जोडे तुम्हारे और तुम्हारे इस तानसेन के.. तुम मेरे रुपये वापस करो और ये संभालो अपना तोता..
इस बात पर ताऊ आंखें दिखाकर बोला - देखो बहणजी..बिका हुआ माल वापस नही होता..ये मैने पहले ही लिख रखा है..पर चूंकी आप काफ़ी शरीफ़ दिख रही हैं तो मैं आपसे फ़िफ़्टी परसेंट काटकर तोता वापस ले सकता हूं.
महिला ने काफ़ी हा हुज्जत की..पर ताऊ से पार पाना भी आसान तो नही है..सो जब कोई चारा नही देखा तो तोते को ताऊ के हवाले किया और अपने पांच लाख वापस लेकर चलती बनी.
ताऊ बडा खुश था...एक झटके मे ही पांच लाख कमाकर..और तोते को धन्यवाद देने लगा.
तोता बोला - अब ज्यादा धन्यवाद देने की भी जरुरत नही है..ये तो पार्टनरशिप का मामला है...पांच लाख मे से मेरे ढाई लाख मुझे दो और अगला ग्राहक फ़ंसाने की जुगाड लगाओ.
तो भाइयों और बहनों ..आप अगर गाने वाला तोता खरीदने की सोच रहे हों और ताऊ तोते के साथ दिख जाये तो जरा सोच समझ कर सौदा करना. आगे आपकी मर्जी.
अब राज भाटिया जी ने ताऊ को सलाह दे दी कि ताऊ एक बढिया धंधा है. वो करले तू तो, बस समझ ले निहाल हो जायेगा. सो मरता क्या ना करता? ताऊ तैयार होगया और धंधे की स्कीम समझने भाटिया जी के पास पहुंच गया. भाटिया जी ने सब स्कीम समझा दी और एक जंगली तोता पकडा दिया.
अगले दिन ताऊ उस तोते को लेकर सडक किनारे बैठ गया. थोडी देर मे वहां से एक सुथरी सी छोरी निकली और उसको देखकर वो तोता गाने लगा...रुकजा ओ जाने वाली रुकजा..मैं तो राही हूं तेरी मंजिल का...और एक जोरदार सीटी मारकर बोला...ए पलट...और जाकर ताऊ के पीछे छुप गया...उस छोरी ने पलट कर देखा तो वहां सिवाए ताऊ के कोई दिखा नही...
वो लडकी भडक कर बोली--ए बुढऊ..तेरे को शर्म नही आती क्या?
ताऊ बोला - ए छोरी तैं लाल ताती क्युं होण लाग री सै? मन्नै के कर दिया?
वो बोली - इस उम्र मे लडकियों को देखकर ऐसे ऐसे गाने गाते हुये तुमको थोडी तो शर्म आनी चाहिय. तुम्हारे घर मे मां, बहन, बेटियां नही हैं क्या? और वो तो एकदम काली का अवतार होने लग गई.
ताऊ ने कहा - देख छोरी, मेरे मां, बहन और बेटी सब हैं और ये गाने मैं नही गा रहा था. और मैं इस तरह की छिछोरी हरकते नही करता. मेरा धंधा जरा दुसरे टाईप का है. अब ये सुनकर वो बालिका तो सैंडिल निकालने लग गई...और बोली - यहां तेरे सिवाय और कोई है नही. फ़िर क्या भूत प्रेत गाने गा रहे थे.
अब ताऊ बोला - गाने तो ये मेरा तोता गा रहा था. और अपनी पीठ पीछे से हाथ मे पकडकर तोते को सामने किया. उस लडकी ने कहा --तुम खुद इसका बहाना बनाकर गा रहे थे...ताऊ ने लाख कोशीश की..पर तोते ने लडकी के सामने सिर्फ़ कांय कांय के कुछ नही बोला. लडकी बुरा भला कहती हुई चली गई..और ताऊ को बडी शर्मिंदगी ऊठानी पडी.
उस लडकी के जाने के बाद ताऊ ने तोते से पूछा कि उसने ऐसा क्युं किया? तोता बोला - मुझे तो मेरे मालिक राज भाटिया ने ऐसा ही कहा था. ताऊ बोला - फ़िर क्या तुम मेरी इज्जत लुटवाने यहां आये हो?
तोता बोला - ताऊ देख तेरी क्या तो इज्जत और क्या इज्जत की पूंछ? कहां लटक रही है तेरी इज्जत? मुझे तो कहीं नही लटकती दिख रही है. तू तो बस मेरे को बेच डाल..फ़िर देख तमाशा.
अब इतनी ही देर मे एक धनवान मेमसाहिबा आगयी..थोडी उम्रदराज थी....उसको देखते ही तोते महाराज ने तान छेड दी... ए मेरी जोहरा जबीं तुझे मालूम नही...तू ...मेमसाहिबा वहीं ठिठक रुक गई...ताऊ ने मन मे सोचा कि बस अब पिटाई पक्की है...इतनी ही देर मे में तोते ने अगला गाना शुरु कर दिया...हम तुझसे मुहब्बत करके सनम, हंसते भी रहे रोते भी रहे...वाकई तोते की आवाज इतनी दिलकश और सुरीली थी..जैसे जन्मों के बिछडे प्रेमी को मिल लिया हो.
उस महिला ने यह दर्द भरा नगमा गाते हुये तोते को देख लिया और ताऊ से पूछा - यह तोता तुम कहां से लाये?
ताऊ बोला - मैडम जी, ये तोता तो मैने ठेठ मियां तानसेन से खरीदा था..बहुत ही पक्का गायक है. और बस यही मेरा सहारा है...और तोते जी ने अगला राग छेड दिया....चौदवीं का चांद हो या आफ़्ताब हो.....
यह गाना तोते ने इतना सुरीला गाया कि बस गजब होगया...वो बीरबानी तोते पर फ़िदा हो गई और ताऊ से बोली - ताऊ हमको यह तोता चाहिये..किसी भी कीमत पर..
ताऊ यों चाहे जितना बेवकूफ़ हो..पर उडती चिडिया के पर पहचानता है....बस अड गया कि तोता तो वो नही ही बेचेगा..महिला ने बहुत कोशीश की...आखिर महिला दस लाख रुपये देने को तयार होगई....ताऊ ना ..ना..करता रहा......इतनी ही देर मे तोता राम ने गाना शुरु कर दिया...ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे....और ये इशारा था ताऊ को --कि बस सौदा नक्की करो..और नोट गिनकर घर पहुंचो. आसामी में इससे ज्यादा कश नही है. बस बहुत हो गया..
ताऊ बोला - ठीक है बहणजी, मेरी इच्छा तो नही है पर आपकी संगीतप्रियता को देखते हुये मैं इसे बेच रहा हूं. ये आपका मन हमेशा गाने गाकर बहलाता रहेगा...महिला भी अकेली थी..तोते का साथ पाकर निहाल हो ऊठी...उसने ताऊ को भुगतान करवा दिया घर ले जाकर और तोते को घर के अंदर ले गई..तोते ने अच्छा चकाचक नाश्ता पानी किया.
अब महिला ने फ़ुरसत पाकर तोते को हुक्म सुनाया कि वो वाला गाना सुनाओ..तोता तो चुप..महिला ने बहुतेरी कोशीश की पर तोते ने चूं चपड भी नही किया.
शुरु के पांच सात दिन तो महिला ने समझा कि नई जगह की वजह से इसका मन नही लगा होगा...पर जब देखा कि खाना तो तोता पेट भरकर ठूंस ठूंस कर ऐसे खाता है जैसे किसी भुक्कड के घर से आया हो? और गाने का कहते ही इसकी नानी मर जाती है.
कुछ दिन बाद तक भी यही हाल रहा तो थक हार कर वो बीरबानी तोते को लेकर ताऊ के पास पहुंच गई..और बोली - ताऊ तुमने मेरे साथ दगाबाजी की है. यह तोता तो गूंगा है...ताऊ ने कहा - नही बहणजी..इसका मन नही लगा होगा..कुछ दिन मे लग जायेगा...
महिला बोली- मैने दो हाथ जोडे तुम्हारे और तुम्हारे इस तानसेन के.. तुम मेरे रुपये वापस करो और ये संभालो अपना तोता..
इस बात पर ताऊ आंखें दिखाकर बोला - देखो बहणजी..बिका हुआ माल वापस नही होता..ये मैने पहले ही लिख रखा है..पर चूंकी आप काफ़ी शरीफ़ दिख रही हैं तो मैं आपसे फ़िफ़्टी परसेंट काटकर तोता वापस ले सकता हूं.
महिला ने काफ़ी हा हुज्जत की..पर ताऊ से पार पाना भी आसान तो नही है..सो जब कोई चारा नही देखा तो तोते को ताऊ के हवाले किया और अपने पांच लाख वापस लेकर चलती बनी.
ताऊ बडा खुश था...एक झटके मे ही पांच लाख कमाकर..और तोते को धन्यवाद देने लगा.
तोता बोला - अब ज्यादा धन्यवाद देने की भी जरुरत नही है..ये तो पार्टनरशिप का मामला है...पांच लाख मे से मेरे ढाई लाख मुझे दो और अगला ग्राहक फ़ंसाने की जुगाड लगाओ.
तो भाइयों और बहनों ..आप अगर गाने वाला तोता खरीदने की सोच रहे हों और ताऊ तोते के साथ दिख जाये तो जरा सोच समझ कर सौदा करना. आगे आपकी मर्जी.
देखो बहणजी..बिका हुआ माल वापस नही होता :)
ReplyDeleteha ha ha !!!
समीरानन्द, राज भाटिया और ताऊ,
ReplyDeleteसभी के वारे-न्यारे हैं।
बाबा बनने में तो फायदा ही फायदा है।
कमीशन इधर भी भेज देना।
ताऊ राम-राम!!
ताऊ बोला - ए छोरी तैं लाल ताती क्युं होण लाग री सै? मन्नै के कर दिया?
ReplyDeleteआज तो पूरी की पूरी पोस्ट ही गजब कर रही है.:)
और मैं इस तरह की छिछोरी हरकते नही करता. मेरा धंधा जरा दुसरे टाईप का है. अब ये सुनकर वो बालिका तो सैंडिल निकालने लग गई...और बोली - यहां तेरे सिवाय और कोई है नही. फ़िर क्या भूत प्रेत गाने गा रहे थे.
ReplyDeletetaau ib ye dhande bhi shuru kar diye kya?
तोता बोला - ताऊ देख तेरी क्या तो इज्जत और क्या इज्जत की पूंछ? कहां लटक रही है तेरी इज्जत? मुझे तो कहीं नही लटकती दिख रही है. तू तो बस मेरे को बेच डाल..फ़िर देख तमाशा.
ReplyDeleteवाह तोते ने खरी बात कही.:) आज तो गजब का व्यंग है.
तोता बोला - ताऊ देख तेरी क्या तो इज्जत और क्या इज्जत की पूंछ? कहां लटक रही है तेरी इज्जत? मुझे तो कहीं नही लटकती दिख रही है. तू तो बस मेरे को बेच डाल..फ़िर देख तमाशा.
ReplyDeleteवाह तोते ने खरी बात कही.:) आज तो गजब का व्यंग है.
bahut jordar post, maja aaya taauji
ReplyDeleteसलाह के लिए शुक्रिया.. सौदा ध्यान से ही करेंगे :)
ReplyDeleteतोत्ता तो घणा स्याणा सै ताऊ। आज तो चाला कर दिया।
ReplyDeletewah! mazedaar kissa!
ReplyDeleteRecession ke time mein aur kya kya ho sakta hai!
yah bhi ek trailer hai!
wah! mazedaar kissa!
ReplyDeleteRecession ke time mein aur kya kya ho sakta hai!
yah bhi ek trailer hai!
ये तो नयो धंधो सुझायो ताऊ दो चार दिन के लिए मन्ने भी दे दियो ये तोतो इस गरीब को भी भलो हो जावेगो .
ReplyDeleteवाह रे ताऊ आज फिर से कमाल कर दिया।
ReplyDeleteबहुत मज़ेदार !
ReplyDeleteधन्यवाद !
ताऊ, ये सही धंधा चल निकला लेकिन जरा संभाल के. कभी डबल न वापस करने पड़ जायें.
ReplyDeleteपॉडकास्ट करो न तोते का गाना.. :)
हा हा हा ताऊजी ये तो वही तोत है जो सत्लुज के किनारे वैसाखी के मेले मे भी कई बार बिका और वपिस आया अरे ये आपके पास भी पहुंच गया इसके 5000 पे ना जाना ये तो उस्ताद है सत्लुज की मछ्हलियांम भी इसने ऐसे की फाँसी थी हा हा हा
ReplyDeleteजिस माल के बिकने के बाद दोष होने पर वापसी की गारंटी न हो हम खरीदते ही नहीं।
ReplyDeleteकहीं हिरामन तो नहीं... टिप्पणी पढ़ कर होशियार हो गया..
ReplyDeleteताऊ जी क्या अमेरिका से लाये है बोलने वाला तोता . अभी तक गाने वाली मैंने के बारे में सुना था और अमेरिकन तोता जैसा आपकी फोटो में है सिर्फ एक बार देखने मिला है ........ताऊ जी कहाँ मिलेगा ये तो बता देते .उम्दा पोस्ट.
ReplyDeleteमैं तो न्यूँ कहूँ ताऊ के इस तोतै नै ले कै ज्योतिषी का धंधा कर ले बढिया चलेगा...यो परची ठा कै पकडांदा रवेगा अर ताऊ उनमै तै पढ कै लोगों का भविष्य बतांदा रवेगा...खूब कमाई हो ज्या करेगी:)
ReplyDeleteआप की तो लाटरी निकल आई ताऊ!!
ReplyDeleteअच्छा अब उसे कुछ दिन के लिये जरा इधर भी भेज दें. आप का हिस्सा आप को भेज दिया जायगा!!
सस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
कभी मैना को भी तो बुल्वाओं न ताऊ ! बेचारी बैठी बैठी बोर हो रही होगी !
ReplyDeleteSoch samajh kar khareedna padhegaa ab to bhai....... Taau majedaar post..
ReplyDeleteएक खबर हमने पढ़ीसच्ची है या झूठ
ReplyDeleteतोता लेकर है रहा ताऊ सबको लूट
ताऊ सबको लूट चला है देखो कुल्लू
कर तोते की बात बनाया उसने उल्लू
कहां से पाया तोता.
ReplyDeleteताऊ हम तो ऐसे सौदों से दूर ही रहते है |
ReplyDeleteइस मंदी के दौर में यह धंधा बुरा नही है ताऊ जी .
ReplyDeleteताऊ इमानदारी से मेरा हिस्सा अलग रखते रहना, अगर काम चल निकला तो दो चार तोते ओर भेज दुंगां
ReplyDeleteराम राम जी की
तोता महाराज तो छा गए
ReplyDeleteकमाल है
ReplyDeleteहैरत में हूँ
इतनी अच्छी कहानी की लोगों ने वाट लगा दी !
इस कहानी के पीछे छुपे व्यंग को कोई क्यों नहीं समझ पाया ?
ये आश्चर्य की बात है !
bahut achchI kahani taauji
ReplyDeletebahut achchI kahani taauji
ReplyDeleteताऊ आज तो चाल्हे पाड दिये. घणा जोरदार काम किया. ये तोता तो हमे देदे ताऊ.
ReplyDeleteये तो तोता नही अल्लादीन का चिराग है. मजा आगया.
ReplyDeleteवाह ताऊ बहुत जोरदार
ReplyDeleteवाह ताऊ बहुत जोरदार
ReplyDeleteमेरी स्टोरी की रॉयल्टी का पैसा भिजवा देना ताऊजी।
ReplyDelete--- पोपट राम।
मंदी के दौर में ये धंधा अच्छा है :)
ReplyDeleteAb to sauda soch samjha ki hi karna parega...
ReplyDeleteha ha bach ke rahna padega totaram aur tauji se:):),vaise ye idea bura nahi ,kamai bahut hai is dhandhe mein:)
ReplyDelete... खरीदने लायक तोता है, प्रभावशाली व्यंग्य !!!
ReplyDeleteताउजी...एक अकेली जिंदगी में कितने धंधे करेंगे आप ...दूसरों को कुछ कमाने नहीं देंगे क्या ??
ReplyDelete"और मैं इस तरह की छिछोरी हरकते नही करता."
ReplyDeleteबिलकुल जी, सौ गवाह तय्यार बैठे हैं.
हा हा हा हा हा हा हा हा जो भी तोता है बहुत ही प्यारा....
ReplyDeleteregards
बहुत मज़ेदार !
ReplyDeleteधन्यवाद !
क्या बताएं ताऊ...आपको अपने हस्पताल की पड़ी है, यहाँ इतना काम है की फुर्सत ही नहीं मिलती मरीज देखने की...आप तो जानते ही हो की वो मेरा पार्ट टाइम काम था...इसी चक्कर में घाटा भी उठाना पड़ रहा है.
ReplyDeleteरामप्यारी की भी बड़ी याद आती है, पर आप उसे कहो चिंता न करे...जल्दी ही मरीज भेजने शुरू कर दूँगी...किसी टांग तो टूटे :)
मैं इस तरह की छिछोरी हरकते नही करता. मेरा धंधा जरा दुसरे टाईप का है. ..
ReplyDeleteवैसे किस तरह का है आपका धंधा ताऊ जी ??
गाने भी तो ऐसे सिखाये हैं की बस पूछो मत !!!hahahahaha .....
वाह भइ क्या तोता है, हमें भी चाहिए...
ReplyDeleteमीत
ha..ha.. raj bhatiyaa ji ka commission ikathha kar raha hai tota!!
ReplyDeleteये तोता हमें दे दे ठाकुर!!!
ReplyDelete