परिचयनामा : श्री अंतर सोहिल

आईये आज हम आपकी मुलाकात करवाते हैं एक ऐसे नवयुवक से जो विनम्र होने के साथ साथ जिज्ञासु भी है. अपने को ब्लागर कम और पाठक ज्यादा समझता है. आज जबकि युवकों मे आध्यात्म के विषयों के प्रति उदासीनता है वहीं इस युवक को हमने इस मार्ग पर भी चलते पाया.

श्री अमित गुप्ता



आप अन्तर सोहिल = Inner Beautiful ब्लाग से परिचित होंगे. अक्सर आजकल लोग अपनी हांकना ज्यादा पसंद करते हैं वहीं यह युवक दुसरों को ज्यादा से ज्यादा पढ लेना चाहता है. और बडी विनम्रता के साथ उन्होने अपनी बात हमारे सामने रखी. तो अब मिलते हैं श्री अमित गुप्ता से.

ताऊ - हां तो अमित आपके ब्लाग का नाम है अंतर सोहिल और आप टिपणियां भी इसी नाम से करते हैं. इसका कुछ मतलब हमे बतायेंगे?

अमित : ताऊ जी, अब इस शब्द का मतलब तो आपको मालूम ही होगा कि अंदर की खूबसूरती से ताल्लुक है इसका.

ताऊ : हां यह तो मालूम है. पर आपने यह नाम ही क्युं रखा? क्या ये आपका नाम है? या यूं ही किसी खयाल मे रखा गया है.

अमित : ताऊ जी, यह मेरा ही नाम है.

ताऊ : भाई, बात कुछ समझ मे नही आई, जरा थोडा समझा कर बताओ?

अमित : ताऊ जी, । मैने ओशो का सन्यास आनन्द स्वभाव जी से हस्तिनापुर में लिया था उन्होंने मेरा नाम दिया था अन्तर सोहिल.


अंतर सोहिल ओशो आश्रम में


ताऊ : अच्छा यह बात है तब तो आध्यात्मिक, विषयों मे आपकी गहरी रुची होगी?

अमित : हां सो तो है. मुझे धर्म गुरुओं के प्रवचन सुनना अच्छा लगता है। श्रीराम शरणम, संत निरंकारी, आसाराम, संत रामपाल, राम-रहीम, औम शांति, तरुण सागर, सहज योग, मुरारी बापू इनके अलावा भी बहुत सारे गुरुओं को मैं सुन चुका हुं.

ताऊ : कहां तक पहुंचे हैं इस मार्ग पर?

अमित : कोशिश कर रहा हूँ अपने अन्तर्तम को सुन्दर बनाने की। कठिन है खुद को स्वीकारना फिर भी यत्न तो करता हूं।

ता
ऊ : अमित, आप करते क्या हैं?

अमित : मैं पिछले 12 वर्ष से चावडी बाजार, दिल्ली की एक फर्म में Accountant के पद पर कार्यरत हुं।

बिटिया उर्वशी


ताऊ : और आप यहीं दिल्ली मे रहते हैं?

अमित : ना ताऊजी, मेरा घर सांपला, जिला रोहतक में है। (सांपला, दिल्ली (50 किमी) और रोहतक (20 किमी) के बीच में एक कस्बा है) और रोजाना रेलगाडी से आता-जाता हुं।

ताऊ : आपके शौक क्या हैं?

अमित : ब्लाग्स और ओशो के प्रवचन पढना और घूमना तो मेरे प्रिय शौक हैं। इसके अलावा भी बहुत सारे जैसे अखबार और पत्र-पत्रिकाएं पढना, संगीत सुनना, दूरदर्शन देखना,

ताऊ : सख्त ना पसंद क्या है?

अमित : अश्लील बोलने वाले (गालियां देने वाले), और किसी के लिये किसी भी प्रकार की असुविधा पैदा करने वाले लोग और ब्लागिंग मे खासकर कुछ ब्लागर्स जो केवल अपने ब्लाग का न्योता देने के लिये ही टिप्पणी करते हैं या पोस्ट की विषय-वस्तु के बजाय अपना लिंक थमा कर चले जाते हैं, या पोस्ट के विषय से मतभेद होने पर भी केवल तारिफ करते हैं। क्यों नही पोस्ट के विषय पर अपने विचार रख कर चर्चा को आगे नही बढाते हैं ताकि उस विषय के हर पहलू को जांचा जा सके।


ताऊ : पसंद क्या है?

अमित : खाना, नहाना, सोना, नये-नये लोगों से दोस्ती करना और ताश खेलना

ताऊ : कोई ऐसी बात जो आप पाठको से कहना चाहें.

अमित : एक गाने के बोल - हर पल यहां जी भर जिओ, एक बात और जो बर्ताव हम खुद के साथ नही चाहते वो दूसरों के साथ क्यों करते हैं?


ताऊ : अपने जीवन की कोई अविस्मरणीय घटना?

अमित : एक बार अपने थैले में एक सांप डाल कर कक्षा में ले गया था।

ताऊ : आपका गांव कैसा है?

अमित : ताऊ जी मेरा पैतृक गांव सांपला ही है। रेलवे स्टेशन, इन्जिनियरिंग कालेज, गर्ल्स कालेज, टेलीफोन एक्सचेंज सबकुछ है यहां,जो एक साफ-सुथरे गांव और शांतिप्रिय शहर जैसा प्रतीत होता है।

छोटे नवाब लव्य

ताऊ : आप संयुक्त परिवार मे रहते हैं, आपको कैसा लगता है?

अमित : जी मेरा संयुक्त परिवार ही है। और संयुक्त परिवार में तो नफा ही नफा दिखायी देता है मुझे। जैसे सुरक्षा, सुख-दुख में एक दूसरे का ख्याल, बच्चों की परवरिश, आज के जमाने में जीविका-उपार्जन के लिये खर्च में कमी और ज्यादा परिवार के सदस्य तो जीवन में ज्यादा हंसी

ताऊ : आप ब्लागिंग का भविष्य कैसा देखते हैं?

अमित : ताऊजी एक पाठक के तौर पर कह सकता हूं कि ब्लागिंग आने वाले समय में ज्ञान पाने का और विचारों के आदान-प्रदान का सबसे उम्दा स्थल होगा

ताऊ : आप कब से ब्लागिंग मे हैं?

अमित : जी, मैने अगस्त 2008 में अपना ब्लाग बनाया था।

ताऊ : किसने प्रेरित किया?

अमित : प्रेरित किसी ने नही किया बल्कि एक बार खाली बैठे-बैठे अपने नाम Amit Gupta को सर्च किया तो www.hindi.amitgupta.in पर पहुंच गया। उन्हें पढना अच्छा लगा तो उनकी पिछली सारी पोस्ट पढ डाली।

ताऊ : फ़िर?

अमित : फिर टिप्पणीकारों को क्लिक किया तो ब्लाग्स के बारे में पता चलना शुरू हुआ। स्कूल के दिनों में मैं अखबार या किसी पत्रिका में कोई बात पसंद आती थी तो अपनी डायरी में नोट कर लेता था, मैने वही बातें सहेजने का सुरक्षात्मक जरिया जानकर ब्लाग शुरू किया था।

ताऊ : आपका लेखन आप किस दिशा मे पाते हैं?

अमित : जी मेरा तो ना कोई लेखन है और ना कोई दिशा, आप देख ही रहे हैं कि महिने-दो महिने में कुछ लिख पाता हुं। पढने का शौकीन हूं. बस लोगों को पढता रहता हूं…पढता रहता हूं…पढता रहता हूं।

ताऊ : क्या राजनिती मे आप रुची रखते हैं?

अमित : जी कहीं पढा था कि राजनीति अपराध की सबसे ऊंची पायदान है। इस विषय में तो स्कूल में भी मुश्किल से पास हो पाता था।

ताऊ : आप कुछ खुद अपने बारे मे क्या कहेंगे?

अमित : ताऊ जी, स्वार्थी हुं, थोडा भीरूपन भी है क्रोध बहुत कम आता है, हंसने-हंसाने की कोशिश रहती है, किसी को दुखी देखकर दिल दुखी हो जाता है, लेकिन किसी की मौत पर कभी रोना नही आता, अपनी खुशी का ज्यादा ख्याल रखता हुं लेकिन दूसरों की खुशी का ख्याल पहले रखता हूं।

श्रीमती और श्री अमित गुप्ता बच्चों के साथ


ताऊ : आपकी बातों पर ओशो का दार्शनिक प्रभाव साफ़ दृष्टिगोचर हो रहा है. अब आप अपने परिवार के बारे में कुछ बताईये?

अमित : एक बेटी उर्वशी और एक बेटा लव्य. और मेरी पत्नी जिसका नाम अंजू है। इसके अलावा दादीजी, माताजी, पिताजी, छोटा भाई, उसकी पत्नि और उनकी एक प्यारी सी बच्ची भी हैं. भरा पूरा परिवार है हमारा.

ताऊ : वो क्या करती हैं?

अमित : वो पूरी तरह घर परिवार को समर्पित गृहणी है, लेकिन आस-पडोस की लडकियों को पेंटिंग, कढाई आदि सिखाने के बहाने अपने शौक भी पूरा कर लेती है.


ताऊ : ताऊ पहेली के बारे मे आप क्या सोचते हैं?

अमित : मेरे पिताजी और दादाजी भी बहुत पहेलियां हम बच्चों से पूछा करते थे। हम सब छत पर सोते थे और खुले आकाश के नीचे चांदनी रात में या तारों को देखते हुये पहेलियों का मजा लिया जाता था। ताऊ पहेली में देश के पर्यटक स्थलों की जानकारी के साथ-साथ रामप्यारी की पहेली में दिमागी कसरत भी हो जाती है। मुझे ताऊ पहेली बहुत पसन्द है।

ताऊ : अक्सर पूछा जाता है कि ताऊ कौन? आप क्या कहना चाहेंगे?

अमित : जी हरियाणा में कोई बच्चा अगर अपनी उम्र से बडी-बडी और चालाकी भरी बात करे तो उसे कहते हैं - "यो तै पूरा ताऊ हो रहा सै"मेरे विचार में तो जो पिता से ज्यादा अनुभवी, ज्ञानी, चतुर, होने के साथ बच्चों सा प्यारा, मासूम और हंसाने-गुदगुदाने वाला है वही ताऊ है।

ताऊ : आप ताऊ साप्ताहिक पत्रिका के बारे मे क्या सोचते हैं?

अमित : आ-हा, काश ताऊ साप्ताहिक पत्रिका की बजाय ताऊ दैनिक पत्रिका होती । समीर जी, अल्पना जी, सीमा जी, आशिष जी, विनीता जी के हम पाठक आभारी रहेंगें।

ताऊ : हमने सुना है आप भजनों और सूफ़ी संगीत के दिवाने हैं? क्या आप खुद भी गाते हैं?

अमित : ताऊजी, मैं खुद तो युं ही मस्ती मे गुनगुना लेता हूं पर ये मेरी पसंद के भजनों और सूफ़ी संगीत की सीडी आप स्वीकार किजिये.


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अब " एक सवाल ताऊ से" .


सवाल अमित का :
ताऊजी कुछ समय पहले आपके ब्लाग पर बहुत ही सुन्दर स्त्री की फोटो लगी थी। टैग था- कहां चली मोरनी या ऐसा ही कुछ । क्या वह ताईजी की तस्वीर थी?

जवाब ताऊ का : अरे भाई अमित, आप कह रहे हो कि सुंदर स्त्री..और वो भी ताई? पहले मुझे ये बताओ कि जो औरत दोनों हाथों मे मेड-इन-जर्मन लठ्ठ लिये रहती हो? उसमे आपको सुंदरता कहां से दिखाई दे गई?

सवाल अमित का : पर आपने वहां से हटा क्यों दी? हो सके तो दोबारा लगा दीजिये।

जवाब ताऊ का :
देख भाई, अगर वो ताई की फ़ोटो थी तो डर के मारे मैं नही लगाऊंगा और किसी दूसरी सुंदर बीरबानी (स्त्री) की फ़ोटो थी तो भी ताई के डर के मारे नही लगाऊंगा.

तो ये थी ताऊ से श्री अमित गुप्ता की बातचीत. आपको कैसा लगा इनसे मिलना? अवश्य बताईयेगा.


Comments

  1. Very nice interview and last fantastic answer of lat from Taau :)

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  2. बहूत ही अच्‍छी पोस्‍ट, आँख वाले अमित गुप्‍ता जी से पहले ही परिचय था, अब तो अन्तर सोहिल वो गुप्‍ता जी से भी परिचय हो गया। अमित जी के बारे में और बहुत कुछ भी जानने का मौका मिला।

    वकाई अभी अभी अन्तर सोहिल से हो कर आया है, बहुत ही अच्‍छा ब्‍लाग लगा।

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  3. अंतर सोहिल जी और उनके परिवार से परिचय पसंद आया.
    इस नाम का अर्थ भी ही जाना.
    --अपने संस्मरण में बस्ते में सांप डाला..लेकिन उस के बाद क्या हुआ???
    स्कूल में छोडा या कहीं रस्ते में??

    --उनका ब्लॉग नहीं देखा था आज देख लेंगे.
    -
    -पोस्ट किया भजन भी आनंददाई लगा.

    सबसे अच्छी बात यह लगी--

    'जो बर्ताव हम खुद के साथ नही चाहते वो दूसरों के साथ क्यों करते हैं?
    --आशा है ,यह संदेस उन सभी के पास पहुंचेगा जो बिना सोचे समझे किसी से कुछ भी कह देते हैं.
    -आभार

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  4. ताऊ ..एक युवा ब्लॉगर और नेक इन्सांस से मुलाक़ात के लिए ..आपको बधाई..

    ताऊ...यो ताई की कहानी कोन सी है...हाय हमने न देखी वा फोटू..कसम रामप्यारी की कम से कम ईमेल में ही सही उस फीमेल को मेल कर देना...न तो पहेलियाँ न सारे जवाब गलत शलत दूंगा..थारा एक ब्रिलिएंट स्टुडेंट ..रूठ जाएगा..

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  5. बहुत अच्छा लगा यह परिचयनामा. धीरे २ सभी से परिचय बढता जा रहा है. बहुत अच्छा प्रयास.

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  6. बहुत अच्छा लगा यह परिचयनामा. धीरे २ सभी से परिचय बढता जा रहा है. बहुत अच्छा प्रयास.

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  7. एक शानदार इन्सान से परिचय के लिये ताऊ का आभार और अंतर सोहिल जी और उनके परिवार के लिये शुभकामनाएं

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  8. अमित गुप्‍ता ऊर्फ अंतर सोहिल .. बिल्‍कुल नई जानकारी .. बहुत अच्‍छे अच्‍छे कमेंट्स देखे हैं इनके .. इन विचारों का राज आज समझ में आया .. इनसे और इनके परिवार से मिलना बहुत अच्‍छा लगा .. बहुत बहुत धन्‍यवाद आपका।

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  9. सोहने वाला अंतर है जिसका

    पढ़ने का मंतर है जिसका

    विचारों में जादू है जिसके

    क्रोध पूरा काबू में जिसके।


    उसे अमित गुप्‍ता कहते हैं

    जान मिल कर अच्‍छा लगा।

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  10. भजन सुन कर मजा आगया. बहुत शानदार परिचय रहा.

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  11. भजन सुन कर मजा आगया. बहुत शानदार परिचय रहा.

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  12. बहुत शानदार व्यक्तित्व से परिचय करवाया ताऊ. धन्यवाद. और भजन बहुत पसंद आये.

    रामराम.

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  13. बहुत शानदार व्यक्तित्व से परिचय करवाया ताऊ. धन्यवाद. और भजन बहुत पसंद आये.

    रामराम.

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  14. अंन्तर सोहिल जी के बारे मे जानकर बहुत अच्छा लगा लेकिन हम तो अमित जी को ही जानते थे ताऊजी आपका बहुत बहुत धन्यवाद्

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  15. अंतर सोहिल जी के परिवार से मिलकर आत्‍मीयता सी हो गयी है। धन्‍यवाद।

    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  16. ताऊ, अंतर सोहिल का इंटरव्यू पढने में पजा आ गया.
    लेकिन तेरा इंटरव्यू तो होर बी खतरनाक था. किसी दिन मन्नै ही लेना पड़ेगा तेरा इंटरव्यू. तभी तेरी पोल खुलेगी.

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  17. बहुत अच्छा लगा आपसे मिलकर..

    आपके ब्लोग को भी पढ़ा करेगें..

    शुभकामनाऐं..

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  18. अंतर सोहिल से मिल क मुझे सब से ज्यादा खुशी हुयी कारण साफ़ आते जाते इन के घर पर चाय पानी पिया करेगे, रोटी टुकड खाया करेगे, भाई यह तो रास्ते मै पडते है ना रोहतक के.
    बहुत सुंदर लगा इन से मिलना. धन्यवाद

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  19. अंतर मियां वो ताई ही थी अब ताऊ कितना ही झूठ बोल ले भाई, ताऊ के ससुर ने उसे सामने बेठ कर भगवान के ओर लठ्ठ के जोर पर बनबाया था,स्पेशल आडर से, तभी तो ताइ लठ्ठ आली बन गई

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  20. अमित जी के बारे में और बहुत कुछ भी जानने का मौका मिला।

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  21. एक नेकदिल इन्सान से परिचय कराने के लिए ताऊ जी आपका भी धन्यवाद.......भजन भी बहुत बढिया लगे!!!!!!!

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  22. ताऊ ...धन्यवाद ...अमित जी से परिचित करवाने के लिए

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  23. अमित गुप्‍ता जी से निल कर अच्छा लंगा।
    ताऊ जी आपको घणी बधाई..
    कम से कम ब्लॉगरों के बारे में
    नवीनतम जानकारियाँ तो मिल ही
    रही हैं।

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  24. गुप्ता जी से मिलकर अच्छा लगा. ताऊ आपकी यह पहल बहुत ही अच्छी है, धन्यवाद!

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  25. घणा बढिया रहा जी ईंटर्व्यु तो, और भजन सुण्कै तो कती आनंद आगे.

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  26. और भाई सांपला तो म्हारे गांम तैं कति तिनेक मील सै.

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  27. बहुत बढिया रहा जी गुप्ताजी से मिलना और उनके विचार तो अनुकरणिय है. बहुत अच्छा लगा.

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  28. और गुप्ताजी कुछ हरयानवी भजनों और रागिनियों का भी लगाओ आपके ब्लाग पै. कती मजा सा आज्य्र्गा.

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  29. अंतर सोहिल जी और उनके परिवार से परिचय पसंद आया.

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  30. आपके इस पोस्ट में एक बार फ़िर से यह साबित कर दिया कि हम सभी ब्लोगर्स एक ही परिवार के सदस्य है, और हमें एक दूसरे के सुख दुखों में शामील होना चाहिये.

    परिचय उसकी पहली कडी है.

    धन्यवाद!!

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  31. अमित गुप्ता जी से मिलवाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद्.
    और हाँ, कुछ समय से ऐसा हो रहा है कि आपके साईट खोलने पर ये लिंक http://travian.in/?ad=10235_2222250222&g=1&ce_cid=000xQT2gvoul2feKeT0AtGP9vu000000 एक पॉपअप विण्डो में खुल जाता है और बैंडविड्थ खाता रहता है. कहीं ये किसी त्रुटी के कारण तो नहीं हो रहा !

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  32. Anter Sohil ji jaise shakhshiyat se mai pahli baar mili aur unse milna kafi achha laga...

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  33. बहुत सुंदर और सपरिवार परिचय कराया है आपनें ताऊ जी ,आप बहुत पुनीत काम कर रहे है जो हम सभी को विस्तृत रूप में एक दूसरे से मिलवा रहे हैं .

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  34. अमित जी से मिलकर बहुत अच्छा लगा !

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  35. वाह ! बड़ी अच्छी लगी ये मुलाकात. प्रेरणादायक व्यक्तित्व के धनी हैं गुप्ताजी.

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  36. अंतर सोहिल जी और उनके परिवार से परिचय बडा अच्छा लगा
    एक सभ्य परिवार के अच्छे इन्सान लगे
    ( बिलकुल आपकी तरह ही तो ताऊजी
    ;-)
    - लावण्या

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  37. बड़ा अच्छा लगा अन्तर सोहिल जी से मिलना और जानना कि वो भी ओशो भक्त हैं. हम तो खैर जबलपुर वासी हैं और बिना ओशो की बाणी सुनें सोते नहीं.

    आनन्द आ गया. आभार ताऊ आपका!!

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  38. अच्छा लगा अमित से मिलना

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  39. बहुत बढ़िया लगा आपका ये पोस्ट! अमित जी से मिलवाने के लिए धन्यवाद! आपका हर एक पोस्ट मुझे बेहद पसंद है क्यूंकि आपके लिखने का अंदाज़ सबसे अलग है ! लिखते रहिये और हम पड़ने का लुत्फ़ उठाएंगे!

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  40. अमित की सादगी अच्छी लगी... ताऊ की बिलकुल सटीक व्याख्या की है !!

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  41. एक शानदार इन्सान के व्यक्तित्व से परिचय के लिये आभार .भजन बहुत पसंद आये.



    regards

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  42. अंतिम प्रश्न का उत्तर मस्त था जी ताऊ का...

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  43. अमित जी की विनम्रता ने प्रभावित किया । ओशो का आत्यंतिक प्रभाव मौजू लगता है अमित पर । परिचय के लिये धन्यवाद ।

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  44. bahut suljhe huye hain antar sohil ji...bada accha laha inke bare me jaankar. dhanyavad taau

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  45. अंतर सोहिलजी से मिलकर बहुत अच्छा लगा।

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  46. आपकी इस पोस्ट के द्वारा अमित जी के बारे में बहुत कुछ जानने का मौका मिला। धन्यवाद आपका ।

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  47. taau ji ko aabhar kahna padega is parichaya ke liye......... achchha laga ye andaj.

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