रामप्यारी की क्लास में समीर बाबा ने तगडा डोनेशन देकर एडमिशन ले लिया. उससे पहले जादू का एडमिशन हुआ था. उसको भी एक्स्ट्रा चेयर लगा कर बैठाया गया था. डोनेशन मे एक बडा कार्टून चाकलेट का देखकर रामप्यारी अपने आपको रोक नही पाई.
रामप्यारी मैम – समीर बाबा, हमारी क्लास मे अब कोई कुर्सी टेबल नही है. तुम कहां बैठेगा?
समीर बाबा – मैम..डोंट टेक टेंशन…आई एम फ़्रोम जबलपुर…जोगाडत्व कला के हम सबसे बडे खिलाडी हैं… हम सब जोगाड कर लेंगे. रामप्यारी मैम समीर बाबा को क्लास मे जाने को कहती है.
समीर बाबा क्लास मे आते हैं. और वहां चंगू की कुर्सी खाली देख कर उस पर कब्जा कर लेते हैं. चाकलेट का कार्टून पास मे रख लेते हैं. सारे बच्चे अब समीर बाबा की तरफ़ ऐसे देखते हैं जैसे नेये कबूतर को देख रहे हों? सारे आपस मे इशारा करते हैं और नये कबूतर की रैगिंग करने का फ़ैसला कर लेते हैं.
आदि – कहां से आये हो समीर बाबा? और ये इतनी सारी टोपियां और चाकलेट का कार्टून? क्या माजरा है? सारे बच्चों के मुंह मे पानी आ जाता है.
समीर बाबा – अरे यार..हम तो जबलईपुर से आये हैं…और नाराज काहे हो रहे हो भाई? लो चाकलेट खालो..टोपी लगालो…आज हमारा जन्मदिन है.
लवि – अरे ..पकडे गये…पकडे गये…ये तो समीर बाबा नही…समीर अंकल हैं….मैं पहचान गई…अरे..कैसे छोटे बच्चे बन गये अंकल तो?
अक्षयांशी…. बोली - अरे हां ..अब पहचाना…मैने भी पहचान लिया…मेरे ब्लाग पर भी तो आते हैं अंकल…
समीर बाबा – अरे भाई..हमारी जान बख्सो…हम तो तुम्हारे साथ जन्मदिन मनाने चले आये थे. पर तुम रामप्यारी मैम को हमारी पोल मत खोल देना. नही तो वो हमको इस क्लास मे तुम्हारे साथ नही रहने देगी.
जादू – अंकल..वो तो सही है…पर आप इस तरह छुप कर क्यों आगये हो? वहां सब आपको ढूंढ रहे होंगे?
समीर बाबा – अब क्या बताऊं यारो? मैने अभी ना..एक पोस्ट लिख दी थी…हाय हाय!! हाय हाय!!
पुरुष सत्ता-हाय हाय!! और अब मुझे डर लगने लगा है तो यहां दाखिला ले लिया है..
सब बच्चों की समीर बाबा से दोस्ती हो जाती है..अब रामप्यारी मैम क्लास मे आती है.
सब बच्चे खडे होकर.. गुड मोर्निंग करते हैं….
रामप्यारी..सिट डाऊन प्लिज…हां तो समीर बाबा…मैने तुम्हारा फ़ार्म देखा..आज तुम्हारा जन्म दिन है…हैप्पी बर्थ डे समीर बाबा…सब बच्चे टोपियां लगाकर समीर बाबा का जन्मोत्सव मनाते हैं.
इतनी देर मे मुर्गे की बांग देने की आवाज आती है.
रामप्यारी मैम – ये आवाज कहां से आयी? कौन कर रहा है ये शरारत?
नैना – मैम..मैम..मैं बताऊं?…ये ना ..ये ना..जादू के पास एक मुर्गा है….वो देखिये…और अभी थोडी देर पहले एक खरगोश भी था.
रामप्यारी मैम – ये क्या है जादू बाबा?
जादू – मैम मेरा नाम ही जादू है…मैम जादू से मुर्गा बना देता हूं..और खरगोश भी बना देता हूं…
रामप्यारी मैम – पर तुम ऐसा क्लास मे मत करना आईंदा? इज दैट क्लियर…जादू बाबा?
जादू – मैम ..मैं तो वैसे भी नही करता..घर पर ना..मेरे चाचू करवाते हैं और यहां पर ना….यहां पर ये समीर बाबा ने करवाया था. मुझे बोले – तू खरगोश बना कर छोड दे…ये चंगू उसको पकडने जायेगा और मैं उसकी सीट पर कब्जा कर लूंगा.
रामप्यारी मैम – क्यों समीरबाबा? आज पहले दिन क्लास मे आये हो? और बच्चों को बिगाडना शुरु कर दिया? ऐसा नही चलेगा..
समीरबाबा - नही मैम..मैं इनको क्या बिगाडूंगा? ये तो खुद ही आरपार हैं..पर आज के जमाने मे कुर्सी का जोगाड करना कोई बुरा थोडे ही है. बस कुर्सी का जोगाड होगया ..अब नही करुंगा बदमाशी.
रामप्यारी मैम – हां तो बच्चों…आज परीक्षा का IMP क्वेश्चन लिख लिजिये.यह प्रश्न एक्जाम मे पूछा जा सकता है….समीर बाबा १६० चाकलेट का बाक्स लाये थे उसमे से १७५ चाकलेट बांट दी गई तो अब पीछे कितनी शेष रही?
और हां अपने पेरेंट्स को बोलना – PTA (पालक शिक्षक संघ) की मिटींग रखी गई है. जिसमे अगले सेशन के लिये स्कूल की बिल्डिंग फ़ंड का चंदा लिया जाना है. क्योंकि क्लास मे अब बैठने की जगह नही है. तो सूचना मिलते ही मिटिंग मे जरुर आयें.
.और अब रामप्यारी मैम ने स्कूल मे प्रिपेशन लीव की घोषणा कर दी है. इसके बाद अब इस सेशन के फ़ाईनल एक्जाम शुरु होंगे. फ़िर रिजल्ट..और उसके बाद ३ महिने का लंबा अवकाश. अगले सेशन के लिये एडमिशन अगली सूचना के बाद होंगे. यानि अभी एडमिशन बंद कर दिये गये हैं.
पिरियड खत्म होने की घंटी बज गई है.
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
ताऊजी डाट काम
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