आंटियों और अंकलों और दीदीयो और जो भी हों, आप सबको रामप्यारी की साप्ताहिक नमस्कार.
सैम और बीनू फ़िरंगी चुनाव जीतने के बाद इस सप्ताह पहली बार घर आये हुये हैं .
तो मैने पूछ लिया कि आपने चुनाव कैसे जीता?
सैम ने बताया कि वोट लेकर जीता.
फ़िर मैने पूछा कि वोट कैसे लिये? तो नाराज होकर कहने लगे कि - रामप्यारी तू तो निरी मूरख है. अरे वोट लेने की स्टाईल तो मैने बाजीगर से सीखी है.
रामप्यारी : अरे सैम भैया, क्युं मजाक करते हो? बाजीगर तो झूंठ मूंठ के करतब दिखाता है.
सैम : तो मैने कौन से सही के दिखाये?
रामप्यारी : पूरी बात बताओ?
अब सैम ने बोलना शुरु किया : रामप्यारी सुन, ये भी एक कला है और मैं बाजीगरी की इसी कला के बूते वोट लेकर चुनाव जीता हूं.
हुआ यह कि मैने भी बाजीगर की तरह जाकर मजमा लगा दिया और डुगडूगी बजाकर हांक लगाई.
भाईयों और बहनों..कहने की बात है और ना कहने की भी...सुनने की बात है और ना सुनने की भी..देखने की बात है और ना देखने की भी.
पर हुजुर कद्रदान..मेहरवान..जरा खेल देखना और पूरा देखकर जाना मेहरवान...
ये देखो पहला ही खेल..दिल को कलेजे से लगा कर देखना..अपना दिमाग कहीं गिरवी रखकर देखना मेरे भाईयो और बहनों. कसम है हर भाई और बहन को...खेल बीच मे छोडकर मत जाना नही तो ये मेरा १५ साल का जमूरा...युं ही पडा रहेगा..
अब सैम ने हांक और तेजी से लगाई....हां तो भाईयों और बहनों ये जमूरा भी किसी का बेटा किसी का भाई है.. बताओ ये आपका क्या है?
जनता मे से आवाज आई...हमारा भी बेटा है.
इसका नाम जानते हो?
हां हां इसका नाम है आजाद.
हां तो कद्रदान..इसका सर धड से अलग कर दूं?
और सैम ने जमूरे का धड सर से अलग कर दिया. चद्दर मे गर्दन औंधी करके दिखा दी जनता को...जनता मे सन्नाटा पसर गया.
तो मेहरवान ये मेरा बेटे जैसा जमूरा अब अंतिम सांस भी खोने को है...कसम है आपको..अपनी जगह से एक ईंच भी मत हिलना
वर्ना जमूरा जान से हाथ धो बैठेगा. अब मैं चद्दर हटा कर आपको जमूरे का कटा सर दिखाता हूं...कद्रदान..मेहरवान दिल थाम लिजिये...आज किसी का बेटा किसी का भाई ये जमूरा अपने प्राणॊं से हाथ धो बैठा है.
कहो ये सैम नेता चद्दर ऊठाकर दिखादे आजाद का कटा सर?
एक साथ कई चीखें सुनाई दी..नही..नही...
अब सैम नेता बोला - कसम है अपनी जगह से खिसकना मत ...वर्ना ये आजाद..ये जमूरा य़ूं ही पडा रहेगा यहां हमेशा के लिये...
कद्रदान..मेहरबान...डाल दो इस सैम नेता की पेटी में..एक..दो..तीन..जितने ज्यादा से ज्यादा वोट डाल सकते हो...और इस गरीब नेता सैम के जमुरे को जिलवा दिजिये...
और यह कहकर सैम नेता एक तरफ़ बैठ गया और लोगों ने कटी गर्दन देखने के डर से नेता की बंद पेटी मे लबालब वोट डाल दिये...इस तरह सैम ने चुनाव जीत लिया.
नोट : कल शनिवार ताऊ पहेली -२५ यानि की सिल्वर जुबिली अंक का प्रकाशन सुबह आठ बजे होगा. इस अंक के विजेता को ताऊश्री सम्मान से सम्मानित किया जायेगा. तो भाग लेना ना भूलियेगा.
रोचक। वैसे इस मौके पर बाजीगर लोगों से बांहे बांधकर खडे होने से भी मना करता है.....हाथ छोड के खडा रहो अक्सर ये शब्द ऐसे जादुई करतब दिखाने वाले बोलते रहते हैं....क्यों ये पता नहीं...शायद जिस जमूरे (अपने आदमी ) को गोला बना कर खडी भीड मे से तुरंत पहचानने के लिये ही ऐसा किया जाता हो ताकि सिर्फ जमूरा ही हाथ बांधे खडा रहे और जादूगर को तुरंत पता चल सके कि मेरा आदमी उधर खडा है।
ReplyDeleteवाह अच्छी जम्हूरा कथा !
ReplyDelete"ये भी एक कला है और मैं बाजीगरी की इसी कला के बूते वोट लेकर चुनाव जीता हूं."
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रामप्यारी।
तुमने तो दिग्गज राजनीतिज्ञों को भी पटखनी दे दी है।
ताऊ का जवाब नहीं
ReplyDeleteचुनाव जीतनें का अनोखा तरीका .
ReplyDeleteवाह नयापण और नए तरीके हैं कटाक्ष करने के.
ReplyDeleteमुझे तो उस "बेटे" में भी एक बेटा (राजकुमार) दिख गया.
जनता ने उसे देख वोट दे दिए!!
आप मेरे ब्लॉग पर पधारे थे... बहुत बहुत मेहरबानी.
आपके आने से मेरा भाग्य खुला समझा मैंने..
राम राम,
~जयंत
क्या मैं पहेली में भाग ले सकता हूँ, माननीया राम प्यारी जी. आप ही कुछ करो.
ReplyDeleteसैम अभी नया है, वोट लेने का राज़ बता दिया...कुछ दिन बाद देखना रामप्यारी, कुछ भाव नहीं देगा तुम्हें :)
ReplyDeleteराजनीति तो है ही बाजीगरो का काम.....एक से बढकर एक जम्हूरे,जोकर,नौटंकीबाज्,ड्रामेबाज भरे पडे हैं।
ReplyDeleteदिल को छु सी गयी कथा...
ReplyDeleteअच्छी लगी..
मीत
वाह जमूरे, मजा आ गया जमूरे।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
वाह जी क्या तरीका है !
ReplyDeleteअब वोट प्राप्त करना बाजीगरी ही रह गई है।
ReplyDeleteअब देखने वाली बात ये है कि ये जमूरा कौन बना था?:)
ReplyDeletebahut jordar style me saim ne chunav jit liya....badhai
ReplyDeleteताऊ आज तो घणी तगडी बात कही. बाजीगर भी मानसिक दोहन करता है और नेता लोग भी.
ReplyDeleteआज इस नये ऐंगल से नेताओं को दिखाया आपने. वाकई ताऊ आपकी खोपडी तो ज्यादा ही तेज है.
जय बोलो प्रो. सरकार की!! सिल्वर जुबली की अग्रिम बधाई।
ReplyDeleteताऊ आज गजब किये आपने..बाजीगर..नेता और जमूरा..लाजवाब ..
ReplyDeleteताऊ आज गजब किये आपने..बाजीगर..नेता और जमूरा..लाजवाब ..
ReplyDeletebahut tagada vyang
ReplyDeleteताऊ ये नेता कोई कम बाजीगर हैं क्या? बहुत सटीक बात कही.
ReplyDeleteअजब गजब कथा। पहले सुनाई होती तो कई जमानते जब्त होने से बच जातीं।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
रोचक रोमांचक बाजीगरी युक्त टेंशन मुक्त. नया आइडिया मिल गया, अगले चुनाव में नामांकन पक्का...ताऊ को सलाम ठोक जमूरे....
ReplyDeleteसारा खेल ही बाजीगरी का है. सैम अब संसद में जम जाएगा. एक-दो बार और बाजीगरी की, तो अपनी एक अलग पार्टी बना लेगा. मैं तो चाहूँगा कि रामप्यारी सैम की पार्टी में रहे. लोकसभा स्पीकर...
ReplyDeleteजमूरा कथा बढ़िया रही.. सिल्वर जुबली है और कोई पार्टी वगैरह नहीं..
ReplyDeleteसैम ने अपना सीक्रेट बता दिया !
ReplyDeleteचुनाव जीतने के लिए 'बाजीगरों की तरह नेता भी जनता की भावनाओं से ऐसे ही खेलते हैं.सटीक व्यंग्य!
जमूरा कथा बढ़िया...
ReplyDeleteभाई आज कल यह बाजीगर गरीब के घर जा कर भी रहते है, मजदुरी भी करते है, लेकिन अब फ़िर से यह पांच साल पहले नही दिखेगे नही, ओर यह जनता पता नही केसी है हर बार इन के लिये बलि का बकरा बनती है पांच साल तक इन्हे गालिया देती है, ओर फ़िर गोरे गोरीयो को ओर इन कि बडी बडी कारो को देख कर पसिज जाती है, अब बाबा कहा है जो किसी राम प्यारी के घर मै जा कर झोपडे मै रात गुजारे, गरीब के घर जा कर खाना खाये,हम से ज्यादा तो आप का यह सेम सयाना है, जो हमे अकल दे रहा है.
ReplyDeleteधन्यवाद ताऊ
Rampyari ji apke likhne ka ye andaaz to kamaal ka hai...
ReplyDeleteलो ये आइडिया भी आऊट.. अब कोई नये तरीके से वोट बटोरेगें..
ReplyDeleteशानदार व्यंग्य !
ReplyDeleteहमारा लोकतंत्र बाजीगरी ही तो रह गया है।