पिछले दो सप्ताह से कुछ पेशेगत व्यस्तता ऐसी रही कि ब्लागिंग को जितना समय देते आये थे उतना नही दे पाये. इसी चक्कर मे कुछ समय के लिये परिचयनामा को भी क्षमायाचना सहित विराम दे रहे हैं. जैसे ही आये हुये साक्षात्कार हम पुर्ण कर लेंगे, उनका प्रकाशन होता रहेगा.
श्री रंजन का बर्थ डे केक
इसी व्य्स्तता के बीच एक रोज श्री रंजन का फ़ोन आया कि - ताऊ मेरा हैप्पी वाला बड्डे है आप आजावो. उनके निमंत्रण मे ऐसी कशिश थी कि हम दौड पडे. और उनका हैप्पी बड्डे मनाया. यहां तक तो सब ठीक था. पर आपने देखा होगा कि खुजली वाला कुत्ता जब तक अपने शरीर को खुजा नही लेता उसको चैन नही पडता. वैसे ही ताऊ भी किसी से मिले और इंटर्व्यु ना ले तब तक ताऊ को भी चैन नही पडता. सो हमने श्री रंजन को ही पकड कर इंटर्व्यु लेना शुरु कर दिया.
आप भी उनसे हुये दिलचस्प सवाल जवाबों का मजा ले सकते हैं.
ताऊ. - आपसे सबसे ज्यादा दुखी कौन है?
रंजन - अंजु मेरी पत्नी... सबसे ज्यादा वो ही झेलती है मुझे.
ताऊ. - आप आखिरी बार कब रोये थे?
रंजन - अक्टुबर 2003 में.. जोधपुर छोड़ रहा था.. गुड़गाँव में नौकरी करने, परिवार, दोस्त, शहर बचपन सभी पीछे छूट रहे थे.. बहुत रोया ट्रेन में.. कम से कम दो-तीन घंटे..
ताऊ. - कल रात को आपने कौन सी सब्जी खायी थी?
रंजन - टिण्डा, हरी सब्जी और दाल बहुत पसंद है मुझे..
ताऊ. - आपकी किस आदत से आपकी पत्नि ज्यादा परेशान है?
रंजन - लेपटाप से चिपके रहने की.. और टीवी देखने की.. और उसका डॉयलाग है.. हर समय टीवी से चिपके रहते हो.. कुछ नहीं आ रहा है तो भी देखते रहते हो"
ताऊ. - कौन सा ट्रेफ़िक रुल आप ज्यादा तोडते हैं?
रंजन - स्पीड़ लिमिट.. कोशिश करता हूँ 50 पर रहूँ.. पर अक्सर 55-60 हो ही जाता है... वैसे गाड़ी तेज नहीं चलाता और चालान होने के बाद तो बिल्कुल नहीं..
ताऊ एक बार रविवार को दिन में स्टेशन से आ रहा था... खाली सड़क थी गाड़ी ८० पर चला दी.. सामने पुलिस वाले स्पिड सेंसर लेकर खडे़ थे... कोई बहस नहीं की पता था कि मेरी गलती है....४०० रुपये की चपत.. उसने कहा कि ६० तक चालान नहीं करते आप ८० पर थे..
बॉस ( गुस्से मैं): तुमने कभी उल्लू देखा है?
कर्मचारी (सर झुकाते हुये): नहीं सर.
बॉस: नीचे क्या देख रहे हो ? मेरी तरफ देखो.
ताऊ. - अढाई और पोने चार कितने होते हैं?
रंजन - बचपन में महाजनी स्कुल में पढ़ा हूँ.. वहाँ हमें ये पहाडे़ भी सिखाये जाते थे.. १.२५, १.५, १.७५... इत्यादि.. तो अढाई होते है - 2.5 और पौने चार -3.75 और जोड़ दे तो सवा छः
ताऊ - धर्मपत्नि से आखिरी बार डांट कब खायी थी?
रंजन - अभी सुन रहा हूँ ताऊ.. आपका नंबर मांग रही है कह रही है ये ताऊ कौन है.. सवाल भेज दिये और तुम फिर लेपटाप लेकर बैठ गये.
ताऊ. - कौन से कलर के जूते फ़ोकट मे भी नही पहनना चाहेंगे?
रंजन - पीले रंग के
ताऊ. - लिपस्टिक का कौन सा कलर आपको आकर्षित करता है?
रंजन - नेचुरल कलर.. वैसे न हो तो बेहतर..
ताऊ. - आप की खुद की एक खराब आदत कौन सी है?
रंजन - एकाग्रता की कमी.. एक काम करते करते दुसरा, दुसरा करते करते तीसरा... एसे ही चलता है.. कभी लगता है इससे वक्त बहुत खराब होता है..
ताऊ - अपने मुंह मियांमिठ्ठू बनिये.
रंजन - अपनी तारीफ जितनी करू उतनी कम है ताऊ... पर एक बात है ताऊ "दुसरों की तकलीफ देख मुझे भी तकलीफ होती है.."
ताऊ.- ऐसा ब्लागर जिससे आपको जलन होती हो और क्यों?
रंजन - आदित्य से ताऊ.. कुछ नहीं लिखता तो भी सभी लोग पढ़ते है और प्यार देते है.. और मैं गल्ती से कभी लिख दूँ तो कोई पढ़ने वाला नहीं होगा.. मैं ही पढ़ता रहताहूँ.
और 'सच का सामना' करें तो ताऊ किसी से जलन नहीं होती... ये कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है.. सबकी अपनी योग्यता है, हुनर है और सभी अपने तरह से लिखते पढ़ते है.. यहां अतिक्रमण नहीं है.. जो मेरा है सो है..
ताऊ.- ऐसा गाना, जिसका हीरो आप अपने आपको समझने लगते हों?
रंजन - किशोर कुमार का गाया.. फिल्म दूर गगन की छांव का गाना..."आ चल के तुझे मैं लेके चलूँ एक एसे गगन के तले.." http://www.youtube.com/watch?v=VD_9O0MlUu0
ताऊ. - ऐसा एक शब्द जिससे आपको चिढ जाओ?
रंजन - अभी तो एसा शब्द नहीं है ताऊ जिससे चिढ़ मचती हो..
ताऊ. पसंदीदा अभिनेत्री?
रंजन - काजोल..
ताऊ. फ़ेवरिट गायक
रंजन - जगजीत सिंह
ताऊ. पसंदीदा लेखक
रंजन - लेखक तो वो नहीं है पर मैने उनकी पुस्तकें खुब पढ़ी है "ओशो"
हां तो रंजन जी अब हम चलते हैं हमारे फ़टाफ़ट राऊंड की तरफ़. जवाब एक दम बिना रुके बुलेट की गोली की तरह आने चाहियें. यानि सोच विचार का कोई काम नही. क्यों ठीक है? तैयार हैं आप?
रंजन - बिल्कुल ताऊजी..मैं तैयार हूं.
फ़टाफ़ट राऊंड..
ताऊ - जिंस या साडी वाली
रंजन - जिंस वाली...
ताऊ - हिल स्टेशन या समुद्र तट
रंजन - हिल स्टेशन
ताऊ - ट्रेन का सफ़र या बस का सफ़र
रंजन - ट्रेन
ताऊ - पुस्तक पढना या फ़िल्म देखना
रंजन - फिल्म देखना
ताऊ - गोविंदा या सलमान खान
रंजन - वैसे तो दोनों नहीं.. पर दोनों में एक चुनना हो तो गोविंदा.. उसके जुते
ताऊ - कैटरीना कैफ़ या करीना कपूर
रंजन - करीना
ताऊ - वागन आर या सेंट्रो
रंजन - सेंट्रो, अपने चयन को गलत कैसे कहें
ताऊ - मेक अप वाली या बिना मेक अप वाली
रंजन - बिना मेक अप वाली
ताऊ - मिरिंडा या पेप्सी
रंजन - पेप्सी.
ताऊ - गांव या शहर
रंजन - गाँव, वहीं पढ़े ८ वी तक..
ताऊ - लैंड लाईन या मोबाईल
रंजन - मोबाईल.. थोड़ी सुविधा है.. एक जगह बैठना नहीं पड़ता..
ताऊ - स्प्लिट एसी या विंडो एसी
रंजन - स्पिल्ट.. कहते है बिजली बचाती है... और दुकान वाले ने कहा था.. खुद का घर हो तो स्पिल्ट और किराये का हो तो विंड़ो
ताऊ - लेप टोप या डेस्कटोप?
रंजन - लेपटॉप..
ताऊ - ब्लेक व्हाईट फ़ोटो या कलर ?फ़ोटो
रंजन - कलर.. ब्लेक एण्ड व्हाईट को देखे बहुत अरसा हो गया..
ताऊ - ज्वाईंट फ़मिली या न्युक्लियर फ़ेमिली?
रंजन - ज्वाईटं.. असली मजा सबके साथ है ताऊ...
ताऊ - कांच की चूडियां या मेटल की
रंजन - कांच की..
ताऊ - शिफ़ोन की साडी या काटन की
रंजन - काटन..
ताऊ - चश्मा या कांटेक्ट लैंस
रंजन - चश्मा.. पता तो चलता है..
ताऊ - नौकरी या बिजनैस
रंजन - नौकरी..
ताऊ - प्यार शादी के पहले या बाद
रंजन - शादी के पहले.... लेकिन अंजु ने बीच में टोकते हुऐ कहा कि "शादी से पहले शुरु करो और बाद में भी जारी रखो....."
ताऊ - ताऊ की पहेली या रामप्यारी की क्लास
रंजन - रामप्यारी की क्लास.. बच्चे बहुत पसंद है ताऊ.
अगले सप्ताह आपको एक और मजेदार व्यक्तित्व से रुबरु करवायेंगे.
इसी व्य्स्तता के बीच एक रोज श्री रंजन का फ़ोन आया कि - ताऊ मेरा हैप्पी वाला बड्डे है आप आजावो. उनके निमंत्रण मे ऐसी कशिश थी कि हम दौड पडे. और उनका हैप्पी बड्डे मनाया. यहां तक तो सब ठीक था. पर आपने देखा होगा कि खुजली वाला कुत्ता जब तक अपने शरीर को खुजा नही लेता उसको चैन नही पडता. वैसे ही ताऊ भी किसी से मिले और इंटर्व्यु ना ले तब तक ताऊ को भी चैन नही पडता. सो हमने श्री रंजन को ही पकड कर इंटर्व्यु लेना शुरु कर दिया.
आप भी उनसे हुये दिलचस्प सवाल जवाबों का मजा ले सकते हैं.
ताऊ. - आपसे सबसे ज्यादा दुखी कौन है?
रंजन - अंजु मेरी पत्नी... सबसे ज्यादा वो ही झेलती है मुझे.
ताऊ. - आप आखिरी बार कब रोये थे?
रंजन - अक्टुबर 2003 में.. जोधपुर छोड़ रहा था.. गुड़गाँव में नौकरी करने, परिवार, दोस्त, शहर बचपन सभी पीछे छूट रहे थे.. बहुत रोया ट्रेन में.. कम से कम दो-तीन घंटे..
ताऊ. - कल रात को आपने कौन सी सब्जी खायी थी?
रंजन - टिण्डा, हरी सब्जी और दाल बहुत पसंद है मुझे..
ताऊ. - आपकी किस आदत से आपकी पत्नि ज्यादा परेशान है?
रंजन - लेपटाप से चिपके रहने की.. और टीवी देखने की.. और उसका डॉयलाग है.. हर समय टीवी से चिपके रहते हो.. कुछ नहीं आ रहा है तो भी देखते रहते हो"
ताऊ. - कौन सा ट्रेफ़िक रुल आप ज्यादा तोडते हैं?
रंजन - स्पीड़ लिमिट.. कोशिश करता हूँ 50 पर रहूँ.. पर अक्सर 55-60 हो ही जाता है... वैसे गाड़ी तेज नहीं चलाता और चालान होने के बाद तो बिल्कुल नहीं..
ताऊ एक बार रविवार को दिन में स्टेशन से आ रहा था... खाली सड़क थी गाड़ी ८० पर चला दी.. सामने पुलिस वाले स्पिड सेंसर लेकर खडे़ थे... कोई बहस नहीं की पता था कि मेरी गलती है....४०० रुपये की चपत.. उसने कहा कि ६० तक चालान नहीं करते आप ८० पर थे..
खैर उसकी बात सर आँखों पर रख गाड़ी ६० पर कर दी.. और ताऊ २ किमी चला कि फिर ट्रेफिक पुलिस ने रोक लिया.. इस बार मैं कांफिडेंट था.. मुझे लगा कि गाड़ी कि स्पीड ठीक है.. उसने कहा कि आप कि गाड़ी तेज थी.. मैने कहा नहीं ६० पर ही थी.. उसने कहा हमारी मशीन बता रही है कि आप ६२ से चल रहे थे.. और फिर ४०० रु का चालान.. बाद में पता चला कि वो सालाना टारगेट पूरा करने ले लिये स्पेशल ड्राइव चला रहे थे.. पर एक दिन में ८०० रु का चालान भर अब बहुत सुधर गया हूँ.. खाली सड़क पर भी ५० से गाड़ी चलाता हूँ..
ताऊ. - अगले जन्म मे आप क्या बनना चाहेंगे?
रंजन - अगला जन्म होगा तो 'आदि' बनुगां.
ताऊ. - एक चुटकला सुनाओ.
रंजन - लिजिये सुनिये.
ताऊ. - अगले जन्म मे आप क्या बनना चाहेंगे?
रंजन - अगला जन्म होगा तो 'आदि' बनुगां.
ताऊ. - एक चुटकला सुनाओ.
रंजन - लिजिये सुनिये.
बॉस ( गुस्से मैं): तुमने कभी उल्लू देखा है?
कर्मचारी (सर झुकाते हुये): नहीं सर.
बॉस: नीचे क्या देख रहे हो ? मेरी तरफ देखो.
ताऊ. - अढाई और पोने चार कितने होते हैं?
रंजन - बचपन में महाजनी स्कुल में पढ़ा हूँ.. वहाँ हमें ये पहाडे़ भी सिखाये जाते थे.. १.२५, १.५, १.७५... इत्यादि.. तो अढाई होते है - 2.5 और पौने चार -3.75 और जोड़ दे तो सवा छः
ताऊ - धर्मपत्नि से आखिरी बार डांट कब खायी थी?
रंजन - अभी सुन रहा हूँ ताऊ.. आपका नंबर मांग रही है कह रही है ये ताऊ कौन है.. सवाल भेज दिये और तुम फिर लेपटाप लेकर बैठ गये.
ताऊ. - कौन से कलर के जूते फ़ोकट मे भी नही पहनना चाहेंगे?
रंजन - पीले रंग के
ताऊ. - लिपस्टिक का कौन सा कलर आपको आकर्षित करता है?
रंजन - नेचुरल कलर.. वैसे न हो तो बेहतर..
ताऊ. - आप की खुद की एक खराब आदत कौन सी है?
रंजन - एकाग्रता की कमी.. एक काम करते करते दुसरा, दुसरा करते करते तीसरा... एसे ही चलता है.. कभी लगता है इससे वक्त बहुत खराब होता है..
ताऊ - अपने मुंह मियांमिठ्ठू बनिये.
रंजन - अपनी तारीफ जितनी करू उतनी कम है ताऊ... पर एक बात है ताऊ "दुसरों की तकलीफ देख मुझे भी तकलीफ होती है.."
ताऊ.- ऐसा ब्लागर जिससे आपको जलन होती हो और क्यों?
रंजन - आदित्य से ताऊ.. कुछ नहीं लिखता तो भी सभी लोग पढ़ते है और प्यार देते है.. और मैं गल्ती से कभी लिख दूँ तो कोई पढ़ने वाला नहीं होगा.. मैं ही पढ़ता रहताहूँ.
और 'सच का सामना' करें तो ताऊ किसी से जलन नहीं होती... ये कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है.. सबकी अपनी योग्यता है, हुनर है और सभी अपने तरह से लिखते पढ़ते है.. यहां अतिक्रमण नहीं है.. जो मेरा है सो है..
ताऊ.- ऐसा गाना, जिसका हीरो आप अपने आपको समझने लगते हों?
रंजन - किशोर कुमार का गाया.. फिल्म दूर गगन की छांव का गाना..."आ चल के तुझे मैं लेके चलूँ एक एसे गगन के तले.." http://www.youtube.com/watch?v=VD_9O0MlUu0
ताऊ. - ऐसा एक शब्द जिससे आपको चिढ जाओ?
रंजन - अभी तो एसा शब्द नहीं है ताऊ जिससे चिढ़ मचती हो..
ताऊ. पसंदीदा अभिनेत्री?
रंजन - काजोल..
ताऊ. फ़ेवरिट गायक
रंजन - जगजीत सिंह
ताऊ. पसंदीदा लेखक
रंजन - लेखक तो वो नहीं है पर मैने उनकी पुस्तकें खुब पढ़ी है "ओशो"
हां तो रंजन जी अब हम चलते हैं हमारे फ़टाफ़ट राऊंड की तरफ़. जवाब एक दम बिना रुके बुलेट की गोली की तरह आने चाहियें. यानि सोच विचार का कोई काम नही. क्यों ठीक है? तैयार हैं आप?
रंजन - बिल्कुल ताऊजी..मैं तैयार हूं.
फ़टाफ़ट राऊंड..
ताऊ - जिंस या साडी वाली
रंजन - जिंस वाली...
ताऊ - हिल स्टेशन या समुद्र तट
रंजन - हिल स्टेशन
ताऊ - ट्रेन का सफ़र या बस का सफ़र
रंजन - ट्रेन
ताऊ - पुस्तक पढना या फ़िल्म देखना
रंजन - फिल्म देखना
ताऊ - गोविंदा या सलमान खान
रंजन - वैसे तो दोनों नहीं.. पर दोनों में एक चुनना हो तो गोविंदा.. उसके जुते
ताऊ - कैटरीना कैफ़ या करीना कपूर
रंजन - करीना
ताऊ - वागन आर या सेंट्रो
रंजन - सेंट्रो, अपने चयन को गलत कैसे कहें
ताऊ - मेक अप वाली या बिना मेक अप वाली
रंजन - बिना मेक अप वाली
ताऊ - मिरिंडा या पेप्सी
रंजन - पेप्सी.
ताऊ - गांव या शहर
रंजन - गाँव, वहीं पढ़े ८ वी तक..
ताऊ - लैंड लाईन या मोबाईल
रंजन - मोबाईल.. थोड़ी सुविधा है.. एक जगह बैठना नहीं पड़ता..
ताऊ - स्प्लिट एसी या विंडो एसी
रंजन - स्पिल्ट.. कहते है बिजली बचाती है... और दुकान वाले ने कहा था.. खुद का घर हो तो स्पिल्ट और किराये का हो तो विंड़ो
ताऊ - लेप टोप या डेस्कटोप?
रंजन - लेपटॉप..
ताऊ - ब्लेक व्हाईट फ़ोटो या कलर ?फ़ोटो
रंजन - कलर.. ब्लेक एण्ड व्हाईट को देखे बहुत अरसा हो गया..
ताऊ - ज्वाईंट फ़मिली या न्युक्लियर फ़ेमिली?
रंजन - ज्वाईटं.. असली मजा सबके साथ है ताऊ...
ताऊ - कांच की चूडियां या मेटल की
रंजन - कांच की..
ताऊ - शिफ़ोन की साडी या काटन की
रंजन - काटन..
ताऊ - चश्मा या कांटेक्ट लैंस
रंजन - चश्मा.. पता तो चलता है..
ताऊ - नौकरी या बिजनैस
रंजन - नौकरी..
ताऊ - प्यार शादी के पहले या बाद
रंजन - शादी के पहले.... लेकिन अंजु ने बीच में टोकते हुऐ कहा कि "शादी से पहले शुरु करो और बाद में भी जारी रखो....."
ताऊ - ताऊ की पहेली या रामप्यारी की क्लास
रंजन - रामप्यारी की क्लास.. बच्चे बहुत पसंद है ताऊ.
अगले सप्ताह आपको एक और मजेदार व्यक्तित्व से रुबरु करवायेंगे.
वाह ताऊ कितने निराले आदमी से मिलवाया.. मजा आ गया..:)
ReplyDeleteक्या बात है ताऊ फटाफट राउंड तो गजब का है !
ReplyDeleteयह तो ख़ूबसूरत संवाद हैं
ReplyDelete---
'विज्ञान' पर पढ़िए: शैवाल ही भविष्य का ईंधन है!
waah taau yo interview to ghana hee majedaar raha..aur fatafat round ke to kehne hee kya..ranjan bhai ke baare mein jaankar achha laga..vaise jaanaa hee kitna ..aap log to batiyaate rahe..haan shrimati jee kee daant ke liye unhein hamaaree sahunubhuti dein..unse kahiye hamein bhee dein..
ReplyDeleteताऊ!
ReplyDeleteरंजन जी से तो रोज ही उनके ब्लॉग पर मिलता हूँ।
आज आपने ढंग से मिलवा दिया।
आपको धन्यवाद
और
रंजन जी को बधाई।
रंजन के बारे में ये छुटपुट जानना भी मजेदार रहा..है तो निराला ही आदमी!! :)
ReplyDeleteये फटाफट राउंड का तरीका मजेदार रहा । आभार ।
ReplyDeletevaah vaah bahut tej tarar raha ye parichay fatafat aabhaar
ReplyDelete"रंजन - अंजु मेरी पत्नी... सबसे ज्यादा वो ही झेलती है मुझे"
ReplyDeleteझूठ..बिलकुल झूठ...वो बेचारी तो सब से ज़्यादा उनकी महबूबा को झेलती होगी...ज़रा अंदर की बात बताना ताऊ:-)
बाकी सब तो ठीक था लेकिन "ताऊ हरी सब्जी" समझ में न आया,यो टिंडे के साथ "ताऊ हरी सब्जी" क्या है.
ReplyDeletetaau ji,
ReplyDeleteramram.
aa raha hu main bhi indore interview dene.
वाह ताऊ वाह. ये भी जोरदार रहा.
ReplyDeletebahut sundart and sweet. shor
ReplyDeletebahut sundar and sweet. shor
ReplyDeleteपर आपने देखा होगा कि खुजली वाला कुत्ता जब तक अपने शरीर को खुजा नही लेता उसको चैन नही पडता. वैसे ही ताऊ भी किसी से मिले और इंटर्व्यु ना ले तब तक ताऊ को भी चैन नही पडता.
ReplyDeleteताउ जबरदस्त लिखा. गजब का लेखन.
पर आपने देखा होगा कि खुजली वाला कुत्ता जब तक अपने शरीर को खुजा नही लेता उसको चैन नही पडता. वैसे ही ताऊ भी किसी से मिले और इंटर्व्यु ना ले तब तक ताऊ को भी चैन नही पडता.
ReplyDeleteताउ जबरदस्त लिखा. गजब का लेखन.
vaah maja aagaya
ReplyDeletevaah maja aagaya
ReplyDeletevaah maja aagaya
ReplyDeleteयह मिनी परिचयनामा बहुत पसंद आया ताउजी.
ReplyDeletebahut umda
ReplyDeleteसुंदर साक्षात्कार, बहुत आनंद दायक। ये फटाफट राऊंड मजेदार है।
ReplyDeleteरंजनजी के बारे में जानना अच्छा लगा ।
ReplyDeleteVery good Sir jee :-)
ReplyDeleteये परिचय्नामा पढ़कर मन प्रसन्न है --
रंजन भाई का परिवार सुखी रहे
रक्षा बंधन पर
सभी को भरपूर स्नेह मिले
- लावण्या
ताऊ जी साक्षात्कार का ये नया रूप भी बहुत मजेदार रहा!!
ReplyDeleteआभार्!!
fatafat round was very good..
ReplyDeleteInterview ka ek yah bhi ruup achchha hai.
ना ना करते भी परिचयनामा लिख ही डाला ..!!
ReplyDeleteपहली दफा ताऊ की टक्कर का बन्दा मिला है इस प्रोग्राम में. Once more!
ReplyDeleteपूरा मनोरंजन रहा रंजन से मिलना -शुक्रिया !
ReplyDeleteताऊ साक्षात्कार का यह नया तरीका भी बहुत मजेदार रहा |
ReplyDeleteआभार अच्छे इंसान से मिलवाने का।
ReplyDeleteiहंसते हंसते लोटपोट हो गए आप दोनों की तीन-पांच पर तो.. हैपी ब्लॉगिंग
ReplyDeleteताऊ ये तीन पांच तो घणी चोखी लाग री से.....
ReplyDeleteमीत
वाह ताऊ जी बहुत ही ज़ोरदार और मज़ेदार रहा!
ReplyDeleteताऊजी
ReplyDeleteरजन भाई को मिलकर बहुत अच्छा लगा। फटाफट सवाल जवाब तो और भी मजेदार लगे
हार्दिक मगल कामनाऍ उनके परिवार के लिऍ
हे प्रभु यह तेरापन्थ
रंजन जी से मुलाकात दिलचस्प और यादगार रही !
ReplyDeleteये 'फटाफट राउंड' तो लाजवाब है !
बिलकुल आब्जेक्टिव टाईप सवालों की तरह
जहाँ एक मिनट में सौ उत्तर देने हों !
आपका प्रयास सराहनीय है ताऊ जी
इस बहाने धीरे-धीरे सबको जानने का अवसर मिल रहा है
वरना तो आज के दौर में तो लोग अपने पडोसी के बारे में भी कुछ नहीं जानते !
रंजन जो को शुभ कामनाएं
ताऊ मुलाक़ात जोरदार रही....
ReplyDelete... आप ऐसे आइडियाज लाते कहाँ से हो ?
वाह जी वाह एक साथ दो काम। केक भी खा लिया और इंटरव्यूह भी ले लिया। आप तो सच में जी पत्रकार हो गए। और हाँ रंजन जी से मिलकर अच्छा लगा। चुटकला पढते ही हँसी रुकी ही नही रंजन जी की गाडी की स्पीड की तरह।
ReplyDeletetau ji , namaskar , majedaar post hai sir , padhkar maza aa gaya , ab to mane bhi aisi iccha ho gayi hai ki pahla interview agar kabhi ho to aapke aashirwad me hi ho .. naman..
ReplyDeletevijay
pls read my new poem "झील" on my poem blog " http://poemsofvijay.blogspot.com
रंजन जी के बारे में जानना कर अच्छा लगा .
ReplyDeleteसाक्षात्कार का यह निराला अन्दाज बहुत पसन्द आया। आभार ।
ReplyDelete