हस्तिनापुर नरेश ताऊ महाराज धृतराष्ट्र सुबह सुबह ग्रीन टी सुडक रहे हैं. रामप्यारे उनको रोज की तरह अखबारों के समाचार सुना रहा है क्योंकि महाराज अंधे हैं... तो ना टीवी देख सकते और ना ही अखबार पढ सकते हैं. बचे खुचे सर पर राजस्थानी पग्गड चढा रखा है सो दिमाग भी ज्यादा कुछ काम नही करता. बस रामप्यारे की सूचना अनुसार ही राजकाज के निर्णय लेते रहते हैं.
वैसे ताऊ महाराज धृतराष्ट्र के पास पहले एक मिस समीरा टेढी नाम की वरिष्ठ सलाहकार होती थी जो आजकल शायद ब्लाग जगत से छुट्टियों वाला हनीमून मनाने गयी है, सारा सलाहकारी का बोझ आजकल रामप्यारे ही संभाल रहा है.
रामप्यारे बोला - महाराज आजकल तो बस यही समाचार है कि नरेंद्र मोदी ने क्या कह डाला? दिग्विजय सिंह ने कौन सी विजय कर डाली? मध्य प्रदेश में कैसे अविश्वास प्रस्ताव का, पेश करने वाली पार्टी के ही सदस्य ने फ़ना फ़िल्ला कर डाला? इसके पीछे की रणनिती का जनक कौन था?
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र - अरे रामप्यारे, और भी तो कुछ खबरें होंगी? हमारी प्यारी प्रजा का क्या हाल है?
रामप्यारे - महाराज प्यारी प्रजा का तो पता नही पर कोर्ट ने एसिड हमलों की रोकथाम के लिये कुछ कडे कानून बनाने का कहा था और सुना है सरकार अब सरेआम एसिड बेचने पर प्रतिबंध लगा सकती है.
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र - तो इसमे गलत क्या है? हमने ही आदेश दिया है क्योंकि इस तरह आसानी से एसिड मिलने से मनचले बेचारी कन्याओं पर एसिड फ़ेंक देते हैं.....कोई कोई तो खुदकुशी के लिये भी एसिड पी लेता है. हमको अपनी प्यारी प्रजा की बहुत फ़िक्र रहती है, इसलिये हम बहुत जल्दी कुछ कडे कानून लागू करवायेंगे.
रामप्यारे - महाराज, आपको प्यारी प्रजा की इतनी ही फ़िक्र है तो बीडी सिगरेट और शराब पर भी जड से ही रोक लगा दिजीये. इससे आपका स्वास्थ्य बजट भी काफ़ी घट जायेगा और हर साल जो लाखों मौत इनकी वजह से होती है....भरे पूरे घर उजड जाते हैं...इससे भी आपकी प्यारी प्रजा निजात पा जायेगी?
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र बोले - अरे रामप्यारे बावला होग्या के? यदि बीडी सिगरेट और शराब बनाने पर ही रोक लगा देंगे तो फ़िर खजाना काहे से भरेगा? फ़िर हमारे विदेशी दौरे और जैड प्लस वाली सुरक्षा का खर्चा कौन उठायेगा? सरकारी रोजगार के अवसर कहां से पैदा करेंगे?.... बावलीबूच कहीं का....बोलणैं त पहले सोच भी लिया कर.
वैसे ताऊ महाराज धृतराष्ट्र के पास पहले एक मिस समीरा टेढी नाम की वरिष्ठ सलाहकार होती थी जो आजकल शायद ब्लाग जगत से छुट्टियों वाला हनीमून मनाने गयी है, सारा सलाहकारी का बोझ आजकल रामप्यारे ही संभाल रहा है.
रामप्यारे बोला - महाराज आजकल तो बस यही समाचार है कि नरेंद्र मोदी ने क्या कह डाला? दिग्विजय सिंह ने कौन सी विजय कर डाली? मध्य प्रदेश में कैसे अविश्वास प्रस्ताव का, पेश करने वाली पार्टी के ही सदस्य ने फ़ना फ़िल्ला कर डाला? इसके पीछे की रणनिती का जनक कौन था?
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र - अरे रामप्यारे, और भी तो कुछ खबरें होंगी? हमारी प्यारी प्रजा का क्या हाल है?
रामप्यारे - महाराज प्यारी प्रजा का तो पता नही पर कोर्ट ने एसिड हमलों की रोकथाम के लिये कुछ कडे कानून बनाने का कहा था और सुना है सरकार अब सरेआम एसिड बेचने पर प्रतिबंध लगा सकती है.
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र - तो इसमे गलत क्या है? हमने ही आदेश दिया है क्योंकि इस तरह आसानी से एसिड मिलने से मनचले बेचारी कन्याओं पर एसिड फ़ेंक देते हैं.....कोई कोई तो खुदकुशी के लिये भी एसिड पी लेता है. हमको अपनी प्यारी प्रजा की बहुत फ़िक्र रहती है, इसलिये हम बहुत जल्दी कुछ कडे कानून लागू करवायेंगे.
रामप्यारे - महाराज, आपको प्यारी प्रजा की इतनी ही फ़िक्र है तो बीडी सिगरेट और शराब पर भी जड से ही रोक लगा दिजीये. इससे आपका स्वास्थ्य बजट भी काफ़ी घट जायेगा और हर साल जो लाखों मौत इनकी वजह से होती है....भरे पूरे घर उजड जाते हैं...इससे भी आपकी प्यारी प्रजा निजात पा जायेगी?
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र बोले - अरे रामप्यारे बावला होग्या के? यदि बीडी सिगरेट और शराब बनाने पर ही रोक लगा देंगे तो फ़िर खजाना काहे से भरेगा? फ़िर हमारे विदेशी दौरे और जैड प्लस वाली सुरक्षा का खर्चा कौन उठायेगा? सरकारी रोजगार के अवसर कहां से पैदा करेंगे?.... बावलीबूच कहीं का....बोलणैं त पहले सोच भी लिया कर.
बिल्कुल सच कहा है...जनता जाए भाड़ में, पहले सरकारी खज़ाना भरना चाहिए...
ReplyDeleteप्रजा कहाँ बयान देती हुयी फिरती है, प्रजा तो बयान सहती है।
ReplyDeleteहाहाहा ... क्या खूब ताऊ जी... राज काज की सच्चाई जग जाहिर कर दी आपने तो.. ये नरेश न काबिल है .. :) जय हो ...बोलणैं त पहले सोच भी लिया कर.
ReplyDeleteबावलीबूच कहीं का....बोलणैं त पहले सोच भी लिया कर
ReplyDeleteसुन्दर !!!!!!
न! गलती से भी ऐसी बातें सोचने के लिए नहीं होती है जो ख़जाना पर असर डाले..
ReplyDelete@ यदि बीडी सिगरेट और शराब बनाने पर ही रोक लगा देंगे तो फ़िर खजाना काहे से भरेगा?
ReplyDeleteसही कहा है ...सरकारी तंत्र भी बड़ा अजीब होता है रोक टोक तो दिखावे मात्र की होती है एक तरफ बीमारी फैलाओ दूसरी तरफ अस्पताल खोलो वाली तर्ज पर चलता है इनका तंत्र, सामान्य लोगों की समझ में कहाँ आता है ! सार्थक व्यंग्य है ...
सही कहे ताऊ जी इन्हें अपने सरकारी खजाने की चिंता है जनता की परवाह नहीं ...
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14 -07-2013) के चर्चा मंच -1306 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDelete"बचे खुचे सर पर राजस्थानी पग्गड चढा रखा है सो दिमाग भी ज्यादा कुछ काम नही करता" fir bolne se pahle sochegaa kya khaak ? Jo thee bhee wo bhee Madam ke paas girvi rakhee hai :)
ReplyDeleteबोलो तो फायदे ही नहीं समझता ..... सटीक बातें कही आपने
ReplyDeleteबहुत खूब,लेकिन जब खजाने में पैसा होगा तभी तो विकास और जनता के हित में कार्य होगा ,,,
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हाय खजाना ताऊ का ..
ReplyDeleteसरकारी खजाने की भी तो चिंता है ..... बढ़िया कटाक्ष ।
ReplyDeleteबिलकुल सही बात है, सब लूट के पीछे ही लगे हुए है,
ReplyDeleteताऊ(भाई) जी राम राम !
ReplyDeleteबस इसमें ही भलाई है कि बोलने से पहले सोच लिया कर .....
सुखी रहेगा ...ताऊ की शिक्षा मान लिया कर :-))
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज रविवार (14-07-2013) को कई रूप धरती के : चर्चा मंच १३०६ में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
सरकारी सिस्टम पर करारा व्यंग्य
ReplyDeleteखजाना कैसे भरेगा ...जे ताऊ चिंता ना करेगा ते कौन करेगा ...खजाना भरा होगा तोई लूटेगा ना ताऊ !
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ReplyDeleteताऊ बिलकुल सही ,यह रामप्यारे की तो अक्ल नहीं है . राज हम अपनी ऐअसि के लिए करते है प्रजा के लिए नहीं.
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बिल्कुल सच कहा है..
ReplyDeleteरामप्यारे ने सही सलाह दी है.
ReplyDeleteवर्तमान व्यवस्था पर अच्छा कटाक्ष किया है.
बहुत सुन्दर कटाक्ष । अर्थपूर्ण, देश की परवाह आज किसी को नहीं है ।
ReplyDeleteये तो सच है .. खजाना खाली हो गया तो नेता लोग क्या करेंगे फिर ...
ReplyDeleteअर्थपूर्ण करारा कटाक्ष, (अर्थ भंडार पूर्णता का संज्ञान जरूरी है)
ReplyDeleteताऊ ने बहुत अच्छी सीख दी बोलने से पहले सोचना चाहिए मजेदार पोस्ट पर सही चुभता हुआ कटाक्ष बधाई आपको
ReplyDeleteताऊ महाराज धृतराष्ट्र बोले - अरे रामप्यारे बावला होग्या के? यदि बीडी सिगरेट और शराब बनाने पर ही रोक लगा देंगे तो फ़िर खजाना काहे से भरेगा? फ़िर हमारे विदेशी दौरे और जैड प्लस वाली सुरक्षा का खर्चा कौन उठायेगा? सरकारी रोजगार के अवसर कहां से पैदा करेंगे?.... बावलीबूच कहीं का....बोलणैं त पहले सोच भी लिया कर.
ReplyDeleteTAAU JI PRANAM AAPAKI SEWA MEN MERI CHAAR LINE SAMARPIT
अब तो नशा ही नशा है, राजनीति और अर्थ में
पहले वर्जना थी
आज आदर्श राज्य की नियति, निर्माण और विक्रय
परिवार, राष्ट्र के विकास और विघटन में
गांव की पगडंडियों से राष्ट्र की मुख्य धारा में
नहीं दृष्टिगोचर होता तो, बस दूर तलक
सादा जीवन उच्च विचार
badhiya katksh .. naman :)
ReplyDeleteरामप्यारे भी धीरे धीरे सीख जायेगा, ताऊ की कंपनी में रह कर ।
ReplyDeleteसही है , हम भी शेख चिल्ली क्यों बने !
बावळा ही होग्या है रामप्यारे ।।।।।।।
ReplyDelete
ReplyDeleteशुक्रिया आपकी टिप्पणियों का .बढ़िया परिवेश बुना है ये रोटी वाला बिल कैसे छूट गया अब रोटी का भी बिल बनायेंगे ये कहेंगें खाद्य सुरक्षा .
करारा व्यंग्य।
ReplyDeleteबेहतरीन व्यंग्य....
ReplyDeleteसुंदर व्यंग्य
ReplyDeleteआपके अपने अंदाज में
वाह
बधाई