ताऊ पहेली - 98

प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 98 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.और अब से पहेली के जवाब की पोस्ट सोमवार के बजाये हर मंगलवार सुबह 4 :44 AM पर प्रकाशित की जायेगी.

विनम्र विवेदन

कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.

हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?



ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद कमेंट सुविधा बंद कर दी जायेगी. अगर कमेंट सुविधा किसी कारण वश जारी भी रही तो आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे.

अब रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर का. यानि जो भी प्रतिभागी रामप्यारी के सवाल का सही जवाब देगा उसे 20 नंबर अलग से दिये जायेंगे. तो आईये अब आपको रामप्यारी के पास लिये चलते हैं.


"रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर के लिये"



हाय...आंटीज एंड अंकल्स...दीदीज एंड भैया लोग...गुडमार्निंग..मी राम की प्यारी रामप्यारी.....अब आपसे पूरे 20 नंबर का सवाल पूछ रही हूं. सवाल सीधा साधा है. बस मुख्य पहेली से अलग एक टिप्पणी करके जवाब देना है. और 20 नंबर आपके खाते में जमा हो जायेंगे. है ना बढिया काम...तो अब नीचे का चित्र देखिये और बताईये की यह पेड कौन से फ़ल का है?



इस सवाल का जवाब अलग टिप्पणी मे ही देना है. अब अभी के लिये नमस्ते. मेरे ब्लाग पर अब से दो घंटे बाद यानि 10 बजे आज की मुख्य पहेली के हिंट के साथ आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये नमस्ते.

अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-

टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.

इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु. अल्पना वर्मा

नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.


मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम

घाघों के घाघ ’महाघाघ ऑफ ब्लॉगजगत’

गधा सम्मेलन के सफ़लता पूर्वक समापन पर गाल बजा बजा कर गाल दुखने लगे और सभी गधे अपने अपने धामों पर पहुँच कर अपने अपने हिसाब से तफरीह की रिपोर्ट पेश करने लगे, मेल मिलाप की फोटो लगाने लगे तो ताऊ धृतराष्ट्र महाराज भी ग्रीष्म कालीन महल में जाकर आराम करने लगे. जहां महारानी ताई गांधारी और संजय यानि रामप्यारे उनका पूरा ख्याल रखते थे.

लेकिन ताऊ धृतराष्ट्र महाराज को सम्मेलन का ऐसा खुमार छाया हुआ था कि उस गधा सम्मेलन की यादों में ही डुबते उतराते उनका समय व्यतीत होता था. यों भी महाराज जन्मांध थे सो उनको सिवाय खयालों में डुबने उतराने के और कोई काम रास भी नही आता था. एक दिन गधा सम्मेलन की कुछ ज्यादा ही याद सताने लगी तो रामप्यारे को कह कर उन्होंने उस शाम की चाय सम्मेलन स्थल के निकट ही पीने की ख्वाहिश जाहिर कर दी. और महाराज की आज्ञा होते ही झील किनारे बगीचे में टेबल लगवा दी गई.

महाराज के लिये चाय ले जाता रामप्यारे


महाराज को मच्छर नही काटें इसके लिये रामप्यारे ने विशेष रूप से कछुआ छाप अगरबत्ती भी जलवा दी. आजकल खुले में मच्छर बहुत ज्यादा हो रहे हैं और इतने बूढे महाराज को अगर कोई सा तगडा सा मच्छर काट खाये तो लेने देने पड जायें.

शाम चाय पीते समय ताऊ धृतराष्ट्र महाराज ने पूछा - हे रामप्यारे हम अब थक चुके हैं आखिर कब तक, कितने हजार सालों से हम इसी तरह के महाराज बने रहेंगे ...जिसकी खुद की डोर अपने हाथों मे नही है? हम अब ऊब चुके हैं रामप्यारे...क्या हमारा अन्य जन्म नही होगा रामप्यारे?



रामप्यारे बोला - हे ताऊ धृतराष्ट्र महाराज आप कैसी बाते करते हैं? आपको याद नही है, द्वापर से अभी तक आपके अनेकों जन्म हो चुके हैं. आप इस जन्म में भी ताऊ धृतराष्ट्र महाराज के अलावा कुछ और भी हैं.

ताऊ धृतराष्ट्र महाराज - ये क्या कह रहे हो रामप्यारे? हमें बडा आश्चर्य हो रहा है. हमें तनिक विस्तार से बतावो.

रामप्यारे - हे ताऊ धृतराष्ट्र महाराज, अब क्या बताऊं? आप तो पिछले दो जन्मों से शेयर दलाल हैं. और महाराज यमराज आपसे अति प्रसन्न हैं. इसी लिये आपका प्रोमोशन पर प्रमोशन हुये जा रहा है. अब आपको महाघाघ शिरोमणी ऑफ ब्लॉग जगत ताऊ महाराज की पदवी से नवाज दिया गया है.

ताऊ धृतराष्ट्र महाराज - हे संजय, हमें गोल मोल बातें समझ नही आती, अगर गोल मोल बाते समझ ही आती तो हम द्वापर में ही गीता का गूढ रहस्य नही समझ लेते? जबकि अर्जुन के बाद सबसे पहले गीता हमने ही सुनी थी? और तुम ही उसे सुनाने वाले थे....बोलो...बोलो...अत: हमे सब बातें स्पष्ट समझा कर कहो.

रामप्यारे - जैसी आज्ञा महाराज की. अब विस्तार से सुनिये. जब पिछले जन्म में यमदूत आपको लेकर यमराज के पास पहुंचे तो साथ में एक कर्मकांडी और नेक होने का दावा करने वाला ड्रामेबाज विद्वान स्वयंभू मठाधीष ब्लागर भी था जिसके ढोंग में आकर सभी ब्लागिये उसको शीश नवाया करते थे. और वो बदले में आशीर्वाद देकर उन्हें उनके पापों से मुक्ति दिलवाने का वादा किया करता था एवम सत्य और तथाकथित इमानदार टिप्पणियां करने की सीख देने का दावा करता था.... नका दरबार हमेशा ही भरा ही रहता था. चौबीसों घंटे उनका मोबाईल बजता रहता या वो स्वयं बजाते रहा करते थे. और उनकी छवि एकदम पवित्र ब्लागर आत्मा की तरह थी.

ताऊ धृतराष्ट्र महाराज - आगे सुनावो रामप्यारे...हम अति व्यग्र हुये जा रहे हैं. लगता है ये ब्लागरी हमारे खून की नसों में कई जन्मों से खलबली मचाये जा रही है.... ना जाने हमने भी कौन सी घडी में ये अवतार धारण किया था?

रामप्यारे - हां तो महाराज आपको और साथ के पाखंडी विद्वान ब्लागर को यमराज के दरबार में अपने कर्मों की सजा सुनाने के लिये खडा किया गया तो महाराज यमराज ने कहा - ऐ मेरे दुतों...ये जो ताऊ है इसे तुरंत स्वर्ग में उच्च स्थान पर आरूढ करवाया जाये. ये हमें अति प्रिय है और इसके साथ जो दांत निपोरता हुआ विद्वान ब्लागर होने का ढोंग किये खडा है इसे तुरंत सातवें नर्क में उबलते सरसों के तेल के कडाव में फ़िंकवा दिया जाये . आदेश का तुरंत पालन किया जाये...नो अपील...एंड नो दलील.....

ताऊ धृतराष्ट्र महाराज - रामप्यारे...जरा जल्दी सुनावो...आगे क्या हुआ? हम यह जानने के लिए अति व्यग्र हुये जा रहे हैं कि आखिर उस विद्वान ब्लागर के साथ क्या हुआ?

रामप्यारे - हे महाघाघ ताऊ शिरोमणी महाराज , यमराज ने जैसे ही उस विद्वान ब्लागर को खौलते तेल के कडाव में डालने का आदेश दिया वो ब्लागर उखड गया और तैश में बोला - वाह महाराज वाह, ये कहां का न्याय है? मैने सारी उम्र लोगों को नेकी पर चलने का उपदेश दिया और उन्हें सत्य आचरण करने का उपदेश देता रहा, किसी को बेनामी टिप्पणियां करने को प्रेरित नही किया...और बदले में आप मुझे नर्क में भिजवा रहे हैं? और ये ताऊ...जो एक नंबर का घाघ और काईयां...बेनामियों का सरदार...लोगों का जीना हराम करने वाला ब्लागर....इसने और इसके दूतों ने ब्लागाव्रत में लोगों को इतना कष्ट दिया...उसे आप स्वर्ग में भिजवा रहे हैं? यह कहां का न्याय है महाराज? लगता है कहीं गलती हो रही है महाराज से....या फिर आप मेरी मौज ले रहे हैं. मैं भी इतना छुईमुई नहीं कि चुपचाप सजा मान लूँ. मैं अपने अधिकार के लिए लडूंगा..इसकी चर्चा लिख लिख कर सार्वजनिक मंच से करुँगा.. मठाधीश ब्लागर ने अपने बडे बडे दांत निपोरते हुये कहा.

यमराज जरा गुस्से से बोले - चुप रहो मूर्ख...हमसे जबान लडाता है? सार्वजनिक मंच से चर्चा की धमकी देता है? सब जानते हैं कि सार्वजनिकता की आड़ में वो तेरा व्यक्तिगत मंच है.. हमसे गलती हो ही नही सकती मुर्ख प्राणी...अब हम बताते हैं कि तुमको नरक क्यों भेजा जा रहा है? तो सुन... तूने वहां पर लोगों को सदाचार की शिक्षा दी...बदले में हमको क्या मिला? लोगों के सामने खुद को ईश्वर मनवा कर पूजा करवाता रहा और तू उनको आशीर्वाद देता रहा मूर्ख...और उनको हम तक आने ही नही दिया? हम यहां अपने पा लागी को तरस गये...इसलिये हे मूर्ख प्राणी.. तू जा और नरक में इसका फ़ल भोग....

मठाधीष ब्लागर - ये तो अन्याय है महाराज....आपकी बात सुन मुझे अपना पुराना जुमला याद आ रहा है कि जिसकी जैसी समझ होती है वो वैसी बात कहता है. खैर, अब मेरे हाथ में तो कुछ है ही नही...पर मुझे यह बता देते कि इस महाघाघ लफ़ंगे ताऊ को इसकी कौन सी करनी के फ़लस्वरूप स्वर्ग बख्सा जारहा है तो मुझे चैन पड जाता.

यमराज गरज कर बोले - अरे महामूर्ख हमारी इच्छा तो हो रही है कि तेरे इन बडे बडे दांतों को अभी का अभी उखडवा कर तुझे तेल के खौलते कडाव मे भुनवा दें...मूर्ख तू हमारे परम प्रिय भक्त और सहायक को महाघाघ लफ़ंगा से संबोधित कर रहा है? और वो भी हमारे सामने? खैर तुझे दंड तो अवश्य मिलेगा पर इसे तेरी अंतिम इच्छा जानकर बता ही देता हूं कि ताऊ को स्वर्ग क्यों मिल रहा है?

भरी सभा में सन्नाटा सा छा गया...

यमराज बोले - अरे मूर्ख प्राणी...तू ज्यादा समय इसकी बुझाई उसकी जलाई लिखता रहा, और ये सब लिख कर अपने आपको बडका साहित्यकार समझ कर, लोगों से अपने ही पांव पकडवाकर पालागी करवाता रहा? और हम अपनी पालागी को तरसते रहे...और इधर ये एक ताऊ है जिसने इतने बेनामी अनामी दूतों से टिप्पणियां करवाकर लोगों का जीना हराम कर दिया...जब इसकी मंडली की टिप्पणियां ब्लागों पर होती थी तो लोगों को सीधा मैं ही याद आता था. तूने ऐसा एक भी काम किया क्या? बोल जवाब दे जरा....

स्वयंभू मठाधीष विद्वान ब्लागर - अब महाराज...हमने भी कोई कमी तो नही छोडी थी...ताऊ खुले आम करता था हम छुप छुपाकर रात के अंधेरे में करते थे...हमने और हमारी मंडली ने खुद इसी ताऊ के ब्लाग पर इस की मां बहनों तक को खूब नवाजा है...तब इस फ़ार्मुले से तो हमें भी स्वर्ग मे भिजवाईये.

यमराज बोले - अरे मूर्ख प्राणी...माना कि तूने और तेरे चेलों ने ही ताऊ और उसकी मंडली के ब्लागों पर बेनामी गाली गलौच वाली टिप्पणीयां की थी..पर एक इसी योग्यता के आधार पर स्वर्ग नही मिला करता बावले आदमी...

मठाधीश ब्लागर - तब तो महाराज आप इस ताऊ को नरक भेजिये और मुझे स्वर्ग...क्योंकि मैं ठहरा एक पढा लिखा डिग्रीधारी और सरकारी बडा अफ़सर और ये ताऊ हरयाणवी निपट गंवार और निरा मुर्ख छली और कपटी दुष्ट...बेनामी और चोरों डाकुओं की मंडली का सरदार....

इसी बीच गरज कर यमराज बोले - अरे मूर्ख प्राणी...तेरी जबान खिंचवा लूंगा...मुझे मालुम है कि तूने सरकारी दामाद बनकर खूब सरकारी समय और संसाधनों का दुरुपयोग किया है...जबकि ये मेरा परम प्रिय सखा ताऊ जो कि पेशे से शेयर दलाली करता था इसने शेयर बाजार में लोगों को बुला बुलाकर उनकी जेबें खाली करवा दी और लोग सिर्फ़ रोते कलपते चौबीसों घंटे मेरा ही नाम जपा करते थे. यही एक ताऊ तो है जिसकी दया से लोग आजकल मुझे भजते हैं. अब ये ताऊ कुछ दिन यहां आराम करके वापस धरा पर एक बडे कार्पोरेट दलाल के रूप में जन्म लेगा और लोग मुझे याद करेंगे.

ताऊ पहेली - 97 (Amar Singh Palace/--Amar Mahal Museum , Jammu ) विजेता : श्री प्रकाश गोविंद

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 97 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Amar Singh Palace/--Amar Mahal Museum , Jammu

और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.

आप सभी को मेरा नमस्कार,

पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भित जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.

आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.


लाल बलुआ पत्थरों से बना फ्रेंच आर्किटेक्ट द्वारा डिजाईन किया गया यह 'अमर महल पेलेस' शिवालिक की पर्वत श्रृंखला में और तवी नदी के किनारे जम्मू में स्थित है .

कश्मीर के महाराजा अमर सिंह द्वारा बनवाया गया था.उनके बेटे महाराज हरि सिंह और महारानी तारा इसी में रहा करते थे.


अमर महल


महाराजा अमर सिंह के पोते महाराजा कर्ण सिंह ने इस महल को हरि- तारा ट्रस्ट को १९७५ में दान दे दिया था और तभी से यह संग्रहालय में बदल दिया गया था.

संग्रहालय में डोगरा राजाओं का १२० किलो का स्वर्ण सिंहासन ,कांगड़ा की चित्रकला का संग्रह ,महाराजा कर्ण सिंह द्वारा संकलित देश विदेश के लेखकों की लगभग २५ हज़ार पुस्तकें यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं.नल दयमंती की बहुत चर्चित दुर्लभ पेंटिंग भी यहाँ देख सकते हैं .

आज भी अमर महल पेलेस संग्रहालय की देखभाल हरि-तारा चेरिटेबल ट्रस्ट करता है.

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आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.



सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.


आज के प्रथम विजेता श्री प्रकाश गोविंद

श्री प्रकाश गोविंद अंक 101


आईये अब आज के अन्य विजेताओं से आपको मिलवाते हैं.


आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में





हाय गुड मार्निंग एवरीबड्डी... मेरे सवाल का सही जवाब है : सुपारी का पेड... निम्न सभी प्रतिभागियों को सवाल का सही जवाब देने के लिये 20 नंबर दिये हैं सभी कॊ बधाई.



सुपारी का पेड


श्री Darshan Lal Baweja
श्री प्रकाश गोविंद
सुश्री सीमा गुप्ता
श्री पी.एन.सुब्रमनियन
श्री स्मार्ट इंडियन
श्री उडनतश्तरी

अब अगले शनिवार को ताऊ पहेली में फ़िर मिलेंगे. तब तक जयराम जी की!

अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

श्री ललित शर्मा
सुश्री M.A.Sharma "सेहर"
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
श्री विवेक रस्तोगी
सुश्री anshumala
श्री पी.सी.गोदियाल,
श्री राम त्यागी
सुश्री वंदना
श्री नीरज गोस्वामी
डा.अरूणा कपूर
श्री राज भाटिया
सुश्री रानीविशाल
सुश्री डॉ. नूतन - नीति
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री संजय भास्कर
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री नीरज जाटजी

अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !

ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.

ताऊ पहेली - 97

प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 97 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.और अब से पहेली के जवाब की पोस्ट सोमवार के बजाये हर मंगलवार सुबह 4 :44 AM पर प्रकाशित की जायेगी.

विनम्र विवेदन

कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.

हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?


ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद कमेंट सुविधा बंद कर दी जायेगी. अगर कमेंट सुविधा किसी कारण वश जारी भी रही तो आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे.

अब रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर का. यानि जो भी प्रतिभागी रामप्यारी के सवाल का सही जवाब देगा उसे 20 नंबर अलग से दिये जायेंगे. तो आईये अब आपको रामप्यारी के पास लिये चलते हैं.


"रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर के लिये"



हाय...आंटीज एंड अंकल्स...दीदीज एंड भैया लोग...गुडमार्निंग..मी राम की प्यारी रामप्यारी.....अब आपसे पूरे 20 नंबर का सवाल पूछ रही हूं. सवाल सीधा साधा है. बस मुख्य पहेली से अलग एक टिप्पणी करके जवाब देना है. और 20 नंबर आपके खाते में जमा हो जायेंगे. है ना बढिया काम...तो अब नीचे का चित्र देखिये और बताईये की यह किस पेड का चित्र है?



इस सवाल का जवाब अलग टिप्पणी मे ही देना है. अब अभी के लिये नमस्ते. मेरे ब्लाग पर अब से दो घंटे बाद यानि 10 बजे आज की मुख्य पहेली के हिंट के साथ आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये नमस्ते.

अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-

टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.

इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु. अल्पना वर्मा

नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.


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मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम

राशि लग्नानुसार शनि की लघु कल्याणी अढैया और साढे साती विचार : आसमानी बाबा

कुछ भक्तजनों द्वारा आसमान में हमको अनगिनत संदेश भेजे गये. और बताया गया कि आजकल ब्लागाव्रत मे घोर अव्यस्था फ़ैली हुई है. एक अखण्ड ब्लागाव्रत की अवधारणा को कुछ तुच्छ मानसिकता वाले स्वयं भू क्षत्रपों ने खंडित कर दिया है. फ़लस्वरूप छोटे छोटे मोहल्ले जैसे ग्रूप बन गये हैं. आज तक एक क्षत्रप को छोडकर कोई भी सौ गांवो (टिप्पणियों) से ज्यादा का जमींदार नही बन पाया . बाकी सब दस बीस ज्यादा से ज्यादा पच्चीस गांव के छोटे मोटे जमींदार ही रह गये हैं. एवम अन्य सब दो पांच गांव के लोगों ने भी अपने आपको स्वतंत्र घोषित कर दिया है.

जगत कल्याणकारी सिद्ध ताऊ आसमानी बाबा


हमने तो कभी का यह धरा धाम छोड कर आसमान में रहने का फ़ैसला कर लिया था पर आप सबको इस हाल में देखकर वापस पृथ्वी पर प्रकटे हैं, ज्योतिष का परम ज्ञान देने के लिये. आज उपरोक्त स्थितियों के मद्देनजर कुछ चालू टाईप के लोग अपना साम्राज्य बढाने के लिये उल्टी सीधी सलाह देकर बहुत नाजायज फ़ायदा उठा रहे हैं और ब्लागाव्रत में यह जो क्लेश और वैमनस्य का राज्य भी सब उन्हीं की कृपा का फ़ल है. अत: आप सबसे निवेदन है कि आप उनके जाल में ना फ़से और हमारी ज्योतिषिय सेवाओं से लाभ उठायें.

भक्तजनों, अब हम आप सब पर विशेष कृपा करके वापस आगये हैं आप चिंता नही करें. मैं सबसे पहले आपको स्वयं आपकी कुंडली देखना सिखाऊंगा और फ़िर असली ज्योतिषिय गूढ ज्ञान प्रदान करूंगा, जिससे आप इन नकली मठाधीशों से बच सकें . आपको सबसे पहले आपका लग्न/राशि देखना आना चाहिये. आज हम आपको बताऊंगा कि आप अपने लग्न/राशि को जानकर यह तय कर लें कि आपका कौन सा समय खराब है? कब आपको सम्मेलन में बुलाया जायेगा? कब नही बुलवाया जायेगा? कब आपको ब्लागाव्रत में विजयश्री मिलेगी? हमारा दावा है कि आप इस सलाह के अनुसार कार्य करेंगे तो आप हमेशा सफ़ल रहेंगे और फ़िर आपको कुछ स्पेशल हवन पूजन की आवश्यकता पडेगी तब तो हम हैं ही.

ईश्वर ने आपको पृथ्वी पर भेजते समय ही आपके प्रारब्ध के अनुसार तय कर दिया है कि आपके ऊपर ईश्वर कितना विश्वास करेगा? कितने दिन बाद आपसे ईश्वर हिसाब मांगेगा? और यह सब जन्मकुंडली में लिख दिया गया है. और साढे साती के माध्यम से यह कर्मफ़लों का हिसाब करता है. इसे कोई साधारण ज्योतिषि नही देख सकता यह तो बस हम जैसे पहुंचे हुये दिव्य चक्षु प्राप्त ज्ञानी ताऊ आसमानी बाबा ही यह सब जान सकते हैं. पर हम आज अति प्रसन्न हैं तो आपको बता देते हैं. आप सब अपना लग्न जान कर यहां आपका अच्छा बुरा समय जान लें और उसी अनूरूप आचरण करें, खराब समय में किसी से ना उलझे और अच्छे समय में जिसकी ऐसी तैसी करनी हो उसकी कर दें. ईश्वर साढे साती के रूप मे आपके कर्मों का हिसाब लग्नानुसार मांगता है. और आपके कर्मों का त्वरित फ़ैसला करता है.

तो आईये अब सबसे पहले मेष और वृष लग्न के जातको के बारे में बात करते हैं कि उनको साढे साती किस प्रकार लगती है?

मेष और वृष लग्न (चू,चे,चो,ला,ली,लू,ले,लो,अ,ई. 21 मार्च से 20 अप्रैल तक मेष एवम इ उ ए ओ वा वी वू वे वो 21 अप्रैल से 21 मई वृष) के जातक बडे ही विश्वास योग्य होते हैं. ईश्वर भी इन पर काफ़ी भरोसा करता है और जल्दी से इनकी बुराईयों का दंड नही देता. इनको सबसे पहला दंड दस साल में मिलता है. अत: इसके बाद खूब बदमाशी करें क्योकि अब अगला हिसाब आपसे सीधे साढे बारह साल बाद ही मांगा जायेगा. एक बार यह हिसाब होने के बाद आपसे अगला हिसाब सीधे साढे बाईस साल बाद मांगा जायेगा अत: इस पीरियड में आपको जो भी मनमर्जी करनी हो कर लिजिये. चाहे जिसकी खिल्ली उडानी हो, मजाक करना हो, अनामी बेनामी करनी हो...सब कुछ कर सकते हैं. लेकिन सावधान.... ईश्वर जब आपकी मौज का हिसाब मांगना शुरू करता है तो आपकी रक्षा कोई ताऊ भी नही कर सकता. अगर किसी गुप्त एजेंडा के तहत किसी की ऐसी तैसी करने का मंसूबा हो तो विशेष परामर्श के लिये हमसे संपर्क करें.

मिथुन लग्न (का की कू घ ङ छ के को हा 22 मई से 21 जून) के जातक जरा नाजुक स्वभाव के होते हैं. कोमल हृदय के होते हैं अत: ईश्वर इनसे पहला हिसाब चार साल के बाद मांगता है, फ़िर ५ साल बाद और फ़ायनल हिसाब ८ साल में करता है. अत: इनको सलाह दी जाती है कि इन सालों के हिसाब से ही अपना दूसरों को निपटाऊ कार्यक्रम चलायें, ये भी चाहें तो विशेष परामर्श के लिये संपर्क कर के अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं और किसी की भी ऐसी तैसी कर सकते हैं.


कर्क लग्न (ही हू हे हो डा डी डू डे डो 22 जून से 23 जुलाई ) के जातक बडे ही चंचल स्वभाव के होते हैं. इन पर ईश्वर ज्यादा भरोसा नही करता. ये जन्मजात नेतागिरी के गुणों से ओतप्रोत होते हैं अत: ईश्वर इनसे पहला हिसाब छ माह में मांगता है, दूसरा हिसाब साढे सात महिनों में और फ़ायनल हिसाब सवा साल मे मांगता है. और आजन्म ये इसी चक्र के अनुसार अपना कर्मफ़ल भोगते रहते हैं. अत: देख सुनकर उत्पात करें, आपको हमारी ज्योतिषिय सेवाओं की विशेष आवश्यकता है अत: तुरंत संपर्क करें. बिना सलाह किसी से ना उलझें.

सिंह लग्न (मा मी मू मे मो टा टी टू टे 24 जुलाई से 23 अगस्त) के जातक जरा हठीले और ठस पृकृति के होते हैं. नाक ऊठा कर जिस तरफ़ चल देते हैं उधर चल देते हैं बिना विचारे उत्पात कर बैठते हैं और बाद में भागे फ़िरते हैं. अत: इनका भी साढे साती का फ़ल कर्क लग्नानुसार ही मिलता है. आपको भी हमसे विशेष सलाह और तांत्रिक अनुष्ठान करवाने की सलाह दी जाती है. ऐसा नही करने पर आप संकट मे पडकर अपनी इज्जत और अर्थ हानि भुगतने को तैयार रहें.

कन्या लग्न (टो पा पी पू ष ण ठ पे पो 24 अगस्त से 23 सितम्बर) के जातक जरा शर्मीले होते हैं, धर्मकर्म में विश्वास रखते हैं, पर कभी कभी धर्म का आसरा छोडकर गलत संगति कर बैठते हैं और बडा कष्ट उठाते हैं. अक्सर बहकावे में आने की इनकी प्रूवृति के कारण ही ईश्वर इनको ज्यादा छूट नही देता और पहला हिसाब सवा दो महिनें मे, दूसरा हिसाब तीन माह मे और फ़ायनल हिसाब हर पांच माह में लेता है. अत: विशेष सतर्कता बरतें और हमारी सुपर स्पेशल सेवाओं का लाभ उठाये जो आप को ध्यान में रखकर ही यह पैकेज तैयार किया गया हैं.

तुला लग्न ( रा री रू रे रो ता ती तू ते 24 सितम्बर से 23 अक्टूबर) के जातक यूं तो देखने में धीर गभीर लगते हैं पर ईश्वर इन पर ज्यादा विश्वास नही करता. इनको हर महिने अपने कर्मों का फ़ल साढे साती द्वारा भोगना पडता है. तुला लग्न के जातको को साढे साती का फ़ल किसी दस नंबरी की चौकसी की तरह मिलता है. इनको महिने मे हर नवें दिन फ़िर १७ वें दिन और फ़िर २८ वें दिन हिसाब देना पडता है. ये साढे साती की बहुत ही कडी निगरानी में रहते हैं. ईश्वर इन पर बिल्कुल भी भरोसा नही करता. अत: निहायत सोच समझकर किसी कार्य को अंजाम देवें और हमारे डबल इफ़ेक्ट सुपर पावर पैकेज का लाभ उठायें. ग्यारंटेड सफ़लता मिलेगी.

शेष लग्नों/राशियों का फ़ल अगले अंक में.

हमारे यहां सम्मेलन में आमंत्रण पाने के लिये विशेष काला जादू तांत्रिक अनुष्ठान उचित मूल्य पर कराये जाते है.

एक बार अवश्य आजमा कर देखें. शौकिया लोग भी आजमा सकते हैं.


(क्रमश:)

गधा सम्मेलन 2010 समाप्त : फ़िर से वही रामदयाल और वही गधेडी


मैं ताऊ टीवी का चीफ़ रिपोर्टर रामप्यारे अब आपको सम्मेलन के क्लोजिंग सेरेमनी का देखा हाल सुनाता हुं. समस्त कार्यक्रम आशानुरुप होने की खुशी में ताऊ महाराज धृतराष्ट्र बडे प्रसन्न दिखाई देरहे हैं. वैसे तो महाराज अंधे हैं पर इस सम्मेलन में महाराज की गतिविधियां उनके अंधे होने पर अंगुली उठाई जाने लायक इशारे छोड गई. खैर यह सब मसला तो सम्मेलन की समाप्ति के बाद भी सुलझाया जा सकता है. अब महाराज ने जैसे कर्म किये हैं वैसे सवाल तो उठेंगे ही.

रात को सब विदाई के लिये इक्क्ठे हुये. यहां रात्रि में शेरो शायरी का कार्यक्रम हुआ और काशी नरेश ने मिस समीराटेढी के साथ रंम्बा हो! हो! सम्बा हो! हो! की मदमस्त धुन पर जम कर डांस किया जिसमे सभी गधों को आनंद आगया.

गधा सम्मेलन के क्लोजिंग सेरेमनी में काशी नरेश के साथ रम्बा हो! हो! करते हुये मिस समीरा टेढी


इस अवसर पर सभी ने जमकर गाल बजाये, जिसको जो भी सूझा वैसा सुर निकाल निकाल कर गाल बजाये. और इसके साथ ही कुछ को रोज ठेलमठाल करने का मसाला मिल गया. वैसे ऐसे आयोजनों का मकसद भी यही होता है. महाराज ने भी जमकर अंधे होने का फ़ायदा ऊठाया.

इस तरह गधा सम्मेलन सहर्ष समाप्त हुआ. सम्मेलन की अध्यक्षता से लेकर सम्मेलन में जिनकी भी चर्चा रही, आश्चर्यजनक रुप से वो गधा थे ही नहीं. मगर हाय गधों की आदत, उसी को पूजते हैं जो गधा है ही नहीं. सभी गधे उनके साथ फोटो खिंचाने को लालायित कूदते नजर आये. और एक गधा तो इतना खुश दिखाई देरहा था कि टांगे और सर आसमान की तरफ़ करके रेंके जा रहा था. बडी मुश्किल से उसको काबू किया गया वर्ना खुशी के मारे उसको हार्ट अटेक आना पक्का था.

सम्मेलन में आतिथ्य से अति प्रसन्न एक जाना माना गधा टांगे उपर करके गाल बजाता हुआ


और इसके उपरांत समस्त गधे गाल बजाते हुये अपने अपने स्थान को प्रस्थान कर गये. एक दो गधे अभी तक भी गाल बजाये जा रहे हैं, वैसे अधिकतर गधे सम्मेलन में उडाये गये गुलाब जामुन और जलेबियों की मिठास याद करते हुये अपने दैनिक कार्य में व्यस्त होगये हैं और अगली साल के सम्मेलन में महाराज के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं.

सम्मेलन का खुमार उतरने के बाद : फ़िर वही रामदयाल और वोही गधेडी"


वैसे मेरी समझ में सम्मेलन होने का कारण यह था कि कोई भी गधा,अपने गधेपन से चूके तो उसे कैसे और कितना दंडित किया जाये. मगर जब सम्मेलन के बाद सब गधों ने, जो उसमें सम्मलित हुए थे, इसे छोड़ हर बारे में रिपोर्ट लगाई. सबने एक दूसरे के मुस्कराते हुए तस्वीरें सांटी. एक दूसरे की तारीफ में गाल बजाये. अपनी यात्रा के बारे में बताया. सम्मेलन स्थल के आस पास घूमने के बारे में बताया. गुलाब जामुन, जलेबी, इमरती का स्वाद...यानि क्या खाया, क्या पिया..सब बता दिया और यहाँ तक कि रोशनी के अभाव में समीरा टेढ़ी का नाम भी ढिबरी की रोशनी
में देखा, उसकी भी रिपोर्ट की मगर किसी ने सम्मेलन में क्या कहा गया और क्या निष्कर्ष निकला, इस पर टार्च नहीं फेंकी. जब भी किसी ने इस बारे में जानना चाहा, महाराज जो कि इसके अंध आयोजक थे, घुड़क गये. उखड़ पड़े. जनता के धन को अपना मान बुरा मानने लगे मानो जेब से पैसा लगाया हो और सधा नहीं. सारे आयोजन की रिपोर्ट पढ़ एक ऐसे गधे ने, जो गधा तो है मगर आयोजन में आ न सका, महाराज को बड़ी घातक कविता लिख भेजी, आप भी देखें:


मेल मिलाप
हँसना हँसाना
भोज भजन
भ्रमण
से इतर भी
कुछ तो चर्चा हुई होगी
कुछ तो मसौदे रहे होंगे...

वरना लोग यूँ ही जमा नहीं होते...

खोजता हूँ
रिपोर्ताज़ के भीतर
छिपी इबारत..

कुछ नजर नहीं आता..

मैं ही शायद
बुढ़ा हो गया हूँ
या
महफिल इक नुमाईश थी....

कोई मुझे बताओ तो!!!




यह पढ़ ताऊ महाराज धृतराष्ट्र को कोई जबाब देते नहीं बन रहा और वो मिस समीरा टेढ़ी को वापस बुलावा दे रहे हैं कि वो आयें और उन्हें इस गढ्ढे से निकालें

ताऊ पहेली - 96 Dhamekh Stupa-Sarnath-Uttar Pradesh विजेता : श्री प्रकाश गोविंद

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 96 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Dhamekh Stupa-Sarnath-Uttar Pradesh

और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.

आप सभी को मेरा नमस्कार,

पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भित जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.

आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.


सारनाथ ,उत्तर प्रदेश
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उत्तर प्रदेश में बनारस से ७- ८ किलोमीटर सारनाथ बुद्ध भगवान की तपो स्थली कहलाती है . इसे ॠषिपतन तथा मृगदाव या मृगदाय भी कहते हैं .
इसका आधुनिक नाम सारनाथ शायद सारंगनाथ (मृगों के स्वामी) का ही बदल रूप हो सकता है.
यहाँ महात्मा बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया था.यह बौद्ध धर्म के चार पवित्र स्थानों में से एक है.
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह यहीं से ही प्राप्त है.इस स्थान को धर्मचक्र प्रवर्तन स्थल भी कहा जाता है.यहाँ अनेक पुरातात्विक स्मारक देखने दुनिया भर के लोग आते हैं.बोध धर्म ही नहीं वरन जैन धर्म के ग्यारहवें तीथर्ंकर श्रेयंशनाथ की तपस्थली तथा बाद में मृत्युस्थली होने के कारण जैन मतावलंबियों के लिए भी इस स्थल का अपना एक अलग महत्व है.
dhamekh stupa sarnath


धमेख स्तूप पहेली के चित्र में दिखाया गया था इसे धर्मचक्र स्तूप भी कहा जाता है.इसी स्थान पर महात्मा बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया था.
इसका व्यास 28.5 मी. और ऊंचाई 33.53 मी. है.
गुप्तकालीन शिल्प का उदाहरण देती हुई विभिन्न प्रकार की आकृतियां,फूल-पत्ती की सुन्दर बेलें स्तूप पर बनी दिखाई देती हैं.
गुप्तकालीन बौद्ध साहित्य में स्तूपों के ऊपर देवदूष्य[पहरावनी] चढाने का उल्लेख भी मिलता है .
सारनाथ में पुरातत्व संग्रहालय भी है जहाँ आप सारनाथ से प्राप्त पुरावशेष देख सकते हैं और विशेष रूप से प्रसिद्ध स्मारक अशोक स्तंभ भी यहीं देख सकते हैं ,
जो की एक ही पत्थर को काटकर बनाया गया है.इसमें गज, वृषभ और अश्व की आकृतियां बनी हुई हैं.

धमेख स्तूप भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित इमारत है .यहाँ पर्यटकों को दर्शनार्थ टिकट लेना होगा.
धमेख स्तूप के अतिरिक्त चौखंडी स्तूप,धर्मराजिका स्तूप,[ इसकी केवल बुनियाद ही शेष है बाकि भाग नष्ट हो चुका है.],मूलगंधकुटी आदि भी दर्शनीय हैं.

पहेली ९७ भारत के उत्तर से है .यह कोई पूजा का स्थान नहीं है ,न ही कोई उद्यान.



आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.



सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.


आज के प्रथम विजेता श्री प्रकाश गोविंद


श्री प्रकाश गोविंद अंक 101


आईये अब आज के अन्य विजेताओं से आपको मिलवाते हैं.


 

ajju5

Dr.Ajmal Khan अंक 100

ravikantpande

श्री रविकांत पांडे अंक 99

sabir h khan

श्री sabir*h*khan अंक 98

श्री रतन सिंह शेखावत अंक 97

darshan-baweja

श्री Darshan Lal Baweja अंक 96

mass

सुश्री M A Sharma “सेहर” अंक 95

indu-arora

सुश्री Indu Arora अंक 94

gajendra singh

श्री गजेंद्र सिंह अंक 93

OSHO

श्री ओशो रजनीश अंक 92

seema-gupta-2

सुश्री सीमा गुप्ता अंक 91

bantichor

श्री बंटी चोर अंक 90

ashish-mishra

श्री आशीष मिश्रा अंक 89

श्री अंतरसोहिल अंक 88

sugya-letest

श्री सुज्ञ अंक 87

anshumala

सुश्री anshumala अंक 86

mverma

श्री M VERMA अंक 85

anju

सुश्री Anju अंक 84

nmishra

 श्री "निरंजन मिश्र (अनाम)" अंक 83

ssb

 श्री Surendra Singh Bhamboo अंक 82

रज-भतिअ

श्री राज भाटिया अंक 81

श्री रंजन अंक 80

dwivediji

श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 79

saba-akbar1

सुश्री Saba Akbar अंक 78

anjanaji

सुश्री anjana अंक  77

nutan-niti डॉ. नूतन - नीति   अंक 76

श्री उडनतश्तरी अंक 75

 

श्री अभिषेक ओझा अंक 74

smartindian

श्री स्मार्ट इंडियन अंक 73

rps

श्री राणा प्रताप सिंह अंक 72


आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में





हाय गुड मार्निंग एवरीबड्डी... मेरे सवाल का सही जवाब है : रुद्राक्ष का पेड.... मिस रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट का चित्र साभार Travel Blog से लिया गया है. निम्न सभी प्रतिभागियों को सवाल का सही जवाब देने के लिये 20 नंबर दिये हैं सभी कॊ बधाई.



Fruits On Rudraksha Tree


Flowers On Rudraksha Tree

यह चित्र साभार Travel Blog से लिया गया है.


आज के सवाल लिये खास तौर से मेरे ब्लाग पर हिंट की पोस्ट भी प्रकाशित की गई थी पर किसी ने भी उस पर कान देना उचित नही समझा और बस आम खाने में लगे रहे. इसीलिये मैं कहती हुं कि जो चीज जैसी दिखाई देती है वैसी होती नही है. भविष्य में ध्यान रखियेगा.

सब कष्ट हरने वाला रूद्राक्ष


इस सवाल के जवाब में सिर्फ़ दो सही जवाब आये पहला श्री डी. के. शर्मा “वत्स” का एवम दूसरा सुश्री सीमा गुप्ता का. दोनों को इस सवाल का सही जवाब देने के लिये ताऊ डाट इन की तरफ़ से ’वनस्पति स्नेही’ सम्मान प्रदान किया जाता है. एवम आप दोनों को भगवान रूद्र के आशीर्वाद के रूप में प्राण प्रतिष्ठित किया हुआ एक एक सिद्ध रूद्राक्ष भेंट स्वरूप अति शीघ्र भिजवाया जा रहा है.

अब अगले शनिवार को ताऊ पहेली में फ़िर मिलेंगे. तब तक जयराम जी की!

अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen
श्री ललित शर्मा
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री दिलीप कवठेकर
श्री काजलकुमार,
श्री मनोज कुमार
श्री नीरज गोस्वामी
श्री गगन शर्मा
सुश्री वंदना
श्री नरेश सिंह राठौड
डा.अरूणा कपूर
श्री संजय भास्कर
श्री राम त्यागी

अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !

ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.