प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 94 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Gandhi Smriti/ Gandhi Smriti Museum, New Delhi
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
“स्वराज्य एक पवित्र शब्द है, वह एक वैदिक शब्द है, जिसका अर्थ आत्मशासन और आत्म संयम है। अंग्रेजी शब्द ‘इंडिपेंडेस’ अकसर सब प्रकार की मर्यादाओं से मुक्त निरंकुश आजादी का, या स्वच्छंदता का अर्थ देता है, वह अर्थ स्वराज्य शब्द में नहीं है।” महात्मा गांधी
राम-शब्द के उच्चारण से लाखों—करोड़ों हिन्दुओं पर फ़ौरन असर होगा। और 'गॉड' शब्द का अर्थ समझने पर भी उसका उन पर कोई असर न होगा। चिरकाल के प्रयोग से और उनके उपयोग के साथ संयोजित पवित्रता से शब्दों को शक्ति प्राप्त होती है। महात्मा गांधी
हिन्दी लिपी और भाषा जानना हर भारतीय का कर्तव्य है। उस भाषा का स्वरूप जानने के लिए 'रामायण' जैसी दूसरी पुस्तक शायद ही मिलेगी। महात्मा गांधी
भारत की सभ्यता की रक्षा करने में तुलसीदास ने बहुत अधिक भाग लिया है। तुलसीदास के चेतनमय रामचरितमानस के अभाव में किसानों का जीवन जड़वत और शुष्क बन जाता है - पता नहीं कैसे क्या हुआ, परन्तु यह निर्विवाद है कि तुलसीदास जी भाषा में जो प्राणप्रद शक्ति है वह दूसरों की भाषा में नहीं पाई जाती। रामचरितमानस विचार-रत्नों का भण्डार है। महात्मा गांधी
जी हाँ ,ये ऊपर लिखे सभी शब्द महात्मा गाँधी जी के कहे हुए हैं.महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता थे. 27 वर्षों के छोटे से समय में उन्होंने भारत को सदियों की दासता के अंधेरे से निकालकर आजादी के उज़ाले में पहुँचा दिया. गांधीजी की बातों का प्रभाव सम्पूर्ण मानव जाति पर हुआ था.उन के सबसे बड़े प्रशसकों में अलबर्ट आइंस्टाइन और स्वीडन के अर्थशास्त्री गुन्नार मिर्डल भी थे.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgR41dKd6MPdge5w2Hx5ZaLoO4cOG8Ui66u91Z-36gURAMj25l0KOgz9RgnuC7FuyWZPG2Dc38dbC6KXsxoQptEeWrje8EBBvJ22okYh3dE0DZqsjoXVR90JMiig4NEvwUg-OVTx4Md37wa/s320/GandhiSmriti.jpg)
Gandhi Smriti
लोग पूछते हैं कि उन्हें 'महात्मा' क्यों कहते हैं? जबकि उन्होंने ध्यान लगाने के लिए हिमालय की गुफ़ाओं में शरण नहीं ली. गाँधी जी का कहना था वह अपनी गुफ़ा अपने भीतर ही साथ लिए चलते थे, उनके लिए सच्चाई ऐसी वस्तु नहीं थी, जिसे निजी जीवन के एकांत में ढूँढा जा सके.सच्चाई तो सामजिक और राजनीतिक जीवन के चुनौतीपूर्ण क्षणों में बनाये रखने की चीज़ थी. इसीलिये शायद, भारतवासियों की नज़रों में आज भी 'महात्मा' हैं.स्वतंत्र पत्रकार देवेंद्र उपाध्याय के अनुसार महात्मा गांधी ने अपने सपनों के भारत में जिस दृष्टि की कल्पना की थी उसमें व्यापकता थी। यही कारण है कि उनके उसी दृष्टिकोण या उन्हीं विचारों को गांधीवाद की संज्ञा दी गई।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgIMQvEbRsdrfytuy7yCNXf4BJ0I0VDBP7xaKsCyDM1HIAX7OTi1tPUOecMPAoswhQH7XauSSjodxYKbVhaYZO1HDrexo8rnLTgOWkXT_gWv9YTVtrlTX6hoL7Rf6dNEFm4YRmqQEa-6ClA/s320/Gandhi-Smriti_Sculpture.jpg)
Gandhi-Smriti-Sculpture
गांधी जी के जन्म स्थान के बारे में हम यहाँ पिछले साल पहेली में पूछ और बता चुके हैं इसलिए आज इस भवन के बारे में पूछा गया.
गाँधी जी का जन्म पोरबंदर गुजरात में 2 अक्तूबर 1869 ई. को हुआ था.अविभावक करमचंद गाँधी, पुतलीबाई थे.उनकी पत्नी कस्तूरबा थीं और संताने हरिलाल, मनिलाल, रामदास, देवदास हैं.
गाँधी स्मृति [भवन / संग्रहालय] , दिल्ली :-
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj7T1gnvPsUJxISeoSkApZ8aFrLkwmn4F-QwMhhvQEOJsb1QFyufiKL79wjq-caRkTeXc2RrEZhxxOHkqOuZMxuc8n6QkYgK1730aOannJr6bWCJZFveyXTBbKpb432evubQitNb9DhUzbo/s320/Gandhi_Smriti+bhavan,Delhi.jpg)
Gandhi_Smriti bhavan,Delhi
पहेली चित्र में जो स्थान दिखाया गया था वह नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मारक है पहले यह भवन उद्योगपति घनश्याम दास बिरला का बिरला भवन या बिरला हॉउस था, इस स्थान का अधिग्रहण भारत सरकार ने १९७१ में कर लिया तथा १५ अगस्त १९७३ में गाँधी स्मृति [संग्रहालय] के रूप में जनता के लिए खोल दिया. गाँधी ने यहाँ अपने जीवन के आख़िर चार महीने बिताये थे .यहीं प्रार्थना स्थल पर जाते समय उनकी हत्या कर दी गयी थी ,उन कदमो को आप देख सकते हैं और आज एक शहीद स्तम्भ भी अब उस जगह को चिन्हित करता हैं .
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEio1x0u-dhEmDIzebFwPwU_t4UYwGYJ6-ooKR6Q7I6-6K-gE1i8Y62WZsgnXCO48rBHJN-ctgljvo6-nt4xXvCwX23c348VAu71Z4nU5VGKL3zkLSXl2yI_MFtWd6GLkxCRQw01R1QswPzl/s320/Gandhi+ji%27s+place+of+assasination+and+last+steps.jpg)
Gandhi ji's place of assasination and last steps
आने वाले पर्यटक ,गांधी जी के जीवन और मृत्यु से जुडी वस्तुएं यहाँ देख सकते हैं.उनका वह कमरा भी जहाँ उन्होंने जीवन के अंतिम १४४ दिन बिताये थे.
हर साल ३० जनवरी को, महात्मा गाँधी के पुण्यतिथि पर कई देशों के स्कूलों में अहिंसा और शान्ति का स्कूली दिन (School Day of Non-violence and Peace) मनाया जाता है .
१९८४ में इस भवन को गाँधी दर्शन समिति के साथ विलय कर दिया गया था इसलिए इसे गाँधी स्मृति और दर्शन समिति भी कहा जाता है . यहाँ गांधी जी के विचारों के प्रसार के लिए तरह के कार्यक्रम चलाये जाते हैं जैसे श्रमदान,चरखा चलाना,नियमित सुबह की प्रार्थना ,सर्वधर्म प्रार्थना सभा,भारत दर्शन,शांति सेना आदि.
यह स्थान दिल्ली में कनोट प्लेस से थोड़ी सी दूरी पर,तीस जनवरी मार्ग पर स्थित है .अधिक जानकारी के लिए यह पता है -:
Gandhi Smriti & Darshan Samiti
Rajghat , New Delhi 110002
Tel No : 91-11-3319001 , 3736267
Fax : 91-11-3011480
Email : mkgandhi@del2.vsnl.net.in
अगली पहेली संख्या ९५ दक्षिण भारत से है और यह चित्र पहेली न तो कोई पूजा स्थल है न ही कोई उद्यान .
सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.
आज के प्रथम विजेता श्री sabir*h*khan
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiFZqbWXQTwcQswXZlj1Vd5OTBYLFTdZxGPa74d9evL6-89p-wOERl2FCi5xBmwIeKx9wjei-syfN6BtzQMHWmRQYcWOHlBufPQK9Zpa-f8tZCRxRHMY_O3XeM9IFZuhfGb7Rw_R7Wd4tTr/s320/tpw94.JPG)
श्री sabir*h*khan अंक 101
![](https://lh3.googleusercontent.com/blogger_img_proxy/AEn0k_up4VCIB2JNHrFKETp4Eg1BaPQ6GZcNLI2ERy2eBN_HbjzaNtmZo0sDVbPQDvwYkjxK1XeU3cxvmdFhOurzAkgnUTOl4gpqffVAJqYs-ZAvBjhyye2te9VO8cLZ9D3ln2215qnJBBQAcPgZMTSv=s0-d)
श्री sabir*h*khan से निवेदन है कि पहेली प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिये अपना इमेल पता टिप्पणी बाक्स में छोड देंवे जिसे प्रकाशित नही किया जायेगा.
आईये अब आज के अन्य विजेताओं से आपको मिलवाते हैं.
आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री पी.सी.गोदियाल,
श्री शरद कोकास
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री काजलकुमार,
सुश्री वंदना
श्री राज भाटिया
श्री रंजन
श्री संजय भास्कर
श्री दिगम्बर नासवा
सुश्री बबली
श्री स्मार्ट इंडियन
सुश्री निर्मला कपिला
श्री उपेन्द्र कुमार सिंह
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
“स्वराज्य एक पवित्र शब्द है, वह एक वैदिक शब्द है, जिसका अर्थ आत्मशासन और आत्म संयम है। अंग्रेजी शब्द ‘इंडिपेंडेस’ अकसर सब प्रकार की मर्यादाओं से मुक्त निरंकुश आजादी का, या स्वच्छंदता का अर्थ देता है, वह अर्थ स्वराज्य शब्द में नहीं है।” महात्मा गांधी
राम-शब्द के उच्चारण से लाखों—करोड़ों हिन्दुओं पर फ़ौरन असर होगा। और 'गॉड' शब्द का अर्थ समझने पर भी उसका उन पर कोई असर न होगा। चिरकाल के प्रयोग से और उनके उपयोग के साथ संयोजित पवित्रता से शब्दों को शक्ति प्राप्त होती है। महात्मा गांधी
हिन्दी लिपी और भाषा जानना हर भारतीय का कर्तव्य है। उस भाषा का स्वरूप जानने के लिए 'रामायण' जैसी दूसरी पुस्तक शायद ही मिलेगी। महात्मा गांधी
भारत की सभ्यता की रक्षा करने में तुलसीदास ने बहुत अधिक भाग लिया है। तुलसीदास के चेतनमय रामचरितमानस के अभाव में किसानों का जीवन जड़वत और शुष्क बन जाता है - पता नहीं कैसे क्या हुआ, परन्तु यह निर्विवाद है कि तुलसीदास जी भाषा में जो प्राणप्रद शक्ति है वह दूसरों की भाषा में नहीं पाई जाती। रामचरितमानस विचार-रत्नों का भण्डार है। महात्मा गांधी
जी हाँ ,ये ऊपर लिखे सभी शब्द महात्मा गाँधी जी के कहे हुए हैं.महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता थे. 27 वर्षों के छोटे से समय में उन्होंने भारत को सदियों की दासता के अंधेरे से निकालकर आजादी के उज़ाले में पहुँचा दिया. गांधीजी की बातों का प्रभाव सम्पूर्ण मानव जाति पर हुआ था.उन के सबसे बड़े प्रशसकों में अलबर्ट आइंस्टाइन और स्वीडन के अर्थशास्त्री गुन्नार मिर्डल भी थे.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgR41dKd6MPdge5w2Hx5ZaLoO4cOG8Ui66u91Z-36gURAMj25l0KOgz9RgnuC7FuyWZPG2Dc38dbC6KXsxoQptEeWrje8EBBvJ22okYh3dE0DZqsjoXVR90JMiig4NEvwUg-OVTx4Md37wa/s320/GandhiSmriti.jpg)
लोग पूछते हैं कि उन्हें 'महात्मा' क्यों कहते हैं? जबकि उन्होंने ध्यान लगाने के लिए हिमालय की गुफ़ाओं में शरण नहीं ली. गाँधी जी का कहना था वह अपनी गुफ़ा अपने भीतर ही साथ लिए चलते थे, उनके लिए सच्चाई ऐसी वस्तु नहीं थी, जिसे निजी जीवन के एकांत में ढूँढा जा सके.सच्चाई तो सामजिक और राजनीतिक जीवन के चुनौतीपूर्ण क्षणों में बनाये रखने की चीज़ थी. इसीलिये शायद, भारतवासियों की नज़रों में आज भी 'महात्मा' हैं.स्वतंत्र पत्रकार देवेंद्र उपाध्याय के अनुसार महात्मा गांधी ने अपने सपनों के भारत में जिस दृष्टि की कल्पना की थी उसमें व्यापकता थी। यही कारण है कि उनके उसी दृष्टिकोण या उन्हीं विचारों को गांधीवाद की संज्ञा दी गई।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgIMQvEbRsdrfytuy7yCNXf4BJ0I0VDBP7xaKsCyDM1HIAX7OTi1tPUOecMPAoswhQH7XauSSjodxYKbVhaYZO1HDrexo8rnLTgOWkXT_gWv9YTVtrlTX6hoL7Rf6dNEFm4YRmqQEa-6ClA/s320/Gandhi-Smriti_Sculpture.jpg)
गांधी जी के जन्म स्थान के बारे में हम यहाँ पिछले साल पहेली में पूछ और बता चुके हैं इसलिए आज इस भवन के बारे में पूछा गया.
गाँधी जी का जन्म पोरबंदर गुजरात में 2 अक्तूबर 1869 ई. को हुआ था.अविभावक करमचंद गाँधी, पुतलीबाई थे.उनकी पत्नी कस्तूरबा थीं और संताने हरिलाल, मनिलाल, रामदास, देवदास हैं.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj7T1gnvPsUJxISeoSkApZ8aFrLkwmn4F-QwMhhvQEOJsb1QFyufiKL79wjq-caRkTeXc2RrEZhxxOHkqOuZMxuc8n6QkYgK1730aOannJr6bWCJZFveyXTBbKpb432evubQitNb9DhUzbo/s320/Gandhi_Smriti+bhavan,Delhi.jpg)
पहेली चित्र में जो स्थान दिखाया गया था वह नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मारक है पहले यह भवन उद्योगपति घनश्याम दास बिरला का बिरला भवन या बिरला हॉउस था, इस स्थान का अधिग्रहण भारत सरकार ने १९७१ में कर लिया तथा १५ अगस्त १९७३ में गाँधी स्मृति [संग्रहालय] के रूप में जनता के लिए खोल दिया. गाँधी ने यहाँ अपने जीवन के आख़िर चार महीने बिताये थे .यहीं प्रार्थना स्थल पर जाते समय उनकी हत्या कर दी गयी थी ,उन कदमो को आप देख सकते हैं और आज एक शहीद स्तम्भ भी अब उस जगह को चिन्हित करता हैं .
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEio1x0u-dhEmDIzebFwPwU_t4UYwGYJ6-ooKR6Q7I6-6K-gE1i8Y62WZsgnXCO48rBHJN-ctgljvo6-nt4xXvCwX23c348VAu71Z4nU5VGKL3zkLSXl2yI_MFtWd6GLkxCRQw01R1QswPzl/s320/Gandhi+ji%27s+place+of+assasination+and+last+steps.jpg)
आने वाले पर्यटक ,गांधी जी के जीवन और मृत्यु से जुडी वस्तुएं यहाँ देख सकते हैं.उनका वह कमरा भी जहाँ उन्होंने जीवन के अंतिम १४४ दिन बिताये थे.
हर साल ३० जनवरी को, महात्मा गाँधी के पुण्यतिथि पर कई देशों के स्कूलों में अहिंसा और शान्ति का स्कूली दिन (School Day of Non-violence and Peace) मनाया जाता है .
१९८४ में इस भवन को गाँधी दर्शन समिति के साथ विलय कर दिया गया था इसलिए इसे गाँधी स्मृति और दर्शन समिति भी कहा जाता है . यहाँ गांधी जी के विचारों के प्रसार के लिए तरह के कार्यक्रम चलाये जाते हैं जैसे श्रमदान,चरखा चलाना,नियमित सुबह की प्रार्थना ,सर्वधर्म प्रार्थना सभा,भारत दर्शन,शांति सेना आदि.
यह स्थान दिल्ली में कनोट प्लेस से थोड़ी सी दूरी पर,तीस जनवरी मार्ग पर स्थित है .अधिक जानकारी के लिए यह पता है -:
Gandhi Smriti & Darshan Samiti
Rajghat , New Delhi 110002
Tel No : 91-11-3319001 , 3736267
Fax : 91-11-3011480
Email : mkgandhi@del2.vsnl.net.in
अगली पहेली संख्या ९५ दक्षिण भारत से है और यह चित्र पहेली न तो कोई पूजा स्थल है न ही कोई उद्यान .
श्री sabir*h*khan से निवेदन है कि पहेली प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिये अपना इमेल पता टिप्पणी बाक्स में छोड देंवे जिसे प्रकाशित नही किया जायेगा.
![]() |
श्री Darshan Lal Baweja अंक 98 |
सुश्री Indu Arora अंक 97 |
![]() प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 96 |
श्री गजेंद्र सिंह अंक 95 |
|
प. अनिल जी शर्मा अंक 93 |
|
श्री आशीष मिश्रा अंक 91 |
श्री Shah Nawaz अंक 90 |
सुश्री Anju अंक 89 |
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक अंक 87 |
![]() श्री रतन सिंह शेखावत अंक 86 |
|
श्री डी. के. शर्मा “वत्स” श्री Shah Nawaz श्री रतनसिंह शेखावत श्री उडनतश्तरी श्री प्रकाश गोविंद श्री Darshan Lal Baweja सुश्री Anju अब अगले शनिवार को ताऊ पहेली में फ़िर मिलेंगे. तब तक जयराम जी की! |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री पी.सी.गोदियाल,
श्री शरद कोकास
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री काजलकुमार,
सुश्री वंदना
श्री राज भाटिया
श्री रंजन
श्री संजय भास्कर
श्री दिगम्बर नासवा
सुश्री बबली
श्री स्मार्ट इंडियन
सुश्री निर्मला कपिला
श्री उपेन्द्र कुमार सिंह
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
सभी विजेताओं को बहुत बधाई ...!
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteयोगदान!, सत्येन्द्र झा की लघुकथा, “मनोज” पर, पढिए!
खाँ साहब को शुभकामनाएं!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को ढेर सारी बधाई
ReplyDelete@रामप्यारी जी आप तो वनस्पतियों की विशेषज्ञ लग रही हैं. पता नहीं कौन कौन सी वनस्पति उठा लाती हैं.
चलो इसी बहाने हमारा भी botony का नालेज बढ़ता जा रहा है.
धन्यवाद
बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteराम प्यारी जी, आपके प्रश्न का उत्तर देने पर अंक कैसे मिलते हैं? क्या यह अंक मुख्य पहेली के अंकों में जुड़ते हैं?
साबिर खान जी को प्रथम बार प्रथम आने पर बधाई.
ReplyDeleteअन्य सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को भी बधाई .
सभी मेधासंपन्न प्रतिभागियों को बहुत-बहुत बधाईयाँ !
ReplyDeleteइस बार कठिन पहेली थी लेकिन बहुत ही उचित स्थान का चुनाव किया गया था !
गांधी के व्यक्तित्व को जितना भी हम जानें कम ही है
-
रामप्यारी के सवाल का जवाब हिंट के बिना देना बहुत मुश्किल था !
-
-
बहुत कसकर जोर लगाया ...तंत्र-मंत्र किया तब कहीं इस बार समीर जी से बच गया, लेकिन इस बार खान साहब ने लंगड़ी मार दी :)
सभी विजेताओं को बधाई. गाँधी जी पर सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDelete@ Shah Nawaz uncle
ReplyDeleteमेरे सवाल के नंबर मुख्य पहेली के साथ जुड जाते हैं. इसलिये ध्यान रखें और मेरे सवाल का जवाब अवश्य देवें.
-सबकी प्यारी रामप्यारी
दिल्ली का तो हमने भी बताया था।
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई।
सभी विजेताओं को बहुत बधाई ...!खाँ साहब को बहुत बहुत शुभकामनाएं
ReplyDelete@ वन्दना जी
ReplyDeleteआपने गांधी आश्रम दिल्ली बताया है जबकि पहेली वाली जगह को गांधी आश्रम नही कहते हैं.
गांधी आश्रम एक सरकारी दुकान है जहां खादी और ग्रामोद्योग की वस्तुयें बिकती हैं. इसकी एक दुकान कनाट पलेस में भी है और सरोजिनी नगर में हैड आफ़िस है.
पहेली वाली जगह को गांधी स्म्रूति/ गांधी स्म्रूति म्युजियम कहते हैं.
रामराम.
सभी विजेताओं को बहुत बधाई ...!
ReplyDeleteदर्शन बवेजा
ब्लाग जगत मे नया हूँ :)
सभी को बहुत बहुत बधाई!!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को ढेर सारी बधाई
ReplyDelete-@ प्रकाश भाई:
अब समझ आया कि तंत्र मंत्र का जोर था कि मुझे इतनी देर से याद आ पाया. :)
सभी विजेताओं को बहुत बधाई ...!
ReplyDeleteram ram...........................................................................................................................................................................................................
ReplyDeleteपहेली परीक्षक कृपया मूल्यांकन के समय उदारता का परिचय दें ! जो भी प्रतियोगी अपने जवाब में दिल्ली के आस-पास भी पहुँच गया हो, उसे उत्तीर्ण करने की कृपा करें !
ReplyDeleteसभी को बधाई ताऊ जी समेत,विजेताओ को डबल बधाई
ReplyDeleteप्रकाश गोविन्द की बात से एक दम सहमत...मैं तो दिल्ली में ही रहता हूं (पहुंचने की तो बात ही बहुत दूर है) इस हिसाब से मेरे कुछ नंबर बनते हैं :-)
ReplyDeleteबहरहाल, सभी विजेताओं को ढेरों बधाइयां.
सभी को बहुत बहुत बधाई!!
ReplyDeleteसभी को बहुत बहुत बधाई!!
ReplyDeletevery good taau darling
ReplyDeleteगांधी स्मारक भवन के चित्र देखकर अपने युनिवर्सिटी के दिन याद आगये जब पहली बार इस स्मारक भवन में गान्धी जी की स्मृति को नमन करने गए थे ।
ReplyDeleteबहुत अच्छा अंक है यह ।
विजेताओं को बधाई ...
ReplyDelete