ताऊ पहेली - 94 Gandhi Smriti/ Gandhi Smriti Museum, New Delhi विजेता : श्री sabir*h*khan

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 94 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Gandhi Smriti/ Gandhi Smriti Museum, New Delhi

और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.


आप सभी को मेरा नमस्कार,

पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भित जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.

आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.


“स्‍वराज्‍य एक पवित्र शब्‍द है, वह एक वैदिक शब्‍द है, जिसका अर्थ आत्‍मशासन और आत्‍म संयम है। अंग्रेजी शब्‍द ‘इंडिपेंडेस’ अकसर सब प्रकार की मर्यादाओं से मुक्‍त निरंकुश आजादी का, या स्‍वच्‍छंदता का अर्थ देता है, वह अर्थ स्‍वराज्‍य शब्‍द में नहीं है।” महात्मा गांधी

राम-शब्द के उच्चारण से लाखों—करोड़ों हिन्दुओं पर फ़ौरन असर होगा। और 'गॉड' शब्द का अर्थ समझने पर भी उसका उन पर कोई असर न होगा। चिरकाल के प्रयोग से और उनके उपयोग के साथ संयोजित पवित्रता से शब्दों को शक्ति प्राप्त होती है। महात्मा गांधी

हिन्दी लिपी और भाषा जानना हर भारतीय का कर्तव्य है। उस भाषा का स्वरूप जानने के लिए 'रामायण' जैसी दूसरी पुस्तक शायद ही मिलेगी। महात्मा गांधी

भारत की सभ्यता की रक्षा करने में तुलसीदास ने बहुत अधिक भाग लिया है। तुलसीदास के चेतनमय रामचरितमानस के अभाव में किसानों का जीवन जड़वत और शुष्क बन जाता है - पता नहीं कैसे क्या हुआ, परन्तु यह निर्विवाद है कि तुलसीदास जी भाषा में जो प्राणप्रद शक्ति है वह दूसरों की भाषा में नहीं पाई जाती। रामचरितमानस विचार-रत्नों का भण्डार है। महात्मा गांधी

जी हाँ ,ये ऊपर लिखे सभी शब्द महात्मा गाँधी जी के कहे हुए हैं.महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता थे. 27 वर्षों के छोटे से समय में उन्होंने भारत को सदियों की दासता के अंधेरे से निकालकर आजादी के उज़ाले में पहुँचा दिया. गांधीजी की बातों का प्रभाव सम्पूर्ण मानव जाति पर हुआ था.उन के सबसे बड़े प्रशसकों में अलबर्ट आइंस्टाइन और स्वीडन के अर्थशास्त्री गुन्नार मिर्डल भी थे.

Gandhi Smriti


लोग पूछते हैं कि उन्हें 'महात्मा' क्यों कहते हैं? जबकि उन्होंने ध्यान लगाने के लिए हिमालय की गुफ़ाओं में शरण नहीं ली. गाँधी जी का कहना था वह अपनी गुफ़ा अपने भीतर ही साथ लिए चलते थे, उनके लिए सच्चाई ऐसी वस्तु नहीं थी, जिसे निजी जीवन के एकांत में ढूँढा जा सके.सच्चाई तो सामजिक और राजनीतिक जीवन के चुनौतीपूर्ण क्षणों में बनाये रखने की चीज़ थी. इसीलिये शायद, भारतवासियों की नज़रों में आज भी 'महात्मा' हैं.स्‍वतंत्र पत्रकार देवेंद्र उपाध्‍याय के अनुसार महात्‍मा गांधी ने अपने सपनों के भारत में जिस दृष्टि की कल्‍पना की थी उसमें व्‍यापकता थी। यही कारण है कि उनके उसी दृष्टिकोण या उन्‍हीं विचारों को गांधीवाद की संज्ञा दी गई।

Gandhi-Smriti-Sculpture



गांधी जी के जन्म स्थान के बारे में हम यहाँ पिछले साल पहेली में पूछ और बता चुके हैं इसलिए आज इस भवन के बारे में पूछा गया.

गाँधी जी का जन्म पोरबंदर गुजरात में 2 अक्तूबर 1869 ई. को हुआ था.अविभावक करमचंद गाँधी, पुतलीबाई थे.उनकी पत्नी कस्तूरबा थीं और संताने हरिलाल, मनिलाल, रामदास, देवदास हैं.

गाँधी स्मृति [भवन / संग्रहालय] , दिल्ली :-


Gandhi_Smriti bhavan,Delhi


पहेली चित्र में जो स्थान दिखाया गया था वह नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मारक है पहले यह भवन उद्योगपति घनश्याम दास बिरला का बिरला भवन या बिरला हॉउस था, इस स्थान का अधिग्रहण भारत सरकार ने १९७१ में कर लिया तथा १५ अगस्त १९७३ में गाँधी स्मृति [संग्रहालय] के रूप में जनता के लिए खोल दिया. गाँधी ने यहाँ अपने जीवन के आख़िर चार महीने बिताये थे .यहीं प्रार्थना स्थल पर जाते समय उनकी हत्या कर दी गयी थी ,उन कदमो को आप देख सकते हैं और आज एक शहीद स्तम्भ भी अब उस जगह को चिन्हित करता हैं .

Gandhi ji's place of assasination and last steps


आने वाले पर्यटक ,गांधी जी के जीवन और मृत्यु से जुडी वस्तुएं यहाँ देख सकते हैं.उनका वह कमरा भी जहाँ उन्होंने जीवन के अंतिम १४४ दिन बिताये थे.

हर साल ३० जनवरी को, महात्मा गाँधी के पुण्यतिथि पर कई देशों के स्कूलों में अहिंसा और शान्ति का स्कूली दिन (School Day of Non-violence and Peace) मनाया जाता है .

१९८४ में इस भवन को गाँधी दर्शन समिति के साथ विलय कर दिया गया था इसलिए इसे गाँधी स्मृति और दर्शन समिति भी कहा जाता है . यहाँ गांधी जी के विचारों के प्रसार के लिए तरह के कार्यक्रम चलाये जाते हैं जैसे श्रमदान,चरखा चलाना,नियमित सुबह की प्रार्थना ,सर्वधर्म प्रार्थना सभा,भारत दर्शन,शांति सेना आदि.

यह स्थान दिल्ली में कनोट प्लेस से थोड़ी सी दूरी पर,तीस जनवरी मार्ग पर स्थित है .अधिक जानकारी के लिए यह पता है -:

Gandhi Smriti & Darshan Samiti
Rajghat , New Delhi 110002
Tel No : 91-11-3319001 , 3736267
Fax : 91-11-3011480
Email : mkgandhi@del2.vsnl.net.in

अगली पहेली संख्या ९५ दक्षिण भारत से है और यह चित्र पहेली न तो कोई पूजा स्थल है न ही कोई उद्यान .



आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.



सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.

आज के प्रथम विजेता श्री sabir*h*khan

श्री sabir*h*khan अंक 101



श्री sabir*h*khan से निवेदन है कि पहेली प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिये अपना इमेल पता टिप्पणी बाक्स में छोड देंवे जिसे प्रकाशित नही किया जायेगा.

आईये अब आज के अन्य विजेताओं से आपको मिलवाते हैं.


ajju5

Dr.Ajmal Khan अंक 100

 

श्री प्रकाश गोविंद अंक 99

darshan-baweja

श्री Darshan Lal Baweja अंक 98

indu-arora

सुश्री Indu Arora अंक 97

 

प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 96

gajendra singh

श्री गजेंद्र सिंह अंक 95

 

OSHO

श्री ओशो रजनीश अंक 94

anil (1)

प. अनिल जी शर्मा अंक 93

bantichor श्री बंटी चोर अंक 92

ashish-mishra

श्री आशीष मिश्रा अंक 91

shahnawaj

श्री Shah Nawaz अंक 90

anju

सुश्री Anju अंक 89


श्री Akki अंक 88

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक अंक 87

 

श्री रतन सिंह शेखावत अंक 86

 

श्री उडनतश्तरी अंक 85



आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में





हाय गुड मार्निंग एवरीबड्डी... मेरे सवाल का सही जवाब है : ello vera, एल्लोवेरा, एलायवेरा, ग्वारपाठा या घृतकुमारी का पौधा है जिस पर फ़ूल की डंडियां निकल आई हैं. निम्न सभी प्रतिभागियों को सवाल का सही जवाब देने के लिये 20 नंबर दिये हैं सभी को बधाई.






श्री डी. के. शर्मा “वत्स”
श्री Shah Nawaz
श्री रतनसिंह शेखावत
श्री उडनतश्तरी
श्री प्रकाश गोविंद
श्री Darshan Lal Baweja
सुश्री Anju

अब अगले शनिवार को ताऊ पहेली में फ़िर मिलेंगे. तब तक जयराम जी की!

अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

श्री पी.सी.गोदियाल,
श्री शरद कोकास
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री काजलकुमार,
सुश्री वंदना
श्री राज भाटिया
श्री रंजन
श्री संजय भास्कर
श्री दिगम्बर नासवा
सुश्री बबली
श्री स्मार्ट इंडियन
सुश्री निर्मला कपिला
श्री उपेन्द्र कुमार सिंह

अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !

ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.

Comments

  1. सभी विजेताओं को बहुत बधाई ...!

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  2. विजेताओं को बधाई। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
    योगदान!, सत्येन्द्र झा की लघुकथा, “मनोज” पर, पढिए!

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  3. खाँ साहब को शुभकामनाएं!

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  4. सभी विजेताओं को ढेर सारी बधाई
    @रामप्यारी जी आप तो वनस्पतियों की विशेषज्ञ लग रही हैं. पता नहीं कौन कौन सी वनस्पति उठा लाती हैं.
    चलो इसी बहाने हमारा भी botony का नालेज बढ़ता जा रहा है.
    धन्यवाद

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  5. बहुत-बहुत बधाई!

    राम प्यारी जी, आपके प्रश्न का उत्तर देने पर अंक कैसे मिलते हैं? क्या यह अंक मुख्य पहेली के अंकों में जुड़ते हैं?

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  6. साबिर खान जी को प्रथम बार प्रथम आने पर बधाई.
    अन्य सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को भी बधाई .

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  7. सभी मेधासंपन्न प्रतिभागियों को बहुत-बहुत बधाईयाँ !
    इस बार कठिन पहेली थी लेकिन बहुत ही उचित स्थान का चुनाव किया गया था !
    गांधी के व्यक्तित्व को जितना भी हम जानें कम ही है
    -
    रामप्यारी के सवाल का जवाब हिंट के बिना देना बहुत मुश्किल था !
    -
    -
    बहुत कसकर जोर लगाया ...तंत्र-मंत्र किया तब कहीं इस बार समीर जी से बच गया, लेकिन इस बार खान साहब ने लंगड़ी मार दी :)

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  8. सभी विजेताओं को बधाई. गाँधी जी पर सुन्दर प्रस्तुति.

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  9. @ Shah Nawaz uncle

    मेरे सवाल के नंबर मुख्य पहेली के साथ जुड जाते हैं. इसलिये ध्यान रखें और मेरे सवाल का जवाब अवश्य देवें.

    -सबकी प्यारी रामप्यारी

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  10. दिल्ली का तो हमने भी बताया था।
    विजेताओं को बधाई।

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  11. सभी विजेताओं को बहुत बधाई ...!खाँ साहब को बहुत बहुत शुभकामनाएं

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  12. @ वन्दना जी
    आपने गांधी आश्रम दिल्ली बताया है जबकि पहेली वाली जगह को गांधी आश्रम नही कहते हैं.

    गांधी आश्रम एक सरकारी दुकान है जहां खादी और ग्रामोद्योग की वस्तुयें बिकती हैं. इसकी एक दुकान कनाट पलेस में भी है और सरोजिनी नगर में हैड आफ़िस है.

    पहेली वाली जगह को गांधी स्म्रूति/ गांधी स्म्रूति म्युजियम कहते हैं.

    रामराम.

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  13. सभी विजेताओं को बहुत बधाई ...!
    दर्शन बवेजा
    ब्लाग जगत मे नया हूँ :)

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  14. सभी को बहुत बहुत बधाई!!

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  15. सभी विजेताओं को ढेर सारी बधाई

    -@ प्रकाश भाई:

    अब समझ आया कि तंत्र मंत्र का जोर था कि मुझे इतनी देर से याद आ पाया. :)

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  16. ram ram...........................................................................................................................................................................................................

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  17. पहेली परीक्षक कृपया मूल्यांकन के समय उदारता का परिचय दें ! जो भी प्रतियोगी अपने जवाब में दिल्ली के आस-पास भी पहुँच गया हो, उसे उत्तीर्ण करने की कृपा करें !

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  18. सभी को बधाई ताऊ जी समेत,विजेताओ को डबल बधाई

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  19. प्रकाश गोविन्द की बात से एक दम सहमत...मैं तो दिल्ली में ही रहता हूं (पहुंचने की तो बात ही बहुत दूर है) इस हिसाब से मेरे कुछ नंबर बनते हैं :-)
    बहरहाल, सभी विजेताओं को ढेरों बधाइयां.

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  20. सभी को बहुत बहुत बधाई!!

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  21. सभी को बहुत बहुत बधाई!!

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  22. गांधी स्मारक भवन के चित्र देखकर अपने युनिवर्सिटी के दिन याद आगये जब पहली बार इस स्मारक भवन में गान्धी जी की स्मृति को नमन करने गए थे ।
    बहुत अच्छा अंक है यह ।

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  23. विजेताओं को बधाई ...

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