ताऊ की 500 सौवीं पोस्ट के उपलक्ष्य मे कवि सम्मेलन व मुशायरा

आदरणीय ब्लागर गणों, मैं रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" आप सभी का अभिनंदन करता हूं. और मुझे यह घोषणा करते हुये अपार हर्ष होरहा है कि ताऊ की आज की यह पोस्ट 500 सौ वीं पोस्ट है.

इस उपलक्ष में ताऊ के भतीजे श्री ललित शर्मा जी ने एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया जो कि सुबह के सत्र मे हुआ. जहां अनेक गणमान्य दोस्तों ने अपनी रचनाएं पढी.

अन्य रचना कारों की कविताओं का आनंद आप आने वाले दिनों मे लेते रहेंगे.

शाम के सत्र मे मुशायरे का आयोजन हुआ जिसमे महान गजलकारा मिस समीरा टेढी जी ने अपने गजल गायन से सभी को अभीभूत कर लिया.

अब मैं आपको सीधे ताऊ थियेटर में ले चलता हूं. जहां पर श्री ललित शर्मा जी अपनी रचना प्रस्तुत करने जा रहे है. तो आईये अब सीधे ताऊ थियेटर में आज का प्रोग्राम देखने चलते हैं. उम्मीद है आपको बहुत पसंद आयेगा.

कार्यक्रम के लिये सजा धजा ताऊ थियेटर


यह दोनों ही कार्यक्रम ताऊ थियेटर्स के सजे धजे हाल में संपन्न हुये. तो अब मैं आमंत्रित करता हूं श्री ललित शर्माजी को. वो आयें और अपनी रचना सुनायें.

बायें से श्री पंकज मिश्रा, माईक पर श्री ललित शर्मा, श्री अरविंद मिश्र, गजल साम्राज्ञि मिस. समीरा टेढी और श्री बी.एस. पाबला


बहणों और भाईयो, यह अत्यंत खुशी का मौका है और अब मैं इस अवसर पर ताऊ वंदना से इस कार्यक्रम की शुरुआत करता हूं.

ताऊ वंदना


ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें
हास्य व्यंग के तुम हो रसिया हास्य रस की भेंट धरें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥

गुण के आगर हास्य के सागर टिप्पणी के भंडार भरें
बांट बांट के सबको खुशियां जगती का क्ल्याण करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥

बीनू फ़िरंगी औ रामप्यारे जी तेरे कारज सिद्ध करें
रमलू सियार औ रामप्यारी भी शरण तेरी हैं आन परें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥

जब जब भीर पडे भक्तों पर हीरामन आय सहाय करें
ज्योतिष पढके भाग्य बांचके नित तेरा ही ध्यान धरें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥

चंपाकली तुझको देकर के राजा भोज नित मगन रहें
दौडे दौडे अकबर आकर अनारकली तेरी शरण करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥

मिस. समीरा टेढी ढिंग तेरे बैठी भक्तन का उद्धार करें
खुल्ले हाथ से बांटने टिप्पणी ब्लागवुड का भ्रमण करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥

हास्य भेद पढके तेरे द्वारे सकल भुवन में राज करें
मोरे ताऊ देवा, तु ताऊ देवा सकल सिद्ध सब काज करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥


इसके बाद अन्य महानुभावों ने अपनी रचनाये प्रस्तुत की. जिन्हे आगामी दिनों मे आप पढ पायेंगे. और शाम के सत्र मे मुशायरे का आयोजन हुआ, जिसकी मुख्य आकर्षण रही मिस. समीरा टेढी.

(बांये से) गजल सुनाते हुये मशहूर गजलकारा मिस. समीरा टेढी, श्री अजयकुमार झा, श्री अविनाश वाचस्पति, श्री खुशदीप सहगल, श्री ललित शर्मा, श्री जी. के. अवधिया, श्री महेंद्र मिश्र और श्री राज भाटिया


तो अब हम आमंत्रित करते हैं गज़ल सम्राज्ञि- गज़ल की व्याकरण की अद्भुत जानकार, मिस. समीर टेढी को :


साथियों, आप सबको मिस. समीरा टेढी का सलाम.

मैं कोई गज़ल की ज्ञाता नहीं. जो कुछ सीखा है, यहीं से सीखा है, इसलिए यहीं लुटा दे रही हूँ. अब मैं
आपको अपनी गज़ल बहर, बहर है बहरे मुतदारिक मुसमन मकतूअ:
२२ २२ २२ २२
फालुन फालुन फालुन फालुन में प्रस्तुत कर रही हूँ,
इस गज़ल में मैने ७ शेरों को बुना है, कृप्या गौर फरमाये-तरर्नुम की बहुत फरमाईश न करियेगा, आज जरा गला खराब है :


हंसता और हंसाता ताऊ
लट्ठ रहा बरसाता ताऊ

कठिन पहेली सबको देकर
घर जाकर सो जाता ताऊ

जगह नई दिखलाकर सबका
ज्ञान रहा बढ़वाता ताऊ.

होली में जब रंग लगाया
छिप कर के शरमाता ताऊ

दुनिया भर में लफड़ा करता
ताई से डर जाता ताऊ.

रामप्यारी को ले संग में
खेल रहा खिलवाता ताऊ.

गाली बक दो या दुत्कारो
सबसे प्यार जताता ताऊ.


-मिस समीरा टेढी.


और अंत में आप सभी का हार्दिक आभार. (कार्यक्रम का बाकी हिस्सा आगामी पोस्टों में जारी रहेगा. अगली पोस्ट मे श्री अजयकुमार झा जी का काव्य पाठ होगा )

ताऊ पहेली - 67 (काला राम मंदिर नाशिक) : विजेता श्री प्रकाश गोविंद

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 67 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है 'कालाराम मंदिर' नासिक (महाराष्ट्र)

और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.

आप सभी को मेरा नमस्कार,

पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.

आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.

नाशिक [महाराष्ट्र ] -:

गोदावरी नदी के तट पर स्थित यह नगर हिन्दू तीर्थ यात्रियों के लिए प्रमुख है.महाराष्ट्र राज्य में यह शहर मुम्बई से १५० किमी और पुणे से २०५ किमी दूर है.पुराणों के अनुसार यह वह पावन धरती है जहां भगवान राम, सीता और रामानुज के पतितपावन चरण पडे हैं राम घाट पर कहते हैं स्वय भगवान राम ने डुबकी लगाई थी.

यहाँ बहुत से सुंदर मंदिर और घाट हैं,त्योहारों के समय बहुत रौनक रहती है.अंगूर और सतंरों के मामले में नासिक हिन्दुस्तान का सबसे बडा केन्द्र बताया जाता है.

नाशिक शक्तिशाली सातवाहन वंश के राजाओं की राजधानी थी. मुगल काल में इस शहर को गुलशनबाद के नाम से जाना जाता था.डॉ. अम्बेडकर ने १९३२ में नाशिक में अस्पृश्यता आंदोलन और जन आंदोलन चलाया था.
बारह साल में चार बार लगने वाला कुंभ मेला यहाँ का मुख्य आकर्षण है.भारत में यह धार्मिक मेला चार जगहों[ नाशिक, इलाहाबाद, उज्जैन और हरिद्वार ]पर लगता है.श्रीराम के चरणों से पावन हुई यह पवित्र भूमि कुंभ नगरी भी कहलाती है.

काला राममंदिर नाशिक (महाराष्ट्र)


नाशिक में 'कालाराम मंदिर' के अतिरिक्त अन्य मुख्य दर्शनीय स्थल-

१-पंचवटी [काला राम मंदिर से आगे गोदावरी तट से लगभग आधा मील पर) एक वटवृक्ष है. इसी स्थान को लोग पंचवटी कहते हैं].पवित्र पौराणिक नदी गोदावरी का उद्गम तो त्र्यंबक के पास है; किंतु यात्री पंचवटी में गोदावरी-स्नान करते हैं.

रामकुंड, सीताकुंड, लक्ष्मणकुंड, धनुषकुंड यहां के प्रसिद्ध तीर्थ हैं। स्नान का मुख्य स्थान रामकुंड है . रामकुंड में शुक्लतीर्थ माना जाता है,रामकुंड के पास स्थित गोमुख से अरुणा की धारा गोदावरी में गिरती है. इसे अरुणा-संगम कहते हैं . इसके पास सूर्य, चंद्र तथा अश्विनी तीर्थ हैं। यहां यात्री मुंडन कराके पितृश्राद्ध करते हैं .रामकुंड के दक्षिण में पास ही अस्थिविलय तीर्थ है, वहां मृतपुरुषों की अस्थियां डाली जाती हैं. रामकुंड के उत्तर में ही प्रयाग तीर्थ माना जाता है.

रामकुंड के पीछे सीताकुंड है, उसे अहिल्याकुंड और शाङ्र्गंपाणि कुंड भी कहते हैं। उसके दक्षिण दो मुखवाले हनुमान (अग्निदेव) की प्रतिमा है और सामने हनुमान् कुंड है. आगे दशाश्वमेध तीर्थ है.नारोशंकर मंदिर के सामने गोदावरी में रामगया कुंड है. कहा जाता है यहां भगवान श्रीराम ने श्राद्ध किया था.

२-सीता गुफा -पंचवटी में ही है,इसके भूगर्भ के कमरे में सीढ़ियों से जाने पर राम-लक्ष्मण-सीता की छोटी मूर्तियां मिलती हैं.

३-सुंदरनारायण

४-मोदाकेश्वर गणेश मंदिर

५ -शिरडी[नासिक से लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर साईबाबा का धाम है.]

६-देवमंदिर

७-कपालेश्वर[शिव मंदिर]

८-शारदा चंद्रमौलीश्वर,रामेश्वर,तपोवन आदि.-

कालाराम मंदिर -:

आईये अब बात करते हैं चौदह कला परिपूर्ण भगवान श्री राम के कालाराम मंदिर की जहाँ की तस्वीर हमने आप को मुख्य पहेली में दिखाई थी.

नासिक में प्रभु श्रीराम के कई मंदिर हैं जैसे कालाराम, गोराराम, मुठे का राम, यहाँ तक कि महिलाओं के लिए विशेषराम आदि, परंतु इन सभी में 'कालाराम' की अपनी ही विशेषता है, ये मंदिर ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से महत्व रखता ही है.



यह मंदिर गोदावरी से लगभग दो फर्लांग पर पंचवटी बस्ती में है. इसमें श्रीराम-लक्ष्मण-सीता की मूर्तियां हैं.

ऐसा सुना गया है कि यह मंदिर पर्णकुटी के स्थान पर बनाया गया है, जहाँ पूर्व में नाथपंथी साधु निवास करते थे.एक बार इन साधुओं को अरुणा-वरुणा नदियों पर प्रभु राम की मूर्ति प्राप्त हुई और उन्होंने इसे लकड़ी के मंदिर में विराजित किया ,उसके बाद सन् १७९४ में रामसहेज से लाये काले पाषाणों से नागर शैली में इसका निर्माण पेशवा के सरदार रंगराव ओढ़ेकर ने मातोश्री गोपिकाबाई के कहने पर पर इस मंदिर को बनवाया . उस समय इस मंदिर निर्माण में 23 लाख का खर्च अनुमानित बताया जाता है,२००० शिल्पकारों ने इसे १२ साल में पूरा किया था.

मंदिर में जो प्रभु श्रीराम की मूर्ति है वह काले पाषाण से बनी हुई है, इसलिए इसे 'कालाराम' कहा जाता है.
74 मीटर लंबा और 32 मीटर चौड़े इस मंदिर की चारों दिशाओं में चार दरवाजे हैं, इस मंदिर के कलश तक की ऊँचाई 69 फीट है तथा कलश 32 टन शुद्ध सोने से निर्मित किया हुआ है.भव्य सभामंडप की ऊँचाई 12 फीट है और यहाँ चालीस खंभे है तथा यहाँ के मंदिर में विराजे हनुमान जी प्रभु श्रीराम के चरणों की ओर देखते हुए लगते हैं.

काला राममंदिर का सोने से निर्मित कलश


इस मंदिर की बनावट त्र्यंबक शिव मंदिर से मिलती जुलती है इसीलिये कई प्रतिभागी इसे पहचानने में गलती कर गए.लेकिन पहेली ६६ की जवाबी पोस्ट में दिए गए संकेत 'राम मंदिर ' की तरफ ध्यान नहीं दिए जाने के कारण सही जवाब पहुँचने में उन्हें मुश्किलें भी आयीं.

इसकी विडियो आप यहाँ देख सकते हैं.

http://videos.mywebdunia.com/webdunia/hindi/religiousjourney/video-123330215074553.html

कैसे पहुंचे-

मुम्बई से वायु मार्ग द्वारा नासिक पहुँच सकते हैं.

मुम्बई से आने जाने वाली रेलें नासिक होते हुए जाती हैं इसलिए यह मार्ग भी सरल है.

सड़क द्वारा मुम्बई आगरा मार्ग से होते हुए भी आप नासिक पहुँच सकते हैं और स्थानीय परिवहन .राज्य परिवहन प्राइवेट
बसें भी मुम्बई या पुणे से नासिक जाती हैं.

कहाँ ठहरें - पर्यटकों के लिए रहने के लिए सरकारी और प्राइवेट बहुत से गेस्ट हाउस और धर्मशाला की सुविधा दी जाती है.

अधिक जानकारी के लिए -http://www.nashik.nic.in/

अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.

आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.

pg67-1

श्री प्रकाश गोविंद   अंक 101

श्री उडनतश्तरी अंक 100

श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 99

श्री विवेक रस्तोगी अंक 98

सुश्री बबली अंक 97


श्री Chandra Prakash अंक 96

seema-gupta-2

सुश्री सीमा गुप्ता अंक  95

प. श्री.  डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 94

masharma

सुश्री M A Sharma “सेहर” अंक 93

श्री संजय बेंगाणी अंक 92

डॉ. मनोज मिश्र अंक 91


श्री दिगम्बर नासवा अंक 90

श्री रंजन अंक 89

श्री अभिषेक ओझा अंक 88



छपते छपते :- श्री अविनाश वाचस्पति का बिल्कुल सही जवाब आया है. आपको 50 अंक दिये गये हैं.

अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

 

बेचैन आत्मा

श्री दिलीप कवठेकर

श्री अनिल पूसदकर

श्री संजय भास्कर

श्री पी.सी.गोदियाल,

सुश्री Chhaya Agrawal (Mittal)

डा. श्री महेश सिन्हा

श्री योगिंद्र मोदगिल

श्री नरेश सिंह राठौड

श्री राज भाटिया

श्री रामकृष्ण गौतम

श्री नीरज गोस्वामी

डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,

सुश्री हरकीरत ’हीर’

श्री ललित शर्मा

श्री सुशील कुमार छौंक्कर

अनामिका की सदायें


अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा, मंगलवार और शुक्रवार की पहेली मे शाम 6:00 बजे ताऊजी डाट काम पर आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !

ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.

ताऊ पहेली - 67

प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 67 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.

विनम्र विवेदन

कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.

हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?

कौन सा मंदिर है? और कहां है?

ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे

अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-

टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.

इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु,अल्पना वर्मा


नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.


मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग ताऊजी डाट काम

वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में रचनाओं का प्रकाशन कल से

प्रिय ब्लागर मित्रगणों

वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता 2010 मे चयनित की गई रचनाओं का प्रकाशन कल 24 मार्च 2010 सुबह 4:44 AM से ताऊजी डाट काम पर शुरु हो रहा है.

आप लोगों की काफ़ी संख्या में प्रविष्टियां हमें प्राप्त हुई हई हैं. चयनित रचनाओं की सूचना रचनाकारों को व्यक्तिगत रुप से भेज दी गई है.

आपसे निवेदन है कि जिन रचनाकारों ने अपना परिचय एवम फ़ोटो नही भेजा है वो शीघ्रातिशीघ्र अपना फ़ोटो, संक्षिप्त परिचय और ब्लाग लिंक अवश्य भिजवायें ताकि रचना के साथ प्रकाशित किया जा सके.

कल यानि 24 मार्च 2010 को ताऊजी डाट काम सुबह 4:44 AM पर पढिये श्री ललित शर्मा की चयनित रचना...

लेखक का परिचय :-
नाम-ललित शर्मा
शिक्षा- स्नातकोत्तर उपाधि
उम्र- 41 वर्ष
व्यवसाय- शिक्षाविद,लेखन, अध्यन,
आरंभ--पत्रकारिता से
शौक-शुटिंग (रायफ़ल एव पिस्टल), पेंटिंग(वाटर कलर, आईल, एक्रेलिक कलर, वैक्स इत्यादि से,)
भ्रमण, देशाटन लगभग सम्पुर्ण भारत का (लेह लद्दाख को छोड़ कर)
स्थान-अभनपुर जिला रायपुर (छ.ग.) पिन-493661


वेलेन्टाईन डे पर रांझे का प्रेम पत्र हीर के नाम!!!

प्रिय, हीर

आशा है कि तुम कु्शल होगी............

शेष ताऊजी डाट काम पर कल सुबह 4:44 AM पर पढिये.

ताऊ पहेली - 66 : (मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर) विजेता उडनतश्तरी

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 66 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर (बिहार).

और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.

आप सभी को मेरा नमस्कार,

पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.

आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.


मुंडेश्वरी मंदिर


संसार में सबसे प्राचीन जीवंत हिन्दू मंदिर कौन सा है?
मुंडेश्वरी मंदिर??
भारत में सबसे प्राचीन पूर्ण जीवंत हिन्दू मंदिर कौन सा है?
मुंडेश्वरी मंदिर?

जब भी ये सवाल उठा है तब कई जवाब सामने आये हैं जबकि आकिर्योलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने माना है कि इतिहास के मद्देनजर यह भारत देश का सबसे पुराना मंदिर है.

भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित इस मंदिर के पुरुत्थान के लिए योजनायें बन रही है.यूनेस्को की लिस्ट में भी शामिल करवाने के प्रयास जारी हैं.इस मंदिर के बारे में मैं यहाँ संक्षेप में जानकारी दे रही हूँ.
अधिक जानकारी आप इस की साईट पर जा कर भी ले सकते हैं.http://mundeshwarimandir.org/history.html

मुंडेश्वरी देवी का यह मंदिर बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर अंचल में पवरा पहाड़ी पर 608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.

मुंडेश्वरी देवी


कैमूर जिले का नाम सुन कर आप को भी याद आ गया होगा जी हाँ ,यह वही कैमूर जिला है जहाँ हरशुब्रह्म धाम में हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष के प्रारंभ होते ही नवरात्र के अवसर पर कथित तौर पर भूतों की अदालत लगती है और कुछ लोग कथित भूतों, डायनों और चुडैलों से मुक्ति दिलाते हैं.अब इस में क्या सच्चाई है हम नहीं जानते.

चलिए आप को इस देवी मंदिर के बारेमें बताते हैं .
स्थापना कब और किस ने करवाई -पुरातत्व विभाग को यहाँ ब्राह्मी लिपि में लिखित जो शिलालेख और श्रीलंका के महाराजा दुतगामनी की राजकीय मुद्रा मिली थीं. जिन पर किये ताज़ा पुरातात्विक शोधों के आधार पर इसे कुषाण युग में हुविश्क के शासनकाल में सन्‌ 108 ईस्वी में उत्कीर्ण माना जा रहा है.किस ने बनवाया यह ज्ञात नहीं है.
इस मंदिर के आस पास अवशेषों में कई अन्य भगवानो की मूर्तियाँ आदि भी मिली हैं.मुख्यत देवी मुंडेश्वरी की पूजा होती है.यहाँ शिव और पार्वती की पूजा होते रहने के भी प्रमाण मिले हैं.

कुछ और रोचक तथ्य -


१-यहाँ एक चतुर्मुखी शिवलिंग है ,कहते हैं इसका रंग सुबह, दोपहर और शाम में अलग अलग दिखता है.

२-यहाँ बकरे की बलि नहीं दी जाती बल्कि बकरे को देवी के सामने लाया जाता है.उसपर मन्त्र वाले चावल पुजारी छिडकता है जिस से वह बेहोश हो जाता है और फिर उसे बाहर छोड़ दिया जाता है.

३-सालों बाद यहां तांडुलम भोग [चावल का भोग] और वितरण की परंपरा पुन: शुरू हो गई है.माना जाता है कि 108 ईस्वी में यहां यह परंपरा जारी थी.

४- यहां का अष्टाकार गर्भगृह तब से अब तक कायम है.

५- जानकार मानते हैं कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और नेपाल के कपिलवस्तु का रूट मुंडेश्वरी मंदिर से जुड़ा था.

६ -वैष्णो देवी की तर्ज पर इस मंदिर का विकास किये जाने की योजनायें राज्य सरकार ने बनाई हैं.

७-इस मंदिर का संरक्षक एक मुस्लिम है.

मुंडेश्वरी मंदिर की प्राचीनता का महत्व इस दृष्टि से और अधिक है कि यहां पर पूजा की परंपरा १९०० सालों से अविच्छिन्न रही है और आज भी यह मंदिर पूरी तरह जीवंत है.

--------------------------------------------------------------------------------
आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ यह एक क्लू दिए चलते हैं कि अगली पहेली भगवान राम से सम्बंधित है. अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.

आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.

 

 

tpw-66winner श्री उडनतश्तरी  अंक 101

Himanshu1

श्री हिमांशु । Himanshu  अंक 100

डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक, अंक 99

श्री प्रकाश गोविंद   अंक 98

 

श्री रंजन अंक 97

 

seema-gupta-2

सुश्री सीमा गुप्ता  अंक 96

 

sangitapuri1

 सुश्री संगीता पुरी अंक  95

My Photoसुश्री M. A. Sharma “सेहर” अंक   94

 

श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 93


श्री Chandra Prakash अंक 92

 

सुश्री रेखा प्रहलाद अंक 91

श्री संजय बेंगाणी अंक 90

 

श्री जीतेंद्र अंक 89

श्री अंतरसोहिल अंक 88

 

श्री रामकृष्ण गौतम अंक 87

 

प. श्री.  डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 86

 

अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

 

श्री काजलकुमार

डॉ. मनोज मिश्र

श्री मनोज कुमार

श्री पी.सी.गोदियाल

श्री संजय भास्कर

श्री भारतीय नागरिक - Indian Citizen

श्री राज भाटिया

श्री कृष्ण मुरारी प्रसाद

श्री अविनाश वाचस्पति

सुश्री वंदना



सभी का बहुत आभार.
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद.

ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.

ताऊ पहेली - 66

प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 66 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.

विनम्र विवेदन

कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.

हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?

इस जगह का नाम और शहर/राज्य बताईये

ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे

अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-

टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.

इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु,अल्पना वर्मा


नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.


मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम

मोरी पोस्टवा प्यासी रे : भजलकार ताऊ एंड पार्टी

हां तो आप सबको रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" का सलाम नमस्ते! पिछले सप्ताह की ताजा खबर यह रही कि वार्षिक होली कवि सम्मेलन में ताऊ का भी कविता पाठ का नंबर आया. और ताऊ इसके लिये आशीर्वाद लेने माता रामप्यारी जी के आश्रम पहुंच गया.

ताऊ ने कहा कि वो गजल पढना चाहता है कवि सम्मेलन में. माता रामप्यारी जी ने कहा कि - वत्स, गजल नही बल्कि कोई भजन सुनाना वहां पर. यकिनन मेरे आशीर्वाद से तुम्हीं विजयी होवोगे. पर ताऊ जिद्द करने लगा कि वो तो गजल ही सुनायेगा. तब मैने बीच बचाव करते हुये कहा कि गजल ना भजन बल्कि आप तो भजल सुनाईये. अरे लोग जब हजल सुना सकते हैं तो भजल क्युं नही?. और आप तो जानते हैं कि ताऊ और सबकी बात टाल सकता है पर रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" की नही.

तो अब आईये आपको"ताऊ की भजल" सुनवाता हूं जो उसने वार्षिक होली कवि सम्मेलन में पढी.

"भजलकार ताऊ" अपनी भजल सुनाते हुये


प्यारे बहणों और भाईयों, अब मैं आपके सम्मुख अपनी भजल प्रस्तुत कर रहा हूं. और आपसे दाद चाहुंगा. कंजूसी मत किजियेगा. आपकी पाकिट से तो कुछ नही जायेगा पर आपकी दाद पाकर इस देश को एक नौजवान उभरता हुआ भजलकार मिल जायेगा. तो दिल खोलकर दाद दिजियेगा.

टिप्पणी दीजो पाठकनाथ मोरी पोस्टवा प्यासी रे।।

अब तक ना दीदार आपका मोरी पोस्टवा होवत बासी रे।
तु आजा अब तो यहाँ जालिम,बीती जाये पूरनमासी रे॥
टिप्पणी दीजो पाठक नाथ मोरी पोस्टवा प्यासी रे॥

टिप्पणी बक्सा जब तू खोले, सप्तम स्वर में ब्लागर बोले।
ब्लागवाणी की हाट सीट ढिंग, मोरी दूर होवत उदासी रे॥
टिप्पणी दीजो पाठक नाथ मोरी पोस्टवा प्यासी रे॥

लिख लिख के की-बोर्डवा टूटा, बेनामी ने पकड के कूटा।
दया ना आई जालिम तुझको छुपा कहां सत्यानाशी रे॥
टिप्पणी दीजो पाठक नाथ मोरी पोस्टवा प्यासी रे॥

पानी पी पी गाली बकता, इससे ज्यादा मैं क्या करता।
बेनामी ने इतना सताया, लेलूं करवट काशी रे॥
टिप्पणी दीजो पाठक नाथ मोरी पोस्टवा प्यासी रे॥

आँख मिचौली तुम मत खेलो, भारी भारी पोस्टवा ठेलो।
सूना पडा है ब्लागवा मेरा, जाने सब घट घट वासी रे॥
टिप्पणी दीजो पाठक नाथ मोरी पोस्टवा प्यासी रे॥

इस भजल प्रस्तुति के बाद माता रामप्यारीजी ने पधार कर सभी को आशीर्वाद दिया. तत्पश्चात माता रामप्यारी जी के सानिंध्य में भजल कीर्तन का आयोजन हुआ. नीचे उसी अवसर का चित्र और तत्पश्चात भजल कीर्तन.



ऊपर चित्र में कीर्तन करते हुये... बांये से दांये : परमपूज्य माता रामप्यारी जी, तबले पर संगत करती हूई मिस. समीरा टेढी, सिंथेसाईजर पर श्री ललित शर्मा, हारमोनियम पर प्रख्यात भजलगायक ताऊ रामपुरिया, चिमटा बजाते हुये मिस. राजी भाटिया, झांझ बजाते हुये बालक मकरंद, हारमोनियम पर मिस. अजया कुमारी झा और कार्यक्रम के निर्देशन की कमान संभाले हुये श्री खुशदीप सहगल.

अब कीर्तन प्रारम्भ हुआ....

ब्लाग नगरिया पावन धाम

जप ले प्राणी प्रभु का नाम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम

कुटा बेनामी हाय-हाय राम
इसे खुब बजाया गंगा राम
गंगा राम हां गंगा राम
सुबह शाम भज गंगाराम
कुटा बेनामी हाय-हाय राम

मारीच सुर्पणखां तेरे नाम
नित जूते खाना तेरा काम
कुटा बेनामी हाय-हाय राम

फ़िरे निशाचर रात औ शाम
कभी तो भज ले राम का नाम
अरे सुधर जा ओ नादान

करते रहिये अपने काम
लेते रहिये हरि का नाम
रघुपति राघब राजाराम
ब्लाग नगरिया पावन धाम

नोट : - वैशाखनंदन सम्मान 2010 प्रतियोगिता में प्रविष्ठियां आना शुरु हो गई हैं. आप भी शीघ्रातिशीघ्र अपनी प्रविष्ठी भेजिये!