आदरणीय ब्लागर गणों, मैं रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" आप सभी का अभिनंदन करता हूं. और मुझे यह घोषणा करते हुये अपार हर्ष होरहा है कि ताऊ की आज की यह पोस्ट 500 सौ वीं पोस्ट है.
इस उपलक्ष में ताऊ के भतीजे श्री ललित शर्मा जी ने एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया जो कि सुबह के सत्र मे हुआ. जहां अनेक गणमान्य दोस्तों ने अपनी रचनाएं पढी.
अन्य रचना कारों की कविताओं का आनंद आप आने वाले दिनों मे लेते रहेंगे.
शाम के सत्र मे मुशायरे का आयोजन हुआ जिसमे महान गजलकारा मिस समीरा टेढी जी ने अपने गजल गायन से सभी को अभीभूत कर लिया.
अब मैं आपको सीधे ताऊ थियेटर में ले चलता हूं. जहां पर श्री ललित शर्मा जी अपनी रचना प्रस्तुत करने जा रहे है. तो आईये अब सीधे ताऊ थियेटर में आज का प्रोग्राम देखने चलते हैं. उम्मीद है आपको बहुत पसंद आयेगा.
कार्यक्रम के लिये सजा धजा ताऊ थियेटर
यह दोनों ही कार्यक्रम ताऊ थियेटर्स के सजे धजे हाल में संपन्न हुये. तो अब मैं आमंत्रित करता हूं श्री ललित शर्माजी को. वो आयें और अपनी रचना सुनायें.
बायें से श्री पंकज मिश्रा, माईक पर श्री ललित शर्मा, श्री अरविंद मिश्र, गजल साम्राज्ञि मिस. समीरा टेढी और श्री बी.एस. पाबला
बहणों और भाईयो, यह अत्यंत खुशी का मौका है और अब मैं इस अवसर पर ताऊ वंदना से इस कार्यक्रम की शुरुआत करता हूं.
ताऊ वंदना
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें
हास्य व्यंग के तुम हो रसिया हास्य रस की भेंट धरें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
गुण के आगर हास्य के सागर टिप्पणी के भंडार भरें
बांट बांट के सबको खुशियां जगती का क्ल्याण करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
बीनू फ़िरंगी औ रामप्यारे जी तेरे कारज सिद्ध करें
रमलू सियार औ रामप्यारी भी शरण तेरी हैं आन परें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
जब जब भीर पडे भक्तों पर हीरामन आय सहाय करें
ज्योतिष पढके भाग्य बांचके नित तेरा ही ध्यान धरें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
चंपाकली तुझको देकर के राजा भोज नित मगन रहें
दौडे दौडे अकबर आकर अनारकली तेरी शरण करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
मिस. समीरा टेढी ढिंग तेरे बैठी भक्तन का उद्धार करें
खुल्ले हाथ से बांटने टिप्पणी ब्लागवुड का भ्रमण करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
हास्य भेद पढके तेरे द्वारे सकल भुवन में राज करें
मोरे ताऊ देवा, तु ताऊ देवा सकल सिद्ध सब काज करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
इसके बाद अन्य महानुभावों ने अपनी रचनाये प्रस्तुत की. जिन्हे आगामी दिनों मे आप पढ पायेंगे. और शाम के सत्र मे मुशायरे का आयोजन हुआ, जिसकी मुख्य आकर्षण रही मिस. समीरा टेढी.
(बांये से) गजल सुनाते हुये मशहूर गजलकारा मिस. समीरा टेढी, श्री अजयकुमार झा, श्री अविनाश वाचस्पति, श्री खुशदीप सहगल, श्री ललित शर्मा, श्री जी. के. अवधिया, श्री महेंद्र मिश्र और श्री राज भाटिया
तो अब हम आमंत्रित करते हैं गज़ल सम्राज्ञि- गज़ल की व्याकरण की अद्भुत जानकार, मिस. समीर टेढी को :
साथियों, आप सबको मिस. समीरा टेढी का सलाम.
मैं कोई गज़ल की ज्ञाता नहीं. जो कुछ सीखा है, यहीं से सीखा है, इसलिए यहीं लुटा दे रही हूँ. अब मैं
आपको अपनी गज़ल बहर, बहर है बहरे मुतदारिक मुसमन मकतूअ:
२२ २२ २२ २२
फालुन फालुन फालुन फालुन में प्रस्तुत कर रही हूँ, इस गज़ल में मैने ७ शेरों को बुना है, कृप्या गौर फरमाये-तरर्नुम की बहुत फरमाईश न करियेगा, आज जरा गला खराब है :
हंसता और हंसाता ताऊ
लट्ठ रहा बरसाता ताऊ
कठिन पहेली सबको देकर
घर जाकर सो जाता ताऊ
जगह नई दिखलाकर सबका
ज्ञान रहा बढ़वाता ताऊ.
होली में जब रंग लगाया
छिप कर के शरमाता ताऊ
दुनिया भर में लफड़ा करता
ताई से डर जाता ताऊ.
रामप्यारी को ले संग में
खेल रहा खिलवाता ताऊ.
गाली बक दो या दुत्कारो
सबसे प्यार जताता ताऊ.
-मिस समीरा टेढी.
और अंत में आप सभी का हार्दिक आभार. (कार्यक्रम का बाकी हिस्सा आगामी पोस्टों में जारी रहेगा. अगली पोस्ट मे श्री अजयकुमार झा जी का काव्य पाठ होगा )
इस उपलक्ष में ताऊ के भतीजे श्री ललित शर्मा जी ने एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया जो कि सुबह के सत्र मे हुआ. जहां अनेक गणमान्य दोस्तों ने अपनी रचनाएं पढी.
अन्य रचना कारों की कविताओं का आनंद आप आने वाले दिनों मे लेते रहेंगे.
शाम के सत्र मे मुशायरे का आयोजन हुआ जिसमे महान गजलकारा मिस समीरा टेढी जी ने अपने गजल गायन से सभी को अभीभूत कर लिया.
अब मैं आपको सीधे ताऊ थियेटर में ले चलता हूं. जहां पर श्री ललित शर्मा जी अपनी रचना प्रस्तुत करने जा रहे है. तो आईये अब सीधे ताऊ थियेटर में आज का प्रोग्राम देखने चलते हैं. उम्मीद है आपको बहुत पसंद आयेगा.
यह दोनों ही कार्यक्रम ताऊ थियेटर्स के सजे धजे हाल में संपन्न हुये. तो अब मैं आमंत्रित करता हूं श्री ललित शर्माजी को. वो आयें और अपनी रचना सुनायें.
बहणों और भाईयो, यह अत्यंत खुशी का मौका है और अब मैं इस अवसर पर ताऊ वंदना से इस कार्यक्रम की शुरुआत करता हूं.
हास्य व्यंग के तुम हो रसिया हास्य रस की भेंट धरें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
गुण के आगर हास्य के सागर टिप्पणी के भंडार भरें
बांट बांट के सबको खुशियां जगती का क्ल्याण करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
बीनू फ़िरंगी औ रामप्यारे जी तेरे कारज सिद्ध करें
रमलू सियार औ रामप्यारी भी शरण तेरी हैं आन परें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
जब जब भीर पडे भक्तों पर हीरामन आय सहाय करें
ज्योतिष पढके भाग्य बांचके नित तेरा ही ध्यान धरें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
चंपाकली तुझको देकर के राजा भोज नित मगन रहें
दौडे दौडे अकबर आकर अनारकली तेरी शरण करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
मिस. समीरा टेढी ढिंग तेरे बैठी भक्तन का उद्धार करें
खुल्ले हाथ से बांटने टिप्पणी ब्लागवुड का भ्रमण करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
हास्य भेद पढके तेरे द्वारे सकल भुवन में राज करें
मोरे ताऊ देवा, तु ताऊ देवा सकल सिद्ध सब काज करें
ब्लाग की सेवा सुन ताऊ देवा हाथ जोड वंदना करें॥
इसके बाद अन्य महानुभावों ने अपनी रचनाये प्रस्तुत की. जिन्हे आगामी दिनों मे आप पढ पायेंगे. और शाम के सत्र मे मुशायरे का आयोजन हुआ, जिसकी मुख्य आकर्षण रही मिस. समीरा टेढी.
तो अब हम आमंत्रित करते हैं गज़ल सम्राज्ञि- गज़ल की व्याकरण की अद्भुत जानकार, मिस. समीर टेढी को :
साथियों, आप सबको मिस. समीरा टेढी का सलाम.
मैं कोई गज़ल की ज्ञाता नहीं. जो कुछ सीखा है, यहीं से सीखा है, इसलिए यहीं लुटा दे रही हूँ. अब मैं
आपको अपनी गज़ल बहर, बहर है बहरे मुतदारिक मुसमन मकतूअ:
२२ २२ २२ २२
फालुन फालुन फालुन फालुन में प्रस्तुत कर रही हूँ, इस गज़ल में मैने ७ शेरों को बुना है, कृप्या गौर फरमाये-तरर्नुम की बहुत फरमाईश न करियेगा, आज जरा गला खराब है :
लट्ठ रहा बरसाता ताऊ
कठिन पहेली सबको देकर
घर जाकर सो जाता ताऊ
जगह नई दिखलाकर सबका
ज्ञान रहा बढ़वाता ताऊ.
होली में जब रंग लगाया
छिप कर के शरमाता ताऊ
दुनिया भर में लफड़ा करता
ताई से डर जाता ताऊ.
रामप्यारी को ले संग में
खेल रहा खिलवाता ताऊ.
गाली बक दो या दुत्कारो
सबसे प्यार जताता ताऊ.
-मिस समीरा टेढी.
और अंत में आप सभी का हार्दिक आभार. (कार्यक्रम का बाकी हिस्सा आगामी पोस्टों में जारी रहेगा. अगली पोस्ट मे श्री अजयकुमार झा जी का काव्य पाठ होगा )
बहुत बहुत बधायी ताऊ मेरे भाऊ !
ReplyDeleteताऊ जी, रामराम।
ReplyDeleteपांच सौवीं पोस्ट की बधाई। ताऊ वंदना में कोरस में हमें भी शामिल मानना। और मिस समिरा टेढ़ी ने तो मुशायरा लूट ही लिया, वैसे भी जहां आपकी वंदना हो चुकी हो लूट पाट तो होनी ही थी। तरन्नुम का कसूर माफ़ करने लायक नहीं है(कहीं ये भी किसी नये प्रोडक्ट की मार्केटिंग की रणनीति तो नहीं है), आशा है गला सुधारने का कोई टॉनिक जल्दी ही लांच हो रहा होगा। भाटिया जी को कविता पाठ सिर्फ़ सुनने देना, करने मत देना। हो सकता है कविता सुनाने के लिये लालायित होकर उधारी में कुछ डिस्काऊंट दे देवें।
बाकी मजा आ गया।
रामराम।
ताऊ को पाँच सौवीं पोस्ट की बधाई! न कविसम्मेलन में और न मशायरे में हमें नहीं बुलाया गया। इस कारण से अगली पोस्ट से इस कविसम्मेलन और मशायरे का हमारी ओर से बहिष्कार रहेगा। फिर हाजिर होंगे शनिवार पहेली में।
ReplyDeleteताऊ को ५०० वीं पोस्ट की बहुत मुबारक एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteअब तो हजारा होने की तैयारी है.
समीरा टेढी तो ऐसा सजीं कि मूँह के बराबर तो फूल लगाकर चली आई. :)
ललित बाबू तो ऊँचें गीतकार हैं ही!! बधाई!!
पांच सौ वी पोस्ट पर बधाई लख्ख लख्ख लिखें जी राम राम . आपके सम्मलेन तो जोरदार होते हैं हमेशा की तरह . आभार.
ReplyDeleteताऊ श्री, नमस्कार! मिस समीरा टेढ़ी ने मेरे भीतर सोये शायर को जगा दिया है। अब उसी फार्मेट में सात शेर मुझसे भी लीजिये-
ReplyDeleteवेद-पुराणों का कहना है
जग है भिखारी दाता ताऊ
जीवन क्या है गम की बारिश
बढ़िया फ़ोल्डिंग छाता ताऊ
देख किसी को जब खुश होता
कंधे तब उचकाता ताऊ
अपने फ़न का माहिर है वो
अरि को धूल चटाता ताऊ
षोडस वर्षी बाला जैसी
नखरे है दिखलाता ताऊ
मैं उसको वो मुझको चाहे
सोच यही मुस्काता ताऊ
मैं भी कवि हूं माइक तो दे
तेरा क्या है जाता ताऊ
हा हा हा हा..
ReplyDeleteमिस समीरा टेडी....की आवाज़ भी सुन लेते तो जन्म सुधर जाता...
हाँ नहीं तो...!!
ताऊ जी!
ReplyDeleteसबसे पहले तो 500वीं पेस्ट की हार्दिक बधाई!
कवि सम्मेलन का मंच तो बहुत बढ़िया सजाया है आपने!
मगर इस बात का मलाल रहा कि हम प्रतिदिन उच्चारण पर नई कविता लगाते हैं। किन्तु अभी तक कवियों के रूप में स्थापित नही हो पाये हैं! शायद इसीलिए इस मंच पर स्थान नही मिला होगा!
नन्हें सुमन बाल पर कविताएँ भी ठेल रहे हैं। शायद बाल साहित्यकार का ही तमगा कोई दे दे!
सबसे प्यार जताता ताऊ...
ReplyDeleteहँसता और हंसाता ताऊ
ReplyDeleteसबको गले लगाता, ताऊ
ऊबड़ खाबड़, रस्ते चलकर
मस्त रहो सिखलाता ताऊ!
वाह क्या बात है???कमाल का आयोजन है ताऊ जी..
ReplyDelete500वीं पोस्ट की बधाई ताउजी
ReplyDeleteथमने घणी घणी बधाई ताउजी
कवि सम्मेलन खुब जम ग्या भाई
टेढी जी ने खुब हंसाया ताउ जी
राम राम
५०० वीं पोस्ट की हार्दिक बधाई स्वीकारें ताऊ जी !
ReplyDeleteअभी ऑफिस जाने की जल्दबाजी में सिर्फ बधाई ही दे रहे है इस कवि सम्मलेन का लुफ्त शाम को आकर उठाएंगे |
ताऊ को पाँच सौवीं पोस्ट की बधाई. देखा जाए तो आपके हर पोस्ट में कम से कम तीन गुना माल रहता है. इसलिए ५०० को ३ से गुना कर सकते हैं.
ReplyDeleteमजेदार पोस्ट है।
ReplyDeleteताऊ जी ५०० वीं पोस्ट की हार्दिक बधाई
ReplyDeleteएवं शुभकामनाएँ.
regards
बहुत खूब दुआ है ५०० से ५००० पोस्ट तक मस्ती का सिलसिला युहीं चलता रहे ..अगली कड़ी के इंतज़ार में
ReplyDeleteताऊ यो पांच सौ वीं पोस्ट की बधाई तो ठीक...
ReplyDeleteपर मैणे यो बता, मेरा चेहरा ठहरा सफाचट फिर यो तेरे मंच पे बैठते ही मैं ललित जी की तरह मूछें न होते हुए भी उन पर ताव क्यों देण लाग रिया हूं...
जय हिंद...
@ खुशदीप सहगल
ReplyDeleteभाई यो संगत का सर सै, ताऊ की संगत मे आछे आछे मूंछ पै ताव देण लाग ज्या सैं.:)
रामराम.
हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDelete500वीं पोस्ट बार-बार आये और ये मुशायरा और कवि सम्मेलन में आने का हमें बार-बार मौका मिले।
ऐसे आयोजन तो करते रहा कीजिये, बहुत मजा आता है जी
प्रणाम
ताऊ,
ReplyDeleteसंगत तो ठीक यो जादू कहां से सीख गयो तू, मेरी टीप का जवाब तो लगा दियो से, पर टीप ही गायब...
जय हिंद...
@ खुशदीप सहगल
ReplyDeleteदेखा ताऊ मदारी का कमाल? ये है ताऊ की असली जादूगरी. आपका कमेंट वहीं था पर आपके अलावा सबको दिखाई दे रहा था.:)
आपकी नजर बांध दी गई है. अब आप कहोगे कि मुझे दिखाई दे रहा है जबकि दूसरो को नही दिखाई देगा. हा..हा..हा... -ताऊ मदारी एंड कंपनी
५०० वीं पोस्ट की हार्दिक बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteजनाब रामप्यारे बड़ी खुशख़बरी लाए हैं.
ReplyDelete५०० वीं पोस्ट पूरी होने पर बहुत बहुत बधाई.
बहुत कामयाब रहा यह मुश्यारा !
५०० वीं पोस्ट की बधाई...काव्यपाठ बहुत बढ़िया रहा...
ReplyDeleteरे ताऊ श्रोताओं की फोटो तो तने लगायी ना? हम तो वहाँ ही थे। कोई बात न, अब की बार लगा दीजे।
ReplyDeleteताऊ जी, हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteताउजी, हमारी भी बधाई ले लो जोरदार. हम भी इसी भारत देश में रह रहे हैं, कम से कम हमें भी बुलावा भेज देते. पढना न सही, सुनना तो हो जाता. समीरा देवी से मिलने की इच्छा थी, वे कितनी दूर से आइन थीं, देश की शान बढ़ गई. चलिए अब आप 500 के बाद जिस पोस्ट पर भी आयोजन करियेगा, हमें भी न्योत लीजियेगा. वैसे हमने अबकी खुद को न्योत ही लिया है.
ReplyDeleteबधाई
-----------------------
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
पोस्ट पे पोस्ट पढाते चलो
ReplyDeleteब्लोगिंग की गंगा बहाते चलो....
राम राम ताऊ
ReplyDeleteपांच सौवीं पोस्ट की बधाई, इस धमाकेदार मुशायरे का तो पता ही नहीं था .... वैसे वंदना और ग़ज़ल दोनों ही मौके पर सटीक बैठती हैं ...
इस मुशायरे के फ्री पास क्यों नहीं भिजवाये गए |
ReplyDeleteरविकांत जी की टिप्पणी ने सोने पे सुहागा कर दिया.
ReplyDeleteहार्दिक बधाई!
ReplyDeleteपाँच शतक पूरे करने पर हार्दिक बधाई ताऊ!
ReplyDeleteCongratulations for 500th post TAAU nd Many happy returns of this day!!!
ReplyDelete"RAM KRISHNA GAUTAM"
रविकान्त जी ने बेहतरीन जुगलबंदी की.
ReplyDeleteताऊ से निवेदन है कि रविकान्त जी को मंच पर बुलाकर पढ़वाया जाये. :)
ताऊ 500वीं पोस्ट की घणी जोरदार बधाई!!!
ReplyDeleteहमारे पास बधाई का बहुत भारी सटाक मौजूद है...600वीं,700वी,800वीं,900वीं...पे देने के काम आएगा :-)
...बेहतरीन,जबरदस्त प्रस्तुति,बधाईंया!!!
ReplyDeleteताऊ,५०० वीं पोस्ट की हार्दिक बधाई,मुशायरा में
ReplyDeleteमजा आ गया।
ताऊ यदि ये कहूं कि हिंदी ब्लोगजगत के लिए आप एक ब्रांड नेम और एक धरोहर के रूप में स्थापित हैं तो मुझे नहीं लगता कि अतिश्योक्ति होगी ..पांच सौंवीं सेंचुरी के लिए बधाई ...और आगे के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं ..आगे बहुत सारी योजनाएं हैं जिनके लिए आपके साथ और स्नेह की जरूरत होगी ...
ReplyDeleteअजय कुमार झा
ताऊ, आपकी लगनशीलता और कल्पनाशीलता का कायल हूँ और शुभकामना है कि आप 500 को 5000 तक पहुँचाए।
ReplyDeleteमुशायरा मजेदार है, रंग् जमाए रखिए:)
bahut bahut badhaaiii....aage ke mushaayre ke intzaar me...
ReplyDeleteआऊ! घणी बधाई, ताऊ!
ReplyDeleteभोत लठ्ठ मार कवि सम्मलेन और मुशायरा हुआ भाई...हमारे को मुशायरे में बुलाया रचना सुनी पेमेंट नहीं दिया सो कोई बात नहीं...आप तो पेमेंट दे रहे थे लेकिन हमने ही मना कर दिया ये कह कर के जैसे " नाई से ना नाई लेत धोबी से ना धोबी लेत " वैसे ही "ब्लोगर से ना ब्लोगर लेत ऊत से ऊत लेत... दे के मजूरी आप जाती को ना बिगाडिये..." पर आप फोटो भी नहीं छापेंगे ये उम्मीद ना थी भाई...
ReplyDeleteनीरज
500 पोस्ट ठोक दी इत्ती से देर में...भाई गज़ब ही कर नाखा...
पांच सौवीं पोस्ट की बधाई, अब पांच सॊ बार नाईस नईस लेलो जी , फ़िर सम्मेलन ओर मुशायरे मै आने वालो को दस दस नाईस देते जाना हमारि तरफ़ से
ReplyDelete५०० वी पोस्ट पर ताऊ को बधाईयां.
ReplyDeleteमुशायरा तो नहीं जा सका, अब ताऊ का इंटरव्यु लेना पडेगा.
बहुत बहुत बधाई हो ताऊजी।मुशायरे का इंतज़ार रहेगा।
ReplyDeleteताऊ जी ५०० वी पोस्ट के लिए हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें! इसी तरह से आप लिखते रहिये ! बहुत बढ़िया पोस्ट रहा!
ReplyDeleteha...ha...ha...ha...ha....bhapur mazo aa gayo re taau.....!!tu ha to bado maze daar...sacchhi taau.....!!
ReplyDeleteगाली बक दो या दुत्कारो
ReplyDeleteसबसे प्यार जताता ताऊ.
vaah taau bahut badiya gazal hai 500vee post par bahut bahut badhaai
Kaash hambhi maujood rah iska lutf uthate!
ReplyDeleteTauji 500vee postkee dheron badhayi!
बहुत बहुत बधाई ५०० वीं पोस्ट पर ..ताऊ जी के दरबारियों को मिस टेढ़ी, हीरामन आदि को जय राम जी की .... १०००० पोस्ट और लिखें जी .....
ReplyDelete