सैम आराम से बैठ कर आज दूध कार्नफ़्लेक्स का नाश्ता कर रहा है. बीनू फ़िरंगी आकर चहकता हुआ बोलता है अमां यार सैम भाई ये क्या बात हुई? क्या इतनी कडकी आगई क्या? जो नाश्ते मे चिकन आलाफ़ूस की जगह घासफ़ूस ले रहे हो?
सैम : अबे साले, कडकी आये तुम फ़िरंगियों को. हमको क्यों आये? हम तो ताऊ राजू के पठ्ठे हैं. वो तो आज जरा पेट खराब है, इसलिये चिकन आलाफ़ूस की जगह अपने वो वाले डाक्टर साहब के कहने से कार्नफ़्लेक्स ले रहे हैं.
अब बीनू फ़िरंगी अखबार ऊठाकर पढता है और चोंक कर कहता है - अरे सैम भाई देखो. ये क्या खबर है यार? ताऊ राजू के पास ४००० एकड जमीन है ? और उसमे से भी २००० एकड तो उसने अभी भी छुपा रखी है? पर इतनी जमीन खरीदने का रुपया कहां से आया?
सैम - अबे ओ फ़िरंगी. इतने शरीफ़जादे मत बनो तुम. अरे जब तुम लोग सब प्राईम मे उल्टे सीधे मेन्युपुलेशन कर सकते हो तो ताऊ राजू क्यों नही कर सकता? आखिर मुझे क्यों रखा था उन्होने?
बीनू फ़िरंगी - अरे बताओ यार सैम भाई. सब कुछ जरा खुल कर बताओ.
सैम - देख बे फ़िरंगी किसी को मेरा नाम मत बताना, अब तुझे सही बात बताता हूं. पर ये मत समझना कि तू फ़िरंगी है इसलिये सफ़ाई दे रहा हूं. वो तो बात ये है कि अब मेरे पेट मे बात पच नही रही है. सो उगलना जरुरी है.
बीनू फ़िरंगी - अरे यार सैम भाई, आज तक आपकी बात मैने किसी को बताई है क्या ? जो आज बताऊंगा? आप तो शुरु हो जाओ.
अब सैम बोला - देख बे. वहां ताऊ ने बोगस कर्मचारियों की भर्ती दिखा रखी थी. इस तरह २० करोड तो हर महिने इसी के आजाते थे. यानि इस रकम से किश्ते चुक जाती थी खरीदी की.
बीनू फ़िरंगी - पर सैम भाई सवाल ये है कि फ़िर डाऊन पेमेंट कहां से आया?
सैम - अबे तू चुप नही रह सकता क्या? चुप चाप सुनता जा. आज मैं तेरे को सब कुछ बता कर अपने दिल का बोझ हल्का कर लेना चाहता हूं. मेरी आत्मा की आत्मा अब मुझे धिक्कारने लगी है कि क्यों मैं इन ताऊओं के ही चंगुल मे चढता हूं? कोई शरीफ़ आदमी मुझे मिलता ही नही है?
बीनू फ़िरंगी - हां यार सैम भाई. ये आपने अच्छी कही. आप तो अब शुरु हो जाओ और अपनी आत्मा का बोझ मुझ पर ऊंडेल दो.
सैम - अबे ज्यादा मत बोल. मेरी आत्मा इतनी भी कमजोर नही है. ये तो मेरे रोज के कर्म कांड हैं. अब एक ताऊ की पोल खुल गई तो क्या सबकी थोडी खुलती है?
अब सैम ने चाय का कप ऊठाते हुये बोलना शुरु किया - अरे यार जो बैंक मे पक्की फ़िक्स डिपाजिट की रसीदें थी ना? मेरे कहने पर उन रसीदों को ताऊ ने छुपा लिया और बैंक वालो से जाकर बोला कि रसीदे गुम हो गई हैं. और बैंक वालों ने उनकी डुप्लीकेट
रसीदे जारी कर दी.
बीनू फ़िरंगी - फ़िर इससे क्या हुआ?
सैम - अबे उल्लू के पठ्ठे.. हुआ क्या? अबे सब कुछ तो हो गया.. करोडों की रसीद डबल हो गई. दो दो जगह प्लेज भी कर दी और जहां असली दिखानी थी वहां असली दिखाता रहा और दुसरी जगह डुप्लिकेट से काम चलता रहा. यानि मनी जेनेरेट करने का नायाब नुस्खा.
बीनू फ़िरंगी - वाह यार सैम भाई. आप तो गजब के आईडिये देते हो? अब समझ गया कि आपको तो कोई ताऊ ही झेल सकता है. किसी साधारण आदमी के बस का रोग नही है.
सैम - हां यार. और अब देखो ये खबर कि मार्गन और साक्स अब सत्यम को सलाह्कार के रुप मे सेवाएं देंगे. जिन्होने खुद अपना पटिया उलाल कर लिया. अब सत्यम को क्या सलाह देंगे? अरे ये तो सरकार को चाहिये कि मेरे जैसे सलाकार के रहते किसी फ़िरंगी सलाहकार की नियुक्ति ना कि जाये.
आगे सैम बोला - पारिख साहब ने कहा है कि वो निवेश बैंकर के लिये बात कर रहे हैं और मैने भी नियुक्त होने के लिये जोड तोड शुरु कर दी है.
[आज युग पुरुष सुभाष चन्द्र बोस का जन्म दिवस है. शायद कहीं कोई चूं चपड नही है. नमन है उनको ]
इब खूंटे पै पढो :- आजकल सैम की बकबास करने की आदत से ताऊ घणा परेशान हो लिया था. और ताऊ ने यह तय कर लिया कि अब सैम को बेच डालेगा, ओने पोने दामो पर भी. अब उसको सहन करना बडा मुश्किल हो गया था. ताऊ ने आफ़िस के बाहर एक बोर्ड लगा दिया और अखबार मे विज्ञापन दे दिया. "तुरंत बिकाऊ है:" एक बोलने वाला कुता वाजिब दामों मे बिकाऊ है : सम्पर्क समय सुबह १०.०० से २.३० बजे तक. जल्दी सम्पर्क करें. एक खरीद दार बोर्ड देख कर आया. और ताऊ से जाकर पूछताछ करने लगा. कीमत पूछने पर ताऊ बोला - भाई साहब कीमत का क्या है? ये तो मेरे जिगर का टुकडा है. अनमोल है. बस कोई मजबूरी ही है जो इसे बेच रहा हूं . खरीद दार ने फ़िर पूछा - अच्छा ताऊ ठीक है, पर मैं कैसे विश्वास कर लूं कि ये बोलता भी है? मैं उससे मिलना चाहुंगा. अब उस खरीद दार को सैम से मिलवाया गया. सैम से उस खरीददार ने पूछा कि आपने अभी तक क्या क्या काम किया है? सैम : - जी सबसे पहले तो मैं स्काटलैण्ड यार्ड पुलिस मे था, उसके बाद FBI में कुछ वर्षो तक सर्विस दी, उसके बाद मैं बुश साहब की सिक्युरिटी का चीफ़ इन चार्ज रहा. खरीद दार सैम को इन्सानों की जबान बोलते देख कर और उसकी पिछली सेवाओं को देख सुन कर बडा प्रभावित हो गया. और उसने पूछा कि जब आपकी इतनी हाई प्रोफ़ाईल रही है तो आप इस लोकल ताऊ के पास कैसे आगये? सैम :- सर जी बात ये है कि मैं भी बुश ताऊ के साथ ईराक यात्रा मे था. वहां ताऊ बुश पर जो जूता फ़ेंका गया उसकी जिम्मेदारी मुझ पर डाल दी गई और मुझे इस लोकल ताऊ के हाथों बेच दिया गया. खरीददार ताऊ से बोला - आपको तो ऐसे हाई प्रोफ़ाइल कुत्ते को पाकर फ़ख्र करना चाहिये. फ़िर आप इसे बेच क्युं रहे हैं? ताऊ बोला - क्योंकि एक म्यान मे दो तलवारें नही रह सकती. खरीददार - क्या मतलब? ताऊ :- क्योंकि ये मुझसे भी बडा फ़ांकालोजिस्ट है. |
पारिख साहब से तो पहचान निकालकर इन्वेस्टमेंट बैंकर बन ही जायेगा..इस सैम को मत बेचो. करने तो फांकालॉजी. आप भी तो वही करते हो..धीरे धीरे निभ ही जायेगी.
ReplyDeleteफांकालोजिस्ट ताऊ की जय !
ReplyDeleteइब राम दास !
Good morning!
ReplyDeleteक्योंकि एक म्यान मे दो तलवारें नही रह सकती.
क्या खूब कही ताऊ, धन्यवाद!
मुझे पता था,बीनू फिरंगी के पेट में बीस करोड़ महिने के नहीं पचेंगे। पर यहाँ तो हर कंपनी में राजू बैठा है।
ReplyDeleteसैम को तो सत्यम काण्ड की जांच का चीफ होना चाहिये।
ReplyDeleteई फन्कोलोजिस्त को तईं थोड़ा और इक्स्प्लेन करो ताऊ !
ReplyDeleteफ़ांकालाजिस्ट! शानदार!
ReplyDeleteफिरंगी और सैम की नोक झोंक लाजवाब है...
ReplyDeleteखूंटा तो हाथ से फिसल गया ...
फेन्कोलोजी मेँ
ReplyDelete"मेडोफ" का नाम भी
शीर्षस्थ है ताऊ जी
- लावण्या
वाकई में ! :D :D :D
ReplyDeleteKya shandaar post hai.
ReplyDeleteताऊ :- क्योंकि ये मुझसे भी बडा फ़ांकालोजिस्ट है.
ReplyDelete"हा हा हा हा हा हा हा एक कहावत है ताऊ जी....की बिल्ली शेर को कभी पेड़ पर चड़ना नही सिखाती जानते हैं क्यूँ???????????????और आपने तो सैम को ....अब कसूर किसका हा हा हा हा ....या का बिकना किम्मे घणा difficult type काम लाग्गे मन्ने तो....वैसे इब ये नया ताऊ राजू कोण से ...."
Regards
vaah Sam vaah.. ;)
ReplyDeleteTauji to SAM ko bechne se rahe chahe ek mayan mai do talwar rahe ya na rahe....
ReplyDeleteसही बात है, एक म्यान में दो तलवारें नही रह सकतीं, नेताजी के साथ भी ऐसा ही हुआ था शायद|
ReplyDeleteनेताजी सुभाष चन्द्र बोस को मेरा शत शत नमन
ReplyDeleteअगर माया का जन्मदिवस होता तो चूं-चपड क्या बहुत कुछ होता
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को मेरा भी शत शत नमन!
ReplyDeleteखूंटे मजबूत गाड़ते है ताऊ जी
ram ram sa.
ReplyDeleteNetaji subhash chandra ji ko unke Janam Divas ki hardik subhkamna.
Aur aap ne sahi kaha he 1 miyan me 2 talwar nahi rah sakti.
सबसे पहले नेताजी को नमन। फिर ये बताए कि वो वाले डाक्टर कौन है? और सुना तो यही जाता है कि ऐसा ही हुआ है सत्यम में। और काहे इस सेम को बेचते हो। बक्त बेवक्त ये तलवार भी काम आ जाऐगी।
ReplyDeleteवाहवा
ReplyDeleteसैम तो वाकई सैम निकला
बधाई स्वीकारें
ताऊ रामपुरिया को दिलीप गौड़ का घणा घणा राम राम,
ReplyDeleteसेम की बदकिस्मती ही थी की वो ताऊ के पास पहुँच गया, खुदा ऐसा जुल्म किसी दुश्मन के साथ भी न करे,
यो तो बड़ी खुशी की बात होण लाग रही से भाई, ताऊ भी खुश और अपना सेम भी खुश,
नेताजी श्री सुभाष चंद्र बोस जी को शत शत नमन, ये देश उनके बलिदान की ही देन हैं, मगर अफ़सोस आज के ये सफेदपोश नेता, पहनने को तो सफ़ेद कुरता पहनते है पर उन पर इतने दाग हैं कि श्याम वर्ण को भी अपने ऊपर शर्म सी आती हैं,
दिलीप कुमार गौड़
गांधीधाम.
'फ़ांकालोजिस्ट'
ReplyDeleteबना ही दीजिये निवेश बैंकर !
netaji subahsh chandra bose ko shat shat naman..
ReplyDeletetaoo aur taoo ka kutta dono hi vishvasniya nahi hai.. :)
नेता जी को नमन ..खूंटा जबरदस्त है इस बार का भी
ReplyDeleteताऊ...............जो भी जितनी बोली लगाए........म्हारी चवन्नी फालतू है
ReplyDeleteम्हारे दुबई माँ तो घनी लोड से इन की
सुभाषजयन्ती पर हमारा भी विनम्र प्रणाम उन्हें व उन जैसे सब योद्धाओं को।
ReplyDeleteयुग पुरूष सुभाष चन्द्र बोस जी के जन्मदिवस पर सभी देश वासियों को बधाई.
ReplyDeleteसैम को बेचने का ख्याल क्यूँ आया???यह तो कोई नेक ख्याल नहीं है..एक मयान में दो तलवारें..हो सकती हैं न--जयपुर के सिटी पैलेस में रखी हैं...और सैम तो आखिर सैम है उसका ताऊ से सौ जनम में भी मुकाबला नहीं!
@दिगंबर जी--Dubai mein k9 वालों के पास हैं न ऐसे एक से एक trained सैम!
सब से पहले तो मेरे नेता, जिन्हे मै बचपन से चाहता हूं... नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को मेरा शत शत नमन
ReplyDeleteफ़ांकालाजिस्ट! अरे ताऊ यह सेम बिक कर भी तेरे पास ही रहेगा, बस अब तुझे चुना लगाना है, पकड ले किसी को ओर इस सेम का सोदा कर दे, दो घण्टे बाद दोनो फ़ांकालाजिस्ट फ़िर मिल कर बेठना...
राम राम जी की
ताऊ यह तो १- रणथम्भोर का किला हे राजस्थान में हे . २- इसमे त्रिनेत्र गणेश जी बिराजमान हे.
ReplyDeleteयह किला बहुत प्रसिद्ध हे. गणेश जी भगवन के मन्दिर में जो हमारी मुराद होती हे वह पुरी हो जाती हे
३- रणथम्भोर में ही sanctuary हे .
जहा सभी शेर वगेरह देखने आते हे .
ये वाकई सैम की ही फ़ोटो है क्या?
ReplyDeleteताऊ आजकल तो एक म्यान मे तीन तलवारें भी रहती है.
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