बात नु हुई कि रामदयाल कुम्हार की गधेडी मर गई या मार दी गई या चोरी हो गई ! पर अब रामदयाल बडा परेशान हो गया क्योंकि बिना गधे या गधेडी के उसका काम चलना मुश्किल था ! सो वो नई गधेडी खरीदने के लिये वित जुटाने मे लगा था !
इधर ताऊ जन्मजात कडका ! बडी कडकी म्ह चाल रया था ! ताऊ की साख इतनी गिर चुकी थी कि उसको कोई उधार देना तो दूर अपने पास भी नही बैठने देता था !
उसकी खेती तो बरसात के अभाव मे चौपट हो गई और दो भैंसों मे से एक चम्पाकली तो यमराज के झोठे को भगा ले गई और आज तक नही लौटी और दुसरी अनारकली हिरोईन बनने चली गई ! सो दुध धार का धन्धा भी बंद !
ताऊ को जैसे ही मालुम पडा कि रामदयाल की गधेडी मर गई तो वो अपने मन मे स्कीम सोच कै एक गधा किसी का चरता हुआ मिल गया ! उसको पकड लाया और अपने ठान पै खूंटे तैं बांध दिया !
और रामदयाल को जाकर बोला - रामदयाल मेरे रहते तू चिन्ता मत कर ! मेरे पास एक बढिया नस्ल का गधा है ! तू वो खरीद ले ! गधा तो दस हजार का है पर तेरे से मैं सिर्फ़ पांच हजार लूंगा ! पर रुपया पूरा एक साथ लेकर ही गधा तेरे को दुंगा !
रामदयाल एक बार तो चमका ! फ़िर सोचा कि खैर ताऊ ऊठाईगिरा हुआ तो क्या हुआ ? है तो अपना दोस्त ही ! और इसिलिये बेचारा अपने को गधा इतना सस्ता बेच रहा है !
रामदयाल आकर गधा देख गया ! बिल्कुल कम से कम दस हजार का गधा था ! क्योंकि रामदयाल तो गधों का पारखी था !
रामदयाल के पास तीन हजार रुपये थे सो वो टोकन मनी मे ताऊ को थमा दिये और बोला - बाकी के दो हजार मैं परसों देकर गधा ले जाऊंगा !
ताऊ बोला - रामदयाल तू बिल्कुल सौ टका सही बात कह रहा है ! परसों आकर तेरा गधा ले जाना !
रामदयाल खयाली पुलाव पकाते हुये चला गया कि देखो ताऊ कितना भला आदमी है ? बेचारे ने दस हजार का गधा पांच मे दे दिया ! और बाकी के पैसो का इन्तजाम करने मे लग गया !
इधर ताऊ को कौन सी गधे की डीलीवरी देनी थी ? रामदयाल के जाते ही गधे को जहां से लाया था वहीं पर छोड आया और खींसे मे तीन हजार आ ही गये थे उनकी मस्ती लेने लगा !
तीसरे दिन रामदयाल आया और बोला - ताऊ ये ले बाकी के दो हजार रुपये और मेरा गधा मुझको दे दे !
ताऊ तो ये बात सुनते ही बिदक गया जैसे किसी ने उसको गाली दे दी हो ! वो बडे छोह मे बोला - यार रामदयाल तू भी कैसी बाते करता है ? भाई वो गधा तो कल तेरे को जब मैने बेचने का सौदा किया उसी वक्त तेरा हो गया था कि नही ?
रामदयाल बोला - बिल्कुल हो गया था ! पर अब मुझे देदे ताऊ !
ताऊ बोला - देख भाई तेरे जाते ही वो गधा तो मर गया ! अब तेरा गधा था ! मर गया तो मैं क्या करूं ? तू मेरे को बाकी के पैसे देगा तो भी मैं लेने वाला नही हूं ! इतनी नुक्सानी मैं बर्दाश्त कर लूंगा !
पर रामदयाल अबकी बार अड गया ! बोला - ठीक है ताऊ ! अगर मेरा गधा मर गया तो मुझे मरा हुआ ही दे दे ! पर मैं अबकी बार गधा लिये बिना नही मानूगा !
ताऊ ने सोचा कि कहां इस बावलीबूच को कह दिया कि गधा मर गया ! सीधा कह देता कि कोई सौदा ही नही हुआ था और कोई टोकन मनी नही मिली थी ! ये क्या कर लेता ? अब इतने लोगो के बीच मे बोल कर फ़ंस गया मैं तो !
खैर ताऊ ने कहीं से सौ दो सौ रुपये मे मरे हुये गधे की लाश लाकर १५ दिन बाद ताऊ को दे दी और बात खत्म हो गई !
अब एक रोज सामने से रामदयाल अपनी गधेडी के साथ आ रहा था ! ताऊ को बडा ताज्जुब हुआ ! ताऊ ने रामदयाल से पूछा - रामदयाल क्या हाल चाल हैं ?
रामदयाल बोला - ताऊ, वही रामदयाल और वही गधेडी !
ताऊ - भाई तेरे ये ठाठ कैसे ? और ये इतनी मोटी ताजी गधेडी कहां से ले आया ?
रामदयाल बोला - ताऊ अब मैं भी होशियार हो गया हूं ! और ये सब तुमने जो मरा हुआ गधा दिया था उसके बदले है ! और इसके बावजूद १९०० रुपये नगद भी बच गये !
ताऊ को और ताज्जुब हुआ कि मरे गधे के बदले इतनी शानदार गधेडी और बाकी नगद भी बच गया ! सो बोला - रामदयाल जल्दी और सच सच बताओ !
रामदयाल बोला - मैं तुम्हारे पास से लुट पिट कर गया तो एक आईडिया मेरे दिमाग मे आया और मैने एक लाटरी निकालने की घोषणा कर दी ! जीतने वाले को गधा ईनाम मे मिलेगा यह कह कर १०० रुपये मे एक टिकट बेचा ! आसपास मे १५० टिकट बेच दिये ! और इस तरह मैने १५ हजार रुपये इकठ्ठे कर लिये !
ताऊ - फ़िर इनाम मे गधा कहां से दिया ? गधा तो तुम्हारे पास था ही नही ?
रामदयाल - ताऊ , पूरी बात तो सुन ! गधा तो देना होगा तब ना आयेगा ! मैं तुमसे लुट पिट कर सीख चुका हूं कि यहां कुछ नही होता चाहे जितनी बेइमानी करो ! सब रामराज है !
रामदयाल आगे बोला - फ़िर मैने उसमे से दस हजार की ये चंपा गधेडी खरीदी और तीन हजार तुमने डकार लिये वो ! ये हुये तेरह हजार ! बाकी बचे दो हजार मे से एक सौ रुपये लौटाने पड गये ! सो बाकी का नगद मुनाफ़ा १९०० रुपये का हुआ !
ताऊ अब तो और भी चक्कर मे पड गया कि ये लूटने का कौन सा जादू है जो ताऊ नही जानता और रामदयाल जानता है ! सो ताऊ बोला - रामदयाल जब तेरे पास गधा था ही नही तो लाटरी मे तूने गधा कैसे दिया और जनता कैसे मान गई ?
रामदयाल बोला - जनता ने विरोध किया था जब मैने इनाम मे मरा गधा दे दिया तुम्हारा वाला ! तब मैने कहा कि - मैने ये कब कहा था कि गधा जिन्दा दुंगा या मरा ?
मेरे इनाम मे तो यह मरा हुआ गधा ही था !
एक नेता टाईप के आदमी ने ज्यादा हुज्जत की तो मैने उससे कहा - कि भाई साहब काहे को झगडना ? आप अपनी टिकट के सौ रुपये वापस लेलो ! उसको मैने उसके सौ रुपये वापस कर दिये ! इस वजह से दो हजार का मुनाफ़ा घट कर उन्नीस सो रह गया !
ताऊ ने सोचा - अब रामदयाल होशियार भी हो चला है और आगे जाकर प्रतिद्वद्वी भी हो सकता है ! इसका इलाज करना पडेगा !
इब खूंटे पै पढो :- ये बात है जब रामजीडे ने बिल्कुल नया नया टेम्पू खरीदा ही था ! उसको सपने मे भी टेम्पू चालता दिखै था और वो एक रात सोता सोता ही आवाजे लगाने लग रहा था ! चलो भाई आज्यावो, तावले.. तावले.. बस अड्डॆ.. रेलवाई का अड्डा ..चलो आ जाओ.. जल्दी करल्यो भाइ... ग्यारह आळी पसेन्जर आवण का टेम हो रया सै ! वो नींद मे यही बाते जोर जोर तैं बोलण लागरया था ! तो उसकी बहु ( बीबी ) बोली - अजी थम ये किस तरियां की बात बोलण लागरे हो ? के होगया जी ? रामजीडा नींद मे ही बोला - कित जाणा सै बेबे ? ये सारी बातें रामजीडे का बाबू भी सुनने लग रहा था सो वो बोला - अरे मेरी सुसरी के ! यो के बहू नै बेबे बोलण लाग रया सै ? शरम नी आंदी ? रामजीडा नींद म्ह ही बोल्या - ताऊ तैं तो पाछै नै लटक ले ! |
ये हुई शेर को सवा शेर मिलने वाली बात...याने ताऊ का ऊँट भी पहाड़ के नीचे आ गया...भोत बढ़िया किस्सा दिया भाई जी...तबियत झक हो गई अपनी...
ReplyDeleteनीरज
ये ठगी तो सिर्फ़ ताऊ ही कर सकता है...
ReplyDeletetau ji ,apki takkar mein aa rhha hai rmadayl ,jara sambhalkar,magar hae pura akin hai,ke ramdayal ne jo 1900 rupiye kamunafa kamaya hai ,wo bhi tau ji apni hoshiyarise hathiya lenge:):)
ReplyDeleteक्या लिखे हैं ताऊ..
ReplyDeleteखूंटा और कहानी, दोनों मस्त.. :)
ताऊ के किस्से होते मजेदार है. :)
ReplyDeleteटिप्पणी क्या करें? मुस्कुरा रहें है.
ताऊ को मिल गया ताऊ।
ReplyDeleteरामजीडा नींद मे ही बोला - कित जाणा सै बेबे ?
और हम पढ पढकर दिखा रहे दीदे।
हा हा हा ।
( सर हँसने को दीदे ही कहते है ना हरियाण्वी में)
@ सुशील कुमार छौक्कर
ReplyDeleteनही भाई दीदे कहते हैं आंखो को !
जैसे -- के दीदे फ़ाड फ़ाड कै देखै सै ? तेरे मां बहण कोनी के ?"
जब कोई लडकी किसी आवारा लडके को अपनी तरफ़ आंख फ़ाड कर देखता हुआ पाती है तो ऐसा ही जवाब देती है ! :)
ताऊ ने पता कोणी था की रामदयाल ताऊ की अगली क्लास में पड्या था. इब ताऊ ने रामदयाल से दोस्ती करनी चाइये, प्रतिद्वंदी ना बनना चाहिए
ReplyDeleteखूंटे पे हमेशा की तरह मजेदार भेंस बंधी है.......मतलब मजेदार बात लिखी है
राम राम
Tauji, Kissa aur Photo dono hi mast hai.
ReplyDeleteताऊ जे बेई गदहे आएं जिनकों राम चंदर जी ने कलजुग को राज़ सौंप दो हथो
ReplyDeleteताऊ जा कहानी मैं अपने ब्लॉग पे पोस्ट कर हों
ताऊ इंतज़ार करियो ब्लॉग उर्फ़ खूंटे से बंधे रहियो दादा
ReplyDeleteतब लोउ जय राम जी की
अरे ताऊ जल्दी से इस राम दयाल का इलाज कर ले यह तो ताऊ कभी ताऊ निकला, कही यह हमारे ताऊ को ही ना टोपी पहना दे,
ReplyDeleteओर आज तो खुंटे पर भी घणा मजा आया.
राम राम जी की
ताऊ राम राम अब मै नादान बालक क्या लिख सकता आपके लेख के बारे में हा एक गिफ्ट है आपके लिए मेरे पास जो मै आको १ जनवरी को अपने ब्लॉग पर लिखुगा आशा है आपको १००% पसंद आयेगी हा एक हिंट दे देता हु आगे आपको अपने जानने वालो को अपने ब्लॉग का इतना बड़ा नाम नही बताना होगा मै आपको एक डोमेन नेम दुगा जो की सिर्फ़ ४ अक्षर का होगा ।
ReplyDeleteबहुत मस्त लिखा है ताऊ ..पढ़ कर मज़ा आ गया
ReplyDeleteताऊ संग अब रामदयाल भी होशियार हो गया है तो फिर गांव में बावलाबूची कौन बचा?
ReplyDeleteताऊ के आगे बडे बडे भी गधे बन जाते हैं।
ReplyDeleteताऊ रामराम, नए साल की शुभकामनाएं.
ReplyDeleteतेरी गैल्या रह कै रामदयाल बी होशियार हो गया. इसे ज्यादा मुहं मत लगाया कर.
इसलिए कहता हूँ ताऊ जयादा होशियारी छोड़ दो -तुमसे भी बढ़ बढ़ कर पडे हैं ,आ गया ना गधे के नीचे !
ReplyDeleteताऊ ने सोचा - अब रामदयाल होशियार भी हो चला है और आगे जाकर प्रतिद्वद्वी भी हो सकता है ! इसका इलाज करना पडेगा !
ReplyDelete"
"इलाज जल्दी करा लो रामदयाल का ताऊ जी कहीं देर न हो जाए ..पता चले सुरज की पहली किरण के साथ एक और ताऊ तैयार हो गया वो भी मुफ्त में ...हा हा हा हा"
regards
गुरु गुड़, चेला चीनी
ReplyDeleteताऊ ये रामदयाल ताऊ टाइप नेताओ से तेज हो तब बात बने !
ReplyDeleteमज़ा आ गया. एक जगह रामदयाल की जगह ताऊ लिख गया है. सुधार लें. नव वर्ष आपको और आपके परिवार्को मंगलमय हो.
ReplyDeleteThis "Mizz Gadhedee " is world famous now :)
ReplyDeleteAll good wishes fora peaceful 2009 ahead
mazaa aa gaya..
ReplyDeleteहे राम, थारे गाम में एक तो ईमानदार आदमी था - रामदयाल गधेडी वाला, उसे भी ताऊगिरी सिखा दी!
ReplyDeleteVery good!
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