"ताऊ की शनीचरी पहेली - 2 का जवाब

माननिय भाईयों, बहणों और बेटियो सबनै ताऊ की तरफ़ तैं रविवार सबेरे की रामराम ! आज कल आप लोग नये साल के जोश मे डूबे हुये होंगे , और उसी जोश  खरोश से आपने इस पहेली मे भाग लिया है उससे हमारा उत्साह वर्धन हुआ है !

 

आज छुट्टी के दिन आराम करो और घूमो फ़िरो यानी मजे करो पर उसतैं पहलम यो शनीचरी पहेली - २  के रिजल्ट देखल्यो ! 

 

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स्मार्ट ईन्डियन वाले अनुराग शर्मा जी आज सुबह सुबह गलत जवाब दे गये वर्ना तीसरी पहेली मे उनकी हेट्रिक का चांस बन रहा था !  देखते हैं कि कौन सबसे पहले बनाता है हेट्रिक ? तो आईये रिजल्ट की तरफ़ बढते हैं ! :

 

आज का पहला सही जवाब अंक १०१ के साथ हैं : शुभम आर्य |यह सूर्य मन्दिर ही है कोणार्क का

 

दुसरे पर हैं अंक १०० के साथ : varun jaiswal यह उड़ीसा के पुरी जिले में कोणार्क तहसील में स्थित है | काले ग्रेनाइट से बने इस मन्दिर को नरसिंहवर्मन द्वितीय ने बनवाया था |

 

तीसरे पर हैं अंक ९९ के साथ : विनयकोणार्क सूर्य मन्दिर!

 

और चौथे स्थान पर हैं अंक ९८ के साथ सुश्री  : अल्पना वर्माजिन्होनें इस स्मारक के बारे मे लाजवाब जानकारी मुहैया करवाई ! देखिये उन्ही के शब्दों मे !

 

--यह कोणार्क का सूर्य मंदिर है.
कोणार्क, पुरी के उत्तर में लगभग 33 कि.मी. और भुवनेश्वर से 64 कि.मी. दूर समुद्र-तट के किनारे स्थित है।


-कोणार्क का सूर्य मंदिर-1200 कामगारों का कौशल और निपुणता, सोलह वर्ष का लंबा समय, और पत्थरों पर उकेरी गई कविता है , मंदिर का आकार चौबीस पहियों वाले रथ का है, जिसे सात घोड़े खींच रहे हैं। यह मंदिर एक चार मीटर ऊंचे प्लेटफार्म पर बना है, जिसके दोनों ओर बड़े-बड़े पहिये बने हैं। कुछ कहते हैं कि ये चौबीस पहिये एक दिन में चौबीस घंटों के प्रतीक हैं, अन्य कहते हैं कि ये 12 महीनों के प्रतीक हैं, जबकि कहा जाता है कि सात घोड़े सप्ताह में सात दिनों के प्रतीक हैं। सच चाहे जो भी हो, इस बात में कोई विवाद नहीं है कि यह मंदिर विश्व में शानदार वास्तुकला का सबसे अनूठा उदाहरण है। इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में उड़ीसा के राजा नरसिंहदेव-I ने करवाया था। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण के बारह वर्षों से लकवाग्रस्त पुत्र संबा को सूर्य देव ने ठीक किया था। इस कारण उन्होंने सूर्य देव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण किया था।

 

अब पांचवें पर हैं अंक ९७ के साथ : नितिन व्यासताऊजी, जे तो मन्ने कोणार्क का सूर्य मंदिर दिखै है। जवाब सई होये तो आर्शीवाद और गुड की डल्ली और ना होये तो पूरा गन्ना!

( ताऊ - भाई डल्ली के , थारे को तो पूरी गुड की भेली ही दे रया सूं , गन्ने का के करैगा सर्दी म्ह ? खाम्खाह पीठ

लाल हो ज्येगी ! :) गुड खा सर्दी म्ह, ताता रहगा ! :)

 

 

और छठें स्थान पर हैं अंक ९६ के साथ  Arvind Mishraताऊ  यह कोणार्क सूर्य मन्दिर समूह का एक मंदिर है ।

 

और सातवें स्थान को अंक ९५ के साथ ग्रहण कर रहे हैं हमारे मस्त मौलाविवेक सिंह ताऊ यह उडीसा में पुरी का सूर्य मन्दिर है

 

और आठवें पर हैं अंक ९४ के साथ  हमारे पल्टु जी  रंजन ताऊ, ये तो कोणार्क का सुर्य मंदिर ही है!!paltu जीयो मेरे पल्टूराम ! बधाई !

 

और नौवें पर हैं अंक ९३ के साथ  अन्न्दाता   अशोक पाण्डेयताऊ, ये कोणार्क का सूर्य मंदिर ही है।

 

 

और दसवें पर अंक ९२ के साथ हैं: PDKonark.. 100% sure.. :)
mera inaam taau?? :D


(ताऊ -  ले भाई PD,  तेरा इनाम ले, पूरे ९२ नम्बर ! इब तो राजी ? )

 

 

और ग्यारहवें पर आगये हैं अंक ९१ के साथ भ्राता दिनेशराय द्विवेदी

यह उड़ीसा स्थित सूर्य मंदिर कोणार्क ही है जी। बस आप ने तस्वीर जिस ऐंगल से ली है वह थोड़ा अनोखा है इस कारण लोग भ्रम में पड़े हैं।

 

१२ वें  पर अंक ९० के साथ मुसाफिर जाट  ताऊ रामराम,
ताऊ आज का इनाम तो मेरा पक्का. अगर तन्ने मेरी एक शर्त नी मानी तो फेर तेरी खैर कोनी. शर्त है अक टॉप ग्यारह की लिस्ट में टॉप पर रहने की. ये है कोणार्क का सूर्य मंदिर. इसे ब्लैक पैगोडा भी कहते हैं.


( इब एक नम्बर से ही पीछे किया है भाई ! क्यूं धमका कै बेईमानी करवाण लाग रया सै ? चल राजी हो ज्या इब !:)

 

१३ वें पर अंक ८९ के साथ हैं dhiru singh {धीरू सिंह}कोणार्क का सूर्य मन्दिर 100%

 

१४ वें पर अंक ८८ के साथ हैं Smart Indian - स्मार्ट इंडियन

मान गए जी ताऊ की उस्तादी. हम तो इस बार द्विवेदी जी की शरण में हैं - इन्टरनेट पे बहुत से फोटो देखकर कन्फर्म कर लिया है - यह कोणार्क का सूर्य मन्दिर ही है. पहला इनाम दे दो जी शुभाम् आर्य को!


( आपका हुक्म सर आंखों पर, लो जी शुभम आर्य को आज का विजेता बना दिया और मेरिट लिस्ट मे भी २०१ अंक के साथ नम्बर -१ हो गया जी आपकी मेहरवानी से ! बालक नै शेर पछाड दिये आज तो ! :) 

 

१५ वें पर अंक ८७ के साथ दिवाकर प्रताप सिंह


१६ वें पर अंक ८६ के साथ सुशील कुमार छौक्कर


१७ वें पर अंक ८५ के साथ Anonymous


१८ वें पर अंक ८४ के साथ पा.ना. सुब्रमणियन


१९ वें पर अंक ८३ के साथ दिगम्बर नासवा


२० वें पर अंक ८२ के साथ राज भाटिय़ा


२१ वें पर अंक ८१ के साथ रंजना [रंजू भाटिया]


२२ वें पर अंक ८० के साथ Pt.डी.के.शर्मा"वत्स"


२३ वें पर अंक ७९ के साथ मोहन वशिष्‍ठ


२४ वें पर अंक ७८ के साथ seema gupta


२५ वें पर अंक ७७ के साथ प्रकाश गोविन्द


२६ वें पर अंक ७६ के साथ सुनीता शानू


२७ वें पर अंक ७५ के साथ pintu


२८ वें पर अंक ७४ के साथ प्रवीण त्रिवेदी...प्राइमरी का मास्टर


२९ वें पर अंक ७३ के साथ नीरज गोस्वामी

 

और रात को १२ बजे आ रहे हैं ३० वें नम्बर पर अंक ७२ के साथ  सतीश पंचम

said... अब मरे लिये क्या बचा, सभी लोग तो बता चुके हैं - कोणार्क सूर्य मन्दिर! मैं भी वही जवाब दे रहा हूँ :)


( क्यों नही बचा जी ? देखिये पूरे के पूरे ७२ नम्बर दे रहा है ताऊ आपको ! किसी को बताना मत ! :) 

 

अन्य महानुभाव जिन्होने भाग लिया उन सबका का अतिशय आभार ! उन के   नाम इस प्रकार हैं :-

 

 

अजित वडनेरकरRatan Singh Shekhawat , rukka , दीपक "तिवारी साहब" ,

 

makrand , Anil Pusadkar, mehek, डॉ .अनुराग , cmpershad , संजय बेंगाणी ,

 

Alag sa

 

 

 

अब कुछ टिपणियां :

 

 

Anil Pusadkar  बडे कठीन-कठीन सवाल पूछ रहे हो ताऊ?भतीजे को कभी जीतने का मौका भी दोगे।

 

भतीजे , आप कुछ जवाब तो दो ! फ़िर लठ्ठ से जितवा देंगे ! :)

 

मुसाफिर जाट   ताऊ रामराम,
ताऊ आज का इनाम तो मेरा पक्का. अगर तन्ने मेरी एक शर्त नी मानी तो फेर तेरी खैर कोनी. शर्त है अक टॉप ग्यारह की लिस्ट में टॉप पर रहने की.
ये है कोणार्क का सूर्य मंदिर. इसे ब्लैक पैगोडा भी कहते हैं.

 

भाई थोडा सो कर जल्दी ऊठा करो ! :)

 

PD 

mera comment kahan gaya taau??
aap beimani nahi kar sakte hain.. :(

 

भाई ताऊ डकैती लूटमार जरुर करता है पर बेईमानी और वो भी ब्लागर्स से ?   ना भाई कभी नही ! :)

 

 नितिन व्यास said... मेरा जवाब कहाँ गया ?

 

भाई आपका जवाब अभी खाना खाने गया है ! :)

पा.ना. सुब्रमणियन  said ...यह विश्व धरोहर कोणार्क नामक जगह पर (ऊडीसा) में है. सूर्य मंदिर है. दूसरा कुछ हो ही नहीं सकता और हो तो हमें खूँटे पे बाँध देना

 ना जी , ऐसे गलत काम थोडे ही करेंगे ? ताऊ आखिर महा शरीफ़ आदमी है ! :)

दिगम्बर नासवा said... कोणार्क मन्दिर ही लगता है ताऊ  इब सब ऐसा बोल रिये हैं तो जूठ थोड़े ही बोलेंगे इब खोंटे वाले हिटलर को ये ना मालूम होगा की म्हारा ताऊ तो हिटलर का भी ताऊ से
भाई क्युं ताऊ के हाड्ड कुटवाण का विचार कर राख्या सै के ? :)

cmpershad said... अरे वाह!ताऊ ने हिटलर को पैर से हिट कर किया हेल हिटलर की जगह हॆल ताऊ कहना पडेगा। 
धन्यवाद सर जी !

 

संजय बेंगाणी

  सब कोनार्क के पीछे पड़े है तो हमें दुसरा सुझ नहीं रहा अतः हिटलर को चोट खाया देख मजा लिया और अब खिसक रहें है.

सर जी, आप तो सीधे हिटलर की ही मौज लेने लग रहे हो ?  थोडी इधर

भी खिसका देना जी ! :)

 

राज भाटिय़ा 

यह है कोणार्क का प्रसिद्ध सूर्य मंदिर. इसे ईसवीं 13वीं शताब्दी में राजा नरसिंहदेव ने बनवाया था. अपने स्थापत्य और शिल्प के लिए यह मंदिर दुनियाभर में जाना जाता है. इसे मध्यकाल के स्थापत्य की अद्वितीय वास्तुकला का उदाहरण माना जाता है.


लेकिन अब तो हार ही गये ना,आप ने जो फ़ोटो ली है उस से भ्रम लगता हे, वरना जबाब तो रात को ही दे देता, लेकिन ?? को देख लिया इसी बहाने....:)
यह जबाब मेरे अपने दिमाग से नही नकल से दिया है.
राम राम जी की

जो नकल नही करे वो नकली हरयाणवी नही ! आप और हम तो असली हैं तो नकल मे काहे की शर्म ? :)

 

प्रकाश गोविन्द said...

पूरी भीड़ एक ही तरफ जा रही है तो हम
लल्लू बकलोल बनकर अलग खड़े हो जाएँ क्या ???
मेरा जवाब भी "लाँक" कर लो यह कोणार्क
के सूर्य मन्दिर के एक हिस्से का चित्र है |
बाकी रही जानकारी की बात तो वो इतनी ढेर
सारी है कि आपका ब्लॉग भर जायेगा फिर जगह
न बचेगी !


ख़ास - ख़ास बातें मैंने अल्पना वर्मा जी को बता दी हैं उनसे ही पूछ लेना !
जो जानकारी वो नहीं दे पायीं वो मैं बता देता हूँ :
चित्र में जो लाल साड़ी में महिला खड़ी हैं उनका नाम मालती मिश्रा है , बनारस की रहने वाली हैं और इस समय कानपुर के एक स्कूल में पढाती हैं ! नीले कपडों में जो बच्ची है उसका नाम गुड़िया है , पांचवी क्लास में पढ़ती है यहाँ वो अपने चाचा के साथ घूमने आई है ! बाकी लोगों की तस्वीर साफ दिखायी नहीं दे रही है वरना उनके बारे में भी बता देता !

भाई मन्नै  थारा के बिगाड राख्या सै ? जो थम   ताई नै मास्टरनी बताण लाग रे हो ? भाई यो मास्टरनी जी ना सै ! यो लठ्ठ आली ताई सै !

आपका ये जवाब बिल्कुल गलत है ! ये मेरे बीबी बच्चे हैं !  

 

 

सुनीता शानू said...

सारे के सारे बहुत चलाक हैं ताऊ विकिपिडीया पर देख क आ गये किधर न पंहिये लाग रहे सं और यो सूर्य मंदिर स...सब फ़र्रे बणा क परीक्षा मै बैठ गये इब तेरी मर्जी इनाम किस नै देगा...
हिटलर नै खूँटे तै बाँध ताऊ फ़ेर किते न बिगाड़ करे तेरे फ़टुरी का...:)
मुझे हरयाणवी बहुत कम आती है हो सकता है कुछ गलत लिख जाऊँ...आपके चिट्ठे पर आकर कुछ पल हँसी के मन को बहुत अच्छे लगते हैं शुक्रिया...

थम सही कह रे हो जी ! पर आप जाणो कि फ़र्रे बणाण म्ह भी मेहनत लाग्या करै सै ! सो सबकॊ पास कर दिया जी ! और आपको भी पास कर दिया !

और उस सुसरे हिटलर नै तो म्हारा फ़टुरे ऐसा खराब करया कि मेरे को वहीं सिनेमा हाल म्ह ही गोली मार दी जी ! सो मैं वहां मर कर सीधा हरयाणे म्ह आकर जनम्या था जी !

इब सुसरा हिटलर यहां मेरा के कर लेगा ? इब तो लठ्ठ और भैंस दोनो सैं जी म्हारै धौरै ! :)

हरयाणवी आपकी घणी सुथरी सै जी आपकी !

 

Alag sa said...

पहेलियां बूझने में सदा फिसड्डीपना ही अपने हिस्से आता रहा है। इस बार सही उत्तर जाना तो सूर्यदेव ही वाम हो गये। ईब इत्ते सारे बाहूबलियों ने सही-सही पहले ही बता दिया।

सर जी, आप जवाब तो लिखते ! यहां पोईन्ट मिलते हैं हर सही जवाब पर ! आपने शायद पुरे नियम नही पढे ? ! आज आपको भाग लेने पर एक पोईन्ट मिला है ! जबकी आपके बाद जिन्होने सही जवाब दिया है उनको ७५ पोईन्ट मिले हैं ! अत: आपसे निवेदन है कि जवाब अवश्य देवें !


 


 

 नीरज गोस्वामी said...

यह है कोणार्क का प्रसिद्ध सूर्य मंदिर. इसे ईसवीं 13वीं शताब्दी में राजा नरसिंहदेव ने बनवाया था. अपने स्थापत्य और शिल्प के लिए यह मंदिर दुनियाभर में जाना जाता है. इसे मध्यकाल के स्थापत्य की अद्वितीय वास्तुकला का उदाहरण माना जाता है.


कोणार्क का सूर्य मन्दिर उडीसा पुरी के उत्तरी पूर्वी किनारे पर समुन्द्र के किनारे बना हुआ है ..इस पर रथ के चक्के बने हुए हैं , जो कोणार्क की पहचान है. रथ के आकार का है. जिसमे पत्थर के तराशे 24 पहिए लगे हुए हैं.रथ को 7 धोडे खींच रहे हैं(जो कि मनुष्य के मन के प्रतीक हैं)


इसकी आकृति इस प्रकार बनाई गई है कि प्रत्येक वर्ष 21 मार्च और 22 सितम्बर को, जब इन दो दिनों को रात और दिन बराबर होते हैं, उगते हुए सूर्य की किरणें सीधे प्रतिमा पर पड़ती हैं।


कोणार्क, पुरी के उत्तर में लगभग 33 कि.मी. और भुवनेश्वर से 64 कि.मी. दूर समुद्र-तट के किनारे स्थित है।


-कोणार्क का सूर्य मंदिर-1200 कामगारों का कौशल और निपुणता, सोलह वर्ष का लंबा समय, और पत्थरों पर उकेरी गई कविता है , मंदिर का आकार चौबीस पहियों वाले रथ का है, जिसे सात घोड़े खींच रहे हैं। यह मंदिर एक चार मीटर ऊंचे प्लेटफार्म पर बना है, जिसके दोनों ओर बड़े-बड़े पहिये बने हैं। कुछ कहते हैं कि ये चौबीस पहिये एक दिन में चौबीस घंटों के प्रतीक हैं, अन्य कहते हैं कि ये 12 महीनों के प्रतीक हैं, जबकि कहा जाता है कि सात घोड़े सप्ताह में सात दिनों के प्रतीक हैं। सच चाहे जो भी हो, इस बात में कोई विवाद नहीं है कि यह मंदिर विश्व में शानदार वास्तुकला का सबसे अनूठा उदाहरण है।


इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में उड़ीसा के राजा नरसिंहदेव-I ने करवाया था। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण के बारह वर्षों से लकवाग्रस्त पुत्र संबा को सूर्य देव ने ठीक किया था। इस कारण उन्होंने सूर्य देव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण किया था।


और अंत में :
चित्र में जो लाल साड़ी में महिला खड़ी हैं उनका नाम मालती मिश्रा है , बनारस की रहने वाली हैं और इस समय कानपुर के एक स्कूल में पढाती हैं ! नीले कपडों में जो बच्ची है उसका नाम गुड़िया है , पांचवी क्लास में पढ़ती है यहाँ वो अपने चाचा के साथ घूमने आई है ! बाकी लोगों की तस्वीर साफ दिखायी नहीं दे रही है वरना उनके बारे में भी बता देता !


सबसे ख़ास बात :
ये जवाब भाई मैंने ऊपर मेरे से भी और ज्यादा समझदार ब्लोगर्स के जवाब से टीप टीप के लिखा है...इब के कराँ ताऊ जे टीपने की बेमारी बचपन से पढ़ी हुई है कमबख्त छूट ती ही नहीं...अब टीपने के भी नंबर तो मिला ही करें हैं...हमारे इस्कूल में में तो मिला करे थे....तभी तो इत्ता पढ़ लिए..आप क्या समझे हम कोई अपनी समझ से यहाँ पहुंचे हैं...कैसी बावली बातां सोचो हो ताऊ...
नीरज

नीरज जी,  टीपने के आपको पूरे नम्बर दिये ! आखिर ताऊ लोगो को बिगाडने के लिये ही तो अवत्रैत हुआ है ! हमने पहले ही अपने परिचय मे लिख रखा है ! आपका नाम विजेताओं की सुची मे शामिल है ! यह पोस्ट कम्पलीट कर ली गई थी ! पर आपके लिये अलग से यह कालम डाला है !

आपने जो अंत मे नकल मारी है वो बिल्कुल गलत नकल मारी है ! मैं किसी मालती मिश्रा  को नही जानता ! जो लाल साडी मे है वो मेरी खुद की बीबी है यानि ताई है ! और वो बच्ची गुडिया नही है ! वो मेरी बेटी है !

अत: आपसे निवेदन है कि जवाब सुधारा जाये ! :) वर्ना मेड इन जर्मन लठ्ठ चलने की सम्भावना प्रबल दिखाई दे रही हैं !:) और ताऊ पर आपको रहम

करना चाहिये ! :)

अगले शनिवार शनीचरी पहेली न.३ मे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये रामराम !

 

 

 

 

 

Comments

  1. ताऊ आप के आशीर्वाद से यह बच्चा अबकी जीत गया |
    पिछली बार मैं द्वितीय विजेता था |
    धन्यवाद |

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  2. बड़े भाई! 100 या उस से ज्यादा नंबर तो लाने से रहे। सर्दी में जल्दी कौन उठे वह भी जब अभी तक जुकाम का असर झेल रहे हों। पर चित्र ने तो एक बार चक्कर डाल ही दिया था।

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  3. सभी विजेताओ को हार्दिक बधाई, अरे ताऊ फ़ेल होने के स्थान पर है भी २० वे ना० मै ले आये, बात यु थी कि रात को मेने यह मंदिर तो देख लिया था, लेकिन आप की फ़ोटो वाला मंदिर थोडा अलग था, सो सोचा की कल सुबह जबाब देगे...
    ओर पहले न० से २० वे तक पहुच गये, हम तो अभी सोये भी नही ओर आप जागने वाले है, चलिये आप सब भारत मै रहने वालो को , ओर जिन के जहां सुबह होने वाली है उन सब को, मेरी तरफ़ से शुभ दिन.
    राम राम जी की

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  4. इस बार तो सही मज़ा आ गया ताऊ! प्रकाश गोविन्द ने काफी ज़बरदस्त जवाब दिया था मगर वह भी ग़लत हो गया. सच में भीमसेनी लट्ठ के आगे किसी की हाजिरजवाबी न चलती!

    और बेटा शुभम, तुम्हारे जीतने में सिर्फ़ ताऊ का नहीं इस चाचा का भी आशीर्वाद है - विशवास नहीं तो मेरी टिप्पणी देखो जिसमें मैंने ताऊ को तुम्हें पहला इनाम देने की रिकमंडेशन करी है.

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  5. ताऊ जितने वालों को हार्दिक बधाई दे देना ! तब तक हम आगे वाली शनिवारीय पहेली का इंतजार कर रहे है !

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  6. धन्यवाद ताऊ जी का और सभी विजेताओं को बधाई !

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  7. ताऊ,बहुत मेहनत की... बहुत रोचक पहेली और रिस्ल्ट.. धन्यवाद!! सलाम!!!

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  8. हम तो जवाब देखने आए थे, देख कर संतुष्टि हुई कि बहुत सारे लोग पास हो गए. हमारी बात जाने दें :)

    वैसे सच कहूँ तो कल तस्वीर देख लगा मन्दीर बहुत जरजर अवस्था में है अतः कोणार्क वाला होने पर शक हुआ था और इसकी अवस्था पर दुख भी.

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  9. हम तो फिर से पिछुआ गये ओ ताऊ

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  10. वैसे भी जंगल-जंगल पहाड़-पहाड़ भटकने वाले फौजी के पाले तो पड़ना भी नहीं था इस पहेली का हल....सारी टिप्पणियां बड़ी जबर्दस्त रही

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  11. घणी लिंकिंग है जी इस पोस्ट में।

    रामराम।

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  12. कोणार्क का सूर्य मन्दिर पूरे देश में ख्यात है.लेकिन अधिकांश लोग नहीं जानते कि एक सूर्य मन्दिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा शहर से नौ मील दूर कटारमल में भी है. इसमें पीतल की आदमकद मूर्ति है.

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  13. This comment has been removed by a blog administrator.

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  14. शुभम को और सभी विजेताओं को ढेर सारी बधाई.
    ताऊ जी ने इस पोस्ट को तैयार करने में बहुत मेहनत की है.
    पहेली से ज्यादा जवाब वाली पोस्ट में बहुत समय लगता होगा.
    ताऊ जी को भी पहेली आयोजन की सफलता पर बधाई.
    आप की पोस्ट में विजेताओं की मेरिट और अंकों का निर्धारण इस पहेली जवाब-पोस्ट
    को hi -tech बना रहा है.भविष्य के लिए शुभकामनायें.

    मेरी तो नज़र सिर्फ़ ताऊ के दिए जाने वाले पहेली-certificate पर है..:)
    जय राम जी की !

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  15. taau aap ke aashirvad se ye bachcha pahli bar jit gaya!
    pahle to taau mujhe yad hi nahi tha!ki ye mandir kahan ka hai fir mujhe achanak yaad aaya or mai paas ho gaya!

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  16. वाह भाई वाह ताऊजी, प्रतियोगिता का बुखार आपके चिट्ठे को भी चढ गया! खैर अच्छी बात है क्योंकि बीच बीच में एकाध प्रतियोगिता दे दें तो रोचकता बढ जाती है एवं सामान्य ज्ञान भी.

    सस्नेह -- शास्त्री

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  17. ताऊ जी राम राम !!
    कोणार्क सूर्य मँदिर देखकर
    प्रसन्नाता हुई :)
    - लावण्या

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  18. २८ वें पर अंक ७४ के साथ प्रवीण त्रिवेदी...प्राइमरी का मास्टर
    धन्यवाद |

    विजेताओ को हार्दिक बधाई!!!


    प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें

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  19. जीतने वालों को बधाई बहुत बहुत ..:)

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