ताऊ को जब यमराज के एजेंट आकर बोले - ओये ताऊ चल उठ खडा हो और हमारे साथ चल !
ताऊ एक बार तो कुछ समझा कोनी ! फ़िर अपना साफा बाँध कर लठ्ट उठाया और भैंस को खोल कर उनकै साथ चल दिया !
इब उनमै तैं एक घणा काला सा हब्शी जैसा एजेंट था वो बोल्या - अरे ओ ताऊ के ! तेरे को किम्मै दिखै कोनी के ?
अरे हम यमराज के दूत हैं और तेरे को नरक ले जाने आए हैं ! तू ये लट्ठ और भैंस खोल कर कहाँ जावै सै ?
चल हमारे साथ , सीधी तरह से ! इब ताऊ कै समझ म्ह आया की असली माजरा क्या है ?
ताऊ बोला - देख भाई कालिए ! ताऊ अपने लट्ठ और भैंस क बिना तो घर सै बाहर भी नही निकलता है !
और लट्ठ तान कर किम्मै छोह (गुस्सा ) म्ह आके बोल्या - नही तो निकल ले यहाँ से !
असल में यमराज जी के एजेंटो को भी हमारे यहाँ के बैंक वसूली एजेंटो की तरह ऎसी बात सुनने की आदत ही नही थी ! और जैसे बैंक वसूली एजेंटो को देख कर कर्ज दार छुप जाया करता है वैसे ही यम् एजेंटो को देख कर आदमी थर थर कांपने लगता है ! यम् दूतो को कुछ करना नही पड़ता वो तो उनके भय से ही आदमी मर जाता है ! बिना मेहनत की कमाई खाते हैं आजकल यमदूत भी ! और कुछ यमदूत तो इतने सयाने हैं की उन्होंने बैंक वसूली एजेंटो को ठेका दे रखा है ! इसीलिए बैंक वसूली एजेंट कर्जदारों को इतना परेशान करते हैं की वो ख़ुद ही आत्महत्या कर लेते हैं ! इधर बैंक से वसूली कमीशन मिल जाता है और उधर यमदूतो से भी तगडा कमीशन झटक लेते हैं ! आम के आम और गुठलियों के दाम ! असल में यमदूतो ने अपना ये काम आउट सोर्स कर रखा है इनको !
अब वो ताऊ की जिद्द से परेशान होके बात कर रहे थे की इसको कैसे ले चले ? ये आदमी कुछ उलटा सीधा ही है ! उनमे से एक बोला - ऐसा करो , इस ताऊ की सुपारी किसी बैंक के वसूली एजेंट को दे दो ! इसको वाया आत्महत्या ही आने दो ! अगर ये भैंस और लट्ठ ले के नरक में घुस गया तो हमारी रेप्युटेशन की बारह बज जायेगी ! और हमारी सी.आर. खराब होगी अलग से !
पता लगाओ इस ताऊ ने कौन से बैंक का लोन ले रखा है ! उन लोगो ने सब जगह मोबाईल से पता किया पर कोई भी बैंक का लोन नही बाक़ी था ! अब बाक़ी नही था या लिया ही नही था ! अब ये अलग बात थी की बैंक वालो ने ताऊ के चाल चलन की वजह से ताऊ को लोन दिया ही नही था ! क्योंकि ताऊ का प्रोफाईल ही लोन देने लायक नही था ! क्यों नही था ? वो आपको अगली पोस्ट में पता लग जायेगा ! और मुश्किल बढ़ गई ! और उनमे से एक यमदूत बोला - देखना , इस पागल ताऊ से संभलके रहना ! यह देखने में बावलीबूच जरुर लगता है पर है नही ! ये होशियार आदमी है ! अगर होशियार ना होता तो बैंक का लोन इसपे जरुर होता ! ये कैसे सम्भव है की इसपर बैंक का लोन भी ना हो ! बिना बैंक के लोन वाला आदमी खतरनाक होता है ! इसकी झौठडी भी बिना लोन की है इसी लिए ये उससे भी प्रेम करता है ! और अपने साथ ही नर्क ले जाना चाहता है ! और वो बिचारे चिंता में पड़ गए ! ऐसे करते २ चाँद तक पहुँच गए !
वहाँ चाँद पर भाटिया जी के ठेले पर जाकर ताऊ रुक गया ! अपनी भैंस को बाँध दी ! ख़ुद ने भी पानी पीया और उन यमदूतो को भी पिलवाया ! वहाँ मालुम पडा की नीचे से योगीन्द्र भाई का फोन आया था की ताऊ की फोटो उठावने में रखने के लिए चाहिए ! भाटिया जी बोले - ताऊ मैं तो तेरी गमी के लिए घर जा ही रहा था ! बस यहाँ का ठेला का काम काज निपटाने आया था ! अच्छा हुआ तुम यहाँ से होके आगये ! तुमसे मिलना भी हो गया ! चल इब तेरी फोटू खिंचवा देता हूँ ! मैं ही साथ लेता जाउंगा ! कोरियर का खर्चा भी बचेगा !
चाँद पर स्टूडियो आले ने फोटू खिंची तो उसमे जूते कोनी आवै थे ! अगर जूते आते फोटू में तो सर नही आ रहा था ! और ताऊ जिद्द पर अड़ गया की मेरे सर के साथ साथ मेरे नए जूते जरुर आने चाहिए फोटू म्ह ! उधर यमदूत परेशान हो रहे थे की इसे ले जाने में देर हो रही है और इधर भाटिया जी परेशान की नीचे धरती पर ताऊ को फूकने ( अर्थी निकालने में ) में देर हो री सै ! हार थक कै भाटिया जी नै ताऊ से कही - अरे ताऊ एक काम कर, तेरे जूते उतार ले और उनको सर पर बाँध ले और फ़िर फोटू म्ह तेरा सर भी आजावैगा और तेरे जूते भी आजावैंगे !
ताऊ बोल्या - वाह वाह भाई साहब क्या बढिया आईडिया दिया आपने ! इसीलिए तो आप हम सब भाईयो म्ह सबसे बुद्धिमान हो ? इनको एक घंटा हो गया बावली बूचो को , मुझ मरे हुए को परेशान करते हुए ! और डांटते हुए उन यमदूतो को बोला - चलो रे बावली बूचो, जल्दी से, नही तो देर हो जायेगी ! हम भी थारे नर्क का तमाशा देखेंगे ! ( नरक में ताऊ के साथ क्या हुवा ? यह अगली बार )
इब खूंटे पै पढो :- (रमकुडी - झमकुडी) रमकुडी - यो ताऊ के हौवे सै ? झमकुडी - ऐ छोरी इब सोज्या ना ! यो ताऊ तो बालकां नै डराण के काम आवै सै ! असल मे यो किम्मै ना होता ! कोरा मन का बहम हौवे सै ! |
हा हा हा.......मजेदार......लाजवाब..
ReplyDeleteअब ये अलग बात थी की बैंक वालो ने ताऊ के चाल चलन की वजह से ताऊ को लोन दिया ही नही था ! इनको एक घंटा हो गया बावली बूचो को , मुझ मरे हुए को परेशान करते हुए ! और डांटते हुए उन यमदूतो को बोला - चलो रे बावली बूचो, जल्दी से, नही तो देर हो जायेगी ! हम भी थारे नर्क का तमाशा देखेंगे !
ReplyDelete" ha ha ha ha ha itnee arthik mande mey bhee bank wale smejdaar ho gyen hain jo tau jee ko loan nahee diya verna ... ha ha ha ha ab bdee hee confusion ho rhee hai, sat ko tau jee swargvasee ho gye, sunday ko tau jee ke bete kee shadee bhee ho gye... yekya majra hai....koee batyega kya hume... confusion hee confusion hai....ab aage kya hua hoga tau je ke sath ymraj ke yhan,,jrur sare papon kee sja mile hoge... na jane kaun see garm kdahee mey bap re bap...na na na bhagwan tau jee kee rksha krna.."
Regards
regards
आपका ब्लॉग में पढ़ती रहती हूँ .मैं भी हरियाणा से हूँ .पढ़ कर बहुत अच्छा लगता है ...इस बार ख़ुद को कॉमेंट्स करने से नही रोक पायी ..बहुत हंसाया आपके लिखे ने ..सच में लाजवाब
ReplyDeleteताऊ ईश्वर की नहीं ब्लॉगिंग की उपज है। उसे कोई यमदूत या यमराज नहीं मार सकते।
ReplyDeleteहां गूगल शायद सफल ट्राई कर सकता है!:)
जूते उतार ले और उनको सर पर बाँध ले और फ़िर फोटू म्ह तेरा सर भी आजावैगा और तेरे जूते भी आजावैंगे !
ReplyDeleteइब आवेंगे जमदूत पहाड़ के नीचे!
"नरक में ताऊ के साथ क्या हुवा ?" क्या हुआ या ताऊ ने क्या किया :-) ताऊ के साथ क्या हो सकता है भला !
ReplyDeleteइब लौट आओ ताऊ थारी भैंसा याद कर री से!
ReplyDeleteताऊ........... बहोत गलत टेम की पोस्टिंग.
ReplyDeleteमैं तो घंटा पहले ही सातवां पैग ले कै चांद पै पहोंच लिया था..
इस टेम तो मनै घरवाली झोटड़ी बरगी,
अर झोटड़ी घरआली दीख री सै...
अर रही बात यमदूतां की..
तिवारी साब अर भूतनाथ के होते होये इनकी हिम्मत क्यूक्कर होयी आवण की..?
इनका कोर्ट मार्शल करना पड़ेगा....
ताऊ यमदूत और चाँद क्या कहने . यात्रा कैसी रही और भी लिखे, बहुत ही रोचक मजेदार .
ReplyDeleteबिना बैंक के लोन वाला आदमी खतरनाक होता है!
ReplyDeleteइसका मतल्रब समाज में खतरनाक लोग कम हैं:)
मजेदार पोस्ट।
नमस्कार ,ताऊ ,पहली बार आया हु आप के ठिकाने पर , ताउनामा के लिए जबरदस्त और यमलोक के अब तक की यात्रा के लिए मस्त कहने का मन है बाकी.
ReplyDeleteराम राम
पता नही यमदूतों की ताऊ के चक्कर में नौकरी भी बच पायेगी या नही | उन्हें भी पता चलेगा कि ताऊ कै चीज होवे सै |
ReplyDeleteमज़ेदार लेखन
ReplyDeleteआपकी शैली है
आदरणीय ताऊजी :)
- लावण्या
हा हा...सोचता हूँ अपने ब्लौग का नाम बदल कर "बावलीबूच" रख लूँ,कुछ इतना भाया है ये..
ReplyDeleteइस ताऊ की सुपारी किसी बैंक के वसूली एजेंट को दे दो ! इसको वाया आत्महत्या ही आने दो ! अगर ये भैंस और लट्ठ ले के नरक में घुस गया तो हमारी रेप्युटेशन की बारह बज जायेगी ! और हमारी सी.आर. खराब होगी अलग से !
ReplyDeleteक्या बात कही तैने !!जानदार च शानदार !!धांसु च फ़ांसु !!
वाह ताऊ क्या किस्सा लिखा है, घणा मज़ा आया मन्ने तो. यमदूतों की बैंड बजा देना, छोड़ना मत उन्हें, मजाल उनकी हमारे ताऊ को ले जाने की सोचते हैं...एक लट्ठ हमारी तरफ़ से भी जमा देना :D
ReplyDeleteजैसे बैंक वसूली एजेंटो को देख कर कर्ज दार छुप जाया करता है वैसे ही यम् एजेंटो को देख कर आदमी थर थर कांपने लगता है ! यम् दूतो को कुछ करना नही पड़ता वो तो उनके भय से ही आदमी मर जाता है ! बिना मेहनत की कमाई खाते हैं आजकल यमदूत भी ! और कुछ यमदूत तो इतने सयाने हैं की उन्होंने बैंक वसूली एजेंटो को ठेका दे रखा है .....
ReplyDeleteअब ये अलग बात थी की बैंक वालो ने ताऊ के चाल चलन की वजह से ताऊ को लोन दिया ही नही था ! क्योंकि ताऊ का प्रोफाईल ही लोन देने लायक नही था ...
मुझे तो ये लग रहा है कि ताऊ की प्रोफाइल लोन लेने के लिए भले फिट ना हो ,
लेकिन रिकवरी एजेंट के लिए एकदम फिट है
ha ha...mazedar raha.
ReplyDeleteआऊट्सोर्सिंग की तो वाट लगा दी ताऊ आपने। आगे का हाल जानने के लिये बेकरार है हम्।
ReplyDeleteअरे ताऊ डरियो मत ना , इन दुतो ने मेरे से बहुत उधार खा रखा है, आज इन से बात हो ही जाये, या उधार चुकता करे या हमारे ताऊ को वापिस छोड के आये, यमराज तो अब बुढ्ढा हो गया बेचारा, उसे चशमा चाहिये तब तक वद इन दुतो के सहारे ही काम चला रहा है, ओर दुतो का उधार मेरे से चलता है, इन की तन्खा बहुत कम है, इस महंगाई के जामने मै तो उधार कहा से चुकता करेगे ??? ताऊ इब वापिस चल घर पर
ReplyDeleteशानदार। वैसे आपको एक बात बतायें ताऊ कि लोग आपकी अक्ल से जलते हैं। इसीलिये आपकी मूर्खता के किस्से सुनाते हैं। एक जानकारी आपको यह भी देनी थी कि यमराज ने अपना काम वसूली एजेंटो को आउटसोर्स किया और उन्होंने आगे कवियों को आउटसोर्स कर दिया। आप हमारी हाल की कवितायें देखकर समझ ही गये होंगे।
ReplyDeleteअरे ताऊ! नरक जा रहे हो तो हमारा भी इंतजाम कर देना.. आखिर आना हमे भी तो वहीं है.. यमदूतों से सेटिंग-वेटिंग भी करके रखना.. :)
ReplyDeleteba tau, tanne to katai maza tha diya.
ReplyDeleteन्यू डरावण आळी बात मत करो । सपनै मे यमराज और झोटी दिखै सै । थारै खूंटै नै पढकै मजा आगा ।
ReplyDeleteबहुत ही रोचक.. हंस हंस कर लोटपोट हो गए..
ReplyDeleteताऊ तुम्हारे खूंटे बडे मस्त चकाचक होते हैं. पीछे की पोस्ट भी खंगालनी पडती हैं. इन खूंटों को एक साथ एक ब्लाग पर लगवा दिजिये.
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