By P. C. Rampuria (ताऊ)
हर दौर के अलग-अलग हाइकु ...बहुत बढिया
ग़ज़ब ! आधुनिक सोच। शुभकामनायें।
सबकी एक कहानी है,सुनकर आज सुनानी है।
ब्लॉगर ताऊ का नया अंदाज़ भी बढ़िया है ...
बहुत खूब...झूजते?जूझते
देश के 64वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!--आपकी पोस्ट के लिंक की चर्चा कल रविवार (27-01-2013) के चर्चा मंच-1137 (सोन चिरैया अब कहाँ है…?) पर भी होगी!सूचनार्थ... सादर!
ताऊ, इतनी दूरी भी ठीक नहीं.
वाह! ताऊ जी वाह! एक से बढ़ कर एक ...फिर भी मेरी पसंद ..शिव शंकरमहा औघड दानीस्वयं बेघरवाह! राम-राम जी !
सभी हायकू बहुत अच्छे हैं।गौरय्या हमारे यहाँ तो कई सारी आती हैं।
वाह ! शानदार !!
बहुत बढ़िया हायकू....लाजवाब!!गणतंत्र की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !!सादरअनु
सुंदर हाइकु ...गौरया तो सच में खो गयी.....
सभी एक से एक सुन्दर पर खास यह है ....सीता व रामपरिणय के बादझूजते रहेराधा व कृष्णबिना किसी बंधनएक हो गयेसटीक ...
कितना दुःख कहेमन कल्पितअंदर दबायेँ हैँ ।
शहर में तो गौरैया के दर्शन दुर्लभ होते जा रहे हैं ..बहुत बढ़िया प्रस्तुति ..
बढ़िया हाइकु .... राम कृष्ण शिव सबको समेट लिया ।
सीता व रामपरिणय के बादजूझते रहेवो ही क्या जूझे , सभी जूझते है :)
वाह!!
वाह!
बहुत सुंदर हाईकु !~सादर!!!
अब ये ब्लाग सीधे-सीधे ही सीरियस होने लगा है
भई राम राम ... हाइकू पे हाथ मजबूत हो रहा है ताऊ श्री ... राम राम ...
ताऊ जी को सदर प्रणाम ,अच्छे हायकू अलग अलग विषयवस्तु नए दृष्टिकोण के साथ ,बहुत बहुत साधुवाद
सही कहा। कहाँ फुदकती है गौरेया।कृपया मेरे लेख "एक जानकारी गौरेया के बारे में" को भी पढ़े। ब्लॉग का नाम :- गौरेया ब्लॉग का पता :- gaureya.blogspot.comअगर हो सके तो, गौरेया संरक्षण के लिए "गौरेया" ब्लॉग को फॉलो करे। धन्यवाद।
हर दौर के अलग-अलग हाइकु ...बहुत बढिया
ReplyDeleteग़ज़ब !
ReplyDeleteआधुनिक सोच।
शुभकामनायें।
सबकी एक कहानी है,
ReplyDeleteसुनकर आज सुनानी है।
ब्लॉगर ताऊ का नया अंदाज़ भी बढ़िया है ...
ReplyDeleteबहुत खूब...
ReplyDeleteझूजते?
जूझते
देश के 64वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDelete--
आपकी पोस्ट के लिंक की चर्चा कल रविवार (27-01-2013) के चर्चा मंच-1137 (सोन चिरैया अब कहाँ है…?) पर भी होगी!
सूचनार्थ... सादर!
ताऊ, इतनी दूरी भी ठीक नहीं.
ReplyDeleteवाह! ताऊ जी वाह! एक से बढ़ कर एक ...
ReplyDeleteफिर भी मेरी पसंद ..
शिव शंकर
महा औघड दानी
स्वयं बेघर
वाह! राम-राम जी !
सभी हायकू बहुत अच्छे हैं।
ReplyDeleteगौरय्या हमारे यहाँ तो कई सारी आती हैं।
वाह ! शानदार !!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया हायकू....
ReplyDeleteलाजवाब!!
गणतंत्र की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !!
सादर
अनु
सुंदर हाइकु ...गौरया तो सच में खो गयी.....
ReplyDeleteसभी एक से एक सुन्दर
ReplyDeleteपर खास यह है ....
सीता व राम
परिणय के बाद
झूजते रहे
राधा व कृष्ण
बिना किसी बंधन
एक हो गये
सटीक ...
कितना दुःख कहे
ReplyDeleteमन कल्पित
अंदर दबायेँ हैँ ।
शहर में तो गौरैया के दर्शन दुर्लभ होते जा रहे हैं ..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति ..
बढ़िया हाइकु .... राम कृष्ण शिव सबको समेट लिया ।
ReplyDeleteसीता व राम
ReplyDeleteपरिणय के बाद
जूझते रहे
वो ही क्या जूझे , सभी जूझते है :)
वाह!!
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteबहुत सुंदर हाईकु !
ReplyDelete~सादर!!!
अब ये ब्लाग सीधे-सीधे ही सीरियस होने लगा है
ReplyDeleteभई राम राम ... हाइकू पे हाथ मजबूत हो रहा है ताऊ श्री ...
ReplyDeleteराम राम ...
ताऊ जी को सदर प्रणाम ,अच्छे हायकू अलग अलग विषयवस्तु नए दृष्टिकोण के साथ ,बहुत बहुत साधुवाद
ReplyDeleteसही कहा। कहाँ फुदकती है गौरेया।
ReplyDeleteकृपया मेरे लेख "एक जानकारी गौरेया के बारे में" को भी पढ़े।
ब्लॉग का नाम :- गौरेया
ब्लॉग का पता :- gaureya.blogspot.com
अगर हो सके तो, गौरेया संरक्षण के लिए "गौरेया" ब्लॉग को फॉलो करे। धन्यवाद।