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बहु बेटियां, गांव की अमानत, अब ना रही
(1)
बहु बेटियां
गांव की अमानत
अब ना रही
(2)
सर्द हवाएं
लू जैसा एहसास
जमाना कैसा
(3)
मेरा भारत
गांव और शहर
जुदा हो गये
(4)
बालीवुड में
बहस बलात्कार की
खुद में झांको
(5)
सोप ओपेरा
ऊल्लू जैसे देखते
बौराए लोग
करंट अफेयर्स और आपके हाइकु -- माशाल्लाह क्या बात है !
ReplyDeleteएकदम टॉप क्लास।
ताऊ कमाल कर दिया, हाईकु ने धमाल कर दिया।
ReplyDeleteस्वयं से पृथक जीवनशैली देख रहे हैं।
ReplyDeleteसुन्दर हाइकू
ReplyDeleteवाह वाह ... शशक्त ... सामयिक ... प्रभावी ... सच का पुट लिए हुवे ...
ReplyDeleteराम राम जी ...
बहुत सटीक और बहुत कुछ समेटे हैं यह तीन-तीन लाइनाँ!
ReplyDeleteलाज़वाब और सार्थक हाइकु...
ReplyDeleteसभी हाइकू सटीक लगे !
ReplyDeleteसुन्दर हाइक
ReplyDelete.बहुत सुन्दर हाईकू
ReplyDeleteनई पोस्ट :" अहंकार " http://kpk-vichar.blogspot.in
वाह आपका अधिकार तो केवल गद्य पर ही नहीं है
ReplyDelete^
ReplyDeleteक्या थे
क्या हो गए
हम लोग
*
कमाल है ताऊ ...
ReplyDeleteबधाई !
बधाई !
ReplyDeletetau kaise hain jee
ReplyDeleteतीन तीन पंक्तियों में
ReplyDeleteसारी बातें कह दी गई
हैं .....वाकई कमाल का धमाल
♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥♥
♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥
हाइकु ?
...और ताऊ के लिखे हुए ?!
नए साल के नए रंग दिखने लगे हैं ...
:)
बालीवुड में
बहस बलात्कार की
खुद में झांको
वाह ! वाऽह ! वाऽऽह !
क्या बात है !
आदरणीय ताऊ जी
राम राम !
ताऊ ग़ज़ब !
लिखे बेहतरीन...
सारे हाइकु !
ऐसे ही सुंदर , सार्थक , श्रेष्ठ सृजन के साथ ब्लॉग पर प्रगट होते रहें …
नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
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गांव चौबारे छूटे तो सभ्यता भी छूट गयी।
ReplyDeleteताऊ के सदाबहार हास्य से जुदा संवेदनाओं से भरी सहज स्वाभाविक प्रतिक्रिया!
ReplyDeleteएक टिप्पणी पूर्व में भी लिखी थी, लेकिन कहीं दिखायी नहीं दे रही। ताऊ क्या घोटाला है?
ReplyDeleteघोटाला तो सरकार करती हैँ ..वो भी तब ! जब चुनाव जित जाती हैँ ।
Deleteघोटाला तो सरकार करती हैँ ..वो भी तब ! जब चुनाव जित जाती हैँ ।
ReplyDeleteसभी हायकू गहन अर्थ लिये हुए हैं.
ReplyDeleteबहुत अच्छे हैं.
भारत के गाँव फिर क्या पहले जैसे रहें है
ReplyDeleteपहले जैसे अब कोई बात है ही नहीं
लाजबाब !
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