By P. C. Rampuria (ताऊ)
ताउ हायकु प्यारे हैँ खुबसुरतमन लुभायेँ ।
वाह !
ताऊ अब कवि हो गएराम भजो!
ताऊ चिल्लायाभूख लग रही हैबेलन टूटा रोज बेल कर बेलन तो टूटेगा ही बेल रोटियाँ ताऊ ,मै हाइकू लिखना बिलकुल नहीं जानती बस आपके साथ तुकबंदी करने में मजा आता है !महीने के तीस दिन साल के बारा महीने रोटियाँ बेलना बड़ा बोरींग काम है :)अलसभोरकमसिन कवितारूबरू खुदादोनों रचनाकार ...सुन्दर लगी यह रचना !
अच्छे हायुक बन पड़े है
वाह ताऊ श्री ... मज़ा आ रहा है बहुत इन हाइकू में ... बहुत खूब ...
ताऊ, हाइकूशानदार जानदारवाह वाह वाह,
वाह, हाई पे हैं हाईकू..
ताऊ जी क्या बात है ...घर के झगड़े ब्लॉग तक हाइकु के रूप में सबके सामने आ रहें हैं :)
पतंग चलीव्योम पार करनेवापस वहींआज तो देश की हालत भी यही है
सुन्दर हाइकू....
अलसभोरकमसिन कवितारूबरू खुदावाह!बहुत सुन्दर.अलग-अलग कई रंग दिखे आज के इन सभी हायकू में !सभी अच्छे, संतुलित और अर्थपूर्ण.
लिखा हाइकु ताऊ इत्ता गज़ब भला काइकु -----
वाह ...बहुत बढ़िया हायकू...शब्द सीमा कहाँ रोक पायी भावों की अभिव्यक्ति को..सादरअनु
ताऊ चिल्लायाभूख लग रही हैबेलन टूटाहा-हा-हा ..बेचारा ताऊ !
ताऊ जी क्या बात है ...घर केझगड़े ब्लॉग तक हाइकु के रूप मेंसबके सामने आ रहें हैं :)
फिर हाइकू ...खुद खैर करे :)
हाईकु वाले ताऊ...
ताउ हायकु
ReplyDeleteप्यारे हैँ खुबसुरत
मन लुभायेँ ।
वाह !
ReplyDeleteताऊ अब
ReplyDeleteकवि हो गए
राम भजो!
ताऊ चिल्लाया
ReplyDeleteभूख लग रही है
बेलन टूटा
रोज बेल कर
बेलन तो टूटेगा ही
बेल रोटियाँ
ताऊ ,
मै हाइकू लिखना बिलकुल नहीं जानती बस आपके साथ तुकबंदी करने में मजा आता है !
महीने के तीस दिन साल के बारा महीने रोटियाँ बेलना बड़ा बोरींग काम है :)
अलसभोर
कमसिन कविता
रूबरू खुदा
दोनों रचनाकार ...सुन्दर लगी यह रचना !
अच्छे हायुक बन पड़े है
ReplyDeleteवाह ताऊ श्री ... मज़ा आ रहा है बहुत इन हाइकू में ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteताऊ, हाइकू
ReplyDeleteशानदार जानदार
वाह वाह वाह,
वाह, हाई पे हैं हाईकू..
ReplyDeleteताऊ जी क्या बात है ...घर के झगड़े ब्लॉग तक हाइकु के रूप में सबके सामने आ रहें हैं :)
ReplyDeleteपतंग चली
ReplyDeleteव्योम पार करने
वापस वहीं
आज तो देश की हालत भी यही है
सुन्दर हाइकू....
ReplyDeleteअलसभोर
ReplyDeleteकमसिन कविता
रूबरू खुदा
वाह!बहुत सुन्दर.
अलग-अलग कई रंग दिखे आज के इन सभी हायकू में !
सभी अच्छे, संतुलित और अर्थपूर्ण.
लिखा हाइकु
ReplyDeleteताऊ इत्ता गज़ब
भला काइकु
-----
वाह ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया हायकू...
शब्द सीमा कहाँ रोक पायी भावों की अभिव्यक्ति को..
सादर
अनु
ताऊ चिल्लाया
ReplyDeleteभूख लग रही है
बेलन टूटा
हा-हा-हा ..बेचारा ताऊ !
ताऊ जी क्या बात है ...घर के
ReplyDeleteझगड़े ब्लॉग तक हाइकु के रूप में
सबके सामने आ रहें हैं :)
फिर हाइकू ...
ReplyDeleteखुद खैर करे :)
हाईकु वाले ताऊ...
ReplyDelete