एक गौरैया, फ़ुदकती थी यहां, अब कहां है




1
एक गौरैया
फ़ुदकती थी यहां
कहां है अब 


2
सीता व राम
परिणय के बाद
जूझते रहे


3
शिव शंकर
महा औघड दानी
स्वयं बेघर


4
राधा व कृष्ण
बिना किसी बंधन
एक हो गये


5

कदंब भोज
गोपियों संग रास
महाभारत


Comments

  1. हर दौर के अलग-अलग हाइकु ...बहुत बढिया

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  2. ग़ज़ब !
    आधुनिक सोच।
    शुभकामनायें।

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  3. सबकी एक कहानी है,
    सुनकर आज सुनानी है।

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  4. ब्लॉगर ताऊ का नया अंदाज़ भी बढ़िया है ...

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  5. देश के 64वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
    --
    आपकी पोस्ट के लिंक की चर्चा कल रविवार (27-01-2013) के चर्चा मंच-1137 (सोन चिरैया अब कहाँ है…?) पर भी होगी!
    सूचनार्थ... सादर!

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  6. वाह! ताऊ जी वाह! एक से बढ़ कर एक ...
    फिर भी मेरी पसंद ..
    शिव शंकर
    महा औघड दानी
    स्वयं बेघर
    वाह! राम-राम जी !

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  7. सभी हायकू बहुत अच्छे हैं।

    गौरय्या हमारे यहाँ तो कई सारी आती हैं।

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  8. बहुत बढ़िया हायकू....
    लाजवाब!!
    गणतंत्र की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !!

    सादर
    अनु

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  9. सुंदर हाइकु ...गौरया तो सच में खो गयी.....

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  10. सभी एक से एक सुन्दर
    पर खास यह है ....
    सीता व राम
    परिणय के बाद
    झूजते रहे

    राधा व कृष्ण
    बिना किसी बंधन
    एक हो गये

    सटीक ...

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  11. कितना दुःख कहे
    मन कल्पित
    अंदर दबायेँ हैँ ।

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  12. शहर में तो गौरैया के दर्शन दुर्लभ होते जा रहे हैं ..
    बहुत बढ़िया प्रस्तुति ..

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  13. बढ़िया हाइकु .... राम कृष्ण शिव सबको समेट लिया ।

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  14. सीता व राम
    परिणय के बाद
    जूझते रहे

    वो ही क्या जूझे , सभी जूझते है :)

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  15. अब ये ब्लाग सीधे-सीधे ही सीरियस होने लगा है

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  16. भई राम राम ... हाइकू पे हाथ मजबूत हो रहा है ताऊ श्री ...
    राम राम ...

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  17. ताऊ जी को सदर प्रणाम ,अच्छे हायकू अलग अलग विषयवस्तु नए दृष्टिकोण के साथ ,बहुत बहुत साधुवाद

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  18. सही कहा। कहाँ फुदकती है गौरेया।
    कृपया मेरे लेख "एक जानकारी गौरेया के बारे में" को भी पढ़े।
    ब्लॉग का नाम :- गौरेया
    ब्लॉग का पता :- gaureya.blogspot.com

    अगर हो सके तो, गौरेया संरक्षण के लिए "गौरेया" ब्लॉग को फॉलो करे। धन्यवाद।

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