अब आप सोच रहे होंगे कि ये रामप्यारी को आज क्या हो गया जो इतनी बडी बडी अंगरेजी बोले जा रही है?
हां बात यह हुई कि हीरामन भैया मुझको अंगरेजी की टांग तोडना सिखा रहे हैं. वैसे ताऊ और मुझको अंगरेजी बहुत अच्छी आती है. मैं और ताऊ तो सब कुछ अंगरेजी मे ही करते हैं.
अभी कल हम एक मूवी देख रहे थे घर पर ही. पडोसन नाम था. उसमे महमूद अंकल को देखकर मेरी समाईल (smile) रुकने का नाम ही नही ले रही थी. और मैं दांत फ़ाडॆ जा रही थी कि इतने मे ताई आगई लठ्ठ ऊठाकर . और जोर से चिल्ला कर बोली - ऐ, रामप्यारी की बच्ची…चल चुप कर ..डोंट समाईल एंड गो टू युवर कमरा…ऐंड सटेडी (study) करले…कल इम्तहान मे फ़ेल हो जायेगी…
तो अब क्या करती? लठ्ठ के डर के मारे आकर मैने अपनी किताब के बीच मे चाचा चौधरी की कामिक्स छुपा कर पढने लग गई. थोडी देर बाद ताई आगई हाथ मे दूध का गिलास लेकर..और बोली – बेटा रामप्यारी ..चलो अब बहुत पढाई करली..लो दूध को..ड्रिंक लो… और सलीप (sleep) जाओ अब..
मेरी कामिक्स खत्म नही हुई थी सो मैने ताई को बोला –ताई बस एक लेशन बचा है वो याद करके सलीपती हूं..क्या पता कल इसी मे से इम्तहान मे कुछ आ जाये?
अब ताई तो सीधी साधी..उसको तो मैं मिनटॊं मे बेवकूफ़ बना डालती हूं उसको क्या मालूम कि मैं कामिक्स पढती हूं या कोर्स की किताबे पढती हूं?
पर जब मैं फ़ेल हो जाऊंगी..तब क्या होगा? ठीक है अभी से क्यों टेंशन लेना? जब रिजल्ट आयेगा तब की तब देखी जायेगी… मैने तो सवा पांच आने का बजरंग बली का परसाद अभी से बोल दिया है. अभी तो मजे करो..सच क्या मजा आता है कामिक्स पढने मे?
अभी क्या हुआ कि वो आये थे..अरे वो…..अब क्या बताऊं?……अरे अब नाम भी याद नही रहता….आप लोग भी ना..बस मेरे से झूंठ सच बुलवाते ही रहते हैं. या…कहीं मैं ताऊ ताई की तरह बुढी तो नही हो गई?
अच्छा अच्छा…अब याद आया…अभी ना…वो उडनतश्तरी वाले समीर अंकल आये थे . आप किसी को बताना मत..पता नही क्यों ? दोनो ने ये बात किसी को नही बताई? और ना…और ना…. समीर अंकल ने मुझे बहुत सारी चाकलेट दी थी..और बोले ..रामप्यारी बेटा..तेरे लिये कनाडा से और भिजवाऊंगा..तू तो बस … पहेली का जवाब बता दिया कर मेरे को.
मैने कहा – हां अंकल बता दूंगी…मेरे कौन से पैसे लगते हैं..और अब मैं ये आपको क्यों बताऊं कि समीर अंकल के साथ मे आंटी भी आई थी. और ना..और ना… आंटी तो मेरे लिये बहुत अच्छॆ २ कपडे और ड्रेस भी लेकर आई थी.
अब ये बात मैने आपको बता तो दी है..पर आपको विद्या माता कि कसम है ..किसी को मत बताना वर्ना मेरी पिटाई होने के योग लग रहे हैं.क्योकी वो प. दिनेश शर्मा अंकल ने मेरी जन्मपत्री देख कर यही कहा है कि रामप्यारी झूंठ बोलना छोड दे वर्ना तेरे पिटने के योग बन रहे हैं. देखना दिनेश अंकल मेरे लिये भी कुछ पूजा पाठ करवा देना….जिससे मैं पास भी हो जाऊं और मेरी पिटाई भी ना हो.
पता नही क्यों ? आजकल जिसको देखो वो ही ये बोलता है कि रामप्यारी तो एक नम्बर की झूंठी है और फ़ालतू बकबास करती है. अरे जब झूंठ ही नही बोलूंगी..? बकबास ही नही करूंगी तो पोस्ट कैसे लिखूंगी? अब इतनी झूंठ सच तो चलती ही है. और फ़िर मैं तो सफ़ेद झूंठ बोलती हूं, जिससे किसी का नुक्सान ना हो..नुक्सान तो छोटी झूंठ बोलने से हो सकता है.
अच्छा तो अब रामराम. कल की पहेली मे मिलूंगी…तो आप कल जरुर आईयेगा सूबह ६ : ३० AM पर ताऊ शनीचरी पहेली में. तब तक के लिये रामराम.
इब खूंटे पै पढो :- बात घणी पुरानी है. एक दिन भाटिया जी ताऊ के घर आये और ताऊ के बाबू (पिताजी) के पास बैठ गये, बाते करने के लिये. उसी समय ताऊ के बाबू ने ताऊ को बुलाया और कान के नीचे तीन चार इनिशियल ऎडवांटेज बजाकर मटका हाथ मे देकर बोले – जा चुप चाप कुयें से पानी का मटका भर ला. इब भाटिया जी ने पूछा – बाबूजी, आपने बिना बात ताऊ के तीन चार थप्पड क्युं मारे ? उसने कोई गल्ती तो की नही थी? ताऊ का बाबू बोल्या – अरे भाटिया, तैं समझै कोनी बात नै. अरे मैं कोई काम बाद मे नही करता. अगर वो मटका फ़ोड ही दे तो उसके बाद पीटने का क्या मतलब? मैं तो सब काम ऎडवांस म्ह करता हूं. पहले से समझा देना ठीक होता है. ताऊ कुछ बडा हुआ तो अपने बाबू को बोल्या – बाबू मन्नै भी कुछ राजनिती सिखा दे. मै भी चुनाव लडूंगा. ताऊ का बाबू बोल्या – अच्छा बेटे एक काम कर, तू उपर दूसरी मंजिल पर चढ सकै है के? ताऊ बोला – इब्बी ले बाबू.. तू दूसरी की बोलता है मैं तीसरी पै चढ कै दिखा देता हूं. और ताऊ खट से चढ गया तीसरी मंजिल पर. इब ताऊ का बाबू खडा होकर बोला – चल बेटा, इब जरा उपर से छलांग मार और कूद जा नीचे. ताऊ बोला – बाबू, इस तरह कूदने से तो मेरे हाथ पांव टुट जायेंगे? ताऊ का बाबू बोला – अरे बावली बूच…नीचे मैं तेरा बाप खडा हूं. अरे तू छलांग लगा..मैं तुझे मेरी गोद मे पकड लूंगा, तुझे जमीन पर गिरने थोडी ही दूंगा. अपने बाप पर यकीन रख, आखिर मैं तेरा बाप हूं. ताऊ ने बाप की बात पर यकीन करके तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी और जैसे ही ताऊ ने छलांग लगाई उसका बाबू पीछे हट गया और ताऊ धडाम से नीचे गिर पडा. नतिजतन ताऊ के हाथ पैर टुट गये. अब ताऊ अपने बाबू पर गुस्सा होते हुये बोला – ये क्या किया बाबू? अरे मैं तुम्हारा बेटा था और तुमने तो मेरे साथ दुशमनों जैसा व्यवहार किया? मेरे हाथ पैर तुडवा दिये. अब ताऊ का बापू बोला – बेटा, मैं तो हमेशा तुझे बचपन से ही प्रेक्टीकल ट्रेनिंग देता आया हूं और तेरे को राजनीति करनी है तो ये उसकी ट्रेनिंग है कि राजनीती मे अपने बाप की बात का भी भरोसा मत करो. |
वैरी वैरी गुड मार्निंग जी!
ReplyDeleteखूँटा आज के माहौल में बड़ा सटीक है ताऊ जी!
इस समय राजनीति में थ्योरी और प्रैटीकल दोनों की ही क्लास जोरों पर चल रही है।
इसमें बाप और बेटे के रिश्ते भी बे-मानी
हो गये हैं।
ठीक एक महीने बाद फिर से पुराने ढर्रे पर सब कुछ चलने लगेगा।
घणी राम-राम।
रामप्यारी ये मार्निंग मार्निंग में बहुत ही इंगलीस स्पीक ली, तुम ताऊ के साथ रह के चाचा चौधरी की बुकस रीडती हो तभी तो तुम्हारा माईंड भी चाचा चौधरी के लाईक कम्पयूटर से भी फास्ट वाकता है।
ReplyDeleteअमेरिकी चाकलेट तो मेरी तरफ से भी पक्की, जवाब जल्दी से ईमेलयाना।
हमम्.....राजनीती मे अपने बाप की बात का भी भरोसा मत करो - एकदम मार्के की बात बताई है।
ReplyDeleteबकबास ही नही करूंगी तो पोस्ट कैसे लिखूंगी?............
ReplyDeleteसुंदर वर्णन .
गुड मार्निंग गुड मार्निंग और रामप्यारी जी!
ReplyDeleteपेशे-खिदमत है एक गीत:
पाँव तुडा के होश में आये तो क्या हुआ?
ल्यो मैं भी खूँट्टे पै चढ लिया! थारा खूँट्टा ऐ इतणा काम्मल सै!
ReplyDeleteरामप्यारी वैरी तो नहीं ,९ बजने वाले है इसलिए कुछ देर बाद की गुड मोर्निंग ! इब ये बता चोकलेट खाने के बाद भी समीर अंकल को पहेली का जबाब भी कहीं गलत तो नहीं बताएगी ?
ReplyDeleteराजनीती मे अपने बाप की बात का भी भरोसा
ReplyDeleteमत करो.
ताऊ बाबू ने सोलह आने सही बात बताई है ! राज और राजनीती होती ही ऐसी है इतिहास उठाके देख लो कितने ही बापों ने सत्ता के लिए अपने बेटों को मारा है और कितने ही बेटो ने राज के लिए अपने बापों को मारा है या कैद किया है |
वाह माता रामप्यारी जी, आपको प्रणाम. समीर जी से डबल चाकलेट का पार्सल करवा दिया है. मुझे कल की पहेली का जवाब आज ही चाहिये.:)
ReplyDeleteऔत खूंटे से समझ आया कि ताऊ को उसके बापू ने ठोक ोक कर ताऊ बनाया है, इसीलिये इतना तगडा खूंटा ठोकता है.
वाह रामप्यारी जी आप तो कमाल का लिखती हैं. आप अपने ब्लाग पर क्युं नही लिखती?
ReplyDeleteऔर ये खूंटा तो बडा मस्त मस्त है.
खूंटा और खूंटे के ऊपर दोनों फर्राटेदार है !
ReplyDeleteरामप्यारी रानी ये वैरी वैरी गुड मार्निंग जी वाला स्टाइल बडा गुड सा है जी .....दिन पे दिन तुम तो तरक्की कर रही हो....ये तुम्हरी हिंगलिश वैरी वैरी इम्प्रोवी जा रही है......हा हा हा हा हा हा हा रानी ये टाफी चोकलेट के चक्कर में ज्यादा बेईमानी मत करना ओके नहीं तो हाँ विद्या माता की कसम वो ना पाप भी चडता है ओके.....
ReplyDeleteregards
हमारी भी इंगलिश ऐसी है जी। और राजनीति का पाठ पढ लिया जी।
ReplyDeleteहिन्ग्लिश तो अपुन का भी लोगो को इम्प्रेस करने का हथियार है,वैसे राजनीति का पाठ पाठ्य पुस्तक़ो मे शामिल कर लिया जाना चाहिये।
ReplyDeleteताऊ
ReplyDeleteहम तो ताऊ की बात पर भरोसा कर देते है :)
ReplyDeleteअरे ! मुझे तो पता ही नहीं था कि FM रेडियो और TV वाले, बोलने की कोचिंग ताई से लेकर जाते है :-)
ReplyDeleteमुझे भी थोडी अंग्रेजी सिखा दे रामप्यारी ..बड़ी दिक्कत पेश आती है कम्पूटर चलाने में :-)
ReplyDeleteअब रामप्यारी, तू तो हमारा नाम लेकर झूठ भी बोलेगी तो भी हम तो कुछ कहेंगे नहीं-जबाब जो दोगी पहेली का.. :)
ReplyDeleteआज तो खूंटे से एकदम मस्त और सामायिक है-चुनाव चल ही रहे हैं.
बेटा-सीमा आंटी तो मजाक कर रही हैं.देख हा हा भी लिखा है. बच्चों को कोई पाप नहीं पड़ता. तू तो बस टाफी खाये जा!! :)
ReplyDeleteरामप्यारी जी नमस्कार, और दोपहर वाली रामराम.
ReplyDeleteहमारे यहां सूबह छ बजे बिजली चली जाती है तो कल की पहेली का कुछ ऐसा जोगाड जमाओ कि ये सूबह ५ बजे ही प्रकाशित हो जाये.
अगर ऐसा नही हो सके तो मुझे अभी जवाब बतादो जिसको मैं एडवांस मे जवाब दे दूं. ऐसा कोई चक्कर चलाओ..एक चाकलेट की फ़ेकटरी ही खुलवा दूंगा. पकीई तुम्हारी विद्या माता की कसम.:)
रामप्यारी जी बहुत बेमिसाल लिखती हैं आप. बस ऐसा ही लिखती रहिये. कल की पहेली का इंतजार है. कुछ क्ल्यु भी देना चाहिये कि पहेली कहां से मेरा मतलब कौन सी स्टेट से होगी?
ReplyDeleteहाय रामप्यारि जी आप कितनी प्यार्री प्यारी बाते करती हैं? बहुत अच्छा लिखती हैं , आपका भविष्य बहुत उज्जवल है.
ReplyDeleteरामप्यारी तुम्हें जल्दी ही मेरे चोकलेट का पार्सल मिलेगा बस उत्तर बता देना कल :-)
ReplyDeleteऔर ताऊ की ट्रेनिंग तो बड़ी जबरदस्त हुई है.
रामप्यारी,म्हारे कान्नी तै दोपहर आल्ली गुड मार्निंग कबूल करिए....अर तों जमीं फिकर ना करिए,तेरा उपाय मन्नै कर दिया है,जम्म कै सवेरे सांझ सफेद/काला/पीला/नीला/हरा/लाल जिस्सा बी जी करै,उसा झूठ बोल....डोन्ट चिन्ता, टेक हौंसला.
ReplyDeleteRampyari ji se english sikhne ka man karne laga ab to...
ReplyDeletekya khub likha hai...
राम प्यारी दिन दिन चालाक होती जा रही है । ताऊ कि कलम छीन रही है
ReplyDeleteरामप्यारी तुम्हारी पोस्ट के इंतज़ार में रहती हूँ.बहुत अच्छी पोस्ट लिखती हो.और चाचा चोधरी -मोटू-पतलू की कोमिक्स मुझे भी बहुत पसंद थी..किताबों में छुपा कर शायद बहुतों ने कहानी की किताबें पढ़ी होंगी.नयी बात नहीं है.इस लिए पढे जाओ...कल से २०-२० मैच शुरू हो रहे हैं..आओगी देखने??साथ साथ देखेंगे!
ReplyDeleteराजनीति ने रिश्तों को बेमानी कर दिया है, मजेदार प्रस्तुति।
ReplyDelete"मैं तो सफ़ेद झूंठ बोलती हूं, जिससे किसी का नुक्सान ना हो.." सही है रामप्यारी! सफेद झूठ और काला धन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। सफेद झूठ की तरह काला धन भी स्विज़ बैंक में जमा जो हो जाता है :)
ReplyDeleteताऊ राम राम ताई नै भी राम राम भेज दियो
ReplyDeleteहाय प्राण प्यारी अरे नहीं राम प्यारी हाऊ आर यू
रै ताऊ मन्ने तो यो लाग्गै सै अकै इब यो राम प्यारी ओडे कोन्नी रहवेगी क्यूंकि या तां जमाय अंग्रेजी बोलना लागरी सै तो रै ताऊ तैं बी एक काम क्यूं कोनी कर देता कि रामप्यारी ने आईलेटस IELTS करा दे अर भेज दे आस्ट्रेलिया ओडे रहके और घनी अंग्रेजी झाड लिया करेगी अरे नहीं बोल लिया करेगी इब आईलेटस जरूर करवाइए ताऊ ठीक सै ना
राम प्यारी............समीर अंकल तो हैं ही टॉफी वाले अंकल .....बच के रहना
ReplyDeleteऔर मुझे भी अंग्रेजी सीखा दे............अगर थारे पास टाइम है तो ...........
ताऊ, झूठ बोलना और बाप पर भी विश्वास न करना सीख रहे हैं। लगता है भविष्य इन का ही है। लेकिन हम तो चाहेंगे कि न हो।
ReplyDeleteमजेदार प्रस्तुति।
ReplyDeleteराम-राम
एकदम प्रक्टिकल है. मजा आयो.
ReplyDeleteaaj ka khoonta vishesh achcha laga.
ReplyDeleteइनीशियल एडवाण्टेज माने कण्टाप! वाह, बचपन में हमें बहुत इनीशियल एडवाण्टेज मिला है! :)
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