हाय...अंक्ल्स...आंटीज... भैयाज एंड दीदीज...मैं मिस रामप्यारी, "ताऊ टीवी फ़ोडके चैनल" के होली कार्यक्रम
"वाह वाह ताऊ क्या लात है?" में अपने कैमरामैन रामप्यारे के साथ आपका बादाम बजा लाती हूं. आप सोच रहे होंगे कि ये मिस रामप्यारी अचानक कहां से आ
टपकी? तो चिंता मत किजिये मैं दिमाग खाने और फ़ालतू बकवास करने का हाई डिग्री कोर्स करने विदेश गई थी जहां से
अपना कोर्स पूरा करके वापस आ गई हूं. अब मैं अक्सर आपका दिमाग खाती ही रहुंगी.
वैसे
तो लोग कहते हैं कि मिस. रामप्यारी को चूहे खाने में बहुत मजा आता है पर
सच बताऊं, मुझे जो मजा लोगों का दिमाग खाने में आता है ना...उससे ज्यादा स्वाद
किसी और चीज में नही आता...और अब तो मैने इसमे बिलायती डिग्री भी हासिल कर ली है. पर आप घबराईये मत, आज मैं आपका दिमाग नही खाते
हुये सीधे लिये चलती हुं "वाह वाह ताऊ क्या लात है?" कार्यक्रम में.....
आज के कार्यक्रम की शुरूआत कर रहे हैं मशहूर ब्लागर और मार्मिक गीतकर. श्री सतीश सक्सेना अंकल....आईये अंकल...और माईक थामकर....सर्व प्रथम गुरू घंटालों की आरती उतार कर कार्यक्रम का फ़नाफ़िल्ला कर दिजिये.......
प्यारे ब्लागर साथियों, "ताऊ टीवी फ़ोडके चैनल" के "वाह वाह ताऊ क्या लात है? कार्यक्रम में आने से पहले ही एंटी भांग डोज लेकर आया हूं....इसीलिये ताऊ टीवी की स्वागत परंपरा में भांग के पांच गिलास खींचने के बाद भी सही सलामत हूं और होली के विभिन्न रंग लिये एक रचना पेश कर रहा हूं....दाद दिजियेगा...... सुनिये...
नमन करूं ,
गुरु घंटालों को !
पाओं छुऊँ ,
भूतनियों के !
ताऊ चालीसा को पढ़ते,खेलें ब्लोगिंग होली है !
आओ छींटें मारे, रंग के, बुरा न मानो होली है !
गुरु है, गुड से
चेला शक्कर
गुरु के अली
पटाये जाकर !
गुरु भाई से राज पूंछकर, गुरु की गैया, दुह ली है !
तीखे तीरंदाज़ ,सह्रदय , रंग मिज़ाज त्रिवेदी हैं !
ब्लोगिंग करते
सब चलता है !
कुछ भी लिखदो
सब छपता है !
जिनको कहीं न सुनने वाले,यहाँ पर बजतीं ताली हैं !
यहाँ पन्त जी और मैथिली , अक्सर भरते पानी हैं !
चार कोस पे
पानी बदले ,
आठ कोस
पर बानी !
देसी बानी,पढ़ी न जानी , अर्थ अनर्थ पहेली है !!
किसके कपडे साफ़ बचे हैं,किसकी रंगत गोरी है !
कचरा लिख दो ,
कूड़ा लिख दो !
कुछ ना आये ,
कविता लिख दो
कवि बैठे हैं, माथा पकडे , कविता कैसी हो ली है !
एक पंक्ति में,दो शब्दों की, माला लगती सोणी है !
कापी कर ले
जुगत भिडाले
ब्लोगर बनकर
नाम कमा ले ,
मधुर गीत की बातें अब तो , बात पुरानी हो ली है !
ताऊ ने हाइकू लिखमारा,शिकी की गागर फोड़ी है !
अधर्म करते
धर्म सिखाते
बड़े रसीले ,
शीर्षक लिखते !
नज़र बचाके ,कैसे उसने ,दूध में गोली, घोली है !
नया मुखौटा लगा के देखो,पीठ में मारी गोली है !
गुरुजन बैठे ,
आस लगाये !
इतना लिखा
न कोई आये !
नज़र न आये कोई भौजी ,किससे खेले ? होली है !
कुछ आहट दरवाजे आई,कहीं तो पायल छनकी है !
ब्लू लेवल की
बोतल आई ,
नई कार
बीबी भी लायी
बाबू जी का, टूटा चश्मा ,माँ की साडी आनी है !
समय ने, बूढ़े आंसू देखे,यही तो प्यारे होली है !
हौंसला अफ़्जाई का शुक्रिया साथियों....आपकी वंस मोर...वंस मोर की आवाज मुझ तक आ रही है...पर क्या करूं...मुझे लगता है कि होली की भांग के पांचवें गिलास का असर हो रहा है...अत: इसी के साथ विदा चाहुंगा...आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएं.
ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक....ब्रेक....ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक....ब्रेक....ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक....ब्रेक....ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक....ब्रेक....ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक....
आज की "नाच मेरी बुलबुल" प्रतियोगिता में ब्लागिस्तान की मशहूर चोटी तोड डांस की मल्लिका सुश्री सतीशा देवी पेश करने जा रही हैं "दो चोटी तोड डांस".....दर्शकों दिल थाम कर बैठिये और मजा लिजिये सुश्री सतीशा देवी के "दो चोटी तोड डांस" का.......
चोटी नृत्य में सुश्री अजया देवी, सुश्री रूपा देवी, सुश्री सतीशा देवी,
सुश्री दिगंबरा देवी और सुश्री काजल देवी
ब्लागिस्तान की मशहूर नृत्यांनाएं.....मटका तोड डांसर सुश्री अजया देवी, बेलन तोड डांसर सुश्री रूपा देवी, चिमटा तोड डांसर सुश्री दिगंबरा देवी और हुजूर दिल थाम के देखिये ...दिल तोडू लठ्ठ डांस की मल्लिका सुश्री काजल देवी को... जो आज सुश्री सतीशा देवी के साथ संगत कर रही हैं..........
ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक......ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक..
अब हम एक दीर्घ विराम लेते हैं और कुछ समय पश्चात लौटेंगे....तब तक आप कहीं भी कुछ भी... करके लौट आईयेगा...तब तक के लिये मिस रामप्यारी की रामराम..........
(शेष भाग अगले अंक में....)
हा हा हा ! होली का सतीश छाप बढ़िया गीत।
ReplyDeleteअब तो बस ताऊ ताई की जोड़ी देखनी है, होली में ।
बढ़िीया व्यंग्य!
ReplyDeleteताऊ राम-राम...!
अब तो लगने लगा है कि होली आ ही गयी है!
हा हा हा हा हा जय हो ताऊ जी , आपके आने से होली होली सी लगने लगी है कसम से रंगों का असर अब पक्का चढेगा ये यकीन है , मेन आइटम डांसर तो लिल्लन टाप लग री है ताऊ ..कमरिया करे लपालप ..लिल्लन टाप लागेलू टाईप से ..अगले एपिसोड का इंतज़ार है :)
ReplyDeletejai Ram ji ki .....
ReplyDeleteholi ki hardik shubhkamnaye....
......jai ho tau maharaj ki.....
अब जमेगी महफिल होली की ... जय हो ताऊ आपकी जय हो !
ReplyDeleteआज की ब्लॉग बुलेटिन आम आदमी का अंतिम भोज - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बड़ी झमाझम रिपोर्टिंग है गाना है डांस है सब कुछ है ...
ReplyDeleteवाह ताऊ वाह, चोटी तोड डांस में तो आनंद आगया, सारी ही नृत्यांगनाएं मंजी हुई हैं.:)
ReplyDeleteवाह ताऊ वाह, चोटी तोड डांस में तो आनंद आगया, सारी ही नृत्यांगनाएं मंजी हुई हैं.:)
ReplyDeleteऔर रामप्यारी भी अब तो हाई डिपलोमा करके आ गई है...लगता है फ़िर नई धमाल कमाल करेगी.
ReplyDeleteऔर रामप्यारी भी अब तो हाई डिपलोमा करके आ गई है...लगता है फ़िर नई धमाल कमाल करेगी.
ReplyDeleteरामप्यारी हमारा माथा मत खाना...खाना है तो चूहे खा या फ़िर वहीं तेरे ताऊ टीवी स्टुडियो में बेलन तोडू...चिमटा तोडू...आंटियों का माथा खा.:)
ReplyDeleteये तो अजब गजब होली धमाल है ताऊ...हमको भी डांस आता है, मैं भी आऊं क्या?
ReplyDeleteवाह ! शानदार !
ReplyDeleteहोली का आनन्द पूर्ण मिल रहा है।
ReplyDeleteबढ़िया ...त्योहारी रंग
ReplyDeleteजहाँ होली की ऐसी रंगारंग महफ़िल हो, नाच गाना,मस्ती की भांग पीने पीलाने वाले हो तो मन पर खुमारी छाएगी ही:)
ReplyDeleteसच में ताऊ जी, जीवन उन गंभीर लोगों के लिए नहीं है आप जैसे चंद जिंदादिलों के लिए है ...!
होली का चढ़ने लगा, धीरे-धीरे रंग।
ReplyDeleteताऊ के संसार में, बहुत निराले ढंग।।
--
आपकी इस पोस्ट की चर्चा आज 16-03-2013 के चर्चा मंच पर भी है!
...चूनर सरकी होली में
ReplyDeleteधोती खुल गई होली में ।
ताऊ-ताई लिए बाल्टी
भंग पी रहे होली में।।:)
आनन्द आनन्द आनन्द :-)
ReplyDeleteनमन करूं ,
ReplyDeleteगुरु घंटालों को !
पाओं छुऊँ ,
भूतनियों के !
ताऊ चालीसा को पढ़ते,खेलें ब्लोगिंग होली है !
आओ छींटें मारे, रंग के, बुरा न मानो होली है !
हां-हा-हा-हा।।। अग्रिम शुभकामनये ताऊ ! :)
Taau or taai ne holi ki raam raam
ReplyDeleteje baat......mahfil to itthe jame hain............
ReplyDeleteholinam.
ReplyDeleteअब तो होली के अवसर पर ही आपस में मिलना और हंसना रह गया है !
लोगों के पास हंसने का समय ही नहीं रहा है !हँसते हुओं को देख त्योरियां चढ़ाने वालों की कमी नहीं !
हास्य व्यंग्य से ब्लॉग जगत में होली की शुरुआत करने हेतु बधाई ताऊ !
हा-हा-हा
ReplyDeleteमजा आ गया
हमें भी चढने लगी है
प्रणाम
बढ़िया है आदरणीय--
ReplyDeleteआभार आपका ||-
हा हा ... होली का गजब खेल शुरू हो गया है ... मज़ा आ गया ताऊ श्री ...
ReplyDeleteछोटी डांस तो अभी शुरू हुआ है ... आगे क्या होने वाला है ...
रामप्यारी विदेश से लौटी है....असर दिख रहा है...गुड!वैरी गुड रामप्यारी!कीप इट अप!
ReplyDelete----------
सतीश जी ने ब्लॉग्गिंग करने वालों को खूब समझा है!
होली के बहाने बढ़िया कटाक्ष!
रोचक .
होली का रंगा रंग त्यौहार आप सब को मुबारक हो ,,शुभकामनायें!
ReplyDeletebahut badhiya rang ka nasha chha raha hai......
ReplyDeletebadiya:)
ReplyDeletewha wha
ReplyDeleteहा हा हा... होली का ये रंग हमने पहली बार देखा...
ReplyDeleteसमझ नहीं आ रहा...किसकी तारीफ़ करें...किसकी नहीं.... :-) :P
~सादर!!!
हा हा हा... होली का ये रंग हमने पहली बार देखा...
ReplyDeleteसमझ नहीं आ रहा...किसकी तारीफ़ करें...किसकी नहीं.... :-) :P
~सादर!!!
ताऊ टी.वी. के इस सालाना उत्सव के आल टाईम चैंपियन हैं हमारे सतीश भाईजी, संवेदनशील और सज्जन जन।
ReplyDeleteताऊ को राम राम पहुँचे और सतीश भाईजी को सलाम।