ताऊ पहेली - 89 ( Rock cut Jain Temple ) विजेता : श्री महावीर बी. सेमलानी

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 89 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Rock cut Jain Temple- -Chithanavasal or Sittannavasal/Eladipattam in Tamilnadu state सु. अल्पना वर्मा. की अति व्यस्तता के चलते इस विषय से संबंधित जानकारी आज के अंक के साथ नही दी जा रही है. जैसे ही उनको समय मिलेगा वो जल्द ही इस स्तंभ में जानकारी देना फ़िर शुरु करेंगी.

हे प्रभु ये तेरा पथ वाले श्री महावीर सेमलानी जी अपने ब्लाग पर भी जैन धर्म से संबंधित आलेख लिखते ही रहते हैं. और उन्होनें निम्न आलेख हमें इस जवाबी पोस्ट के लिये उपलब्ध करवाया है जिसे हम ज्यों त्यों छाप रहे हैं और उनके आभारी हैं.

Sittannavasal - The Arivar-koil


दक्षिण के तामिल प्रदेश में भी जैन धर्म का प्रचार व प्रभाव बहुत प्राचीन काल से पाया जाता है। तामिल साहित्य का सबसे प्राचीन भाग `संगम युग' का माना जाता है, और इस युग की प्रायः समस्त प्रधान कृतियां तिरुकुरुल आदि जैन या जैनधर्म से सुप्रभावित सिद्ध होती हैं। जैन द्राविड़संघ का संगठन भी सुप्राचीन पाया जाता है। अतएव स्वाभाविक है कि इस प्रदेश में भी प्राचीन जैन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हों। जैनमुनियों का एक प्राचीन केन्द्र पुडुकोट्टाइ से वायव्य दिशा में ९ मील दूर सित्तन्नवासल नामक स्थान रहा है। यह नाम सिद्‌धानां वासः से अपभ्रष्ट होकर बना प्रतीत होता है।

Garbha-griham


यहां के विशाल शिला-टीलों में बनी हुई एक जैनगुफा बड़ी महत्वपूर्ण है। यहां एक ब्राह्मी लिपि का लेख भी मिला है, जो ई. पू. तृतीय शती का (अशोककालीन) प्रतीत होता है। लेख में स्पष्ट उल्लेख है कि गुफा का निर्माण जैन मुनियों के निमित्त कराया गया था। यह गुफा बड़ी विशाल १०० X ५० फुट है। इसमें अनेक कोष्ठक हैं, जिनमें समाधि-शिलाएं भी बनी हुई हैं। ये शिलाएं ६ X ४ फुट हैं। वास्तुकला की दृष्टि से तो यह गुफा महत्वपूर्ण है ही, किन्तु उससे भी अधिक महत्व उसकी चित्रकला का है, गुफा का यह संस्कार पल्लव नरेश महेन्द्रवर्मन् (आठवीं शती) के काल में हुआ है।

Chithanavasal or Sittannavasal


जैन चित्रकला
चित्रकला के प्राचीन उल्लेख -
भारतवर्ष में चित्रकला का भी बड़ा प्राचीन इतिहास है। इस कला के साहित्य में बहुत प्राचीन उल्लेख पाये जाते हैं,

यहां यह कला जिस विकसित रूप में प्राप्त होती है, वह स्वयं बतला रही है कि उससे पूर्व भी भारतीय कलाकारों ने अनेक वैसे भित्तिचित्र दीर्घकाल तक बनाए होंगे, तभी उनको इस कला का वह कौशल और अभ्यास प्राप्त हो सका जिसका प्रदर्शन हम उन गुफाओं में पाते हैं।

The samava-sarana composition


जैन साहित्यिक उल्लेखों से प्रमाणित है कि जैन परम्परा में चित्रकला का प्रचार अति प्राचीन काल में हो चुका था और यह कला सुविकसित तथा सुव्यवस्थित हो चुकी थी।

भित्ति-चित्र -

जैन चित्रकला के सबसे प्राचीन उदाहरण हमें तामिल प्रदेश के तंजोर के समीप सित्तन्नवासल की उस गुफा में मिलते हैं जिसका उल्लेख ऊपर किया जा चुका है। किसी समय इस गुफा में समस्त मित्तियां व छत चित्रों से अलंकृत थे, और गुफा का वह अलंकरण महेन्द्रवर्मा प्रथम के राज्य काल (ई. ६२५) में कराया गया था। शैव धर्म स्वीकार करने से पूर्व यह राजा जैनधर्मावलम्बी था। वह चित्रकला का इतना प्रेमी था कि उसने दक्षिण-चित्र नामक शास्त्र का संकलन कराया था। गुफा के अधिकांश चित्र तो नष्ट हो चुके हैं, किन्तु कुछ अब भी इतने सुव्यवस्थित हैं कि जिनसे उनका स्वरूप प्रकट हो जाता है। इनमें आकाश में मेघों के बीच नृत्य करती हुई अप्सराओं की तथा राजा-रानी की आकृतियां स्पष्ट और सुन्दर हैं। छत पर के दो चित्र कमल-सरोवर के हैं। सरोवर के बीच एक युगल की आकृतियां हैं, जिनमें स्त्री अपने दाहिने हाथ से कमलपुष्प तोड़ रही है, और पुरुष उससे सटकर बाएं हाथ में कमल-नाल को कंधे पर लिए खड़ा है। युगल का यह चित्रण बड़ा ही सुन्दर है। ऐसा भी अनुमान किया गया है कि ये चित्र तत्कालीन नरेश महेन्द्रवर्मा और उनकी रानी के ही हैं। एक ओर हाथी अनेक कमलनालों को अपनी सूड़ में लपेट कर उखाड़ रहा है, कहीं गाय कमलनाल चर रही है, हंस-युगल क्रीड़ा कर रहे हैं, पक्षी कमल मुकुलों पर बैठे हुए हैं, व मत्स्य पानी में चल-फिर रहे हैं। दूसरा चित्र भी इसी का क्रमानुगामी है। उसमें एक मनुष्य तोड़े हुए कमलों से भरी हुई टोकरी लिये हुए है, तथा हाथी और बैल क्रीड़ा कर रहे हैं। हाथियों का रंग भूरा व बैलों का रंग मटियाला है। विद्वानों का अनुमान है कि ये चित्र तीर्थंकर के समवसरण की खातिका-भूमि के हैं, जिनमें भव्य-जन पूजा-निमित्त कमल तोड़ते हैं।

The samava-sarana composition3


इसी चित्र का अनुकरण एलोरा के कैलाशनाथ मंदिर के एक चित्र में भी पाया जाता है। यद्यपि यह मंदिर शैव है, तथापि इसमें उक्त चित्र के अतिरिक्त एक ऐसा भी चित्र है जिसमें एक दिगम्बर मुनि को पालकी में बैठाकर यात्रा निकाली जा रही है।

१०-११ वीं शती में जैनियों ने अपने मंदिरों में चित्रनिर्माण द्वारा दक्षिण प्रदेश में चित्रकला को खूब पुष्ट किया। उदाहरणार्थ, तिरु मलाई के जैनमंदिर में अब भी चित्रकारी के सुन्दर उदाहरण विद्यमान हैं जिनमें देवता व किंपुरुष आकाश में मेघों के बीच उड़ते हुए दिखाई देते हैं। देव पंक्तिबद्ध होकर समोसरण की ओर जा रहे हैं। गंधर्व व अप्सराएं भी बने हैं। एक देव फूलों के बीच खड़ा हुआ है। श्वेत वस्त्र धारण किये अप्सराएं पंक्तिबद्ध स्थित हैं। एक चित्र में दो मुनि परस्पर सम्मुख बैठे दिखाई देते हैं। कहीं दिगंबर मुनि आहार देने वाली महिला को धर्मोपदेश दे रहे हैं। एक देवता चतुर्भुज व त्रिनेत्र दिखाई देता है, जो सम्भवतः इन्द्र है। ये सब चित्र काली भित्ति पर नाना रंगों से बनाए गये हैं। रंगों की चटक अजन्ता के चित्रों के समान हैं। देवों, आर्यों व मुनियों के चित्रों में नाक व ठुड्डी का अंकन कोणात्मक तथा दूसरी आंख मुखाकृति के बाहर को निकली हुई सी बनाई गई है। आगे की चित्रकला इस शैली से बहुत प्रभावित पायी जाती है।




आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.



सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.


आज के प्रथम विजेता रहे हैं श्री महावीर बी. सेमलानी


प्रथम विजेता श्री महावीर बी. सेमलानी अंक 101

 



आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में



हाय गुड मार्निंग एवरीबड्डी... मेरे सवाल का सही जवाब है : कौवे के बच्चे (Baby Crow). यकिन नही आता तो नीचे का विडियो देखिये कि ये दोनों आखिर इस में कर क्या कर रहे हैं?



अविनाश अंकल ने इनको कौवे के शावक बताया है...वैरीगुड अंकल...छा गये आप तो जो ना कर दो वो कम है.:) फ़िर सेहर आंटी ने आज का पर्चा बहुत कठिन बताया और बच्चों को इतना कठिन प्रश्न देने पर ऐतराज जताया...तो सेहर आंटी अब बच्चे जल्दी ही बडे हो जायेंगे इसलिये उनको आगे की परीक्षाओं की तैयारी के लिये कभी कभी कठिन पहेली भी दी जानी चाहिये कि नही?

इसके बाद अशोक पांडे अंकल ने लिखा कि ये कौवे के बच्चे हैं ..पता नही कि रामप्यारी खुद खायेगी या किसी को खिलायेगी....तो अशोक पांडे अंकल...आजकल शाकाहार का जमाना है और रामप्यारी अब पूरी तरह से शाकाहारी हो चुकी है आजकल रामप्यारी सिर्फ़ भैंस का दुध ही पीती है. फ़िर द्विवेदी वकील साहब ने कहा कि ये तो श्राद्ध के भात खाने वाले कौवे दिखते हैं...तो अंकल सही बताना..क्या आजकल श्राद्ध मे भात खाने के लिये कौवे कहीं दिखाई देते हैं? क्या हमने उनको छोडा है जो वो श्राद्ध के भात खाने आयेंगे? मनुष्यों के लिये ये बहुत खराब बात है कि वो अपने स्वार्थ के लिये पशु पक्षियों के हक मार रहे हैं.

निम्न सभी प्रतिभागियों को सवाल का सही जवाब देने के लिये 20 नंबर दिये हैं सभी कॊ बधाई.


श्री अविनाश वाचस्पति
श्री हे प्रभु ये तेरा पथ
सुश्री M.A.Sharma "सेहर"
श्री अशोक पांडे
श्री पी.सी.गोदियाल
श्री दिनेशराय द्विवेदी
सुश्री अंजना
श्री sabir*h*khan
सुश्री Anju
Dr.Ajmal Khan

अब अगले शनिवार को ताऊ पहेली में फ़िर मिलेंगे. तब तक जयराम जी की!

अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

श्री अभिषेक ओझा, और
श्री ललित शर्मा
श्री स्मार्ट इंडियन
श्री काजलकुमार,
श्री नीरज जाट जी
श्री सतीश सक्सेना
श्री जीतेंद्र
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री राज भाटिया
डा.अरूणा कपूर
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
श्री गगन शर्मा
श्री आशीष मिश्रा
श्री रंजन

अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !

ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.

ताऊ पहेली - 89

प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 89 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.

विनम्र विवेदन

कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.

हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?


ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे.

अब रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर का. यानि जो भी प्रतिभागी रामप्यारी के सवाल का सही जवाब देगा उसे 20 नंबर अलग से दिये जायेंगे. तो आईये अब आपको रामप्यारी के पास लिये चलते हैं.


"रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर के लिये"



हाय...आंटीज एंड अंकल्स...दीदीज एंड भैया लोग...गुडमार्निंग..मी राम की प्यारी रामप्यारी.....अब आपसे पूरे 20 नंबर का सवाल पूछ रही हूं. सवाल सीधा साधा है. बस मुख्य पहेली से अलग एक टिप्पणी करके जवाब देना है. और 20 नंबर आपके खाते में जमा हो जायेंगे. है ना बढिया काम...तो अब नीचे का चित्र देखिये और बताईये कि नीचे के चित्र मे कौन हैं?




इस सवाल का जवाब अलग टिप्पणी मे ही देना है. अब अभी के लिये नमस्ते. मेरे ब्लाग पर अब से दो घंटे बाद यानि 10 बजे आज की मुख्य पहेली के हिंट के साथ आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये नमस्ते.

अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-

टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.

इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु. अल्पना वर्मा

नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.


मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम

तीन तीन खुशखबरियां.... ताऊ टीवी का स्पेशल बुलेटिन

ताऊ टीवी के इस विशेष बुलेटिन में मैं कल्लू मदारी आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. इस विशेष बुलेटिन में मेरे साथ साथ ताऊ और ताई भी बधाई देने के लिये विशेष रूप से मौजूद हैं.

आप सोच रहे होंगे कि ये ताऊ के साथ आज बिना लठ्ठ लिये ताई कहां से आगई? तो दोस्तो आज मौका ही ऐसा है कि मजबूरी में ताई को लठ्ठ छोडकर आना ही पडा क्योंकि आज आपको एक नही तीन तीन खुशखबरीयां जो देनी हैं. तो तैयार हो जाईये सुनने के लिये और अपना भरपूर प्यार और आशीर्वाद दिजियेगा.

खुशखबरी नंबर - १ - आज दिनांक २५ अगस्त को श्री समीरलाल "समीर यानि उडनतश्तरी की शादी हुई थी...बधाई!! बधाई!!! और ढेर सारी बधाईयां!!!

खुशखबरी नंबर - २ - आज ही के दिन यानि २५ अगस्त को ही कुमारी साधना सिन्हा की शादी भी हुई थी.बधाई!! बधाई!!! और ढेर सारी बधाईयां!!!

खुशखबरी नंबर - ३ - आज श्रीमती साधना और श्री समीरलाल "समीर" की वैवाहिक वर्षगांठ हैं. बधाईयां!!!


ताऊ परिवार की तरफ़ से हार्दिक बधाईयां और शुभकामनाएं.


तो ये थी आज की तीन तीन खुशखबरियां.....और अगली जोरदार खुशखबरी हम आपको देते हैं ब्रेक के बाद....और आप कहीं मत जाईयेगा....हम अभी गये और अगली खुशखबरी लेके जल्दी ही लौटेंते हैं........

ताऊ पहेली - 88 (Chandragiri Fort) विजेता : सुश्री सीमा गुप्ता

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 88 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Raja Mahal /Palace-Chandragiri Fort-/-- Chittoor - Andhra Pradesh

और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.

आप सभी को मेरा नमस्कार,

पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भित जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.

आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.



चन्द्रगिरी दुर्ग
स्थान -चंद्रगिरी,जिला-चित्तूर,आंध्र प्रदेश.
१००० ऐ डी में इम्माड़ी नरसिंम्हा यादवराय द्वारा निर्मित.

आन्ध्र प्रदेश की विश्व प्रसिद्ध धार्मिक नगरी तिरुपति से लगभग १४ किलोमीटर दूर चंद्रगिरी स्थिति है. चंद्रगिरी अर्थात चन्द्रमा की पहाड़ी.मान्यता है कि इसी पहाड़ी पर चन्द्रमा ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी.किले में महल और मंदिर के अवशेष हैं.आन्ध्र प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा यहाँ तेलुगु और अंग्रेजी में 'लाईट और साउंड शो' प्रतिदिन कराया जाता है.

CHANDRAGIRI FORT Raja Mahal


विजयनगर काल का राजा महल तीन मंज़िला है .ऐसा कहा जाता है कि ईंट पत्थर ,बालू से निर्मित इस महल के निर्माण में लकड़ी का उपयोग नहीं किया गया है. इस पर बने बुर्ज हिंदू वास्तुकला का सुन्दर उदाहरण भी हैं.राजा का महल बहुत ही खूबसूरत बना हुआ है.

पास ही बनी इमारत रानी का महल कही जाती है जो महल जैसी नहीं लगती .प्रथम तल और बने उस पर कमरे देखने से लगता है जैसे वह सिपाहियों के लिए बनवाया गया हो और निचला तल अस्तबल जैसा अधिक प्रतीत होता है.

CHANDRAGIRI FORT Rani Mahal


१९८८-८९ में राजा महल में भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण संग्रहालय बनाया गया .जहाँ खुदाई के दौरान मिली महत्वपूर्ण वस्तुओं के अतिरिक्त राजा कृष्णदेव राय,चिन्ना देवी और तिरुमाला देवी ,श्री रंगाराय आदि की आदमकद धातु और पाषण मूर्तियां देखी जा सकती हैं.

इसके अतिरिक्त चोला,विजयनगर और उसके बाद के काल की वस्तुओं,हथियारों,सिक्के आदि का संग्रह भी यहाँ देखा जा सकता है.

कैसे जाएँ---चेन्नई और तिरुपति से विभिन्न सेवाएं हैं .आंध्र पर्यटन विभाग की बसे भी मिलती हैं.
कब जाएँ--वर्ष पर्यंत
भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित.देखने के लिए टिकट लेना होगा.
अगली पहेली भी दक्षिण भारत से ही है और वह कोई किला नहीं है.



आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.



सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.


आज की प्रथम विजेता रही हैं सुश्री सीमा गुप्ता


प्रथम विजेता सुश्री सीमा गुप्ता अंक 101



आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में





हाय गुड मार्निंग एवरीबड्डी... मेरे सवाल का सही जवाब है : गिलहरी का बच्चा (squirrel baby)

प्यारे बच्चों, बडे अफ़्सोस की बात है कि आज ज्यादातर बच्चे फ़ेल हुये हैं. इससे साफ़ जाहिर होता है कि मन लगाकर पढाई नही की जा रही है और आप लोग बिना तैयारी के ही परीक्षा हाल में आजाते हो. आज रतन सिंह शेखावत अंकल, ललित शर्मा अंकल, द्विवेदी वकील साहब अंकल, सेहर आंटी, शाश्त्री अंकल, गोदियाल अंकल, नरेश राठौड अंकल, वत्स पंडितजी अंकल, सदा आंटी, डाँ. अरूणा आंटी, अंजू आंटी और राज भाटिया अंकल ( डाँ. ताऊनाथ ने परसों जिनको हथेलियों की खुजली मिटाने के लिये पीठ पर लठ्ठ खाने की सलाह दी थी वो वाले भाटिया अंकल) को गलत और उल्टे सीधे जवाब देने की वजह से अब्बल दर्जे में फ़ेल किया जाता है.

कुछ बच्चे ऐसे भी रहे जो परीक्षा हाल छोडकर ही भाग गये जिनमें महेंद्र मिश्र अंकल, स्मार्ट इंडियन अंकल, रंजन अंकल, दिगंबर नासवा अंकल और बबली आंटी को डबल फ़ेल किया जाता है.

फ़ेल और डबल फ़ेल होने वाले बच्चों के रिपोर्ट कार्ड पर नोट लगाया जाता है कि ये लोग पढने में बिल्कुल ही ध्यान नही देते हैं. उनके पेरेंट्स को सलाह दी जाती है कि अपने बच्चों को तुरंत "ताऊ बच्चे बिगाडो कोचिंग ईंस्टिच्य़ूट" में मिस. रामप्यारी की क्लास में एडमिशन दिलाये जिससे उनका भविष्य सुधारा जा सके. और साल भर की फ़ीस इकठ्ठी जमा करायें.

और अब मैं उन बच्चों के नाम घोषित करती हूं जिन्होंने आज की परीक्षा अब्बल दर्जे में पास की और पूरे 20 नंबर प्राप्त किये. और एक बात बतादूं कि आज पास होने वाले सभी बच्चे "ताऊ बच्चे बिगाडो कोचिंग ईंस्टिच्य़ूट" से कोचिंग ले रहे हैं और नतीजा आपके सामने है.

सबसे पहला सही जवाब दिया अंतरसोहिल अंकल ने और उसके बाद सीमा आंटी आई. पहले वो सवाल वाली फ़ोटो को मेरी फ़ोटो बताती रही...पर आखिर में बिल्कुल सही जवाब तक पहूंच ही गई. फ़िर प्रकाश गोविंद अंकल, इंदू अरोडा आंटी, दर्शन लाल बवेजा अंकल, मनोजकुमार अंकल ने भी बिल्कुल सही जवाब दिया. और सबसे आखिर में "ताऊ बच्चे बिगाडो कोचिंग ईंस्टिच्य़ूट" की पुरानी मेधावी छात्रा हरकीरत "हीर" आंटी आई और एक बार में ही सटाक से सही जवाब पकडा दिया कि "राम प्यारी ये तो गिलहरी लग रही है ......!! अरे आंटी, लग क्या रही है? बल्कि ये तो वही बात होगई ना कि गिलहरी ही है. यकीन नही हो तो नीचे का विडियो देख लिजिये.





अब अगले शनिवार को ताऊ पहेली में फ़िर मिलेंगे. सभी पालकों से अनुरोध है कि बच्चों को अगली पहेली में भाग लेने से पहले उनकी तैयारी "ताऊ बच्चे बिगाडो कोचिंग ईंस्टिच्य़ूट" में कोचिंग दिला कर करवाना ना भूलें . तब तक जयराम जी की!

अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

श्री रतनसिंह शेखावत
श्री योगिंद्र मोदगिल
श्री ललित शर्मा
श्री आशीष मिश्रा
सुश्री M.A.Sharma "सेहर"
डा.रुपचंद्र शाश्त्री "मयंक,
श्री पी.सी.गोदियाल
श्री महेंद्र मिश्र
श्री स्मार्ट इंडियन
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री अंतरसोहिल
सुश्री वंदना
सुश्री sada
सुश्री डा. अरुणा कपूर.
श्री रंजन
श्री दिगम्बर नासवा
श्री राज भाटिया
सुश्री बबली
सुश्री Anju
श्री राम त्यागी
डा. महेश सिन्हा
सुश्री Nitikasha

अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !

ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.

ताऊ पहेली - 88

प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 88 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.

विनम्र विवेदन

कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.

हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?


ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे.

अब रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर का. यानि जो भी प्रतिभागी रामप्यारी के सवाल का सही जवाब देगा उसे 20 नंबर अलग से दिये जायेंगे. तो आईये अब आपको रामप्यारी के पास लिये चलते हैं.


"रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर के लिये"



हाय...आंटीज एंड अंकल्स...दीदीज एंड भैया लोग...गुडमार्निंग..मी राम की प्यारी रामप्यारी.....अब आपसे पूरे 20 नंबर का सवाल पूछ रही हूं. सवाल सीधा साधा है. बस मुख्य पहेली से अलग एक टिप्पणी करके जवाब देना है. और 20 नंबर आपके खाते में जमा हो जायेंगे. है ना बढिया काम...तो अब नीचे का चित्र देखिये और बताईये की यह किस का चित्र है?



इस सवाल का जवाब अलग टिप्पणी मे ही देना है. अब अभी के लिये नमस्ते. मेरे ब्लाग पर अब से दो घंटे बाद यानि 10 बजे आज की मुख्य पहेली के हिंट के साथ आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये नमस्ते.

अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-

टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.

इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु. अल्पना वर्मा

नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.


मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम

ताऊ पहेली - 87 (कांगड़ा दुर्ग, कांगड़ा ,हिमाचल प्रदेश) विजेता : श्री प्रकाश गोविंद

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 87 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Kangra fort-kangra-Himachal Pradesh

और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.


आप सभी को मेरा नमस्कार,

पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भित जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.

आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.



कांगड़ा दुर्ग [कांगड़ा ,हिमाचल प्रदेश ]
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स्थान-काँगड़ा घाटी [हिमाचल प्रदेश ]में धर्मशाला से २० किलोमीटर पर स्थित है.

निर्माण - कांगड़ा के शाही परिवार द्वारा. कांगड़ा चन्द्रवंशी राजा भूम चंद की राजधानी थी.


kangra fort


विशेषताएं- हिमाचल प्रदेश का सब से प्राचीन किला और हिमालय क्षेत्र में सब से बड़ा किला.
मुग़ल शासक गज़नी ने १००९ में ही इस पर कब्ज़ा किया और उसके बाद १३३७ में मोहम्मद तुगलक ने .लगभग १६० वर्ष यहाँ मुग़ल शासन रहा.

दुर्ग में प्रवेश द्वार 'रंजित सिंह द्वार' पार करके गलियारे से गुजरते हुए अहानि और आमिरी दरवाजे से किले के ऊपरी भाग में पहुंचेंगे. ये दोनों दरवाज़े किले के पहले गवर्नर नवाब अलिफ़ खान ने बनवाए बताये जाते हैं.

मुग़ल शासक जहाँगीर ने १६२० ऐ डी में इस किले पर फतह हासिल की थी और उसका प्रमाण जहाँगीर नामक दरवाज़ा और
यहाँ १९०५ में मिला सफ़ेद संगमरमर का फट्टा है जिस पर जहाँगीर के इस किले को जीतने के बारे में फारसी में खुदा हुआ है.


kangra fort -Inside the complex


आमिरी और जहाँगीरी दरवाज़े और किले का काफी हिस्सा १९०५ में आये भयंकर भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गए थे.
दर्शनी और अँधेरी दरवाजे तो पूरी तरह नष्ट हो चुके थे .

किले में लक्ष्मी नारायण ,अम्बिका देवी और शीतला माता मंदिर हैं [?].

किले के पास ही पुराने कांगड़ा शहर में स्थित जैन मंदिर भी दर्शनीय है.

कब जाएँ-मार्च से ओक्टुबर
इसमें प्रवेश के लिए टिकट लेना होगा.

यह इमारत पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है.
अगली पहेली भारत के उत्तर ,पूर्व और पश्चिम से नहीं है.



आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.

आज का सबसे बडा आश्चर्य यह हुआ कि श्री दर्शनलाल बावेजा साहब ने दुसरे नंबर पर ही सही जवाब दिया था और आखिर तक उनका जवाब भी प्रकाशित नही किया गया था. इसके बावजूद भी उन्होनें आखिर मे अपने सही जवाब को गलत जवाब में बदल लिया. खैर ऐसा भी होता है. आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनएं.





सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.


 


आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में





हाय गुड मार्निंग एवरीबड्डी... मेरे सवाल का सही जवाब है : सांप के अंडे, जिनमे से बच्चे निकल रहे हैं. यकिन नही आता तो यह विडियो देख लिजिये.



निम्न सभी प्रतिभागियों को सवाल का सही जवाब देने के लिये 20 नंबर दिये हैं सभी कॊ बधाई.


श्री Darshan Lal Baweja
सुश्री सीमा गुप्ता
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
श्री प्रकाश गोविंद
बेचैन आत्मा
श्री उडनतश्तरी
श्री सुज्ञ
सुश्री इंदु अरोड़ा
सुश्री Anju
श्री अंतर सोहिल
श्री अविनाश वाचस्पति

अब अगले शनिवार को ताऊ पहेली में फ़िर मिलेंगे. तब तक जयराम जी की!

अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

श्री काजलकुमार,
श्री आशीष मिश्रा
श्री ललित शर्मा,
चिठ्ठाप्रहरी टीम
श्री पी.एन.सुब्रमनियन
श्री स्मार्ट इंडियन
सुश्री निर्मला कपिला
श्री पी.सी.गोदियाल,
श्री Zakir Ali 'Rajnish'
डा. अरुणा कपूर.
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री राज भाटिया
सुश्री वंदना
श्री महेंद्र मिश्र
श्री रंजन
श्री सतीश सक्सेना
सुश्री वाणीगीत
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !


ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.