आज हम परिचयनामा में मिलवा रहे हैं सुश्री प्रेमलता पांडे से जो कि उच्च शिक्षित एवम अध्यापन कार्य से लंबे समय से जुडी हुई हैं. जो सादा जीवन उच्च विचार में यकीन रखती हैं. तीर्थ-यात्रा, फ़ोटोग्राफ़ी एवम आध्यात्मिक सोच उनके रुचि के विषय हैं. उनके ब्लाग पसंद और ’मन की बात’ पर आप उन्हे पढते ही रहे हैं. आईये हम उनसे हुई ताऊ की बातचीत से आपको भी रुबरु करवाते हैं.
सुश्री प्रेमलता पांडे
ताऊ - प्रेमलताजी, ताऊ डाट इन के परिचयनामा में आपका स्वागत है. सबसे पहले तो आप ये बताईये कि आप कहां से है और क्या करती हैं?
ताऊ - अब आप ये बताईये कि आपके शौक क्या हैं?
ताऊ - आप हमारे पाठको से क्या कहना चाहेंगी?
ताऊ - जी, आगे बताईये.
तो ये थी हमारी आज की मेहमान सुश्री प्रेमलता जी पांडे. आपको इनसे मिलकर कैसा लगा? अवश्य बताईयेगा.
ताऊ - प्रेमलताजी, ताऊ डाट इन के परिचयनामा में आपका स्वागत है. सबसे पहले तो आप ये बताईये कि आप कहां से है और क्या करती हैं?
प्रेमलता जी - मैं पिछले छ्ब्बीस सालों से दिल्ली में हूं और एक सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल मे अध्यापन कार्य करती हूं.
ताऊ - अब आप ये बताईये कि आपके शौक क्या हैं?
प्रेमलता जी - विशेष शौक में मुझे पढ़ना-लिखना बहुत पसंद है और तीर्थाटन मे भी उतनी ही रुचि है.ताऊ - आपको सख्त ना पसंद क्या है?
प्रेमलता जी - बनावटीपन और फ़रेब।ताऊ - आपकी विशेष पसंद क्या है?
प्रेमलता जी - यों तो पसंद का कोई पैमाना नही होता पर आप अगर विशेष पसंद ही पूछ रहे हैं तो "सादगी और सच्चाई" मेरी विशेष पसंद हैं.
ताऊ - आप हमारे पाठको से क्या कहना चाहेंगी?
प्रेमलता जी - मेरा मानना है कि आज का पाठक बहुत सुधी है फिर उनसे क्या कहूं?ताऊ - हमने सुना है कि आपने एक बार स्कूल की छुट्टी वाली घंटी बजाकर स्कूल की छुट्टी करवा दी थी? क्या यह सच है?
प्रेमलता जी - हां जब आपको पता चल ही चुका है तो ना कैसे करूं? घटना तो सही है.ताऊ - पूरी बात बताईये कि हुआ क्या था?
प्रेमलता जी - यह घटना है जब हम ११वीं कक्षा में पढ़ते समय राजनीति-विज्ञान से पहला सामना हुआ था, बड़ा जोशथा। तभी हमारे शहर में डॉ० फ़खरुद्दीन-अहमद आये थे जो उस समय कृषि-मंत्री थे।
ताऊ - जी, आगे बताईये.
प्रेमलता जी - विद्यालय के ज्यादातर अध्यापक उनकी मिटिंग सुनने चले गए। हमताऊ : फ़िर प्रिंसिपल महोदया ने अगले दिन तो खूब पूजा पाठ की होगी?
बच्चे यूँ ही घूम रहे थे तभी सबने मिलकर योजना बनायी कि हम भी उन्हें सुनने चलते हैं। बस आव देखा न ताव घंटी बजा दी स्कूल की। छुट्टी करके सब भाग गए सभा में।
प्रेमलता जी - हां, अगले दिन प्रिंसिपल महोदया ने अपने कमरे में बुलाया और पूछी असलियत।ताऊ - आप मूलत कहां से हैं?
माता-पिता की सच बोलने की सीख काम आयी। सब सच बता दिया। प्रिंसीपल ने डांटा नहीं बस इतना कहा- इतन मन था तो किसी टीचर से क्यों नहीं कहा? बहुत अच्छी बात है किसी के विचार जानना। पर इस तरह नहीं जाना चाहिए था। हम सभी बच्चों ने माफ़ी मांगी और वो मुस्करा गयीं। महान थीं डॉ० पुष्पा शर्मा- हमारी प्रिंसीपल।
प्रेमलता जी - जन्म तो दिल्ली में हुआ लेकिन बचपन पैतृक-स्थान अनूपशहर में बीता। अनूपशहर क़स्बा गंगाजी के किनारे बसा जि० बुलंदशहर उ०प्र० में है।ताऊ - संयुक्त परिवार के बारे में आप क्या कहना चाहेंगी?
प्रेमलता जी - देखिये परिवार शब्द ही संयुक्तता का परिचायक है। पर सामंज्स्य न हो तो फिरताऊ - आप ब्लागिंग का भविष्य कैसा देखते हैं?
संयुक्त का दिखावा न हो। अलग रहकर भी संयुक्त्ता बनायी रखी जा सकती है। परिवार प्रेम और त्याग का धाम है स्वार्थ का नहीं एक छत हो या न हो।
प्रेमलता जी - मुझे यह स्वर्णिम और लाभप्रद दिखाई दे रहा है !ताऊ - आप कब से ब्लागिंग मे हैं?
प्रेमलता जी - अप्रैल २००६ से ।ताऊ - आपका ब्लागिंग मे आना कैसे हुआ? और कैसा रहा ये अनुभव?
प्रेमलता जी - अन्तर्जाल पर हिंदी खोजते-खोजते हिंदी रचनाएँ पढना शुरु किया। फिर ’काव्यालय’ पत्रिका में अपनी कविताएँ भेजी जहाँ कविताएँ प्रकाशित तो नहीं हुयीं पर वहाँ से ’अनुभूति’ अन्तर्जाल-पत्रिका का पता चला जिसमें तीन संक्षेपक प्रकाशित हुए।ताऊ - जी, आगे क्या हुआ?
प्रेमलता जी - फिर रवि भाई/ श्री रविंद्र श्रीवास्तव जी के ’रचनाकार’में ’परिवर्तन’ शीर्षक से मेरी एक कविता छपी और रविभाई से ब्लॉग लिखने की प्रेरणा मिली। तकनीकी ज्ञान बहुत कम होने के कारण श्री जितेंद्र चौधरीताऊ - आपके लेखन की दिशा किस और हैं?
जी की सहायता से ब्लॉग ’मन की बात’ बनाया और लेखन किया। बाद में वर्डप्रैस पर ’पसंद’ बना लिया । अब इसपर ज़्यादा सक्रियता रहती है।
प्रेमलता जी - जो अनुभव करती हूँ वही लिख देती हूँ। मातृ-भाषा से गहरा लगाव है।ताऊ - आपकी राजनैतिक रुचि और विचार बतायें?
प्रेमलता जी - सरकारी कर्मचारी रिटायरर्मेंट के बाद रुचि बनाता है। (हंसते हुये...) जिसकी सरकार उसी के मुलाजिम। अपना वोट भी कभी डाल पाते हैं और कभी नहीं भी क्योंकि हमेशा एलेक्शन-ड्यूटी पर होते हैं।ताऊ - कुछ अपने स्वभाव के बारे मे बताईये.
प्रेमलता जी - सादा। झूठ और बेईमानी सहन नहीं।( अध्यापिका-स्वभाव)ताऊ - कैसा जीवन पसंद है?
प्रेमलता जी - सरल जीवन पसंद है।ताऊ - कौन सी पुस्तक आपको विशेष पसंद है?
प्रेमलता जी - श्रीमदभागवत-गीता को जीवन की कला सिखाने वाला सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ मानती हूँ, मात्र धार्मिक पुस्तक नहीं।ताऊ - जीवन का कोई मूलमंत्र आपके हिसाब से?
प्रेमलता जी - सेवा को पूजा मानती हूँ और बच्चों, माता-पिता या वृद्धजन को भगवान। दंभ,झूठ और ग़लत बात घर, बाहर और नौकरी कहीं पर भी पसंद नहीं करती। कई बार परेशानी होतीताऊ - ताऊ पहेली के बारे क्या कहना चाहेंगी?
है पर अन्त में सब सही को ही सही कहते हैं। चाहे मन में कहें। (एक सौम्य हंसी के साथ...)
प्रेमलता जी - शिक्षिका की भाषा में- ’चहुँमुखी ज्ञान के विकास की नींव’( इमारत बननी बाकी है) ।ताऊ - ताऊ कौन? क्या कहेंगी?
प्रेमलता जी - आदरणीय, विद्वान और मातृ-भाषा-प्रेमी।ताऊ - अगर आपको शिक्षा मंत्री बना दिया जाये तो आप क्या करना चाहेंगी?
प्रेमलता जी - सभी के लिए समान शिक्षा-व्यवस्था। सरकारी और प्रायवेट सब एक और शिक्षा का उद्देश्य सनद नहीं बल्कि मानवीयता की जड़े मजबूत करना।ताऊ - आप शिक्षण से ताल्लुक रखती हैं...आप आज के समय में विशेषकर पालकों से क्या कहना चाहेंगी.
प्रेमलता जी - पालकों! बच्चों को अपना खिलौना न समझें वे भी जानदार और दिमागदार है।
बालकों! - माता-पिता और बड़ों का आदर और सेवा करें यही आराधन है और पूजा है। अनुभव से सीखा ज्ञान शुद्ध होता है।
तो ये थी हमारी आज की मेहमान सुश्री प्रेमलता जी पांडे. आपको इनसे मिलकर कैसा लगा? अवश्य बताईयेगा.
कुछ फोटो सोटो की कमी खल गई. मास्टरी टाइप कोई क्लास का फोटो भी होता तो रूआब जम जाता :) वैसे जवाब संक्षिप्त में निपटाएं है अतः कुछ काटे जाय. चुंकी सही सही जवाब दिये है अतः पास किया जाता है :)
ReplyDeleteमैं भी सादगी भरी सच्ची टिप्पणी दूँगा, हमेशा की तरह अच्छी रही मुलाकात. ढ़ेर सारी शुभकामनाएं.
अच्छा लगा प्रेमलता जी से मिलना
ReplyDeleteलता समान प्रेम संबंधी विचार
सादा जीवन उच्च विचार
बहुत मन भाए
हम तो हर्षाए
ताऊ जी ने मिलवाए
हम स्वयं क्यों नहीं मिल पाए
पर जो होता है सदा अच्छा होता है
दिल्ली है और सदा रहेगी
दिलवालों की यह प्रेमलता जी से मिलकर
गहरे तक जान पाए।
प्रेमलता पांडे जी दिल्ली में सरकारी स्कूल में है
ReplyDeleteजो उनका ई मेल जरूर चाहूंगा
और विश्वास दिलाता हूं कि उनसे
किसी को एडमिशन करवाने के लिए
सिफारिश नहीं करवाऊंगा।
avinashvachaspati@gmail.com
http://avinashvachaspati.blogspot.com/
http://nukkadh.blogspot.com/
http://pitaajee.blogspot.com/
http://jhhakajhhaktimes.blogspot.com/
http://bageechee.blogspot.com/
http://tetalaa.blogspot.com/
बहन प्रेमलता पाण्डे से मिलकर अच्छा लगा और काफी कुछ सीखने को भी मिला।
ReplyDeleteबहन प्रेमलता पाण्डे को शुभकामनाएँ और ताऊ को
धन्यवाद!
बहुत बढिया प्रयास है... कुश की काफ़ी जैसा... साथी ब्लोगरों के बारे में अधिक जानने की उत्सुकता सभी को रह्ती है.. अभार
ReplyDeleteप्रेमलता जी के बारे में पढ़कर अच्छा लगा
ReplyDeleteप्रेमलता जी से मिल कर अच्छा लगा।
ReplyDeleteप्रेमलता पाण्डे जी के बारे जान कर अच्छा लगा, प्रेमलता पाण्डे को शुभकामनाएँ और आप का धन्यवाद
ReplyDeleteअच्छा लगा मुलाक़ात
ReplyDelete@ कुश की काफी जैसा !
आप शायद भूल रहे है कुश की काफी गिने चुने लोग ही पी पाए है और जो पिएहै वही जानते है ये तो हमारे ताउजी की भंग है जो पुरे कुए में फ़ैली जो चाहो पी लो .
बहुत अच्छा लगा प्रेमलता जी मिलकर, उनको शुभकामनाएं और और आपको बधाई।
ReplyDeletebahut sundar parichay taaji, abhaar...
ReplyDeletebahut achha lagaa premlataa ji se milkaar sadagi aur sachchai sabko pasand aati hai bas apnaane wale kam hain premlataa ji me saadagi sachchaai saf jhalakati hai !!
ReplyDeletegood interview.it can influence today's youth to step forward in life with honesty.very impressive views.
ReplyDeleteMini
gud interviews.it can influence today's youth to step forwad with honesty.very impressive views.mini
ReplyDeleteप्रेमलता जी से ये मुलाकात बहुत बढिया रही....बहुत कुछ जानने को मिला उनके बारे में!!!
ReplyDeleteधन्यवाद्!!!
सुश्री प्रेमलता जी से परिच्य बहुत अच्छा लगा उन्को शुभकामनायें
ReplyDeleteइन दिनों ब्लॉगजगत में भ्रमण कम ही हो पा रहा है। सौभाग्य से आज परिचयनामा में सुश्री प्रेमलता पांडे जी से मुलाकात हो गयी। उनके और उनके विचारों के बारे में जानकर अच्छा लगा। राम-राम।
ReplyDeleteप्रेमलता जी से परिचय अच्छा रहा। बिना लाग-लपेट के सादगी से बातो का कहना अच्छा लगा।
ReplyDeleteताऊजी का हृदय से आभार! जो आम-जन को यहाँ पर दिखाया।
ReplyDeleteआप सभी का धन्यवाद।
संजयबेंगानीजी! पास कर दी :)
प्रेमलता जी से आपकी बातचीत बहुत अच्छी लगी. उनके ब्लॉग के माध्यम से तो पुरानी पहचान है किन्तु उनके बारे में जानना सुखद रहा. आभार.
ReplyDeleteप्रेमलता जी के बारे में जानकर अच्छा लगा। आपने जो यह काम किया वह भी बहुत सराहनीय है। ऐसे प्रयास होने चाहिए ताकि हम एक दूसरे को और जान सकें।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
www.manoramsuman.blogspot.com
प्रेमलता जी के बारे में पढ़कर अच्छा लगा
ReplyDeleteप्रेमलता जी का परिचय प्रस्तुति के लिए आभार.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा प्रेमलता जी की सादगी और उच्च विचारों के बारे मे जानकर, बहुत आभार आपका और प्रेमलताजी को शुभकामनाएं.
ReplyDeletepremlata ji ke uchch aadarsh vicharo ne bahut prabhvit kiya. shubhakamanae
ReplyDeleteबहुत सुंदर साक्षात्कार और आज हमको और हमारे समाज को ऐसे ही आदर्श विचार वाले व्यक्तियों की जरुरत है,
ReplyDeleteताऊजी आप यह बहुत सुंदर काम कर रहे हैं. आपको धन्यवाद और प्रेमलता जी को शुभकामनाएं.
सुश्री प्रेमलताजी पांडे से ताऊजी की बातचीत प्रेरक लगी। बातचीत से पता चला की सुश्री प्रेमलताजी आध्यात्मिक विषयो मे रुचि रखती है। तो इसी खुसी के मोके पर पढने के लिऍ हिन्दी का एक मात्र आध्यात्मिक विचारो से ओतप्रोत ब्लोग हे प्रभू यह तेरापन्थ पर सादर आमन्त्रण!
ReplyDeleteविशेष ताउ़जी द्वारा इस तरह से ब्लोगरो का परिचय करवाना काबिले तारीफ वाला है। आपके इस योगदान को हिन्दी ब्लोग जगत मे स्वर्णिम अक्षरो मे लिखा जाऍ तो कोई अतिशयोक्ती नही। सुश्री प्रेमलताजी पांडे को हार्दीक मगल भावनाऍ।
ताऊ! यह क्या? प्रेमलता जी को सस्ते में छोड़ दिया, थोड़े से सवाल पूछ कर। हमें तो रगड़ दिया था।
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा पांडे जी से मिलकर...मैं ब्लोगिंग की दुनिया का नया आदमी तो हूँ ही और अभी काफी लोगो से परिचित भी नहीं हूँ सो ये अनुभव काफी सुखद है ...
ReplyDeleteaji main abhi bilkul naya hun... word verification ???
ReplyDeletecan i send u a pvt msg ??
if there is any guidance blog or other thing plz tell me thanx..
dr.jitubagria@gmail.com
प्रेमलता जी के सादगी और सच्चाई से भरे व्यक्तित्व को जानकर बहुत अच्छा लगा ...संयुक्त परिवार के प्रश्न पर उनकी साफगोई बहुत अच्छी लगी ...
ReplyDeleteप्रेमलता जी के व्यक्तित्व के कुछ हिस्सों के प्रकाशन के लिये ताऊ के इस परिचयनामे का आभार । मुलाकात अच्छी रही ।
ReplyDeleteअच्छी मुलाकात कराई प्रेमलताजी से।
ReplyDeleteप्रेमलताजी के बारे मेजानकर बहुत अच्छा लगा, उनको बहुत शुभकामनाएं और ताऊजी आपका आभार।
ReplyDeleteहैप्पी ब्लागिंग।
एक बार पुनः ताउ का आभार!
ReplyDeleteसभी को धन्यवाद।
बहुत अच्छा लगा पांडे जी से मिलकर...मैं ब्लोगिंग की दुनिया का नया आदमी तो हूँ ही और अभी काफी लोगो से परिचित भी नहीं हूँ सो ये अनुभव काफी सुखद है ...
ReplyDeletesanjay
अरे रे रे!! १५००० वीं हमें करनी थी, जरा से से चुक गये. मुई ये नींद, ये रात-क्यूँ होती है- बधाई तऊ!!
ReplyDeleteप्रेमलता जी से मिलना अच्छा लगा| उनके सद्विचारों का प्रसार अच्छा रहेगा खासकर निम्न दो बातें हमारे देश और मानवमात्र के लिए उपयोगी हैं:
ReplyDelete1.
सभी के लिए समान शिक्षा-व्यवस्था। सरकारी और प्रायवेट सब एक और शिक्षा का उद्देश्य सनद नहीं बल्कि मानवीयता की जड़े मजबूत करना।
2.
पालकों! बच्चों को अपना खिलौना न समझें वे भी जानदार और दिमागदार है।
प्रेमलता जी के बारे में जान कर अच्छा लगा आपको बधाई जी अभी अभी समीर जी के पोस्ट से पता लगा ..:)
ReplyDeleteउड़नतश्तरी पर लिखा है ताऊ कौन हैं?
ReplyDeleteउ०- आदरणीय, श्रद्धैय, विद्वान और मातृभाषा-प्रेमी।
१५००० क्या अनगिनत रहे संख्या ऐसी कामना करती हूँ।बधाई।
सादर
अच्छी मुलाकात कराई प्रेमलताजी से।...
ReplyDeletebadhai sweekare
अच्छी मुलाकात कराई प्रेमलताजी से।...
ReplyDeletebadhai sweekare
अच्छी मुलाकात कराई प्रेमलताजी से।...
ReplyDeletebadhai sweekare
ताऊ श्री टिप्पणियों की संख्या पन्द्रह हजार पहुँचने पर हार्दिक बधाई | आज तो खूंटे पर लड्डू बंटवा देना |
ReplyDeleteताऊ जी के क्या कहने !! बधाई !!
ReplyDeleteब्लॉग जगत को विविध आयाम देने के लिए
उन्हें टिप्पणी क्या ,
"विविध भारती ताऊ जी "
कहना सही होगा
आज प्रेमलता जी से मिलवाया -
आभार -- बहुत अच्छी लगीं वे -
आप के परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं ...
सादर, स - स्नेह,
- लावण्या
संक्षिप्त परिचय.
ReplyDeleteमगर इस मंच के ज़रिये एक और महिला ब्लॉगर से परिचय हुआ.
प्रेमलता जी और ताऊ डॉट कॉम टीम को धन्यवाद.
हे तात, पहले तो बधाई (सभी दे रहे हैं, लगा मैं क्यों पीछे रहूँ) स्वीकारिये. दूसरी बात- परिचयनामा में प्रेमलता जी का व्यक्तित्व सरलता से बयान हो गया. इसके लिए भी बधाई.
ReplyDeleteयह साक्षात्कार अच्छा लगा । आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया , मुझे अच्छा लगा आपका ब्लॉग ।
ReplyDeletehttp://gunjanugunj.blogspot.com
prem, as expected the interview was truthful & interesting.
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