ताऊ की भैंसों अनारकली और चंपाकली को तो आप अच्छी तरह जानते ही हैं. ताऊ की भैंसों को कौन चोरी कर सकता है बल्कि वो खुद ही पूरे ब्रह्मांड में विचरण करने वाली सख्शियत रखती हैं. यमराज भी उनसे पनाह मांगते हैं.
असल में हुआ यों था कि ताऊ महाराज ने अपनी पुलिस की मुस्तैदी जांचने के लिये अपनी भैंसों को चांद पर सैर करने भिजवा दिया था और खबर फ़ैलादी कि भैंसे चोरी होगई. बस आनन फ़ानन में पुलिस लग गई और भैंसे हाजिर हो गई. अब भैंसे चोरी हुई होती तो कुछ परेशानी भी होती, यहां तो बस चंपाकली को एक फ़ोन किया कि अब वापस सारी भैंसों को लेकर वापस लौट आवो और वो तुरंत लौट आई. पुलिस और सरकार की वाहवाही हो गई कि आखिर ताऊ सरकार की पुलिस कितनी मुस्तैद है? ताऊ राज में जब भैंसे ही ढूंढ निकाली जाती हैं तो फ़िर दूसरे कोई गुनाह होना तो मुमकिन ही नही.
ये तो विपक्षी दल जबरन हवा फ़ैलाते रहते हैं. आप बिल्कुल भुलावे में ना आवे और ताऊ सरकार द्वारा प्रायोजित गुरू घंटाल महोत्सव का आनंद उठाये.
अगले सप्ताह "ताऊ गुरूघंटाल महोत्सव" का आयोजन किया गया है. इस महोत्सव में रंगारंग कार्यक्रमों के अलावा गुरू घंटाल - 2014 का गुरू घंटाल अवार्ड भी दिया जायेगा. अन्य भी बहुत से ताऊ गुरू घंटाल अवार्ड दिये जायेंगे. रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है.
सभी ब्लागर्स से निवेदन है कि अपना अपना नामांकन जल्द से जल्द करवालें. इस साल का गुरू घंटाल अवार्ड घंटालों के घंटाल महा घंटाल गुरू के हाथों दिये जायेंगे. गुरू घंटाल समिति की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है. निम्न पदों पर सर्व सम्मति से चयन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.
गुरू घंटाल समिति की कार्यकारिणी सदस्यों की चयन प्रक्रिया चालू है, घोषणा शीघ्र ही की जायेगी. कार्यकारिणी में शामिल होने और अन्य खाली पद पाने के लिये आवेदन आमंत्रित हैं.
असल में हुआ यों था कि ताऊ महाराज ने अपनी पुलिस की मुस्तैदी जांचने के लिये अपनी भैंसों को चांद पर सैर करने भिजवा दिया था और खबर फ़ैलादी कि भैंसे चोरी होगई. बस आनन फ़ानन में पुलिस लग गई और भैंसे हाजिर हो गई. अब भैंसे चोरी हुई होती तो कुछ परेशानी भी होती, यहां तो बस चंपाकली को एक फ़ोन किया कि अब वापस सारी भैंसों को लेकर वापस लौट आवो और वो तुरंत लौट आई. पुलिस और सरकार की वाहवाही हो गई कि आखिर ताऊ सरकार की पुलिस कितनी मुस्तैद है? ताऊ राज में जब भैंसे ही ढूंढ निकाली जाती हैं तो फ़िर दूसरे कोई गुनाह होना तो मुमकिन ही नही.
ये तो विपक्षी दल जबरन हवा फ़ैलाते रहते हैं. आप बिल्कुल भुलावे में ना आवे और ताऊ सरकार द्वारा प्रायोजित गुरू घंटाल महोत्सव का आनंद उठाये.
अगले सप्ताह "ताऊ गुरूघंटाल महोत्सव" का आयोजन किया गया है. इस महोत्सव में रंगारंग कार्यक्रमों के अलावा गुरू घंटाल - 2014 का गुरू घंटाल अवार्ड भी दिया जायेगा. अन्य भी बहुत से ताऊ गुरू घंटाल अवार्ड दिये जायेंगे. रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है.
सभी ब्लागर्स से निवेदन है कि अपना अपना नामांकन जल्द से जल्द करवालें. इस साल का गुरू घंटाल अवार्ड घंटालों के घंटाल महा घंटाल गुरू के हाथों दिये जायेंगे. गुरू घंटाल समिति की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है. निम्न पदों पर सर्व सम्मति से चयन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.
"गुरू घंटाल समिति के पदाधिकारी गण "
अध्यक्ष : अरविंद मिश्रा"
सेकरेट्री : सतीश सक्सेना
कोषाध्य्क्ष : ताऊ रामपुरिया
सरंक्षक : डा. टी.सी.दराल
आजीवन सरंक्षक : समीरलाल
ताऊ महाराज की जय हो!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (04-02-2014) को कैसे मेरा हिन्दुस्तान लिखूँ...चर्चा अंक:1513 में "अद्यतन लिंक" पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
बसंतपंचमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
@ असल में हुआ यों था कि ताऊ महाराज ने अपनी पुलिस की मुस्तैदी जांचने के लिये अपनी भैंसों को चांद पर सैर करने भिजवा दिया था और खबर फ़ैलादी कि भैंसे चोरी होगई.
ReplyDeleteइसी वजह से शायद वो मुहावरा बना होगा "अक्ल बड़ी या भैंस" मानना पड़ेगा ताऊ महाराज
की अक्ल को :)
@ अगले सप्ताह "ताऊ गुरूघंटाल महोत्सव" का आयोजन किया गया है.
ReplyDeleteलगता है रोचक होने वाला है यह आयोजन, उत्सुकता बढ़ गयी है, अब लग रहा है कि होली हमारे ब्लॉग जगत में काफी रंगारंग होने वाली है :)
गुरू और गुरु घंटाल
ReplyDeleteखुले आम घूम रहे हैं
आप यहाँ बैठ
उनकी जगह पर
उनकी कुर्सियाँ चूम रहे हैं
बहुत अच्छा है
वो वहाँ लगे रहेंगे
आप उनकी जगह
पर मेले रचा करेंगे :)
काश पुलिश अमला मुजरिमों को पकड़ने में भी इतनी ही मुस्तैदी दिखाता .
ReplyDeleteतो बसंत पंचमी पे डांडा गाड़ ही दिया ! :)
ReplyDeleteदूसरा कोई गुनाह; किसकी मजाल जो अपना मुंह खोले.:)
ReplyDeleteकोषाध्यक्ष का पद "ताऊ" ने अपने पास ही रखा :-)
ReplyDeleteताऊ की ताऊगिरी यूं ही चलती रहे
प्रणाम
जय हो ... ये तो शुक्र मनाओ की भैंसे आ गई वापस नहीं तो सिर कलम हो जाते कितने ...
ReplyDeleteगुरु घंटाल के अधिकारिओं को सलाम ...
कोषाध्यक्ष तो ताऊ के पास रहना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है !! जो गुरुघंटाल बनाना चाहे वे अपनी इच्छा शीघ्र ताऊ कमिटी को भेज दें !
ReplyDeleteताऊ महाराज की जय हो !
ReplyDelete
ReplyDeleteगुरु घंटाल समिति के चयन पर बधाई। एक ढूंढों सौ मिलेंगे। बढ़िया व्यंग्य खान आज़म के आधे मुख्य मंत्री पर ,
शुक्र है कि कुछ भैसे मिल गयी .... बसंत पंचमी की बहुत बहुत बधाई और शुभकामना !!
ReplyDeleteइन भैंसों को भैंस कहना लगता है अन्याय हो रहा है इनके साथ ,साक्षात् महिषियाँ लगती हैं मुझे तो !
ReplyDeleteजय हो, हमारी ख़ुशी तो सम्हाले नहीं सँभल रही है कि भैंसें मिल गयीं।
ReplyDelete:) बढ़िया है ...ऐसे आयोजन भी ज़रूरी हैं ..
ReplyDeleteधन्य है गुरुघंटाल !
ReplyDeleteआज़म की भैंस चुराने वालों को सम्मानित किया जाए चोरों के घर चोरी कलात्मक कार्य है। बधाई ताऊ सा शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का।
ReplyDeleteकाहे का ताऊ राज , जो हमारा शासन होता तो सरकार की भैस तो गायब सात होती पुलिस दस बरामद करके दरवाजे खड़ा कर देती , या फिर चोरी होने से पहले ही चोरो को प्लान बनाते पकड़ लेती , भले लोग उसे राजनीतिक विद्वेष कहते रहते और जो अवार्ड के लिए कोई मोटा खर्चने वाला प्रायोजक न मिले तो मुझे खबर करना ताऊ ।
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति ...
ReplyDeleteजय हो .
ReplyDeleteaakhir samaajvaad hai !
ReplyDeleteham Ne socha tha ki sirf taau kii bhainsOn par hi choron kii nazar rahtai hai lekin yahan to maahaaTaau bhi hain...!
gurghantal samiti ke liye shubhKamnaayen!