ताऊ महाराज धृतराष्ट्र अंदर राजमहल में मिस समीरा टेढी के साथ शतरंज खेलने
में व्यस्त हैं. बीच बीच में टीवी स्क्रीन पर नजर भी डाल लेते हैं. सभी को
पता है कि ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने संपूर्ण रूप से गांधी जी के तीन
बंदरों वाली सीख को जीवन में उतार रखा है. उन्हें बहुत कम लोगों ने बोलते
सुना है. उनके इतने लंबे सुशासन का यही राज है.
महल के बाहर हस्तिनापुर के युवक युवतियां अपने पर हुई बहशियाना ज्यादतियों को लेकर शांति पूर्ण आंदोलन पर उतारू हैं. महाराज इससे बेखबर हैं...पर महाराज के सिपह सालार अंदरूनी रूप से घबराये हुये हैं क्योंकि सिपह सालार जनता और खासकर युवा शक्ति के मिजाज को भांपते हैं. बाहर आंदोलनकारी युवा हटने को तैयार नही है. ताऊ टीवी लगातार लाईव प्रसारण कर रहा है.
तभी ताऊ महाराज धृतराष्ट्र के सेनापति अंदर दाखिल होते हैं और महाराज को कार्निश बजाने के बाद कहते हैं कि - महाराज अब आंदोलनकारियों का धैर्य जबाव देने लगा है, अब वो हटने को तैयार नही हैं, भीड बढती जा रही है...कहीं महल को ही खतरा पैदा ना हो जाये...मेरा आपसे निवेदन है कि आप बालकनी से ही जनता को दो चार झूंठे आश्वासन दे दिजिये जिससे यह खतरा फ़िलहाल तो टल जाये.
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने खा जाने वाली नजरों से सेनापति को घूरते हुये कहा - सेनापति, हमने तुमको इतने बडे ओहदे पर क्यों रखा है? ये जरा से बच्चे तुमसे संभाले नही जाते क्या? अब इन छोटे छोटे बच्चों से निपटने के लिये भी हमें ही आना पडेगा क्या?...जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं...चलो जावो...आंदोलनकारी हटाकर हमें खबर करो....
सेनापति बोला - महाराज, मैं साम,दाम,दंड और भेद सब आजमा चुका हुं...कल मंत्री जी का बयान भी करवा चुका हूं...पर आंदोलनकारी टस से मस नही हो रहे और अब अगर उन्होने आकर आपका गला पकडा तो मैं जिम्मेदार नही रहूंगा.....
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र बोले - अरे अक्ल के टमाटर....भलती ही बातें करता है तू? जा और अपने ही सैनिको को जनता बनाकर पत्थर बाजी करवा दे...कहीं लकडी के गठ्ठरों को आग लगवा दे...और घोषणा करवा दे कि
आंदोलनकारियों में असामाजिक तत्व घुस आये हैं....और जमकर लाठियों से आंदोलनकारियों की धुनाई करवा डाल...भगा सबको... और सुन हमें और समीरा जी को अब डिस्टर्ब मत करना...
और सेनापति ने जाकर महाराज के हुक्म अनुसार कार्यवाही शुरू कर दी.........
(जारी रहेगा...)
महल के बाहर हस्तिनापुर के युवक युवतियां अपने पर हुई बहशियाना ज्यादतियों को लेकर शांति पूर्ण आंदोलन पर उतारू हैं. महाराज इससे बेखबर हैं...पर महाराज के सिपह सालार अंदरूनी रूप से घबराये हुये हैं क्योंकि सिपह सालार जनता और खासकर युवा शक्ति के मिजाज को भांपते हैं. बाहर आंदोलनकारी युवा हटने को तैयार नही है. ताऊ टीवी लगातार लाईव प्रसारण कर रहा है.
तभी ताऊ महाराज धृतराष्ट्र के सेनापति अंदर दाखिल होते हैं और महाराज को कार्निश बजाने के बाद कहते हैं कि - महाराज अब आंदोलनकारियों का धैर्य जबाव देने लगा है, अब वो हटने को तैयार नही हैं, भीड बढती जा रही है...कहीं महल को ही खतरा पैदा ना हो जाये...मेरा आपसे निवेदन है कि आप बालकनी से ही जनता को दो चार झूंठे आश्वासन दे दिजिये जिससे यह खतरा फ़िलहाल तो टल जाये.
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने खा जाने वाली नजरों से सेनापति को घूरते हुये कहा - सेनापति, हमने तुमको इतने बडे ओहदे पर क्यों रखा है? ये जरा से बच्चे तुमसे संभाले नही जाते क्या? अब इन छोटे छोटे बच्चों से निपटने के लिये भी हमें ही आना पडेगा क्या?...जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं...चलो जावो...आंदोलनकारी हटाकर हमें खबर करो....
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र और मिस समीरा टेढी शतरंज खेलते हुये
सेनापति बोला - महाराज, मैं साम,दाम,दंड और भेद सब आजमा चुका हुं...कल मंत्री जी का बयान भी करवा चुका हूं...पर आंदोलनकारी टस से मस नही हो रहे और अब अगर उन्होने आकर आपका गला पकडा तो मैं जिम्मेदार नही रहूंगा.....
ताऊ महाराज धृतराष्ट्र बोले - अरे अक्ल के टमाटर....भलती ही बातें करता है तू? जा और अपने ही सैनिको को जनता बनाकर पत्थर बाजी करवा दे...कहीं लकडी के गठ्ठरों को आग लगवा दे...और घोषणा करवा दे कि
आंदोलनकारियों में असामाजिक तत्व घुस आये हैं....और जमकर लाठियों से आंदोलनकारियों की धुनाई करवा डाल...भगा सबको... और सुन हमें और समीरा जी को अब डिस्टर्ब मत करना...
और सेनापति ने जाकर महाराज के हुक्म अनुसार कार्यवाही शुरू कर दी.........
(जारी रहेगा...)
मौका ताड़ कर शुरू हो गये ताऊ! जय हो..
ReplyDeleteयुवा शक्ति के मिजाज अब अपना असर दिखाकर ही चैन लगेगा....ताऊ को जागना ही होगा...
ReplyDeleteसरकार अपने हथकंडे तो अपनाएगी ही .... अंदर की बात आप बाहर ला रहे हैं ... पैनी नज़र ...
ReplyDeleteबहुत पैनी नज़र है आप की!
ReplyDeleteसभी इंतज़ार में हैं कि आगे क्या होगा .
कर्फ्यू लगवा दें भीड़ नियंत्रण का आसान रास्ता है.
ताऊ !
ReplyDeleteअब तो इन युवाओं को भी चुनाव में दिल्ली सरकार का "ताऊ मार्शल" ही करना पड़ेगा तब ही सुधरेंगे ये मंत्री बने ताऊ लोग!!
ताऊ चैनल आखिर चालु हो ही गया।
ReplyDeleteभाव और अर्थ दोनों की शानदार अभिव्यक्ति हुई है रचना में .पूरी आशंका है कहीं यह जन आक्रोश बिखर न जाए इसमें बलवाई न सैंध लगा दें .बढ़िया तंज इंतजामिया पर .रिमोटीया चिरकुट
ReplyDeleteसरकार पर .
ram ram bhai
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सोमवार, 24 दिसम्बर 2012
बे -खौफ बलात्कारी परिंदे
http://veerubhai1947.blogspot.in
जा और अपने ही सैनिको को जनता बनाकर पत्थर बाजी करवा दे...कहीं लकडी के गठ्ठरों को आग लगवा दे...और घोषणा करवा दे कि
ReplyDeleteआंदोलनकारियों में असामाजिक तत्व घुस आये हैं....और जमकर लाठियों से आंदोलनकारियों की धुनाई करवा डाल...भगा सबको... और सुन हमें और समीरा जी को अब डिस्टर्ब मत करना...
je baat tau...........ib samajh aaya....
pranam.
ताऊ ने जनता के नाम सन्देश पढकर पूछा "ठीक है"
ReplyDeleteप्रणाम
कार्यवाही शुरू ओर इंडिया गेट खाली ...
ReplyDeleteअब तो असर दिखला दिया सरकार तंत्र ने ... देखें युवा शक्ति क्या करती है अब ...
सच्चाई तो यही है कि धृतराष्ट्र ही बना बैठा है देश का शासन और प्रशासन. इन्हें आन भी यही लगता है कि चार दिन की बात है, लोग फिर भूल जाएंगे विना समय की नब्ज़ पहचाने ...
ReplyDeleteअब एक ताऊ पार्टी की ज़रुरत है।
ReplyDeleteइस विचार को और भी विस्तार दें।
ReplyDeleteताउ जी आप मौके देखकर चौके लगा देतेँ हैँ क्या बात हैँ ...आपकी दुर अन्तःदृष्टि का जबाब नही ..अनमोल
ReplyDeleteधृतराष्ट्र और हतराष्ट्र ...
ReplyDeleteताऊ, अन्दर की बात खूब समझ गए।
ReplyDeleteउस संवेदन हीन शासन और पुलिस प्रमुख का क्या कीजे जहां पुलिस प्रमुख दिल्ली युवक युवतियों के आधी आबादी की सुरक्षा हक़ मांगने के दौरान पुलिस ज्यादतियों से जख्मी होने को गौण
ReplyDelete,आनुषांगिक नुक्सान बतलाये .collateral damage कहे जबकि यह शब्द प्रयोग या तो भू -कंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से पैदा उस नुक्सान के लिए प्रयुक्त होता आया है जो आसपास की भू -
स्थल आकृति से तय होता है
या
फिर युद्ध के दौरान शत्रु के हमले से नागर सम्पति को होने वाले नुक्सान और जान माल की हानि के लिए प्रयुक्त होता है .
उस व्यवस्था का क्या करें जहां गृह मंत्री भारत सरकार दिल्ली रेप के अपराधियों को सज़ा देने और महिला सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए प्रदर्शन करने वाले कल के भारत को नक्सली और
माओवादी बतलाये .
चर्च की एजेंट के युवक युवतियों को आश्वस्त करने को एक असाधारण कदम बतलाये .प्रधानमन्त्री घटना के हाथ से निकल जाने के बाद मुंह खोले .लेकिन ऑस्ट्रेलिया में संदिघ्ध अवस्था में पाए
जाने
पर एक मुसलमान डॉ .
..के धर लिए जाने पर कहे -मैं रात भर सो न सका .
चरण चाटो उस चर्च की एजेंट के और उस राजकुमार के जो भारत धर्मी समाज को हिकारत की नजर से देख रहे हैं मिस्टर टिंडे ,कुचल वा रहें हैं पुलिस से .
सुन रहे हो मिस्टर टिंडे
ReplyDeleteउस संवेदन हीन शासन और पुलिस प्रमुख का क्या कीजे जहां पुलिस प्रमुख दिल्ली युवक युवतियों के आधी आबादी की सुरक्षा हक़ मांगने के दौरान पुलिस ज्यादतियों से जख्मी होने को गौण
,आनुषांगिक नुक्सान बतलाये .collateral damage कहे जबकि यह शब्द प्रयोग या तो भू -कंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से पैदा उस नुक्सान के लिए प्रयुक्त होता आया है जो आसपास की भू -
स्थल आकृति से तय होता है
या
फिर युद्ध के दौरान शत्रु के हमले से नागर सम्पति को होने वाले नुक्सान और जान माल की हानि के लिए प्रयुक्त होता है .
उस व्यवस्था का क्या करें जहां गृह मंत्री भारत सरकार दिल्ली रेप के अपराधियों को सज़ा देने और महिला सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए प्रदर्शन करने वाले कल के भारत को नक्सली और
माओवादी बतलाये .
चर्च की एजेंट के युवक युवतियों को आश्वस्त करने को एक असाधारण कदम बतलाये .प्रधानमन्त्री घटना के हाथ से निकल जाने के बाद मुंह खोले .लेकिन ऑस्ट्रेलिया में संदिघ्ध अवस्था में पाए
जाने
पर एक मुसलमान डॉ .
..के धर लिए जाने पर कहे -मैं रात भर सो न सका .
चरण चाटो उस चर्च की एजेंट के और उस राजकुमार के जो भारत धर्मी समाज को हिकारत की नजर से देख रहे हैं मिस्टर टिंडे ,कुचल वा रहें हैं पुलिस से .
सुन रहे हो मिस्टर टिंडे
ताऊ जी ...रिपोर्टिंग तो ठीक है ...पर आपकी हर रिपोर्टिंग में सिर्फ कुछ ही ब्लॉग के लिंक्स क्यों होते है (वो भी बार बार रिपीट सीरियल की तरह )
ReplyDelete:)