ताऊ को तो आप सब जानते है घुमक्कड़ी का शौक है. जाने कहाँ कहाँ देशाटन किया है और तस्वीरें खींच खींच कर ले आया है और फिर वो ही दिखा दिखा कर पहेलियाँ पूछकर सबको हलकान करता रहता है.
आज याद करने लगा अपने घूमने के दिन तो याद आया कि पहाड़ियों में घूमने जाओ या मैदानों में, हर जगह बोर्ड लगे मिलते थे कि ’सुरक्षा हटी और दुर्घटना घटी’.
झारखण्ड की कोयले की खदानें भी याद आईं, जिसमें सारे मजदूर से लेकर मेनेजमेन्ट तक, याने कोई वरिष्ट हो या गरिष्ट हो या कनिष्ट, सबको बराबरी से हेलमेट लगा कर घुसना होता था.
हालत बस वो ही, ’सावधानी हटी और दुर्घटना घटी’ फिर कोयला क्या जाने कि ये कोई वरिष्ट हैं या गरिष्ट हैं या कनिष्ट, वो तो गिरेगा तो सर फोड़ कर ही मानेगा.
आज जब ब्लॉगजगत के दुर्गम रास्तों को देखता हूँ तो वही कोयले की खदान याद आती है ’सावधानी हटी और दुर्घटना घटी’ . जरा सा चूके और लट्ठ पड़ना तय समझिये.
हालत ये हो गये हैं कि रात में अगर पोस्ट लगाई है तो हेलमेट लगा कर सोते हैं कि जाने कब बम बार्डिंग शुरु हो जाये.
जित देखो तित लाल..वो ही परिवार नियोजन टाईप फंडा..’ ’सावधानी हटी और दुर्घटना घटी’ ’. बेहतर है सुरक्षा के उपाय पहले से कर लो. डिस्क्लेमर चैंप दो या जरा विवाद होता देखो, फटाक से माफी मांग लो या बहुत हुआ तो पोस्ट ही हटा दो, न रहेगा बाँस, न बजेगी बांसुरी.
लेकिन यहाँ तो ऐसा भी हो जाता है कि लोग अपना बांस ले आते हैं और आपके दर पर बांसूरी बजाते हैं, उनका क्या. कई तो बाई प्रोफेशन बांसूरी वादक टाईप हो गये हैं. हर जगह बजाते मिलेंगे.
और जब मामा मारीचों और सुर्पणखाओं की बेसुरी धुन निकलती है तो कलेजा दहल जता है. अब तो सपने मे भी मारीच और सुर्पणखां दिखाई देने लगी है. लगता है बांसुरी वादक मनोचिकित्सक (सायकेट्रिस्ट) के पास ही पहुंचाकर छोडेंगे.
एक दिन समीरलालजी का फ़ोन आगया और हाल चाल के बाद यह पूछने लगे कि आजकल कम लिखते हो? कम टिपियाते हो? क्या बात है? जरा पहले की तरह खुल कर लिखो और खुलकर टिपियाओ. अब क्या जवाब देता? आप ही बताईये.
कुछ टिपियाऊं या घिस कर लिखूं,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
बज रही है बांसुरी मामा मारीच की
कर रही है नग्न नृत्य अब भगिनी लंकेश की
क्या आज मैं उसी मिस पर लिखूँ,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
हतोत्साहित हैं नवागत
गर्दन मरोडी जज्बात की
बेकाबू हुये हालात क्या बताऊं अब घात की
जाने क्या मैं इस गर्दिश पर लिखूँ,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
किस्से कहानी और नवसृजन का मत पूछिये
समय है रचनाओं के इंतकाल का
थामे हाथ में बांसुरी
अब राज है यहां काल का
ये कैसी धुन, क्या इस पर लिखूँ,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
वो किस्सागोई वो हंसना हंसाना
कब का दफ़न हुआ ताऊ
औंधे पडे हुए हैं ब्लागर,
सोच रहे अब किधर को जाऊं
क्या मैं उनकी तपिश पर लिखूं,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
रचनाकार एक कोने मे खडा
सर अपना है फ़ोड रहा
चारणों के शीश पर तमगे नवाजे जा रहे
संबंध अपने घट जोड़ रहा
क्या इस पाट में पिस कर लिखूं,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
ताऊ गोरा करने वाली क्रीम का समीरजी ने एक ट्रक का आर्डर दिया. रामप्यारी ने पूछा - अंकल एक ट्रक का आर्डर दे रहे हो, क्या व्यापार करोगे?
समीरजी ने कहा :- नही, रोज इससे नहाया करुंगा और उपर से नीचे तक गोरा होजाऊंगा.
और तीसरे सप्ताह के बीतते तो जैसे कमाल ही होगया. आपको विश्वास नही आयेगा...पहले मुझे और घरवालों को भी नही हुआ था..पर यकिनन ऐसा हुआ है...आप नीचे की तस्वीर को देखिये...चमत्कार होगया..
और तीसरे सप्ताह के बाद
अब मैने ताऊ वजन घटाऊ केप्सूल का प्रयोग शुरु किया है. आप भी आजमाईये...विश्वसनीय और भरोसे के साथी...ताऊ प्रोडक्ट्स!!!
ऐसे असरकारक ताऊ प्रोडक्टस की रिसर्च टीम ने एक ऐसी आल-इन-वन क्रीम बनाई है जो हर मर्ज में काम करेगी. इसका आंधाशीशी के दर्द पर अचूक और कारगर असर पाया गया. एक शीशी के उपयोग से आंधाशीशी
का दर्द हमेशा के लिये गायब...यानि उडनछू...
तो देर किस बात की? अभी आर्डर दिजिये.
ध्यान से देखिये...अगर आपको नीचे के चित्र मे कन्या की आंखें, नाक और मुंह डबल डबल दिखाई दे रहे हैं तो ... संभल जाईये... आपको तुरंत ताऊ आल इन वन क्रीम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है..कृपया तुरंत ताऊ-आल-इन-वन क्रीम का इस्तेमाल करें. वर्ना सर दर्द की वजह से आंखों की रोशनी जा सकती है.
ताऊ प्रोडक्टस द्वारा आंधाशीशी का सफ़ल इलाज
और दुर्बुद्धि नाशक केप्सूल की खोज
ताऊ प्रोडक्ट्स की कहीं भी एजेंसी या फ़्रेंचाईजी नही दी गई है. लोक कल्याण के लिये बिना किसी मध्यस्थ के डायरेक्ट ही न्युनतम मुल्य पर दवा भेजी जाती है. प्रत्येक दवा की एक शीशी का न्युनतम खुदरा मूल्य जनहित में मात्र रु. १२५०/= निर्धारित किया गया है. डाक खर्च, पैकिंग खर्च अतिरिक्त. यू.एस. डालर मे भुगतन करने पर ३० डालर प्रति युनिट एवम खर्च अतिरिक्त देय होगा.
आज याद करने लगा अपने घूमने के दिन तो याद आया कि पहाड़ियों में घूमने जाओ या मैदानों में, हर जगह बोर्ड लगे मिलते थे कि ’सुरक्षा हटी और दुर्घटना घटी’.
झारखण्ड की कोयले की खदानें भी याद आईं, जिसमें सारे मजदूर से लेकर मेनेजमेन्ट तक, याने कोई वरिष्ट हो या गरिष्ट हो या कनिष्ट, सबको बराबरी से हेलमेट लगा कर घुसना होता था.
हालत बस वो ही, ’सावधानी हटी और दुर्घटना घटी’ फिर कोयला क्या जाने कि ये कोई वरिष्ट हैं या गरिष्ट हैं या कनिष्ट, वो तो गिरेगा तो सर फोड़ कर ही मानेगा.
आज जब ब्लॉगजगत के दुर्गम रास्तों को देखता हूँ तो वही कोयले की खदान याद आती है ’सावधानी हटी और दुर्घटना घटी’ . जरा सा चूके और लट्ठ पड़ना तय समझिये.
हालत ये हो गये हैं कि रात में अगर पोस्ट लगाई है तो हेलमेट लगा कर सोते हैं कि जाने कब बम बार्डिंग शुरु हो जाये.
जित देखो तित लाल..वो ही परिवार नियोजन टाईप फंडा..’ ’सावधानी हटी और दुर्घटना घटी’ ’. बेहतर है सुरक्षा के उपाय पहले से कर लो. डिस्क्लेमर चैंप दो या जरा विवाद होता देखो, फटाक से माफी मांग लो या बहुत हुआ तो पोस्ट ही हटा दो, न रहेगा बाँस, न बजेगी बांसुरी.
लेकिन यहाँ तो ऐसा भी हो जाता है कि लोग अपना बांस ले आते हैं और आपके दर पर बांसूरी बजाते हैं, उनका क्या. कई तो बाई प्रोफेशन बांसूरी वादक टाईप हो गये हैं. हर जगह बजाते मिलेंगे.
और जब मामा मारीचों और सुर्पणखाओं की बेसुरी धुन निकलती है तो कलेजा दहल जता है. अब तो सपने मे भी मारीच और सुर्पणखां दिखाई देने लगी है. लगता है बांसुरी वादक मनोचिकित्सक (सायकेट्रिस्ट) के पास ही पहुंचाकर छोडेंगे.
एक दिन समीरलालजी का फ़ोन आगया और हाल चाल के बाद यह पूछने लगे कि आजकल कम लिखते हो? कम टिपियाते हो? क्या बात है? जरा पहले की तरह खुल कर लिखो और खुलकर टिपियाओ. अब क्या जवाब देता? आप ही बताईये.
कुछ टिपियाऊं या घिस कर लिखूं,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
बज रही है बांसुरी मामा मारीच की
कर रही है नग्न नृत्य अब भगिनी लंकेश की
क्या आज मैं उसी मिस पर लिखूँ,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
हतोत्साहित हैं नवागत
गर्दन मरोडी जज्बात की
बेकाबू हुये हालात क्या बताऊं अब घात की
जाने क्या मैं इस गर्दिश पर लिखूँ,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
किस्से कहानी और नवसृजन का मत पूछिये
समय है रचनाओं के इंतकाल का
थामे हाथ में बांसुरी
अब राज है यहां काल का
ये कैसी धुन, क्या इस पर लिखूँ,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
वो किस्सागोई वो हंसना हंसाना
कब का दफ़न हुआ ताऊ
औंधे पडे हुए हैं ब्लागर,
सोच रहे अब किधर को जाऊं
क्या मैं उनकी तपिश पर लिखूं,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
रचनाकार एक कोने मे खडा
सर अपना है फ़ोड रहा
चारणों के शीश पर तमगे नवाजे जा रहे
संबंध अपने घट जोड़ रहा
क्या इस पाट में पिस कर लिखूं,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
और अब अंत में:-
ताऊ गोरा करने वाली क्रीम का समीरजी ने एक ट्रक का आर्डर दिया. रामप्यारी ने पूछा - अंकल एक ट्रक का आर्डर दे रहे हो, क्या व्यापार करोगे?
समीरजी ने कहा :- नही, रोज इससे नहाया करुंगा और उपर से नीचे तक गोरा होजाऊंगा.
समीरलाल जी को एक दर्जन ताऊ क्रीम की शीशीयां भेजी गई थी जिसका प्रभाव एक सप्ताह में ही दिखाई देने लगा था. नीचे के चित्र में खुद ही देख लिजिये.
और तीसरे सप्ताह के बीतते तो जैसे कमाल ही होगया. आपको विश्वास नही आयेगा...पहले मुझे और घरवालों को भी नही हुआ था..पर यकिनन ऐसा हुआ है...आप नीचे की तस्वीर को देखिये...चमत्कार होगया..
अब मैने ताऊ वजन घटाऊ केप्सूल का प्रयोग शुरु किया है. आप भी आजमाईये...विश्वसनीय और भरोसे के साथी...ताऊ प्रोडक्ट्स!!!
ऐसे असरकारक ताऊ प्रोडक्टस की रिसर्च टीम ने एक ऐसी आल-इन-वन क्रीम बनाई है जो हर मर्ज में काम करेगी. इसका आंधाशीशी के दर्द पर अचूक और कारगर असर पाया गया. एक शीशी के उपयोग से आंधाशीशी
का दर्द हमेशा के लिये गायब...यानि उडनछू...
तो देर किस बात की? अभी आर्डर दिजिये.
ध्यान से देखिये...अगर आपको नीचे के चित्र मे कन्या की आंखें, नाक और मुंह डबल डबल दिखाई दे रहे हैं तो ... संभल जाईये... आपको तुरंत ताऊ आल इन वन क्रीम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है..कृपया तुरंत ताऊ-आल-इन-वन क्रीम का इस्तेमाल करें. वर्ना सर दर्द की वजह से आंखों की रोशनी जा सकती है.
और दुर्बुद्धि नाशक केप्सूल की खोज
ताऊ प्रोडक्ट्स की कहीं भी एजेंसी या फ़्रेंचाईजी नही दी गई है. लोक कल्याण के लिये बिना किसी मध्यस्थ के डायरेक्ट ही न्युनतम मुल्य पर दवा भेजी जाती है. प्रत्येक दवा की एक शीशी का न्युनतम खुदरा मूल्य जनहित में मात्र रु. १२५०/= निर्धारित किया गया है. डाक खर्च, पैकिंग खर्च अतिरिक्त. यू.एस. डालर मे भुगतन करने पर ३० डालर प्रति युनिट एवम खर्च अतिरिक्त देय होगा.
अगले सप्ताह में ताऊ दुर्बुद्धि नाशक केप्सूल लांच किया जावेगा. एडवांस बुकिंग चालू है.
ताऊजी राम राम,
ReplyDeleteकविता तो आपकी बहुत सटिक है...
रचनाकार एक कोने मे खडा
सर अपना है फ़ोड रहा
चारणों के शीश पर तमगे नवाजे जा रहे
संबंध अपने घट जोड़ रहा
क्या इस पाट में पिस कर लिखूं,
मेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
बहुत सही!!
अब क्रिम क कुछ ऐसा है कि हमे तो जरुरत नहि है कोई मिलता है तो उसे आपका पता दे देगे :)
ताऊ, देखना जरा..गोरा होते होते बीमारी तो नहीं हो गई कोई..जरुरत से ज्यादा ही गोरे हो गये. :) सही के गोरे शरमा कर भाग जा रहे हैं..कहीं इसी गति से पतले भी हुए तो सींक सलाई पर्सनाल्टी न हो जाये कहीं.
ReplyDeleteआजकल तो आप गीतकार हुए जा रहे हो..इसे गा भी देते या रामप्यारी से गवा देते तो आनन्द आ जाता. आपकी आवाज भी सुन लेते. :)
अब गुरुदेव समीर जी को बचपन वाला ये गाना तो नहीं गाना पड़ेगा...
ReplyDeleteयशोमति मैया से बोले नंदलाला राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला...
वैसे फेयर एंड लवली वाले ब्रैंड एंडोर्समेंट के लिए अब समीर जी का पता ढूंढ रहे हैं...
जय हिंद...
कई रंग और कई स्वाद के साथ एक भावनात्मक पोस्ट। कोई न मिले तो मुझ पर ही लिखिये।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
ताऊ रे ताऊ तेरा रंग कैसा,
ReplyDeleteजिसमें मिला दो लगे उस जैसा..
ये गाना याद आया ताऊ,
दुर्बुद्धि नाशक दवा के लांच पर मेरे द्वारा एक ट्रक का ऒर्डर बूक करें. पूरे ब्लोग जगत में फ़्री बाटूंगा.
हे भगवान -कुछ तो छोड़ दें और लोगों के लिए .!
ReplyDeleteवाह ! ताऊ क्रीम वाह ! समीर जी को गोरा बनाने के साथ साथ दीवार और आस पास के पेड़ पौधों पर भी असर कर दिया |
ReplyDeleteहमें तो देखकर ही मजा आ गया :) वाह क्या क्रीम है !!
ये क्रीम तो सरकार को ऑस्ट्रलिया पढने जाने वालों के जरुरी कर देनी चाहिए !!
कुछ टिपियाऊं या घिस कर लिखूं,
ReplyDeleteमेहरबां फ़रमाईये किस पर लिखूं?
ताऊ आप तो खूंटे पर लिखिए ! खूंटा पढ़े हुए घणे दिन हो गए |
ताऊ, चेहरे के साथ बाल भी गोरे हो गये!
ReplyDeleteरचना अच्छी बन गयी है ,बधाई .
ReplyDeleteताऊ दुर्बुद्धि नाशक केप्सूल तो कमाल का है .
निस्संदेह समीर लाल, गोरा बनाने वाली क्रीम की किसी भी कंपनी के लिए सबसे अच्छे नेचुरल मॉडल साबित हो सकते हैं, ताऊ की चालाकी भांपते हुए मुझे विश्वास है ताऊ ने यह विश्व माडल मुफ्त में मारा है भोले-- भाले समीर लाल को बाज़ार में अपनी कीमत का अंदाजा ही नहीं है बिचारे खड़े हो गए तीनों फोटू खिचाने !
ReplyDeleteऐश करो ताऊ ....
ताऊ,
ReplyDeleteअसल मे ऐसा है कि समीरलाल जी अपने गात के साथ साथ कपडों पर भी क्रीम मल लेते हैं, तभी तो देखिये उनके कपडों मे भी गोरापन बढता जा रहा है.
ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha tau ji gora krne wale cream to sach me kya khne chamatkar hi ho gya wah ha ha ha ha ha .... behd mjedar or rochak post kuch hansi ruke to aage likhe ha ha ha ha
ReplyDeleteregards
ha ha ha ha ha ha
ReplyDeleteregards
ताऊजी, सीता सीता। आपने लिखा है कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। मेरे एक मित्र हैं वे पुलिस वालों से पूछते हैं कि आपने यह कैसे लिख दिया कि सावधानी हटने से दुर्घटना घट जाएगी अर्थात कम हो जाएगी? सारे ही पुलिस वाले परेशान हैं और सब जगह के बोर्ड हटाने पर मजबूर हैं। बढिया पोस्ट। आपने समीरलाल जी को गोरा कर दिया अब तो भारत भी गोरों का देश कहलाएगा, बधाई।
ReplyDeleteक्रीम का प्रयोग देखकर मज़ा आ गया. ताऊ प्रोदुक्टिओंस का पब्लिक इश्यू कब आ रहा है?
ReplyDeleteताऊ जी राम-राम
ReplyDeleteसमीर जी जब नहा रहे थे तो क्रीम के छींटे दीवार पर भी पड गये, जो दीवार भी गोरी होती जा रही है।
दुर्बुद्धि नाशक कैप्सूल की बुकिंग करवानी थी, अब सोच रहा हूं कि दिलीप कवठेकर जी मुफ्त में बांटेंगें तो वहीं लाईन में लग जाऊं। आप जल्द से जल्द उनको माल डिलीवर कर दीजिये।
प्रणाम
ताऊ राम राम .... भाई न लिखते हुवे भी बहुत कुछ लिख गये आप ... छुपेरूस्तम निकले ...
ReplyDeleteसमीर भाई ने अपने पर प्रयोग कर लिया .. अब तो धड़ल्ले से बिकेगी क्रीम ....
kavita to bahut hi badhiya likhee.
ReplyDeleteCream ke istmaal ke baad Sameer ji to pahchane hi nahin ja rahe!:D..
bahut badhiya chitr/products aur prastuti bhi.
हुँह.. लोग-बाग मुँह उठाकर, आंख मूंदकर, एक-एक नहीं, दस-दस ब्लॉग पर दिन में बीस-बीस पोस्टें लिख मार रहे हैं, और आप पूछते हैं कि किसपर लिखूं? हद है!
ReplyDeletewaah kya baat hai.....andaz-e-bayan hi juda hai.
ReplyDeleteअरे वाह...!
ReplyDeleteअपना ताऊ तो शायर बन गया!
ताई से छिप-छिप कर लिखा होगा!
बहुत बढ़िया लपेटा है !
मजा आ गया!
गोरे पन की क्रीम आ पेटेंट करवा लो..
ReplyDeleteऔर
समीर जी को ब्रांड अम्बेसडर बना दो..
और जब क्रीम बिके
तो
उसी पर लिखे..:)
राम राम
अरे ताऊ यह करीम जरा चशमे पर भी लगा देते, वेसे आज तो चांद भी शरमा रहा है समीर जी को देख कर, बस अब पतला मत करना, वरना समीर जी का बहुत घाटा हो जायेगा मेरी तरह, मै पहले पतला था तो पतली पेंट ओर कमीज ओर सुट, फ़िर जेसे जेसे मोटा होता गया कपडो का साईज भी बडा, ओर खर्चा भी.... फ़िर छोटे कपडे फ़ेंक दिये... अब साला वजन फ़िर कम हो रहा है, लेकिन अब कपडे तो नही खरीदुगां बस पुराने ही लपेट लुंगा, ओर समीर जी तो कितना लपेटेगे... भाई मेहरबानी करो मत पतला करो वरना समीर के के सारे बिल ताऊ को भुगतने पडेगे
ReplyDeletenice nice nice nice nice nice nice nice nice
ReplyDeleteहा हा ताऊ। यह हुई न बात! हा हा ।
ReplyDeleteतुसी कौन टाइप के हो ? कभी कभी तो एकदम चाल्हे ही पाड देते हो। एम आय राँग ?
अब आप एक काम करो "किस" पर ही लिख दो।
ताऊ मान गए क्रीम के लिए सोलिड मोडल ढूंडा है :)....बहुत बिकेगी क्रीम..और लिखने के लिए क्या टोटा पड़ा है ? खुद पर ही लिख दें.
ReplyDeleteहा हा हा हा.....आज तो कमाल ही कर दिया। ताऊ तो इब कवियों,गीतकारों की कैटेगरी में आ गया..मजा आ गया यो कविता/फविता सी पढ कै अर समीर लाल जी की फोटू देख कै तो हँसहँस के पेट में बल पड गए...चेहरे पे कान वगैरह के पीछे थोडी सी जगह तो छोड दी होती..किसी की नजर,फजर लगने का डर तो नहीं रहता :)
ReplyDelete१ ताऊ आल इन क्रीम का हमारा आर्डर नोट कर लें.. और दुर्बुद्धि नाशक केप्सूल भी जल्दी से भिजवा दें...
ReplyDelete:)
Are TAAU! Apka Product Photo me dikhne wale insaan ke sath photo background ko bhi gora bananata hai kya? Agar esa hai to apki to nikal padi... Aur ek khaas baat mujhe apki product wali photo me CHar aankh, ek naak aur do munh nazar aa rahe hain, Mujhe kya bimari hai ye bata sakte hain?? Badi kripa hogi TAAU...
ReplyDeleteAPKa Bhateeja
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