कल मजाक मजाक में षडयंत्र पूर्वक चार हरयाणवियों ने एक हरयाणवी का यानि ताऊ का जन्म दिन मनवा दिया. अब आप कहोगे कि जन्म दिन मनाने में षडयंत्र कैसा? सो बहणों और भाईयो, ये षडयंत्र राज भाटिया ने रोहतक ब्लागर सम्मेलन के दौरान रचा था. उसी के तहत चार मेड-इन-जर्मन लठ्ठ उन्होने योगिंदर मौदगिल और अंतर सोहिल के हाथों ताई तक भिजवा दिये.
जन्मदिन के चक्कर से बचने के लिये काफ़ी सालों से काम के बहाने इस दिन हम मुम्बई निकल लेते हैं. सो ताई को याद भी नही रहता और लठ्ठ प्रसाद खाने और पूजा आरती होने से हम बचे रहते हैं. पर इस बार हमको इस षडयंत्र का पता नही चला और जन्म दिन के बहाने हमारा कुटावा हो गया.
अभी कुछ दिन पहले योगिंदर मोदगिल का फ़ोन आया था कि ताऊ मैं तेरे शहर म्ह कविता बांचणे आरया सूं और तेरे तैं मिलण की घणी इच्छा हो री सै. और साथ म्ह अंतर सोहिल भी आवैगा. हम इस बात का असली मर्म समझ नही पाये और हमने सीधे मन से कह दिया कि भाई आजा...मैं रविवार की सुबह आठ बजे तक इंदौर पहुंच जाऊंगा.
कवि महाराज और अंतरसोहिल दोनो आये, मिले, ब्लागर सम्मेलन किया और चुपचाप राज भाटिया के दिये हुये लठ्ठ ताई को भेंट कर गये. हमने समझा ताई के लिये कुछ गिफ़्ट विफ़्ट लाये होंगे सो ज्यादा ध्यान नही दिया.
यहां तक भी सब ठीक था पर आश्चर्य कि बात ये कि इस षडयंत्र में एक और हरयाणवी भी शामिल था. यानि हरयाणवी ही हरयाणवी का दुश्मन हो गया, ये हरयाणवी था पाबला सरदार. अब आप कहोगे कि इसमे सरदार जी कहां से आ गये? तो भाइय़ो ताई को जन्मदिन की याद दिलाकर, असली कुटावे का सूत्रपात तो इसी सरदार ने किया.
हुआ यूं कि जैसे ही रात के १२ बजे यानि १ मार्च शुरू हुआ, पाबला जी ने हमारे फ़ोन की घंटी बजा डाली, हम तो सोये पडे थे, हमारा फ़ोन ताई के पास था और हमारी बदकिस्मती कहिये कि ताई ने फ़ोन उठा लिया और पूछा - हां भई कुण बोल रया सै?
उधर से सरदार जी बोले - ताई राम राम, मैं आपका भतीजा पाबला बोल रया सूं....
ताई ने पूछा - भई यो रात नै १२ बजे फ़ोन करण का कुण सा बख्त सै?
पाबला जी बोले - ताई आज ताऊ का जन्म दिन है सो बधाई देण खातर फ़ोन किया सै...मेरी तरफ़ से बधाई दे देना.
ताई बोली - वाह भतीजे वाह...यो तो तन्नै घणी चोखी याद दिलाई...तैं चिंता मत कर, मैं तेरी तरफ़ से बधाई भी दे दूंगी और तेरे ताऊ का जन्म दिन भी मनवा दूगी...जर्मन तैं आयोडे लठ्ठ भी इत ही रक्खे सैं...उनका भी उदघाटन हो ज्येगा.
बस ताई को कहां सबर था...आखिर ताऊ का जन्म दिन जो मनाना था....
सोते हुये ताऊ के पास जाकर एक लठ्ठ मारते हुये बोली - जन्म दिन की घणी बधाई....
दूसरा लठ्ठ मारके बोली - यो जन्म दिन की राज भाटिया की तरफ़ से बधाई...
तीसरे लठ्ठ मार कर योगिंदर मोदगिल की तरफ़ से बधाई दे दी और चौथा लठ्ठ मारके अंतर सोहिल की तरफ़ से बधाई दे दी...इस तरह इन चारों हरयाणवियों ने मिलकर बेचारे सीधे साधे और शरीफ़ ताऊ का जन्म दिन मनवा दिया. यानि इस सीधे साधे ताऊ नाम के हरयाणवी को इन चार चार हरयाणवियों ने मिलकर पिटवा दिया.
खैर जो भी हो, इन हरयाणवियों से तो ताऊ आगे पीछे निपट ही लेगा. पर आपने जिस प्यार और मुहब्बत से फ़ोन द्वारा, इमेल द्वारा, पाबला जी के ब्लाग द्वारा और मेरे ब्लाग के टिप्पणी बाक्स द्वारा जन्म दिन की जो शुभकामनाएं भेजी हैं उसके लिये मैं आपका तहेदिल से आभार व्यक्त करता हूं. आपका प्यार और आशीष सदा बना रहे यही प्रार्थना है.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgUx0ITWCZR8IimtR6ddMucGvCdAcV_ovhqeoXojpSFyo1aslmXWCxIIW-5vI3hjWPb9p9ghvuKW01QTh7ovykUel0KExEzkn7pfGkOF802aWMrZGgHnPCCjUXdaAIbw44d8t_B25Wtc1C-/s320/taau-dukhiya.JPG)
जन्मदिन के चक्कर से बचने के लिये काफ़ी सालों से काम के बहाने इस दिन हम मुम्बई निकल लेते हैं. सो ताई को याद भी नही रहता और लठ्ठ प्रसाद खाने और पूजा आरती होने से हम बचे रहते हैं. पर इस बार हमको इस षडयंत्र का पता नही चला और जन्म दिन के बहाने हमारा कुटावा हो गया.
अभी कुछ दिन पहले योगिंदर मोदगिल का फ़ोन आया था कि ताऊ मैं तेरे शहर म्ह कविता बांचणे आरया सूं और तेरे तैं मिलण की घणी इच्छा हो री सै. और साथ म्ह अंतर सोहिल भी आवैगा. हम इस बात का असली मर्म समझ नही पाये और हमने सीधे मन से कह दिया कि भाई आजा...मैं रविवार की सुबह आठ बजे तक इंदौर पहुंच जाऊंगा.
कवि महाराज और अंतरसोहिल दोनो आये, मिले, ब्लागर सम्मेलन किया और चुपचाप राज भाटिया के दिये हुये लठ्ठ ताई को भेंट कर गये. हमने समझा ताई के लिये कुछ गिफ़्ट विफ़्ट लाये होंगे सो ज्यादा ध्यान नही दिया.
यहां तक भी सब ठीक था पर आश्चर्य कि बात ये कि इस षडयंत्र में एक और हरयाणवी भी शामिल था. यानि हरयाणवी ही हरयाणवी का दुश्मन हो गया, ये हरयाणवी था पाबला सरदार. अब आप कहोगे कि इसमे सरदार जी कहां से आ गये? तो भाइय़ो ताई को जन्मदिन की याद दिलाकर, असली कुटावे का सूत्रपात तो इसी सरदार ने किया.
हुआ यूं कि जैसे ही रात के १२ बजे यानि १ मार्च शुरू हुआ, पाबला जी ने हमारे फ़ोन की घंटी बजा डाली, हम तो सोये पडे थे, हमारा फ़ोन ताई के पास था और हमारी बदकिस्मती कहिये कि ताई ने फ़ोन उठा लिया और पूछा - हां भई कुण बोल रया सै?
उधर से सरदार जी बोले - ताई राम राम, मैं आपका भतीजा पाबला बोल रया सूं....
ताई ने पूछा - भई यो रात नै १२ बजे फ़ोन करण का कुण सा बख्त सै?
पाबला जी बोले - ताई आज ताऊ का जन्म दिन है सो बधाई देण खातर फ़ोन किया सै...मेरी तरफ़ से बधाई दे देना.
ताई बोली - वाह भतीजे वाह...यो तो तन्नै घणी चोखी याद दिलाई...तैं चिंता मत कर, मैं तेरी तरफ़ से बधाई भी दे दूंगी और तेरे ताऊ का जन्म दिन भी मनवा दूगी...जर्मन तैं आयोडे लठ्ठ भी इत ही रक्खे सैं...उनका भी उदघाटन हो ज्येगा.
बस ताई को कहां सबर था...आखिर ताऊ का जन्म दिन जो मनाना था....
सोते हुये ताऊ के पास जाकर एक लठ्ठ मारते हुये बोली - जन्म दिन की घणी बधाई....
दूसरा लठ्ठ मारके बोली - यो जन्म दिन की राज भाटिया की तरफ़ से बधाई...
तीसरे लठ्ठ मार कर योगिंदर मोदगिल की तरफ़ से बधाई दे दी और चौथा लठ्ठ मारके अंतर सोहिल की तरफ़ से बधाई दे दी...इस तरह इन चारों हरयाणवियों ने मिलकर बेचारे सीधे साधे और शरीफ़ ताऊ का जन्म दिन मनवा दिया. यानि इस सीधे साधे ताऊ नाम के हरयाणवी को इन चार चार हरयाणवियों ने मिलकर पिटवा दिया.
खैर जो भी हो, इन हरयाणवियों से तो ताऊ आगे पीछे निपट ही लेगा. पर आपने जिस प्यार और मुहब्बत से फ़ोन द्वारा, इमेल द्वारा, पाबला जी के ब्लाग द्वारा और मेरे ब्लाग के टिप्पणी बाक्स द्वारा जन्म दिन की जो शुभकामनाएं भेजी हैं उसके लिये मैं आपका तहेदिल से आभार व्यक्त करता हूं. आपका प्यार और आशीष सदा बना रहे यही प्रार्थना है.
हैपी बर्थ डे टू यू ......
ReplyDeleteआदरणीय ताऊ जी
ReplyDeleteप्रणाम !
पुनः बधाई और शुभकामनाएं !
चारों हरयाणवियों का आभार !
कैसे न मनता ताऊ आपका जन्मदिन ?
♥ We Love You Taau ♥
रोचक पोस्ट के लिए अलग से नमन !
महाशिवरात्रि की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
तौ यो घणा अत्याचार हो लिया रात के बारा बजे। ऐनीवे,
ReplyDeleteहैप्पी बड्डे ताऊ!
{म्हारी डोड्डा बर्फी सम्भाल के रखियो, कहीं ताई को याद दिलाना पडे!}
जो हुआ भूल जाइये ...जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकारें
ReplyDeleteजन्म दिन की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ....मिठाई कहाँ है ताऊ???
ReplyDeleteताऊ जी हैप्पी बर्थ डे
ReplyDeleteइन चार हरियाणवियों के पार्श्व में जो पांचवा था वो आपने दिख्या कोनी?
बहुत बधाई हो जन्मदिन की आपको।
ReplyDeleteताऊ जी,
ReplyDeleteजनमदिन की बधाई!
चारों लट्ठ डोडा के ही बने थे।
ये बात क्यों नहीं बताते?
आदरणीय ताऊ जी
ReplyDeleteराम राम केवल राम की तरफ से
आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई ...याद रखना अगले 2012 मार्च को केवल राम का फोन आएगा रात के बारह बजे ..ताई को याद दिलाने के लिए ....आप हमें यूँ ही आशीर्वाद देते रहें ..यही कामना है
ताऊ महाराज
ReplyDeleteरात को १२ बजे जो लट्ठम-लट्ठा संपन्न हुआ उसका विडिओ लगा देते तो अंतर सोहिल की शेष जिज्ञासा का पूर्णत: समाधान हो जाता..
हाँ जन्मदिन की घणी बधाई...
जन्मदिन मनाने की ये प्रथा, जिसमें लट्ठ से स्वागत हो, है बड़ा मजेदार।
ReplyDeleteताऊ मेरी तरफ से भी आपको जन्मदिन की घणी बधाई।
TAU JI RAM RAM
ReplyDeleteAAP SABHI KO MAHASHIVRATRI KI SUBHKAMNAYE..
ताई !!
ReplyDeleteपांचवा लट्ठ मेरी और से भी इस "शरीफ" ताऊ को .....और साथ में घणी बधाई !
हैपी बर्थ डे टू ताऊ
ReplyDeleteताऊ आपका जन्म दिन निकल गया और हमे पता भी नही चला। वो तो अस्पताल गयी तो पता चला कि ताई ने ताऊ की पिटाई की थी वो दवा लेने आये थे तभी आज आई हूँ और ताई का ,राज भाटिया जी का धन्यवाद करती होंम जिनकी वजह से मुझे बधाई देने का अवसर मिला। एक बार फिर से जन्म दिन की ढेरों बधाईयाँ। ऐसी पिटाई रोज़ रोज़ होती रहे। कहीं लड्डू खिलाने के बहाने तो नही पिटाई की बत कह कर जान छुडवाना चाहते।
ReplyDeletehappy birth day .... tau..... with jarman latth by tau on behalf of non other than your unknown bhatija....
ReplyDeletetoo much ghani pranam.
हा हा हा
ReplyDeleteजन्मदिन का लट्ठ मुबारक़.
चार पट्ठे जब मिल जावें तो एक की क्या बिसात ? जहाँ चार यार मिल जाय वहीं रात हो गुलजार...
ReplyDeleteजन्मदिन की पुनः हार्दिक बधाईयां...
ताउजी , जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं
ReplyDeleteहैप्पी वाला बड्डे.
ReplyDeleteजन्म से तो में भी हरियाणवी हूँ किन्तु ऐसा जन्मदिन नहीं मनाया अब तक.
घुघूती बासूती
अरे मै न्यू सोंचू था कि ताऊ फोन क्यों नहीं उठा रहा से ,अब पता लग ग्या कि ताऊ की पूजा हो रही थी | जन्म दिन की शुभकामनाये |
ReplyDeleteहैप्पी बर्थडे टू यू
ReplyDeleteआपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई ..
ReplyDeleteHappy birthday taaujee!..to aapne khoob majaa loota..aur hamne bhi post padhh kar maje loot loye!
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (2-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं
ताऊ! बजट के नाम पर जन्मदिन की रेवड़ियाँ बाँट दीं और केक दबा गये!!
ReplyDeleteहैप्पी बर्थ डे टू यू!!
ताऊ जी जन्म दिन की घणी घणी बधाई |
ReplyDeleteअरे ताऊ यह तो तई ने गडबड कर दी हम नही मानते इस बधाई को, हेरा फ़ेरी अच्छी नही.... तई से बोलो दोवारा से सारी बधाईयां दे सब से पहले मेरा नाम ले कर बधाई दे, फ़िर पाबला जी का, बाकी सब ब्लागरो का, ओर लठ्टो की परवाह नही, ओर मिल जायेगे, अभी तो ललित भाई आयेगे पहली बधाई के हक दार बनने फ़िर योगेंदर जी, अन्तर सोहिल जी, अब तो रोज नये नये ढंग से ताई बधाई देगी,शुरुआत कभी मेरी पहली बधाई से कभी पाबला जी, यनि जिस की शिकायत आये, पहली बधाई उसी के नाम से. राम राम
ReplyDeleteजन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो!!!
ReplyDeleteजन्मदिन की बहुत बधाई ..
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकारें|
ReplyDeleteमहाशिवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएँ|
केक की न सही, लट्ठ 'बरसाने' की एक तो तस्वीर लगा दिया होता.
ReplyDeleteअगर बात खुल ही गई है तो सचित्र खुलासा क्यों नहीं.
ReplyDeleteजन्म दिन की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteregards
ओहो बड़ी देर हो गई ताऊ !
ReplyDeleteफिर भी अच्छा ही है कम से कम ताई से एक लठ्ठ कम पड़ा होगा मैंने उस दिन बधाई नहीं दी न | सो हमसे आज जन्मदिन की बधाई स्वीकार करे |
हमें तो पता ही नहीं चला, आपके जन्मदिन का
ReplyDeleteदेरी से ही सही, हार्दिक शुभकामनायें स्वीकार करें।
प्रणाम
वाह! यानि के हमनै टैम पै लट्ठ पहुँचा दिये :)
ReplyDeleteअब समझा कि सुबह फोन क्यों बंद कर रखा था ताऊ ने :-)
ReplyDeleteताऊ ण नेरा राम राम । अर जन्मदिन बधाई भी . पर सूक्खी कोणी चलेगी ताऊ लड़्डू तो खवाने ही पडेंगें
ReplyDeleteताऊ,
ReplyDeleteदेर से पता चला, विलंबित बधाईयां स्वीकार करें।
रामराम।
"तुम जियो हजारों साल ,साल के दिन हों एक हज़ार .." ताउश्री को जन्म दिन कि ढेर सी शुभ कामनाएं .देर से आने के लिए खेद है .नेट नहीं चल रहा था उस दिन .कोई बात नहीं,सब मिल कर गाते हैं "हम भी अगर बच्चे होते नाम हमारा होता डब्लू बबलू ,खाने को मिलते लड्डू {lathhu} और दुनिया कहती
ReplyDeleteहैप्पी बर्थ डे टू यू ताऊ हैप्पी बर्थ डे टू यू
very beautifully explained !! happy birthday !!
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