परिचयनामा : मेजर गौतम राजरिशी

एक मुलाकात मेजर गौतम राजरिशी से.

जैसा की आप जानते हैं कि ताऊ पहेली प्रथम राऊंड मे संयुक्त रूप से श्री संजय बैंगाणी और श्री गौतम राजरिशी को  महाताऊ की उपाधि से नवाजा गया था. उसका अलंकरण समारोह पहली अप्रेल को होना था पर श्री गौतम जी का ट्रांसफ़र होजाने से महाताऊ अलंकरण समारोह फ़िलहाल स्थगित किया गया है. जैसे ही उस समारोह की तिथी निश्चित होगी आपको सूचना दी जायेगी. आज हम आपका परिचय करवा रहे हैं महाताऊ श्री गौतम राजरिशी से

 

आप युं तो गौतम जी को एक गजलकार के रुप मे भलिभांति जानते हैं. पर हम आज उनके बारे मे कुछ बहुत ही अंतरंग जानकारी दे रहे हैं. आप जिस शख्स को गजल लिखते पढते देखते हैं  वो हमारे प्रिय मेजर गौतम राजरिशी  हैं .   जी हां चौंकिये मत, ये वाकई हमारी सीमाओं की रक्षा मे २४ घंटे मुस्तैद रहने वाले मेजर गौतम जी हैं जिनकी बदौलत आप हम चैन की नींद निकालते हैं.

 

 

major-gautam                                                                मेजर गौतम

 

गौतम जी ट्रांसफ़र के बाद जैसे ही फ़ुरसत हुये, हमने उन्हे जा पकडा.  कुछ कारण वश हम यहां जगह का नाम नही बतायेंगे.  क्योंकि कतिपय सुरक्षा कारणों के चलते यह ठीक नही रहेगा और एक आर्मी आफ़िसर के हिसाब से कुछ बाते हम यहां गौण ही रखेंगे.

 

हमने जाते ही दुआ सलाम के बाद अपने आने का कारण बताया तो हमने सोचा कि यार ये फ़ौजी अफ़सर बडा कडक होगा..पर नही हम गलत निकले.  निहायत हंसमुख, संजीदा इन्सान और इस जोशीले नौजवान ने कहा : हा हा...मुझे तो बड़ा अज़ीब सा लग रहा है ताऊ.....इससे पहले एक बार इंटरव्यू दिया था बरखा दत्त जी को श्रीनगर के कुख्यात लाल चौक पर और अब ये आज आपका निराला साक्षात्कार? पर अब आप ताऊ हो तो छोडने वाले तो हो  नही.  चलिये कोशिश करता हूँ।

 

और हमने सवाल – जवाब का सिलसिला शुरु किया.

 

ताऊ :  ये बरखा दत कौन?   वो स्टार वाली रिपोर्टर?

 

 

मेजर गौतम : जी ताऊ ..आप ठीक समझे हैं …वो दिन तो कभी भूल ही नहीं सकता मैं..१० अगस्त २००१, श्रीनगर का कुख्यात लाल चौल  {जिसे आतंकवाद के  चरमोत्कर्ष वाले दिनों में मिनी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था}  का इलाका। मेरी टीम के दो गाड़ियों पर  आतंकवादियों द्वारा लगाये गये I.E.D. का जबरदस्त धमाका हुआ और मेरे एक सीनियर आफिसर और कुछ जवान बुरी तरह जख्मी हो गये थे...और तभी अवतरित हुई अभी-अभी प्रसिद्‍ध हुई बरखा दत्त अपने स्टार न्यूज के दल-बल के साथ।  बस वहीं एक लंबा सा साक्षात्कार हुआ था और मेरे व्यक्त आक्रोश को स्टार वाले कई दिनों तक दिखाते रहे थे...

 

ताऊ : जी आप बिल्कुल सही कह रहे हैं.  वो भी एक खतरनाक दौर था.   आप तो अभ्यस्त है इतने टेन्शन मे भी इण्टर्व्यु देने के ? फ़िर अब ताऊ के सवालों से क्या डरना? यहां तो कैमरा भी नही है? चलिये ये बताईये की आप कहां के रहने वाले हैं?

 

 

मेजर गौतम  : मैं बिहार के कोशी नदी से प्रभावित सहरसा नाम की जगह से हूँ। वहीं मेरा जन्म हुआ और बारहवीं तक की पढ़ाई वहीं पर की।

 

ताऊ : हमने तो सुना है कि आप बिना घर वालों को बताये फ़ौज मे भर्ती होगये?

 

मेजर गौतम : अरे ताऊ ..आपतो लगता है खोजी पत्रकार हो?  मेरी क्या पूरी जन्मपत्री ही मिल गई  है आपको? असल मे हुआ यह था कि  हरी वर्दी का शौक चर्राया तो राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की प्रवेश परीक्षा में बैठ गया चोरी-छिपे बगैर घर वालों को बताये.  और अब मेजर की रैंक पर भारतीय सेना में एक इंफैन्ट्री बटालियन के साथ पदस्थापित हूँ। बस....

 

 

ताऊ  : अपने जीवन की कोई अविस्मरणीय घटना बतायेंगे हमको?

 

मेजर गौतम : जी कई घटनायें है...खास कर सैन्य जीवन वाली। अपनी आँखों के समक्ष कुछ करीबी दोस्तों को खोना....कुछ अविस्मरणीय आपरेशन्‍स हैं...मेरा पहला शिकार{!!??!!} । अनेक घटनाएं जेहन मे हैं ,  लेकिन उन सबका जिक्र यहाँ ठीक नहीं होगा।

 

 

ताऊ  : आपके शौक क्या हैं?

 

मेजर गौतम :  गिने-चुने हैं। ग़ज़ल लिखना-पढ़ना-सुनना-इकट्ठी करना,   कामिक्स, कम्प्यूटर पर और अपने प्ले- स्टेशन पर गेमिंग,   किताबें पढ़ना खरीदना  { खास कर गज़लों और कविताओं की},  हिंदी-साहित्य से जुड़ी अधिकतम पत्रिकाओं का सदस्य हूँ...और अपनी रायल इनफिल्ड बुलेट की सवारी...

 

 

ताऊ  : सख्त ना पसंद क्या है?

 

मेजर गौतम :  बनावटीपन...काम के प्रति लापरवाही...और  राजनीति से

 

 

ताऊ :  पसंद क्या है?

 

मेजर गौतम : जी,   पसंद है मेरी एक साल की बिटिया "तनया" और...और तनया की मम्मी। हाँ, एश्वर्या राय भी ……

 

tanaya-gautam                                             तनया गौतम..पापा की एनफ़िल्ड पर सवार

 

 

ताऊ : लगता है बहू (श्रीमती गौतम) यहां नही है जो आप ऐश्वर्या राय को पसंद करते हैं.  उसने अब शादी कर ली है भाई.

 

मेजर गौतम : अरे ताऊ जी …एश्वर्या राय बच्चन नहीं.. बल्कि ऐश्वर्या राय ..जो कि मेरी श्रीमती की भी फ़ेवरिट है. ।

 

 

 

ताऊ : कोई ऐसी बात जो आप पाठको से कहना चाहें.

 

मेजर गौतम : पाठकों से ? हाँ, मेरे ब्लौग पर आइये और समीर लाल जी एवं ताऊ से ज्यादा टिप्पणी मुझे दीजिये.....हा हा हा

 

इसी बीच आर्डर्ली ने खाना लगा दिया और अब बातचीत खाने की टेबल पर होने लगी.

मेजर गौतम बोले - आप छोड़ेंगे नहीं ताऊ.......आपके सवाल तो  बरखा दत्त वाले से भी मुश्किल हैं.  जबकि वो तो कैमरे के साथ थी और आप तो बिना कैमरे के ही पसीना निकाल रहे हैं?  खैर फ़िर भी कोशिश करता हूँ आपके इन कठिन सवालों को सुलझाने की

 

हमने कहा – भाई मेजर साहब. .  हम आपसे निजी जिंदगी के बारे मे बात कर रहे हैं..और निजी जिंदगी ज्यादा कठिन होती है. जब हम अपनी खुद की जिंदगी मे पीछे झांक कर देखते हैं तो इतनी आसान तो नही होता उसके बारे मे बाते करना. पर आप चिंता नही करें ..हम बिल्कुल सीधे २ सवाल ही पूछेंगे.

 

 

 

ताऊ :  तो गौतम जी , हमने सुना है कि आप स्कूल से तडी मारकर फ़िल्मे देखने जाया करते थे?

 

मेजर गौतम : पर ताऊ आपको ये बात कहां से मालूम पडी?

 

ताऊ : बात सही है कि गलत?   हमारे पाठकों को जरा अपनी कारगुजारी बताईये.

 

मेजर गौतम : (हंसते हुये….) हां ये नौवीं कक्षा की बात है. तडी मारकर फ़िल्म देखने चला गया दोस्तों के साथ. और उस दिन पापाजी ने पकड लिया.. बस बहुत तगडी पिटाई हुई थी उस दिन.

 

ताऊ :  वो फ़िल्म कौन सी थी?

 

मेजर गौतम : अरे ताऊ जी अब बस भी करिये.. क्या सबके सामने  पूरी पोलपटटी ही खुलवायेगे?

दर असल फिल्म थी "राम तेरी गंगा मैली" ...मंदाकिनी के चंद प्रसिद्ध दृश्यों को देखने की  बाल-सुलभ{!} उत्सुकता... ( एक जोरदार ठहाके के साथ….हा! हा!! हा!!!)

 

 

ताऊ :  आप मूलत बिहार से हैं अपने गांव के बारे मे कुछ कहना चाहेंगे ?

 

 

मेजर गौतम :  जी जैसा की मैने आपको पहले भी बताया…मैं बिहार के सहरसा जिले से हूँ। बिहार का प्रसिद्ध मिथिलांचल का हिस्सा। छोटा सा शहर है। बस शहर-सा है,  सहरसा। कोशी तीरे बसा। जब-तब कोशी के प्रकोप का शिकार होता रहता है। अभी हाल के बाढ़ की विभिषिका देख ही ली होगी आपने। मेरे घर में भी पानी घुस आया था। शंकराचार्य अपने विश्व-भ्रमण के दौरान सिर्फ एक बार शास्त्रार्थ में परास्त हुये थे और वो भी एक स्त्री से। वो जगह यही…. मेरे गाँव में है-महिसी।

 

 

ताऊ : वाह गौतम जी ये तो आज आपने हमको नई बात बताई. खैर ..अब ये बताईये कि ब्लागिंग का भविष्य आपको कैसा लगता है?

 

मेजर गौतम : बहुत उज्वल..वो दिन दूर नहीं जब यात्रा-संस्मरण, डायरी आदि की तरह ही ब्लौगिंग भी एक अलग विधा के रूप में हिंदी-साहित्य में जगह बनायेगी।

 

ताऊ : मेजर गौतम ..वैसे तो हम सुबह से आपके साथ हैं तो हम समझ सकते हैं कि आप किस तरह के इन्सान हैं.  पर हमारे पाठकों के मन मे यह सवाल जरुर ऊठ रहा होगा कि ये  बंदूक के साथ गजल का साथ ?  ये कैसे हो गया ?

 

मेजर गौतम : असल मे ताऊ जी ..गीत-संगीत की पहली स्मृति बचपन की, ग़ज़ल के रूप में आती है। पापा गुलाम अली और मेहदी हसन के जबरदस्त फैन थे। अक्सर साथ में एक छोटा-सा टेप-रिकार्डर लिये उनकी गज़लें सुना करते थे। गर्मी की रातों में छत पर सोते हुये "रंजिशही सही..." , "हंगाम है क्यों बरपा..." , "ये आलम शौक का..." वगैरह को सुनना। गज़लों शेरों-शायरी के तरफ़ एक जुनून सा सर पे चढ़ गया...बाद में सेना में आ जाने के बाद भी ये जुनून कायम रहा।

 

 

ताऊ :  आपकी रचनाओं मे मैने निजी रुप से पाया है कि   वो हमेशा ही एक रोमांटिक या एक जजबाई रचनाएं होती हैं? इसकी कॊई खास वजह?

 

मेजर गौतम : (एक ठहाके के साथ..हा! हा!...)  ये इश्क इश्क है इश्क इश्क...

 

 

ताऊ :  क्या राजनिती मे आप रुची रखते हैं?

 

मेजर गौतम :  राजनीति...अरे बाप रे...ये मेरी फ़ौजी बुद्धि  से परे की चीज है।

 

 

ताऊ :  कुछ अपने बच्चों के बारे मे बताईये.

 

 

मेजर गौतम :  एक बिटिया है। तनया। तनया गौतम। डेढ़ साल की होने जा रही है। मिर्ज़ा गालिब के साथ अपना जन्म-दिन साझा करती है और अभी अपनी मम्मी को "मे" और अपने पापा को "पा" बुलाती है। बहुत मिस कर रहा हूँ उस छुटकी को।

 

 

gautam-mrs&mr                                                   श्रीमती और श्री गौतम राजरिशि

 

 

ताऊ :  आपकी  जीवन  संगिनी के बारे मे हमारे पाठकों को कुछ बताईये.

 

मेजर गौतम :  संजीता नाम है उनका। पटना की रहने वाली हैं। अर्थ-शास्त्र और वित्त-प्रबंधन से स्नातक हैं। शादी के तीन साल हुए हैं , वैसे पहचान जनमों की है.

 

ताऊ : पर हमने तो सुना है आपका इश्क तो काफ़ी पुराना था? जरा पूरी बात बताइये?

 

मेजर गौतम :  अरे बाप रे..ताऊ जी लगता है आप तो मेरी पक्की इन्क्वायरी करके आये हैं? अब आपसे कुछ छुपाने का तो सवाल ही नही हैं. हमारा इश्क चला चौदह साल…वही जाति का रोना-धोना।   फ़िर प्रेम विवाह हुआ…खूब सारे विवादों के पश्‍चात।

 

ताऊ : अभी तो सब ठीक होगया होगा?

 

मेजर गौतम :  हां, अभी सब ठीक है। अभी फिलहाल व्यस्त हैं वो अपने सास-ससुर का दिल जीतने में, जब छुटकी तनया  फुरसत दे देती है और अभी तो मैं भी नहीं हूँ हाथ बँटाने के लिये । 

 

ताऊ :   आपकी शादी से संबंधित कोई यादगार घटना?

 

मेजर गौतम : शादी बड़ी रोचक रही थी। मेरे माँ-पापा तो अंत तक तैयार नहीं थे। जैसे -तैसे कर के माने थे। पापा तो फिर भी शादी में शामिल नहीं हुये। माँ थीं। मैं मिथिलांचल का रहने वाला हूँ। हमारे यहाँ शादी-विवाह में विख्यात मैथिली कवि विद्यापति के गीतों का बड़ा प्रचलन है।...तो माँ लगातार विद्यापति जी के गीत भी गा रही थी और संग-संग रोये भी जा रही थी। कई बार मन हुआ, उनका रोना देखकर कि छोड़ दूँ ये रिश्‍ता। संजीता समझ जातीं। लेकिन.....ये इश्क इश्क है इश्क..

 

बस ताऊ....पसीने निकल गये। अब कितनी मेरी खिंचाई बाकी है?

 

ताऊ : बस जी अब ज्यादा नही है.

 

मेजर गौतम : तो फ़िर ठीक है कोशिश करता हूँ इन आखिरी सवालों के जवाब की...

 

ताऊ :  आप पेशे से योद्धा हैं. दिल से कवि हैं. आप इन दोनो  किरदारों को कैसे जीते हैं?

 

मेजर गौतम : ताऊजी पहली बात तो सैनिक होना..या आपने "योद्धा" शब्द का जो इस्तेमाल किया है वो ’पेशे से’ से होना नहीं हो सकता|  ये एक ज़ज्बा है जुनून है...सेना को महज कैरियर के तौर पर चुनना, मुमकिन नहीं है- उचित नहीं है और ना ही ये संभव है। सैनिक होना- एक ईमानदार सैनिक होना आपका सर्वस्व माँगता है। घर-परिवार, दोस्त, ऐशो-आराम, पर्व-त्योहार, छुट्टी-रविवार---इन सबसे परे होकर जीना पड़ता। इस मसले पे बहुत कुछ कहना चाहता हूँ, लेकिन फिर कभी....

 

ताऊ : वाह वाह मेजर साहब..हमको आपसे ऐसे ही जवाब की उम्मीद थी. अब सवाल के दूसरे हिस्से के बारे मे क्या कहना चाहेंगे?

 

मेजर गौतम :  सवाल के दूसरे हिस्से के बारे मे कहना चाहुंगा कि हर सच्चा कवि सही मायने में किसी योद्धा से कम नहीं होता। फिर ये दोनों किरदार अलग-अलग तो हुये ही नहीं...

 

ताऊ : क्या बात है मेजर साहब? बहुत लाजवाब जवाब दिया आपने. भई आपका और आपके सभी साथियों का यही जज्बा कायम रहे.

 

अब आप ये बताईये कि आपका इश्क भी काफ़ी चला. आपने संजीता का दिल जीतने के लिये  जरुर कई  गजले या नज्में सुनाई होंगी? आप हमे हमारे पाठकों के लिये  आपकी वो रचना सुनाईये जो आपने सबसे पहले उनको सुनाई थी? आपको जरुर याद होगी?

 

मेजर गौतम :  जी सही कहा आपने ताऊ...शेरो-शायरी खूब याद रहते हैं मुझे और संजीता को अक्सर सुनाया करता था और जो बात मुझे सबसे ज्यादा पसंद थी कि किसी शेर को कहने के बाद मुझे संजीता से जैसी प्रतिक्रिया की अपेक्षा रहती, वो बिल्कुल वैसा ही रियेक्ट करती थी

 

ताऊ : तो आप क्या कहना चाहते हैं कि अब वो वैसा रियेक्ट नही करती?

 

मेजर गौतम :  अरे ताऊजी..आप पूरी बात तो सुनिये..आप लगता है मेरी क्लास लगवाने आये हैं. वो अब भी वैसे ही रियेक्ट करती है । लेकिन एक गीत जिसने सचमुच उसको मेरे करीब ला दिया, शायद बहुत कम लोगों ने सुना होगा... कुछ यँ है-

 

सोना न चाँदी न कोई महल जानेमन तुझको मैं दे सकूँगा

फिर भी ये वादा है तुझसे

तू जो करे प्यार मुझसे

छोटा-सा घर एक दूँगा, सुख-दुख का साथी बनूँगा...

 

ताऊ : अरे भई वाह,,,बहुत खूब,,,पर आप चुप क्युं होगये?  पूरा सुनाईये ना. और हां जरा तरन्नुम मे.

 

मेजर गौतम : ठीक है ताऊ जी..लिजिये पूरा ही सुनाता हूं.

 

सोना न चाँदी न कोई महल जानेमन तुझको मैं दे सकूँगा

फिर भी ये वादा है तुझसे

तू जो करे प्यार मुझसे

छोटा-सा घर एक दूँगा, सुख-दुख का साथी बनूँगा

 

जब शाम घर लौट आऊँगा, हँसती हुई तुम मिलोगी

मिट जायेंगी सारी सोचें बाँहों में जब थाम लोगी

छुट्टी का दिन जब भी होगा हम खूब घूमा करेंगे

दिन-रात होठों पे अपने चाहत के नग्में लिखेंगे

बेचैन दो दिल मिलेंगे

सोना न चाँदी न कोई महल जानेमन...

 

गर्मी में जाके पहाड़ों पे हम गीत गाया करेंगे

सर्दी में छुप कर लिहाफ़ों में किस्से सुनाया करेंगे

रुत आयेगी जब बहारों की, फूलों की माला बुनेंगे

जाकर समन्दर में दोनों सीपों के मोती चुनेंगे

लहरों की पायल सुनेंगे

सोना न चाँदी न कोई महल जानेमन...

 

और ये आखिरी अंतरा जिसने रही-सही कसर सारी पूरी कर दी थी

 

तनख्वाह जो लेके मैं आऊँगा, तेरे ही हाथों में दूँगा

जब खर्च होंगे वो पैसे, मैं तुझसे झगड़ा करूँगा

फिर ऐसा होगा खुदी से, कुछ देर रूठी रहोगी

सोचोगी जब अपने दिल में, तुम मुस्कुरा कर बढ़ोगी

आकर गले से लगोगी

सोना न चाँदी न कोई महल जानेमन तुझको मैं दे सकूँगा

 

 

ताऊ : भई मेजर साहब गीत सुनकर तो आनन्द आगया. भई वाह…अब एक अलग सवाल है ..अक्सर लोग पूछते हैं  ताऊ कौन? आप इस पर क्या कहना चाहेंगे?

 

 

मेजर गौतम : लो जी …पूछते हैं वो कि "ग़ालिब" कौन है?  कोई बतलाओ कि हम बतलायें क्या...

 

 

ताऊ :  ताऊ पहेली और ताऊ साप्ताहिक पत्रिका के बारे मे आप कुछ कहना चाहेंगे?

 

 

मेजर गौतम : ये एक बहुत ही शानदार पहल है हिंदी-ब्लौग जगत में। ब्लौग के ये दोनों नियमित पन्ने  हम सबको नित नये कलेवर में नयी-नयी जगहों और नये व्यक्तित्वों से परिचय करवाते हैं अपने एकदम अनूठे अंदाज़ में...और यकिनन आप, अल्पना जी, सीमा जी, आशिष जी करोड़ों बधाई के हकदार हैं..

 

 

ताऊ :   हमारे पाठकों को आप क्या कहना चाहेगे?

 

 

मेजर गौतम :  खूब पढ़िये और ईमानदार टिप्पणी दीजिये...जय हो !!!!

 

 

तो साहब यह थी हमारी इस जिंदादिल शख्स से मुलाकात जो जीवन के दोनों मोर्चों पर मुस्तैद है. भले ही वो कर्तव्य हो या गजल.  हमें अफ़्सोस रहा कि हम तनया और श्रीमती संजीता गौतम से नही मिल सके क्योंकि वो अभी वहां नही पहुंचे थे. आपको कैसी लगी मेजर गौतम से ये मुलाकात ? अवश्य बताईयेगा.

 

Comments

  1. वाह मज़ा आ गया मेजर साब से मिल कर।
    मेजर साहब को सलाम!

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  2. ताऊ गौतम जी से मिल कर अत्यंत हर्ष हुआ मिलवाने के लिए आभार !

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  3. सुन्दर साक्षात्कार! गौतमजी और उनके परिवार को शुभकामनायें।

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  4. गौतम राजरिशी जी से मुलाकात बहुत अच्‍छी लगी। यह जानकर और भी अच्‍छा लगा कि वे पं. मंडन मिश्र के गांव के रहनेवाले हैं।

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  5. वाह मज़ा आ गया मेजर साब से मिल कर।
    मेजर साहब को सलाम!

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  6. वाह ताऊ मेजर गतम जी से मिलकर तो आनन्द आगया. आपने तो एकदम जीवंत इंटर्व्यु बना डाला. बहुत धन्यवाद .

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  7. गौतम जी को एक गजलकार के रुप मे जानते थे आज आपने उनके फ़ौजी रुप के भी दर्शन करवा दिये.

    हम तो सबसे उपर का फ़ोटॊ देखकर पहले चौंक गये थे कि ताऊ आज ये किस फ़ौजी अफ़सर को ले आया..फ़िर गौतम जी का नाम पढा तब ख्याल आया कि बात यह है.

    बहुत धन्यवाद आपको ताऊ, गौतम जी के इस रुप से मिलवाने और उनकी जिंदगी के अन्छुये पहलू बताने के लिये.

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  8. गौतम जी को एक गजलकार के रुप मे जानते थे आज आपने उनके फ़ौजी रुप के भी दर्शन करवा दिये.

    हम तो सबसे उपर का फ़ोटॊ देखकर पहले चौंक गये थे कि ताऊ आज ये किस फ़ौजी अफ़सर को ले आया..फ़िर गौतम जी का नाम पढा तब ख्याल आया कि बात यह है.

    बहुत धन्यवाद आपको ताऊ, गौतम जी के इस रुप से मिलवाने और उनकी जिंदगी के अन्छुये पहलू बताने के लिये.

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  9. ताऊ जी

    गौतम जी से परिचय बढ़िया रहा..
    आपके सिलसिलेवार सवाल परिचय का हर पहलू स्पष्ट करा देतें हैं.
    इस बात पर बहुत नमन है आपको

    सवाल : योद्धा और कवि दोनों को कैसे जीतें हैं ??
    जैसा उम्दा सवाल ..वैसा जाबांज़ उत्तर

    बहुत बधाई !!!

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  10. गौतम जी का सुन्दर साक्षात्कार एक गजलकार के रुप मे तो वे बेहद मशहूर हैं ही उनके फ़ौजी जीवन के कर्तव्य को पढ़कर और भी अच्छा लगा.......उनके परिवार को शुभकामनाये...

    regards

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  11. अरे वाह, सुन्दर समन्वय एक योद्धा और कवि का, जो दुर्लभ है. आपको धन्यवाद.

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  12. जूनून ऐ इश्क +गजल +और फौजी रूप = गौतम राजरिशी ...:)
    बहुत ही बढ़िया लगा यह साक्षात्कार उनका ..अदभुत इंसान ..बहुत अच्छा लगा उनसे यूँ मिलना और उनकी बातें सुनना ..गाना तो सच में बहुत प्यारा है और पहली बार ही सुना है ( पढ़ा है ) शुक्रिया जी

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  13. कल रात को पढा था कि गौतम जी से मुलाकात पेश की जाऐगी ताऊनामा पर तो सोचा सुबह जरुर ये काम करेगे। और गौतम जी के अनछूए पहलू पढकर आनंद आ गया। और वो गाना तो वाकई सुन्दर है। कभी सुना नही। अगर कभी मौका मिले तो अवश्य सुनाए अपने ब्लोग पर गौतम जी। एक सल्यूट हमारा भी गौतम जी को।

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  14. मेजर गौतम राजऋषि!
    एक फौजी, लेकिन सहृदय इन्सान।
    इनका साक्षात्कार, बन गया है यादगार।
    ताऊ के बेबाक सवाल,
    गौतम के जवाब बेमिसाल।
    बड़ी चतुराई्र के साथ जीवन का
    हर पहलू उजागर किया है।
    साक्षात्कार रोचक और अच्छा है।
    ताऊ को धन्यवाद और गौतम जी को ढेरों शुभकामनाएँ।

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  15. गौतम जी, बहुत अच्छा लगा आपसे मिलना

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  16. हर सच्चा कवि सही मायने में किसी योद्धा से कम नहीं होता।क्या बात कही है मेजर साहब! बहुत ही उम्दा..
    एक जानदार इंटरव्यू में शानदार सख्शियत से मिलवाने के लिए धन्यवाद् ताऊ

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  17. मेजर साहब...जय हिन्द.


    एक फौजी गजल भी लिखता है! गजब.

    हमारी और से ढेर सारी शुभकामनाएं.


    ताऊजी का आभार, एक रोचक इंसान से मिलवाने के लिए.

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  18. बहुत लाजवाब लगे मेजर गौतम जी. सेल्युट इस फ़ौजी और कवि को.

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  19. बहुत धन्यवाद एक जाबांज से परिचय करवाने के लिये.

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  20. वाकई बहुत दिलचस्प इंसान लगे गौतम जी. उनको और उनके परिवार को बहुत शुभकामनाएं और ताऊ आपको भी धन्यवाद मेजर साहब से ऐसी अंतरंग बाते उगलवा लेने के लिये.

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  21. बहुत खूबसूरत अन्दाज़ में फौजी कवि का परिचय करवाया. गौतम जी और उनके परिवार को शुभकामनाएँ और आपका आभार..

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  22. लाजवाब इंटर्व्यु. बहुत शुभकामनाएं

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  23. इंतज़ार ख़तम हुआ और गौतम जी का इंटरव्यू पढने को मिला..एक खूब भरपूर इंटरव्यू लिया है ताऊ जी ने!
    बहुत बहुत बधाई आप दोनों को!
    गौतम जी के बारे में जानकार अच्छा लगा..एक ग़ज़लकार और एक योद्धा! दोनों का किरदार बखूबी निभाते हैं.
    उनके बचपन की -स्कूल से भाग कर फिल्म देखने की बातें हों या उनकी प्रेम कहानी से विवाह के सफ़र की..सभी रोचक लगीं.
    उनकी जीवनसंगिनी और उनकी बेतित्य से मिलना भी अच्छा लगा..हमारी तरफ से उन्हें भी अभिवादन!
    अंत में दिया गया उन का गीत बहुत ही सुन्दर है.
    शुक्रिया .

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  24. गौतम जी से मिलकर अच्छा लगा. धन्यवाद.

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  25. ताऊजी, आपने बहुत अच्छे तरीके से एक फ़ौजी व्यक्ति का साक्षात्कार लिया है .

    और गौतम जी ने भी बहुत सक्षमता से अपने आपको अभिव्य्क्त किया है. बहुत शुभकामनाएं उनको और आप तो धन्यवाद ले ही लिजिये इतने लाजवाब व्यक्तित्व से मुलाकात करवाने के लिये.

    ReplyDelete
  26. ताऊ जी, सचमुच आनन्द आ गया मेजर गौतम राजरिशी से मुलाकात करके....हम तो अभी तक उनके जीवन के एक पहलू से ही वाकिफ थे.

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  27. अच्छा लगा लगा जान कर उनके बारे में...
    उनकी आदतों के बारे में पढ़कर भाई की याद आ गयी वो भी बिलकुल ऐसा ही था...
    उनको हमारी तरफ से बहुत बहुत शुभकामनाये...
    मीत

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  28. गौतम जी से आपकी मुलाक़ात मजेदार है............मुझे भी उनका चेहरा और खूबसूरत मुस्कराहट याद आ गयी...........
    उनकी जिन्दादिली तो नज़र आती ही है उनकी फौजी की ड्रेस मैं..............आपके ब्लॉग के बहाने उनकी श्रीमती जी से भी परिचय हो गया..............

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  29. एक फौजी
    एक गज़लकार
    एक ब्लॉगर
    अदभुत समन्वय .....
    क्या बात है !


    ऐसे जीवंत व्यक्तित्व से मिलवाने के लिए
    ताऊ जी को धन्यवाद !

    "ये देश है वीर जवानोँ का,
    अलबेलोँ का, मस्तानोँ का,
    इस देश का यारोँ क्या कहना"


    मेजर साहब की बात दिमाग में बार-बार
    गूँज रही है ...
    "सेना को महज कैरियर के तौर पर चुनना, मुमकिन नहीं है- उचित नहीं है और ना ही
    ये संभव है। सैनिक होना- एक ईमानदार
    सैनिक होना आपका सर्वस्व माँगता है।
    घर-परिवार, दोस्त, ऐशो-आराम,पर्व-त्योहार, छुट्टी-रविवार---इन सबसे परे होकर जीना
    पड़ता है । ये एक ज़ज्बा है जुनून है... "

    देश की रक्षा को तैनात जाँबाजों को
    मेरा सेल्यूट

    जय हिंद

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  30. हम उन्हें ऐसे फौजी के तौर पे जानते है जिसके होठो पे एक मुस्कराहट चस्पा रहती है हमेशा .ओर सीने में कोई नज़्म छिपी...वैसे तो उनके त्वारुफ़ की कोई जरुरत नहीं ...उनके लफ्जों से एक रिश्ता कायम है जान पहचान का....हमें लेकिन सबसे ज्यादा पसंद वो नन्ही परी आयी...बुलेट पे बैठी हुई.....

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  31. जय जवान ! जय किसान ! जय विज्ञान ! जय शायर !
    सैल्यूट और तालियाँ दोनों :-)

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  32. मेजर को सलाम!!! मजा आ गया गौतम के अलग अलग रुप देख कर.

    बहुत आभार ताऊ का.

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  33. ताऊभाई

    मेजर भाई से आपकी मुका-लात (मुलाकत) मजेदार लगी , क्यो लगी ?यह तो नही पता, पर जब जब इस तरह के वाक्य घटित होते है भिड को मजा आता है। बस मुझे भी मजा आ गया ।

    तनख्वाह जो लेके मैं आऊँगा, तेरे ही हाथों में दूँगा

    जब खर्च होंगे वो पैसे, मैं तुझसे झगड़ा करूँगा

    फिर ऐसा होगा खुदी से, कुछ देर रूठी रहोगी

    सोचोगी जब अपने दिल में, तुम मुस्कुरा कर बढ़ोगी

    आकर गले से लगोगी

    सोना न चाँदी न कोई महल जानेमन तुझको मैं दे सकूँगा

    मेजर साहब का रुमानी जज्जबा तो दिल को भा गया ।

    बस यह अन्तिम अन्तरा ही अब ताऊ और मेरे जिवन उपयोगी है ।

    गीत मेरी घरवाली को उसके पिहर मे मेल कर दिया है। वो तो यह पढकर खुश हो जाऐगी कि मैने उसके दिल कि कहानी बयॉ कर दी।

    सबकुछ अच्छा रहा जी, मेजर साहब सलाम, आप देश के खुब काम आओ । हे प्रभू आपको शैल्यूट करता है। राम राम ताऊभाई॥॥

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  34. बहुत धन्यवाद एक जाबांज से परिचय करवाने के लिये.

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  35. गौतम जी से इस साक्षात्कार के लिये धन्यवाद । सवाल और जवाब दोनों रोचक हैं ।

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  36. मेजर साहेब क्या है बस पामोलिव समझ लीजिये....जिनका जवाब नहीं...गौतम जी के फेन तो पहले से ही हैं अब उनके दीवानों की गिनती में भी आ गए हैं...ताऊ आप को बहुत बहुत बधाई ऐसा शानदार इंटरव्यू पढ़वाने के लिए.
    नीरज

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  37. Thnx a lot tau ji . I am half Haryanvi ,but fully happy with ur taugiri . Welcome to Blogland Major !!

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  38. गौतम जी से तो अपनी पुरानी जानपहचान है. अलबत्ता, आपके जरिए उन्हें नए रूप में जाना. गौतम जी को उनकी प्रतिबद्धता के लिए एक विशुद्ध फौजी सेल्यूट!

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  39. मेजर गौतम राजरिशी के बारे में इतना विस्तार से जानना काफी अच्छा लगा.. ताऊजी के साक्षात्कार कौशल का कोई सानी नहीं.. सब कुछ इस अंदाज में परोसते हैं कि साक्षात्कार पूरी तरह जीवंत हो जाता है.. आभार

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  40. MAJOR GAUTAM KO SALAM !

    TAU ,
    AAPKA ABHAR ,IS YODDHA KAVI SE MULAKAT KARWANE KA .

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  41. मेजर गौतम राजरिशी जी के बारे में पढ़कर व उनके बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा।

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  42. गौतम जी से इस साक्षात्कार के लिये धन्यवाद

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  43. ताऊ मेजर से मिलके जोश आ ग्या । बातचीत घणी मजेदार सै । थारी जय हो ।

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  44. गौतम, एक बहुत प्यारा इंसान।

    इन्टर्व्युह अच्छा रहा। अच्छे प्रश्न और सही जवाब। इस सुंदर पोस्ट का शुक्रिया।

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  45. बहुत बढिया लगा .. धन्‍यवाद।

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  46. बहुत जबरदस्त साक्षात्कार रहा
    गौतम जी आपके संतुलित और स्पष्ट जवाब ने मन मोह लिया
    वीनस केसरी

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  47. आज किसी का फोन आया के क्या आपने मेजर गौतम का इन्टर्व्यू देखा,,,,??
    अब न्यूज चैनलों और अखबार से दूर रहने वाला मैं,,बेचारा,,,,,
    सोचा के क्या कहूं,,और क्या देखूं,,,,???????/
    तो उन्होंने खुद ही बताया के ताऊ जी के ब्लॉग पर देखिये मेजर साहिब का साक्षात्कार,,,,,
    उन्होंने (मेजर साहेब ने ) आपको नहीं बताया,,,,,,,,,,,,,,,??????????//
    मैंने कहा के वो हमें कुछ भी नहीं बताते हैं ,,उनके बारे में तो हमीं जानकारियाँ लेते फिरते हैं,,,

    पर ताऊ जी तो म्हारे भी ताऊ निकले,,,,,,,,,,इतना तो हम भी ना जान पाए ,,,ना ब्लॉग से ना ही मिलकर,,,,,,,,,जितनी इन्क्वायरी इन्होने कर राखी है,,,,,,,,,,,
    ताऊ जी की ही बदौलत पता लगा उस अरूज़ की किताब का ,,,,,जिसे पढ़ कर ही कोई एक मुक्कमिल गजल कह सकता है,,,,,,उस किताब की जिल्दें .......खुदा करे के हमेशा नयी रहे,,,,,,,,,
    और ताऊ जी के हर सवाल पर आपके जवाब,,,,,,,,
    खासकर राजनीति पर,,,,,इशक़ पर,,,,ड्यूटी पर,,,,,,( मेरा मन पसंद जवाब,,,,)
    मजा तो आया ही ,,,,,,पर ये भी जाना के अब तक हमने आपको इतना नहीं जाना था,,,, जितना हम जाने बैठे थे,,,,,,,,,,,, हाँ,
    ये तो था के,,,,,,
    बंसी को बन्दूक बना दें ,,हम वो प्रेम पुजारी,,,,,,,
    पर,,,,,,,,
    झुकते थे तेरे दर पे हम क्या जान के बता,
    जब के ये जानते थे तू कोई खुदा न था ...


    भोत घणी बधाई ताऊ तन्ने, जै यो बांका जवान थाने इन्तेर्वियू तै देवन ने राजी होया,,,,,
    इब के जै फेर यो तेरे अंटे चढ़ ज्या ते हमने भी बताइये,,,,,हम भी ल्यांगे एक इन्तेर्वियू सा,,,

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  48. बडा ही मज़ेदार और रोचक इंटर्व्यु रहा!!

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  49. आज किसी का फोन आया के क्या आपने मेजर गौतम का इन्टर्व्यू देखा,,,,??
    अब न्यूज चैनलों और अखबार से दूर रहने वाला मैं,,बेचारा,,,,,
    सोचा के क्या कहूं,,और क्या देखूं,,,,???????/
    तो उन्होंने खुद ही बताया के ताऊ जी के ब्लॉग पर देखिये मेजर साहिब का साक्षात्कार,,,,,
    उन्होंने (मेजर साहेब ने ) आपको नहीं बताया,,,,,,,,,,,,,,,??????????//
    मैंने कहा के वो हमें कुछ भी नहीं बताते हैं ,,उनके बारे में तो हमीं जानकारियाँ लेते फिरते हैं,,,

    पर ताऊ जी तो म्हारे भी ताऊ निकले,,,,,,,,,,इतना तो हम भी ना जान पाए ,,,ना ब्लॉग से ना ही मिलकर,,,,,,,,,जितनी इन्क्वायरी इन्होने कर राखी है,,,,,,,,,,,
    ताऊ जी की ही बदौलत पता लगा उस अरूज़ की किताब का ,,,,,जिसे पढ़ कर ही कोई एक मुक्कमिल गजल कह सकता है,,,,,,उस किताब की जिल्दें .......खुदा करे के हमेशा नयी रहे,,,,,,,,,
    और ताऊ जी के हर सवाल पर आपके जवाब,,,,,,,,
    खासकर राजनीति पर,,,,,इशक़ पर,,,,ड्यूटी पर,,,,,,( मेरा मन पसंद जवाब,,,,)
    मजा तो आया ही ,,,,,,पर ये भी जाना के अब तक हमने आपको इतना नहीं जाना था,,,, जितना हम जाने बैठे थे,,,,,,,,,,,, हाँ,
    ये तो था के,,,,,,
    बंसी को बन्दूक बना दें ,,हम वो प्रेम पुजारी,,,,,,,
    पर,,,,,,,,
    झुकते थे तेरे दर पे हम क्या जान के बता,
    जब के ये जानते थे तू कोई खुदा न था ...


    भोत घणी बधाई ताऊ तन्ने, जै यो बांका जवान थाने इन्तेर्वियू तै देवन ने राजी होया,,,,,
    इब के जै फेर यो तेरे अंटे चढ़ ज्या ते हमने भी बताइये,,,,,हम भी ल्यांगे एक इन्तेर्वियू सा,,,

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  50. ताऊऊऊऊऊऊऊऊ
    यो के ,,?
    तूं भी मोदिरेटर,,,,,,,,,,,,,,???????????????
    ??????????????
    ?????????
    ????

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  51. ताऊ जी अच्छे इंसान से मिलवाया आपने।फ़ौलाद के सीने मे मक्खन का दिल रख्ते है अपने मेजर साब्।सलाम गौतम को और उनके परिवार को शुभकामनाएं ।

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  52. ये हुई न बात। एकदम खांटी ब्लॉगिंग। ताउ ये इंटरव्यू तो कुछ ज्यादा ही भा गया। गौतम जी के ब्लॉग पर एक दो बार जा चुका हूँ....अच्छी और रोचक ढंग से पेश की गई पोस्ट।

    ताउ, पोस्ट पर की गई मेहनत झलक रही है।

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  53. गौतम भाई, सौ. सँजीता बहुरानी और बुलेट पे सवार बहादुर बिटीया तनया से मिलकर बहुत खुशी हुई - जीते रहो और सदा खुश रहो और ऐसे प्यारे गीत सुनाते रहीये -
    ताऊ जी आज का Programe
    सुपर हीट रहा :)
    स स्नेह,
    - लावण्या

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  54. मेजर साहब को करीब से जाना. सच्छे सपूत हैं वे देश के.

    ताऊ जी, आपका यह प्रयास शानदार है. प्रजेंटेशन इतना बढ़िया है कि लगता है जैसे मेजर साहब सामने बैठे हैं.

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  55. ढेरो धन्यवाद ताऊ इनतै मिलवानै खात्तर. पर यू तय मानलै ताऊ कि थारा इंतर्भियू काई दिन मन्नई लेनो सै :)

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  56. लाजवाब व्यक्ति हैं मेजर गौतम. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा. जय हिंद!

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  57. ताऊ जी गौतम भाई को मैं बखूबी जानता हूँ मगर इतनी बातें तो नहीं जानता था ...
    दिल में नज़्म लिए होठों पे मुस्कान,
    ये गौतम है अपनी देश की शान..
    ये एक शे'र गौतम भाई के लिए .. बहोत खूब रही ये साक्षात्कार.. बधाई आपको तथा गौतम भाई को...

    अर्श

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  58. Gautam Ji ke bare me jaan kar kitna achchha laga hoga, ye bata nahi sakti

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  59. जब इस लेख को पढना शुरू किया, तो दिल में एक सवाल था, कि यार शाहरुख़-सलमान तो सुने हैं, लेकिन ये मेजर राजरिशी कौन? पोस्ट पढ़नी शुरू की तो रुका नहीं गया. एक साधारण आदमी के जीवन में भी इतनी रोचक घटनाएं, और इतना प्रखर व्यक्तित्व - मेजर राजरिशी को सलाम!

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  60. "रंजिशही सही..." , "हंगाम है क्यों बरपा..." , "ये आलम शौक का..." यह मेरी खुशनसीबी है कि कुछ बातें मेजर गौताम से साझा सी है मेरे साथ!
    जैसे ये गजले ही हैं इनके पसंद करने वाले एक ही सायिक के हो सकते हैं -ये मेरा मानना है ! इन गजलों को मैंने प[अचासों बार सुना है और दिल है कि मांगता है मोर !
    मेजर गौतम के उज्जवल भविष्य की अनंत शुभकामनाएँ !

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  61. गौतम भाई अभी-अभी आपका साक्षात्कार पढा अपने को बेहद् गौरवांवित महसूस कर रहा हूं. आप मेरे सपनों को हकीकत में जी रहे हैं. ईश्वर मेरी उम्र भी आपको दे.......

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  62. पहले तो देरी से आने की माफी चाहूंगा, न जाने कैसे हुआ कि बड़े भाई (ताऊ मुझे हमेशा अनुज कहते हैं ) द्वारा लिया हुआ छोटे भाई (अरे मेजर साहब हमसे बहुत छोटे हैं) का इंटरव्यू पढ़ना ही छूट गया. चलिए, देर आयद, दुरुस्त आयद.
    सेना को महज कैरियर के तौर पर चुनना, मुमकिन नहीं है- उचित नहीं है और ना ही ये संभव है।
    इस विषय पर गौतम के विचार विस्तार से सुनने की बहुत उत्सुकता है.

    इस कवि, फौजी, बेहतर इंसान, और सुन्दर आत्मा के इस साक्षात्कार लिए बहुत आभार!

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  63. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा. ये साक्षात्कार लेने के लिए अनेक धन्यवाद्.

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