घर से निकल जाती हूं..पर स्कूल नही पहुंचती…रास्ते मे रुक जाती हूं, और सारा दिन खेलती हूं..भूख लगी तो अपना टिफ़ीन खा लेती हूं..और शाम को घर वापस..ताऊ और ताई समझते हैं कि रामप्यारी पढकर आई है..सो मेरे स्वागत मे दोनो तैयार खडॆ मिलते हैं. और बहुत प्यार करते हैं मुझसे..
मैं आपको वो गुड मार्निंग वाली बात बता रही थी ना..तो क्या हुआ कि एक दिन ताई ने ताऊ को कहा…
अरे मैं आपको बता तो रही हूं पर अगर आपने ताऊ को बता दिया तो मेरी पिटाई हो जायेगी…अब नही बताती…
अच्छा अच्छा..अब आप इतना कह ही रहे हैं कि रामप्यारी बता दे..हम ताऊ से नही कहेंगे..तो बता रही हूं..पर ताऊ से आपने कहा तो पहेली के नम्बर मैं गायब कर दूंगी..
हां तो हुआ ये कि ताई ने एक दिन ताऊ से कहा कि – सुणते हो क्या? मन्नै भी अंग्रेजी म्ह गिटपिट गिटपिट करणा सीखणा सै….सो ताऊ बेचारा क्या करता ? हार थक कर एक अंग्रेजी बोलना सीखाने वाली टीचर रखवा दी..
अब वो टीचर ताई के साथ साथ मुझे भी ट्युशन पढाने लगी..मुझे तो उसने एक सप्ताह मे गुड वाली मोर्निंग बोलना सीखा दी. अब मैं तो बहुत होशियार हूं ही. सो एक सप्ताह मे ही गुड वाली मोर्निंग सीख गई.
उधर ताई ने क्या सीखा ? बताऊं ? पर कहना नही..हां..वो क्या है अब मेरे पेट मे ये बात पचेगी भी नही. आप मना करोगे तो भी बताना तो पडेगी ही.
अभी कुछ दिन पहले ही ताऊ के आते ही ताई बोली – अजी सुनते हो क्या ? या तुम्हारी अक्ल पर पत्थर पड गये. मैने सुना है कि समीर जी का ट्रांसफ़ार्मर हो गया..जाकर विदाई तो दे आवो.
ताऊ बोला – अरे भागवान तू गलत सलत अंगरेजी बोल कर मेरा माथा मत खराब कर.
फ़िर आज ही ताई बोली – अजी सुनते हो..अभी मैने क्रिकेट की डाकू-मन्त्री सुनी थी..भारत की बीरबानियां की टीम ने तो वेस्ट इंडीज की बीरबानियां की क्रिकेट टीम को एक ईवनिंग से हरा दिया.
ताऊ को गुस्सा तो बहुत आया होगा..पर ताई वो मेड-इन-जर्मन लठ्ठ पास ही रखती है सो ताऊ मन मसोस कर रह जाता है.
फ़िर शाम को हमारी अंगरेजी की टीचर पढाने आई और ताई से पूछा – क्यों अंगरेजी के सेंटेंस लिखने को दिये थे वो लिख लिये क्या?
ताई बोली – जी बिल्कुल लिख लिये अब आप जरा करप्शन कर दिजिये.
अभी थोडी देर पहले ताई के पास सीमा जी का फ़ोन आया. उन्होने पूछा – सुना है ताई जी आपके पडोस मे रहने वाले चक्रवर्ती अंकल गुजर गये ?
ताई ने जवाब दिया :-
हां जी, सस्पेंस हो गया
सूबह तक तो सेंस मे थे
रात मे नानसेंस हो गये.
कल पहेली का दिन है. अबकि बार पहेली कल सूबह ७.०० बजे की बजाये ६ :३० बजे सूबह प्रकाशित होगी. ताऊ ने सबसे समय पूछा था पर किसी ने उस समय कुछ नही कहा. सिर्फ़ समीर अंकल जी ने ही ६ : ३० का समय करने का कहा था.
बाद मे डाक्टर पूजा दीदी ने थोडा सा ऐतराज दिखाया पर दीदी आपको पहले कहना चाहिये था ना. अब जो होगया सो होगया. देखो ना इस पहेली के चक्कर मे मैं भी तो नन्ही सी जान कितना जल्दी ऊठती हूं. आप भी थोडा जल्दी ऊठकर और पहेली का जवाब दे कर मार्निंग वाली वाक पर निकल जाया करो ना.
और पेपर तो अल्पना आंटी ने सेट करके रख दिया है. पर अभी तक मुझे भनक नही पडी है. पिछली बार मैने आप लोगों को मेरे ब्लाग पर क्ल्यु दे दिये थे ना. सो उन्होने अबकि बार पहले ही ताला लगा दिया है.
जैसे ही मुझे पता लगेगा मैं आपको इशारा कर दूंगी..आप यहां ताऊ के ब्लाग पर दाहिनी तरफ़ लगी मेरी फ़ोटू को चटका लगायेंगे तो सीधे मेरे ब्लाग पर पहुंच जायेंगे और वहां मुझे जैसे ही पक्का क्ल्यु मिलेगा मैं आपको बता दूंगी. वहा ताऊ और अल्पना आंटी मेरा क्या बिगाड लेंगे?
और अगर मेरे को पता चल गया तो जो जो भी मेरी ड्रेस की तारीफ़ करेगा और साथ मे कोई चाकलेट देगा तो जवाब भी बता सकती हूं. ये वाली ड्रेस भी आशीष भैया ने मुझे गौरव टावर जयपुर से ही दिलवाई थी. कैसी लगी मेरी ड्रेस आपको ?
अच्छा तो अब कल बोनस सवाल मे रामप्यारी आपको कल सूबह ६ :३० बजे पक्के से मिलने का वादा करती है. तब तक वो क्या कहते हैं आपको अंगरेजी वाली गुड मोर्निंग या गुड इवनींग. अब रामप्यारी के पास फ़ालतू बातों के लिये समय तो है नही और ना ही हमको आदत है इस सबकी.
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रामप्यारी कितनी प्यारी प्यारी बाते लिखती है . जर्मन मेड लट्ठ और सीमा जी का ताई को फोन अदि तक की खबर रखती है .....जे हो रामप्यारी जी की आगे भी अच्छी बातें बताएगी यही उम्मीद करता हूँ . अच्छा लेख बधाई ताऊ जी बधाई छा गए ताऊ जी बधाई सगे भी लिखते रहिए बधाई तौ जी
ReplyDeleteअरे राम प्यारी हमें तो तुम्हारे ब्लॉग का पता ही आज चला ,अब घूम आये है तुम्हारे ब्लॉग पर, और हाँ पहेली का समय क्यों चेंज करवा दिया ६.३० पर तो हमारे यहाँ बिजली भी नहीं रहती हालाँकि अपन पहेली कभी जीत तो नहीं सकते इसलिए ताऊ कभी भी पहेली प्रकाशित करे हमें क्या फर्क पड़ना है हमने तो सोमवार को अपना ज्ञान वर्धन करना होता है सो उस दिन कर ही लेंगे |
ReplyDeleteरामप्यारी नै गुड ईवनिंग! खूंटे पी पढ़ कर मज़ा आ गया ताऊ - इसी को कहते हैं चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए!
ReplyDeleteदो बार हां हा !
ReplyDeleteअब पढ रहे हैँ तब
ReplyDeleteरामप्यारी तनै गुड नाईट कहने का
टेम हुआ है
और खूँटेवाली कथा
बहुत अच्छी लगी -
मेनहेट्टन (न्यू योर्क मेँ)
आजमाने जैसी है
वहाँ ऐसे बदमाश बहुत घुमते हैँ
- लावण्या
" ओये ओये रामप्यारी ये नई ड्रेस बहुत जच रही है ...ये आशीष अंकल से जरा सिफारिश कर दो न एक आध इधर भी.....भिजवा दे.......ये रोज रोज हमारा दिल क्यों जलाती हो नये नये रूप दिखा कर हा हा हा हा हा हा और हाँ चाकलेट भिजवा दी है ताऊ जी से ले लेना ओके...अब चलो पेपर लिक कर दो हा हा हा हा हा हा हा हा हा और हाँ ये ताई जी की इंग्लिश कहां तक पहुंची जरा हमे अपडेट करते रहना हाँ....पत्ता नहीं किसकी सेंस को नोंसेंसे कर देती हैं वोह हा हा हा हा "
ReplyDelete" ओये ओये रामप्यारी ये नई ड्रेस बहुत जच रही है ...ये आशीष अंकल से जरा सिफारिश कर दो न एक आध इधर भी.....भिजवा दे.......ये रोज रोज हमारा दिल क्यों जलाती हो नये नये रूप दिखा कर हा हा हा हा हा हा और हाँ चाकलेट भिजवा दी है ताऊ जी से ले लेना ओके...अब चलो पेपर लिक कर दो हा हा हा हा हा हा हा हा हा और हाँ ये ताई जी की इंग्लिश कहां तक पहुंची जरा हमे अपडेट करते रहना हाँ....पत्ता नहीं किसकी सेंस को नोंसेंसे कर देती हैं वोह हा हा हा हा "
ReplyDeleteso cute han......
rampyari badi achhi lag rahi ho aaj,tai ki gitpit aur khuta mast raha.
ReplyDeleteरामप्यारीजी के बहाने हुल्लड़ मुरादाबादी का अच्छा इस्तेमाल किया है आपने लेकिन मज़ा आ गया
ReplyDeleteअरे हां, एक दिन वो टीचर रास्ते में मिले। मैंने पूछा कि रामप्यारी कैसे पढ रही है तो बताने लगे वो बिजली को एलेक्ट्रिकिटी कहती है और जब ताई से कम्प्लेंट किया तो उसने कहा उसकी केपाकिटी उतनी ही है। हार कर ताऊ को बताया तो वो बोले- पर आप इसकी पब्लिकिटी क्यों कर रहे हैं!! जब मैंने टीचर से कहा आप इतने मैले कपडे क्यों पहने हैं तो उसने बताया....ये मेरी सिंप्लिकिटी है:)
ReplyDeleteनमस्ते ताऊ जी!
ReplyDeleteऔर प्यारी रामप्यारी को गुड मॊर्निंग है जी :)
अर्चना जी ने मेरे ब्लॊग पर आपकी जिक्र किया तो आपके इस उम्दा ब्लॊग से परिचय हुआ.. सब कुछ बहुत पसंद आया यहां!
पहेली का उपक्रम भी मजेदार है.
रामप्यारी बचके. चाकलेट बहुत मिलेंगे. सब खा लोगी तो फिर मुश्किल हो जायेगी. अच्छा ये तो बताओ की क्या तुमको सेम से डर नहीं लगता?.
ReplyDeleteमुझे तो लगने लगा है कि अब धीरे धीरे ताऊ के ब्लाग पर रामप्यारी तुम्हारा ही कब्जा होने वाला है.......मुझे तो तुम्हारे लच्छन कुछ ऎसे ही दिखाई दे रहे हैं..
ReplyDeleteतुम्हारे जैसी ही हमारे यहां भी एक रामप्यारी थी,लेकिन वो बेचारी तो कब की 'राम' को 'प्यारी' हो गई.........
मुफ़्त में मुफ़्त की ज़िंदगी की सलाह दे डाली.. वाह ताऊ
ReplyDeleteरामप्यारी तू इधर बैठ कर ताई की इंग्लिश की पोल खोल रही है अगर उन्हें पता चला तो तेरा टिफिन तेरे हाँथ से गया समझ ले ..फिर दिनभर भूखी प्यासी रहकर खेलना. वैसे तेरी ड्रेस अच्छी लगी.खूब शोपिंग कर अंकल के साथ.
ReplyDeleteरामप्यारी की बातें मनको बहुत भायी.खूंटा मजेदार है
ReplyDeleteरामप्यारी, जंच रही हो इस ड्रेस में.. अब समझ आया कि अच्छी-अच्छी मॉडल्स "कैटवॉक" ही क्यों करती हैं.. तुमसे इंस्पायर्ड जो हैं। ताऊजी और ताईजी की पोलपट्टी खोलना ऐसे ही जारी रखना.. बड़ा मजा आ रहा है। खूंटे में ताऊजी ने बहुत ही ज्ञान की बात बताई.. हां.. कल क्लू सबसे पहले मुझे ही दे रही हो ना... वरना सोच लेना, अगली शॉपिंग...........................
ReplyDeleteपहले मुझे लगा कि ये ताउ की फोटो तो नहीं, पर बाद में पता चला कि राम प्यारी से मिल कर अच्छा लगा।
ReplyDeleteअरी रामप्यारी तू तो कित्ती समझदार और होशियार हो गयी है...अंग्रेजी भी आने लगी है तुझे. मैं तो कहती हूँ ताई को तू ही अंग्रेजी पढ़ा दे...कम से कम ऐसे घोटाले तो नहीं करेगी, बताओ खामखा बेचारे ताऊ की इज्जत का फालूदा बन गया और बेचारा जर्मन लट्ठ के डर से कुछ बोल भी नहीं पाया.
ReplyDeleteइस बार तो शायद पहेली में भाग ही न ले पाऊं...मुझे शनिवार को एक काम से जाना है, हाँ अगर आसान रही या फिर मेरी देखी हुयी जगह रही तब तो एक ही बार में जवाब दे दूंगी :) नहीं तो...अगली बार.
और तेरे लिए फिर से चॉकलेट भेज रही हूँ...पर टाइम पर ब्रश जरूर कर लेना, माना की तू शेर की मौसी है और शेर कभी मुंह नहीं धोता...पर शेर चॉकलेट भी तो नहीं खाता.
और इस ड्रेस में तू कित्ती स्मार्ट लग रही है...नज़र न लग जाए हमारी बिल्ली रानी को.
Rampyari ne bhi bari - bari baat karna sekkh liya hai...
ReplyDeleteachhi lagi unki baaten...
रामप्यारी गुड आफ्टरनुन .
ReplyDeleteमुफ्त की जिन्दगी मुफ्त में लेलो , अगली बार फिर मिल जायेगी .
जय सियाराम ताऊ
ताऊ की जय हो। और हाँ कल रात को आकाश से आकाशवाणी हुई थी कल की पहेली मैं जीतूँगा। देखो कल क्या होता है।
ReplyDeleteराम राम ताऊ
ReplyDeleteरामप्यारी की बातों से मजा आ गया तौ, इब उसको डांट मत पिलाइयो, बहुत प्यारी देखे से इस ड्रेस मा.
और ताऊ खूंटे में खूब चोखी बात बताई........म्हारे तो समझ आ गयी, पिसा बचाओ, जान तो आणि जानी है, मुफ्त की है, दुबारा मिल जायेगी.
सुन्दर प्रस्तुति है आपकी.........
गहरे एहसास छुपे हैं इस रचना में.
काश रोक लेती मैं,....अपने आप से कहती हुयी, बातें करती हुयी, शब्दों को खूबसूरत तरीके से पकडा है पूरी रचना में
धीरू जी
अच्छा लगा जान कर की कोई तो है जो आज भी अपने वादों पर टिकता है. नहीं तो कोन आज के दौर में अपनी सोच और किये में विशवास करता है. हमारा प्रणाम है ऐसे कर्मवीरों को
शोभित जी
सच कहो ये किस्सा सही है या.......यहाँ भी कल्पना का जादू चलाया है आपने.
अगर सच है तो वाकई आपकी कलम का जादू चल गया होगा, मेरा दावा है यह.
बहुत खूबसूरत बात लिखी है, हंसी, ठिठोली और शेरो शायरी के बाद तो ये और भी असर करेगी
हमें भेजने वाले, क्या थी खता हमारी
बहुत खूब है ग़ज़ल.......
इन लाइनों में जिंदगी का रस निचोड़ दिया है आपने, लाजवाब
इंसान की फितरत ही ऐसी होती है........
जगजीत सिंह की गाई ग़ज़ल याद आ गयी
"दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है
मिल जाए तो मिट्टी है, खो जाये तो सोना है"
खूंटा जोरदार लगा. जिन्दगी का क्या है? आनी जानी है :)
ReplyDeleteरामप्यारी सीख गयी कुछ, अंग्रेजों की भाषा।
ReplyDeleteकिन्तु ताई को प्यारी है, अपनी हिन्दी भाषा।
होता सच्चा हिन्दुस्तानी,
होता बड़ा बहादुर है।
चकमा दिया डाकुओं को,
ताऊ तू बड़ा चतुर है।
रामप्यारी मुबारक हो...अब तो तुम भी 4 के बजाय 2 पैरों पर चलने लगीं...अब समझ आया तुम्हारे दिमाग़ के बेहतर चलने का राज़.
ReplyDeleteखूंटा लाजवाब था...
ReplyDeleteमजा आ गया...
रामप्यारी बहुत अच्छा लिखती है... शादी हो गयी या कुंवारी है...
कल का समय फिक्स हो ही गया है। जल्दी उठने का जुगाड़ करते हैं।
ReplyDeleteरामप्यारी तो फोटो में रामप्यारा सी लग रही है! बाकी लिखती बढ़िया है। :)
ReplyDeleteवाह री रामप्यारी........ वाह..
ReplyDeleteकित्ती बढ़िया ड्रेस है हमारी रामप्यारी की..और फिर चाकलेट का डिब्बा तो मुन्नु रात को ही पहुँचा देगा. देख रामप्यारी, पहेली ६.३० बजे आयेगी..लाईट ७ बजे चली जायेगी और फिर ९ बजे आयेगी. ९ बजे मै नहा रहा हूँगा और कम्प्यूटर पैक भी हो गया होगा कलकत्ता जाने को..तो जबाब अगर ठीक ६.३० के पहले ही खिसका दे तो काम बनें...वरना तो अपने समीर अंकल की राम राम ही समझो १० दिन को...अब तू ही मेरा सहारा है प्यारी राम प्यारी!!!
ReplyDeleteताऊ राम राम हरियाणवी स्टोक खत्म हो ग्या लागै । खूटै पै कोइ गजब चीज डालो । थारी राम प्यारी तो चाळा काट री है ।
ReplyDeleteअरी राम प्यारी तु स्कुल से भाग कर कहा जाती है, अरी मेने तो सोचा था, कि तुझे सब तंग कतए है मेरे पास आ आज, मेरे बच्चो से दोस्ती कर ले... यह अंकल खुब सारी चकलेट देगे, जिस कम्पनी की बोले गी, लेकिन ना बाबा ना मेने नही अपने बच्चे बिगाडने , तु अब जहां है वही रह, ताऊ के संग, कम से कम तुझे तई के लठ्ठ का तो डर है, लेकिन कही उन नारी मुक्ति मोर्चा की तरफ़ मत चलई जाईयो... अब तो तेरी बाते प्यारी लगती है फ़िर ...आज से चुपचाप स्कुल जाना शुरु कर दे...
ReplyDeleteअरे ताऊ आप ने आज इस खुंटे पर तो कमाल की बात लिख दी, हम सहमत है इस खुंटे से.
धन्यवाद
रामप्यारी! तू कान खोल कर सुन ले ताई कि मजाक मत उडा। ताऊ ठहरा अगुटा छाप उस हिसाब से ताई कि अग्रेजी स्पीकियॉ अच्छी लगी। जबसे जयपुर जाकर आई है आषिशभैया कि आदत तुम्हे लग गई है चुगली करने कि।
ReplyDelete[हे प्रभु यह तेरापन्थ का अभिन्न अन्ग मुम्बई टाईगर]
अच्छा ताऊ आपकी रामप्यारी की हुल्लड़ मुरादाबादी से पक्की दोस्ती नज़र आ रही है हा हा आप समझ गए होंगे । हमने सुना है गुज़रे दिनों आप का जन्म दिन मना लिया गया । यदि सच है तो हमारी शुभ कामनाएँ क़ुबूल फ़रमाएँ। बाक़ी पोस्ट तो एकदम धाँसू रही हमेशा की तरह बहुत मज़ा आया।
ReplyDeleteअब ऐसी फिलोसोफी से तो कोई भी भाग जायेगा वो तो बेचारे बदमाश ठहरे :-)
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