प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 57 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है अडालज की वाव (बावडी) गुजरात!
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
अदालज वाव
बहुत सालों पहले सूखे इलाक़ों में पानी के लिए गहरे कुँए बनाए जाते थे.जहाँ ज़मीन से पानी निकालने की व्यवस्था होती थी. राजस्थान और गुजरात में ऐसे वाव मिलेंगे.
दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी चाँद बावड़ी है जो की राजस्थान में है.
इस पहेली में आप से हमने जिस स्थान के बारे में पूछा था वह गुजरात में है.
यह अदालज वाव कहलाती है.
गुजरात राज्य के अहमदाबाद से 18 किलोमीटर दूर अदालज गाँव में यह वाव स्थित है.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEinIHXdxD0nRbDTD8a3tE6JhD07bVS2ESECsrsoanTYxTbS3_P7sUBeZMlnS2L-JNHt5m2F3zJ4vAhfFRQdMYke6j5J_l5bFwIbwQF-BiOpLglXfJfJYheKNHbQq2bLFIbQgQFW-saYbrAS/s320/adalaj-4391125-Photo-16-0.jpg)
अडालज वाव
यह पहली मंज़िल पर लगे संमरमर के पत्थर पर संस्कृत में लिखे आलेख से मालूम होता है कि इसे १४९९ में रानी रुदाबाई ने अपने पति की याद में बनवाया था.वह राजा वीरसींह की पत्नी थीं.
यह वाव पाँच मंज़िला है और अष्टभुजाकार बना हुआ है.वास्तुकला का नायाब नमूना यह ढाँचा १६ स्तंभों पर खड़ा है.
सूरज की रोशनी सीधा दीवारों पर सिर्फ़ थोड़े समय के लिए ही पड़ती हैं. इसीलिए बाहर से भीतर का तापमान ६ डिग्री कम रहता है.
गाँववाले सुबह आते हैं और दीवारों पर बने देवी देवताओं की पूजा भी करते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि दीवारों पर बने नव ग्रहों की प्रतिमाएँ इस कुएँ की रक्षा करती हैं. गाँव के लोग अब भी यहाँ पानी भरने और गर्मी के मौसम में ठंडक में बैठने यहाँ आते हैं.
ऐसा कहा जाता है की यहाँ एक मुस्लिम सुल्तान बेघारा ने हमला किया था जिसमें राजा वीर सिह मारे गये थे.बेघारा ने उनकी पत्नी की सुंदरता देख विवाह का प्रस्ताव रखा, जिस पर रानी ने नियत समय पर इस वाव को पूरा कराने की शर्त रखी. वाव नियत समय पर पूरा हुआ.
[दीवारों पर इस्लामिक प्रभाव वाले चित्रों को भी बना देखा जा सकता है.]
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjUV_9QwcKuACKsManQVo5faw2PHYb7ME5S-TMpmP1P8gEF0gN1Lj66f8MVUam1xeCE5A4lm_KoLbsuqwrfn7dyCqkPw6RSjXU5o5vAHIR7sLVluBd04RYn2igBj7QkLdTgrfDjQOjDVPvv/s320/adalaj-4391121-Photo-12-0.jpg)
रानी वाव देखने आईं , चूँकि रानी सुल्तान से शादी नहीं करना चाहती थी इसीलिए पाँचवी मंज़िल से ही पानी में कूद कर अपनी जान दे दी. ऐसा सुना जाता है कि आज भी रानी की आत्मा वहाँ भटकती है.
वाव के पास ही इस वाव को डिज़ाइन करने वाले मुख्य कामगारों की क़ब्रें हैं जिन को इस के पूरा होने के बाद मुस्लिम राजा ने मरवा दिया था ताकि दोबारा फिर कोई इस तरह की वाव ना बनवा सके.
मानव निर्मित इस अद्भुत कलाकारी की इमारत को Archeological Survey of India द्वारा संरक्षित किया गया है.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh7ZcY519chyphenhyphenuJNscjiNJwik-7tLr-6WCQJvAZtPvdsVZIj0gYhqaJljMCoOjZv2ypds6l46AsDPFGgg4D-BsvkNpMC70lgjYhA-lbkg5uc6OHtVUbP3kJ9z8SNYgrLa5hwyINQLEsdjcNg/s320/adalaj-4391128-Photo-19-0.jpg)
कैसे जाएँ-
हवाई मार्ग-
सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट अंतर राष्ट्रीय हवाईअड्डा है घरेलू विमान सेवाएँ भी यहाँ से चलती हैं.
रेल मार्ग-
कालुपुर क्षेत्र में मुख्य रेल स्टेशन है.
अहमदाबाद स्टेशन देश के लगभग सभी प्रमुख स्टेशनों से सीधे तौर पर जुडा हुआ है.
सड़क मार्ग-
गुजरात राज्य परिवहन की बसें सभी मुख्य शहरों से चलती हैं.
Refrence-
http://www.gujarattourism.com/showpage.aspx?contentid=142&webpartid=962
![](http://img683.imageshack.us/img683/2031/parrot1.gif)
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
छपते छपते :-
श्री संजय तिवारी ’संजू’ और श्री SilverGeek का भी सही जवाब आया. जिन्हे क्रमश: 49 और 48 अंक दिये गये हैं.
श्री विवेक रस्तोगी
श्री रंजन
सुश्री M.A.Sharma "सेहर"
डा.रुपचंद्र शाश्त्री "मयंक,
श्री दिनेशराय द्विवेदी
सुश्री रेखा प्रहलाद
श्री सुशील कुमार छौंक्कर
श्री राज भाटिया
डा. महेश सिन्हा
श्री मीत
श्री विशाल
श्री रजनीश परिहार
श्री काजलकुमार,
श्री रामकृष्ण गौतम
श्री दीपक "तिवारी साहब"
श्री मकरंद
श्री अभिषेक प्रसाद ’अवि’
सभी को हार्दिक धन्यवाद!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
आप सभी को मेरा नमस्कार,
पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.
आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.
बहुत सालों पहले सूखे इलाक़ों में पानी के लिए गहरे कुँए बनाए जाते थे.जहाँ ज़मीन से पानी निकालने की व्यवस्था होती थी. राजस्थान और गुजरात में ऐसे वाव मिलेंगे.
दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी चाँद बावड़ी है जो की राजस्थान में है.
इस पहेली में आप से हमने जिस स्थान के बारे में पूछा था वह गुजरात में है.
यह अदालज वाव कहलाती है.
गुजरात राज्य के अहमदाबाद से 18 किलोमीटर दूर अदालज गाँव में यह वाव स्थित है.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEinIHXdxD0nRbDTD8a3tE6JhD07bVS2ESECsrsoanTYxTbS3_P7sUBeZMlnS2L-JNHt5m2F3zJ4vAhfFRQdMYke6j5J_l5bFwIbwQF-BiOpLglXfJfJYheKNHbQq2bLFIbQgQFW-saYbrAS/s320/adalaj-4391125-Photo-16-0.jpg)
यह पहली मंज़िल पर लगे संमरमर के पत्थर पर संस्कृत में लिखे आलेख से मालूम होता है कि इसे १४९९ में रानी रुदाबाई ने अपने पति की याद में बनवाया था.वह राजा वीरसींह की पत्नी थीं.
यह वाव पाँच मंज़िला है और अष्टभुजाकार बना हुआ है.वास्तुकला का नायाब नमूना यह ढाँचा १६ स्तंभों पर खड़ा है.
सूरज की रोशनी सीधा दीवारों पर सिर्फ़ थोड़े समय के लिए ही पड़ती हैं. इसीलिए बाहर से भीतर का तापमान ६ डिग्री कम रहता है.
गाँववाले सुबह आते हैं और दीवारों पर बने देवी देवताओं की पूजा भी करते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि दीवारों पर बने नव ग्रहों की प्रतिमाएँ इस कुएँ की रक्षा करती हैं. गाँव के लोग अब भी यहाँ पानी भरने और गर्मी के मौसम में ठंडक में बैठने यहाँ आते हैं.
ऐसा कहा जाता है की यहाँ एक मुस्लिम सुल्तान बेघारा ने हमला किया था जिसमें राजा वीर सिह मारे गये थे.बेघारा ने उनकी पत्नी की सुंदरता देख विवाह का प्रस्ताव रखा, जिस पर रानी ने नियत समय पर इस वाव को पूरा कराने की शर्त रखी. वाव नियत समय पर पूरा हुआ.
[दीवारों पर इस्लामिक प्रभाव वाले चित्रों को भी बना देखा जा सकता है.]
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjUV_9QwcKuACKsManQVo5faw2PHYb7ME5S-TMpmP1P8gEF0gN1Lj66f8MVUam1xeCE5A4lm_KoLbsuqwrfn7dyCqkPw6RSjXU5o5vAHIR7sLVluBd04RYn2igBj7QkLdTgrfDjQOjDVPvv/s320/adalaj-4391121-Photo-12-0.jpg)
रानी वाव देखने आईं , चूँकि रानी सुल्तान से शादी नहीं करना चाहती थी इसीलिए पाँचवी मंज़िल से ही पानी में कूद कर अपनी जान दे दी. ऐसा सुना जाता है कि आज भी रानी की आत्मा वहाँ भटकती है.
वाव के पास ही इस वाव को डिज़ाइन करने वाले मुख्य कामगारों की क़ब्रें हैं जिन को इस के पूरा होने के बाद मुस्लिम राजा ने मरवा दिया था ताकि दोबारा फिर कोई इस तरह की वाव ना बनवा सके.
मानव निर्मित इस अद्भुत कलाकारी की इमारत को Archeological Survey of India द्वारा संरक्षित किया गया है.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh7ZcY519chyphenhyphenuJNscjiNJwik-7tLr-6WCQJvAZtPvdsVZIj0gYhqaJljMCoOjZv2ypds6l46AsDPFGgg4D-BsvkNpMC70lgjYhA-lbkg5uc6OHtVUbP3kJ9z8SNYgrLa5hwyINQLEsdjcNg/s320/adalaj-4391128-Photo-19-0.jpg)
कैसे जाएँ-
हवाई मार्ग-
सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट अंतर राष्ट्रीय हवाईअड्डा है घरेलू विमान सेवाएँ भी यहाँ से चलती हैं.
रेल मार्ग-
कालुपुर क्षेत्र में मुख्य रेल स्टेशन है.
अहमदाबाद स्टेशन देश के लगभग सभी प्रमुख स्टेशनों से सीधे तौर पर जुडा हुआ है.
सड़क मार्ग-
गुजरात राज्य परिवहन की बसें सभी मुख्य शहरों से चलती हैं.
Refrence-
http://www.gujarattourism.com/showpage.aspx?contentid=142&webpartid=962
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी. तब तक के लिये नमस्कार।
![](http://img683.imageshack.us/img683/2031/parrot1.gif)
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
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सुश्री सीमा गुप्ता अंक 100 |
डा . मनोज मिश्र अंक 99 |
श्री प्रकाश गोविंद अंक 98 |
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सुश्री हीरल अंक 96![]() |
श्री अविनाश वाचस्पति अंक 50![]() |
छपते छपते :-
श्री संजय तिवारी ’संजू’ और श्री SilverGeek का भी सही जवाब आया. जिन्हे क्रमश: 49 और 48 अंक दिये गये हैं.
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री विवेक रस्तोगी
श्री रंजन
सुश्री M.A.Sharma "सेहर"
डा.रुपचंद्र शाश्त्री "मयंक,
श्री दिनेशराय द्विवेदी
सुश्री रेखा प्रहलाद
श्री सुशील कुमार छौंक्कर
श्री राज भाटिया
डा. महेश सिन्हा
श्री मीत
श्री विशाल
श्री रजनीश परिहार
श्री काजलकुमार,
श्री रामकृष्ण गौतम
श्री दीपक "तिवारी साहब"
श्री मकरंद
श्री अभिषेक प्रसाद ’अवि’
सभी को हार्दिक धन्यवाद!
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा, तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
सभी जीतने वाले प्रतियोगियों को बहुत बधाई
ReplyDeleteअद्लाज वाव की जानकारी देने का बहुत आभार ...!!
समीर लाल जी एवं सभी को बधाई!
ReplyDeleteविजेता उड़नतश्तरी जी को बधाई,
ReplyDeleteइस बार तो हमने फ़ोटू देखकर ही हाथ ऊपर कर दिये थे,
विजेताओं को बहुत बहुत बधाइयाँ।
ReplyDeleteधन्यवाद और सभी को बधाई .
ReplyDeleteआदरणीय समीर जी सहित सभी विजेताओं को हर्दिक बधाई....
ReplyDeleteregards
इस बार भी 4 अंक की मार पड़ी :) सारा दोष टाइमज़ोन का है :)
ReplyDeleteसमीर लाल जी एवं सभी को बधाई!
ReplyDeleteसमीर जी और एनी विजेताओं को बधाई हो!!!
ReplyDeleteसमीर जी के साथ साथ सभी को बधाई...
ReplyDeleteमुझे शहर तो मालूम चल गया था लेकिन.. यह जगह नहीं मिली...
और ताऊ ने अधूरा जवाब देने से मन कर दिया था...
मीत
समीर जी के साथ साथ सभी जीतने वालों को बधाई .........
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई..
ReplyDeleteइस बार सच में बहुत कठीन रही पहेली.
सभी प्रतिभगियों का दिल से आभार कि इतनी सर्दी में भी सुबह सुबह इस मुश्किल पहेली को आप ने बूझने का प्रयास किया.
आप का उत्साह हमारा मार्गदर्शक है.
शुक्रिया.
Shri Sameer Sir ji ko badhai...
ReplyDeleteAnya Vijetaon ko bhi badhai...
Ayojakon Shri TAAU AUr ALPANA JI KO Shubh Bhav...
Ese Hi Ayojan Karte Rahen
Vijetaon ke BLOG ko TAAU PAHELI Ke praman Patron se bharte rahen..
Regards
Ram K Gautam
एक बार फिर तश्तरी विजेता बन उड़ गयी...!पर कोई बात नहीं बधाई हो
ReplyDeleteबेहतरीन। बधाई।
ReplyDeleteसभी विजेताओं को हार्दिक बधाई और आयोजकों का हार्दिक आभार बहुत बढ़िया जानकारी देने के लिए |
ReplyDeleteबधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ
ReplyDeleteबधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ
बधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ बधाइयाँ
विजेताओं को
समीर लाल जी सहित सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई!!!
ReplyDeleteमकर संक्रान्ति पर हरिद्वार यात्रा के कारण इस बार हम तो पहेली में भाग ही नहीं ले पाए.....खैर ये कोन सा कुंभ का मेला है, जो बारह साल बाद आएगा..इस बार न सही तो अगले सप्ताह भाग ले लेंगें :)
रोचक जानकारी ! विजेताओं को बधाई !
ReplyDeleteभाई ४ अंक से चूका...२ अंक का ईजाफा पिछली बार से..मगर लिस्ट में है...
ReplyDeleteसभी विजेताओं और प्रतिभागियों को पहेली को सफल बनाने एवं मनोरंजक ज्ञानवर्धन के लिए बधाई.
बधाई
ReplyDeleteऐसा ही बिल्कुल
महरौली दिल्ली में भी है
जो भी नाम दे रहे हैं इसे आप।
वहां तो पानी भी है
ReplyDeleteऔर आसपास के बच्चे
खूब तैरते नहाते हैं रोजाना
और यह राज नहीं हे।
सभी विजेताओं को बधाई. आज पानी की कमी से जूझते लोगों को इस बावड़ी परंपरा से बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है.
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