प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 55 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है मुगल गार्डन, राष्ट्रपति भवन, दिल्ली
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
मुगल गार्डन [राष्ट्रपति भवन,नई दिल्ली]
नव वर्ष के इस पहले अंक में आप का स्वागत है. रंग बिरंगे फूलों के बाग़ में आज हम आप को लाए हैं और दुआ करते हैं की इस वर्ष का हर दिन ऐसा ही रंग बिरंगा और खुशियों से महकता रहे.
राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल
राष्ट्रपति भवन भारत सरकार के राष्ट्रपति का सरकारी आवास है.इसे ब्रिटिश वास्तुकार सर एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स ने डिज़ाइन किया था.नई दिल्ली के हृदय क्षेत्र में स्थित भारत का राष्ट्रपति भवन, विश्व के किसी भी राष्ट्रपति आवास से कहीं बड़ा है.
निवास के अंदर एक मुगल गार्डन है जो लगभग 13 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला है और यह ब्रिटिश गार्डन की डिजाइन के साथ औपचारिक मुगल शैली का एक मिश्रण बताया जाता है.
''पीस द रजिस्टेंस'' मुगल गार्डन के सबसे बड़े हिस्से को कहते हैं.२०० मीटर लंबे और १७० मीटर जुड़े इस बाग में उत्तर और दक्षिण में टेरिस गार्डन हैं ,पश्चिम में टेनिस कोर्ट तथा लॉन्ग गार्डन हैं.
इसके अलावा भी यहां कई छोटे-बड़े बगीचे हैं जैसे पर्ल (मोती) गार्डन, बटरफ्लाय (तितली) गार्डन और सकरुलर (वृताकार) गार्डन. बटरफ्लाय गार्डन में फूलों के पौधों की बहुत सी पंक्तियां लगी हुई हैं.यह माना जाता है कि तितलियों को देखने के लिए यह जगह सर्वोत्तम है.
मुगल गार्डन में अनेक प्रकार के फूल देखे जा सकते हैं जिसमें गुलाब, गेंदा, स्वीट विलियम आदि शामिल हैं.इस बाग में फूलों के साथ-साथ जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं.
उत्तर से दक्षिण से दो नहरें और दो नहरें पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हैं जैसा की आप ने पहेली के मुख्य चित्र में तस्वीर देखी थी. इस तरह यह नहरें इस उद्यान को चौकोर हिस्सों में बांटती हैं. इन नहरों के मिलन बिंदु पर कमल के आकार के ६ फव्वारे बने हुए हैं जिनसे पार्क की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं.
१२ फीट तक उठ कर गिरने वाले इन फव्वारों के पास ही लकड़ी के फटटे से हैं जिनपर चिड़ियों के लिए दाना डाला जाता है. बहुत ही सुंदर नज़ारा होता है नहरों की धीमी गति और फवारों का उठना -गिरना ..साथ ही पक्षियों का कलरव!
विश्वभर के रंग-बिरंगे फूलों की छटा देखते ही बनती है. कहते हैं की सिर्फ़ मैसूर का वृंदावन गार्डेन ही इसके मुक़ाबले का एक मात्र बाग़ है. लेडी हार्डिंग ने श्रीनगर में निशात और शालीमार बाग देखे थे, जो उन्हें बहुत भाये बस उसी को ध्यान मे रख कर उन्होने इस बाग की परिकल्पना की थी.
भारत के अब तक जितने भी राष्ट्रपति इस भवन में निवास करते आए हैं, उनके मुताबिक इसमें कुछ न कुछ बदलाव जरूर हुए हैं.
प्रथम राष्ट्रपति, डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद ने इस में कोई बदलाव नहीं कराया लेकिन उन्होंने इस बाग को जनता के लिए खोलने की बात की, उन्हीं की वजह से प्रति वर्ष मध्य-फरवरी से मध्य-मार्च तक यह बाग़ आम जनता के लिए खोला जाता है.
कब जाएँ-
हर वर्ष फरवरी - मार्च के महीने में यहां सोमवार के अलावा सभी दिनों पर सुबह 9.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक दर्शक आ सकते हैं.
यहां प्रवेश की जानकारी जनता को विभिन्न प्रचार माध्यमों से दी जाती है. इस उद्यान में आने और जाने के रास्तों को राष्ट्रपति आवास के गेट नंबर 35 से विनियमित किया जाता है, जो चर्च रोड के पश्चिमी सिरे पर नॉर्थ एवेन्यू के पास स्थित है.
यहाँ फोटोग्राफी करना मना है.
[कृपया जाने से पहले समय आदि की जानकारी एक बार और पुष्ट कर लें]
डा. कलाम, श्री वाजपेई जी के साथ
चलते चलते एक किस्सा सुनाती चलूं-
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम गुलाब के फूलों को बहुत चाहते हैं . जब वे राष्ट्रपति भवन आये ही थे, तब उनके विशेष कार्यकारी अधिकारी श्री ब्रह्म सिंह ने उन्हें मुगल मार्डन में खिले एक खूबसूरत गुलाब की जानकारी दी , डॉ. कलाम ने उत्सुकता से उस बेहद सुंदर गुलाब को देखने तुरंत चल दिये.
उस गुलाब के पास पहुँचने पर श्री ब्रह्म सिंह उसकी विशेषताओं से अवगत कराते रहे . कलाम साहब फूल की ओर झुके और उसे सूंघ कर कुछ निराश से हुए और बोले, इतना खूबसूरत नहीं है. खुशबू के बिना गुलाब खूबसूरत कैसा? देखो ब्रह्मा हमें बाहरी सुंदरता पर मोहित नहीं होना चाहिए . हमें भीतरी खूबसूरती पर ध्यान देना चाहिए और खुशबू आंतरिक सुंदरता है.
डाँ. कलाम गार्डन में
श्री ब्रह्म सिंह बताते हैं कि डॉ. कलाम साहब के राष्ट्रपति भवन आने के बाद पहली बार मुगल गार्डन में महकते गुलाबों की बगिया लगी . जब २५ जुलाई को वे विदा हुए तब ५९ किस्म के गुलाब राष्ट्रपति भवन को महका रहे थे . इसके अलावा उन्होंने मुगल गार्डन में औषधीय और आध्यात्मिक पौधों की बगिया भी लगवाई.
राष्ट्रपति भवन के एक कर्मचारी के अनुसार राष्ट्रपति भवन परिसर में १६० तरह के पेड़ लगे हैं और कहा जाता है कि कलाम साहब हर पेड़ से परिचित हैं ।
वहाँ लगे एक विशाल बरगद के पेड़ से वे काफी प्रभावित हैं . उन्होंने उस पर एक कविता भी लिखी है, जिसमें उन्होंने वर्णन किया है कि यह विशाल बरगद कितने मानवों, पशुओं और पक्षियों को सांत्वना देता है.
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री दीपक "तिवारी साहब"
डा. महेश सिन्हा
श्री मुंडा शनीचरी
श्री रामकृष्ण गौतम
श्री रजनीश परिहार
डा. मनोज मिश्र
सुश्री वाणीगीत
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
बहनों और भाईयो नमस्कार. मेरी हमेशा ही कोशीश रहती है कि पूछी गई पहेली के स्थान के विषय मे संक्षिप्त मगर सारगर्भित जानकारी दी जाये तो आईये अब आज के पहेली के स्थान के बारे में कुछ जानते हैं. आशा है मेरी यह कोशीश आपको अवश्य पसंद आ रही होगी! आपकी राय से अवश्य अवगत करवाएं
मुगल गार्डन [राष्ट्रपति भवन,नई दिल्ली]
नव वर्ष के इस पहले अंक में आप का स्वागत है. रंग बिरंगे फूलों के बाग़ में आज हम आप को लाए हैं और दुआ करते हैं की इस वर्ष का हर दिन ऐसा ही रंग बिरंगा और खुशियों से महकता रहे.
राष्ट्रपति भवन भारत सरकार के राष्ट्रपति का सरकारी आवास है.इसे ब्रिटिश वास्तुकार सर एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स ने डिज़ाइन किया था.नई दिल्ली के हृदय क्षेत्र में स्थित भारत का राष्ट्रपति भवन, विश्व के किसी भी राष्ट्रपति आवास से कहीं बड़ा है.
निवास के अंदर एक मुगल गार्डन है जो लगभग 13 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला है और यह ब्रिटिश गार्डन की डिजाइन के साथ औपचारिक मुगल शैली का एक मिश्रण बताया जाता है.
''पीस द रजिस्टेंस'' मुगल गार्डन के सबसे बड़े हिस्से को कहते हैं.२०० मीटर लंबे और १७० मीटर जुड़े इस बाग में उत्तर और दक्षिण में टेरिस गार्डन हैं ,पश्चिम में टेनिस कोर्ट तथा लॉन्ग गार्डन हैं.
इसके अलावा भी यहां कई छोटे-बड़े बगीचे हैं जैसे पर्ल (मोती) गार्डन, बटरफ्लाय (तितली) गार्डन और सकरुलर (वृताकार) गार्डन. बटरफ्लाय गार्डन में फूलों के पौधों की बहुत सी पंक्तियां लगी हुई हैं.यह माना जाता है कि तितलियों को देखने के लिए यह जगह सर्वोत्तम है.
मुगल गार्डन में अनेक प्रकार के फूल देखे जा सकते हैं जिसमें गुलाब, गेंदा, स्वीट विलियम आदि शामिल हैं.इस बाग में फूलों के साथ-साथ जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं.
उत्तर से दक्षिण से दो नहरें और दो नहरें पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हैं जैसा की आप ने पहेली के मुख्य चित्र में तस्वीर देखी थी. इस तरह यह नहरें इस उद्यान को चौकोर हिस्सों में बांटती हैं. इन नहरों के मिलन बिंदु पर कमल के आकार के ६ फव्वारे बने हुए हैं जिनसे पार्क की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं.
१२ फीट तक उठ कर गिरने वाले इन फव्वारों के पास ही लकड़ी के फटटे से हैं जिनपर चिड़ियों के लिए दाना डाला जाता है. बहुत ही सुंदर नज़ारा होता है नहरों की धीमी गति और फवारों का उठना -गिरना ..साथ ही पक्षियों का कलरव!
विश्वभर के रंग-बिरंगे फूलों की छटा देखते ही बनती है. कहते हैं की सिर्फ़ मैसूर का वृंदावन गार्डेन ही इसके मुक़ाबले का एक मात्र बाग़ है. लेडी हार्डिंग ने श्रीनगर में निशात और शालीमार बाग देखे थे, जो उन्हें बहुत भाये बस उसी को ध्यान मे रख कर उन्होने इस बाग की परिकल्पना की थी.
भारत के अब तक जितने भी राष्ट्रपति इस भवन में निवास करते आए हैं, उनके मुताबिक इसमें कुछ न कुछ बदलाव जरूर हुए हैं.
प्रथम राष्ट्रपति, डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद ने इस में कोई बदलाव नहीं कराया लेकिन उन्होंने इस बाग को जनता के लिए खोलने की बात की, उन्हीं की वजह से प्रति वर्ष मध्य-फरवरी से मध्य-मार्च तक यह बाग़ आम जनता के लिए खोला जाता है.
कब जाएँ-
हर वर्ष फरवरी - मार्च के महीने में यहां सोमवार के अलावा सभी दिनों पर सुबह 9.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक दर्शक आ सकते हैं.
यहां प्रवेश की जानकारी जनता को विभिन्न प्रचार माध्यमों से दी जाती है. इस उद्यान में आने और जाने के रास्तों को राष्ट्रपति आवास के गेट नंबर 35 से विनियमित किया जाता है, जो चर्च रोड के पश्चिमी सिरे पर नॉर्थ एवेन्यू के पास स्थित है.
यहाँ फोटोग्राफी करना मना है.
[कृपया जाने से पहले समय आदि की जानकारी एक बार और पुष्ट कर लें]
चलते चलते एक किस्सा सुनाती चलूं-
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम गुलाब के फूलों को बहुत चाहते हैं . जब वे राष्ट्रपति भवन आये ही थे, तब उनके विशेष कार्यकारी अधिकारी श्री ब्रह्म सिंह ने उन्हें मुगल मार्डन में खिले एक खूबसूरत गुलाब की जानकारी दी , डॉ. कलाम ने उत्सुकता से उस बेहद सुंदर गुलाब को देखने तुरंत चल दिये.
उस गुलाब के पास पहुँचने पर श्री ब्रह्म सिंह उसकी विशेषताओं से अवगत कराते रहे . कलाम साहब फूल की ओर झुके और उसे सूंघ कर कुछ निराश से हुए और बोले, इतना खूबसूरत नहीं है. खुशबू के बिना गुलाब खूबसूरत कैसा? देखो ब्रह्मा हमें बाहरी सुंदरता पर मोहित नहीं होना चाहिए . हमें भीतरी खूबसूरती पर ध्यान देना चाहिए और खुशबू आंतरिक सुंदरता है.
श्री ब्रह्म सिंह बताते हैं कि डॉ. कलाम साहब के राष्ट्रपति भवन आने के बाद पहली बार मुगल गार्डन में महकते गुलाबों की बगिया लगी . जब २५ जुलाई को वे विदा हुए तब ५९ किस्म के गुलाब राष्ट्रपति भवन को महका रहे थे . इसके अलावा उन्होंने मुगल गार्डन में औषधीय और आध्यात्मिक पौधों की बगिया भी लगवाई.
राष्ट्रपति भवन के एक कर्मचारी के अनुसार राष्ट्रपति भवन परिसर में १६० तरह के पेड़ लगे हैं और कहा जाता है कि कलाम साहब हर पेड़ से परिचित हैं ।
वहाँ लगे एक विशाल बरगद के पेड़ से वे काफी प्रभावित हैं . उन्होंने उस पर एक कविता भी लिखी है, जिसमें उन्होंने वर्णन किया है कि यह विशाल बरगद कितने मानवों, पशुओं और पक्षियों को सांत्वना देता है.
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी. तब तक के लिये नमस्कार।
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
सुश्री सीमा गुप्ता अंक १०१ |
श्री मिश्रा पंकज अंक १०० |
श्री सैय्यद अंक ९९ |
श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक ९८ |
प.श्री डी.के. शर्मा "वत्स" अंक ९७ |
श्री विवेक रस्तोगी अंक ९६ |
सुश्री संगीता पुरी, अंक ९५ |
डा.रुपचंद्र शाश्त्री "मयंक, अंक ९४ |
सुश्री सदा अंक ९३ |
श्री मकरंद अंक ९२ |
सुश्री M.A.Sharma "सेहर" अंक ९१ |
श्री संजय बेंगाणी अंक ९० |
सुश्री प्रेमलता पांडे अंक ८९ |
श्री राज भाटिया अंक ८८ |
श्री प्रकाश गोविंद अंक ८७ |
सुश्री अंजना अंक ८६ |
श्री गगन शर्मा अंक ८५ |
श्री उडनतश्तरी अंक ८४ |
श्री नीरज गोस्वामी अंक ८३ |
श्री स्मार्ट इंडियन अंक ८२ |
श्री मनोज कुमार अंक ८१ |
श्री रतनसिंह शेखावत अंक ८० |
सभी विजेताओ को हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं. |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री दीपक "तिवारी साहब"
डा. महेश सिन्हा
श्री मुंडा शनीचरी
श्री रामकृष्ण गौतम
श्री रजनीश परिहार
डा. मनोज मिश्र
सुश्री वाणीगीत
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा, तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
इस बार मैं भाग नहीं पाया
ReplyDeleteपर टिप्पणी देने के लिए तो
भाग ही आया।
सीमा जी को महामुबारकबाद
और बाद में सभी विजेताओं को
कि सदा रहें आबाद
।
वाह जी ठंड में गार्डन-गार्डन फिर वह भी मुग़ल -गार्डन. विजेता लोगों की बल्ले-बल्ले जी. बधाइयां, मुबारकें.
ReplyDeleteसीमा जी बहुत ज्ञानवान हैं, मैं प्रभावित हूँ..हा हा और regards के साथ बधाई...
ReplyDelete’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’
-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.
नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'
कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.
-सादर,
समीर लाल ’समीर’
अरे आज अपना फोटो भी है। विजेता को बधाई। थोड़ा अंक सिस्टम के बारे में बता देने से हमें आगे से फायदा होगा।
ReplyDeleteregards के साथ सीमा जी को मेरी भी बहुत बधाई....
ReplyDeleteसीमाजी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं और ताऊ सहित सभी संपादकों का आभार!
ReplyDelete"ताऊ पहेली - 55 : विजेता सुश्री सीमा गुप्ता" एवं अन्य सभी प्रतिभागियों को बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteताऊ जी का आभार!
taau maaf karna is bar ki paheli mein भी हिस्सा नहीं ले पाया शायद अगली पहेली में भी हिस्सा नहीं ले पाउँगा...
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई
मीत
सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteregards
इतने सारे "REGARDS" एक साथ हा हा हा हा हा हा हा आप सभी का धन्यवाद.....
ReplyDeleteregards
जबर्दस्त हिट हो चुकी है ताऊ पहेली।
ReplyDeleteवाह्..
सीमा जी सहित अन्य विजेताओं को भी बहुत बहुत बधाई!!!
ReplyDelete’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’
-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.
नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'
कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.
-सादर,
पं.डी.के.शर्मा ’वत्स’
:)
राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी की मेहनत से खुशबू से भरे गुलाब लहलहाए मुग़ल गार्डेन में ...उनके जैसे कुछ प्रतिशत नेता भी हो जाते तो यह देश कितनी खुशबुओं से महकता ...!!
ReplyDeleteसीमाजी सहित सभी विजेताओं को बधाई ..!!
ReplyDeleteसीमा जी सहित सभी विजेता ब्लॉगर्स को बधाई।
ReplyDelete--------
विश्व का सबसे शक्तिशली सुपर कम्प्यूटर।
2009 के ब्लागर्स सम्मान हेतु ऑनलाइन नामांकन चालू है।
सीमा जी ओर अन्य सभी विजेताओ को बधाई, अरे मेरा नाम गलती से लिख दिया है, मै तो पंजाबी बाग मै छोळे कुलचे खा रहा था
ReplyDeleteबडी नाइंसाफ़ी है ये.
ReplyDeleteजिस दिन पहेली मन माफ़िक होती है, उस शनिवार को अपन गायब रहते हैं.
राष्ट्रपति भवन के भीतर एक बार बिना सिक्युरिटी चेक के पहूंच गये थे और पकड लिये गये थे. भला हो एक देश के शीर्ष राजपुरुष का कि उसनें बचा लिया.
_________________________________
ReplyDeletesabhee vijetan ko tau ke parm shishy ka parnam milae ji
_________________________________
http://sanskaardhani.blogspot.com/2010/01/blog-post.html
ताऊ जी राम राम, वाह हमे भी नंबर मिल गये ।खुशी हुई । धन्यवाद । सीमा जी सहित अन्य विजेताओं को बहुत बहुत बधाई। हां एक बात ओर यह है कि मेरा नाम अंजना है। अंजाना नही !
ReplyDeleteसीमा जी सहित अन्य विजेताओं को भी बहुत बहुत बधाई!!
ReplyDeleteसीमा जी सहित अन्य विजेताओं को भी बहुत बहुत बधाई!!
ReplyDeleteराम राम ताओ ......... ६-७ दीनो तक बाहर रहा . नेट से संपर्क टूट गया और देखो इतनी आसान पहेली में अंक नही ले पाया ................ सभी जीतने वालों को ब्धाई ..................
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