आज की विशेषज्ञ है रामप्यारी. जो कि अपने विषय यानि एक सफ़ल सास कैसे बना जाये कि अंतर्राष्ट्रिय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ है. वो आज यहां भाषण देने के लिये आंमंत्रित है. और विषय दिया गया है : एक सफ़ल सास बनिये.
अब चश्मा लगाये श्रीमती शेरू खडी होती है, और बोलती हैं :नमस्कार रामप्यारी जी, मैं “ जागरुक सास मंच “ की अध्य्क्षा हूं. इस नाते मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप आज के विषय पर आपके अनुभव से हमारा मार्ग दर्शन करें.
तालियां….तालियां ……पूरा हाल खचाखच भर गया है ….और रामप्यारी ने आहिस्ता २ मंच पर माईक के सामने पहुंच कर बोलना शुरु किया – आदरणिय बहनों नमस्कार. मैं आज आपको बताऊंगी कि एक सफ़ल सास कैसे बना जाये? असल मे ललिता पंवार को भी यह ट्रेनिंग मैने ही दी थी. और इसी वजह से उनके रहते हुये वो खिताब उनसे कोई नही छीन पाया.
आजकल की बहुएं सासों के साथ बडा अत्याचार करती हैं, इसलिये मैं आप सबको आगाह करती हूं क्योंकि कि अब आप भी सास बनने वाली हैं. और ये आपका शौभाग्य है कि आप मेरी क्लास समय रहते ही अटेंड कर रही हैं तो मैं आपको बहुत ही आराम से रहने के गुर समझाऊंगी.
समझदार वही होता है जो समय रहते आपदा प्रबंधन कर लेता है. तो बहू को पहले ही दिन से अपने उपर हावी ही मत होने दे. पहले दिन से ही इस बात का ख्याल रखा जाना जाना चाहिये. फ़िर मत कहना कि रामप्यारी जी ने बताया नही था.
अकसर लोग कहते हैं कि बहू मायके से उखाडा हुआ वो पौधा है जिसे ससुराल मे पनपने के लिये सहयोग दिया जाना चाहिये. …..तो बहनों ऐसी गलती आप बिल्कुल मत कर देना. अगर यह पौधा ससूराल में पनप गया तो आपको उखाड फ़ेंकेगा. आप तो पहले दिन से ही बहू को खरी खोटी सुनाकर उसका मनोबल तोडना शुरु कर दिजिये…और अगर आप को इसमे कुछ कमी दिखे तो आपके श्रीमान को भी इस काम मे शामिल करले. यह कोई मुश्किल काम नही है. श्रीमान तो आपके इशारे पर पानी भरने भी खडे हो जायेंगे.
अकसर सास से यह उम्मीद की जाती है कि वो बहू को मां के जैसा प्यार दे यानि बहू को बेटी समझे….तो ऐसी गलती कभी ना करें ..पहले ही दिन से बहू को ताने मारने शुरु करदे..और सबके सामने..चाहे तो उसके मायके वालों को फ़ोन पर बतायें कि …देखिये ना..पांच दिन होगये…बहू अभी तक बेटी नही बन पाई. …. इससे बहू का मनोबल टूटेगा और आपका बेटा पहले हफ़्ते से ही यह समझने लगेगा कि इस लडकी मे ही कुछ खराबी है. यानि कुल मिलाकर कोशीश यह रहे कि बेटे बहू का प्रेम ज्यादा आगे ना बढे और उनमे लडाई झगडे की शुरुआत पहले ही दिन से होजाये.
कुछ पागल लोग कहते हैं कि बहू को अपने कर्तव्य समझाने के पहले आप भी अपने कर्तव्य समझे….तो ऐसी उदारता वाली बातें कभी ना करे. आपका कर्तव्य है..सिर्फ़ बहू को जली कटी सुनाना..आंखे दिखाना…और बहू का कर्तव्य है कि वो चुपचाप आपकी जली कटी सुने…सारे घर का काम करे..और उफ़्फ़ तक ना करे…और दिन रात आपको बहू को उसके कर्तव्य को याद दिलाते रहना है.
ऐसी उम्मीद की जाती है कि घर के रीतीरिवाजों के बारे मे बहू को प्रेम पुर्वक समाझाया जाना चाहिये….तो यह भी गलती नही की जाना चाहिये. बहू से प्रेम ना तो किया जाना चाहिये और ना उसको यह उम्मीद करना चाहिये. आप उसे सिर्फ़ आंखे दिखा कर बतादे कि हमारे घर के ये रीती रिवाज हैं..और वार त्योंहार पर उसके मायके से मिलने वाले गिफ़्ट की लंबी चोडी लिस्ट उसे बतादें वो आपसे डरेगी तो आपको खुश करने के लिये अपने मायके वालों पर दवाब डाल कर ज्यादा माल मंगवायेगी.
कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि बहू गलती करे तो उसे प्रेम से समझाये… लो करलो अपनी मिट्टी खराब…अगर आपने ऐसा किया तो आपका रुआब कैसे पडेगा? बल्कि गलती बहू करे या नही करे..आपको जबरन ढुंढ ढुंढ कर उसमे ऐब निकाल कर ताने देने हैं. जिससे वो सपने मे भी आपके डर से चमक कर रहे.
आजकल ऐसी उम्मीद भी बहुए करने लगी हैं कि घर के फ़ैसलों मे उनकी भी राय ली जाना चाहिये…तो बहनों ऐसी गलती मत कर बैठियेगा. अगर बहू इस तरह की कोशीश भी करे तो उसको उसका स्थान दरवाजे के पास बैठने का दिखा दें और समझा दे कि आपके घर मे वो राय ना दे और आपको उसकी राय की जरुरत नही है. और अगर फ़िर भी ना माने तो अंजाम भुगतने को तैयार रहे.
आजकल की बहुये भी नये जमाने की सोच की होती हैं…अत: उनको भी आजादी दी जानी चाहिये…यह गलती भी ना करें बल्कि जितना बहू को आप घुटन मे रखेंगी उतना ही आप आराम मे रहेंगी. ..और बहू को हर्गिज भी फ़ोन ना करने दे. बहू के मायके वालों को सखत ;लहजे मे समझादे की वो फ़ोन ना किया करे अब लडकी का दान आपको दे ही दिया है तो उस दान की क्युं फ़िक्र करते हैं? उसको आपके हवाले कर दिया है तो उसकी फ़िक्र आप पालेंगी. ऐसा करने से बहू के मायके वाले भी आपसे खौफ़ खायेंगे.
कुछ लोग कहते हैं कि बहू के मायके जाने और फ़ोन करने पर पाबंदी नही लगाई जानी चाहिये…..नही बहनों ऐसी भयानक भूल आप कभी भी नही करें. बहू को कभी भी मायके नही जाने दें और फ़ोन तो हरगिज भी नही करने दे. अगर वो मायके जाकर आपके अत्याचारों के बारे मे जबान खोल बैठी और उसका बाप कहीं खडूस निकल गया तो आपके लिये परेशानी खडी कर सकता है. आप तो बहू का ब्रेन वाश करके रखिये.
बहू को यही कहते रहिये कि वो किसी काम की नही है. बेवकूफ़ है ..गंवार है.. फ़ुहड है… यानि बहू का मनोबल तोड दिया जाना चाहिये….और भी जो मन मे आये ..२४ घंटे बहू को टेनशन मे रखिये… और इस काम मे आप साथ मे अगर आपके श्रीमान को मिलाले तो दोनों मिल कर बहू का अच्छा ब्रेन वाश कर सकते हैं. और आपका लडका भी इसमे शामिल हो जाये तो क्या कहने?
और दस पंद्रह दिनो मे एक बार बहू से प्रेम से बात करें वो भी सिर्फ़ आधा घंटा..जिससे उसको यह मुगालता रहे कि आप अच्छी भी है और उसकी भलाई के लिये ही उसकी क्लास लेती हैं. और वो आपको खुश करने मे ही अपनी जिंदगी खराब करले. अगर आप बहू की जिंदगी नर्क नही बनायेंगी तो कौन बनायेगा? आखिर तो आप भी एक दिन बहू ही थी ना?
और अगर बहू नौकरी वगैरह करती हो तो अविलम्ब छुडवादे..क्योंकि जो बहू पांव पर खडी होती है वो बहुत मुश्किल से काबू मे आती है. ..
बाकी के टिप्स अगले सत्र मे दिये जायेंगे…
तालियों कि गडगडाहट से रामप्यारी का स्वागत हो रहा है.और सत्यानाश हो इन ताली बजाने
वालियों का. मेरी नींद खुल गई, कितना अच्छा सपना देख रही थी मैं?
एक जरुरी सूचना : – ताऊ पहेली कल सूबह ठीक ६ : ३० बजे प्रकाशित होगी.
ताऊ जी!
ReplyDeleteआप रामप्यारी को कैसी सास बनाना पसन्द करेंगे?
क्या श्रीमती इन्दिरा जी जैसी या ताई जी जैसी?
कितनी ही कोशिश कर लो भैया!
वो तो वैसी ही बनेगी,
जैसी उसकी अपनी सास थी।
सास-बहू की प्रयोगशाला में जो प्रैक्टीकल किये हैं। उन्ही को तो दुहराना चाहेगी बेचारी रामप्यारी।
शायद ये सारे टिप्स रामप्यारी की माता जी रामदुलारी जी ने दिये हैं, हमारी रामप्यारी तो कक्षा २ की नटखट छात्रा है।
ReplyDeleteवैसे टिप्स बेहतरीन है ललिता जी को भी फक्र हो रहा होगा शागिर्द पर!
ताऊ जी ,राष्टीय बहू बचाओ मंच रामप्यारी के विचारों की भर्त्सना करता है .और रामप्यारी को चेतावनी देता है की यदि आज के आज उन्होंने अपने भाषण के लिए माफी नहीं माँगी तो श्री दिनेश दिवेदी जी से विधिक परामर्श कर रामप्यारी जी पर जन
ReplyDeleteहित याचिका दायर की जायेगी .
अगर...सासें अच्छी बन गयीं तो "सास बहू" टाइप सीरियलों का क्या होगा ?...
ReplyDeleteये पोस्ट तो, इनके निर्माताओं के खिलाफ साजिश का हिस्सा लगती है...
और हाँ, रामप्यारी आज तो तुम नीले गेट अप में बहुत जच रही हो..
"रामप्यारी का ये नया रूप??????? वाह वाह तालियाँ तालियाँ ........क्या भाषण दिया है सास विषय पर.....बिचारी बहुओं का भगवान् ही मालिक है अब......वैसे ये नीली नीली आँखें बहुत खुबसुरत लग रही हैं आज हा हा हा .."
ReplyDeleteRegards
माताजी रामप्यारी जी सादर प्रणाम. आप दूसरी कक्षा की छात्रा होते हुये भी इतने हसींन सपने देखती हैं तो बडी होकर क्या करेंगी? यह तो हम समझ सकते हैं?:)
ReplyDeleteपर बहुत ही धारदार व्यंग किया है. बहुत ही लाजवाब. असल मे औरत ही औरत की दुश्मन बन रही है. बहुत शुभकामनाएं.
बहुत लाजवाब व्यंग लिखा आपने. मजा आया रामप्यारी की क्लास मे. अगला सत्र कब लगेगा?
ReplyDeletekyaa baat hai raamapyaari ji? aaj to sidhe sixer hi lagaa diya.
ReplyDeletewell done.
एक शानदार व्यंग लिखा है आज के परिपेक्ष में ..अगले सत्र का इंतजार है...
ReplyDeleteललिता प्वार की गुरू रामप्यारी के टक्कर मे बहुये कहीं शशिकला के पास न पहुंच जाये। हा हा हा हा हा मज़ा आ गया,आनंददायक पोस्ट्।
ReplyDeleterampyari ekta kapoor ka saya pad gaya tum pe:) badhiya tips:)
ReplyDeleteरामप्यारी को दिलवाई शिक्षा दिक्षा का फल सामने आया..:)
ReplyDeleteहर बहू सोच रही है - यह रामप्यारी राम को कब प्यारी होगी। :)
ReplyDeletegood!!!!!
ReplyDeleteनींद की गोली खाकर ही सोना चाहिए ताकि ऐसे प्रेरणादायी सपने देखते समय, नींद न टूटे.
ReplyDeleteआशा तमाम सासो की साँस में साँस आ गई होगी.
वाह वाह , क्या बोल वचन सुनाये राम प्यारी ने दिल बाग-बाग हो गया . बहुत खूब रामप्यारी ऐसे ही गुण सिखाती रहो .
ReplyDeleteरामप्यारी आज तो तूने कमाल ही कर दिया.....ललिता पवार भी ऊपर स्वर्ग(?) में बैठी तुम्हारे नाम का गुणगान कर रही होगी.......लेकिन जरा ध्यान से,देखना तुम्हारे इन गूढ "सास उकसाऊ" विचारों के बारे में अगर कहीं किसी बहू को पता चल गया तो फिर "पिटाई योग" निश्चित है.
ReplyDeleteसफल सास ललिता पावर तो सफल ससुर शरद पावर :)
ReplyDeleteचुनावी माहौल में रामप्यारी जी की सलाह और लंबा भाषण अच्छा लगा .
ReplyDeleteजूता बाजी और राजनीति के बीच में ये क्लास अच्छी लगी :) :)
ReplyDeleteरामप्यारी जी, जँवाई की भी सास होती है। कृपा करके जँवाइयों से कैसा बर्ताव किया जाए इसपर भी प्रकाश डालिए। मैं दो अदद जँवाइयों(ये शब्द मुझे बिल्कुल पसन्द नहीं कोई और शब्द सुझाइए। पुत्रीवर कैसा रहेगा? ) की सास हूँ।
ReplyDeleteआपकी शिष्या बनने की प्रतीक्षा में,
घुघूती बासूती
वाह रामप्यारी .. खूब.. पर यह मत भूलो की सास भी कभी बहू थी...(क्या कहा ये धारावाहिक टीआरपी खत्म हो जाने की वजह से बंद हो गया)..
ReplyDeleteवाह रामप्यारी .. खूब.. पर यह मत भूलो की सास भी कभी बहू थी...(क्या कहा ये धारावाहिक टीआरपी खत्म हो जाने की वजह से बंद हो गया)..
ReplyDeleteआदरणिय रामप्यारी जी को सादर प्रणाम.
ReplyDeleteरामप्यारी जी आपसे दीक्षा लेनी है क्योंकि mere पुत्र की भी अगले महिने शादी होने वाली है. आपसे ट्रेनिंग लेने आना है. आपका पता ठीकाना बताइयेगा.
और फ़ीस की चिंता मत किजियेगा.
बहुत सूंदर आईडिया दिया जी. इसी तरह सुधरेगी ये दहेज की लालची दुनिया. करारा व्यंग.
ReplyDeleteवाह रामप्यारी जी ..ऐसी इच्छा हो रही है कि आपके चरणों मे माथा टिका कर प्रणाम करूं?
ReplyDeleteलाजवाब व्यंग.
आज तो ताऊ आपने चंपक-नंदन की याद दिला दी। खुबसूरती से आपने नारी विमर्श का सार प्रस्तुत कर दिया।
ReplyDeleteअरी नामुराद रामप्यारी की बच्ची...ये छुटंकी पने में ऐसा खुराफाती दिमाग...कक्षा दो में ये हाल है. ये सब उटपटांग मत लिखा कर...तेरी शादी कैसे कराएँगे हम...और जब बहू ही नहीं बनेगी तो सास कैसे बनेगी. ताऊ से बात करनी पड़ेगी, लगता है आजकल बहुत टीवी देख रही है, इसलिए ऐसे सपने आते हैं तुझे.
ReplyDeleteबहुत ही व्यंग्यपूर्ण आलेख,
ReplyDeleteकैसा रहेगा अगर आपकी माताजी आपका यह आलेख पढ़ ले और रामप्यारी की बैटन पर खुद भी अमल करना शुरू कर दे और मेरी माताजी को भी बता दे तो.... !
बहुत बड़ा गड़बड़झाला हो जायेगा भाई साहब... ये पहले से बोल देता हूँ फिर ना कहना.....
हा हा हा हा......
सच में कल्पना से ही सिहर उठा हूँ, क्या करे ताऊ शादी जो होने वाली हैं....
हा हा हा हा आपको इतना तुज़ुर्बा कहाँ से हो गया ? बहुत बढ़िया लिखा है।
ReplyDeleteवाह री रामप्यारी!! ..तू इतनी स्त्री विरोधी है मुझे पता ही नही था ..पढाई कर पढाई ..वरना कुवें की मेढक ही रह जायेगी :-)
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