ताऊ कुछ सोच में बैठा हुआ था. अब क्या सोच रहा था यह तो खुद ताऊ जाने, भगवान इस लिये नही जान सकते कि उनको आजकल सोचने की फ़ुरसत ही नही है....अब भगवान भी कहां तक और किस किस की सोचें? इस समय ताऊ जरूर उतराखंड त्रासदी में अपना नफ़ा नुक्सान और वाहवाही के बारे में ही सोच रहा होगा....पर फ़िर भी ताऊ के दिमाग का कोई भरोसा नही......
अचानक रामप्यारे अपने दांत दिखाता हुआ ब्रांड न्य़ू मोटरसाईकिल पर प्रगट हुआ और बोला - ताऊ, आजकल फ़िर से ब्लागिंग को ठंड लग गई है. ट्विटर, फ़ेसबुक के साथ तुलनात्मक अध्ययन और शोध कार्य भी प्रारंभ हो चुका है. मुझे लगता है इससे भी ब्लागिंग की ठंड दूर होने वाली नही है..... स्थिति बडी दयनीय लग रही है..... किसी भी पोस्ट पर 100 विजिट्स पार होना मुश्किल हो रहा है.....
ताऊ ने उसे डांटते हुये कहा - अबे बेवकूफ़....ब्लागिंग को ठंड लग रही है तो तू क्यों कांप रहा है? तूने तो कपडे पहन रखे हैं ना, अरे सारा दिन मोटरसाईकिल पर ब्लागिंग...ब्लागिंग....के नारे लगाता चौकडी काटता रहेगा या ...कभी धंधे पानी की खोज खबर भी लेगा? सारा दिन फ़टफ़टी पर घूमता रहता है....बिना कमाये कैसे काम चलेगा? चुनाव सामने आ रहा है....कुछ तो सोच....
रामप्यारे ताऊ का मिजाज समझ गया सो चुप्पी लगा गया....इधर ताऊ ने पूछा - रामप्यारे ये ताऊ तेलों का भंडार क्यों कर रखा है? इन्हें बेचा क्यों नही? बैंक का ब्याज लगे जा रहा है.....आखिर तू चाहता क्या है? क्या ब्लागिंग से तेरा पेट भर जायेगा? बोल......
रामप्यारे बोला - ताऊ बात यह है कि मैच फ़िक्स तेल के अलावा कोई तेल नही बिक पाया और कीमत इतनी ज्यादा थी कि कोई खरीद दार नही मिला. आजकल जब से रूपया गिरा है बाजार में बहुत ही कम खरीद दार बचें हैं ज्यादातर फ़ेसबुक मेले में ही भीड रहती है.
ताऊ बोला - रामप्यारे, तू नु कर.....इन तेलों पर एक शानदार सी स्कीम चला दे, माल देखते देखते ही खत्म हो जायेगा....
रामप्यारे बोला - हां ताऊ ये तो ठीक है पर स्कीम में घाटा हो जायेगा. स्कीम का सारा माल खुद के पास से देना पडेगा....
ताऊ बोला - रामप्यारे, तू निरा गधा ही रहेगा.....स्कीम चलाकर यदि माल खुद के पास से देना पडा तो फ़िर हम काहे के और किसके ताऊ? जैसा मैं कहता हूं तू वैसा कर. मेले में एक्जीबिशन लगवा और लगातार घोषणा करते रहना कि ताऊ तेल की हर शीशी में ग्यारंटेड इनाम खुलेगा. और महंगी वाली 5 मोटर बाईक भी इनाम में खुलेंगी.... ..... और सुन ...ये तेरी नई मोटर साईकिल लाकर आज वहीं खडी करवा देना जिसे देखकर मोटर बाईक की आस में जनता सारा माल खरीद लेगी.
रामप्यारे बेचारा मुश्किल से Ducati की मोटरसाईकिल खरीद कर लाया था. ताऊ द्वारा इसी को इनाम में
दिये जाने की बात सुनते ही वह बिदक गया और बोला - ताऊ इसमे तो बहुत घाटा हो जायेगा.....और फ़िर मेरी बाईक ही इनाम में क्यों दे रहे हो? बडी मुश्किल से तो मैने ये खरीदी है.
ताऊ बोला - रामप्यारे घाटा कुछ नही होगा और तेरी बाईक भी तेरे पास ही रहेगी. अब जैसा मैं कहता हूं वैसा कर....गोदाम में पडा ताऊ तेल का सारा माल निकल जायेगा और ये समझले कि अगले चुनाव का खर्च भी इसी से निकल जायेगा. ....अबकी चुनाव में खर्चा भी बहुत ज्यादा होने वाला है.
रामप्यारे ने ताऊ के कहे अनुसार ताऊ तेल की हर शीशी के अंदर एक एक इनामी कूपन डलवा दिया जिसमें हर शीशी में दो दो रूपये वाले बिस्किट, कंघे, शेंपू की पुडिया इत्यादि का शर्तिया इनाम वाला कूपन डला था....पर उसमे किसी भी शीशी में मोटर बाईक वाला इनामी कूपन नही डलवाया.
मेले में यह घोषणा जोर शोर से की गई थी कि ताऊ तेल की शीशी में पांच Ducati मोटर बाईक भी इनाम में निकलेंगी, सो देखते ही देखते लोग बाग टूट पडे. एक की जगह दस दस शीशींया खरीद कर वहीं सील तोड कर अपनी इनाम का कूपन देखते पर बिस्किट, कंघे, शेंपू इत्यादि के अलावा इनाम में कुछ नही निकलता. मोटर साईकिल के लालच में लोगों ने जमकर ताऊ तेल खरीदा पर मोटरसाईकिल किसी को भी नही मिली....अब उसमें मोटर बाईक वाला कूपन डला होता तो बाईक निकलती....इस तरह जनता के लालच में ताऊ का आधा माल तो दोपहर तक बिक गया पर किसी को भी 2 रूपये से ज्यादा वाला इनामी कूपन नही खुला.
अब रामप्यारे आकर बोला - ताऊ आधा माल बिक गया पर अब जनता माल खरीदने नही आ रही है शायद जनता जान गई है कि इसमे मोटर बाईक वाला कूपन डला ही नही है.
ताऊ बोला - रामप्यारे, यदि तुझमें अक्ल होती तो तू ताऊ होता.....अब देख तमाशा....अब इनाम खुलेगा और फ़िर से भीड टूट पडेगी, शाम तक बाकी बचा माल भी खत्म हो जायेगा.
ताऊ ने रामप्यारी को बुलाकर उसके हाथ में मोटरबाईक वाला कूपन पकडाया और उसे जाकर ताऊ तेल की शीशी खरीदने को कहा और उसे अच्छी तरह समझा दिया कि शीशी खरीदते ही यह कूपन दिखाना... ...
रामप्यारी ने वैसा ही किया और चारों तरफ़ खबर फ़ैल गई कि मोटर बाईक इनाम में खुल गई...बस फ़िर क्या था, रामप्यारी को मोटर बाईक दे दी गई, मोटर बाईक थोडी देर बाद रामप्यारी पिछले दरवाजे से वापस ले आई और फ़िर से वहीं इनाम में खडी कर दी गई. शाम तक ताऊ के आदमियों को वही अकेली मोटर साईकिल पांच बार इनाम में खुली. इधर जैसे जैसे मोटरसाईकिल इनाम में खुलती रही, जनता दुगुने जोश से खरीदी करती रही, शाम तक ताऊ तेल की एक भी शीशी स्टाक में नही बच पाई.
अचानक रामप्यारे अपने दांत दिखाता हुआ ब्रांड न्य़ू मोटरसाईकिल पर प्रगट हुआ और बोला - ताऊ, आजकल फ़िर से ब्लागिंग को ठंड लग गई है. ट्विटर, फ़ेसबुक के साथ तुलनात्मक अध्ययन और शोध कार्य भी प्रारंभ हो चुका है. मुझे लगता है इससे भी ब्लागिंग की ठंड दूर होने वाली नही है..... स्थिति बडी दयनीय लग रही है..... किसी भी पोस्ट पर 100 विजिट्स पार होना मुश्किल हो रहा है.....
ताऊ ने उसे डांटते हुये कहा - अबे बेवकूफ़....ब्लागिंग को ठंड लग रही है तो तू क्यों कांप रहा है? तूने तो कपडे पहन रखे हैं ना, अरे सारा दिन मोटरसाईकिल पर ब्लागिंग...ब्लागिंग....के नारे लगाता चौकडी काटता रहेगा या ...कभी धंधे पानी की खोज खबर भी लेगा? सारा दिन फ़टफ़टी पर घूमता रहता है....बिना कमाये कैसे काम चलेगा? चुनाव सामने आ रहा है....कुछ तो सोच....
रामप्यारे ताऊ का मिजाज समझ गया सो चुप्पी लगा गया....इधर ताऊ ने पूछा - रामप्यारे ये ताऊ तेलों का भंडार क्यों कर रखा है? इन्हें बेचा क्यों नही? बैंक का ब्याज लगे जा रहा है.....आखिर तू चाहता क्या है? क्या ब्लागिंग से तेरा पेट भर जायेगा? बोल......
रामप्यारे बोला - ताऊ बात यह है कि मैच फ़िक्स तेल के अलावा कोई तेल नही बिक पाया और कीमत इतनी ज्यादा थी कि कोई खरीद दार नही मिला. आजकल जब से रूपया गिरा है बाजार में बहुत ही कम खरीद दार बचें हैं ज्यादातर फ़ेसबुक मेले में ही भीड रहती है.
ताऊ बोला - रामप्यारे, तू नु कर.....इन तेलों पर एक शानदार सी स्कीम चला दे, माल देखते देखते ही खत्म हो जायेगा....
रामप्यारे बोला - हां ताऊ ये तो ठीक है पर स्कीम में घाटा हो जायेगा. स्कीम का सारा माल खुद के पास से देना पडेगा....
ताऊ बोला - रामप्यारे, तू निरा गधा ही रहेगा.....स्कीम चलाकर यदि माल खुद के पास से देना पडा तो फ़िर हम काहे के और किसके ताऊ? जैसा मैं कहता हूं तू वैसा कर. मेले में एक्जीबिशन लगवा और लगातार घोषणा करते रहना कि ताऊ तेल की हर शीशी में ग्यारंटेड इनाम खुलेगा. और महंगी वाली 5 मोटर बाईक भी इनाम में खुलेंगी.... ..... और सुन ...ये तेरी नई मोटर साईकिल लाकर आज वहीं खडी करवा देना जिसे देखकर मोटर बाईक की आस में जनता सारा माल खरीद लेगी.
रामप्यारे बेचारा मुश्किल से Ducati की मोटरसाईकिल खरीद कर लाया था. ताऊ द्वारा इसी को इनाम में
दिये जाने की बात सुनते ही वह बिदक गया और बोला - ताऊ इसमे तो बहुत घाटा हो जायेगा.....और फ़िर मेरी बाईक ही इनाम में क्यों दे रहे हो? बडी मुश्किल से तो मैने ये खरीदी है.
ताऊ बोला - रामप्यारे घाटा कुछ नही होगा और तेरी बाईक भी तेरे पास ही रहेगी. अब जैसा मैं कहता हूं वैसा कर....गोदाम में पडा ताऊ तेल का सारा माल निकल जायेगा और ये समझले कि अगले चुनाव का खर्च भी इसी से निकल जायेगा. ....अबकी चुनाव में खर्चा भी बहुत ज्यादा होने वाला है.
रामप्यारे ने ताऊ के कहे अनुसार ताऊ तेल की हर शीशी के अंदर एक एक इनामी कूपन डलवा दिया जिसमें हर शीशी में दो दो रूपये वाले बिस्किट, कंघे, शेंपू की पुडिया इत्यादि का शर्तिया इनाम वाला कूपन डला था....पर उसमे किसी भी शीशी में मोटर बाईक वाला इनामी कूपन नही डलवाया.
मेले में यह घोषणा जोर शोर से की गई थी कि ताऊ तेल की शीशी में पांच Ducati मोटर बाईक भी इनाम में निकलेंगी, सो देखते ही देखते लोग बाग टूट पडे. एक की जगह दस दस शीशींया खरीद कर वहीं सील तोड कर अपनी इनाम का कूपन देखते पर बिस्किट, कंघे, शेंपू इत्यादि के अलावा इनाम में कुछ नही निकलता. मोटर साईकिल के लालच में लोगों ने जमकर ताऊ तेल खरीदा पर मोटरसाईकिल किसी को भी नही मिली....अब उसमें मोटर बाईक वाला कूपन डला होता तो बाईक निकलती....इस तरह जनता के लालच में ताऊ का आधा माल तो दोपहर तक बिक गया पर किसी को भी 2 रूपये से ज्यादा वाला इनामी कूपन नही खुला.
अब रामप्यारे आकर बोला - ताऊ आधा माल बिक गया पर अब जनता माल खरीदने नही आ रही है शायद जनता जान गई है कि इसमे मोटर बाईक वाला कूपन डला ही नही है.
ताऊ बोला - रामप्यारे, यदि तुझमें अक्ल होती तो तू ताऊ होता.....अब देख तमाशा....अब इनाम खुलेगा और फ़िर से भीड टूट पडेगी, शाम तक बाकी बचा माल भी खत्म हो जायेगा.
ताऊ ने रामप्यारी को बुलाकर उसके हाथ में मोटरबाईक वाला कूपन पकडाया और उसे जाकर ताऊ तेल की शीशी खरीदने को कहा और उसे अच्छी तरह समझा दिया कि शीशी खरीदते ही यह कूपन दिखाना... ...
रामप्यारी ने वैसा ही किया और चारों तरफ़ खबर फ़ैल गई कि मोटर बाईक इनाम में खुल गई...बस फ़िर क्या था, रामप्यारी को मोटर बाईक दे दी गई, मोटर बाईक थोडी देर बाद रामप्यारी पिछले दरवाजे से वापस ले आई और फ़िर से वहीं इनाम में खडी कर दी गई. शाम तक ताऊ के आदमियों को वही अकेली मोटर साईकिल पांच बार इनाम में खुली. इधर जैसे जैसे मोटरसाईकिल इनाम में खुलती रही, जनता दुगुने जोश से खरीदी करती रही, शाम तक ताऊ तेल की एक भी शीशी स्टाक में नही बच पाई.
marketing ka sabse chaaloo fanda.
ReplyDeleteRaam raam tau ji..
:)
अच्छा !हमें तो पता भी नहीं था कि ये सब होता है!
ReplyDeleteहा हा हा, बहुत खूब, मज़ा आ गया पढ़कर , बस ये कहो की, मुर्गे हलाल होने के लिए घूमते है करने वाला चाहिए, आभार
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शुक्रवार (28-06-2013) को भूले ना एहसान, शहीदों नमन नमस्ते - चर्चा मंच 1290 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
लगता है, ब्लागिंग की दुनिया में इसी डुकैटी के चक्कर में बहुत से आ गए थे पर उन्हें अब पता चला कि वे तो यूं ही तेल पे तेल ख़रीदे जा रहे थे :-)
ReplyDeleteइनामी योजनाओं की अच्छी पोल खोली ताऊ श्री :)
ReplyDeleteभगवान सच में किस किस की सुनेंगे ?
ReplyDeleteउनका दिमाग भी आजकल सुन्न हो गया होगा :)
ताऊ, एक शातिर व्यापारी की तरह आपने अपना स्टॉक बेच ही दिया न बाईक का लालच देकर ? ग्राहकों के मनोविज्ञान से अच्छे परिचित लगते है !
ReplyDeleteसटीक व्यंग ...
ताऊ तो बहुत शातिर व्यापारी निकला !!
ReplyDeleteराम राम !!
पैसे कमाने का धाँसू आइडिया देने हेतु शुक्रिया, ताऊ ! :)
ReplyDeleteइनामी स्कीम की असलियत बता दी ...बढ़िया व्यंग्य
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति.सटीक व्यंग
ReplyDeleteअच्छा हुआ स्टॉक ख़त्म हो गया , इनमे हमारे काम का तेल तो एक भी नहीं था। :)
ReplyDeleteतुलनात्मक अध्ययन और शोध कार्य से न ब्लॉगिंग में भीड़ रही , न फेसबुक पर। सब कन्नी काट लिए।
ReplyDeleteहा हा लगता है मास्टरी है इस काम में ताऊ को ...
ReplyDeleteइब तो हर प्रोडक्ट ऐसे ही बिकेगा ...
बहुत सुन्दर व्यंग आभार
ReplyDeleteताउ जी कभी यहॉ भी पधार कर विश्लेषण करें
MY BIG GUIDE
विण्डोज 8 के बाद अब विण्डोज 8.1 फ्री डाउनलोड कीजिये अभी
चिंतनीय स्थिति और विचारणीय आपके लेख से संबल मिला अभी हौसला रखा जायेगा
ReplyDeleteक्या कहने तेल बिक भी जाएगा और पुब्लिक को तेल लग भी जाएगा घर का माल घर में , अब ताऊ सफल व्यापारी बन गए है...
ReplyDelete
ReplyDeleteवाह बहुत खूब !एक के साथ एक फ्री का फलसफा समझा गया ताऊ सा .हर शीशी के साथ इनाम .सेल वालों से पूछों किस ख़ुशी में इतने का माल इतने में मिल रहा है क्या भाभी के लड़का हुआ है या कांग्रेसी राजकुमार मान गए हैं प्रधान मंत्री बनने की हामी भर दी है .वैसे बनेगें नहीं जनता का मान भी आखिर कोई चीज़ है .
ताउजी मैं तो आपके चरण धोकर पी लूं. वाह क्या धांसू आईडिया दिया है. सोच रही हूँ कि आज ही बिजनेस शुरू करू और आपको अपना बिजनेस कंसल्टेंट बना लूं. :)
ReplyDeleteअब नकली तेल का एक ड्रम मंगाले ताऊ , वह भी ख़तम हो जाएगा और मोटरसायकिल वहीँ की वहीँ ..
ReplyDeleteहमने एक यूनियन बनायी है , जो तुम्हे एक्सपोज करेगी ताऊ ..
हेरा फेरी हो बर्वाद
ताऊ पूरा हो बर्वाद
बेईमानी नहीं सहेंगे
ताउगीरी नहीं सहेंगे
ताऊचमचे हों बर्बाद
हों बर्वाद हों बर्वाद
सब कह डाला खरा खरा ...
ReplyDeleteअच्छी पोल खोल इनामी स्कीमों की...बहुत बढ़िया...
ReplyDeleteदो टूक तप्सरा है बिंदास अंदाज़ हैं आज के हालात का ताऊ सा उवाच ....शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का .
ReplyDeleteहा हा हा, पढ़कर आनन्द आ गया।
ReplyDeleteसच! आनंद आया..
ReplyDeleteमज़ेदार पोस्ट ....वैसे अक्सर होता भी तो यही है ...!!
ReplyDeleteताऊ का तेल कब तक निकलता रहेगा
ReplyDeletepm awas yojana
ReplyDeleteअपने बहुत ही अच्छी जानकारी साँझा की है आपके इस पोस्ट को पढ़कर बहुत अच्छा लगा और इस ब्लॉग की यह खास बात है कि जो भी लिखा जाता है वो बहुत ही understandable होता है. Keep It Up
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