ताऊ महाराज धृतराष्ट्र का हस्तिनापुर की जनता के नाम संदेश

चारों तरफ़ आर्थिक विकास दर को लेकर हल्ला मचा हुआ है. शेरसिंह जी (शेयर मार्केट) लंगडा आम हो गये हैं. ऐसे में सबने  महान शासक व  अर्थशाश्त्री ताऊ धृतराष्ट्र को घेर कर आरोप लगाना शुरू कर दिया है. आप जानते हैं कि ताऊ धृतराष्ट्र महाराज ना कभी गलत बोलते हैं और ना ही कभी गलत करते हैं. और गलत देखना तो महा पाप समझते हैं, इसीलिये आंखों पर प्रभु श्रीराम द्वारा प्रदत  काला चश्मा हमेशा चढाये रहते हैं.  जो भी बोलते हैं, करते हैं, देखते हैं वो  सब इमानदारी से, कहीं कोई बेईमानी का भाव नही  हैं.

पर महाराज की नीतियों की आलोचना होते देखकर  महारानी ने उन्हें डांटते हुये जनता के सामने बयान देने को बाध्य कर दिया. अत: महाराज ने महल की प्राचीर से जनता को संबोधित करते हुये कहा:-

ताऊ महाराज धृतराष्ट्र महल की प्राचीर से प्यारी जनता को संबोधित करते हुये


मेरी प्यारी प्यारी आंखों की दुलारी जनता, मैं आपका सेवक हूं और आने वाले युगों तक आपका सेवक ही रहूंगा. विपक्ष बिना सोचे समझे, सिर्फ़ मुझे बदनाम करने की नियत से हो हल्ला मचाता है. हम विकास दर कैसे बढायें? इसकी राह में सबसे बडा रोडा विपक्ष है, वो संसद चलने ही नही देता फ़िर असली विकास तो दूर बल्कि विकास की बात ही नही हो सकती.

प्यारे भाईयो, वैसे भी आप भुलावे में नही आयें, मैं जो कुछ भी बोल रहा हूं वह सौ प्रतिशत सच बोल रहा हूं, प्रभु श्रीराम का भक्त हूं, बिल्कुल रामराज्य जैसा शासन चला रहा हूं. मुझे यह बताईये कि  जब विकास दर 9/10  प्रतिशत थी तब क्या सबको रोटी, कपडा, मकान, बिजली पानी और सडक मिली थी? मुझे यह स्वीकारने में कोई हिचक नही है कि  देश की अधिकतर जनता तब भी भूखी थी और आज पांच प्रतिशत विकास दर में  भी भूखी है.

पुरातन काल में जब दस फ़ीसदी के आसपास विकास दर थी तब बडी बडी गगनचुंबी इमारते, महंगी कारें, ऐशोआराम के कीमती सामान  आ गये. पर उस समय भी मजदूर और काम वाली बाईयां आज के ही हालात में थी. यानि उनकी जो हालत दस फ़ीसदी विकास दर में थी वही आज पांच फ़ीसदी में भी  है तो फ़िर यह हल्ला क्यों?

मेरी प्यारी जनता, आप यह समझ लें कि यह हस्तिनापुर अमीरों के लिये  अमीर ही चलाते हैं. आप जानते हैं कि हमने विकास दर बढाने के लिये आपकी जमीने कब्जे में लेकर एयरपोर्ट और सडकें मुहैया करवायी जिनके चलते विकास दर बढी थी. मुझे यह स्वीकार करने में खुशी हो  रही है कि हमने उच्च विकास दर हासिल करने  के लिये पुल, सडके, ऐशो आराम की हर चीज आपको उपलब्ध करवायी है. यह अलग बात है कि इस उच्च विकास दर की वजह से प्याज सिर्फ़ चालीस पचास रूपये किलो और आलू पच्चीस तीस रूपये किलो ही हुआ है. नकली  दूध की समस्या को दूर करने के लिये हमने मिल्क पाऊडर उपलब्ध करवाया है. इस मिल्क पाऊडर ने भी विकास दर बढाने में काफ़ी मदद की है, यह अलग बात है कि गरीब बच्चों के मुंह से दूध का घूंट छिन गया है. पर उच्च विकास दर प्राप्त करने के लिये देश के बच्चों को इतनी सी कुर्बानी तो देनी ही पडेगी.

प्यारी जनता, हमें मालूम है कि नक्सल वाद या अन्य क्राईम में बढोतरी हुई है और इसका मूल कारण खेती बाडी का खात्मा करके आलीशान इमारते सडकों का निर्माण कर पाई गई उच्च विकास दर ही थी.

प्यारी जनता आप चिंता नही करें, ये विकास दर के आंकडे मात्र छलावा हैं, इन्हें जब चाहे, जैसे चाहे, लोगों को बरगलाने के लिये किया जाता है. यदि थोडे समय के लिये ये आंकडे यहीं पडे रहें तो भी आपकी सेहत पर कोई असर पडने वाला नही है.

प्यारे प्रजा जनों, इस विकास दर से गम या खुशी मनाने का कोई कारण नही है यह तो सिर्फ़ लोगों को बेवकूफ़ बनाने का एक तरीका मात्र है. इससे डरने या मातम मनाने की कोई आवश्यकता नही है.

प्यारे प्रजा जनों, आपकी जो स्थिति महान लेखक प्रेमचंद के पात्रों होरी धनिया व भीकू की थी,  मैं आपकी वही स्थिति हमेशा बरकरार रखूंगा, यह मैं आपसे वादा करता हूं,   आप निश्चिंत रहें और हस्तिनापुर  निर्माण के अपने अपने कार्य में लग जायें, यानि जो चोरी करता है वो चोरी करे, डकैत ड्कैती डालें, भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार करें, सट्टे वाले सट्टा करें, ट्क्स चोर कर की चोरी करें, रिश्वत खोर जम कर रिश्वत खोरी करें....पर सब काम बिल्कुल इमानदारी से करें जिससे हमारे प्यारे हस्तिनापुर का नाम इस दुनियां में रोशन हो जाये और सब हमारी मिसाल देतें रहें.

जय हस्तिनापुर...जय ताऊ महाराज.

Comments

  1. ताऊ यह तो जबरदस्त चुनावी भाषण था ,कहीं आप चुनाव लड़ने तो नहीं जा रहे हैं ?
    latest post मंत्री बनू मैं
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    1. ताऊ चुनाव लडे बिना ही शासनाध्य्क्ष बन सकते हैं तो फ़िर चुनाव लडने की क्या जरूरत है?:)

      रामराम.

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  2. भले ही विकासशील देशों में हस्तिनापुर का नाम हो किन्तु आज प्रजा जानती है भीतर के हालात कैसे है ! माना की एक समय था अर्थशास्त्री ताऊ महाराज के सुझबुझ की उनकी ईमानदारी आर्थिक विकास की लोग प्रशंसा किया करते थे, आज वही ईमानदारी सवालों के कटघरे में खड़ी है !
    @ प्यारे प्रजा जनों, आपकी जो स्थिति महान लेखक प्रेमचंद के पात्रों होरी धनिया व भीकू की थी, मैं आपकी वही स्थिति हमेशा बरकरार रखूंगा, यह मैं आपसे वादा करता हूं,
    वादा करने की जरुरत नहीं बस यही दौर चल रहा है ! काला चश्मा स्वयं महाराज ने नहीं हम प्रजा ने पहन लिया है !

    बढ़िया व्यंग .....आभार !

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    1. आपने व्यंग को सही परिपेक्ष्य में समझा, आभार आपका.

      रामराम.

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  3. ताऊ और खादी वस्त्र ...
    खुदा खैर करें !!!

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    1. खुदा क्या? अब तो ताऊ ही खैर करेंगे.:)

      रामराम.

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  4. जय ताऊ महाराज धृतराष्ट्र की !!

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    1. जयकारा लगाने के लिये आभार.:)

      रामराम.

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  5. जब सब विकास की अपनी अपनी परिभाषा बना लें तो हम किसका विकास करें।

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    1. अब किसी के हाथ में कुछ नही है, यहां तक की ताऊओं के हाथ से भी बात निकल चुकी है.:(

      रामराम.

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  6. आपकी सर्वोत्तम रचना को हमने गुरुवार, ६ जून, २०१३ की हलचल - अनमोल वचन पर लिंक कर स्थान दिया है | आप भी आमंत्रित हैं | पधारें और वीरवार की हलचल का आनंद उठायें | हमारी हलचल की गरिमा बढ़ाएं | आभार

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  7. एकदम ठीक लिखा है, जनता जिस काबिल है वही तो मिलेगा।

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    1. सही कहा आपने, आखिर जनता की भी कोई कम गलतियां और उदासीनता कम नही है. बात समझने के लिए आभार.

      रामराम.

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  8. जनता जिस काबिल है वही तो उसे मिलता है।

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  9. ताउजी रामराम बहुत खूब बहुत सुन्‍दर
    कभी यहॉ की पधार कर अनुग्रहित करें
    नई पोस्‍ट
    क्‍या आपको अपना मोबाइल नम्‍बर याद नहीं

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  10. ओह!यह कैसा लोकतंत्र है ?कैसा देश है जिस में बच्चों के मुंह से दूध छीन कर विकास दर बढ़ाई जाती है और लोग चुप रहते हैं.
    कोई शक नहीं प्रेमचन्द के धनिया और भीकू आज भी जिंदा हैं.
    प्यारी प्रजा के लिए यह प्यार भरा सन्देश उनकी समझ आ गया होगा .
    अब भी समय है वर्ना भविष्य अंधकारमय है.

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    1. अब समय क्या करेगा? अंतहीन कालचक्र में फ़ंस चुकी है गाडी. अब तो आवो और फ़सल काटो वाला सिद्धांत बच गया है.

      रामराम.

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  11. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (05-06-2013) के "योगदान" चर्चा मंचःअंक-1266 पर भी होगी!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  12. ताऊ आप राजनीती में आये तो मेरा वोट पक्का ...........रामराम

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    1. हा हा हा...आभार आपका.

      रामराम.

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  13. यही सच है - जो हो रहा है डंके की चोट पर स्वीकार लेना ही उचित है !

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    1. अब महाराज भी क्या करें? और कोई उपाय भी नही है.:)

      रामराम.

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  14. ताऊ महाराज की जय हो! अगला भाषण कहाँ और कब होगा और उस का प्रकाशन प्रसारण समय तिथि भी बता दें।ये बंदा हाजिर रहेगा।

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    1. महाराज के भाषण तो कभी कभार ही होते हैं जब गले में फ़ांस अतक जाती है तब.:)

      रामराम.

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  15. वाह महाराज क्‍या बात है। बात आपकी गले उतर गयी है। अगली बार वोट आपको ही देंगे।

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    1. बात समझने के लिये आभार.

      रामराम.

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  16. जोरदार तालियाँ ताऊ के लिए।
    सही नेतावी भाषण दिया है।

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    1. हा हा हा...नेताओं में इतना कटु सत्य बोलने की हिम्मत कहां?:)\

      रामराम.

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  17. बातों ही बातों में आपने बिगुल फूंक दिया

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    1. कहीं से तो शुरूआत हो.:)

      रामराम.

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  18. बातों ही बातों में आपने बिगुल फूंक दिया

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  19. सत्य वचन महाराज!

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  20. ज़बरदस्त व्यंग्य ........जय हो ताऊ जी ...राम राम

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  21. मेरा वोट पक्का .. आपके नाम ...

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