भले साकी न दे, ताले बिना एक मयकदा दे दे !



वक्त इक मौज का दरिया है, आता है चला जाता 
ले   मौज तू दुनिया की, गुजरा समय  नहीं आता !
                              *****

खुदा से चार दिन लेकर ,  तेरी औकात ही क्या है  ?  
अगर कट जाएँ मौजों में, भला सौगात ही क्या है !
                              *****  

मज़े हैं जिंदगानी के,कि जब तक सांस चलती है 
जिन्हें लेना है मौजें वे,     भगे हालात से कब हैं !
                             *****

वह मांगते सौ साल , अपनी  उम्र के, रब से
हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे ! 
                            *****

अँधेरी रात में मौला , मेरे  दामन में  कुछ दे दे !
भले साकी न दे, ताले बिना एक मयकदा दे दे !  

Comments

  1. वक्त इक मौज का दरिया है, आता है चला जाता
    ले मौज तू दुनिया की, गुजरा समय नहीं आता !
    हम तो मौज लिए बिना एक पल भी गुजरने नहीं देते अब दुनिया की वही जाने हमें पता नहीं !

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  2. खुदा से चार दिन लेकर , तेरी औकात ही क्या है ?
    अगर कट जाएँ मौजों में, भला सौगात ही क्या है !
    जीवन के ये चार दिन ,इससे बड़ा उपहार कोई हो नहीं सकता !

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  3. मज़े हैं जिंदगानी के,कि जब तक सांस चलती है
    जिन्हें लेना है मौजें वे, भगे हालात से कब हैं !
    हम तो हर हाल में डट कर खड़े है ,भागे नहीं हालातों से जागे !

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  4. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !
    सौ सालसे अधिक एक खुबसूरत लम्हा काफी है
    जो अभी है यही है !

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    1. आपने सभी शेरों का वास्तविक मर्म समझा है, बहुत आभार.

      रामराम.

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  5. अँधेरी रात में मौला , मेरे दामन में कुछ दे दे !
    भले साकी न दे, ताले बिना एक मयकदा दे दे !
    याने की चौबीस घंटे खुला रहे ? वाह आप तो पियक्कड़
    लगते है :)

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    1. और क्या ऐसा वैसा समझ रखा है ...

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    2. सुमन जी, हम पक्के पियक्कड हैं, ऐसी वैसी नही पीते, ऊपर वाले की पीते हैं जिसका नशा कभी उतरता ही नही है.:)

      रामराम.

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  6. उस प्रतियोगिता का क्या होगा :) ?

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    1. आगे आगे देखिये होता है क्या ??

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    2. ताऊ की प्रतियोगिताएं समय अनुसार चलती हैं, अब से सब गुप्त रूप से होंगी क्योंकि एक प्रतियोगिता "अंतरार्ष्ट्रीय ब्लोगर शिरोमणि" तो सतीश जी ने आज ही हाईजैक कर ली है.:)

      रामराम.

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  7. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे ! waah

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  8. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !
    एक खूबसूरत लम्‍हे की क्‍या बात है .... बहुत खूब

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  9. आनंद आ गया ताऊ, नयी विधा में ।

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  10. खुदा से चार दिन लेकर , तेरी औकात ही क्या है ?
    अगर कट जाएँ मौजों में, भला सौगात ही क्या है !

    वाह ! यही जिंदगी का सार है।
    बहुत बढ़िया।

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  11. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !

    वाह वाह....दाद कबूल करें...

    सादर
    अनु

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  12. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !

    सुन्दर भाव ...सुन्दर रचना ...

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  13. लम्हा न आया जो चाहा,
    हर लम्हा जिन्दगी कर दे।

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    1. सही कहा प्रवीण जी, आभार.

      रामराम.

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  14. वाह! ताऊ भाई जी वाह! सही कहा..
    वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !

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  15. ताऊ यार ,
    मौजां ही मौजां !!

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    1. हा हा हा..आपकी मेहरवानी है.

      रामराम.

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  16. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल शुक्रवार (14-06-2013) के "मौसम आयेंगें.... मौसम जायेंगें...." (चर्चा मंचःअंक-1275) पर भी होगी!
    सादर...!
    रविकर जी अभी व्यस्त हैं, इसलिए मंगलवार की चर्चा मैंने ही लगाई है।
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  17. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !
    क्या बात है!
    बहुत खूब .सभी शेर अच्छे लगे..

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  18. हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !

    ला-जवाब!!

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  19. मज़े हैं जिंदगानी के,कि जब तक सांस चलती है
    जिन्हें लेना है मौजें वे,भगे हालात से कब हैं !
    - विभिन्न पात्रों के रोल और एक जीवन -कोई भाग कर जायेगा तो कहाँ !

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  20. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !

    गहरा ,उम्दा !

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  21. वक्त इक मौज का दरिया है, आता है चला जाता
    ले मौज तू दुनिया की, गुजरा समय नहीं आता !

    हर एक शेर लाजवाब ....
    साभार !

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  22. ये ताऊ ने लिखा है ...मन्ने पूरा डाउट है , ताऊ नहीं कोई बहरूपिया है :)
    गज़ब !

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    1. हा हा हा...अभी तक ताऊ के पास चोर, उठाईगिरा, डाकू, बेईमान, फ़रेबी जैसी ही डिग्रियां थी आपने तो एक और डिग्री से नवाज दिया. अब से ताऊ चोर, उठाईगिरा, डाकू, बेईमान, फ़रेबी के अलावा बहरूपिया भी कहलायेगा.:)

      यानि अब "ताऊ CUDBF" की जगह "ताऊ CUDBFR" हो गया है.आभारी हूं यह डिग्री पाकर, कृपया सर्टीफ़िकेट जल्दी भिजवाईयेगा.:)

      रामराम.

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  23. ताऊ आप सिरियस कबसे हो गए ? वैसे पांचो शेर चुराने लायक है. लेकिन आपकी शायरी ने हमारे दिल चुरा लिया.
    latest post: प्रेम- पहेली
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  24. ताऊ ऊ ऊ..
    वह चाबी मुझे दे दे !!

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    1. चाबी? कौन सी चाबी? चाबी गुम हो गई है.:)

      रामराम.

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  25. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !
    *****
    बस एक लम्हा काफी है ..... बहुत खूबसूरत गज़ल .....

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  26. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !
    ...लाज़वाब!

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  27. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !
    *****

    अँधेरी रात में मौला , मेरे दामन में कुछ दे दे !
    भले साकी न दे, ताले बिना एक मयकदा दे दे !

    क्या गुजारिश है .शुक्रिया आपकी बेहतरीन पोस्ट का ,टिप्पणियों का .

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  28. अँधेरी रात में मौला , मेरे दामन में कुछ दे दे !
    भले साकी न दे, ताले बिना एक मयकदा दे दे ! ------

    वाह ये हुई न कुछ मन की बात
    काश ऐसा हो जाये
    राम कसम मजा आ जाये
    बहुत खूब भाई जी
    सादर

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  29. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे ! ..

    वाह क्या बात है ताऊ श्री ... सच तो यही है .. की एक लम्हा जीवन का खूब्रूरत हो जाए तो उसकी यादें काफी होती हैं उम्र भर के लिए ...
    नया अंदाज़ रंग ला रहा है ..

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  30. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !
    kya baat hai ham to kaayal hain aapke lekhan men ab ghaayal ho gaye nazm0n se

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  31. शुक्रिया आपकी टिपण्णी का इस सुन्दर बंदिश ने मन मोह लिया रागबद्ध कर लिया .

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  32. वह मांगते सौ साल , अपनी उम्र के, रब से
    हमें रब खूबसूरत एक लम्हा ही,अता कर दे !

    Waah..Lajawab...Ghazab

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  33. आपके दोहे बहुत अच्छे लगे, ताउजी :)

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  34. kahane ko to maikhanon me mai bahut hai .
    lekin maikashi ka maja to tab hai jb koyee tishngi mita de.

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