ताऊ शनीचरी पहेली राऊंड २ (अंक - १)

प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरै की घणी राम राम. आज से ताऊ पहेली का दुसरा राऊंड शुरु कर रहे हैं. इस राऊंड मे सब कुछ पहले जैसा ही है. आज से राऊंड दो की मेरिट लिस्ट बिल्कुल अलग बनेगी.

 

कुछ और बाते जो जरुरी हैं उनकी घोषणा हम नीचे किये दे रहे हैं. कृपया ध्यान पुर्वक पढने की कृपा करें.

 

चुनाव का समय है सो हम अपनी थोडी बहुत जिम्मेदारी अपने कुछ सहयोगियों को सौंप रहे हैं. जिससे सब काम यथा संभव आराम से चल सके. क्योंकि हमको सैम को चुनाव लडने मे समय देना पडेगा.

 

१. शनीवार को इस पहेली का प्रकाशन पुर्ववत सूबह ७ बजे होगा. पहेली का संचालन हम स्वयम करेंगे.

 

२. बोनस सवाल अब से हमारी रामप्यारी पूछा करेगी. जो कि जब भी पूछा जायेगा वो ३० नम्बर का ही होगा. इस विषय का स्वतंत्र प्रभार रामप्यारी के पास रहेगा. आपको जो भी सवाल जवाब इस बारे मे करना है वो आप स्वतंत्र रुप से रामप्यारी से ही करें. वो हर निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र है.

 

३. पहेली के जवाब का समय अब २५ घंटे का कर दिया गया है. यानि शनीवार सूबह ७ बजे इसका प्रकाशन होगा और ठीक २५ घंटे बाद यानि रविवार सूबह आठ बजे के बाद के जवाब किसी भी हालत मे स्वीकार नही किये जायेंगे. और ना ही उसके लिये कोई अंक दिये जायेंगे.

 

कृपया ध्यान रखे कि नियम ३ का पालन सख्ती से किया जायेगा. क्योंकि पिछले राऊंड मे कुछ प्रतिभागियों ने इस पर ऐतराज भी ऊठाया था. और हमको रिजल्ट तैयार करने मे भी समय लगता है.

 

४. पहेली का जवाब अब सोमवार की ताऊ साप्ताहिक पत्रिका के बजाये रविवार शाम को ही रिजल्ट तैयार होते ही प्रकाशित कर दिये जयेंगे. जिसमे सिर्फ़ रिजल्ट और मेरिट ही रहेगी.

 

५. पहेली की जवाबी पोस्ट यानि रविवार को रिजल्ट तैयार करने की जिम्मेदारी बिनू फ़िरंगी निभायेंगे. बीनू फ़िरंगी काफ़ी पढे लिखे हैं. प्रथम राऊंड मे भी इन्होने काफ़ी सहयोग दिया है सो इस दुसरे राऊंड मे इनको स्वतंत्र प्रभार दिया जा रहा है.

 

६. सोमवार की ताऊ साप्ताहिक पत्रिका मे संपादक की बात, सु. अल्पना जी का " मेरा पन्ना", सु सीमा जी का स्तम्भ "मेरी कलम से" और श्री आशीष खंडेलवाल का कालम यथावत रहेगा. यानि रिजल्ट वाला भाग इस पत्रिका से हटाकर स्वतंत्र रुप से रविवार को बीनू फ़िरंगी करेंगें.

 

यह निर्णय इस लिये लिया गया है कि सोमवार की पोस्ट काफ़ी बडी होने से उसकी फ़ीड मिलने मे दिक्कते आ रही थी.

 

 

आईये अब ताऊ शनीचरी पहेली के राऊंड दो के अंक एक का आगाज करते हैं. नीचे का चित्र देखिये और बताईये इसके बारे में?

 

 

round2 

             पहचानिये ये क्या है?

 

 

याद रखिये कि इसका जवाब कल सूबह ८ बजे यानि रविवार सुबह आठ बजे के पहले देना है. उसके बाद का जवाब मान्य नही होगा. हां आपकी कोई मनोरंजक टिपणि होगी तो वो छपते छपते मे जरुर शामिल की जा स्कती है. पर किसी भी तरह के मार्क्स नही दिये जायेंगे.

 

 

 

 

                          अब विशेष बोनस सवाल : -  ३० अंक के लिये.

rampyari

 

          "रामप्यारी का सवाल" 
  




आप सबको  नमस्ते.

मैं हूं आपकी रामप्यारी. मुझे स्कूळ जाना बिल्कुल अच्छा नही लगता. और
खासकर गणित वाली टीचर की क्लास मे तो बिल्कुल भी अच्छा नही
लगता. मालूम है क्यों?

वो ना, उलटे सीधे सवाल फूछती है और नही करके ले जाओ तो चांटे
मारती है. अब मुझे नीचे वाला सवाल बिल्कुल नही आता. अब सोमवार को
मुझे पिटने से आप ही बचा सकते हैं.

बदले मे मैं आपको पूरे ३० नम्बर दूंगी. आपको मुझे पिटने से बचाने का
पुण्य भी मिलेगा और साथ मे नम्बर भी. 

और हां मेरे सवाल का ताऊ की टीपणी मे जवाब मत दिजियेगा. मेरे लिये
आप एक बिल्कुल अलग टिपणी करियेगा. ठीक है ना? तो अब सवाल ध्यान
से सुनिये. और आराम से जवाब दिजियेगा.

***************************************************************************************************

मेरी गणित की टीचर के पास कुल १६ चोक बचे हैं. और वो रोज १ चोक काम मे लेती है. 

और मजे की बात कि जब चोक  १/४ यानि चौथा हिस्सा बाकी रह जाता है
तब वो नया चोक ले लेती है. और बचे हुये चोथे हिस्से को रख देती है.

फ़िर जब बचे हुये चोथे हिस्से के जैसे चार टूकडे इक्कठ्ठे हो जाते हैं तब उन चारों को जोडकर फ़िर एक चोक बनाकर वैसे ही काम मे ले लेती है. 

अब मेरी टीचर पूछ रही है कि रामप्यारी बता - इन १६ चाक से मैं कितने दिन तुम लोगों को पढा सकूंगी?
 
मैने मन ही मन कहा कि भगवान करे एक दिन ही मे पूरा कर लो जिससे हम बच्चों का पीछा छुटे तुमसे. पर उसकी बेंत के डर से मैं ऐसा तो नही बोल सकती ना? और मेरा तो सर दर्द करने लगता है ऐसे सवालों से.

अगर आपको इसका जवाब आता हो तो बताईये ना, मैं पिटने से बच जाऊंगी.

-आपकी रामप्यारी

   


ताऊ की यादों मे :-

हर शम्आ बुझी रफ्ता रफ्ता हर ख्वाब लुटा धीरे - धीरे
शीशा न सही पत्थर भी न था दिल टूट गया धीरे - धीरे

- कैसर उल जाफरी

 

"मुर्ख व्यक्ति ना तो भूलता है और ना ही माफ़ करता है.

भोला भाला भूल भी जाता है और माफ़ भी कर देता है.

मगर समझदार माफ़ तो कर देता है, पर भूलता नही."

 

 

                               

ताऊ पहेली प्रथम राऊंड का परिणाम

प्रिय बहणों और भाईयों. भतिजों और भतिजियों. सबनै आज शुक्रवार की घणी राम राम. आप सब के सहयोग और स्नेह से हमने ताऊ शनीचरी पहेली का प्रथम राऊंड पुर्ण कर लिया है. इस प्रथम राऊंड के दस अंको से प्राप्त सभी प्रतिभागियों की अंकतालिका  हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. आप अपनी मेरिट की स्थिति यहां से जान सकेंगे.

 

आज वैसे तो सैम और बीनू फ़िरंगी की पोस्ट का दिन है. पर सैम को चुनावी टिकट मिल गया है सो वो अपने चुनाव की जमावट मे लगा है. उसने आप सबसे क्षमा चाही है इस बार की अनुपस्थिति की. और अगले सप्ताह से वो ब्लाग-पोस्ट लिखने की कोशीश करेगा. यानि अभी चुनाव उसने जीता नही है पर सारे लटके झटके नागनाथों और सांपनाथों के सीख गया है.  ये तो उसको टिकट दिलवाते समय ही हमे मालूम था सो हमको कोई आश्चर्य नही हुआ.

 

आज बीनू फ़िरंगी थोडा फ़्री है सो हमने उसको कहा कि जरा प्रथम राऊंड का रिजल्ट और सबकी अंकतालिका बनादे. सो बीनू फ़िरंगी ने ये अंक तालिका बना दी है. उसको हम युं का युं प्रकाशित कर रहे हैं. बीनू फ़िरंगी को इसके लिये बहुत धन्यवाद. और हां आज की खूंटा पोस्ट भी बीनू फ़िरम्गी ही लिखेगा.

 

रामराम.

 

----------------------------------------------------------------------------------------------------

 

आदर्णीय देवियों और सज्जनों आप सबको बीनू फ़िरंगी की सादर प्रणाम. मुझ जैसे अदने कद को ताऊ ने यह रिजल्ट बनाने का शौभाग्य प्रदान किया मैं उसके लिये बहुत आभारी हूं. इसके बदले में मैं खूंटे पर ताऊ के खिलाफ़ कुछ नही कहूंगा.

 

सबसे पहले ११ प्रतियोगियों के नाम और नम्बर जो की मेरिट मे सबसे उपर हैं और जिनको ये पात्रता होगी कि वो इस राऊंड के अंको को अगर जरुरत लगी तो अगले राऊंड मे अधिकतम अंकों के बतौर प्रयोग कर सकेंगे.

 

 

                                       प्रथम राऊंड की मेरीट लिस्ट :-

आईये ताऊ पहेली के प्रथम राऊंड के हमारे शीर्ष ११ प्रतियोगियों से आपको मिलवाते हैं... तालियां.....तालियां......तालियां........

 

shubham 






श्री शुभम आर्य ...प्रथम स्थान अंक १०२५ के साथ.....घणी बधाईयां
 






alp01  

सु. अल्पना वर्मा ...द्वितिय स्थान अंक ९७२ के साथ ...घणी बधाईयां


tau ke liye
 


श्री रंजन ....तृतिय स्थान अंक ८७२ के साथ घणी बधाईयां





dksharma vats

प. डी. के. शर्मा "वत्स" ...चतुर्थ स्थान अंक ८४७ के साथ घणी बधाईयां







prakash-govind
 

श्री प्रकाश गोविंद ....पांचवां स्थान अंक ८२६ के साथ घणी बधाईयां.




varun jaisawal
 


 श्री वरुण जयसवाल ...छठा स्थान अंक ८१५ के साथ घणी बधाईयां





seema-gupta-2 

 


सु. सीमा गुप्ता ...सातवां स्थान अंक ७८६ के साथ घणी बधाईयां








smart indian
 



श्री अनुराग शर्मा ( स्मार्ट ईंडियन )... आठवां स्थान अंक ७६८ के साथ घणी बधाईयां







praveen 556452156 
 



श्री प्रवीण त्रिवेदी ....नौवां स्थान अंक ६९३ के साथ घणी बधाईयां





 
samirji 

 



श्री समीरलाल जी (ऊडन तश्तरी)..दसवां स्थान अंक ६६० के साथ घणी बधाईयां






.
nitinji 

 


 श्री नितिन व्यास ग्यारहवां स्थान अंक ६४८  के साथ घणी बधाईयां



 

आईये अब इससे आगे की मेरिट लिस्ट पर नजर डालते हैं.

 

१२. श्री दीपक तिवारी साहब ....६४१

१३. श्री मकरंद ...५६१

१४. सु. रंजना [रंजु भाटिया] ...५५८

१५. श्री राज भाटिया ...५२५

१६. श्री आशीष खंडेलवाल ...५०६

१७. श्री दिलिप कवठेकर ...४८०

१८. श्री विवेकसिंह... ४७७

१९. श्री तरुण... ४५८

२०. श्री पी.डी. ..३६८

२१. श्री मोहन वशिष्ठ... ३४०

२२. श्री दिनेश राय द्विवेदी... २९७

२३. श्री अरविंद मिश्रा... २८३

२४. श्री पी.एन. सुब्रमनियन... २८०

२५. श्री मुसाफ़िर जाट ...२२२

२६. सुश्री पारुल ...१९८

२७. श्री काजल कुमार ...१९७

२८. श्री रतन सिंह शेखावत... १९१

२९. सुश्री पूजा उपाध्याय ( poemsnpuja).. 190

30. श्री. ज्ञानदत्त पांडेय... १८८

३१. श्री सुशीलकुमार छोंक्कर १८१

३२. श्री पिंटू ...१६८

३३. श्री नीरज गोस्वामी...१६६

३४. श्री. दिवाकर प्रताप सिंह ...१६५

३५. श्री. सतीश पंचम ...१५२

३६. श्री. नरेश सिंह राठौड... ११०

३७. श्री विनय ...१०३

३८. श्री नीरज रोहिल्ला... ९९

३९. सुश्री.विधु... ९९

४०. श्री. कुश ... ९६

४१. श्री. अशोक पांडेय... ९५

४२. श्री. शाश्वत शेखर ... ९४

४३. श्री. विक्रांत बेशर्मा...९२

४४. श्री pankaj *AMP Anand... 90

४५. श्री. अनूप शुक्ल...८९

४६. श्री धीरु सिंह... ८९

४७. श्री. दिगम्बर नासवा... ८९

४८ .श्री पंकज रागो... ८९

४९. श्री.ताऊजी ...८९

५०. सु. वर्षा ...८८

५१. श्री मयंक ...८७

५२. सु.पुर्णिमा...८६

५३. श्री अनानीमश... ८५

५४. श्री दिक्षित ...८४

५५. श्री. हे प्रभु ये तेरा पथ...८४

५६. श्री. सागर नाहर...८४

५७. सु. अनुमेहा ...८३

५८. श्री. अनुपम अग्रवाल... ८३

५९. श्री. जीतेंद्र...८३

६०. श्री. सिद्धार्थ शंकर तिवारी...८२

६१. श्री. अनिल पूसदकर...८०

६२. श्री रुद्र तिवारी ...८०

६३. सुश्री.सुनीता शानु...७६

६४. श्री दिलिप गौड...१३

६५. श्री. अंतर सोहिल ...११

६६. श्री. सैय्यद ..११

 

उपरोक्त लिस्ट मे सम्मिलित वो प्रतिभागी हैं जिन्होने बोनस सवाल या किसी भी एक अंक की पहेली का सही जवाब दिया था.

 

आईये अब आपको मिलवाते हैं उन मित्रों से जिन्होने इस प्रथम राऊंड मे हमारा हमेशा उत्साह वर्धन किया है. और उनके उत्साह वर्धन ने हमे इस आयोजन को सफ़ल बनाने मे महत्वपुर्ण योगदान दिया है. हम आप सभी का अतिशय आभार प्रकट करते हैं और भविष्य मे भी आपके महती सहयोग की अपेक्षा रखते हैं.

 

 

श्री गौतम राजरिषी और श्री संजय बैंगाणी ने आठ बार भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आभार आपका. ( क्र. ६७ से ६८ तक क्रमश:)

 

श्री योगिंद्र मौदगिल ने ६ बार , श्री शाश्त्री जी ने ५ बार, श्री अभिषेक ओझा ने ४ बार, श्री अनुराग आर्य ने ४ बार इस प्रथम राऊंड मे हमारा उत्साह वर्धन किया है. बहुत आभार. (क्र. ६९ से ७२ क्रमश:)

 

श्री अंकित ने ३ बार,  श्री भैरव ने ३ बार, सु हरकीरत हकीर ने ३ बार, सु, महक ने ३ बार और श्री परमजीत बाली ने ३ बार भाग लेकर हमारा उत्साह बढाया, आभार आप सबका. (क्र. ७३ से ७७ क्रमश:)

 

श्री अजित बड्नेरकर, श्री आपका ताऊ मैं हूं, श्री बवाल, श्री बृजमोहन श्रीवासत्व, श्री cmpershad, सु,ईंद्राणी, सु, जायका, श्री जीतेन्द्र भगत,सुश्री कविता वाचक्नवी, सु ममता, श्री नीरज गोस्वामी, सु निर्मला, श्री रुक्का आप सबने इस राऊंड मे दो दो बार हमारा उत्साह बढाया . आपका आभार. ( क्र. ७८ से ९० क्रमश:)

 

और श्री अब इन्कन्वेनिएन्ट, सु आकंक्षा, श्री अनिलकांत, श्री दीना नाथ, श्री डा. रुपचंद्र शाश्त्री मयंक, सु कामोद, सु. लावण्या अंतर्मन, सु. लवली कुमारी, श्री मदारी, सु. Mired Mirage, सु. निलीमा सुखीजा अरोडा, Osho4 U, सु. पल्लवी त्रिवेदी, श्री पिल्लुरा, श्री प्रदीप मनोरिया, श्री प्रकाश बादल, श्री प्रताप, श्री रामखिलावन, सु. संगीता पुरी, सत्यानाशी डाट काम, सु. साईंस ब्लागर्स एसोशियेशन, श्री  विजय शंकर चतुर्वेदी, श्री विजय कुमार सप्पाट्टी,

और श्री जाकीर अली रजनीश ने एक एक बार हमारा हौंसला बुलंद किया. आप सभी का अनन्त आभार. (क्र. ९१ से ११४ तक क्रमश:)

 

तो अब कल शनीवार से हम दुसरा राऊंड शुरु करने जा रहे हैं. कल से नये सिरे से मेरीट लिस्ट शुरु होगी. यह सिर्फ़ दुसरे राऊंड के लिये होगी. तो अब आप चूकना मत. कल सूबह ठीक ७ बजे हमारे दुसरे राऊंड की पहेली का प्रकाशन होगा.

 

धन्यवाद. भूल चूक लेनी देनी.

 

आपका सबका

 

बीनू फ़िरंगी.

 

 


इब खूंटे पै पढो :-

खूंटे पर आप सबको बीनू फ़िरंगी की रामराम. मैं आपको बहुत ही अंदर की बात बता
रहा हूं. आप ताऊ को बताना मत वर्ना मेरे को दुबारा पोस्ट लिखने नही देगा.

ये बात है बहुत पुरानी. राज भाटिया जी , योगिंद्र मौदगिल जी, और ताऊ ये तीनों एक ही स्कूळ मे पढने जाया करते थे. अब ये तो आप जानते ही होंगे कि इन लोगों का पढने लिखने से कोई लेना देना नही था. बस घर वालों को बेवकुफ़ बनाया करते थे पढाई के नाम पर.

एक बार परिक्षा वाले दिन भी तीनों ने तडी मार दी और परिक्षा देने भी नही गये.
जब उनको पता चला कि ये परिक्षा तो फ़ायनल एक्जाम थी और अब फ़ेल ही हुये समझो. तब  तीनों थोडा घबडाये और एक प्लान बनाया.

तीनों ने रोनी सूरत बना ली और हैडमास्टर के दफ़्तर मे पहूंच गये. वहां जाकर
बोले कि - मास्साब, ताऊ की नानी मर गई थी सो हम लोग  वहां गये थे और परिक्षा देने एक  किराये की कार करके आरहे थे. पर रास्ते मे कार का टायर घणी जोर से पंक्चर हो गया इस लिये समय पर नही आ पाये परीक्षा देने. आप कृपया हमारी परिक्षा किसी और दिन लेलो जी.

हैड मास्टर इन तीनों ऊत छोरो को अच्छी तरह जानता था. सो बोला - क्यों नही?
क्यों नही? ताऊ की नानी मरने मे तुम गये थे. मेरी भी श्रद्धांजली है उनको. और बच्चों कोई बात नही. अब तुम्हारी परिक्षा मैं परसों सूबह दस लूंगा.

तीनों खुश होते हुये घर आगये और किताबे हाथ मे पकड कर रट्टा मारने बैठ गये.

परसों नियत समय पर तीनों स्कूळ पहुंच गये. हैड मास्टर तो इन तीनों की रग रग
से वाकिफ़ था. उसने तीनो को अलग अलग कमरे मे बैठा दिया और उनके हाथ मे
पेपर थमा दिया.

पेपर मे तीन सवाल नीचे अनुसार पूछे गये थे. और पास होने के लिये तीनों सवालों का जवाब देना जरुरी था.

प्र. १.  आपका नाम क्या है ?  (२ अंक)

प्र. २. ताऊ की नानी कहां मरी थी? (५ अंक)

           घर में या अस्पताल में?

प्र. ३. गाड़ी का कौनसा टायर पंक्चर हुआ था ? ( ९३ अंक )
      अ.  अगला बायां                ब. अगला दायां
      स.  पिछला बायां                द.  पिछला दायां

  

आपसे निवेदन है कि मैने आपको ये बात बताई है  ये इन तीनों मे से किसी से मत कहना. क्योंकि शर्म के मारे ये तीनों ये किस्सा किसी को भी नही बताते हैं. बस कुछ लोग ही जानते हैं. और आपने मेरा नाम नही बताया तो जब भी मौका मिलेगा मैं आपको एक से बढकर एक किस्से इनके बताता रहूंगा, वर्ना मैं गरीब इस मंदी के माहोल मे मारा जाऊंगा.

वैसे परिक्षा का रिजल्ट आपको मेरे मूंह से सुनने की आवश्यकता भी नही है. आप खुद ही जान गये होंगे.  और उसके बाद इन तीनों की जो पूजा पाठ हुई होगी उसका आप अंदाजा लगा ही लेंगे.

रंजन का साक्षात्कार : ताऊ पत्रिका

जैसा कि आप जानते हैं ताऊ पहेली - ८ के विजेता श्री रंजन थे. हमने उनका साक्षात्कार उनके दिल्ली स्थित निवास पर लिया, वेलेंटाईन दिवस वाले दिन. . जहां  हम सबके  लाडले आदित्य भी यानि ताऊ के पल्टू ने भी साक्षात्कार देने की कोशिश की. पर सिर्फ़  अपनी मस्ती दिखा कर.

 

tau ke liye हम जैसे ही उनके यहां पहुंचे. हमारा स्वागत किया श्रीमती और श्री रंजन ने और साथ ही पल्टू जी भी उनकी गोद मे विराजमान थे. जो हमसे भी जल्दी ही घुल मिल गये.

 

 

हमने सवालों का सिलसिला शुरु किया और बिल्कुल खुले अंदाज मे हमको रंजन जी ने जवाब देने शुरु किये.

 

 

ताऊ : रंजन जी आज वेलेंटाईन डे है. हमको अभी याद आया आपके घर मे ये लाल गुलाबों का गुलदस्ता देख कर. क्या आप इस दिवस से संबंधित कोई वाकया आपके जीवन मे हुआ है?

 

रंजन : ताऊ जी आपने आज बहुत पते की बात पूछी है. और उन्होने श्रीमती रंजन की और देखते हुये पूछा - बता दू क्या?

 

और श्रीमती रंजन मुस्करा कर शरमा गई.

 

ताऊ :  भई क्या बात है? आप दोनो ये क्या बाते कर रहे हो? कुछ राज की बात हमारे पाठकों को भी बतलाईये.

 

रंजन : ताऊ जी ये घटना बडी मजेदार है. हम दोनो का जीवन इसी घटना से शुरु हुआ.

 

ताऊ : कैसे?

 

रंजन : ताऊ जी, बात १४ फरवरी १९९८ की है.. वेलनटाईन डे की..मैं उस समय M.Sc. में पढ़्ता था.. और अपनी कक्षा में ही पढ़ने वाली एक लड़की "अंजु" से दोस्ती करना चाहता था..

 

ताऊ : हां हां आगे बताईये . रुक क्यों गये?

 

रंजन :  असल मे जोधपुर में वेलनटाइन का ज्यादा चलन नहीं था.. और  लदके लड़कियों में दोस्ती भी काफ़ी सीमित थी...तो  मैं उस दिन सवेरे ही कॉलेज पहुचा, हालाकि उस दिन कोई क्लास नहीं थी, कॉलेज लगभग बंद हो गये थे.. परीक्षा कि तैयारी के लिये..

लेकिन मैं अंजु के लिये एक कार्ड हाथ में लेकर पहुँच गया.. थोड़ी देर इधर उधर घूमता रहा..

 

ताऊ : फ़िर आगे क्या हुआ? आपकी कहानी तो कुछ इंटरेस्टेड लग रही है. बिल्कुल फ़िल्मों वाली सिच्युएशन?

 

रंजन :  जी आपने बिल्कुल सही कहा ताऊ जी.  अंजु कहीं दिखाई नहीं दी.. और हिम्मत भी नहीं हो रही थी.. अपने विभाग में गया.. थोड़ी बहुत नेतागिरी कर लेता था कालेज में  तो स्टाफ़ काफी सहयोग करता था ..वहां जाकर  कार्ड पर नाम लिख कर छोड़ आया.. सोचा अंजु तक पहुच जायेगा.

 

ताऊ : हां तो फ़िर पहुंचा या कोई गडबड हो गई? 

 

रंजन : नही गडबड कुछ नही हुई. आप जरा पूरी बात तो सुनिये. मैं फ़िर  विभाग से निकला तो अंजु सामने से आती दिखी.

पास आने पर वह बोली "रंजन, तुमसे जरूरी बात करनी है".. मैंने सोचा अभी तो कार्ड पहुचा ही नहीं पता नहीं क्या कहना है? फिर हम दोनों विभाग कि प्रयोगशाला में पहुचे. तो वहां अंजु ने कहा "रंजन, क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे?"

मुझे तो जैसे मूंह मांगी मुराद ही मिल गई थी. मैने तुरंत कहा "हाँ".. तो उसने अपने बैग से कार्ड और एक गुलाब निकाला और मुझे दे दिया

ये तो मेरी कल्पना के बाहर मेरा सपना पूरा हो गया था.  मैं सोच भी नहीं सकता था की अंजु भी ऐसा चाहती थी. फिर मैंने भी विभाग से कार्ड लाकर अंजु को दे दिया.. और हम सदा के लिये दोस्त हो गये.."friends forever".. ऐसा ही कहते थे हम..

 

ताऊ : वाह भई ये तो बहुत अच्छी बात हुई. खैर अब ये बताईये कि अब तो आपकी शादी भी हो गई और आदि भी आपके जीवन मे आ गया. क्या आपकी वो दोस्त अब भी आपको गुलाब भेजती है क्या? यानि आज वेलेंटाईन डे को भी उसके फ़ूल आये क्या?

 

हमारी इस बात पर रंजन जी ने मुस्करा कर श्रीमती रंजन की तरफ़ देखा और हमको लग गया कि कुछ मामला तो जरुर है.

 

रंजन ने मुस्कराते हुये जवाब दिया  : अब क्या बताऊं? आप जिसे श्रीमती रंजन समझ रहे हैं असल मे ये ही अंजू हैं. हुआ यों था कि  उसके बाद कब ये दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई? पता ही नही चला. मामला अंतरजातीय था. फ़िर थोडी ना नुकुर के  बाद दोनों परिवारों की आपसी  सहमति से सन २००५ में हमने विवाह कर लिया.

 

ताऊ : अच्छा तो ये बात है. अब समझ मे आई यहां रखे लाल गुलाबों के गुल्दस्ते की बात. बहुत बधाई जी आप दोनो को इस वेलेंटाईन डे की. अच्छा अब   आपके परिवार के बारे मे कुछ बताईये.

 

रंजन : ताऊ जी,  परिवार काफी बड़ा है.  पापा मम्मी और हम  चार भाई है, तीन भाई विवाहित है.. मैं सबसे बडा हूँ.. मेरे दो छोटे भाई पेशे से "चार्टड एकाउंटेंट" है और मुम्बई में रहते है.

और आप देख ही रहे हैं कि मैं, अंजु और आदि दिल्ली में रहते हैं.  पापा मम्मी और एक छोटा भाई जोधपुर में रहते है

 

ताऊ : आपके पिताजी क्या करते हैं?

 

रंजन : पापा राजस्थान उच्च न्यायालय में डिप्टी रजिस्ट्रार है और माता जी सरकारी स्कूल में अध्यापिका. छोटा भाई निजी व्यवसाय करता है.

 

ताऊ : आपका तो पूरा परिवार ही काफ़ी पढा लिखा है.  अब आपकी शिक्षा के बारे मे भी हमारे पाठकों को कुछ बतायें.

 

रंजन : ताऊजी, मैनें एम  एस सी सांख्यकी से किया और तब से ही आंकडो़ से खेलना मेरा पेशा भी रहा और शौक भी.

 

ताऊ : हमने सुना है आपको सामाजिक कार्यों मे भी बहुत रुचि रही है?

 

रंजन : हां ताऊ जी. आपने ठीक सुना है. असल में सामाजिक कार्यों में रुचि कोलेज के दिनों से रही. कोलेज में कई वर्ष NSS से जुड़ा रहा.

और B.Sc. के बाद दोस्तो के साथ मिलकर एक संस्था "युगान्तर" बना दी.

कुछ मित्रों के सहयोग से कुछ जेब से खर्च कर काफी सामाजिक कार्य किये.

रक्त दान और HIV जागरुकरता मुख्य कार्य क्षेत्र रहे. इस दौरान HIV जागरुकता हेतु एक पुस्तिका का संपादन भी किया.

 

ताऊ : फ़िर आपने नौकरी करना कब से शुरु किया?

 

रंजन : ताऊ जी  ये कार्य भी चलता रहा. और साथ ही M.Sc. पास करते ही नौकरी भी करने लग गया. पहले जोधपुर के चौपासनी स्कूल में, फिर काजरी (CAZRI) में.

और उसके बाद गैर सरकारी संगठनों से जुड़ गये.. जोधपुर में ही एक HIV क्लिनिक (FXB) में नौकरी की.

और फिर बेहतर रोजगार या यूं कहे कि रोजगार कि तलाश करते करते 2003 में "Apollo Tyres" जोइन किया.  चार महिनें मे ही कॉरपोरेट में रह कर मन भर गया और फिर से गैर सरकारी संगठन केयर के भोपाल ऑफिस में चला गया. एक सवा साल वहां रहा फिर केयर के ही दिल्ली ऑफिस में आ गया.

 

ताऊ : यानि आप अब केयर के दिल्ली आफ़िस मे ही काम करते हैं?

 

रंजन : अजी ताऊ जी, अब केयर में नही हूं बल्कि अभी हाल में दिल्ली में ही अमेरीकन रेड क्रास में निगरानी एंव मुल्यांकन (Monitoring & Evaluation),  निदेशक पद पर काम कर रहा हूँ. मेरा प्रोफेशनल प्रोफाईल विस्तार से आप यहां http://www.linkedin.com/in/ranjanmohnot ) देख सकते हैं.

 

ताऊ  -  ताऊ पहेली के बारे में क्या कहना चाहेंगे?

 

रंजन : ताऊ की पहेली लाजबाब..हर शनिवार सुबह इन्तजार रहता है, ताऊ आप बहुत मेहनत और लगन से ये काम करते है और नये नये प्रयोग कर हम सभी को बांधे रहते है. और तो और सभी प्रतिभागी दोस्त जैसे लगने लगे है. आपने सभी को एक मंच पर ला दिया. इस सफलता के लिये आपको बधाई.

 

ताऊ : अच्छा रंजन जी अब आपके शौक क्या हैं ? उनके बारे मे कुछ बताईये.

 

रंजन : मेरे शौक वक्त के साथ बदलते भी रहे है. कभी ओशो को पढ़ता था, कभी रंगमंच में दिलचस्पी हुई.

 

ताऊ : हमने सुना है कि आपको सिक्के इकठ्ठे करने का भी शौक है?

 

रंजन : हां ताऊ जी,  देश विदेश के सिक्कों का संग्रह काफी वर्षो से कर रहा हूँ, करीब दो सौ देशों के १५०० सिक्के है मेरे संग्रह में, पुराने भारतीय सिक्के और नोट भी मेरे संग्रह में है, फिलहाल तो आदि के लालन पालन में व्यस्त हूँ, सारा समय आदि और आदि के बारे में लिखने को दे रहा हूँ.

 

ताऊ : ब्लागिंग मे कब से हैं ? और इस अनुभव के बारे में क्या कहना चाहेंगे

 

रंजन :  अप्रेल २००७ में नवभारत टाइम्स में हिन्दी ब्लोग के बारें में पढा. कुछ कुछ अनियमित रुप से 'युगान्तर http://yugaantar.blogspot.com पर लिखता रहा, समसमयिक विषयों पर अपने विचार रखने की इच्छा थी पर वो ज्यादा कर नहीं पाया. जब लिखने को होता तो समय नहीं मिलता और जब समय मिलता तो मुद्दे बासी हो जाते.

अब आदित्य के जन्म के बाद जुलाई २००८ से आदित्य के बारे http://aadityaranjan.blogspot.com  में नियमित रूप से लिख रहा हूँ. या कहें तो अपना बचपन फिर से जी रहा हूँ. 

मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा, बहुत सीखने को मिला और आदि के जरिये आप सभी लोगों से परिचय हुआ.. निरंतर लिखने के लिये हौसला मिलता रहता है.. सभी का आभार..

 

ताऊ : अब ये बताईये कि  ताऊ कौन? ब्लाग जगत मे सब पूछते हैं? क्या आप जानते हैं?

 

रंजन : ताऊ कौन ये मायने नहीं रखता, पर ताऊ जो भी है, है बहुत प्यारा.. सबका ख्याल रखता है और मस्त खूंटे लिखता है.... जब कभी मिलेगा तो सबको जरुर बताउगां.

फ़िल्हाल तो मैं भी जानना चाहता हुं कि आखिर ये ताऊ हैं कौन. खैर कभी ना कभी तो भेद खुलेगा ही.

 

और इसी के साथ हमने वहां से विदा ली.

 

तो ये था श्री रंजन परिवार के साथ हमारी मुलाकात का विवरण. आपको कैसी लगी यह मुलाकात? अवश्य बतायें.

 

और अगले सप्ताह ताऊ पहेली के  किसी अन्य  विजेता से आपकी भेंट करवायेंगें तब तक के लिये अलविदा.