सैम हमेशा की तरह अपनी कुर्सी पर बैठा है और कुछ गहरे विचारों मे खोया हुआ है.
इतनी देर मे बीनू फ़िरंगी आता है और चहकता हुआ बोलता है - अरे यार सैम भाई..
ये क्या रोनी सूरत बना कर बैठे हो? हम तो आपके पास मिठाई और चिकन आलाफ़ूस
खाने आये थे.
सैम - क्यों बे फ़िरंगी ? तू क्या मेरे बाप की जनेत (बारात) मे जाने को आया है जो तुझे मिठाई और चिकन आलाफ़ूस खिलाऊं?
बीनू फ़िरंगी - अरे यार सैम भाई हमसे ज्यादा मत बनो. हमको मालूम है कि आपका चुनाव मे टिकट ताऊ ने पक्का करवा दिया है?
सैम - हां यार.
बीनू फ़िरंगी - पर सैम भाई आपने ये जोगाड कैसे भिडा ली? बडे बडे तीसमारखां भी पीछे रह गये. और आप सीधे चुनाव मैदान में?
सैम : अबे तो तेरा क्युं पेट दुख रहा है? ये तो इस हाथ ले उस हाथ दे वाला हिसाब है.
बीनू फ़िरंगी - वो कैसे सैम भाई?
सैम - अबे फ़िरंगी तू इतने दिनों से मेरे साथ फ़िर क्या खाक ही छानता रहा? अबे मैने
ताऊ का नाम पदम पुरुष्कार के लिये चलाया क्योंकि ताऊ तो अब चुनाव लडेगा नही.
उसको तो बुढापे मे पदम ही चाहिये. सो कोई लाबिंग करने वाला चाहिये. वो मैं अरेंज कर रहा हूं. और बदले मे ताऊ मुझे टिकट दिलवा रहा है.
बीनू फ़िरंगी- अच्छा तो अब समझ मे आई तुम्हारी भागदौड का राज.
अब सैम बीनू फ़िरंगी को अपना चुनाव संचालक बना लेता है और आप जानते हैं कि
चुनाव संचालक के नखरे चुनाव के दिनों मे आसमान पर होते हैं.
आप तो जानते हैं कि सैम तो अपना काम निकलवाने मे पक्का घाघ है. सो वो बीनू फ़िरंगी को नाश्ते मे चिकन आलाफ़ूस और रसगुल्ले खिलवाता है. और उसको कहता है कि वो उसका भाषण तैयार करवा दे. चुनावी सभाओं के लिये.
बीनू फ़िरंगी नाश्ता करके सैम को कुछ भाषण लिख कर प्रेक्टिस करवा रहा है.
अब बीनू फ़िरंगी कहता है कि - सैम भाई, अब आप बिना कागज मे पढे भाषण दो और ये समझो कि जनता सामने बैठी है.
अब सैम बोलना शुरु करता है - भाईयों और बहणों एवम गाम के सारे लुंगाडो, भाईयो आप सब मेरे को वोट देकर विजयी बनाओ.
मैं वादा करता हू कि मैं आपको सबसे बडा घोटाला करके दिखाऊंगा. जितने भी घोटाले बाज हैं उनको आजाद कर दूंगा. किसी भी ताऊ की कमाई या उसके परिवार का कोई विवरण जनता को कभी नही बताऊंगा....सैम जोश मे बोले जारहा है.
बीनू फ़िरंगी - अरे सैम भाई ये क्या गजब करे जा रहे हो? ये तो अंदर की बाते बाहर क्युं बोले जारहे हो?
सैम - अरे यार भूल गया था. वो क्या है कि मेरे दिमाग मे चुनाव जीतने के बाद जो कुछ हाई कमान के सामने बोलना है ना, वो वाली फ़ाईल रन हो गई थी गल्ती से.
बीनू फ़िरंगी - देखो सैम भाई अब हम आपके चुनाव संचालक हैं सो आप मेहरवानी करके हमारा नाम तो खराब करवा्ना मत. आपके दिमाग के कंप्युटर मे फ़ाईल वगैरह सही रन किया करो. वर्ना आज कल जुतमपैजारियता का सीजन चल रहा है. फ़िर हमे दोष मत देना.
सैम - अबे फ़िरंगी तू क्या मुझे जनता से जूते पडवाने की बात कर रहा है क्या? तेरी ओकात क्या है बे? तू तमीज से बात किया कर मुझसे. आखिर अपने आपको समझता क्या है बे तू?
सैम तो जुतमपैजारियता का नाम सुनकर एक दम आपे से बाहर हो गया. जैसे उसी पर जूते पड गये हों?
बीनू फ़िरंगी - अरे यार सैम भाई, चुनाव के दिनो मे इतना गुस्सा मत खाओ. अभी तो जनता जो कहे उसको मुस्करा कर सहन कर लो. समझ लो मैं भी जनता हूं. तुमको प्रेक्टिस करवा रहा हूं. और फ़िर असली जुतम पैजारी हो जाये तो बात ही क्या है? बस समझ लो कि मजा आ जायेगा.
सैम - असली जुतम पैजारी ? इसका क्या मतलब?
बीनू फ़िरंगी - अरे यार सैम भाई, अगर तुम चुनाव जीत कर पी.एम. बन गये तो फ़िर ताऊ बुश की तरह जूता खा सकते हो. ये तो अच्छी बात होगी ना.
अरे पी.एम. बनोगे तभी तो कोई तुम पर जूता फ़ेकेंगा ना. और सीजन इसलिये कि परसों ही चीन वाले ताऊ वेन जियाबाओ पर इंगलैण्ड मे किसी ने जूता फ़ेंक मारा.
सोचो क्या मजा आयेगा? मैं तो इस बात का इन्तजार करुंगा कि जब तुम पर कोई जूता फ़ेंक मारेगा और सारी दुनियां मे तुम्हारा नाम होगा?
ये दोनों शेखचिल्ली अब शाम की चाय पीते हुये अखबार पढ रहे हैं और बीनू फ़िरंगी अपनी आदत मुताबिक चहक कर बोलता है- अरे यार सैम भाई, देखो यार देखो. क्या गजब हो गया?
सैम - अबे क्या पहाड टूट पडा?
बीनू फ़िरंगी - अरे यार हद हो गई. नौसिखिया मालगाडी के ड्राईवर दिल्ली- रांची गरीब रथ को जबरन भगा ले गये? कोई अनहोनी हो जाती तो.
सैम - अबे तो इसमे क्या है? कहो वो राजी खुशी फ़ुरसतिया जी के गांव कानपुर तक तो पहुंच गये. अरे मालगाडी के ड्राईवर थे तो यात्री गाडी उन बच्चों ने चला कर प्रेक्टिस कर ली तो कौन सा जुर्म कर दिया?
अब इधर मुम्बई मे एक नशेडची ने १५ रुपये की केबल काट कर ६ घण्टे रेल्वे यातायात ठप्प कर दिया उसको तो कोई कुछ नही कहता.
बीनू फ़िरंगी - तो इससे क्या हुआ?
सैम - अबे उल्लू के पठ्ठे, हुआ क्या? अरे इससे ये हुआ कि ८० ट्रेने रद्द हुई, ४ लाख मुम्बईकर आफ़िस नही पहंच पाये, एक दर्जन पुलिस वाले घायल हो गये. और तीन दर्जन से भी ज्यादा लोगों की गिरफ़्तारी हुई.
इब खूंटे पै पढो.:-
एक बार न्यु हुया कि घणा तगडा अकाल पड गया. खेतों मे कुछ हुआ नही था. सभी लोग बडी तकलीफ़ मे जीवन यापन कर रहे थे.
अब एक दिन एक फ़क्कड मिरासी सबेरे सबेरे ताऊ के घर आगे आकै सारंगी बजाण लाग ग्या.
ताऊ बाहर आया और पूछा - कि भाई के बात सै?
मिरासी बोल्या - ताऊ के बताऊं? किम्मै अनाज देदे. बालक घणे दिन तैं भूखे मर रे सैं.
ताऊ बोल्या - अरे भाई मेरी हालत तो तेरे तैं भी घणी खराब सै. सारा माल असबाव तो गोटु सुनार ले भाग्या और खेतां म्ह पड ग्या अकाल. सो अनाज तो कोनी.
मिरासी बोल्या - ताऊ जब तेरे भी हाल मेरे जैसे ही हैं तो न्यु कर मेरी गैल्यां चाल. राजा के दरबार मे जाकर कविता सुनावांगे और सुना है कि राजा कविता सुन कर बडा इनाम देता है.
ताऊ - पर भाई मेरे को कविता तो आवै कोनी. तेरे को गलत फ़ेमिली हो री सै. मैं तो यूं ही ऊटपटांग लिखकै सु. सीमा गुप्ताजी को भेज देता हूं और वो सुधार देती हैं. कविता सुनाना और वो भी राजा को? माफ़ कर भाई मेरे बस का काम नही सै यो.
ताऊ की साफ़गोई से मिरासी बडा खुश था सो वो बोला - ताऊ तू मेरे साथ चल. राज दरबार मे. मैं वहां पर कविता पढूंगा और जब मैं तेरे को इशारा करूं तब वही लाईने तू भी दोहरा देना. बस काम बन जायेगा.
अब वो दोनो राजा के दरबार मे चले गये.
वहां राजा एक ऊंचे सिंहासन पर बैठा था और नीचे से देखने पर वो छोटा सा नजर आरहा था. राज दरबार देख कर ताऊ की तो आंखें फ़टी की फ़टी रह गई.
अब मिरासी ने अपना नम्बर आने पर कविता सुनाना शुरु किया.
"जय हो महाराज आपकी जय जय्रकार" भरे रहें आपके सदा अन्न के भण्डार"
ये दो लाईने कह कर मिरासी ने पास खडे ताऊ के पेट मे ऊंगली अडाई यही दो लाईने दोहराने के लिये.
पर ताऊ तो राज दरबार को देखने मे ही मशगूल था सो उसको कुछ याद नही आरहा था कि मिरासी ने क्या कहा था?
अब मिरासी ने दुबारा इशारा किया तो ताऊ ने अपने दिमाग पर जोर डाला और पहली लाईन तो याद आगई पर दुसरी लाईन की तुकबंदी यूं मिलाकर कविता दोहराई -
"जय हो महाराज आपकी जय जय्रकार देखो कित चढ कै बैठ्या सै बेबे का यार"
अब ताऊ और मिरासी को क्या इनाम मिला होगा? आपही कल्पना किजिये.
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ताऊ शनीचरी पहेली - ८ का प्रकाशन कल सूबह ७.०० बजे होगा. |
ताऊ।
ReplyDeleteराम राम।
आपकी पोस्ट "ताऊ के सैम और बीनू फ़िरंगी की पोस्ट" देखने का पढने का ावसर मिला। बातो ही बातो मे आपने राजनितिज्ञो पर जो कटक्ष किया सटीक लगा। रही बात पदमश्री पृस्कार कि ताऊ, चुनाव जितने के बाद सैम कही गोटु सोनार कि तरह उल्लु न बना दे तुम्हे, सावधान रहियो नही तो लकडी का सहारा भी ना मिलेगा। मेरी मान ताऊ तो टीकट के बदले रोकडी करले एक आध खोका लेले सैम से,
इस बुढापे मे लकडी को काम करेगो ओ खोको।
मुम्बई कि घटना भी बडी तकलिफ वाली थी पर क्या करे ताऊ १५ रुपयो कि चोरी पर भी राजनिति हो रही है। यह है मुम्बई मेरी जान । एक सुन्दर सन्देश के लिये आपका अभिवादन ताऊ।
जय हिन्द॥।
जुतमपैजारियता का सीजन ?? सही कहा सैम ने. :)
ReplyDeleteखूँटे से ताऊ को क्या इनाम मिला होगा..इसका अंदाज लगा सकते हैं. :)
अब ताऊ और मिरासी को क्या इनाम मिला होगा? आप ही कल्पना किजिये.
ReplyDeleteवह इनाम तो कल्पना से परे है ताऊ!
जय हो महाराज
ReplyDeleteमैं वादा करता हू कि मैं आपको सबसे बडा घोटाला करके दिखाऊंगा. जितने भी घोटाले बाज हैं उनको आजाद कर दूंगा. किसी भी ताऊ की कमाई या उसके परिवार का कोई विवरण जनता को कभी नही बताऊंगा....सैम जोश मे बोले जारहा है.
ReplyDelete" हा हा हा हा हा हा सिम तो जीता ही जीता कोई नही हर सकता इसको....आजकल ऐसे ही नेता जीतते हैं..."
Regards
"जय हो महाराज आपकी जय जय्रकार ,
ReplyDeleteदेखो कित चढ कै बैठ्या सै बेबे का यार"
" हहा हा हा हा हा हा हा हा हा हा अब क्या करे हँसी रुक ही नही रही.....इनाम तो ...खुदा खैर करे हा हा हा "
Regards
असली,शुद्ध और निर्मल आनंद्।
ReplyDeleteलल्लनटॉप ताऊ!
ReplyDeleteजय सिया राम
ReplyDeleteबहु्त सटीक कटाक्ष किया है राजनितिज्ञों पर।
ReplyDeleteप्रणाम ताऊ.. मैंने शीर्ष टिप्पणीकार विजेट को आपके आदेश के अनुसार बना दिया है। इसमें से नंबर का झंझट खत्म कर दिया है। शीर्ष 20 टिप्पणीकार डाले हैं जो आपके ब्लॉग पर मिल रही प्रतिक्रियाओं के हिसाब से जरूरी लग रहे हैं। अगर आप इस संख्या को घटाना या बढ़ाना चाहें तो मुझसे संपर्क कर सकते हैं। साथ ही इसमें सबसे बड़ी खूबी यह जोड़ी है कि टिप्पणीकार के नाम पर क्लिक करते ही उसके प्रोफाइल की बजाय नए पेज पर उसकी टिप्पणियां (गूगल खोज से) दिख रही है। उम्मीद है आप इसे पसंद करोगे--
ReplyDeleteइस कोड को आप यहां से डाउनलोड कर सकते हैं- (डाउनलोड करने के बाद इसे अपने ब्लॉग के लेआउट में एड ए गेजेट- एचटीएमएल/जावास्क्रिप्ट में पेस्ट कर दें)
आपको कोड मेल पर भेजना चाहता था, लेकिन मेरे पास आपका मेल आईडी नहीं है। आपके अगले आदेश पर भी जल्द से जल्द कार्यवाही कर रहा हूं।
ताऊ फिर से प्रणाम.. मुझे याद है पिछली बार की बातचीत में आपने कुल प्रविष्ठियां और कुल टिप्पणियों वाले विजेट की भी बात की थी। वह कोड भी मैंने आपके लिए तैयार किया है। आपको भी शायद पता नहीं होगा कि आपके ब्लॉग पर 175 प्रविष्ठियों को कुल 4000 टिप्पणियां मिली हैं। और हो सकता है कि 4000वीं टिप्पणी मेरी ही हो... खैर इस विजेट को भी आप लगाइए-
ReplyDeleteइस कोड को आप यहां से डाउनलोड कर सकते हैं- (डाउनलोड करने के बाद इसे अपने ब्लॉग के लेआउट में एड ए गेजेट- एचटीएमएल/जावास्क्रिप्ट में पेस्ट कर दें)
अगले आदेश पर जल्द से जल्द कार्यवाही के वादे के साथ--
सैम को जितणे से कोई ना रोक सके, जे बात तय है. घोटाले तो होते रहते है, बड़े बड़े देशों में छोटी मोटी बात है. ताऊ पहले से ही स्वभूं पद्मश्री है.
ReplyDeleteपदम् पुरस्कार की बधाई तो पहले ही दे देता हैं ताऊ...सैम काम में जुटा है तो जल्दी ही मिल जायेगा. और सैम को कहिये की अपनी ड्राइव से ऐसे खतरनाक फिल्स डिलीट कर दे, जनता के सामने बोल दे तो कौन जाने क्या क्या पड़ जाए, जूता फेंकना तो पुराना स्टाइल हो गया. खूंटा बढ़िया है...मुझे तो लगता है, ताऊ ने कुछ और कविता पढ़कर बात सम्हाल ही होगी और इनाम ले लिया होगा. आख़िर हमारा ताऊ है तो बड़ा होशियार. :)
ReplyDeleteबेचारे मरासी के माडे भाग होंगे जो इनाम के लालच मैं ताऊ बरगी चलदी फिरदी मुसीबत नै अपने गेल्लै ले गया
ReplyDeleteBacpan mai parte the ki CHACHA CHOUDHRI ka dimag computer se tez chalta hai. per ab to lagta hai ki ye SAM babu ka dimag zyada tez chalta hai.
ReplyDeleteमीरासी डैरेक्ट सीमाजी को लेजाता तो बात बन जाती ना:)
ReplyDeleteताऊ थारा भी जी करै सै के चुनाव लड़ने के लिये । खूटा पै पढ़ के खूब लोग मजै उठा रे सै ।
ReplyDeleteताऊ जी मैं कौना आऊंगा वापस इस ब्लोग पे.. पहले तो पोस्ट पढनी पढे है और बोनस में खूंटे से भी बंधना पडे है (. .)
ReplyDeleteटिकट मिलने तक तो सही सही फ़ाईल रन करे है दिमाग में .. फ़ैर जीतते ही उल्टी फ़ाईल रन करे है... भगवान निपटे इन नेताओं से :)
देख ताऊ अगर तो राजा अभी वाला हो गा तो शावस ही देगा, पुराना राजा हुआ तो पता नही , क्योकि अभी वाला राजा तो कविता के अनुसार ही है.
ReplyDeleteराम राम जी की
ताऊ, इत्ते कमेण्ट देख जेलसिया रहे हैं हम! :)
ReplyDeleteताऊ मुझे तो मधुबाला भाई..
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने।
ReplyDeleteलाजवाब ।
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