आप लोग पहले पढ चुके हैं कि गोटू सुनार का माल असबाव से लदा ऊंट लेकर ताऊ भाग कर घर आगया और सारा माल अपने घर की जमीन मे दबा के कुये म्ह जाकै छुप गया.
पर भाटिया जी को यह सहन नही हुआ. ताऊ ने गोटू से उनके दस लाख भी वसुळ कर लिये थे और मौका पाकर उनको भेजने वाला ही था. पर आजकल दोस्ती की भी हद हो गई. भाटिया जी को ताऊ पर यकीन नही कि ताऊ पिस्से लौटायेगा. सो भाटिया जी ने समीर लाल जी को फ़ोन करके कहा कि लालाजी आप ताऊ से मेरे १५ लाख लेलेना और ताऊ को यह कह देना कि मैं कनाडा अबकी बार युरोप होते जुये ही जारहा हूं. सो भाटिया जी को पिस्से मैं देता जाऊंगा. आपका मनी ट्रांसफ़र का खर्चा बच जायेगा.
पर भाटिया जी आपने ताऊ को कहा था कि पिस्से तो आपको आपके घर रोहतक म्ह चाहिये थे? पर चलो जी कोई बात नही? दोस्ती की पिछाण भी हो गई और आप लोगो की नजर भी लग गई. इब पिस्से तो गोटू सुनार वापस ले गया.मैं कोई झूंठ नही बोल रहा हूं. पूरा किस्सा नीचे पढ लो.
जैसे ही गोटू सुनार दुसरी जूती उठाकै वापस आया और उसने देखा कि ऊंट तो माल असबाव सहित गायब हो गया तो तुरंत समझ गया कि ये ताऊ की कारगुजारी है. और बिना समय खराब किये सीधे ताउ के घर आया.
गोटू ने आते ही ताई को कहा - भाभी रामराम. इब मन्नै न्युं बता अक भाई (ताऊ) कित सै? मन्नै घणा जरुरी काम सै उसतैं.
इब ताई तो ठहरी ताई. साफ़ झूंठ बोल गई. बोली- देवर इब के बताऊं? मैं तो घणी चिंता म्ह मरी जारी सूं. थारा भाई तो घणा दिनां का गया हुआ सै. और इब्बी तक कोई समाचार भी नही भेजा, सो के बताऊं? मेरी तो दिन पर दिन चिंता बधती ही जावै सै.
गोटू समझ गया कि ताई भी कोई बेवकूफ़ नही है. और इससे पूछने मे कोई फ़ायदा नही है. सो इब जासूसी करनी पडेगी. गोटू ने अपनी जासूसी करके ताऊ का अता पता लगा लिया. पर समस्या ये थी की उससे माल कहां है? इसका पता कैसे लगाया जाये?
एक दिन गोटऊ अपनी स्कीम बनाकै ताई के पास पहुंचा और बोला - भाभी आपकी कोई चालखी ( लुगडी, चुन्नी) हो तो देदे. एक गरीब औरत को जरुरत है.
ताई ने ज्यादा कुछ विचार नही किया और अपनी एक नई चालखी और घाघरा संदूक मे से निकाल कर गोटू को देदी.
गोटू सुनार दुसरे दिन सुबह ही करीब ११ बजे ताई के कपडे पहन कर यानि ताई बनकै सीधे उस अंधे कुये पर जा पहुंचा.
और जाते ही सीधे एक रस्सी से बाल्टी बांध कर उसमे एक सूखा टिक्कड (मोटी रोटी) और एक घंठा (प्याज) रख कै नीचे उतार दिया.
ताऊ को बडा आश्चर्य हुआ कि आज इतनी जल्दी रोटी और वो भी सूखी और साथ मे एक घंठी (प्याज)? हमेशा तो घी से भरे रोटे और गुड साथ मे आता था.
ताऊ को गुस्सा आ गया. उसने सर ऊठाकर उपर देखा. ताई के जनाने कपडे पहने गोटु सुनार को देख कर उसको कुछ भी शक नही हुआ. अब ताऊ घणि जोर तैं चिल्लाया - अरे क्या घर म्ह कंगाली आगई जो ये सूखे रोट और वो भी एक, लेके आ गई?
उपर गोटू सुनार को हंसी आगई पर अपनी हंसी को दबा गया और जनानी आवाज में उलाहना देते हुये बोला - तुम तो कब से कुये मे मजे से छुप के बैठे हो और घर मे अनाज पैसा, घी, गुड सब कुछ खत्म हो चुका है. मैं अकेली बीरबानी की जात मैं क्या करुं?
इब ताऊ थोडा तुनक कर बोला - यहां क्या खाक मजे मे हूं? वो तेरे बाप सुनार को पता चल गया तो सब साफ़ कर जायेगा. फ़िर रोते रहना. और अब हमारे पास पैसों कि क्या कमी? जो तू उलाहना दे रेही है? अरे तू अपने घर मे रसोई मे, चुल्हे के पीछॆ, चाकी के नीचे, तुलसी चौरे के नीचे, भैंस की ल्हास ( चारा रखने की जगह) के पास ..कही से भी खोद कर निकाल ले पैसे. पूरे घर मे पैसे ही पैसे दबे पडे हैं. ताऊ ने बडे मस्ती मे शान से कहा.
गोटू सुनार ने जनानी आवाज मे कहा कि - ठीक है कल से घी भरी रोटी और गुड ही ल्याया करुंगी. और वहां से फ़ुर्ती से रवाना हो गया. और ताऊ कुये मे अपनी धुन मे ही खोया था.
इधर ताई ने दोपहर मे ताऊ के खाने की गठरी उठाई और अंधे कुये की तरफ़ चल दी. इधर गोटु सुनार इसी ताक मे बैठा था. जैसे ही ताई घर से बाहर निकली वो घर मे घुस गया और सारा माल असबाव खोद खाद कै निकाल कर वहां से रफ़्फ़ुचक्कर हो गया.
उधर ताई ने जैसे ही जाकर कुये मे रोटी की बाल्टी लटकाई..ताऊ बडे आश्चर्य से बोला - अभी तो तू रोटी देकर गई थी...
ताई - मैं..? नही तो... मैं तो घर से ही अभी निकली हूं.
अब ताऊ माथा पीटते हुये बोला - अरे मैं तो लुट गया..बरबाद हो गया.. अब देखती क्या है? मुझे फ़टाफ़ट कुये से निकाल...
और ताई ने जैसे तैसे ताऊ को रस्से के सहारे कुये से बाहर निकाला.
इब खूंटे पै पढो :- आप तो जानते ही हैं कि ताऊ गाम म्ह अंग्रेजी का जानने वाला विद्वान आदमी था. और बाद मे ताऊ को स्कूल मे मास्टर की नोकरी मिल गई. एक दिन स्कूल मे स्कूल इंसपेक्टर आगया. और ताऊ आंठवी कक्षा को अंग्रेजी पढाण लाग रया था. स्कूल का हैड मास्टर और इंसपेक्टर ताऊ वाली क्लास मे आकर चुप चाप खडे हो गये. और ताऊ का छात्रों को अंग्रेजी पढाणा चालू था. ताऊ : हां तो बच्चों बोलो गधा (donkey) कक्षा के छात्र : गधा ताऊ : बोलो बच्चों गधे के पीछे गधा. कक्षा के छात्र : गधे के पीछे गधा. ताऊ : बोलो बच्चों.. गधा, गधे के पीछे गधा, गधे के पीछे मैं कक्षा के छात्र बोले - गधा, गधे के पीछे गधा, गधे के पीछे मैं अब ताऊ के पढाने के ये ढंग देखकर हैड मास्टर तो गुस्से मे उबल ही रहा था और सोच रहा था कि ये बावली बूच ताऊ मास्टर आज स्कूल की मान्यता रद्द करवाकै रहेगा और इण्स्पेक्टर भी गुस्से से नाक फ़ुला रहा था. और ताऊ का इधर पढाणा चालू था. ताऊ : हां तो बालकों बोलो .. गधा, गधे के पीछे गधा, गधे के पीछे मैं..मेरे पीछे देश (Nation) सारे बच्चे बोले : गधा, गधे के पीछे गधा, गधे के पीछे मैं..मेरे पीछे देश इतने मे इंसपेक्टर गुस्से से हैड मास्टर से बोला - ये क्या बेवकूफ़ी की हरकत है? ये बच्चों को अंग्रेजी पढा रहा है या मजाक कर रहा है? आज तो मैं बहुत सख्त से सख्त एक्शन लूंगा तुम्हारे स्कूल के खिलाफ़. और हैड मास्टर ताऊ पर गुस्से से चिल्लाया कि तुम ये क्या गधा..गधे के पीछ गधा..आखिर तुम पढा क्या रहे हो? मैं तुमको नोकरी से निकाल दुंगा. ताऊ बोला - सर..जी.. मैं बच्चो को एसेसीनेशन की स्पेलींग याद करवाने की कोशीश कर रहा था.
ASSASSINATION..... यानि .... ASS... ASS... I... NATION. |
अरे ताऊ नेरे को भी पता था, तु ने मना करा ना है, कोई बात नही अब पेसे मेरे घर ही पहुचा दे, कोई जल्दी नही, जब भी कभी जुये मे जीत जाये, या कही मोटा हाथ लग जाय्रे, तभी भेज दियो, लेकिन अब मना मत करियो.
ReplyDeleteइब आप को शुभ दिन, ओर मुझे शुभ रात्रि, गधे वाली बात सुबह करे गे, नही तो सारी रात सपने मै गधे ही आयेगे.... राम राम जी की
यार ताऊ, इत्ते साल हो गये..कोई भी जनानी आवाज को ताई की आवाज समझ लेता है तो फिर तो तू कुऐं में ही रह, वहीं ठीक है. अब बाहर निकल कर करेगा भी क्या-गोटू ल गया सारा माल फिर से.
ReplyDelete-खूँटे से मस्त है-आखिर तू अकेला विद्वान साबित हो ही गया अंग्रेजी जानने वाला पूरे गांव में. इन्सपेक्टर ने तो शाबाशी दी होगी बाद में.
वाह क्या खूब तरीके से स्पेलिंग समझायी है ताऊ, ऐसे ही अंग्रेजों को एक हमारे एक दोस्त कार्तिक के नाम को कुछ ऐसे बोलना सिखा रहे थे - Car + thick (कार थिक)
ReplyDeleteवाह ताऊ क्या बात है! हर बार की तरह रोचक!
ReplyDeleteताऊ ये गोटू सुनार भी बड़ा चालक है जो ताऊ से बराबर टक्कर ले रहा है ! ताऊ ये कुवे में छुपने वाला रास्ता बंद करदे गोटू सुनार बड़ा चालक है कहीं रास्ते का कांटा हमेशा के लिए दूर करने के लिए कुए में मिट्टी न डलवादे !
ReplyDeleteताऊ आपसे होशियार निकला गोटू तो !
ReplyDeleteआप गधों के चक्कर में रह गए वह सारा माल ले गया :)
" गम दिये मुस्तकिल,
ReplyDeleteकितना नाज़ुक है दिल,
ये ना जाना, हाये हाये,
ये जालिम जमाना " :)
- लावण्या
और लोग तो अंग्रेजी की बस टांग ही तोड़ते थे, ताऊ ने तो अंग्रेजी का असेसिनेशन ही कर दिया!
ReplyDeleteमजेदार प्रसंग!
ReplyDeleteअरे वाह... क्या पढ़ाई कराई है ताऊ ने.. ! नटूरे और फटूरे की याद आ गयी..
ReplyDelete"हा हा हा हा हा हा हा हा ताऊ जी अंग्रेजी सिखाने का तरीका बहुत भाया... ताऊ जी हैड मास्टर ने तरक्की तो जरुर की होगी आपकी......उसके बाद कौन कौन सी कक्षा को पढाया आपने..."
ReplyDeleteRegards
taau u r a very great person
ReplyDeleteमजा आ गया ताऊ, दोनों अच्छी रही.. मुझे भी गधा + गधा + मैं + देश.. याद हो गई स्पेलिंग..
ReplyDeleteअगली कड़ी का इन्तजार रहेगा...
अरे, ये क्या। ये तो ताऊ को सवासेर मिल गया। ताऊ आगे से जरा बचके रहना।
ReplyDeleteताऊ आज वाले खूंटे को अब तक का बेस्ट खूंटा मानते हुए मैं १०० में ११० नम्बर देती हूँ. पर क्या ताऊ आप भी फ़िर से गोटू सुनार से चकमा खा गए, ताई को पूरी बात पट चलेगी तो वापस कुएं में दाल देगी आपको...इतने सालों में ताई की आवाज नहीं पहचानते आप!
ReplyDeleteअब ताऊ की बारी है, धन वापस लाने की.
ReplyDeleteखूँटा मजेदार रहा.
इब समझा मतलब ......कई साल बाद ....ताऊ हमारा टीचर ऐसा ना हुआ ......
ReplyDeleteताऊ तेरे मामले मैं तो या कहावत भी झूठी पड्गी कि सौ सुनार की ओर एक लुहार की.गोटू सुनार के आगे तो थारी ताऊगिरी बी धरी की धरी रहगी.
ReplyDeleteअर यो जो इतना जोरदार खूंटा बांध राख्या है, यो किस दिन काम आवेगा. जे इब की बैर गोटू हाथ आजै तै इन्नै इसी खूंटे गेल्लै बांध दिए.
मज़ेदार,हर बार की तरह्।
ReplyDeleteताऊ...........खूंटे ने पढ़ कर लगा जो हमें भी ऐसे मासाब मिल जाते तो आज हम भी कहीं कलेक्टर तो जरूर लगे होते.
ReplyDeleteजे हो मास्साब
सुंदर.हमने एक बार पुर्तगाली पुलिस को अपना नाम लिखवाया था. उन्होंने पूरा नाम पूछा. हमने पूरा बता दिया. तब उन्होंने कहा, केवल अपना बताओ लाइन में जितने खड़े हैं सब का नहीं.
ReplyDeleteताऊ गोटू को कैसे अंग्रेजी पढाएगा अब तो हम इसका इंतज़ार कर रहे हैं. !
ReplyDeleteआज तो चाले ही हो गए जी। सुबह से ताऊ जी पोस्ट पढी ही नही पा रहा हूँ जब पोस्ट पढ़नी शुरु करता हूँ तो तभी कोई ना कोई आवाज मार देता है। और पी सी बंद करना पड़ जाता है। खैर अब जाकर कुछ बात बनी है। वैसे आज तो ताऊ ने भी चाले कर दिए ताई की आवाज भी नही पहचान पाया। और हाँ खूंटा तो घणा ही जबरदस्त था। सच हा हा हा करता रह गया। और हाँ घंठा शब्द पढ़कर दिल खुश हो गया। अभी शनिवार को ही पानीपत होके आया हूँ खूब सुनी अपने गाँव की भाषा।
ReplyDeleteWaah tauji kya Angrezi sikhai apne....
ReplyDeleteहा हा हा हा हा.........लाजवाब हमेशा की तरह.....
ReplyDeleteपर ऐसा कैसे हो सकता है कि ताऊ को कोई ठग ले........ताऊ के बदले(अगली कड़ी) का इन्तजार बहुत ही बेसब्री रहेगी....
अंग्रेजी स्पेलिंग.......हा हा हा......सचमुच लाजवाब.
ताऊ रामराम,
ReplyDeleteतन्नै ताई के धोरै रहते हुए ५० साल हो ग्ये होंगे.
ताई की अवाज का नी बेरा तन्नै? क्यूँ हमने बावली बूँच बणा रा.
ताऊ, फिकर ना कर। ताई को पूरा किस्सा बता दो, गोटू की खाट खड़ी कर देगी।
ReplyDeleteताऊ! मै तो तुम्हे होशियार समझता था। माल को पचा नही पाया ? अदना सा गोटू सुनार ताऊ को चकमा देकर लुटा हुआ माल वापस ले गया। ताऊ तुम क्या समझे थे सरदार खुश होगा ? शाबासी देगा ? रामगढ कि नाक कटवा दि ताऊ। तुम्हारे चक्कर मे भाटीयाजी का ब्लडप्रेसर उपर निचे हो गया है। कनाडा से भाऊजी का फोन आया था जब से तुम्हारे जोयन्ट एडवेचर मे १५ लाख इन्वेस्ट किये तब से बडेभाई भाटीयाजी गुमसुम रहने लगे है। पैसा डुबने कि चिन्ता मे उनका वजन दस किलो कम हो गया है। तुम्हारी ओर गोटू सुनार कि कम्पनी ने बेचारे भाटियाजी का बन्टाधार कर दिया तब तक तो ठिक था, उधर समिरलालाजी भी युरोप के रास्ते कनाडा नही पहुचे और भाटीयाजी के हवाले वाले १५ लाख के सत्यम के (कलयुगी सत्यवान राजू की कम्पनी) शेयर खरीद डाले। समीरलालाजी ने भाटीयाजी से फोन पर कहा था " भाटीयाजी शेयर बजार मे १५ का ३० करके दुगा" । बेचारे भाटीया जी के तो सिर मे रॉख पड गई। १५ ताऊ वाले डुब गये, समिरलालाजी को १५ लाख देने बाकी रह गये "सत्यम" के शेयर के। बेचारे भाटीयाजी- तेरे चक्कर मे ताऊ, ना घरके रहे ना घाट के।आगे से लुट खसोट का काम करने से पहले मारे थी पुछलिया कर ताऊ।
ReplyDelete(ताऊजी ताईजी।
राम राम। आपको बधाई ,कल्पनाओ को आपने बहुत खुबसुरत ढग से जिया। आपका बहुत बडा फैन बन गया हू। आपके दिर्घआयु कि कामना करता हु व उम्मिद करता हु जिवन भर आपके आन्दाज का वरण करु। त्रृटीयो के लिये मै सहर्दय क्षमा मागता हु। )
कोई सुनार ताऊ ली टक्कर का हो जाये - हजम कम हो रहीहै बात।
ReplyDeleteताऊ गया कुये में।:)
ReplyDeleteऔर खूंटा तो गजब है ताऊ।
ReplyDeleteवाकई लाजवाब किस्सा
ReplyDeleteगजब कर दिया ताऊ
ReplyDeleteमजा आगया
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