ताऊ शनीचरी पहेली राऊंड २ (अंक - १)

प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरै की घणी राम राम. आज से ताऊ पहेली का दुसरा राऊंड शुरु कर रहे हैं. इस राऊंड मे सब कुछ पहले जैसा ही है. आज से राऊंड दो की मेरिट लिस्ट बिल्कुल अलग बनेगी.

 

कुछ और बाते जो जरुरी हैं उनकी घोषणा हम नीचे किये दे रहे हैं. कृपया ध्यान पुर्वक पढने की कृपा करें.

 

चुनाव का समय है सो हम अपनी थोडी बहुत जिम्मेदारी अपने कुछ सहयोगियों को सौंप रहे हैं. जिससे सब काम यथा संभव आराम से चल सके. क्योंकि हमको सैम को चुनाव लडने मे समय देना पडेगा.

 

१. शनीवार को इस पहेली का प्रकाशन पुर्ववत सूबह ७ बजे होगा. पहेली का संचालन हम स्वयम करेंगे.

 

२. बोनस सवाल अब से हमारी रामप्यारी पूछा करेगी. जो कि जब भी पूछा जायेगा वो ३० नम्बर का ही होगा. इस विषय का स्वतंत्र प्रभार रामप्यारी के पास रहेगा. आपको जो भी सवाल जवाब इस बारे मे करना है वो आप स्वतंत्र रुप से रामप्यारी से ही करें. वो हर निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र है.

 

३. पहेली के जवाब का समय अब २५ घंटे का कर दिया गया है. यानि शनीवार सूबह ७ बजे इसका प्रकाशन होगा और ठीक २५ घंटे बाद यानि रविवार सूबह आठ बजे के बाद के जवाब किसी भी हालत मे स्वीकार नही किये जायेंगे. और ना ही उसके लिये कोई अंक दिये जायेंगे.

 

कृपया ध्यान रखे कि नियम ३ का पालन सख्ती से किया जायेगा. क्योंकि पिछले राऊंड मे कुछ प्रतिभागियों ने इस पर ऐतराज भी ऊठाया था. और हमको रिजल्ट तैयार करने मे भी समय लगता है.

 

४. पहेली का जवाब अब सोमवार की ताऊ साप्ताहिक पत्रिका के बजाये रविवार शाम को ही रिजल्ट तैयार होते ही प्रकाशित कर दिये जयेंगे. जिसमे सिर्फ़ रिजल्ट और मेरिट ही रहेगी.

 

५. पहेली की जवाबी पोस्ट यानि रविवार को रिजल्ट तैयार करने की जिम्मेदारी बिनू फ़िरंगी निभायेंगे. बीनू फ़िरंगी काफ़ी पढे लिखे हैं. प्रथम राऊंड मे भी इन्होने काफ़ी सहयोग दिया है सो इस दुसरे राऊंड मे इनको स्वतंत्र प्रभार दिया जा रहा है.

 

६. सोमवार की ताऊ साप्ताहिक पत्रिका मे संपादक की बात, सु. अल्पना जी का " मेरा पन्ना", सु सीमा जी का स्तम्भ "मेरी कलम से" और श्री आशीष खंडेलवाल का कालम यथावत रहेगा. यानि रिजल्ट वाला भाग इस पत्रिका से हटाकर स्वतंत्र रुप से रविवार को बीनू फ़िरंगी करेंगें.

 

यह निर्णय इस लिये लिया गया है कि सोमवार की पोस्ट काफ़ी बडी होने से उसकी फ़ीड मिलने मे दिक्कते आ रही थी.

 

 

आईये अब ताऊ शनीचरी पहेली के राऊंड दो के अंक एक का आगाज करते हैं. नीचे का चित्र देखिये और बताईये इसके बारे में?

 

 

round2 

             पहचानिये ये क्या है?

 

 

याद रखिये कि इसका जवाब कल सूबह ८ बजे यानि रविवार सुबह आठ बजे के पहले देना है. उसके बाद का जवाब मान्य नही होगा. हां आपकी कोई मनोरंजक टिपणि होगी तो वो छपते छपते मे जरुर शामिल की जा स्कती है. पर किसी भी तरह के मार्क्स नही दिये जायेंगे.

 

 

 

 

                          अब विशेष बोनस सवाल : -  ३० अंक के लिये.

rampyari

 

          "रामप्यारी का सवाल" 
  




आप सबको  नमस्ते.

मैं हूं आपकी रामप्यारी. मुझे स्कूळ जाना बिल्कुल अच्छा नही लगता. और
खासकर गणित वाली टीचर की क्लास मे तो बिल्कुल भी अच्छा नही
लगता. मालूम है क्यों?

वो ना, उलटे सीधे सवाल फूछती है और नही करके ले जाओ तो चांटे
मारती है. अब मुझे नीचे वाला सवाल बिल्कुल नही आता. अब सोमवार को
मुझे पिटने से आप ही बचा सकते हैं.

बदले मे मैं आपको पूरे ३० नम्बर दूंगी. आपको मुझे पिटने से बचाने का
पुण्य भी मिलेगा और साथ मे नम्बर भी. 

और हां मेरे सवाल का ताऊ की टीपणी मे जवाब मत दिजियेगा. मेरे लिये
आप एक बिल्कुल अलग टिपणी करियेगा. ठीक है ना? तो अब सवाल ध्यान
से सुनिये. और आराम से जवाब दिजियेगा.

***************************************************************************************************

मेरी गणित की टीचर के पास कुल १६ चोक बचे हैं. और वो रोज १ चोक काम मे लेती है. 

और मजे की बात कि जब चोक  १/४ यानि चौथा हिस्सा बाकी रह जाता है
तब वो नया चोक ले लेती है. और बचे हुये चोथे हिस्से को रख देती है.

फ़िर जब बचे हुये चोथे हिस्से के जैसे चार टूकडे इक्कठ्ठे हो जाते हैं तब उन चारों को जोडकर फ़िर एक चोक बनाकर वैसे ही काम मे ले लेती है. 

अब मेरी टीचर पूछ रही है कि रामप्यारी बता - इन १६ चाक से मैं कितने दिन तुम लोगों को पढा सकूंगी?
 
मैने मन ही मन कहा कि भगवान करे एक दिन ही मे पूरा कर लो जिससे हम बच्चों का पीछा छुटे तुमसे. पर उसकी बेंत के डर से मैं ऐसा तो नही बोल सकती ना? और मेरा तो सर दर्द करने लगता है ऐसे सवालों से.

अगर आपको इसका जवाब आता हो तो बताईये ना, मैं पिटने से बच जाऊंगी.

-आपकी रामप्यारी

   


ताऊ की यादों मे :-

हर शम्आ बुझी रफ्ता रफ्ता हर ख्वाब लुटा धीरे - धीरे
शीशा न सही पत्थर भी न था दिल टूट गया धीरे - धीरे

- कैसर उल जाफरी

 

"मुर्ख व्यक्ति ना तो भूलता है और ना ही माफ़ करता है.

भोला भाला भूल भी जाता है और माफ़ भी कर देता है.

मगर समझदार माफ़ तो कर देता है, पर भूलता नही."

 

 

                               

Comments

  1. Madan Mahal Fort, Jabalpur, .. madhya pradesh

    ReplyDelete
  2. Madan Mahal Fort, in Jabalpur, madhya pradesh

    ReplyDelete
  3. Madan Mahal Fort, Jabalpur,in Madhya pradesh

    ReplyDelete
  4. Rani Durgawati Fort, Madan Mahal jabalpur mp

    ReplyDelete
  5. Rani Durgawati Fort, Madan Mahal jabalpur mp

    ReplyDelete
  6. ताऊ ये तो रानी दुर्गावती फोर्ट मदन महल, जबलपुर, मध्यप्रदेश का फोटो है

    ReplyDelete
  7. ताऊ ये तो रानी दुर्गावती फोर्ट मदन महल, जबलपुर, मध्यप्रदेश का फोटो है

    ReplyDelete
  8. रामप्यारी मेरे हिसाब से तो तुम्हारी गणित की टीचर तो २१ दिनों तक पढा पाएँगी |

    ReplyDelete
  9. रामप्यारी मेरे हिसाब से तो तुम्हारी गणित की टीचर तो २१ दिनों तक पढा पाएँगी |

    ReplyDelete
  10. बोनस सवाल का जवाब २१ दिन

    ReplyDelete
  11. रामप्यारी कह दे - 21.३३३३३३३३३३३३३३३३३३३३३३३३३३३३३३ दिन. देखी जायेगी. फोटो, तो पहाड़ पर चढ़ कर ही पहचानी जा सकती... देखता हूँ

    ReplyDelete
  12. ताऊ न ऊपर की पहेली का उत्तर मानने पता और न ही रामप्यारी की गणित वाली पहेली का -गणित मुझे डराती है -

    ReplyDelete
  13. "rampyari teacher 20 days pda skegi"

    Regards

    ReplyDelete
  14. oh fuse kr diya rampyari ne 21 days

    regards

    ReplyDelete
  15. Madan Mahal Fort, Jabalpur, Madhya Pradesh

    ReplyDelete
  16. अरे भैय्या हम तो फंस जायेंगे. मदन महल, जबलपुर है. इसके बारे में बहुत ज्यादा तो मालुम नहीं है. यह ११०० ईसवी का है. किसने बनाया यह भी नहीं मालुम. मदन शाह (सिंह भी कहीं कहीं कहा गया है) जो रानी दुर्गावती का बेटा था, यहाँ आराम फरमाता था. यहाँ से दूर दूर तक नज़र राखी जा सकती है.

    ReplyDelete
  17. Raampyari hamein bonus nambar nahin chahiye.

    ReplyDelete
  18. सोचा था आज तो जवाब देके ही रहेगे। और पहले नम्बर पर आऐगे। पर जब आए तो पहेली देखी तो, वही जवाब नही मालूम। और ताऊ जी याद आने लगी।

    ReplyDelete
  19. अरे मैं तो रामप्यारी जी को ही भूल गया। वैसे ये चोक जुड़ते कैसे है? हमें नही पता। अगर जुड़ते है तो जवाब 20 दिन ही होना चाहिए।
    और आखिर मैं सोच रहा हूँ कि मैं क्या हूँ।

    मूर्ख

    भोला
    या
    समझदार
    ?

    ReplyDelete
  20. ताऊ, राम राम, आपने पूछा ये क्या है तो ये तो उत्तर है ये एक बड़ा सा चिकना गोल पत्थर है और उसके ऊपर कुछ कमरे से बने दिक्खे हैं। जिस उत्तर पर नंबर मिलेंगे वो नही पता थोड़ा हिंट का इंतजार करते हैं।

    रामप्यारी की पहेली का उत्तर २१ दिन - १६ दिन (१६ चोक के) + ४ दिन (४-४ दिन बची चोक के) + १ दिन (अंतिम चार बची चोक से)।

    इससे ज्यादा दिन लिखने के लिये अपनी चोक भी खत्म हो गयी।

    ReplyDelete
  21. Madan Mahal Fort Sitting pretty on top of a rocky hill, this 900 year old fort dominates the landscape. A view of the low-lying areas from the fort is scintillating and makes it worth your visit. The most characteristic feature of the Madan Mahal Fort is the simplicity of the fort itself. The fort was built by the Gond king Madan Shah in the year 1116 and since then it has become a landmark for Jabalpur City.


    regards

    ReplyDelete
  22. रामप्यारी.....कहाँ आज सुबह सुबह सारा हिंदुस्तान घुमा दिया यार....पहले ही बता देती न की जबलपुर में घूम आते हा हा हा हा
    http://tbn0.google.com/images?q=tbn:vU3EJ5-3hJFjTM:http://cdajabalpur.nic.in/images/jbp_tour/madanmahalfort_back_view.ज्प्ग

    ये रहा लिंक मदन महल फोर्ट जबलपुर... अब खुश वैसे भी तुम कामचोर हो गयी हो न स्कूल जाती हो न कुछ ...बस सारा होमवर्क हमारे लिए छोड़ देती हो हा हा हा हा चलो आज तो जल्दी ही काम निबटा दिया हमने.....अब आराम करेंगे हम दोनों ओके....

    regards

    ReplyDelete
  23. ये यमन देश का हाउस आन रोक्स है.

    ReplyDelete
  24. Rani Durgawati Fort, Madan Mahal, Jabalpur
    http://farm1.static.flickr.com/196/443395047_46819c3ebb.jpg?v=0
    Rani Durgavati was the legendary queen who sacrificed her life trying to fight the Mughals from capturing Jabalpur. The Museum is dedicated to her and displays a collection of inscriptions, relics and other items.


    regards

    ReplyDelete
  25. Jabalpur – An Overview
    Jabalpur also known as Sanskardhani is a prominent city in Madhya Pradesh, India. It is located in the Mahakaushal region in the geographic centre in India.

    It was the 27th largest urban conglomeration in India in 2001 (2001 Census) and was the 325th largest city in the world in 2006. Jabalpur is the first district in India which has obtained comprehensive ISO 9001 Certificate in April 2007. The current population is about 15 lakhs.

    The city dates back to 19th Century and is famous for its magnificent collection of Marble Rocks called Bhedaghat bordering the holy Narmada River. Jabalpur has many important Defence establishments including the Area Headquarters and Ordnance factories, the Headquarters of West Central Railway Zone, the Madhya Pradesh State Electricity Board, and the Madhya Pradesh High Court. It is also known for giving spiritual leaders of world fame like Maharishi Mahesh Yogi of Transcendental Meditation and Acharya Rajneesh.

    History
    Jabalpur is said to have derived its name from an Arabic word ‘Jabi’ meaning ‘rocky mountain’ on account of an impressive and awe inspiring rocky formation on the southern periphery of the city. Yet another version claims that the city is named after Rishi Jabali who sanctified the area and penanced on the banks of river Narmada in ancient times.

    The historical records of Tripuri inscriptions and of the Kalachuris refer to it as ‘Jabalipattan’. The boundaries of the old city were fairly small in contrast to the expansion that has taken place over the centuries. The remnants of gates and pillars of ancient walled city can be seen even today in the form of Hanuman Phatak, Gurha Phatak and at Garha representing the pristine glory of the bygone years.

    Under the British Raj, Jabalpur became the capital of the Saugor and Nerbudda Territories as part of the British North-Western Province. During those days, it became infamous for the Thuggee murders, but was made more famous by the man who suppressed thugee, Col. Sleeman, who was also appointed commissioner at Jabalpur. An important landmark event was the holding of the Tripuri Congress session in 1939 which was presided over by Subhash Chandra Bose. Famous Congress session was held at Tripuri (Jabalpur) in 1939 when Subhash Chandra Bose was elected the Congress President against the wishes of Mahatma Gandhi. Methodology of two thoughts to achieve freedom was formulated in this session.

    Climate
    The city has the typical hot and dry temperate climate of the Great Indian Plateau. Jabalpur is hot during summers with temperature going up to 47 degree Celsius but the winters are mild and pleasant. The July to September months bring heavy rains with the onset of the South Western monsoon.

    Culture
    The presence of the Narmada and the rule of Gond and Maratha dynasties for a long period have led to primarily a Hindu majority population in the area. The Mughal rule subsequently brought in a sizable Muslim population also. Thus it is characterized by a mixed culture of people of all castes and creeds living in harmony.

    Hindi is the first language of the state and spoken and understood in the city. The Mughals brought Urdu and the influence of Maratha rulers has given Marathi to the multilingual culture of Jabalpur.

    The art and crafts of Jabalpur are an important part of the cultural life of this city. One of the most well known Jabalpur crafts is durry designing. The unique designs and color of the durries make them very popular.

    The inhabitants of the region enthusiastically take part in the festivals of Jabalpur. Almost all the major festivals of India are celebrated in this city. Different forms of dance like Gond, Matki, Phulpati and Giridaand are an integral part of the celebration during these festivals.

    Transport
    Air

    Jabalpur has a small airport called Dumna at a distance of about 20 kms from the city center. It is connected with direct flights to Delhi and to the major airports in South and West through Indore.

    Road

    Jabalpur is well connected to Nagpur, Bhopal, Allahabad and Jaipur. The city is connected with three National Highways -

    NH-7 (Varanasi - Kanyakumari

    NH-12 (Jabalpur - Jaipur)

    NH-2A (Simga, Chattisgarh-NH-26 near Jhansi)


    Rail

    Jabalpur is the Headquarter of West Central Railways and is well connected with mail and super-fast trains from places like Mumbai, New Delhi, Ahmedabad, Bhopal, Kolkata, Patna, Lucknow, Chennai, Bangalore, Nagpur, Kota, Jaipur, Jammu and Hyderabad.

    regards

    ReplyDelete
  26. राम्प्यारी तेरे को तो टीचर पूरे २७ दिन पढायेगी, पीछा छुडाने का एक उपाय बताता हूं, किसी को बताना मत.

    टीचर जब चली जाये तो चोक के डिब्बे को धीरे से पानी की बाल्टी मे डाल देना फ़िर एक घण्टे भी नही चलेंगे. :)

    ReplyDelete
  27. रामप्यारी का जवाब २० दिन चलेगा चोक.

    ReplyDelete
  28. पहेली तो नहीं आई समझ इस बार ताऊ जी ..और चाक के जो टुकड़े बचते हैं वह बच्चे ले कर भाग जाते हैं :) स्टापू खेल बनाने के लिए ..हम भी यही करते थे बचपन में :)

    ReplyDelete
  29. चाक मेरे विचार से तो 20 दिन चलने चाहिए....बाकी राम जाने या फिर ताऊ

    ReplyDelete
  30. बडी कठिन पहेली पूछ डाली आपने।

    ReplyDelete
  31. यह मदन महल चन्देल नरेश मदनवर्मन का राजप्रसाद कहा जाता है, किन्तु यह अत्यन्त साधारण भवन है। यह एक बड़ी गोल चट्टान पर बना हुआ है। इसमें अनेक छोटे-छोटे कमरे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि इस भवन में दो खण्ड थे। इसमें एक आंगन था और उसके चारों ओर साधरण कमरे थे। अब आंगन के केवल दो ओर कमरे बचे हैं। छत की छपाई उत्तर है और उसमें सुन्दर चित्रकारी है। यह छत फलक युक्त वर्गाकार स्तम्भों पर आश्रित है।

    ReplyDelete
  32. प्रणाम
    रामप्यारी मेरे हिसाब से तुम्हरी मास्टरनी तुम लोगो को २१ दिन पढ़ा सकेगी .
    १६ चाक = १६ दिन
    १६ / ४ चाक = ४ दिन
    ४/४ चाक =१ दिन
    तो कुल २१ दिन

    ReplyDelete
  33. प्रणाम
    ताऊ वो फोटू वाला हमें समझ में नहीं आ रहा की कहा का है .

    ReplyDelete
  34. ताऊ इबके तो बहुत आसान पहेली पूछी तन्ने...ये क्या है? अरे ताऊ ये तो पहाड़ी की चोटी पे बन्ना एक किल्ला है...और क्या है...हा हा हा हा हा हा ...
    नीरज

    ReplyDelete
  35. रामप्यारी मैडम आज तो तूने पचा दिया. तेरा जवाब शाम तक देता हूं क्योंकि सवाल ३० नम्बर का है.

    एक ताऊ ही कम था क्यापचाने के लिये जो अब तू भी सवाल जवाब करने लग गई.:)

    ReplyDelete
  36. ये सांची का बोद्ध स्तूप है.

    ReplyDelete
  37. रामप्यारी जी पहले आप सवाल स्पष्ट करे कि बचे हुये टुकडों को जोडने मे कितने टुकडे नही जुड सके.? तभी आपकी मदद संभव हो पायेगी. वर्ना तो सोमवार को आपकी पिटाई होना तय है.

    हाय कि्तनी क्युट लगती हैं आप? टीचर कैसे मारती होगी आपको?

    ReplyDelete
  38. वाह रामप्यारी तुम यहां आगई? वहां टीचर दो सप्ताह से तुमको ढूंढ रही है? मैं बताती हूं तेरी टीचर को कि तू यहां ताऊ के ब्लाग पर खुद टिचर बनी बैठी है.

    मेरे नम्बर देदेना नही तो तेरी टीचर अब तुझको जम कर पीटेगी, जब भी तू स्कूल जायेगी.:)

    चाक १० दिन चलेगा/

    ReplyDelete
  39. वाह रामप्यारी तुम यहां आगई? वहां टीचर दो सप्ताह से तुमको ढूंढ रही है? मैं बताती हूं तेरी टीचर को कि तू यहां ताऊ के ब्लाग पर खुद टिचर बनी बैठी है.

    मेरे नम्बर देदेना नही तो तेरी टीचर अब तुझको जम कर पीटेगी, जब भी तू स्कूल जायेगी.:)

    चाक १० दिन चलेगा/

    ReplyDelete
  40. रामप्यारी तेरी टीचर के चोक पुरे 21 दिन तक काम में आयेंगें।

    ReplyDelete
  41. ताऊ नै होली का पूरा इंतजाम कर लिया। ताऊ नै अपना घर इसी जगहा बना लिया के गोटू सुनार का बाप भी ना पहुंच सकता। अर ताऊ ऊपर तै खडा-खडा नीचै आन-जान आला पै रंग गेरे जागा। अर गोटू सुनार तै माल-असबाब भी बचा रह जागा।

    ReplyDelete
  42. 21 दिन तक पढा सकेगी और 1/4 चोक तब भी बच जायेगा। मार्कंड तो चोक का डिब्बा ले कर घिसाने बैठ गया है। हा हा हा हा हा हा हा

    ReplyDelete
  43. अब यह कौन सी जगह हो गई? उपयुक्त जवाब "नहीं पता".

    ReplyDelete
  44. प्रिय ताऊजी,

    आज की पहेली देख कर रोंगटे खडे हो गये!

    कुछ साल पहले एक कार्टून देखा था जिसमें एक चित्रकार ने भूखे आदमी का सजीव चित्र बनाया था. लेकिन जैसे ही चित्र पूरा हुआ कि चित्र में से उस भूखे आदमी ने हाथ बढा कर चित्रकार की प्लेट से उसकी रोटी उठा ली.

    इस चित्र में जो भारी पत्थर दिख रहा है, खास कर जो दाहिनी ओर है, उसे देखा तो वह कार्टून याद आ गया. धर्मपत्नी को बुला कर कह दिया कि यद मेरे संगणक के स्क्रीन के अंदर से कोई चट्टान लुढक कर मुझे कुचल दे तो यह ताऊ की करस्तानी है -- तुम सब पहुंच जाना उनके दरवाजे पर धरना देने!!

    यह भी कह दिया है कि दुआ मांगो कि यह चट्टान मुझ पर गिरे बिना टल जाये. हां किसी आतंकवादी पर गिर जाये तो कुछ जश्न मनाया जाए.

    सस्नेह -- शास्त्री

    ReplyDelete
  45. रामप्यारी ,ताऊ जी ने आज सबक दिया है-
    भोला भाला भूल भी जाता है और माफ़ भी कर देता है.'तो तुम तो बहुत ही भोली हो तुम्हारी सुन्दर तस्वीर बता रही है.और मैं अब जवाब लिख रही हूँ--देखो अगर गलत हुआ और टीचर से पिट गयीं तो माफ़ कर देना!
    सही है??प्यारी रामप्यारी जवाब तो ऐसा है की--सवाल में लिखा है-
    टीचर एक चोक रोज़ इस्तमाल करतीहै न कि ३/४ इस लिए १६ चोक मतलब १६ दिन ही पढ़ा पायेगी न!
    तो जवाब हुआ--१६ दिन..

    ReplyDelete
  46. Rani Durgawati Fort, Madan Mahal, Jabalpur

    ReplyDelete
  47. यह चित्र रानी दुर्गावती फ़ोर्ट, मदनमहल, जबलपुर का है. इसे गोंड शासक मदन शाह ने सन १११६ ई० में बनवाया था.

    अब रामप्यारी का जवाब. अरे नहीं! अलग टिप्पणी कर रहा हूं.

    ReplyDelete
  48. रामप्यारी ! तुम्हारी टीचर उन सोलह चाकों से पूरे २१ दिन तुम लोगॊं को पढ़ा सकेंगी.
    यह सही जवाब उन्हें बता दो और मार खाने से बच जाओ.

    ReplyDelete
  49. सबसे पहले रामप्यारी को सवाल का जवाब .. अब 16 चॉक है तो 16 दिन ही तो चलेंगे.. चाहे टुकड़े काम लो या पूरे साबुत..

    ReplyDelete
  50. यह एक 900 साल पुराने किला , एक चट्टानी पहाड़ी पर स्थित है, शहर और देहात के एक Panoramic view प्रदान करता है . 1116 में इसे मूक सलामी करने के लिए निर्मित किया गया था बिल्डर और शासक, राजा मदन शाह.
    Madan Mahal Fort (Jabalpur)

    ReplyDelete
  51. हे ताऊ, यू के दिखा दिया.... कुतब मीनार तो सरकार नै बंद कर दी ईब छोरे-छोरी इसपै कूद-कूद मरेंगें. मैं तो पागल प्रेमियों को बचावण खात्तर कतई नी बताता... के यू के सै... अर कित सै..? हालांकि बेरा सै मन्नै..!!

    या रामप्यारी ताई का क्लोज-अप जोरदार सै... ईब समज म्हं आया अक् ताऊ का फोट्टो बांदर बरगा क्यूं आवै सै....

    ReplyDelete
  52. ताऊ राम राम

    मन्ने तो लागे है कोई बावला ही होगा जो जिसने इतनी ऊँची और ऐसी जगह घर बनवा लिया जो हमारे गले की आफत बन गया, न जाते बनेगा न जवाब देते. पर जवाब तो जरूर दूंगा.......किसी और का तुक्का चोरी कर के

    तो आज चोरी है जैसवाल जी का तुक्का............ये है ......रानी दुर्गावती फोर्ट जबलपुर.

    और और अब राम प्यारी का जवाब.............१६ दिन में ख़तम हो जायेंगी साड़ी चोकें

    ReplyDelete
  53. ताऊ जरा कठिण सवाल पूछने लग गये है, नई शृंखला की पहेली और सवाल दोनों.

    ये जगह साउथ में आंध्रप्रदेश में है, और दो तेलगु फ़िल्मों में देखी थी.ज़रा चक्कर चलाते है नज़दीक जाने की.

    ReplyDelete
  54. ताऊ, पहले भी शक था मगर गांधी जी के FDC की वजह से तय नहीं कर पा रहा था. अब चित्र बदला है तो पक्का हो गया की यह जबलपुर का मदन महल है जिसे रानी दुर्गावती के पुत्र दसवें गोंड राजा मदन सिंह का आवास माना जाता है

    ReplyDelete
  55. ये तो उडनतश्तरी के जबलपुर का मदनमहल का किला है्

    ReplyDelete
  56. रामप्यारी को सिर्फ २१ दिन और पढ़ना पडेगा, फिर ना चाक होगी ना पढ़ाई!

    ReplyDelete
  57. रामप्यारी रामराम,
    इत्ता आसान सवाल? ले तो जवाब-
    21 दिन तक पढ़ा देगी और फिर भी चौक का 1/4 हिस्सा बचा रहेगा.

    ReplyDelete
  58. मुझे पता नहीं पर राणा साँगा का महल लगता है

    ---
    चाँद, बादल और शाम
    गुलाबी कोंपलें

    ReplyDelete
  59. अरे, चित्र को क्लोज़ अप में देखा तो पहाडी के महल में उडन तश्तरी के समीर जी खिडकी पर बैठे दिख गये!!

    तो ताऊ, ये है रानी दुर्गावती का किला , मदन महल ,जबलपुर.

    ReplyDelete
  60. taau.. ye sanchi ka bauddh stoop hai..(shayad..) :)

    ReplyDelete
  61. Ram pyari ke liye mera javaab hai - 22 din .. ye bhi shayad.. calculation nahi kiya hai.. bas muh jabani jod kar uttar de raha hun.. :)

    ReplyDelete
  62. कठिन परीक्षा लेने को, फिर नई पहेली पाई।
    बाल्यकाल की घटनाओं को ताजा करने आई।

    ReplyDelete
  63. ताऊ यह तेरी राम प्यारी तो एक दिन भी स्कुल नही जा सकती, क्योकि यह तो बिल्ली है, चलो अगर चली भी गई यह तो पढेगी नही, लेकिन टीचर ताऊ ओर ताऊ के छोरो को २१ दिन तक तो पढा लेगी, ओर आधे दिन की २१ के बाद छुट्टी कर देगी....

    ReplyDelete
  64. ye Bhimbetka ke rockshelters wala area to nahi hai

    ReplyDelete
  65. बोनस सवाल का जवाब :-

    16 + 4 + 1 = 21 दिन

    ReplyDelete
  66. mera jawab kahan gaya??

    main ne bhi subah hi jawab de diya tha!

    ReplyDelete
  67. kya ab bhi kuchh jawab chhupey hue hain????mera jawaab kahan gayaaa!!!!!!! :(

    ReplyDelete
  68. रामप्यारी सवाल - जवाब

    16 चॉक तो 16 दिन!!!

    ReplyDelete
  69. सुबह से फोटो को घूर रहा हूँ और अब १३ घंटे बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूँ कि फोटो किस किले की है ये तो पता नहीं लेकिन जहाँ कहीं भी ये किला है... वो जगह ज़रूर गड़बड़ लगती है...वहां कोई भी काम सीधे किये होता नहीं लगता...पहले तो किला ठीक से न बनाकर ऐसे बनाया, जैसे चील का घोंसला...दूसरे, गोल पत्थर तक को तो देखो... कहाँ टिका के रखा है... अरे भले आदमी पत्थर को तो नीचे आराम से पड़े रहने देते...!

    ReplyDelete
  70. रामप्यारी की समस्या का हल तो है मेरे पास ताऊ.. उसके चोक तो १६ दिन ही चलेगें..

    फोटो का तो कोई आइडिया नहीं

    राम राम

    ReplyDelete
  71. रानी दुर्गावती फोर्ट, मदन महल, जबलपुर

    ReplyDelete
  72. १६ चोक १६ दिन

    ReplyDelete
  73. एक जरुरी सूचना :- सभी प्रतिभगियों से निवेदन है कि रामप्यारी के सवाल की अवहेलना नही करें. क्योंकि रामप्यारी का सवाल ३० नम्बर का है. और ध्यान रखिये इसका जवाब नही देने से आपकी मेरिट बहुत बुरी तरह प्रभावित होगी.

    अत: सभी से अनुरोध है कि रामप्यारी के सवाल का जवाब सोच समझ कर देवें. अभी भी कई प्रतिभागियों ने मुख्य पहेली का जवाब तो दे दिया पर रामप्यारी के सवाल का जवाब नही दिया है या गलत दिया है.

    पुन: निवेदन है कि रामप्यारी के सवाल की जंच करलें कि आपने सही जवाब दे दिया है कि नही?

    ReplyDelete
  74. ओहो ! गलती हो गयी थी..अब सुधार रही हूँ...रामप्यारी तुम्हें कैसे मार खाने दें! !सही जवाब है २१ दिन!

    ReplyDelete
  75. ताऊ मेने तो लगे यह तेरा ही घर है, जब राजस्थान मै भयंकर बाढ आई थी, तो तुमने झट से मध्य प्रदेश मै मदन लाल से एक ऊंचे पहाड पर अपना झोपडा बना लिय था, फ़िर गोटू सुनार को चुना लगाया, सेठ को लुटा, भाटिया को चुना लगाया, ओर पता नही किस किस को चुना लगाया, ओर फ़िर झटपट इस बडे से पत्थर पर मदन महल बना लिया, अब बिजली का बिल तो देना ही नही, क्यो कि उडे तो चारो ओर से हवा आती है, ओर जब लाईट चाहिये तो टले ते कुंडी मार लो तारो मे, वेसे अपना जबाब तो सही नही हो सकता , क्योकि यह तो नकल मारी है, पाप से बचने के लिये पहले ही बता दे.
    राम राम जी की

    ReplyDelete
  76. ताऊ ये जबलपुर से पहला ही रेल्वे स्टेशन है जिसका नाम मदन महल है. वहीं स्टेशन से ये किला दिखता है.

    ReplyDelete
  77. रामप्यारी का जवाब है २० चोक. पर टिचर उसके बाद फ़िर नया डिब्बा बुलवा लेगी. तो रामप्यारी मार खाने से कब तक बचेगी?

    पढना तो पडेगा ही>:)

    ReplyDelete
  78. ये जब्लपुर का दुर्गावती फ़ोर्ट है मदन महल मे.

    ReplyDelete
  79. रामप्यारी का जवाब है २१ दिन मार खायेगी नही पढेगी तो और फ़िर २२वें दिन नया चोक का डिब्बा आजायेगा. कब तक बचेगी?

    ReplyDelete
  80. रामप्यारी की पहेली!!!
    21 दिन

    ReplyDelete
  81. रामप्यारी की पहेली!!!
    21 दिन

    ReplyDelete
  82. रामप्यारी की पहेली!!!
    21 दिन

    ReplyDelete
  83. जबलपुर का मदन महल
    यह चन्देल नरेश मदनवर्मन का राजप्रसाद कहा जाता है, किन्तु यह अत्यन्त साधारण भवन है। यह एक बड़ी गोल चट्टान पर बना हुआ है। इसमें अनेक छोटे-छोटे कमरे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि इस भवन में दो खण्ड थे। इसमें एक आंगन था और उसके चारों ओर साधरण कमरे थे। अब आंगन के केवल दो ओर कमरे बचे हैं। छत की छपाई उत्तर है और उसमें सुन्दर चित्रकारी है। यह छत फलक युक्त वर्गाकार स्तम्भों पर आश्रित है।

    ReplyDelete
  84. ताऊ यहां कमेंट पढकर कनफ़्युजिया रहे हैं. हमारा जवाब है मदन महल .

    ReplyDelete
  85. इतने लोगो ने बताया नही भी होता तो भी मै ईमानदारी से बिना नकल के बता देता देता ये मदन महल है,जबलपुर का।अब तक़दीर ही खराब है जो आज देर से ईधर आया,वर्ना कई-कई बार झांको तो भी जवाब का पता नही रहता।आज थोड़ा देर क्या हूई सब के सब पेल दिये हैं।देखना ताऊजी ईमानदारी का खयाल रखना।

    ReplyDelete
  86. ताऊ जी, पहले अपनी पहेली का जवाब सुन लो.

    यह चित्र जबलपुर, मध्य प्रदेश के मदन महल के किले का है जिसे १११६ ई. में गोंड शासक मदन शाह ने बनवाया था. बाद में यह रानी दुर्गावती का महल बना जिन्होंने मुग़ल शासक अकबर की सेना से लड़ते हुए अपने प्राण दे दिए. यह किला एक चट्टानी पहाडी पर बना है जहां से शहर और आसपास का पूरा इलाका दिखाई पड़ता है. इसे शायद इलाके की निगरानी के लिए सैनिकों द्वारा इस्तेमाल किया जाता था. वैसे तो इस इमारत में किसी ख़ास वास्तुकला या कलाकृति का प्रयोग नहीं किया गया है पर इसकी "स्थिति" और साधारणता ही इसे ख़ूबसूरत और अद्वितीय बना देती है.

    ReplyDelete
  87. अब रामप्यारी जी, आप भी अपने बोनस सवाल का जवाब सुन ही लो.

    २१ दिन तक तो आपको आपकी टीचर से ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी नहीं बचा सकते. क्योंकि तब तक उनकी चोक चल जायेगी. वैसे ताऊ जी से पूछ कर देखो शायद पहले ही ख़त्म कर देने का कोइ जुगाड़ बता दें. बड़े घाघड़ आदमी हैं.

    ReplyDelete
  88. रामप्यारी आला म्हारा जवाब भी ताऊ 21 दिन ही कर दियो. वैसे है तो या टोटल नकल.....इब तो पाप कोणी लागेगा.

    ReplyDelete
  89. ताऊ जी,
    मैंने दोनों सवालों का विस्तृत जवाब दिया था पर मेरे जवाब दिख नहीं रहे हैं.
    अब दुबारा उतना टाइप करने की हिम्मत नहीं है.
    सीधा उत्तर दे रहा हूँ.

    ये है- १११६ ई. में गोंड शासक द्वारा बनवाया गया जबलपुर के मदन महल का किला.

    ReplyDelete
  90. रामप्यारी के सवाल का जवाब है २१ दिन

    ReplyDelete
  91. HUm to train me the varna apna shahar na pahchante aisa kaise ho sakta hai..hume grace di jaye...madan mahal ka kila, jabalpur answer ke liye.

    Abhi Delhi se aaya hun 5 minute pahle.

    ReplyDelete
  92. जबाब है: २१ दिन चलेगी चोक और फिर भी १/४ बची रह जायेगी...प्रिय रामप्यारी

    ReplyDelete
  93. रामप्यारी - २१ दिन

    ReplyDelete

Post a Comment