कल महालक्ष्मी का पूजन संपन्न हो गया ! कहीं २ ( बंगाल) इस दिन काली पूजन भी किया जाता है ! दीपावली पर्व का तीसरा दिन ! और आज ४ था दिन है गोवर्धन पूजा का ! इस बारे में आप सभी पाठक जानते ही हैं ! हम यहाँ आपको एक अलग बात बताना चाहते हैं ! आपने डा.अरविन्द मिश्रा जी के ब्लॉग पर एक उल्लू पोस्ट देखी होगी और हमारी तो पुरी दूकान ही आज कल उल्लुमय चल रही है ! इसके पीछे क्या कारण है ? वैसे तो उल्लू के मायने आपको अच्छी तरह मालुम हैं ! शायद हर कोई इन दिनों लक्ष्मी जी को प्रशन्न करने में लगा रहता है ! और मुझे नही लगता की कुछ को छोड़कर कोई इसमे सफल होता होगा ! लेकिन उल्लू महाराज भी हमारे कुछ ग्रंथो के हिसाब से सुख,समृद्धि और आरोग्य दायक हैं ! इन दिनों में उल्लू का दिखना भी सौभाग्य सूचक है ! अगर निम्न में से कुछ आपके साथ घटा है तो फल निम्न अनुसार बताये गए हैं ! हमने और मिश्राजी ने आपको इन दिनों में उल्लू जी की फोटो और याद तो करा ही दी थी ! अब आपको इसका राज समझ आ गया होगा ! वैसे आप हम दोनों को ही उल्लू समझ रहे होंगे ! वैसे डा. मिश्रा जी ने तो ख़ुद ही कबूल लिया है ! अब निम्न गुण देखते हुए हम भी कह रहे हैं की हम भी उल्लू हैं ! आख़िर तो आप हमारे दर्शन करने आओगे ही !
दीपावली के दिनों में उल्लू का दिखना समझ लीजिये आप पर लक्ष्मी की कृपा हो गई ! अगर असल के नही मिले तो आप ब्लागर्स के पास दो ख़ुद घोषित दो उल्लू हैं ही ! फ़िर देर किस बात की ? जल्दी आइये और दर्शन कर लीजिये ! आज और कल का ही दिन इस ५ दिनी पर्व का शेष रह गया है !
* रात को १० से १ बजे के बीच घर की मुंडेर पर उल्लू बैठा दिख जाए तो समझो लक्ष्मी आपके घर पधार चुकी हैं !
* कहीं जाते समय आपके बाईं तरफ़ उल्लू दिखे या बोले तो आपकी यात्रा सफल होगी !
* यदि सुबह भोर में किसी पेड़ पर , पूर्व दिशा में उल्लू बोले तो सुनने वाले की सब इच्छा पूर्ण होती हैं !
* यदि रात्री के प्रथम प्रहर में उल्लू किसी हरे पेड़ पर पूर्व दिशा में बैठा बोलता सुने तो यह कृषि के लिए अति सुंदर है !
* यदि उल्लू किसी गर्भवती स्त्री को स्पर्श करता हुआ उड़ जाए तो उसे श्रेष्ठ पुत्र की प्राप्ति होती है !
* अगर उल्लू किसी के रसोई घर में प्रवेश करले तो समझ लीजिये उस गृह स्वामी को खाद्यान्न की कभी कमी नही होती !
* ऐसे ही किसी किसान के खेत में पेड़ की कोटर में रहने लग जाए तो उसके खेती में खूब अन्न उपजता है !
* अगर आपके मकान के आस पास कोई उल्लू घोंसला बना कर रहने लग जाए तो गरीबी आपके पास भी नही फटक सकती !
अब आपको इतने फायदे बता दिए ! अब आपका (हम) उल्लुओं के बारे में क्या ख्याल है ?
ज्यादा दूर नही जाना हो तो ज़रा आप यहाँ दाहिने तरफ़ बैठे उल्लू महाराज के ही दर्शन करते जाइए ! क्या पता ये ही आपसे प्रशन्न हो जाए ! वैसे ये भी बड़े सिद्ध उल्लू महाराज हैं !
इब राम राम भाईयो !
वाह क्या उल्लू महात्म्य सुनाया है । हम तो चले किसी उल्लू की खोज में । यदि पकड़ में आ गया तो सभी सही जगहों पर बैठाकर/ उड़ाकर/ घोंसला बनवाकर ही दम लेंगे ।
ReplyDeleteआपको सपरिवार दीपावली की शुभकामनाएं ।
घुघूती बासूती
.
ReplyDeleteताऊशिरोमणि,
एक बिन्दु आपसे छूट गया लगता है..
कृपया यह स्पष्ट करें कि यदि नीलकंठ की तरह ही
श्री ऊलूक जी को पहले से ही पकड़ कर आपके इस ऊल्लूगाथा के अनुसार निर्धारित मुहुर्त में दर्शनलाभ प्राप्त करें, तो ?
और अन्य पाठक किंवा यह भी जानना चाहेंगे कि,
यदि रात्रि के इस प्रहर में यह टाइमखोटीकार यहाँ टिप्पणी करता बरामद हो, तो उसे इसका फलादेश क्या मिलने की संभावना है ?
सविनय उत्तराकांक्षी अ.कु.
लक्ष्मी जी मिल जाएँ तो हम खुदई उल्लू बनने को तैयार हुए। जा के देखा तो उधर भी लाइन लगी है।
ReplyDeleteराम पुरिया भाई मेने तो अभी तक उल्लु के पठ्ठे ही देखे है , वेसे शायद हमारी बीबी को शायद जरुर उल्लू दिखता होगा इसी लिये बिना काम के सेठनी बनी घुमती है, ओर हम गुलाम :)
ReplyDeleteधन्यवाद एक सुन्दर पोस्ट के लिये
सिध्धराज पर सिर्फ नामके
ReplyDelete"उल्ल्लू जी "को प्रणाम !:)
दर्शन कर लिये जी ..
धन्यवाद ..
अभी माँ महालक्ष्मी जी का पूजन करके आये और इन्हेँ भी नमन कर लिया और आपको पुन: दीपावली की शुभेच्छाएँ ..
आज रात का तापमान २९* होगा ..
शीत कालीन दीपावली है यहाँ पर !
- लावण्या
हमारे तो खैर ठीक सामने आईना लगा है तो दायें बायें सर घुमाने की जरुरत भी पड़ी और दर्शन हो लिए.
ReplyDeleteजय हो!!!
पिछले दिनों हमने भी अपने मोबाइल फ़ोन से एक बड़े शिकारी उल्लू (bespectacled owl) के कुछेक चित्र लिए थे. सोचा था की दीवाली पर आप लोगों को दिखाएँगे. मगर जब अपने एक मित्र के कम्पूटर से कुछ फाइलें लेने के लिए अपना कार्ड उधार दिया तो उन्होंने वह कार्ड ही तोड़ दिया. वे तो काफी शर्मिन्दा हुए और हम अपना उल्लू खो जाने के दुःख में बहुत दिन तक उदास रहे. चलिए आपने ही कुछ उल्लू दिखा दिए. शुक्रिया!
ReplyDeleteमुझेउल्लू मिला है क्या पाला जा सकता है
Deleteकद्रदानों की तबीयत के अजब रंग है आज
ReplyDeleteबुलबुलों की ये हसरत के वे उल्लू न हुए
बहुत अच्छा उल्लू महात्म्य सुनाया है,अब तो आते जाते रास्ते में नजरे उल्लू ही ढूंढ़ते रहेगी |
ReplyDeleteram ram tau, maine to kaal kai ullu mile bazar me dekho eb mera ke hovaiga. mera dil to katai kamjor sai
ReplyDeletenarayan narayan
हम तो आपै कि दर्शन करके धन्य हो लिये।
ReplyDeleteगुरुदेव @ डा. अमर कुमार जी , आपका इस प्रहर में टिपणी करते पाये जाने का फल परम सौभाग्य की निशानी है ! इस पुरे साल उल्लू देव आप पर लक्ष्मी जी की कृपा बनवा कर रखेंगे ! आप बड़े सुख शान्ति से राज योग का मजा लेंगे !
ReplyDeleteआपका पहला प्रश्न तनिक टेक्नीकल है ! हम इसका उत्तर आपको देने के लिए अथोराइजड नही हैं ! :) इसके लिए आप पुज्यनिया गुरुमाता से पूछ कर देखें !
जानकारी देने का शुक्रिया । :)
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को दिवाली की बधाई ।
वैसे बहुत पहले हमने भी एक पोस्ट इन उल्लू महाराज पर लिखी थी । :)
इन उल्लुओं का आशीर्वाद प्राप्त होना आज के समय में सबसे बड़ी आवश्यकता है ताऊ ! आपने इस महात्म्य को सुना कर बड़ा उपकार किया ;-))
ReplyDeleteआलोक पुराणिक जी की टिप्पणी से उधार - हम उलूप को साथ नहीं रखते। हम खुदै हैं!
ReplyDeleteहें भगवान,
ReplyDeleteमॉं लक्ष्मी की कृपा भई
वाहन उनका यहॉं-वहॉं।
हर साख पे उल्लू बैठा है,
नजर घुमाए कहॉं-कहॉ।
:-)
ताऊ जी ,एक बार अकबर बीरबल के साथ मीना बाज़ार सैर पर निकले -एक बहेलिया उल्लू लेकर बेचने के लिए आया था ,अकबर ने उसका दाम पूंछा -उसने उसका दाम १ अशर्फी बताया ,तब तक उनकी नज़र एक छोटे से उल्लू पर पडी जो अभी बच्चा था .अकबर ने उसका दाम पुँछ लिया .बहेलिये ने उसका दाम ५ अशर्फी बताया .अकबर बादशाह को बात समझ नहीं आयी .उहोने कारण जानना चाहा कि ऐसा क्यों है कि बड़े उल्लू का दाम कम है छोटे का ज्यादा .बीरबल ने समझाया कि हुजूर उल्लू तो महज उल्लू ही है छोटा वाला तो उल्लू का पट्ठा है .इसलिए उसका दाम जाहिर है ज्यादा ही होगा .अकबर निरुत्तर हो गए थे .
ReplyDeleteतो जनाब ताऊ जी ज़रा उल्लू के पट्ठों पर भी नजरे इनायत रखियेगा .जहाँ तक पुरायट उल्लुओं की बात है यहाँ ब्लागजगत में भी हाल वही दिख रहा है -हर शाख पे उल्लू बैठा है ! इस पोस्ट के आदरणीय टिप्पणीकारों में भी एक विद्वान् उल्लू की मौजूदगी सहज ही दृष्टव्य है !
जी हमने भी उल्लू के दर्शन कर लिए देखते आगे क्या होता है। हा हा हा ।
ReplyDeleteभाई इतना बड़ा झूठ मत बोले। सौरभ पंडित बुरा मान जाएंगे। पहले भड़ास पर और फिर उनके ब्लाग पर आप उनकी पोस्ट- हम उल्लू हैं- कई महीने पहले पढ़ चुके हैं।हम तो आपको दीपावली की बधाई देना भी भूल गए थे लेकिन वह नहीं भूले। फिर भी उनके साथ इतना बड़ा अन्याय। बिरादरी में केवल खुद को और मिश्रा जी को रखा। उन्हें गायब कर दिया। देखना अब पंडित जी आपका क्या हाल करते हैं।
ReplyDeletesir agar ullu ghar ke samne ped par roj baithe to kya hota hai
ReplyDeleteUllu kaya khana khata hai us sa ghar mai rakhna chaia
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