इंसान के जब धंधे रुजगार ठप्प हो जावै तो बड़ी आफत हो जाया कराइ सै ! और यो ही आज कल ताऊ कै साथ हो री सै ! घणी मेहनत और इमानदारी तैं काम धंधा करण कै बावजूद भी ताऊ के कमानै खानै के किम्मै ठिकाणै कोनी ! ताऊ भी बैल गाडी, और हल जोत जोत कर थक गया था ! अब ताऊ को ऐसा धंधा चाहिए था जिसमे हल बैल से पीछा छूटे और माल खूब मिल जाए ! इब ताऊ के करै ? जितने मुंह उतनी सलाह ! आख़िर ताऊ को उसके एक दोस्त नै पुराणा डकैती वाला काम ही करण की सलाह दे डाली ! ताऊ जानता था की ये सब भी मजा लेण खातर ही ये सलाह दे रे सै ! पर ताऊ ने अब विचार कर लिया की धंधा तो इब डकैती डालने का ही करना सै , पर थोडा मोडिफिकेशन कै साथ ! यानी सीधी रिस्क नही लेना ! यो नया धंधा ताऊ नै शुरू किया ठगी का ! इसमे डाईरेक्ट रिस्क कम है ! इब ताऊ ने खूब सोच समझ कर प्लान बानाना शुरू किया ! ताऊ ने तय कर लिया की अबकी बार मुंह की नही खायेगा ! यहाँ तक की फूलप्रूफ प्लान बनाएगा की कोई भी उसको ग़लत ना ठहरा सके !
पिछले धंधे करने में ताऊ को पास के काम के सेठ से रुपये उधार लेने पड़ गए थे ! और वो सेठ ताऊ से ब्याज के इतने रुपये ऐंठ चुका था की ताऊ का सारा खून ही चूस लिया था ! और इबी बी उसका हिसाब चुकता हुया कोनी था ! सो ताऊ नै सोची सबतैं पहलम इस बाणीये नै ही जोरदार सलाम सितारे वाली टोपी पहनाई जानी चाहिए ! और ताऊ एक दिन स्कीम बना कर सेठ कै घर पहुँच गया ! वहाँ जाकर राम राम श्याम श्याम करकै ताऊ एक तरफ़ बैठ्ग्या ! थोड़ी देर बाद सेठ जी फुर्सत म्ह हुए तो पुछण लागे - बोल भाई ताऊ तू क्यूँ कर आया ? के चाहवै सै तू ?
ताऊ बोल्या - जी सेठ जी म्हारै घर मेहमान आए सें और म्हाने कुछ बर्तन थाली , कटोरे और गिलास चाहिए ! इब सेठ का तो ये धंधा ही था टेंट हाउस का ! सो ५ बर्तन के सेट थाली कटोरे के ताऊ को दे दिए और रसीद पर साईन करवा लिए ! क्यूँकी ताऊ की डकैती वाली बात आस पास के गाँवों में फ़ैल चुकी थी ! और ताऊ का प्रोफाईल काफी ख़राब हो चुका था ! हर आदमी ताऊ से व्यवहार करण म्ह डरण लाग गया था !
इब ३ दिन बाद ताऊ बर्तन वापस करने सेठ जी के घर गया ! और जाकर बर्तन और किराया जमा कराया ! और साथ म्ह ५ कटोरी बिल्कुल ब्रांड न्यू सेठ जी को थमा दी ! सेठ जी नै पूछी की ताऊ यो के सै ? इब ताऊ बोल्या - सेठ जी कल रात थारे इन बर्तनों ने यो बच्चे दिए थे ! यानी थारे बर्तनों की जचकी म्हारै घर पै हो गई थी ! और मैं आजकल सुधर गया हूँ सो ये आपके बर्तनों के बच्चे आप संभालो ! ये तो आपके ही हैं ! बाणीये को अचम्भा तो हुवा पर ५ कटोरियों के लालच ने उसको कुछ सोचने नही दिया और कटोरीयाँ रख ली !
कुछ दिन बाद ताऊ आया और कुछ बर्तन और लेगया ! अब हर बार ताऊ के यहाँ बाणीये के बर्तन जाते रहे और उनकी जचकी वहाँ होती रही ! एक बार तो कुछ ज्यादा ही बर्तन ताऊ ले गया और वापसी म्ह एक बड़ा कडाव दे गया और सेठ को बोल्या - सेठ जी इबकै तो थारै सारे बर्तनों ने मिल कर एक साथ ही जचकी कर ली सै और सबनै मिलकै यो बड़ा कडाव ही पैदा कर दिया ! सेठ तो खुश ! सेठ को इतना लालच आया की उसकी सोचने समझने की ताकत ही जवाब दे गई ! उसको ये पक्का विश्वास हो गया की उसके बर्तन बच्चे पैदा करते हैं ! और ताऊ के अलावा जो लोग बर्तन ले जाते हैं ये सारे बेईमान हैं जो उसके बर्तनों के बच्चे उसको नही लौटाते ! ताऊ ने बाणीये के मन में अपनी साख जमा ली पुरी तरह ! ताऊ बर्तन ले जाता रहा और बाणीये के बर्तन बच्चे देते रहे !
एक रोज ताऊ एक किराए का ट्रेक्टर लेके आया और सीधा बाणीये के घर पहुँच गया ! और बोला - सेठ जी म्हारै आड़े परसों शादी का कार्यक्रम सै सो ये बर्तन ज़रा जल्दी निकलवा कै ट्रेक्टर म्ह रखवा दो ! और ताऊ नै लिस्ट पकड़ा दी ! ताऊ भी पक्का शातिर प्लान बना कै आया था ! इतनी बड़ी लिस्ट थी की सारा गोदाम सेठ का खाली हो गया और फ़िर भी लिस्ट पूरी नही हुई ! बाणीये ने सोच्या - घर के रसोई के बर्तन भी रखवा देता हूँ आख़िर किराया भी आयेगा और बच्चे भी देंगे ! अपने यहाँ ना तो किराया आता है और ना ये सुसरे यहाँ बच्चे देते हैं ! सो घर के बर्तन भी रखवा दिए ! बाक़ी बचे खुचे पड़ोस के उधार मांग कै ताऊ को दे दिए ! लालच जो ना करवाए सो कम सै ! ताऊ नै ट्रेक्टर आले को कहा - भाई जल्दी निकल ले शहर की तरफ़ ! यो सुसरे बाणीये को सदबुद्धि आवै उसकै पहले ही काम निपटाना सै ! ताऊ नै शहर पहुँच कै बर्तन भांडे बेच खाए और रुपये अन्टी म्ह करके अपने गाम चला गया !
इब ४/५ दिन हो गए ! ताऊ नही आया तो बाणीये को कुछ बैचैनी होण लाग गी ! इब जैसे २ समय बीतता गया उस बाणीये की तो तबियत ख़राब होने लग गई ! और २/ ४ दिन निकले तो उसने सोच लिया की चौधरी नै कुछ गड़ बड़ जरुर करदी दिखै !
सो हार थक कर ताऊ कै गाम म्ह गया और सीधा ताऊ कै घर पर पहुंचा ! वहाँ पर पूछा की ताऊ कित सै ? ताई नै जवाब दिया की वो तो कई दिन तैं बाहर गया सै ! इब ताई कै हाथ म्ह लट्ठ देखके बाणीये की और कुछ कहण की तो वहाँ हिम्मत नही पडी और सीधा गया सरपंच धौरे ! और पंचायत बुला ली ! और ताऊ को तलब करण का नोटिस निकलवा दिया ! और ताऊ के घर ख़बर करवा दी पंचो ने की, शनिवार को पंचायत बैठेगी ! नियत दिन ताऊ पंचायत कै सामने हाजिर हो गया !
ताऊ को आरोप पढ़ कर सुनाये की ताऊ बाणीये के बर्तन ले गया और वापस नही करता ! इब ताऊ नै बोलना शुरू किया ! भाइयो ! बात या सै कि इस बाणिये के ने मेरे को बीमार बर्तन दे दिये थे ! और वो बर्तन मर गये तो मैं कहां से लौटाऊं ?
और उन बर्तनो का इतने दिन तक मैने इलाज करवाया उसका खर्चा पानी मुझे चाहिये ! और इस बाणीये ने मेरी इज्जत यहां आप सबकै सामनै खराब करी उसका मान हानि का भी रुपया चाहिये ! इब सारे पंच सरपंच एक दुसरे का मुंह देखण लाग रे ! और तभी बाणिया बोल्या - भाइयो यो ताऊ नम्बर एक का झुंठा सै ! कभी बर्तन भी बीमार होकै मर सकै सैं के ?
इब ताऊ बोल्या - भाइयो इस बाणिये नै पुछो कि जब बर्तन बच्चे पैदा कर सकते हैं तो बीमार होकर मर क्युं नही सकते ?
ताऊ इब फ़िर बोल्या - इसकै बर्तन इतनी बार मेरे यहां जचकी करके बच्चे पैदा कर चुके थे पर मैने कभी इस बाणिये से जापे का खर्चा भी नही मांगा ! आप पूछ लो इससे ! इसके बर्तन मेरे यहां बच्चे पैदा करते थे या नही ? ! हर बार इसके बर्तनों द्वारा पैदा बच्चो को मैं इमानदारी से इसको दे देता था ! अब तो पहले का भी खर्चा चाहिये ! अब फ़ैसला आप के ही हाथ सै ! इब बाणियां मना भी नही कर सकता था की उसके बर्तन बच्चे नही पैदा करते थे ! बुरा फ़ंसा ताऊ के जाल मे !
पंचो ने पुरी बात सुनी और फ़ैसला दे दिया कि अगर बर्तन जचकी करके बच्चे पैदा कर सकते हैं तो बीमार होकर मर भी सकते हैं ! और ताऊ के हक मे फ़ैसला दे दिया ! जुर्माना भी बाणिये पर लगाया गया ! और ताकीद की गई कि आईन्दा इस तरह के झुंठे मामले लगा कर किसी शरीफ़ आदमी की इज्जत नही खराब करे ! वर्ना अगली बार और सख्त जुर्माना लगाया जायेगा !
अगर बर्तन जचकी करके बच्चे पैदा कर सकते हैं तो बीमार होकर मर भी सकते हैं !
ReplyDeletesahi baat hai
"शरीफ़ आदमी" tau ji
ताऊ तो बुद्धिमान निकला।
ReplyDeleteआप तो ताऊ के इमेज सुधार प्रोग्राम पर काम करते प्रतीत होते हैं अब! देर सबेर ताऊ एक आध रिफाइनरी या शिपिंग कम्पनी छाप खोल लेगा।
अगर बर्तन जचकी करके बच्चे पैदा कर सकते हैं तो बीमार होकर मर भी सकते हैं
ReplyDeleteवाह ताऊ अब तुम भी भारत की एक प्राचीन विद्या को पुनर्जीवित करने में लग गए हो -बनारस भी इसका गढ़ रहा है ,कभी आओ तो यहाँ भी कुछ प्रैक्टिकल भी करवा दूंगा -उस परम्परा के कुछ ठग -बनारसी ठग इस हुनर की अब व्यावहारिक शिक्षा देते हैं .वैसे ऊपर के दृष्टांत से लगता कि तुम इस काम में जनजात माहिर हो बस मौका नही मिला था -अब पकड़ लिए हो बढियां धंधा -जमाये रहो इसी को अब !
कित्ते शरीफ ताऊ पे वो बणिया इल्जाम लगा रहा था. बणिया तो बहुत नालायक निकला!!
ReplyDeleteसही हुआ उसे जुर्माना लगा. :)
वाह ताऊ तेरा घर तो कमाल का सै, मैं सोच रिया हूँ कि अगली पोस्ट तेने दे दूँ छापणे से पहले, जिससे २-३ दिन में वो टिप्पणी के रूप में कुछ बच्चे जने तो फिर पोस्ट और टिप्पणी एक साथ छापूँ। तेरे बहाणे कम से कम अपनी पोस्ट भी लगने लगेगी किसी ने पढ़ी सै वरना तो सभी ब्लोगर किणारे से निकल जावे सै।
ReplyDeleteआख़िर ताऊ की स्कीम काम कर ही गई |
ReplyDeleteताऊ मज़ा आ गया ठगी का किस्सा सुनकर. भैंस वाले हेल्थ इंसपेक्टर को बर्तनों की जांच के लिए भी भेजना चाहिए ताकि सेठ अगली बार किसी के घर बीमार बर्तन न भेज सके.
ReplyDeleteभाई रामपुरिया,
ReplyDeleteक्या ताऊ की सामग्री मैं अपने पश्चिमी यूपी की सर्वािधक पढ़ी जाने वाली मैग्जीन जागता शहर में प्रकाशित कर सकता हूं. आपको इतने चुटीले व्यंग्य लेखन पर बधाई.
tau jee ram ram,kahani to kasuti-a likhi s, ya to kisi neta kee bat lagi
ReplyDeleteआ डकैती बढ़िया सै।
ReplyDeleteडकैती की डकैती, अदालत से बरी और हर्जा और पाया। इससे अच्छा अदालत का और क्या यूज हो सकै।
जे तो ताउ ही बता सके कि हण की ऐणी किंगे को घिसी जावे कोई वाणिया थोड़े ही बता सके। भई ताउ घणा मजा आया।
ReplyDelete'
ReplyDeleteतै आज पता लग्या तेरा धँधा..
मेरी बीमार टिप्पणियाँ तेरे घर जा कै मर तो ना गयी ?
उन्नैं डेड बाडी की मुर्दा ल्हास मेरे को लौटा दे ताऊ, रो पीट कै फ़ूँक आऊँ ..
वरना उनका प्रेत सतावेगा तेरे को ..
बहुत दिमाग आ गया ताऊ अब तो चुनाव लड लो,सीज़न भी है। मंत्री-संत्री बन जाओगे तो पीए-सीए रख लेना हमारा भी भला हो जायेगा।
ReplyDeleteवाह ताऊ वाह.. एक ही सांस में पढ गया..
ReplyDeleteहरियाणे का माणस इसे कहते हैं
ReplyDeleteबल-बुद्धि और पराक्रम
इसकी धोती के अंटे म्हं रहते हैं
ताऊ जी फिर भी फारमूला आखिर काम आ ही गया। फिर कब उतर रहे हैं आप मैदान में। राजनीति के अखाड़े में। जब असल जिंदगी में स्कीम चला सकते हैं तो फिर तो राजनीति में तो चला ही सकते हैं।
ReplyDeleteबहरहाल, जो आपने लिखा था उस पर कहना भी चाहता था कि हरियाणवी पुलिस को चुपके से राज ठाकरे को दे दिया तो सचमुच मजा आ जाएगा। वहां तो सोर्स लगाकर अपन भी हाथ साफ कर आएंगे। पर अब तो पूरे देश के लोग ये ही चाहते हैं कि राज ठाकरे अभी भी वैसा ही करते रहें जैसा करते आ रहे हैं बस रांची पहुंच जाएं एक बार। पूरा बिहार, झारखंड पिल पड़ेगा राज के ऊपर। अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है तो राज ठाकरे नाम का ये चूहा भी शेर है। है हिम्मत तो महाराष्ट्र से बाहर निकले फिर देखिए कैसी खातिरदारी करते हैं इसकी।
पंचो ने पुरी बात सुनी और फ़ैसला दे दिया कि अगर बर्तन जचकी करके बच्चे पैदा कर सकते हैं तो बीमार होकर मर भी सकते हैं ! और ताऊ के हक मे फ़ैसला दे दिया ! जुर्माना भी बाणिये पर लगाया गया ! और ताकीद की गई कि आईन्दा इस तरह के झुंठे मामले लगा कर किसी शरीफ़ आदमी की इज्जत नही खराब करे ! वर्ना अगली बार और सख्त जुर्माना लगाया जायेगा !
ReplyDelete" wah ye hai tau jee ka kmal, tau je yhan bhee aapke akl kaam aa hee gyee, duniya jantee hee nahee ke tau je kitne shreef hain, ab ye bhee koee baat huee kee shareef pe iljam lgaya jaye... pehle dkait, gaon mey lut paat , fir bhee shareff.....ha ha ha ha "
Regards
ये सही धंधा पकड़ा है ताऊ बस इसी में लगे रहो, बरकत ही बरकत है, और कोई चिंता नहीं.
ReplyDeleteइस तरह के पंच कई इन्सुरेंस कंपनी के लिए घाटे का सौदा हो सकते है.....तभी ...कोई कम्पनी गाँव का रुख नही करती है
ReplyDeletesahi kareya bhai tau ne to. ib to baniye ne topi pehna hi di. yo tau hai bada hoshiyaar
ReplyDeleteभइया ताऊ ने किया, बनिए पर उपकार
ReplyDeleteसारा खर्चा खुद किया,बर्तन थे बीमार
बर्तन थे बीमार,मौत थी उनकी आई
कर सोलह श्रृंगार, मटकतीं घर में ताई
वाह वाह! ताऊ ने खूब चुना लगाया उस बनिए को !
ReplyDeleteताऊ का बिजनेस देख सुनकर हमारे मुँह में भी पानी आ गया है जी। अच्छा लगता है पढकर आपकी पोस्ट।
ReplyDeleteवाह, ताऊ तो बड़े होशियार हैं! मजेदार पोस्ट!
ReplyDeleteताऊ सुना था बनिये के बाबन बुद्धि होती है, लेकिन हमारे ताऊ की तो १०४ बुद्धि हो गई, कमाल कर दिया ताऊ पहली बार कमाई की है फ़िर हो जाये इस खुशी मै पार्टी..... मै जरुर आऊगां भेज दे झट से टिकट
ReplyDeleteधन्यवाद सुन्दर लेख के लिये बहुत ही सुंदर
नया रंग संयोजन बहुत बढ़िया है ताऊ ! मज़ा आया
ReplyDeleteताऊ, देर हो गई आण में, लाग्गै सै,पंच तो फैसला भी देकर जा चुके हैं। अगली डकैती में मन्नै भी साथ ले लेणा।
ReplyDelete( कहाणी कहणे का हुनर आपमें तगड़ा है ताऊ, इससे भी कमाई-धंधा हो सकै सै।)
ताऊ ने सही सबक सिखाया। जैसे को तैसा।
ReplyDeleteताऊ जी लेख तो बढिया से पर बांदर का लिखा कोई न लागे से...गलती से फ़ोटो चेप दी तो कोई बात ना से... पर जच को न रही
ReplyDeleteबहुत बढिया ताऊ ! बहुत सुथरा काम कर राख्या सै ! लागे रहो ! ज़माना भी इसा ही सै !:)
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteजुर्माना भी बाणिये पर लगाया गया ! और ताकीद की गई कि आईन्दा इस तरह के झुंठे मामले लगा कर किसी शरीफ़ आदमी की इज्जत नही खराब करे ! वर्ना अगली बार और सख्त जुर्माना लगाया जायेगा !
ReplyDeleteमजा आगया ताऊ आज तो ! दीपावली की राम राम !
ताऊ इब फ़िर बोल्या - इसकै बर्तन इतनी बार मेरे यहां जचकी करके बच्चे पैदा कर चुके थे पर मैने कभी इस बाणिये से जापे का खर्चा भी नही मांगा ! आप पूछ लो इससे ! इसके बर्तन मेरे यहां बच्चे पैदा करते थे या नही ? !
ReplyDeleteकमाल है ! ताऊ कितना परमार्थी है ? जबरन लोग ताऊ को बदनाम करते हैं !
ताऊ बहुत शानदार काम शुरू किया है ! हमसे ही साझेदारी कर लो ! :) हम भी धंधे की तलाश में हैं !
ReplyDeleteहर बार इसके बर्तनों द्वारा पैदा बच्चो को मैं इमानदारी से इसको दे देता था ! अब तो पहले का भी खर्चा चाहिये ! अब फ़ैसला आप के ही हाथ सै ! इब बाणियां मना भी नही कर सकता था की उसके बर्तन बच्चे नही पैदा करते थे ! बुरा फ़ंसा ताऊ के जाल मे !
ReplyDeleteताऊ क्या कस के फंसाया है बिचारे बानिये को ? चलो पहले बार इमानदारी से कमाया तो सही आपने ! :)
बहुत गजब का किस्सा लाये हो अबकी बार तो ! मजा आगया ! दीपावली मुबारक ताऊ !
ReplyDeleteदीपावली की राम राम ताऊ को ! अब तो बिचारे बानिये का पीछा छोडो ! उसको भी दीपावली मनाने दो ! :)
ReplyDeletehalka---phulka..bahut badhiyaa
ReplyDeleteबहुत जबरदस्त ताऊ ! जय हो आपकी ! दिमाग हल्का हो जाता है यहाँ आकर !
ReplyDeleteइस दुनिया में ताऊ से शरीफ आदमी कोई नही है ! ताऊ जी आप तो लगे रहो ऐसे ही ! बाकी हम संभाल लेंगे ! पांचो का कमीशन देख लेना ! दीपावली मुबारक !
ReplyDeleteताऊ दीवाली की राम राम ! इब हम तो जारे सै छुट्टी ! १० दिन बाद आवैंगे ! अगली पोस्ट गाम तैं लौट कर पढेंगे !
ReplyDeleteऔर उन बर्तनो का इतने दिन तक मैने इलाज करवाया उसका खर्चा पानी मुझे चाहिये ! और इस बाणीये ने मेरी इज्जत यहां आप सबकै सामनै खराब करी उसका मान हानि का भी रुपया चाहिये !
ReplyDeleteबहुत बढिया जा रहे हो ताऊ ! बनिया चढ़ गया चंगुल में तो पूरा ही निपटा दो ! बनिए ने भी कईयों को निपटाया हैं ! आप कभी उसके चंगुल में चढ़े तो आपको निपटायेगा ! तो छोड़ना मत ! अगला पिछ्ला हिसाब सब बराबर कर लेना ! :)
bahut jabardast siksar lagaya taau aapne to . maja aagaya .
ReplyDeleteअरे ताऊ आपको कितनी बार याद दिलाया की भाटिया जी का ब्लॉग नही खुल रहा मेरे यहाँ से ! उनको बोलो ना की समस्या को दूर करे !
ReplyDeleteएक बात हमारी समझ में नहीं आई। जब बनिए के बर्तन प्रेगनेंट थे तो उन्हें टानिक टेबलेट और दवा दारू की जरूरत भी रही होगी। ताऊ ने उसपर जो खर्च किया उसे भी पंचायत को दिलाना चाहिए था। चलो अगली पंचायत में हिसाब बराबर कर लेंगे।
ReplyDelete" सेठ जी इबकै तो थारै सारे बर्तनों ने मिल कर एक साथ ही जचकी कर ली सै और सबनै मिलकै यो बड़ा कडाव ही पैदा कर दिया"
ReplyDeleteअरे ताऊ जी क्या जुल्म करने लग रहे हो ? ये तो कल्पना की लम्बी उड़ान है ! सारे मिलकर इक्कठे जचकी कैसे कर लेंगे ? :)
बात समझ नही आई ! पर आपके लट्ठ के डर से मान लेते हैं ! अब आपसे लट्ठ थोड़ी ही खाने हैं ! :)
ताऊ दीवाली की राम राम ! गाम १० दिन की छुट्टी जारे हैं ! इब वापस आके थारे किस्से पढेंगे !
ReplyDeleteसो ताऊ नै सोची सबतैं पहलम इस बाणीये नै ही जोरदार सलाम सितारे वाली टोपी पहनाई जानी चाहिए !
ReplyDeleteताऊ यो टोपी कित मिलै सै ! इत बंगलोर म्ह तो ना दिखै कितै ? भेजो म्हारे धोरे भी ! :)
happy deepawali taau ji !!!
ReplyDeleteशरीफ ताऊ को हमारी राम राम ! और दीवाली की भी राम राम और आपका ये धंधा बहुत बढिया चले ! लक्ष्मी मैया से यही प्रार्थना है !
ReplyDeleteताऊ आपकी इस पोस्ट में बहुत मजा आया ! आप बंगलोर कब आ रहे हो ? अबकी बार बहुत दिन हो गए ! दीवाली की राम राम !
ReplyDeleteताऊ छा गए मन को भा गए
ReplyDeleteखोजते खोजते हम भी यहाँ आ गए
बाणीये को सदबुद्धि वाह ताऊ
आप भी चकरा गए
उनको तो बस मिली है धन बुद्धि
बड़े बूडे समझा गए
शुक्रिया अच्छी पोस्ट का