"हनन" द मर्डर



                                                                   
                                                             "हनन" द मर्डर
   
   
    ए परिंदे उंची उडान भर    ये समूचा आकाश तेरा है
    पर ध्यान रहे
    और परिंदों का भी हक उतना
    जितना ये नभ तेरा है
    उनका भी ख्याल रख
    मत कर हनन उन सीमाओ का
    जहां दूसरे के अधिकार मारे जाते हों
   जिन्हे तू साधारण परिंदा समझ कर
   हडका रहा हो
   क्या पता ? उनमे से कोई बाज हो ?




    (रचना के दुरूस्तीकरण के लिये सुश्री सीमा गुप्ता का हार्दिक आभार!)



Comments

  1. उनमे से कोई बाज हो ?
    सुन्दर बढीया जी,

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  2. बहुत उम्दा संदेश देती रचना पसंद आई, सीमा जी को बधाई.

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  3. वाह ताऊ जी अज तो आपने एक  नया सन्देश दे दिया दुनिया वालो को ....
    सुन्दर लगा बधाई हो सीमा जी आपको !!

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  4. सही बात है जी, बाज ना भी हो गौरैया ही सही. लेकिन 'ये' परिंदे ख्याल कहाँ रखते हैं !

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  5. बहुत सुंदर अप ने इस कविता मै हमे हमारे अधिकार की सीमा बताई है, आप की बात से सहमत हुं.
    धन्यवाद
    आप को ओर आप के परिवार को दीपावली की शुभ कामनायें

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  6. उनमे से कोई बाज हो ..... भई gazab ka सन्देश दिया hai दुनिया वालो को .... bahoot khoob likha hai ... kamaal ka ...

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  7. काश, परिंदे ये समझ पाते.
    अच्छी संदेशात्मक रचना.

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  8. जिन्हे तू
    साधारण परिंदा
    समझ कर
    हडका रहा हो
    क्या पता?
    उनमे से
    कोई बाज हो ?

    बहुत ही सुन्दर प्रतीक प्रयोग किये हैं
    सीमा जी आपने!
    धनतेरस, दीपावली और भइया-दूज पर
    आप सभी को ढेरों शुभकामनाएँ!

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  9. waah kya kah diya aapne ....unme se koi baaz ho waah bahut khoob

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  10. बहुत बढ़िया !!!

    ... और प्रस्तुतिकरण तो और भी जबरदस्त है.

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  11. सही कहा ,किसी के भी द्वारा दूसरो के अधिकारों का हनन सही नहीं है.
    कविता की सुन्दर प्रस्तुति.

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  12. यातायात के नियम का स्मरण पत्र।

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  13. बहुत सुन्दर!
    यहाँ तो अक्सर देखते हैं कि जब लॉन में छोटी चिडियां अजीब सी आवाजें निकाल रही हों या कोव्वे कातर स्वर में पुकार रहे हों तो किसी शाख पर ज़रूर कोई बाज़ या शिकरा बैठा होगा.

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  14. जिन्हे तू साधारण परिंदा समझ कर
    हडका रहा हो
    क्या पता ? उनमे से कोई बाज हो ?

    यही बात लोग समझ ले तो कभी किसी तरह का विवाद ही ना हो |
    बहुत बढ़िया रचना |
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ |

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  15. सुन्दर सन्देश समेटे एक बढिया रचना....
    आभार्!

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  16. वाह ! क्या बात है..........

    आनन्द आ गया,,,,,,,,,,,,,

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  17. बाज, बिल्कुल सही कहा। संदेशप्रद शिक्षाप्रद कविता बस लोगों को समझना चाहिये।

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  18. ना जाने किस भेष में बाबा मिल जाए बाज रे !
    जियो और जीने दो।

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  19. जिन्हे तू साधारण परिंदा समझ कर
    हडका रहा हो
    क्या पता ? उनमे से कोई बाज हो ?


    बहुत ही सुंदर प्रस्तुतिकरण के साथ गहन संदेश देती रचना.

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  20. जिन्हे तू साधारण परिंदा समझ कर
    हडका रहा हो
    क्या पता ? उनमे से कोई बाज हो ?


    बहुत ही सुंदर प्रस्तुतिकरण के साथ गहन संदेश देती रचना.

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  21. बहुत गजब की सीख दी है और बात भी सही है.
    आभार.

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  22. बेहद सुंदर अभिव्यक्ति...
    सीमा जी को धन्यवाद...
    ओर सभी को मेरी ओर से धन तेरस की शुभकामनायें
    मीत

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  23. बहुत उम्दा संदेश
    वाह!!

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  24. जिन्हे तू साधारण परिंदा समझ कर
    हडका रहा हो
    क्या पता ? उनमे से कोई बाज हो
    .
    क्या जबरदस्त बात है!!!!

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  25. दीपावली पर्व की आपको एवं समस्‍त परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं वैभव लक्ष्‍मी आप सभी पर कृपा बरसाएं। लक्ष्‍मी माता अपना आर्शिवाद बरसाएं

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  26. दीवाली हर रोज हो तभी मनेगी मौज
    पर कैसे हर रोज हो इसका उद्गम खोज
    आज का प्रश्न यही है
    बही कह रही सही है

    पर इस सबके बावजूद

    थोड़े दीये और मिठाई सबकी हो
    चाहे थोड़े मिलें पटाखे सबके हों
    गलबहियों के साथ मिलें दिल भी प्यारे
    अपने-अपने खील-बताशे सबके हों
    ---------शुभकामनाऒं सहित
    ---------मौदगिल परिवार

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  27. साहित्य में बाज शोषक का प्रतीक है इसका एक पाठ यह भी हो सकता है कि आकाश बाज के लिये छोड़ दिया जाये । ऐसा तो खैर दुनिया मे हो ही रहा है ।

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  28. झिलमिलाते दीपो की आभा से प्रकाशित , ये दीपावली आप सभी के घर में धन धान्य सुख समृद्धि और इश्वर के अनंत आर्शीवाद लेकर आये. इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए.."
    regards

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  29. सुंदर व्यंजनाएं।
    दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ।
    आप ब्लॉग जगत में निराला सा यश पाएं।

    -------------------------
    आइए हम पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।

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  30. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!

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  31. आप को दीपावली की शुभकामनाएं.

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  32. सुन्दर संदेश देती्रचना के लिये बधाई । दीपावली की शुभकामनायें। स्सेमा जी ताऊ जी क्या अपके पीछे छुप कर बैठे हैं नज़र नहीं आ रहे। उन्हें भी दीपावली मुबारक्

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  33. हड़कना-हड़काना तो भूत-वर्तमान-भविष्य है!

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  34. दिपावली की ढेर सारी शुभकामनायें...

    आपके बधाई संदेश के चित्र में दो उल्लू दिख रहें हैं.

    मंदी के इस दौर में लक्ष्मी जी को ओवरटाईम करना पडेगा. इसिलिये शायद दो दो उल्लू, दो शिफ़्ट में !!!

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  35. बहुत उम्दा संदेश देती रचना पसंद आई,

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