ताऊ और रामप्यारी की हरकीरत ’हीर’ से दो और दो पांच.....

रामप्यारी ने आजकल ताऊ टीवी का काम संभालना शुरू कर दिया है. उसी की पहल पर ब्लाग सेलेब्रीटीज से "दो और दो पांच" खेलने का यह प्रोग्राम शुरू किया गया है. दो और दो पांच में, ब्लॉग सेलिब्रिटी से निवेदन है कि वे सवाल के जवाब कुछ चटपटे रखें ताकि ब्लोगर साथियों का मनोरंजन भी हो , इस प्रोग्राम का मकसद  हंसना हंसाना सीखना है. इस मनोरंजक पोस्ट का अधिक अर्थ निकालने की कोशिश न करे यह काम रामप्यारे को ही करने दें.

ब्लाग सेलेब्रीटीज को रूबरू पकडना बहुत ही मुश्किल  है, नेट पर तो उनको जब चाहे तब पकड लिजीये.....पर रामप्यारी भी कोई कम नही है. एक दिन वो किसी ब्लाग सेलेब्रीटीज को पकडने के चक्कर में घूम ही रही थी कि चलते फ़िरते  सतीश सक्सेना उसके हत्थे चढ गये थे  और अबकि बार रामप्यारी के चक्कर में आ गई हरकीरत हीर, जिन्हें अपनी भोली सूरत से   बातों में फ़ंसाकर वो  "दो और दो पांच" खेलने के लिये ले आयी सीधे ताऊ टीवी के स्टुडियों में.....अब आप बिना ब्रेक देखिये अटपटे सवालों के चटपटे जवाब... सीधे...ताऊ और रामप्यारी की हरकीरत हीर  से दो और दो पांच.....


ताऊ और रामप्यारी के साथ "दो और दो पांच" करते हुये हरकीरत ’हीर’
(कैमरामैन : रामप्यारे)

ताऊ : आपसे सबसे ज्यादा दुखी कौन है?
हरकीरत ’हीर’ : पति

ताऊ. आपने आखिरी बार किसे रूलाया था?
हरकीरत ’हीर’ : मैं किसी को नहीं रुलाती अक्सर खुद रोती हूँ ….:))

ताऊ : दिन में आप कितनी बार हंस लेती हैं?
हरकीरत ’हीर’ : दर्द की कवयित्री भला कैसे हँस सकती है - कभी कभार

ताऊ : कल रात को आपने कौन सी सब्जी खायी थी?
हरकीरत ’हीर’ : कल … भिन्डी

ताऊ : आपकी किस आदत से आपके पति ज्यादा परेशान रहते है?
हरकीरत ’हीर’ : कवितायेँ लिखने से ….

ताऊ : कौन सा ट्रेफ़िक रुल आप सबसे ज्यादा तोडती हैं?
हरकीरत ’हीर’ : मैं कार नहीं चलाती

ताऊ. : अगले जन्म मे आप क्या बनना चाहेंगी?
हरकीरत ’हीर’ : हीर

ताऊ : एक चुटकला सुनाइये.
हरकीरत ’हीर’ : संता : डॉक्टर साहब, यह फूलों की माला किसलिए है?
डॉक्टर : यह मेरा पहला ऑपरेशन है, अगर कामयाब हुआ तो मेरे लिए वरना तुम्हारे लिए.

ताऊ : साढे अढाई और साढे एक कितने होते हैं?
हरकीरत ’हीर’ : गणित में सिफ़र हूँ ….

ताऊ : सासू मां से आखिरी बार डांट कब खायी थी?
हरकीरत ’हीर’ : जब तक वो ज़िंदा थीं रोज़ ही … अब वो इस दुनिया में नहीं हैं.

ताऊ : कौन से कलर के सैंडिल फ़ोकट मे भी नही पहनना चाहेंगी?
हरकीरत ’हीर’ : ऐसा तो नहीं …। सभी कलर पहन लूंगी

ताऊ : कौन सा परफ़्य़ुम आपको ज्यादा अच्छा लगता है?
हरकीरत ’हीर’ : निविया

ताऊ : खुद अपने आप की एक खराब आदत कौन सी है?
हरकीरत ’हीर’ : यही कि मैं हँसती कम हूँ

ताऊ : अपने मुंह मियामिठ्ठू बनिये
हरकीरत ’हीर’ : ऐसा मुझ में कुछ नहीं

ताऊ : .ऐसा ब्लागर जिससे आपको जलन होती हो और क्यों?
हरकीरत ’हीर’ : कोई नहीं …हाँ . अनुराग आर्य का लेखन बहुत प्रभावित करता रहा ….

ताऊ : ऐसा गाना, जिसकी हीरोईन आप अपने आपको समझने लगती हों?
हरकीरत ’हीर’ : आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे ज़ख़्मी जिगर देखेंगे तीरे नज़र देखेंगे ….

ताऊ : वे हसरतें जो अधूरी रह गयीं?
हरकीरत ’हीर’ – कोई राँझा न मिला

ताऊ : आपको एक दिन के लिये छोटी बच्ची बना दें तो क्या करना चाहेंगी?
हरकीरत ’हीर’-पेड़ों पर चढूँगी

ताऊ : सबसे बढ़िया बीता समय कौन सा था?
हरकीरत ’हीर’ –बचपन

ताऊ : सबसे घटिया समय?
हरकीरत ’हीर’ –समय कभी घटिया नहीं होता …. घटिया समय ही सबसे बड़ी चुनौती होता है

ताऊ : दुश्मन को कोई संदेश देना चाहेंगी?
हरकीरत ’हीर’ –औरत को कभी कमजोर न समझे

ताऊ – दोस्त के लिये कोई संदेश?
हरकीरत ’हीर’ –दोस्ती को अंत तक निभाने की कोशिश करे

ताऊ : अपने जीवन साथी से कुछ कहना चाहेंगी जो आप कभी रूबरू ना कह सकी हों?
हरकीरत ’हीर’ : पत्नी को पत्नी समझे दासी नहीं …

ताऊ : ऐसा एक शब्द जिससे आपको  चिढ आती हो?
हरकीरत ’हीर’ : प्रेम

ताऊ : पसंदीदा अभिनेत्री?
हरकीरत ’हीर’ : मीना कुमारी

ताऊ : पसंदीदा ब्लागर?
हरकीरत ’हीर’ : डॉ अनुराग आर्य , दानिश भारती , डॉ दराल , डॉ कौशलेन्द्र , राजेन्द्र स्वर्णकार, रश्मि प्रभा , ताऊ रामपुरिया.

ताऊ : फ़ेवरिट गायक
हरकीरत ’हीर’ : लता जी …

ताऊ: पसंदीदा लेखक
हरकीरत ’हीर’ : अमृता प्रीतम

ताऊ : ब्लागर ताऊ की इमेज आपके दिमाग में क्या है?
हरकीरत ’हीर’ : कमाल हैं बस , सबको हंसाने की कोशिश में जुटे अनोखे ब्लोगर

ताऊ : ब्लागर्स के लिये कोई मेसेज देना चाहेंगे?
हरकीरत ’हीर’ –जो लिखें दिल से लिखें

ताऊ : आपकी पसंद के 10 टाप ब्लाग्स बिना किसी वरीयता क्रम के?
हरकीरत ’हीर’ –पसंदीदा ब्लोगर लिख चुकी हूँ उन्ही के ब्लॉगस हैं

ताऊ : बच्चे परेशान करें तो उन्हें मारेंगी या समझायेंगी?
हरकीरत ’हीर’-जैसे हालात होंगें ….

ताऊ : तो धन्यवाद हीर जी ..अब फ़टाफ़ट राऊंड के लिये तैयार हो जाईये. रामप्यारी तैयार है अपने सवाल दागने के लिये..... ठीक है?

हरकीरत ’हीर’ : ओह...तो अब रामप्यारी  भी कान पकायेगी?  खैर....शुरू हो जा राम की प्यारी... रामप्यारी, आज तूने बहुत समय खोटी करवा दिया...... मैं तैयार हूं.....

अब रामप्यारी का फ़टाफ़ट राऊंड शुरु होता है

रामप्यारी : हां तो हीर  आंटी मैं आपके कान ज्यादा नही पकाऊंगी.... ...आप तैयार हैं फ़टाफ़ट खेलने के लिये? तो बताईये कि आपको क्या पसंद है? – मूंछ वाला या क्लीन शेव्ड?

हरकीरत ’हीर’ : क्लीन शेव्ड

रामप्यारी - हिल स्टेशन या समुद्र तट?
हरकीरत ’हीर’ :समुद्र तट

रामप्यारी - ट्रेन का सफ़र, बस का सफ़र या हवाईजहाज का?
हरकीरत ’हीर’ : ट्रेन का सफ़र

रामप्यारी - पुस्तक पढना या फ़िल्म देखना?
हरकीरत ’हीर’ :पुस्तक पढना

रामप्यारी - सलमान खान या आमिर खान?
हरकीरत ’हीर’ : सलमान खान

रामप्यारी - कैटरीना कैफ़ या करीना कपूर?
हरकीरत ’हीर’ : करीना कपूर

रामप्यारी - कारों में हैचबैक या सेडोन?
हरकीरत ’हीर’ : पता नहीं

रामप्यारी – साडी या आधुनिक लिबास?
हरकीरत ’हीर’ : सलवार सूट

रामप्यारी - मिरिंडा, पेप्सी या रूहफ़्जा?
हरकीरत ’हीर’ : रूहफ़्जा

रामप्यारी - गांव या शहर
हरकीरत ’हीर’ : गांव

रामप्यारी - लैंड लाईन या मोबाईल
हरकीरत ’हीर’ : मोबाईल

रामप्यारी - स्प्लिट एसी या विंडो एसी
हरकीरत ’हीर’ : स्प्लिट एसी

रामप्यारी - लेप टोप या डेस्कटोप
हरकीरत ’हीर’ : लेप टोप

रामप्यारी - ब्लेक व्हाईट फ़ोटो या कलर फ़ोटो
हरकीरत ’हीर’ : कलर फ़ोटो

रामप्यारी - ज्वाईंट फ़मिली या न्युक्लियर्फ़ेमिली?
हरकीरत ’हीर’ : न्युक्लियर्फ़ेमिली

रामप्यारी - कांच की चूडियां या मेटल की?
हरकीरत ’हीर’ : कोई भी नहीं

रामप्यारी - शिफ़ोन की साडी या काटन की?
हरकीरत ’हीर’ : कोई भी नहीं

रामप्यारी - चश्मा या कांटेक्ट लैंस?
हरकीरत ’हीर’ : चश्मा

रामप्यारी - नौकरी या बिजनैस?
हरकीरत ’हीर’ : बिजनैस

रामप्यारी - प्यार शादी के पहले या बाद?
हरकीरत ’हीर’ : बाद

रामप्यारी - ताऊ की बकबक या रामप्यारी की चकचक?
हरकीरत ’हीर’ : दोनों

तो दोस्तों यह थी ताऊ और रामप्यारी के साथ हरकीरत ’हीर’ की "दो और दो पांच"....अगली बार हम किसी और ब्लाग सेलेब्रीटी के साथ खेलेंगे दो और दो पांच....तब तक मस्त रहिये.


दो और दो पांच का खेल, ताऊ, रामप्यारी और सतीश सक्सेना के बीच

रामप्यारी ने आजकल ताऊ टीवी का काम संभालना शुरू कर दिया है. उसी की पहल पर ब्लाग सेलेब्रीटीज से "दो और दो पांच" खेलने का यह प्रोग्राम शुरू किया गया है. दो और दो पांच में, ब्लॉग सेलिब्रिटी से निवेदन है कि वे सवाल के जवाब कुछ चटपटे रखें ताकि ब्लोगर साथियों का मनोरंजन भी हो , इस प्रोग्राम का मकसद आपको हंसना सिखाना है. इस मनोरंजक पोस्ट का अधिक अर्थ निकालने की कोशिश न करे यह काम रामप्यारे को ही करने दें.

 ब्लाग सेलेब्रीटीज को रूबरू पकडना बहुत ही मुश्किल होता है, नेट पर तो जब चाहे तब पकड लिजीये.....पर रामप्यारी भी कोई कम नही है. एक दिन वो किसी ब्लाग सेलेब्रीटीज को पकडने के चक्कर में घूम ही रही थी कि सतीश सक्सेना उसके हत्थे चढ गये और उनको बातों में फ़ंसाकर वो "दो और दो पांच" खेलने के लिये ले आयी सीधे ताऊ टीवी के स्टुडियों में.....अब आप बिना ब्रेक देखिये अटपटे सवालों के चटपटे जवाब... सीधे...ताऊ और रामप्यारी की सतीश सक्सेना से दो और दो पांच.....

 ताऊ टीवी स्टूडियो में ताऊ व रामप्यारी के साथ दो और दो पांच खेलते सतीश सक्सेना, 
 (कैमरामैन - रामप्यारे) 

ताऊ : आपसे, सबसे ज्यादा दुखी कौन है?
सतीश सक्सेना - ताऊ...

 ताऊ : आप आखिरी बार कब रोये थे?
सतीश सक्सेना - कल टीवी पर बरसात का ब्यौरा देते हुए एक न्यूज़ रिपोर्टर को सुनकर...

ताऊ : कल रात को आपने कौन सी सब्जी खायी थी?
सतीश सक्सेना - याद रखने लायक, खाए हुए बरसो बीत गए ...., वैसे तुझे ताई ने कब यादगार सब्जी खिलाई थी ? 

ताऊ : आपकी किस आदत से आपकी पत्नि ज्यादा परेशान है?
सतीश सक्सेना - वह क्यों परेशान होगी ?

ताऊ : कौन सा ट्रेफ़िक रुल आप सबसे ज्यादा तोडते हैं?
सतीश सक्सेना - ओवर स्पीडिंग , ताऊ के खजाने के पीछे गाडी भागते हुए..

ताऊ : अगले जन्म मे आप क्या बनना चाहेंगे?
सतीश सक्सेना - अपने देश में डिक्टेटर ..

ताऊ : एक चुटकला सुनाइये...
सतीश सक्सेना - एक बार ताऊ के होठ जल गए।
ओ यार ये कैसे हुआ?
बीवी को रेलवे स्टेशन छोड़ने गया था।
तो?
ख़ुशी के मारे ट्रेन के इंजन को चूम लिया..लेजा यार !!

ताऊ : अढाई और पोने चार कितने होते हैं?
सतीश सक्सेना - 25 पव्वा

ताऊ : धर्मपत्नि से आखिरी बार डांट कब खायी थी ?
सतीश सक्सेना - धर्मपत्नी से आपका तात्पर्य ...?

ताऊ : कौन से कलर के जूते फ़ोकट मे भी नही पहनना चाहेंगे?
सतीश सक्सेना - तिरंगे...

ताऊ : लिपस्टिक का कौन सा कलर आपको आकर्षित करता है?
सतीश सक्सेना - लिपस्टिक हमें देखती ही नहीं फिर कलर कैसे बताएं

ताऊ : खुद अपने आप की एक खराब आदत कौन सी है?
सतीश सक्सेना - मुंहफट होना ..

ताऊ : अपने मुंह मियामिठ्ठू बनिये
सतीश सक्सेना - मंच पर आने से पहले,
चेहरे न खिल पायें तो !
जाने से पहले वहाँ ,
दो बार रुकना चाहिए !
आहटें पैरों की सुनकर,साज़ भी थम जाएँ जब,
खकर हमको वहां , कुछ ढोल बजने चाहिए !
हम जहाँ से गुजर जाएँ ,
महक जाएँ बस्तियां ,
हम जहां ठहरें ,
वहां आबाद होगीं वादियाँ
मेरे जगने पर सुनें, सब चहकना संसार का ,
और जाने पर मेरे,आंसू छलकने चाहिए !

ताऊ : .ऐसा ब्लागर जिससे आपको जलन होती हो और क्यों ?
सतीश सक्सेना - जलन किसी से नहीं हुई मगर जिनसे सीखने का दिल करे ऎसी ब्लोगर लेखिका प्रतिभा सक्सेना हैं , (शिप्रा की लहरें ) उनका शब्द सामर्थ्य बेहद प्रभावशाली एवं आपसे आदर लेने में समर्थ है !

ताऊ : ऐसा गाना, जिसका हीरो आप अपने आपको समझने लगते हों?
सतीश सक्सेना - ऐसा कुछ कर पायें यादों में बस जाएँ सदियों जहाँ में हो चर्चा हमारा ! दिल करदा ...

ताऊ : ऐसा एक शब्द जिससे आप चिढ जाओ?
सतीश सक्सेना - आशिकी

ताऊ : पसंदीदा अभिनेत्री?
सतीश सक्सेना - शायद हेमा मालिनी मगर उसने धर्मेन्द्र से शादी करली

ताऊ : पसंदीदा ब्लागर?
सतीश सक्सेना - अनुराग शर्मा उर्फ़ स्मार्ट इंडियन
ताऊ : फ़ेवरिट गायक
सतीश सक्सेना - मैं खुद , छुप के गाता हूँ कोई सुन न ले

ताऊ : पसंदीदा लेखक
सतीश सक्सेना - ब्लोगिंग में ही कई हैं, जिनके नाम लेना संभव नहीं , जिनसे मैं सीखता हूँ ..

ताऊ : ब्लागर ताऊ की इमेज आपके दिमाग में क्या है?
सतीश सक्सेना - ताऊ रामपुरिया, जिसने एक अद्वितीय प्रयोग, ब्लॉग जगत में किया है , खुद को बेईमान ताऊ के रूप में एक्सपोज़ करते हुए , जनता को सावधान रहते हुए एक गंभीर सन्देश दे पाना, आसान काम नहीं !

ताऊ : तो धन्यवाद सतीश जी ..अब फ़टाफ़ट राऊंड के लिये तैयार हो जाईये..... रामप्यारी तैयार है अपने दो और दो पांच राऊंड के सवाल दागने के लिये.......तब तक मैं हुक्का खींच के आता हूं अगले राऊंड के लिये..... ठीक है?

सतीश सक्सेना : ठीक है ताऊ . मैं तैयार हूं.

अब रामप्यारी का फ़टाफ़ट राऊंड शुरु होता है. 


रामप्यारी : हां तो सतीश अंकल...आप तैयार हैं फ़टाफ़ट खेलने के लिये?
तो बताईये कि आपको क्या पसंद है? - जीन्स वाली या साडी वाली ?
सतीश सक्सेना - अंकल से भी चटपटे जवाबों की उम्मीद है खैर ...मुझे दोनों पसंद हैं , पहले साडी बाद में जींस 

रामप्यारी - हिल स्टेशन या समुद्र तट?
सतीश सक्सेना - अगर साडी हो तो हिलस्टेशन और जींस हो तो समुद्र तट

रामप्यारी - ट्रेन का सफ़र, बस का सफ़र या हवाईजहाज का ?
सतीश सक्सेना - साडी के साथ ट्रेन और बस , जींस के साथ हवाई जहाज

रामप्यारी - पुस्तक पढना या फ़िल्म देखना?
सतीश सक्सेना - साडी साथ हो तो पुस्तकें पढना, जींस के साथ फिल्म देखना

रामप्यारी - सलमान खान या आमिर खान?
सतीश सक्सेना - इनमें से कोई नहीं , वैसे डॉ अरविन्द मिश्र

रामप्यारी - कैटरीना कैफ़ या करीना कपूर?
सतीश सक्सेना - इनमें से कोई नहीं, वैसे रामप्यारी

रामप्यारी - कारों में हैचबैक या सेडोन?
सतीश सक्सेना - सिडान अपने बस की ही नहीं ...

रामप्यारी - मेक अप वाली या बिना मेक अप वाली
सतीश सक्सेना - जींस मेकअप वाली, साडी बिना मेक अप वाली ..

रामप्यारी - मिरिंडा, पेप्सी या रूहफ़्जा?
सतीश सक्सेना - साडी में रूहअफज़ा , जींस में मिरिंडा

रामप्यारी - गांव या शहर
सतीश सक्सेना - गाँव में साडी, शहर में जींस...

रामप्यारी - लैंड लाईन या मोबाईल
सतीश सक्सेना - साडी पर लैंड लाइन, जींस पर मोबाइल

रामप्यारी - स्प्लिट एसी या विंडो एसी
सतीश सक्सेना - साडी के लिए स्प्लिट एसी और जींस के लिए विंडो ठीक है 

रामप्यारी - लेप टोप या डेस्कटोप 
सतीश सक्सेना - जींस के लिए लेपटोप और साडी के लिए डेस्कटॉप ठीक है

रामप्यारी - ब्लेक व्हाईट फ़ोटो या कलर फ़ोटो
सतीश सक्सेना - साडी के लिए ब्लैक व्हाईट और जींस के लिए कलर

रामप्यारी - ज्वाईंट फ़मिली या न्युक्लियर्फ़ेमिली?
सतीश सक्सेना - साडी के लिए जॉइंट फॅमिली एवं जींस के लिए न्यूक्लियर फैमिली

रामप्यारी - कांच की चूडियां या मेटल की?
सतीश सक्सेना - साडी कांच की चूड़ियों में और जींस के लिए मैटिल

रामप्यारी - शिफ़ोन की साडी या काटन की?
सतीश सक्सेना - शिफोन की साडी और जींस काटन की

रामप्यारी - चश्मा या कांटेक्ट लैंस?
सतीश सक्सेना - चश्मा साडी को , कांटेक्ट लैंस जींस को

रामप्यारी - नौकरी या बिजनैस?
सतीश सक्सेना - नौकरी साडी को, बिज़निस जींस को

रामप्यारी - प्यार शादी के पहले या बाद?
सतीश सक्सेना - शादी के बाद साडी से , शादी से पहले जींस से

रामप्यारी - ताऊ की बकबक या रामप्यारी की चकचक?
सतीश सक्सेना - दोनों के अपने अपने आनंद हैं

रामप्यारी - वाह....सतीश अंकल वाह.... आपने जवाब तो बडे मजेदार दिये पर लगता है आज का इंटर्व्यू आपके लिये मुश्किल खडी कर सकता है..... 

सतीश सक्सेना - क्यों...ऐसा मैने क्या कह दिया रामप्यारी?

रामप्यारी - अंकल अब ये तो घर जाकर ही पता चल पायेगा.:) खैर घर पहुंचकर फ़ोन जरूर करियेगा अब आपको शुभकामनाएं देते हुये "चलते चलते राऊंड" के लिये आपको ताऊ के हवाले कर रही हूं....मैं तब तक दूध पी कर लौटती हूं........

ताऊ : सतीश जी चलते चलते ब्लागर्स के लिये कोई मेसेज देना चाहेंगे?
सतीश सक्सेना - हास्य विधा पढ़ते समय गंभीरता त्याग कर पढ़ें , किसी के प्रति, पूर्वानुमान करके जल्द ताल न ठोंकें ! यह आपकी मूर्खता और विद्वता का परिचय दे देगा.

ताऊ : टिप्पणियों के बारे में क्या कहेंगे?
सतीश सक्सेना - अपने लेखों से और जमा की गयीं टिप्पणियों से अपना प्रभामंडल तैयार न कर लें तो खुद की कलम के प्रति अहसान होगा.

ताऊ : टिप्पणी और फ़ालोवर्स की संख्या के बारे में कुछ कहना चाहेंगे?
सतीश सक्सेना - टिप्पणियों और फालोवर की संख्या से गुणवत्ता का अनुमान लगाना महा बेवकूफी है ! अगर आप अच्छा लिखते हैं तो देर सवेर लोग उसका सम्मान अवश्य करेंगे !

ताऊ : जी धन्यवाद सतीश जी, आप हमारे स्टूडियो में आये और हमसे बेबाक दो और दो पांच का खेल खेला...., आपका आभार.

सतीश सक्सेना - ताऊ, आपका और रामप्यारी का भी आभार....जो मुझे घेर घार कर यहां ले ही आये.

तो दोस्तों यह थी ताऊ और रामप्यारी के साथ सतीश सक्सेना की दो और दो पांच....अगली बार हम किसी और ब्लाग सेलेब्रीटी के साथ खेलेंगे दो और दो पांच....तब तक मस्त रहिये.

कब से बैठे है , विपक्ष में , अपने घर में, फांके होते : सतीश सक्सेना

पिछली रिपोर्ट मैं नागनाथ, तू सांपनाथ, मौसम है दिखावा करने का में  आपने पढा था कि कैसे ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने सभी  विपक्षी पार्टियों को एक शाम मुशायरे के नाम पर खाने पीने के लिये  आमंत्रित किया था. जिसमें वो सभी विपक्षी पार्टियों को अगले चुनाव के एजेंडे में शामिल करना चाहते थे. 

मुशायरे में महाराज ने खाने पीने का बिल्कुल फ़ाईव स्टार इंतजाम किया था, सभी जानते हैं कि विज्ञान व अंतरिक्ष मंत्री श्री अरविंद मिश्र आम चूसने के बहुत शौकीन हैं उनकी फ़रमाईश पर महाराज ने  बीज घोटाला व चारा घोटाला से तैयार  आर्गेनिक खाद से पैदा हुये रत्नागिरी के  अल्फ़ांसो,  मालदा के लंगडा और पाकिस्तान के सिंधडी आम विशेष रूप से सभी को चुसवाने के लिये मंगाये  थे.  

जब सभी आमंत्रित अतिथी पहुंच गये तो स्टार्टर के रूप में  टू जी घोटाला समोसा,  कोलगेट घोटाला चिल्ली पनीर,   जमीन घोटाला केशर कलाकंद,  बोफ़ोर्स घोटाला  छोला  टिक्की...जैसे जायकेदार पकवान सर्व करवाये गये......इनको मुंह में रखते ही सभी सदस्य वाह वाह कर महाराज की मेहमान नवाजी की तारीफ़ करने  लगे. 

इसी तरह स्टार्टर कोर्स का आनंद लेते हुये  बहुत ही   सौहाद्र पूर्ण माहोल में नेता प्रतिपक्ष सतीश सक्सेना और ताऊ महाराज धृतराष्ट्र आम चूसते हुये आने वाले चुनाव के बारे में सब बातें तय कर रहे थे. ...

तभी सतीश सक्सेना बोले  - ताऊ महाराज, आपके जिम्मेदार पदाधिकारी  महिलाओं को सौ टंच  माल बताकर नारी शक्ति का अपमान कर रहे हैं......यह हमसे बर्दाश्त नही होगा....आप उन्हें नियंत्रित करें और माफ़ी मंगवाये....

तभी ताऊ महाराज बात को बीच में काटते हुये आंखे तरेर कर  बोले - सतीश जी, हम आपकी नेता प्रतिपक्ष के नाते इज्जत करते हैं पर आप हमारी पार्टी के अंदरूनी मामलात में दखल दे रहे हैं....... हमारे पदाधिकारी ने हमारी ही पार्टी की नेत्री को सौ टंच माल  कहा है आपकी पार्टी की किसी महिला के बारे में तो नही कहा ना? खुद हमारी नेत्री कह रही है कि किग्विजय ने तारीफ़ के बतौर कहा था.....फ़िर आपके पेट में क्यों दर्द उठ रहा है?  आप चाहो तो आपकी पार्टी की महिलाओं को आप दो सौ टंच बताईये...., हम आपके अंदरूनी मामलों में  कुछ नही बोलेंगे.....

सतीश सक्सेना बोले - खैर महाराज, आप जो चाहे करें....पर आपके नेता एक रूपया, पांच रूपया और दस रूपया में गरीब को भरपेट भोजन उपलब्ध होने की बयान बाजी करके गरीबों का मजाक उडा रहे हैं और आप चुप बैठे तमाशा देख रहे हैं? यह भी नाकाबिले बर्दाश्त है...

ताऊ महाराज - सतीश जी, आप समझते नही है.......योजना आयोग की 27 रूपये की बात सही ठहराने के लिये ही हम ऐसा करवा रहे हैं.....आप बात को  समझा करें.

सतीश सक्सेना तैश खाकर  बोले - महाराज, आप बिल्कुल सठिया गये हैं......आज  आदमी  27 रूपये में नाश्ता नही कर सकता और आपका आयोग इसमे गरीबी ही नही देख पा रहा है? आप बताईये आपकी आज की  इस पार्टी का प्रति व्यक्ति कितना खर्च आया?

ताऊ महाराज - सतीश जी आज की पार्टी का खर्च तो प्रति व्यक्ति एक रूपया भी नही आया. ...बिल्कुल मुफ़्त...जैसे गुरूद्वारे में लंगर मुफ़्त...यहां की यह पार्टी भी मुफ़्त......आज के सारे खर्च को स्पांसर करने के लिये  कार्पोरेट सेक्टर के लोगों की लाईन लगी है, कोई भी भुगतान  कर देगा, आप क्यों चिंता करते हैं?  लिजीये आप तो यह गर्मागर्म   टू जी घोटाला समोसा चखिये.......

सतीश ही बोले - महाराज सिर्फ़ चखाने से काम नही चलेगा, असली माल कहां हैं? उसका बंटवारा चाहिये, चाबी से कम की शर्त पर कुछ भी मंजूर नही.... और सतीश सक्सेना माईक हाथ में लेकर  शायरी करने लगे...... 


"पक्ष विपक्ष पार्टी मुशायरा संध्या"  में काव्य पाठरत सतीश सक्सेना

प्यारे साथियों, आज मैं आपके सामने अपने दिल की बात रख रहा हूं. ये ताऊ हमको सिर्फ़ बेवकूफ़ बनाता आया है इसलिये हम खजाने की  चाबी से कम पर बिल्कुल सहमत नही होंगे..... 

जनता कैसी बेवकूफ है 
भ्रष्टाचार न इनको दिखता                                       
चोर  डकैती घोटाले से  
ताऊ राम का पेट न भरता 
कितनी बार घोटाले देखे , स्विट्ज़रलैंड में  ताऊ देखे 
हम बैठे बैठे विपक्ष में,  गले फाड़ ,  चिल्लाते   रहते   !

२० साल से ताऊ राज  है  ! 
जनता को ये समझ न आती 
हमको मौक़ा एक न मिलता 
यह भगवान् को समझ न आती 
जमा माल सब खर्च हो गया , अब तो दिन भर रोते रहते 
अगर मिल गए ताऊ  सोते,कसम खुदा की  फूटे मिलते !

बड़े  बड़े   घोटाले  करता  
रोज़ खजाना अपना भरता
जनता को क्यूँ समझ न आये 
मेरे भी कुछ दिन, फिर जाएँ 
देख देख सोने के सिक्के,दाल औ चावल हज़म न होते   ! 
काश हमारे  घर में  भी तो ,  सोना , चांदी    बरसे  होते   !

बीस बरस से राम मनाऊं  
बरसों से इफ्तार खिलाऊँ 
हर रविवार चर्च में जाऊं 
फिर भी वोट न पूरे पाऊं 
हथकंडे, और राज़ बताये , ताऊ   मंत्री पकडे दिखाए !
एक बार राजा बन वा दे,  हम भी  कुछ  तो मोटे   होते ! 

 कब से बैठे  है ,  विपक्ष में , अपने घर में,  फांके होते !
ताऊ के घर में ऐश हो रही ,काश हमें भी मौके मिलते !

शायरी पढकर तैश में आकर सतीश सक्सेना जाने लगे तो  ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने उनके कंधे पर हाथ रखते हुये कहा - अरे सतीश जी, आप तो ख्वाम्खाह नाराज हो रहे हैं...आप मेरा पूरा प्रस्ताव तो सुनिये.............

(क्रमश:)

मैं नागनाथ, तू सांपनाथ, मौसम है दिखावा करने का

अभी तक तो हस्तिनापुर में ताऊ महाराज धृतराष्ट्र का एक छत्र शासन चल ही रहा है  पर आजकल विपक्षियों ने महाराज की नाकों में दम कर रखा है. पिछले काफ़ी लंबे अर्से से  अभी तक महाराज और उनके चेले चपाटे ही घोटालों पर घोटाले करके माल कमाये  जा रहे हैं. विरोधियों के सब्र का बांध टूटा जा रहा है वो किसी भी कीमत पर आने वाले चुनाव में अपना शासन स्थापित करने को बेताब हैं क्योंकि घोटालों में उनको बराबरी का हिस्सा नही मिला.

ताऊ महाराज धृतराष्ट्र को उनके खुफ़िया सुत्रों ने  आगाह कर दिया है कि अबकि बार विपक्षी नेता सतीश सक्सेना  के इरादे नेक नही लग रहे हैं, क्योंकि लूट का माल महाराज ने कहीं छुपा दिया था और चाबी की हवा भी किसी को नही लगने दे रहे हैं.  पार्टी प्रवक्ता खुशदीप सहगल भी महाराज को लगातार इस अनहोनी के लिये तैयार रहने को  चेता रहे थे और आजकल क्राईसेस मैनेज करने में जुटे हुये थे.

इस बात से महाराज काफ़ी चिंतित से रहने लगे हैं कि कहीं ऐसा ना हो कि अगली बार उन्हें घोटाले करने का मौका नही मिले. क्योंकि घोटाले, बेईमानी, भ्रष्टाचार ही तो ताऊ महाराज के जीवन की डोर है. यह सब ना हों तो महाराज जिंदा ही नही रह सकते.

स्वागत कक्ष में बैठे पार्टी प्रवक्ता श्री खुशदीप सहगल, प्रमुख विपक्षी नेता
श्री सतीश सक्सेना, कामरेड श्री  दिनेशराय द्विवेदी, स्वास्थ्य मंत्री डा. दराल
एवम विज्ञान व अंतरिक्ष मंत्री श्री अरविंद मिश्र.


आखिर ताऊ  महाराज को एक तरकीब सूझ ही गई और उन्होंने सत्ता छोडने की बजाय एक नया फ़ार्मुला निकाला. सभी  विपक्षी पार्टियों को एक शाम मुशायरे के नाम पर खाने पीने के लिये  आमंत्रित कर लिया. महाराज  अपना लठ्ठ कंधे पर रख कर आमंत्रितों का गर्मजोशी से स्वागत करने लगे.   कंधे पर लठ्ठ रख कर स्वागत करना यूं तो शालीन नही कहा जा सकता  पर महाराज के पास बस यही एक तो हथियार है विपक्षियों को काबू में रखने का.  कंधे पर रखा लठ्ठ महाराज की CBI यानि Celebrity Blog Investigation
द्वारा जांच बैठाने  का सूचक है जिसको देखते ही सामने वालों को पता चल जाता है कि यदि महाराज की बात नही मानी तो CBI प्रमुख परिकल्पना वाले श्री रवींद्र प्रभात जी को उनके ब्लाग की जांच का  काम सौंपा  जा सकता  है.

ताऊ महाराज मुशायरे में अपनी बात रखते हुये

मुशायरे की संध्या पर ताऊ महाराज ने सबका  स्वागत करने के बाद सबसे  खाने पीने का इसरार करते हुये अपने कंधे पर लठ्ठ  रखते हुये बोलना शुरू किया.....

प्यारे भाईयो, चाहे आप या हम सत्ता में रहें या विपक्ष में, उससे क्या फ़र्क पडता है? हम सबका एक ही उद्देष्य है कि देश को आगे ले जाना है और देश आगे तभी जायेगा जब यहां के लोगों में 100 रूपये किलो टमाटर और 50 रूपये किलो प्याज जैसी चीजे खरीदने की क्षमता हो.....खैर यह सब एजेंडा तो हम दोनों ही पक्ष विपक्ष के लोग जानते हैं.

मैने आज आपको इस गोपनीय मुशायरा संध्या में इसलिये बुलाया है कि आने वाले चुनाव का अंदरूनी एजेंडा हम तय करले, हममें से किसी एक की हार या जीत तो होनी ही  है. .. लेकिन हम ये वादा करें कि शासन चाहे जिसका भी रहे हम एक दूसरे का पूरा ख्याल रखेंगे.

मैं मानता हूं कि इस बार मेरे मंत्रियों ने घोटाले कुछ ज्यादा ही कर दिये और आपको ज्यादा मौका नही मिला किंतु इस बार ऐसा नही होगा. लूट के माल का बंटवारा बराबर होगा.


ताऊ महाराज की चाबी वाली बात गौर से सुनते सतीश सक्सेना

इसी बीच विपक्ष के नेता सतीश सक्सेना तमतमा कर उठे और बीच में ही बोले ......ताऊ महाराज, ऐसा नही चलेगा, तुमने लूट का सारा माल कहीं छुपा दिया है, यदि बराबरी की बात करते हो तो उस खजाने की चाबी हमारे हवाले करो वर्ना विरोध जारी रहेगा........

सतीश सक्सेना को शांत करते हुये ताऊ महाराज धृतराष्ट्र बोले - सतीश जी प्लीज...प्लीज आप शांत हो जाईये और मेरी पूरी बात तो सुनिये.....आप नाराज क्यूं हो रहे हैं? आपके लिये एक गजल पेश कर रहा हूं..आपकी सब शिकायते दूर हो जायेंगी और चाबी का राज भी पता चल जायेगा. सुनिये....

मैं नागनाथ, तू सांपनाथ, मौसम है दिखावा करने का 
या मैं जीतूँ  या तू जीते, न गम हो किसी के पिटने का

प्रजातंत्र की लूट मे हम, मिलजुल कर मलाई खा लेंगे

जब जेब भरें हम दोनों की , काहे झंझट में, पडने का   

तू मेरी सीडी पब्लिश कर , मैं तेरा  बैण्ड  बजवा  दूंगा 

मिलता है हमको कभी कभी, मौका नोटों के गिनने का  

तू  पक्ष में हो या विपक्ष में, हर तरफ़  फसल  है,  चांदी की 

काटो चुपचाप बिना पंगा, क्यों  व्यर्थ का  झगडा रोने का 

जनता के चक्कर में प्यारे क्यों अपना समय ख़राब करें 

चुपचाप गड्डिया रखता जा स्विस का बैलेंस बढाने का 

मिल बाँट खाओ और मौज करो, बेकार बहस में पड़ते हो  
ताऊ कहता , हद में ही रहो, मौका  आये क्यों लठ्ठ उठाने का



इस तरह ताऊ महाराज ने अंत में लठ्ठ (CBI) की छुपी हुई धमकी देते हुये  अपनी बात पूरी की, चारों तरफ़ शांति पसर गई  और अब बोलने के लिये खडे हुये प्रमुख विपक्षी नेता सतीश सक्सेना .......

(क्रमश:)

कैसे गुजरी तमाम रात, बताऊं कैसे ?



कैसे गुजरी तमाम रात, बताऊं कैसे ?
रात भर करवटें बदलीं , सुनाऊं कैसे ?


"बेचैनी का बुरा आलम, 
दर्दे दिल तुझको, दिखाऊं कैसे ?

लग रहा भोर हो चुकी अबतो, 
रात के जख्म,  छुपाऊं कैसे ?

जीने की कोई तमन्ना ही नही,
जिंदगी का  बोझ,  उठाऊं कैसे ?

तन्हाई मुझको पुकारे यारो 
सजदे में सर अब, झुकाऊं कैसे ?



जो बिखर के चकनाचूर हुए, वो सपने हमने देखे हैं !




जो बिखर के चकनाचूर हुए, वे स्वप्न उमड़ते देखें हैं
इन नजरों ने, प्रभु के सम्मुख ,तूफ़ान उमड़ते देखे हैं.


मैं सुबह कहूं,  इसको कैसे, जलप्रलय में सूरज उगने को
जिस रात अनगिनत आफ़ताब मैंने आग उगलते देखे हैं.

ये इश्क मोहब्बत की गज़लें  दुनियां में तमाशा  करती हैं

मैंने तो यहाँ   लैलाओं  से , कई  मजनू लुटते हुये देखे हैं.

सारी रात गुजर गई यादों में,लगता है कि वे आने से रहे

पूरी रात करवटें , बदल बदल, अफ़साने  हज़ारों  देखे हैं.

लुटा यहाँ सब प्रभु के सम्मुख, बर्वादी के आँगन में     
फिर भी ताऊ ने भूखे प्यासे, काफ़िले चलते  देखे हैं. 

यह ब्लाग संसद है....बेवकूफ़ कहीं का...

ब्लाग संसद खचाखच भरी हुई थी. इस सत्र में कई बिल पास होने थे इनमें भी महत्वपूर्ण बिल यह था कि इस साल का "सर्वश्रेष्ठ ब्लाग रत्न शिरोमणी" अवार्ड किसे दिया जाये? यूं तो ब्लागिस्तान में क्षेत्रिय दलों की तरह अनेकों छोटे मोटे ब्लाग मठ  हैं जो अपनी अपनी ढपली बजाते रहते हैं और अपने अपने इलाके में राज भी करते हैं.  

पर राष्ट्रीय स्तर पर ब्लागिंस्तान मुख्य रूप से दो मठों में बंटा हुआ है. दोनों ही मठों के मठाधीष चाहते हैं कि इस बार का "सर्वश्रेष्ठ ब्लाग रत्न शिरोमणी" अवार्ड उन्हीं को मिले, सारी ताकत दोनों मठों  ने झौंक रखी है. और  इसके लिये संसद में भारी बहस चल रही थी. सभी अपने अपने कारनामें बढ चढकर बता रहे हैं कि किसने सबसे ज्यादा मौज ली? किसने सबसे ज्यादा बेनामी टिप्पणियां की? किसने कितने ब्लागरों को ब्लागिंग छोडने के लिये मजबूर किया...इत्यादि इत्यादि.....


ताऊ अपनी भैंसों के साथ ब्लाग संसद की ओर बढता हुआ

इधर ताऊ अपनी प्यारी भैंस चंपाकली सहित अपनी सारी भैंसों को लेकर  ब्लाग  संसद की और जाने वाली सडक पर बढता जा रहा है. मुख्य मार्ग पर यह नजारा देखकर भीड भी ताऊ के पीछे हो लेती है. ताऊ अपनी भैंसों सहित ब्लाग संसद में घुसने के लिये कोशीश करता है पर  ब्लाग  पुलिस  उसे गेट पर ही रोक लेती हैं. ताऊ नाराज होने लगा तो ब्लाग पुलिस का मुखिया अंदर जाकर ब्लाग संसद के अध्यक्ष को सूचित करता है   की एक ताऊ अपनी बहुत सारी भैंसों के साथ ब्लाग संसद में घुसना चाहता है.

अधयक्ष महोदय घबरा जाते हैं, उन्हें यह अंदेशा था कि हो ना हो यह वही भैंसों वाला ताऊ होगा जिसने एक बार कैट एयरवेज के एयरक्राफ़्ट से अपनी भैंस को बांध दिया था.  आज तो वो हद ही कर रहा है कि  अपनी सारी भैंसों को लेकर ब्लाग संसद  में घुसना चाहता है. क्या मालूम इस ताऊ का क्या इरादा है? यह सोचकर वो बाहर गेट पर आकर ताऊ से उसके वहां आने का कारण पूछते हैं.

ब्लाग संसद   के अध्यक्ष महोदय ने पूछा - ताऊ, यहां कैसे आना हुआ? तुमको मालूम नही कि ये ब्लागरों की संसद है और बहुत जरूरी बहस चल रही है?

ताऊ बोला - मैं कौन सी तुम्हारी बहस में लठ्ठ मार रहा हूं? मैं तो यहां अपनी भैंसों की पूंछ की  कटिंग करवाने और उनका रंग काला करवाने आया हूं जो कि उनकी उम्र के हिसाब से थोडा भूरेपन पर आ गया है.

अध्यक्ष महोदय ने गुस्से से तमतमाकर कहा - तो फ़िर किसी हेयर कटिंग सैलून में ले जाकर  करवावो ना, यहां क्या करने आये हो? यह ब्लाग संसद है....बेवकूफ़ कहीं का...

ताऊ बोला - मैने सुना था  कि ब्लागिस्तान  में इससे बेहतर  कटिंग  और  डाई करने की कोई दूसरी सैलून  नही हो सकती, इसलिये  आया हूं.....मेरी भैंसें जरा नाजुक हैं इसलिये मैं उनकी पूंछ की कटिंग और डाई किसी उच्च स्तर की सैलून में ही करवाता हूं.

अध्यक्ष महोदय ने तल्खी से कहा - चल भाग यहां से ताऊ कहीं का. आया बडा भैंसों की पूंछ के बाल कटाने वाला....जैसे हमने कटिंग सैलून खोल रखी हो....

अब ताऊ का दिमाग घूम गया सो चिल्ला कर बोला - तुमको मेरी भैंसों की कटिंग तो करनी ही पडेगी..  तुमसे बडा कटिंग मास्टर और कौन होगा?  तुम लोग यहां बैठकर कितनी खूबसूरती से जनता की गर्दन काटते हो, रिश्वत और घोटालों की  फ़सल काटते हो तो मेरी भैंसों की कटिंग क्यों नही काट सकते? और तुम इतने काले कारनामे करते हो तो तुमसे बढकर मेरी भैंसों का रंग काला और कौन कर सकता है?

अध्यक्ष महोदय को गुस्सा   आ रहा था पर सही बात के आगे कुछ निरूत्तर से होगये...इतनी ही देर में ताऊ की सबसे लाडली भैंस  चंपाकली आकर  बोली - ताऊ, सब भैंसों को भूख लग आई है....उनके खाने का कुछ इंतजाम करावो.

ताऊ बोला - जावो, अंदर घुस जावो और चारा खा आवो.

अब अध्यक्ष महोदय चिल्लाकर बोले - अरे ओ ताऊ, तेरे को कहा ना, यह ब्लाग संसद है कोई तबेला नही जो यहां भैंसों को चारा खिलाने के लिये कह रहा है?

ताऊ बोला - देख भाई, तुम ब्लाग नेता यहां बैठकर चारा नही खाते क्या? अगर नही खाते तो चारा घोटाला कैसे हुआ? जब तुम यहां चारा खा सकते हो, रिश्वत खा सकते हो तो यही सब चीजें मेरी भैंसों को भी खा लेने दो. अब वैसे भी तुम्हारा लंच टाईम हो रहा है सो मेरी भैंसों को भी लंच कर लेने दो.

बाहर जब  इतनी  देर तक बवाल चलता रहा तो अंदर से ब्लाग सांसद सतीश सक्सेना निकल कर बाहर आये और सामने ताऊ को भैंसों सहित देखकर मुस्कराये और बोले - ताऊ, आज भैंसों को चराने  अकेले ही आये हो क्या? ताई को साथ नही लाये?

ताऊ बोला - सतीश जी,   आज मुझे अपनी भैंसों को चराने के अलावा उनकी कटिंग भी करवाना थी और घर को आजकल चोरों के डर से ज्यादा देर सूना नही छोडा जा सकता, इसलिये उसे गृह मंत्रालय सौंप आया हूं जिसे वो संभाल रही है.

ताऊ और ताऊ की भैंसें ब्लाग संसद के गेट पर चारा खाने के लिये अंदर घुसने की जद्दोजहद कर रहे हैं और ब्लाग पुलिस उनको खदेडने में डटी हुई है. हो सकता है आंसु गैस के गोले भी फ़ोडने पड जाये. पर अबकि बार भैंसे मानने वाली नही हैं.

इतनी ही देर में ब्लाग पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की फ़ुहारें मारनी शुरू कर दी.... ताऊ और  भैंसे समझ रहे हैं कि ये उनको डाई करने के  के लिये धुलाई शुरू हो गई है.  वैसे भी भैंसों को पानी की ठंडी  फ़ुहारे बहुत अच्छी लगती हैं.

जैसे जनता को कोई भी कानून बनता देखकर खुशी होती है कि बस अब तो हमारे दुख दर्द दूर हुये ही समझो. उसी तरह  वाटर कैनन के इस्तेमाल को भैंसों ने अपने हक में कानून समझकर  खुश होकर  नाचना गाना शुरू कर दिया.......

मन डोले मेरी पूंछ  डोले        
मेरे पेट की मिट गई भूख रे     
ये कौन मारे है फ़ुहारिया          

मधुर मधुर सपनों में देखा था चारा घना अकेला     
छोड़ चली हूं लाज शर्म, अब  खालूं सारा चारा     
  
रस घोले धुन यूँ बोले     
ठंडी पड़ रही फुहार रे     
ये नेताजी बजाये बांसुरिया      
मन डोले मेरी पूंछ  डोले  ...  


इसी तरह  खाद्द्य सुरक्षा कानून के बनने से गरीब जनता भी नाचना गाना शुरू कर देगी मानो  उनका पेट ही भर गया हो.



बोलणैं त पहले सोच भी लिया कर.

हस्तिनापुर नरेश ताऊ महाराज धृतराष्ट्र सुबह सुबह ग्रीन टी सुडक रहे हैं. रामप्यारे उनको रोज की तरह अखबारों के समाचार सुना रहा है क्योंकि महाराज अंधे हैं... तो ना टीवी देख सकते और ना ही अखबार पढ सकते हैं. बचे खुचे सर पर राजस्थानी पग्गड चढा रखा है सो दिमाग भी ज्यादा कुछ काम नही करता. बस रामप्यारे की सूचना अनुसार ही राजकाज के निर्णय लेते रहते हैं.

वैसे ताऊ महाराज  धृतराष्ट्र के पास पहले एक  मिस समीरा टेढी नाम की  वरिष्ठ सलाहकार होती थी जो आजकल शायद ब्लाग जगत से छुट्टियों वाला हनीमून मनाने गयी है, सारा सलाहकारी का बोझ आजकल रामप्यारे ही संभाल रहा है.

रामप्यारे बोला - महाराज आजकल तो बस यही समाचार है कि नरेंद्र मोदी ने क्या कह डाला? दिग्विजय सिंह ने   कौन सी विजय कर डाली? मध्य प्रदेश में कैसे अविश्वास प्रस्ताव का,  पेश करने वाली पार्टी के ही सदस्य ने  फ़ना फ़िल्ला कर  डाला?  इसके पीछे की रणनिती का जनक कौन था?

ताऊ महाराज धृतराष्ट्र - अरे रामप्यारे, और भी तो कुछ खबरें होंगी? हमारी प्यारी प्रजा का क्या हाल है?

रामप्यारे - महाराज प्यारी प्रजा का तो पता नही पर कोर्ट ने एसिड हमलों की रोकथाम के लिये कुछ कडे कानून बनाने का कहा था  और सुना है   सरकार अब सरेआम एसिड बेचने  पर प्रतिबंध लगा सकती है.

ताऊ महाराज धृतराष्ट्र - तो इसमे गलत क्या है? हमने ही आदेश दिया है क्योंकि इस तरह आसानी से एसिड मिलने से मनचले बेचारी कन्याओं पर एसिड फ़ेंक देते हैं.....कोई कोई तो खुदकुशी के लिये भी एसिड पी लेता है. हमको अपनी प्यारी प्रजा की बहुत फ़िक्र रहती है, इसलिये हम बहुत जल्दी कुछ कडे कानून लागू करवायेंगे.

रामप्यारे - महाराज, आपको प्यारी प्रजा की इतनी ही फ़िक्र है तो बीडी सिगरेट और शराब पर भी जड से ही रोक लगा दिजीये. इससे आपका स्वास्थ्य बजट भी काफ़ी घट जायेगा और हर साल जो लाखों मौत इनकी वजह से होती है....भरे पूरे घर उजड जाते हैं...इससे भी आपकी प्यारी प्रजा निजात पा जायेगी?

ताऊ महाराज धृतराष्ट्र बोले - अरे रामप्यारे बावला होग्या के?  यदि बीडी सिगरेट और शराब बनाने  पर ही रोक लगा देंगे तो फ़िर खजाना काहे से भरेगा? फ़िर हमारे विदेशी दौरे और जैड प्लस वाली सुरक्षा का खर्चा कौन उठायेगा?  सरकारी रोजगार के अवसर कहां से पैदा करेंगे?.... बावलीबूच कहीं का....बोलणैं त पहले सोच भी लिया कर.

सरकार के कुत्ते फ़ेल हो गये क्या ?

लगता है मध्य प्रदेश  सरकार के कुत्ते फ़ेल हो गये हैं वर्ना जो कुछ राघव सांवला के साथ हुआ वो नही हुआ होता. एक शांत और एकांत वासी के मामले में इस तरह कार्यवाही हुई कि दो चार दिन में ही उसको  उसी थाने की सलाखों के पीछे  पहुंचा दिया गया   जिसका कभी उसने (राघव सांवला)  ने ही  उदघाटन किया था. और फ़टाफ़ट कोर्ट में भी पेश करके दो सप्ताह के लिये जेल भी भिजवा दिया. हुई है आज तक किसी मंत्री पर इतनी फ़ास्ट ट्रेक सुनवाई?  कोई भी सरकार कुत्तों के सही सलामत रहते इतनी तेजी से किसी भी मामले में इतनी तेजी से कारवाई नही करती. यह भी कह सकते हैं कि कुत्तों की सलामती त्वरित कारवाई में बाधा डालकर उसको लेट ही करवाती है.

ताऊ को  एक बात जो विशेष रूप से हैरान कर रही है वो ये है कि इस वाकये के पहले कभी राघव सांवला नाम सुनने में नही आया, जब भी सुना सिर्फ़ वितमंत्री राघव जी. जी हां, ये वही वितमंत्री  राघव जी हैं जो  दस बार मध्य प्रदेश का बजट पेश कर चुके हैं. ये इतने शांत और एकांत वासी हैं कि इनका नाम सिर्फ़ बजट पेश करने के दिन ही सुनाई देता था, बाकी साल भर कभी भी ना ये अखबार में छपते थे और ना ही किसी टीवी पर दिखते थे और विधान सभा में बोलना तो दूर की बात है. म.प्र. के अधिकतर लोगों को इनका सांवला सरनेम भी नही पता होगा, सिर्फ़ वितमंत्री राघव जी या ज्यादा से ज्यादा वितमंत्री राघव जी भाई. ये सांवला तो शायद सरकार के कुत्ते फ़ेल होने के कारण जुड गया लगता है.

सरकार जब भी खतरे में आई तब भाजपा के सीनियर मोस्ट और अनुभवी नेता होने के बावजूद ना ये कभी सरकार को बचाने आगे आये और ना ही कभी कोई बयान बाजी की, इनकी सिर्फ़ एक ही खासियत रही कि   जैसे ही भाजपा की सरकार बनती उसमे इनका वितमंत्री होना तय  रहता था. शपथ ग्रहण की लिस्ट में  इनका नाम अखबार में छपने वाली  मंत्रियों की लिस्ट में ही  दिखाई देता था बाकी चाहे सरकार गिरे या उठे, चाहे ताई लडे या भाई, इनका कहीं भी नाम नही आता था.

इस मामले ने एक बात तो सिद्ध कर ही दी है कि यदि सरकार के कुत्ते इसी तरह से फ़ेल रहें तो हर उस मामले में इतनी ही तेजी से कारवाई हो सकती है जितनी तेजी से राघव सांवला के मामले में हुई, वर्ना तो सभी सरकारों के कुत्ते इतने चाक चौबंद रहते हैं कि मंत्री की तो छोडिये किसी बाबू पर भी इतनी तेजी से कारवाई नही होती.

शायद आप बार बार कुत्ता शब्द सुनकर कुछ दुविधा में पड रहें हों तो आपको बता दूं कि कुता शब्द ब्रेक के लिये प्रयोग किया जाता था. बचपन में जब हम किसी से अपनी साईकिल टकरा देते थे तब बहाना मारते थे कि माफ़ करना....मेरी साईकिल के कुत्ते फ़ेल हो गये थे.

आईये हम सब मिलकर दुआ करें कि सभी सरकारें अपने अपने कुत्तों को फ़ेल कर दे तो शायद हमारे देश में  बेईमानी भ्रष्टाचार करने वालों पर भी अंकुश लग सकेगा. और सभी मामले इसी रफ़्तार से निपटाये जा सकेंगे. वैसे यदि सरकारें चाहें तो सभी मामलों में इतनी ही त्वरित गति से कारवाई  हो सकती है चाहे कोलगेट हो या टू जी या फ़िर कोई सा भी जी हो.


खुद ही उल्टा सीधा, फ़रेबगिरी का पाठ पढावै क्य़ूं सै

भाईयों, ताई के अलावा सभी भहणों, भतीजे और भतीजियों आप सबनै घणी रामराम. 

आज इस "हरियाणवी गजलकार ब्लाग मंच" पर अपनी गजल पढते हुये मन्नै घणी  खुशी होरी सै. इब मैं अपणी बिल्कुल नई नई और ताजा गजल आपको सुणा रह्या सूं.....जरा कसकै तालियां मारणा.... तालियां ना मारो तो कोई बात नही.....टमाटर भी मार सको हो....टमाटर घणे महंगे हो राखें सैं....घर ले जाऊंगा तो आज सब्जी बण ज्यागी. घणी महंगी सब्जी की वजह तैं घर म्ह सब्जी कई दिनां तैं बणी कोनी.

इब गजल का मतला अर्ज कर रह्या सूं....

खुद ही उल्टा सीधा,  फ़रेबगिरी का पाठ पढावै क्य़ूं सै
सूखी बालू पै इब यो,  चांद की तस्वीर,  बनावै क्य़ूं सै

इब आगे सुणो....

तू तो नू  कहवै थी मन्नै,  प्रीत नही सै  इब  मेरे धौरे
ऐसी तैसी करकै मेरी, कमरां म्ह फ़ूल  सजावै क्यूं सै

जिण सपना तैं नींद उड ज्यावै, ऐसे सपने देखे कौण
झूंठ  मूंठ तसल्ली पाकै, जिंदगी खराब करावै क्यूं सै

चांद निकल कर छत पै आया, घणी चांदनी बिखराता
पल दो पल की तेरी चांदनी, फ़िर घणा इतरावै क्यूं सै

इब  मकता यो रह्या....

जिन रास्तों पै तू चाल्या,  उन पर चलकर बचा है कौण
लेकिन ताऊ, आधे रस्ते तैं, इब उल्टा मुंह घुमावै क्यूं सै

आभार....रामराम.


"हरियाणवी गजलकार ब्लाग मंच" की सदस्यता प्राप्त करने के लिये तुरंत संपर्क करें.

मेरी इच्छा हो रही है कि तेरी गर्दन मरोड दूं...

ताऊ और रामप्यारे बैठे हैं, कुछ धंधे पानी का गंभीर रूप से  हिसाब किताब चल रहा है. लगता है ताऊ रामप्यारे से धंधे का एक एक पाई पाई का हिसाब लेता है.

ताऊ ने  पूछा - रामप्यारे, ये बता कि हमने जो उतराखंड त्रासदी के लिये चंदा इकठ्ठा किया था वो रूपया कहां है? आखिर लोगों ने दिल खोलकर चंदा दिया था वो रूपया कहां गया?

ताऊ और रामप्यारे चंदे की रकम गिनते हुये 

रामप्यारे बोला - ताऊ, जो भी चंदा आया था उसे मैने इमानदारी से सहायता के लिये भिजवा दिया था, इसमें कम और ज्यादा बचने का सवाल कहां आता है?

ताऊ बोला - अरे बेवकूफ़, तुझसे मैने सिर्फ़ उतराखंड के नाम पर चंदा इकठ्ठा करने को कहा था, भिजवाने के लिये नही. यदि चंदा उगाकर भिजवा दिया तो फ़िर हम क्या खायेंगे?

रामप्यारे बोला - ताऊ, कुछ तो शर्म करो, उतराखंड त्रासदी एक ना भूलने वाला लम्हा है. कईयों ने अपने प्रियजन खो दिये, कई ऐसे हैं जिनको प्रियजनों की आज तक  कोई खबर ही नही मिली. उन सभी के  दर्द को आसानी से कोई भी समझ  सकता है.... और तुम हो कि उनके नाम पर किये गये चंदे को डकारने की सोच रहे हो?

ताऊ बोला - रामप्यारे, मेरी इच्छा हो रही है कि तेरी गर्दन मरोड दूं...गधा कहीं का....हाथ आये रूपये तूने स्वाहा कर दिये....मुझे नही मालूम, जावो, अपने दो चार पहलवान साथ लेकर  त्रासदी के नाम पर दुबारा चंदा उगावो और लाकर मुझे जमा करावो.

अब रामप्यारे ताऊ के लठ्ठ और दबंगई के सामने क्या करे...बेचारे ने ताऊ के चार पांच छटे छटाये और इस काम में माहिर पहलवानों को साथ लिया और लग गया काम पर.

बाजार में पहुंचकर उसने चंदा मांगना शुरू कर दिया. कुछ लोगों ने उसके साथ पहलवानों को देखकर डर के मारे मजबूरी में  जेब ढीली कर दी. कुछ ने विरोध शुरू कर दिया.

विरोध करने वाले ने कहा - भाई, हम तीन तीन चार चार बार विभिन्न संगठनों को चंदा अपनी राजी मर्जी से दे चुके और अब तो वहां राहत कार्य भी खत्म हो चुका फ़िर ये किस बात का चंदा मांग रहे हो? और तुम कौन से संगठन की तरफ़ से चंदा मांगने आये हो?  आखिर हम चंदा क्यों दें?

रामप्यारे के साथ गये पहलवानों ने उसकी गर्दन पकड कर पिटाई शुरू कर दी और बोले - तेरी हिम्मत  कैसे हुई हमसे इतने सवाल जवाब करने की? तेरे को बोला ना कि चंदा दे और छुट्टी पा....

इस विरोध करने वाले को पिटता देख कर दूसरे दुकानदारों ने भी चंदा देने में ही अपनी भलाई समझी और शाम तक खचाखच नोटों का थैला भर कर ताऊ की टीम वापस आ गई. नोटों का थैला पकडते हुये ताऊ ने उन सबको शाबाशी दी और साथ में थैले से कुछ नोट निकाल कर उनकी मजदूरी भी पकडा दी.

कौन कहता है कि भेजे में विचार नही आते?

ताऊ टीवी फ़ोडके चैनल के भक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रम में मैं रामप्यारे आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. प्रिय दर्शकों, आज के भंक्ति कार्यक्रम में हम आपको बाबाश्री ताऊ  रासलीला मंडल दवारा आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखायेंगे



ब्लाग सत्संग में किरपा बांटने जाते हुये महान सांसारिक बाबाओं के बाबा राज बाबा व ताऊ बाबा

.इस कार्यक्रम में    महान सांसारिक बाबा श्री ताऊ महाराज का प्रवचन होगा और इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे जर्मनी वाले बाबाओं के बाबा श्री राज महाराज. उसके बाद बाबा भक्तों द्वारा रासलीला का मंचन किया जायेगा.  .


अब बाबाश्री ताऊ महाराज आप पर किरपा बरसाने वाले वचन कहेंगे, आईये बाबाश्री....

ब्लाग भक्तों को प्रवचन व किरपा बांटते हुये ताऊ बाबाश्री महाराज

प्रिय भक्त जनों, हमें मालूम है कि आप इन दिनों बडी मुश्किल में फ़ंसे हैं. भक्त जनों मुश्किलों से डरना नही चाहिये. मुश्किलें इंसान को या तो तोड देती हैं या जोड देती हैं. भक्त जनों आपसे निवेदन है कि इस ब्लाग संक्रमण काल में आप एक दूसरे से जुडे रहें, टूटे नही. जल्द ही सुनहरा युग आने वाला है.

ब्लाग भक्त जनों आप यह समझ लें कि आने वाले  कल  का दिन  हमेशा ही एक नया दिन लेकर आता है. इसलिये परेशान ना हों, नये दिन का स्वागत उत्साह से करने के लिये तैयार रहें.

आप लोग नाहक ही फ़ेसबुक से डर रहे हैं, मेरा निवेदन है कि उससे डरने के बजाये उसे जान लें तो आपका डर स्वत: ही  निकल जायेगा. फ़ेसबुक कभी भी ब्लागिंग का स्थानापन्न नही हो सकती. जैसे भोजन में विभिन्न स्वाद वाले व्यंजन होते हैं इसी तरह ये भी अभिव्यक्ति के विभिन्न माध्यम हैं अत:  निर्र्थक डर मन से निकाल दें एवम बाबाश्री के वचनों पर विश्वास करके अपने काम में लगे रहें.

आप लोग जबरन ही एक दूसरे पर दोषारोपण करते रहते हैं, यह अच्छी बात नही है. जिसकी भी गलती हो उसे तुरंत माफ़ी मांग लेनी चाहिये. जितनी देर करेंगे, माफ़ी मांगना उतना ही कठिन हो जायेगा.

ब्लाग भक्त जनों, सत्कार्य में दान देने से कभी धन घटता नही है इसलिये बाबाश्री के दानकोष में मुक्त हस्त से दान देवें और अन्य ब्लाग भक्तों को नियमित रूप से और खुले दिल से टिप्पणी दान करते रहें. इन दोनों कार्यों को आप करते रहे तो बाबाश्री की किरपा से  आपका इहलोक व परलोक सुधर जायेगा.

कुछ भक्त जन टिप्पणी देने में बहुत कंजूसी करते हैं. कुछ तो आई हुई टिप्पणी के बदले में भी टिप्पणी दान नही करते. यह अति निंदनीय और घोर पाप की श्रेणी में आता है. जैसे शादी विवाह में व्यवहार लौटाया जाता है उसी अनुरूप यह कार्य भी करते रहने से स्वर्गिक आनंद की प्राप्ति होती है.

भक्त जनों, नियमित पोस्ट लेखन क्रिया चालू रहनी चाहिये. कई ब्लाग भक्त कहते हैं कि कई बार उनके पास विचारों का टोटा हो जाता है, यह सब आलस्य की निशानी है. भक्त जनों.....अब आखिर में सभी भक्त जन  बाबा वंदना करेंगे. उसके बाद आज का भक्ति प्रवचन कार्यक्रम यहीं समाप्त करेंगे. सब मेरे साथ गाईये....

कौन कहता है कि भेजे में विचार नही आते
जरा की बोर्ड  उठा कर, तो देखो यारो

बाबाओं को दान करने से बडा पुण्य होता है
जरा जेब खाली करके,  तो देखो यारो

दूसरों का फ़ालूदा बनाना बडा आसां है
कभी खुद का भी तमाशा बनाके,  तो देखो यारो

दूसरों को दगा देने में आनंद बडा आता है
कभी खुद भी धोखा खाकर,  तो देखो यारो

पडोसी का  चांद बडा प्यारा लगता है
कभी घर के  चांद  को भी,  तो देखो यारो

दूसरों की टिप्पणियों से जलते क्यों हों
बिना चाहत के टिप्पणी करके,  तो देखो यारों

अब आप काफ़ी बोर हो चुके होंगे अत: अब आपके लिये रासलीला का आयोजन किया गया है. आज की रासलीला  में डा. दरालमिस समीरा टेढी एवम सतीश सक्सेना की रास लीला  का आनंद लीजीये जो बाबा  भक्ति में डूबकर रासलीला करेंगे.


बाबाश्री  रासलीला मंडल

बाबाश्री रासलीला मंडल के परम भक्त डा. दराल, मिस समीरा टेढी एवन सतीश सक्सेना 


विशेष निवेदन:-

1.मुक्त हस्त से दान पेटिका में दान का रूपया डाल कर अपना जन्म सफ़ल कीजिये.

2. सभी कष्टों से  शर्तिया छुटकारा दिलाया जाता है.

3. बाबाश्री से मुलाकात का  अग्रिम समय तय कर लें, अग्रिम समय लिये बिना मुलाकत नही हो सकेगी.

4. फ़ीस अग्रिम रूप से जमा करायें.

5. बाबाश्री आपके शहर में कौन कौन सी तारीखों को रहेंगे, इसकी संपूर्ण जानकारी के लिये  हमारी वेब साईट पर लागिन    करें.

जब से तुमको देखा था सनम,मयखाने में जाना छोड़ दिया !




जब से तुमको देखा था सनम,मयखाने में जाना छोड़ दिया !
वो सुरूर चढ़ा इन आँखों में , साकी से मिलना छोड़  दिया !  

मेरा हाल हुआ बेहाल सनम,  मंजिल  न नज़र आती  मुझको 
साहिल से अलग  मंझधार  पहुंच , पतवार चलाना छोड दिया

मैं खुश हूं कि जलती  दुनिया में ,  इस  मरघट  के  सन्नाटे में !
मजहब ने बनाया था पागल,मजहब का ही  दामन  छोड दिया

तेरी याद की ठंडक है  ऐसी,   तपती  गरमी में  हो ,  मेघ झड़ी !  
तू आये, न आये, तेरी मर्जी  ,   उम्मीद ही रखना    छोड दिया ! 

दीवाना हुआ  तेरी यादों का ,  तेरा  जादू सर   चढ़  कर   बोला !
दिले-ए-ताऊ,का हाल देख उसने इस गली ही आना छोड़ दिया !