आज सुर्यग्रहण जैसा लग रहा है : ताऊ




मन अशांत है. ना लिख पाने के लिये क्षमा याचना.

Comments

  1. लिखना जारी रखें. ग्रहण का प्रभाव भले ही देर तक रहता है मगर अधियारा जल्द ही छट जाता है.


    एक विनम्र अपील:

    कृपया किसी के प्रति कोई गलत धारणा न बनायें.

    शायद लेखक की कुछ मजबूरियाँ होंगी, उन्हें क्षमा करते हुए अपने आसपास इस वजह से उठ रहे विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.

    हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.

    -समीर लाल ’समीर’

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  2. ताऊ जी
    मन आपका ही नहीं वरन बहुतों का है. वाकई सूर्यग्रहण लगा चुके हैं.

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  3. ताऊ!
    केतु राहु सूरज को कभी
    गहा नहीं करते
    केवल भ्रम है यह आँखों का
    वे तो छायाएँ हैं, केवल छायाएँ
    कुछ पल को आती हैं
    फिर चली जाती हैं
    बच्चों के करतब से
    धाएँ, मायूस नहीं होती हैं
    वे तो उन को जीने की रीत सिखाती हैं

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  4. ताऊ रामराम,
    सूर्य ग्रहण एक प्राकृतिक घटना ही तो है, और अस्थाई भी। हर ग्रह की अपनी स्वाभाविक चाल है, ये तो छंटना ही है।
    रामराम।

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  5. हमारी हालत भी आपके ही जैसी है!
    मगर
    हालात बदलने में बहुत देर नही है!

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  6. मन अशांत है.
    अब यह पढ कर यही कहूंगा
    है अंधेरा घना छा रहा
    तेरा इंसान घबरा रहा
    हो तेरी रौशनी में जो दम
    तू अमावस (सूर्य ग्रहण)
    को कर दे पूनम
    ऐ मालिक..!

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  7. ताऊ के ब्लॉग में सूर्य ग्रहण..! अब तो नहाना पड़ेगा.

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  8. खूब गर्मी में
    ऐसा भी होता है
    तरबूज जैसा लग रहा है
    खरबूज का आकार है
    विचार आपके बिना कहे ही
    हिन्‍दी ब्‍लॉग जगत में साकार हैं।

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  9. लो ताऊ... इतनी दवा, ताबीज बानाए.. बाटें.. आश्रम खोले.. और कहते हो मन अशांत है... धंधे पर बुरा असर पडेगा...

    शनिवार की पहेली का हिंट भेजो...:)

    take care..

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  10. ताऊ इसका ईलाज मेरे पास है.. सारे ब्लॉग बंद करो. और आदि की पोस्ट पढ़ो.. मन प्रसन्न हो जाएगा.. गारंटी...

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  11. आज हमारा लिखा पढ़ कर विवेचना और अपनी अपनी समझ के हिसाब से उसका अर्थ लगाने वाले बहुत हैं ! देर सबेर सबके बारे में पता चल जाएगा ! हाँ हमें ईमानदार होना चाहिए ...एक तरफा झुकाव कभी किसी को भी सही लोगों की इज्ज़त नहीं दिला पायेगा !
    आप जैसा मस्त मौला उदास हो जाये ...अच्छा नहीं लगा ताऊ ! उठ जाओ और जो भी मन में आये ...लिखो !

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  12. क्या हुआ ताऊ जी????????
    regards

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  13. ताऊ जी
    कम से कम आपसे तो यह आशा नहीं थी।
    ब्लाग जगत का जिंदादिल, खिलंदडा ताऊ होने के बाद भी आप इतने संजीदा हो जायेंगें।
    समीर जी भी आहत हुए होंगें फिर भी देखिये सबको संबल खुद ही दे रहे हैं।

    किसी ने सच ही कहा है कि -
    "जिन्हें हंसने की आदत है, वो बहुत रोते हैं अन्दर ही अन्दर"

    कुछ ज्यादा कह दिया है तो अपना बच्चा समझकर क्षमा कर दीजियेगा।

    प्रणाम

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  14. अरे ताऊ जी एक ही ब्लोग तो ऐसा था जहाँ सबको सुकून मिल जाता था और वहाँ भी ग्रहण लग जायेगा तो बाकी किधर जायेंगे।

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  15. उत्तिष्ट जागृत पराप्निबोधत।

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  16. COME ON TAUJI,चलता है, कभी सुख, कभी दुःख........... आप जैसा इंसान निराशवादी कैसे हो सकता है ? IF WINTER
    COMES,SPRING IS NOT FAR AWAY. FALTU LOGO KE BAK-BAK KARNE SE DIGNE KEE KOI JARURAT NAHEE !

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  17. Are kya hua? khair asthai stithi hai chhat jayegi.

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  18. अरे शांति काम पर नही आई क्या??? ज्जो मन आशांत हो रहा है.... अभी ताई को हकीकत बताता हुं, वो करे ही इस अशांति का इलाज थोडा ठहरो... वो लठ्ठ ले कर आती ही होगी

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  19. अरे ताऊ जी
    ग्रहण बीत गया सूतक समाप्त... देखिये सूर्यदेव नवीनतम आभा के साथ चमक रहे है .. अगर ग्रहण लंबा चला तो लेखको की जीवनशक्ति का क्या होगा हम तो मुरझा जायेंगे ..
    तो बस शरू हो जाये.. लट्ठ घुमा के

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  20. मतलब कि लिख दिया, फोटू भी डाल दिया टिप्पणी भी आ गयी।
    फिर क्षमा कैसी।

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  21. Taau Raam Raam ...

    Ye surygranah hai ye to pata nahi ... par foto lajawab jaroor hai ...

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  22. गाओ मेरे मन...
    चाहे सूरज चमके चाहे लगा हो गहन...
    गाओ मेरे मन... (योगेश)

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  23. चलो कोई नहीं, सूर्य ग्रहण तो कुछ देर का मेहमान होना चाहिए,
    जल्दी से आ जाओ और लिखो ....
    आपकी तो एक लाइन पर इतने लोग लाइन लगा कर खड़े हो गए ...लोग आपको भागने नहीं देंगे :)

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  24. हां आज सच में ग्रहण है कुछ दान वान करो मन शांत हो जाएगा |

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  25. यो अमावस का असर दिखे हैं...

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  26. ताऊ जी ,
    ग्रहण की ऐसी की तैसी , हमारा सूरज सलामत है हम नई आकाशगंगा ही बना लेंगे । आप निश्चिंत रहिए ।

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  27. देर से इस घटना का पता चला ,जो हुआ ,दुखद हुआ.
    आशा है ग्रहण अब तक खत्म हो गया हो.

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  28. प्यारे ताऊ, हमारा मन तो पिछले कई दिनों से अशांत है। क्या कहें भाई इस सब पर ? खै़र समीर जी ने जो कहा वही हम भी कहते हैं। नया उजाला आएगा।

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  29. ये वक़्त भी गुजर जायेगा ....हर अच्छा या बुरा वक़्त गुजर ही जाता है ...!!

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