सबसे भ्रष्टाचारी बरसात के विरोध में चक्का जाम

बरसात के नाम से तो ऐसा ही आभास होता है कि ये कोई देवी मईया ही होंगी पर हमें कुछ पक्का पता नही है। काहे से की कोई वरुण देव को जल मंत्री बताता है और हमारा रमलू कहता है कि इन्नर देवता जल बरसाते हैंगे। पर हमने बहुत खोज बीन और माथा पच्चीसी के बाद यह नतीजा निकाला कि यह मामला बहुत कुछ हमारे सरकारी मंत्रालयों जैसा ही है। जैसे एक ही मंत्रालय में केबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और फिर उप मंत्री और उससे भी आगे संसदीय सचिव, और सुना है की दिल्ली में केजरी दादा ने तो कोई 21 संसदीय सचिव पेले हुए थे।
अब इत्ते सारे मंत्री और कामकाज एक ही मंत्रालय का हो तो काणी के व्याव में कुंडल होना भी जरूरी है। कोई काम ढंग से हो ही नही सकता इत्ते लोगों की दखल होते हुए। और प्रजातन्त्र में तो कतई नही। हां ये अलग बात है कि कोई 56 इंची वाला हो तो फिर डर के मारे ही सही पर काम चलता रहता है।
पर ऊपर वाले यानी भगवान जी के दरबार मे पूरा प्रजातन्त्र है। वहां कोई किसी के भी काम में दोनों टांगे नही अड़ा सकता है, हां एक टांग अड़ाने की मनाही भी नही है, बस अपना हिस्सा सोमरस के रूप में मिलता रहे। वहाँ हमारे जैसा मामला नही है कि कोई पाक का झंडा उठाये, कोई आतंकियों का कोई बेईमानों या ताजा ताजा लारा वाला मामला ले लीजिए, मजाल है कोई एक सुर में बोले कि ये गलत है या सही है। खुद लठबंधन वाले दल ही चुप्पी साधे हैं तो किसी ओर क्या कह सकते हैं? यानी भगवान जी के प्रजातन्त्र में सब अपने हित साधकर सोमरस जुटाते हैं और हमारे यहां असली प्रजातन्त्र है। आखिर विश्व का सबसे बड़ा प्रजातन्त्र जो ठहरा।
असली बात ये है कि भगवान जी के यहां वाले लठबंधन में ऐसा कतई नही है। वहां सब एक ही सुर में राग अलापते हैं। धन्ना सेठ उनकी सेवा पूजा ज्यादा करते हैं तो उनको कोई कष्ट नही देते, गरीब खुद भूखा है तो बरसात देवी को कहां से 56 भोग खिलवाये और इसी का नतीजा गरीब दलित भुगत रहा है, सूखे या बाढ़ के रूप में।   वरुण देवता ने बरसात को आर्डर मार दिया  की यहां यहाँ ठीक ठाक टैंकर भिजवाना, वहां लाख दो चार लाख टैंकर एक साथ बिखरा देना जिससे बाढ़ आ जाये और खबरदार उस एरिया में एक टैंकर भी मत भिजवाना। अब बरसात देवी ने काम का क्या एक्जीक्यूशन किया इसे देखने की वरुण देव को फुर्सत ही नही है। बस आर्डर मारके वो तो अपने हिस्से आये सोमरस के सेवन में व्यस्त हो गए।
इधर बरसात देवी अपनी मनमानी करने से बाज नही आती, जहां से सोमरस नही मिला वहां पर वरुण देव के ऑर्डर के बाद भी,  जहां फसल खड़ी हो वहां एक टैंकर तो क्या एक लौटा नही बरसाएगी और जहां तैयार  फसल खड़ी हो वहां दे टैंकरों पे टैंकर और साथ मे ओले बोनस में भिजवायेगी। लगता है ऊपर वाले से डायरेक्ट बरसात देवी की सेटिंग सोमरस के लेन देन की है वरना इतना अंधेर तो नही हो सकता। पॉश एरिया और धन्ना सेठों के इलाकों में मजाल है जो कभी बाढ़ लाने की स्थिति बनी हो? बाढ़ लायक टैंकर भी  गरीब बस्तियों में ही भिजवाती है। आखिर गरीब मजदूर बस्ती और गरीब किसान ने बरसात का क्या बिगाड़ा है?
जरूर इसमें कोई साजिश है। हम बरसात देवी पर खुले आम आरोप लगा रहे हैं कि ये धन्ना सेठों से मिली हुई है, दलित किसान मजदूर विरोधी है। इसकी जांच सीबीआई और ईडी से कराए जाने की मांग करते हैं। यह लारा कम्पनी से भी बड़ा घोटाला निकलेगा। हम सुप्रीम कोर्ट से भी आग्रह करते हैं कि दलित किसान मजदूर विरोधी इस बरसात देवी के हाथ से यह मंत्रालय वैसे ही तुरन्त वापस लिया जाना चाहिए जैसे केजरीवाल ने कपिल मिश्रा से जल मंत्रालय छीन लिया था। गरीब और दलित की दुश्मन बरसात देवी की हम कड़ी निंदा करते हुए 27 तारीख को बरसात का चक्का जाम करने का फैसला लिए हैं, कहीं पर भी एक टैंकर तो क्या एक बून्द भी नही बरसने देंगे। बरसात देवी मुर्दाबाद....मुर्दाबाद... दलितों का मसीहा जिंदाबाद....जिंदाबाद।

Comments

  1. बेहतरीन...ताउ हमारा जिंदाबाद....जिंदाबाद।...जय हो!

    लठबंधन ;)

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (10-07-2017) को "एक देश एक टैक्स" (चर्चा अंक-2662) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. बरखा देवी को प्रसन्न कीजिये , फिर देखिएगा आप पर भी कृपा आनी शुरू हो जाएगी।

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  4. हम भी भरपूर निंदा करते हैं

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  5. ये लोग सोमरस "नीट" पीते होंगे या पानी मिलाते होंगे ?

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  6. एक निंदा हमारी तरफ से !

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  7. हम तो हमझे थे बरसात में बरसेगी शराब,

    आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया...


    जय हिन्द...जय #हिन्दी_ब्लॉगिंग

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