मोदी जी के नाम ताऊ का खुला खत

मोदी जी के नाम ताऊ का खुला खत
आदरणीय मोदीजी,
आज Rakesh Kumar Jain जी ने निम्न सवाल उठाया है। मैं पहले ही निवेदन कर देता हूँ कि यदि इस सवाल को लेकर कोई सजा हो तो जैन साहब को ही देना क्योंकि सवाल मेरा नही, उनका है, मैं तो पहले ही भगतों की गिनती में हूँ।😊

सभी लोगों ने गिन कर 500/- और 1000/- के पुराने नोट बैंको में जमा कराऐ, सभी बैंको ने गिन कर रुपये लिये ! सभी जमा नोटों की संख्या समेत रोज रिपोर्ट रिजर्व बैंक को दी ! बैंको ने गिन कर नोट चैस्ट में जमा कराऐ ! चैस्टों ने गिन कर रुपया लिया ! चैस्टों ने गिन कर रूपया रिजर्व बैंक में जमा कराया ! रिजर्व बैंक ने गिन कर रूपये लिऐ ! सभी बैंक कमप्यूटराइज हैं ! रोज हिसाब मिलाते हैं ! एक एक नोट का हिसाब है ! फिर भी सरकार नो महीने में भी बता नहीं पा रही है कि 500  और 1000/- के नोटों के रूप में कुल कितने रुपये जमा हुऐ हैं !

और सरकार चाहती है कि व्यापारी महीने में तीन बार अपना हिसाब और स्टॉक फिगर दे ! कैसी विडंबना है ? 🤔

अब बताइये आपका क्या कहना है? व्यापारी अपने काम धंधे में मन लगाए या सारा समय आपके टेक्स का हिसाब किताब ही करता रहे?

बहुत से व्यापारी अपने व्यापार और बही खातों का संचालन अकेले ही करते हैं, वो अकाउंटेंट रखना अफोर्ड नही कर सकते।

ताऊ का एक विनम्र सुझाव है कि आप हर व्यापारी के यहां आपका एक एक कर्मचारी नियुक्त करदें, जो दिन भर की खरीद बिक्री का हिसाब करता रहे और रोज शाम को ही आपके टेक्स का पैसा लेकर रसीद देकर चला जाये।

आपके उत्तर की प्रतीक्षा में
#ताऊ
#मोदीजी
#हिन्दी_ब्लागिंग

Comments

  1. ताऊ, जे जैन साहेब का पताठिकाणा तो देओ जरा...मोदी जी मांग रहे हैं :)

    ReplyDelete
  2. गायों की फ़िराक में लगे लोगों को भी कुछ काम मिल जाएगा !

    ReplyDelete
  3. सवाल तो वाजिब ई आपका ... पर लगता है अभी मौका नहीं आया कुछ छुपी हुयी बात बताने का ... गिनती तो हो गयी लगती है ... अप मौके का इंतज़ार है बताने के लिए ...

    ReplyDelete
  4. :) kitna saral sujhaav diya hai. Berozgaari ki samsya ka solution bhi nikal
    aaya.

    ReplyDelete
  5. हमने न जमा कराये न हमारा व्यापार-हम क्यों दाल-भात में मूसल चंद बनें ?

    ReplyDelete
  6. सही बात है व्यपारी काम देखे या ये हर महीने का तीन बार का हिसाब दे ??
    सभी व्यापारी अकाउंटेंट नहीं रखते ये भी सच है और अब आया है gst जिसके लिए लाइन दी है एक देश एक टेक्स किसी व्यपारी से जाकर पूछा है की इस gst के बाद से उसके व्यापार पर क्या असर पढ़ा है ???
    नोटबंदी की मार से वो पूरी तरह बाहर भी नहीं निकल पाया था की ये मार, मार दी ! काम पूरी तरह बंद पढ़ा है !
    मोदी जिस व्यापारी का भाई होने की बात करते थे आज वही व्यापारी सबसे ज्यादा दुखी है !

    ReplyDelete
  7. नमस्कार व्यवस्थापक जी,
    आपके द्वारा दी जा रही जानकारी मेरे लिए बहुत बहुमूल्य है , इसके लिए मैं आपका आभारी हूँ।
    आपकी जानकारी या न्यूज़ निपक्ष और अर्थपूर्ण रहती है। जिससे मैं आपकी ख़बरों को नियमित पढ़ता हूँ।
    आदरणीय
    https://www.news24ghante.com/

    ReplyDelete

Post a Comment