पुरूष दिवस की हार्दिक बधाई ताऊ...

सभी तो  नही पर  कुछ पढी लिखी और  आत्म निर्भर महिलाओं के लिये  तो अमूमन नित्य ही महिला दिवस रहता है. उस वर्ग विशेष में पुरूष दिवस मनाने की मांग जोर शोर से चल रही है और कुछ ताई जैसी निहायत शरीफ़ किस्म की महिलाओं ने सहर्ष त्याग पूर्वक  यह महिला दिवस अब पुरूषों  को समर्पित कर दिया है .

वैसे हकीकत यह है कि आज भी अधिकतर महिलाएं दमित और शोषित हैं और उनको पूरा पूरा हक है महिला दिवस मनाने का. आखिर खुशी तो  खुशी ही होती है भले ही  एक रोज  मिले.

ताई ने महिला दिवस नजदीक आते ही महिला दिवस मनाने की मांग कर डाली. ताऊ ने समझाया की अबकि बार महिला दिवस मनाना स्थगित कर दे, मेरी पीठ में बहुत ज्यादा दर्द रहता है. पर ताई ने तर्क दिया कि त्योंहार तो मनाना ही पडेगा तुम्हारी पीठ के दर्द के कारण कोई त्योंहार मनाना बंद नहीं किया जा सकता, आखिर सगुन शाश्त्र भी तो  कोई चीज होती है. मैं तो बारह महिने का त्योंहार बिना मनाए नही मानूंगी. तुम्हारी पीठ के दर्द का क्या और चार दिन ज्यादा रह लेगा. मैने पिछली बार तेज बुखार के बावजूद भी करवा चौथ का त्योंहार मनाया था कि नही?

सही बात है पीठ दर्द जैसी मामूली बीमारी के लिये करवा चौथ से भी बडा त्योंहार ताई बिना मनाये मानने वाली नही थी और ताई के तर्क यूं भी अकाट्य ही रहते हैं सो ताऊ के पास सिर्फ़ सहमति के कोई चारा नही था.

महिला दिवस शुरू होते ही चौबीस घंटे के लिये ताई का त्योंहार शुरू हो गया.   ताऊ एक शरीफ़ पति की तरह सुबह छ बजे ही उठ गया. उठते ही चाय बनाकर ताई के सामने पेश की. ताई अभी भी सो ही रही थी. ताऊ द्वारा जगाने पर गुस्से से बोली - अभी मुझे आठ बजे तक सोना है, चाय आठ बजे लाना और सुनो मुझे डिस्टर्ब मत करना. 


ताऊ चुपचाप जाकर झाडू बुहारी करने लगा. आठ बजते ही फ़िर से चाय बनाकर पेश की. ताई ने बिस्तर में बैठे बैठे ही कप पकडा और एक घूंट लिया और चिल्लाई - ये क्या चाय बनाई है? शक्कर की जगह नमक डाला है क्या? और उठाकर एक लठ्ठ ताऊ को दे मारा. पीठ दर्द के मारे ताऊ कराह उठा पर क्या करता, आखिर महिला दिवस त्योंहार के सगुन तो करने ही थे. ताऊ फ़िर से रसोई में गया, शक्कर ढूंढ  ढांड कर फ़िर से चाय बनाकर लाया.

चाय पीते हुये ताई ने मौके का फ़ायदा उठाते हुये कहा - देखो आज मेरे पैर बहुत दुख रहे हैं जरा तेल की मालिश कर दो.  ताऊ ने बिल्कुल प्रसन्नता पूर्वक यह काम भी किया, दोपहर का खाना भी बनाया, बर्तन भी धोये, कपडे भी धो दिये, यानि घर के सारे काम कर डाले.

ताई बडी प्रसन्न थी, वो सोच रही थी काश यह महिला दिवस का त्योंहार रोज ही आ जाये तो इस निगोडे का क्या बिगड जाता? ताई का आज का दिन बडा शाही रूप से बीत रहा था.   ताऊ को परेशान करने के जितने भी  ढंग ताई  जानती थी वो सारे आजमा लिये.  दिन भर में बात बेबात ताऊ को चिमटे बेलन और लठ्ठ से भी ठोंक बजा लिया. पर ताऊ की हिम्मत की भी  दाद देनी पडेगी उसने उफ़्फ़ तक भी नही की. पूरी तरह से त्योंहार धर्म का पालन किया.
शाम होकर रात होने को आ गई. अब ताई को कल की चिंता सताने लगी कि अब यह त्योंहार तो बारह महिने बाद ही आयेगा, सारी कसर आज ही निकालनी पडेगी. ताई का दिमाग तेजी से सोचने लगा क्योंकि अब समय काफ़ी कम रह गया था.

ताई की फ़रमाईश पर  रात को ताऊ ने टेबल पर डिनर लगा दिया. ताई ने टेबल पर नजर घुमाई. टेबल पर सब कुछ करीने से उसकी फ़रमाईश के मुताबिक ही था. ताई ने सोचा अब क्या कमी निकालूं? 

अचानक ताई के खुराफ़ाती दिमाग में एक आईडिया कौंधा और उसने ताऊ से पूछा -  क्यों ये कौन सा डिनर है? ताऊ बोला - भागवान ये डिनर कौनसा से तुम्हारा क्या मतलब? डिनर तो डिनर ही होता है. ये कोई मार्निंग डिनर या मिड-डे डिनर थोडे ही होता है. आराम से खाओ.......

ताऊ के और कुछ बोलने के पहले  ताई ने आव देखा ना ताव, लठ्ठ उठाकर दे दनादन ताऊ की धुनाई करती हुई बोली -  बदतमीज..बदजबान..मुझसे जबान लडाता है? तेरी हिम्मत कैसे हुई? आज त्योंहार का सगुन देखते हुये तुमको टेबल पर कैंडल जलानी थी...कुछ तो त्योंहार के  सगुन का ख्याल किया होता...आज के दिन कैंडल लाईट डिनर होता है....त्योंहार का सब मजा खराब करके रख दिया.

ताऊ दिन भर से ठुकते पिटते अब थक चुका था..... पीठ बुरी तरह दर्द कर रही थी ....सो   अब ताऊ से रहा नही गया और बोला - इब घणी अति कर दी सै तन्नै...पर तू नू समझ ले कि तेरा यो महिला दिवस त्योंहार  तो साल म्ह एक बार ही आवै सै ....बाकी के 364  दिन तो पुरूष  दिवस ही हौवैं सैं.... 

ताई सुबह की चाय देने  ताऊ को उठा रही थी तभी ताऊ  नींद से उठते समय उपरोक्त वाक्य बड बडा  रहा था जो ताई ने सुन लिये.....ताई ने आव ताव देखा ना ताव, लठ्ठ उठाकर फ़टकारने वाली ही थी कि कुछ सोच कर रूक गई... चाय का कप उठाकर एक तरफ़ रखा और ताऊ को बडे प्यार से बोली - देखो तुम्हारी पीठ मे बहुत दर्द हो  रहा  होगा...पहले चाय पी लो..फ़िर मैं तुम्हारी पीठ पर आईडेक्स लगा देती हु. और सुनो आज तुम पुरूष  दिवस त्योंहार मना लो... मैं और मेरा लठ्ठ तो बाकी के 364 दिन महिला दिवस मनाते ही रहेंगे......बेचारा ताऊ....सपने मे भी पिटा और आज का दिन छोडकर बाकी के 364 दिन भी पिटेगा.


Comments

  1. हा हा महिला दिवस की आड़ में ताई ने सारी कसर निकाल दी ... काफी रोचक लगा . ...

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  2. हां वाकई महिला दिवस के बाद से बहुत डिप्रेशन सा लग रहा था ... पढ़ कर अच्छा लगा कि चलो साल में भले 1 दिन के लिए ही सही पर पुरूष दिवस भी आया तो , जिस दिन ठुकाई नहीं होगी...

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  3. दुनिया भर को बेवकूफ बनाता है ताऊ !!
    एक ताई नहीं संभल रही !

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  4. हा हा हा -
    सुन्दर प्रस्तुति -
    आभार आदरणीय-
    हर हर बम बम -

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  5. महिला दिवस / पुरुष दिवस छोडिये। अब तो ताई दिवस मनाना पड़ेगा। वर्ना दिखता है ना लट्ठ ! जय हो ताऊ की।

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  6. ताऊ तुम्हारी पीठ दर्द को मिटाने के लिये ही ताई तुम्हारी लठ्ठ मसाज करती है. आभार मानो ताई का.

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  7. ताऊ तुम्हारी पीठ दर्द को मिटाने के लिये ही ताई तुम्हारी लठ्ठ मसाज करती है. आभार मानो ताई का.

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  8. एक दिन पुरूष दिवस देने के लिए ताई को धन्यवाद.

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  9. जानकर बडा प्रसन्न हूं कि अब एक दिन हम पुरूषों को भी मिलेगा, बहुत मजेदार पोस्ट.

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  10. जानकर बडा प्रसन्न हूं कि अब एक दिन हम पुरूषों को भी मिलेगा, बहुत मजेदार पोस्ट.

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  11. ताऊ
    महिला दिवस पर
    खुश होने की बजाय
    अपनी किस्मत पर
    आंसू बहाते रहे
    पीठ दर्द के बावजूद
    झाड़ू,पोछा,कपडे,
    बर्तन साफ कर
    ताई के लिए
    रसोई में चाय,
    नाश्ते से लेकर
    लंच,डिनर
    बनाते रहे ..!

    वाह मजेदार :)

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  12. श्री ग़ाफ़िल जी आज शिव आराधना में लीन है। इसलिए आज मेरी पसंद के लिंकों में आपका लिंक भी सम्मिलित किया जा रहा है।
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (11-03-2013) के हे शिव ! जागो !! (चर्चा मंच-1180) पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  13. हा हा हा हा .....मजेदार !

    हकीकत बयां की है महिला सशक्तिकरण की फिर भी लोग महिलाओं को कमजोर मानते है !!

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  14. ताऊ! आप महान हैं। तिस पर एक उफ्फ तक नहीं।

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  15. ताऊ की ताई ने क्लास लगा की दीखे हैं | ताई से कोई न बच पाया | ताई जिंदाबाद |

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  16. बीत चुके पुरुष दिवस की शुभकामनायें !

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  17. हे रामपुरिया माई,
    ये कैसी रहनुमाई,
    ताऊ से टांग दबाई,
    भई पुरुष दिवस पर
    बधाई हो बधाई ! :)

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  18. हा हा हा हा ...बड़ा ही रोचक किस्सा ..

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  19. ताई ने आव देखा ना ताव, लठ्ठ उठाकर दे दनादन ताऊ की धुनाई करती हुई बोली - बदतमीज..बदजबान..मुझसे जबान लडाता है? तेरी हिम्मत कैसे हुई?

    yaa...Super Lady.

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  20. राम-राम भाई जी |
    व्यंग,हास्य में घोल सच्चाई का मिश्रण सब को पिला जाते है आप ....
    अपनी अदा को कायम रखें|
    ताऊ को ताऊ का आशीर्वाद ..स्नेह|

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  21. :)रोचक प्रसंग.
    वैसे माँग जायज़ है कि एक दिन 'पुरुष दिवस' भी होना चाहिए.

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  22. हमें भी हर दिन महिला दिवस मनाने का आदेश मिला है..

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  23. लट्ठ रामपुरिया ताई के हाथ लग ही गया आखिर..

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  24. हा हा...वाह रे ताऊ!!

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  25. ऐसे ताऊ टाइप आदमियों की बड़ी संख्‍या में आवश्‍यकता है, शीघ्र आपूर्ति करें।

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  26. देख् लीजिये, महिलायेन ही पुरुष दिवस भी मनायेंगि.

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  27. देख् लीजिये, महिलायेन ही पुरुष दिवस भी मनायेंगि.

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