"ताऊ टीवी फ़ोडके चैनल" की तरफ़ से मैं रामप्यारे अपने कैमरामैन श्यामप्यारे के साथ दर्शकों का बाअदब, बा-मुलाहिजा स्वागत करता हूं.
प्यारे दर्शकों आप जानते ही हैं कि ताऊ टीवी के खास होली कार्यक्रम
"वाह वाह ताऊ क्या लात है?" के अंतर्गत हम ब्लाग होली के विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत करते आये हैं.
इस साल कविता पाठ के साथ साथ "नाच मेरी बुलबुल" प्रतियोगिता भी
अपनी टी आर पी के उच्च स्तरों को छू रही है. इसके प्रतिभागियों में खासा उत्साह है और ग्रांड फ़िनाले में पहूंचने के लिये सबने जी जान लडा रखी है. सभी प्रतियोगी अभ्यास में जुटे हुये हैं.
आज के हमारे लोकप्रिय कार्यक्रम "वाह वाह ताऊ क्या लात है?" की शुरूआत ब्लाग रत्न, मशहूर हास्य कवि रत्न
डा. टी. एस. दराल कर रहे हैं. आईये दराल साहब .....माईक थामिये और अपनी भडास निकालिये.
प्यारे ब्लागर साथियों, मैं ताऊ टीवी के "वाह वाह ताऊ क्या लात है? कार्यक्रम में आ तो गया हूं पर यहां आते ही मेरा स्वागत भांग के गिलास से किया गया. इसी भांग के नशे में अपनी पहली रचना पेश कर रहा हूं...लिजिये सुनिये...
अगली रचना पेश करता हू.....
हौसला अफ़्जाई का शुक्रिया दोस्तों.....भांग का नशा सर चढने लगा है और ये सर से नीचे उतरे उसके पहले ही गायब हुये ताऊ को मैने खोज लिया है जो ताई को अकेली छोडकर जंगल में मंगल मना रहा है. पेश है ताऊ का हाल जंगल में....
ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक......ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक... हम अभी जाते हैं और कुछ घंटों में लौटेंगे....आप भी कहीं टिप्पणी ठोक पीटकर आजाईये...तब तक के लिये जय भंग भवानी..........
(शेष भाग अगले अंक में....)
प्यारे दर्शकों आप जानते ही हैं कि ताऊ टीवी के खास होली कार्यक्रम
"वाह वाह ताऊ क्या लात है?" के अंतर्गत हम ब्लाग होली के विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत करते आये हैं.
इस साल कविता पाठ के साथ साथ "नाच मेरी बुलबुल" प्रतियोगिता भी
अपनी टी आर पी के उच्च स्तरों को छू रही है. इसके प्रतिभागियों में खासा उत्साह है और ग्रांड फ़िनाले में पहूंचने के लिये सबने जी जान लडा रखी है. सभी प्रतियोगी अभ्यास में जुटे हुये हैं.
आज के हमारे लोकप्रिय कार्यक्रम "वाह वाह ताऊ क्या लात है?" की शुरूआत ब्लाग रत्न, मशहूर हास्य कवि रत्न
डा. टी. एस. दराल कर रहे हैं. आईये दराल साहब .....माईक थामिये और अपनी भडास निकालिये.
वाह वाह क्या लात है? में कविता पाठ करते हुये डा. दराल
प्यारे ब्लागर साथियों, मैं ताऊ टीवी के "वाह वाह ताऊ क्या लात है? कार्यक्रम में आ तो गया हूं पर यहां आते ही मेरा स्वागत भांग के गिलास से किया गया. इसी भांग के नशे में अपनी पहली रचना पेश कर रहा हूं...लिजिये सुनिये...
ताऊ गए परदेश छोड़
ताई होली में।
ताऊ की देखै बाट
ताई होली में।
लट्ठ नै पिलावे तेल
ताई होली में।
ताऊ नै मिलावे फोन
ताई होली में।
ताऊ करै ना याद
ताई होली में ।
बता करै के जतन
ताई होली में।
अगली रचना पेश करता हू.....
होली के हुडदंग में, सबसे आगे ताऊ
ताऊ के संग में , भंगमस्त हैं बाऊ।
भंगमस्त हैं बाऊ, चढ़ा दो दो गिलास,
गिलास तीसरा पीते ही हो गए खलास।
कह ताई मुए काहे भिगोई मेरी चोली
ताऊ बोले ताई से, होली है ताई होली।
हौसला अफ़्जाई का शुक्रिया दोस्तों.....भांग का नशा सर चढने लगा है और ये सर से नीचे उतरे उसके पहले ही गायब हुये ताऊ को मैने खोज लिया है जो ताई को अकेली छोडकर जंगल में मंगल मना रहा है. पेश है ताऊ का हाल जंगल में....
अभी अभी देखा मैने एक सपना
सपने में आ गया ताऊ अपना
ताई को छोडकर ताऊ गया जंगल
जंगल में वो मना रहा था मंगल
जंगल में बना रखा था एक झौंपडा
पर हाय,
ताई के बजाय साथ थी क्रियंका चौपडा
ताई के बजाय साथ थी क्रियंका चौपडा
और इसी के साथ विदा चाहुंगा. आप सबको होली की हार्दिक शुभकामनाएं......!
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ब्रेक के बाद आपका स्वागत है.... ताऊ टीवी के नृत्य संगीत कार्यक्रम "नाच मेरी बुलबुल" प्रतियोगिता में हरियाणा का मशहूर "ठेका नृत्य" प्रस्तुत कर रही हैं मिस. दराला....और संगत कर रहे हैं...ब्लागिस्तान के मशहूर ठेका नृत्य सम्राट श्री सतीश महाराज और बोतल तोड नृत्य सम्राट श्री समीर महाराज...
ब्रेक के बाद आपका स्वागत है.... ताऊ टीवी के नृत्य संगीत कार्यक्रम "नाच मेरी बुलबुल" प्रतियोगिता में हरियाणा का मशहूर "ठेका नृत्य" प्रस्तुत कर रही हैं मिस. दराला....और संगत कर रहे हैं...ब्लागिस्तान के मशहूर ठेका नृत्य सम्राट श्री सतीश महाराज और बोतल तोड नृत्य सम्राट श्री समीर महाराज...
ठेका नृत्य करती हुई मिस दराला, संगत करते श्री समीर महाराज और श्री सतीश महाराज
ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक......ब्रेक...ब्रेक...ब्रेक... हम अभी जाते हैं और कुछ घंटों में लौटेंगे....आप भी कहीं टिप्पणी ठोक पीटकर आजाईये...तब तक के लिये जय भंग भवानी..........
(शेष भाग अगले अंक में....)
आप सब को प्यार से लबा-लब रंगों के साथ होली की शुभकामनायें...बस ऐसे ही ताऊ संग हुड्दंग मचाये !
ReplyDeleteराम-राम भाई ....
jai ho fagua chha gaya
ReplyDeleteवाह ता, फ़गुना गये, जंगल में बनाके झौपडा
ReplyDeleteघर में छोड ताई को,साथ ले गये प्रियंका चौपडा
दराल साहब की कविताओं में मजा आगया जी.
मस्त चकाचक पोस्ट.
वाह ता, फ़गुना गये, जंगल में बनाके झौपडा
ReplyDeleteघर में छोड ताई को,साथ ले गये प्रियंका चौपडा
दराल साहब की कविताओं में मजा आगया जी.
मस्त चकाचक पोस्ट.
"ठेका नृत्य" प्रस्तुत कर रही हैं मिस. दराला गजब ढा रही हैं और संगत कर रहे मशहूर ठेका नृत्य सम्राट श्री सतीश महाराज और बोतल तोड नृत्य सम्राट श्री समीर महाराज खुद दोनों ही गुरू घंटाल लग रहे हैं. लगता है आज मिस दराला को जितवाकर ही मानेंगे.:)
ReplyDelete"ठेका नृत्य" प्रस्तुत कर रही हैं मिस. दराला गजब ढा रही हैं और संगत कर रहे मशहूर ठेका नृत्य सम्राट श्री सतीश महाराज और बोतल तोड नृत्य सम्राट श्री समीर महाराज खुद दोनों ही गुरू घंटाल लग रहे हैं. लगता है आज मिस दराला को जितवाकर ही मानेंगे.:)
ReplyDeleteमस्त मस्त अंदाज-
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ReplyDeleteहा हा हा ! बढ़िया सै ताऊ।
लेकिन ---
एक बार स्कूल में नाटक में लड़की का रोल करने पर घर में बड़ी डांट पड़ी थी।
अब देखते हैं , क्या हाल होता है ! :)
जय हो, होली की भाँग चढ़ी जा रही है।
ReplyDeleteताऊ होली की मस्ती अभी से ... भांग अभी से पिला दोगे तो बाके के १५ दिन क्या होगा ...
ReplyDeleteगजब धमाल
ReplyDeleteएकदम मस्त ताऊ जी, बहुत खूब. बेहतरीन !
ReplyDelete:)
ReplyDeleteहा ..हा .. हा बढ़िया है कविता पाठ करते डाक्टर साहब की रचना मजेदार लगी "ठेका नृत्य" और नृत्य मंडली भी गजब की है !
ReplyDeleteहोली का सारा कार्यक्रम एकदम मस्त :)
लग रहा है अब तो कि जल्द होली आने वाली है...अभी से हास्य रंग बिखर रहे हैं.
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ReplyDeleteताऊ तेरी लुटिया डूबे,कैसी शकल बनायी है !
कोई तेरी भैंस चुराए, क्या लुंगी पहनाई है !
दाढ़ी मूंछ को नचवा तूने कैसी जुगत बनायी है !
खुद तारीफ़ लगायें ठुमके, कैसी दशा बनायी है !
रंग और महफिल का बेजोड़ संगम!
ReplyDeleteरंग और महफिल का बेजोड़ संगम!
ReplyDeleteहोली के बढ़िया रंग जमे हैं अभी से......
ReplyDeleteवाह ! वाह !!
ReplyDeleteरे ताऊ, इतना फालतू का दिमाग कहां से पाया?
ReplyDeleteआज की ब्लॉग बुलेटिन आज लिया गया था जलियाँवाला नरसंहार का बदला - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबढ़िया रंग जमा है होली का ...
ReplyDeleteहा हा हा ! तो आज डाॕॕक्टर साहब धरे गए :)
ReplyDeleteहाहाहा.....क्या खूब जमा होली का रंग...! :-)
ReplyDeleteहमने तो पहली बार देखा ताऊ जी...
होली है! भई होली है!:-)
~सादर!!!
wah wah kya baat hai...:)
ReplyDeleteवाह वाह ...क्या रंग जमा है .....बहुत खूब
ReplyDeleteताऊ आप समीर लाल को क्यों होली से पहले "लाल" करे पे लग जाते हो ।
ReplyDeleteब्रेक बहुत कम लिये हैं ताऊ
ReplyDeleteलाजवाब...
ReplyDeleteलाजवाब...
लाजवाब...
मस्त!
ReplyDeleteवाह वाह क्या लात है .....:))
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