नियति अपनी अपनी

लगता है
जनता की किस्मत
और नेता्जी के घोटालों ने
आपस में मिलकर
कर रखा है एक
अदृष्य, अंतहीन,
अलिखित कोई समझौता!




जैसे जनता की
किस्मत करती है
हमेशा
छल पर छल
और फिर
छलती जाती है
साल दर साल
उसी तरह
नेताजी भी करते हैं
हमेशा
घोटाले पर घोटाला
और फिर एक
महा घोटाला
साल दर साल

किस्मत का छल
जनता की नियति है
घोटाले पर घोटाला
नेताजी की नियति है!



(इस रचना के दुरूस्तीकरण के लिये सुश्री सीमा गुप्ता का हार्दिक आभार!)

Comments

  1. जी हां,, इसी नियति के लिये शहीदों ने अपने शीश अर्पित किये थे..

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  2. जनता के छालों पर घोटालों का नमक।

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  3. आजकल के हालात पर सटीक ताऊदृष्टि डाली है, धन्यवाद!

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  4. जनता और नेता सबकी अपनी अपनी नियति है ...
    जनता की नियति नेता तय करते हैं और नेता की नियति उनका दोहरा व्यक्तित्व ...अपवाद भी होते हैं !

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  5. ताऊ आजकल कुछ धीर गम्भीर नज़र आ रहे हओ कोई महा घोटाला आप तो नही कर आये? सटीक अभिव्यक्ति।

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  6. किस्मत का छल
    जनता की नियति है
    घोटाले पर घोटाला
    नेताजी की नियति है

    बहुत सुन्दर बात कही ताउजी, वैसे यह भेड़ चाल जनता जो आँखे मूंदकर वोट डालती है यही डिजर्व करती है !

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  7. प्रिय ताऊ !
    सुप्रिय ताऊ !!
    सर्वप्रिय ताऊ !!!


    राम राम

    किस्मत का छल
    जनता की नियति है
    घोटाले पर घोटाला
    नेताजी की नियति है!

    वाह क्या नियति है … ! भगवान भली करे …

    सुश्री सीमा गुप्ता जी का भी बहुत बहुत आभार ! … लगातार परीक्षा लेने वाला हमारा प्यारा ताऊ डंडा छोड़' थोड़ी देर कलम भी चलाने लगा है … :)

    बसंत पंचमी सहित बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  8. आज के हालात की सटीक अभिव्यक्ति।

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  9. एक पाउच , मुर्गे की टांग ,एक कम्बल या सौ रूपये या फिर अपना धर्म ,जाती, वर्ग वाले के लिए अपन वोट दे देने वाली जनता की ये किस्मत नहीं उनके किये का भुगतना है | देने वाले ने सबसे ऊपर सर दिया है कभी तो उसका प्रयोग करे आम लोग बस उस पर खिची लकीरों को काहे दोष देते है | रचना अच्छी है |

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  10. छल और छालों का, घोटालों और चौटालों का अच्छा फोटू खींचा है ताऊ!!

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  11. आजकल के हालात पर सटीक दृष्टि ,आभार.

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  12. शानदार रचना। बधाई बधाई बधाई!

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  13. वाह ताऊ !
    क्या गज़ब के लग रहे हो ...अगर इलेक्शन में खड़े हो जाओ तो सबकी जमानत जब्त होना तय है !

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