वार्षिक ताऊ कवि सम्मेलन में कवि श्री सतीश सक्सेना

हाय एवरीवन...कैसे हैं आप लोग? होली निकल गई पर कसक रह गई. वैसे ही जैसे रस्सी जल गई पर बल नही निकले. होली बीत जाने के बाद अक्सर यह समझा जाता है कि पुरानी कडवाहट खत्म हुई. पर यहां तो माजरा ही कुछ अलग है. फ़तवे पर फ़तेवे दिये जारहे हैं..ले फ़तवे...दे फ़तवे...ये फ़तवे..वो फ़तवे..यानि ब्लाग जगत का मूंह ही फ़त्या की मां जैसा होरहा है.

अब भाई हम तो ठहरे रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" यानि ताऊ के गधे....अब हम क्या कहें? अब हम कुछ कहेंगे तो लोग कहेंगे कि अब गधे भी ब्लागिंग करने लगे? पर भाई मेरे असली ब्लागिंग तो "प्यारे" ही कर सकता है. और कर ही नही सकता बल्कि करा भी रहा है और नचा भी रहा है. खैर अब मैं ताऊ होली कवि सम्मेलन के अगले कवि श्री सतीश सक्सेना जी को कविता पाठ के लिये आमंत्रित कर रहा हूं....आईये सतीश जी......

ताऊ वार्षिक कवि सम्मेलन में कविता पाठ करते हुये श्री सतीश सक्सेना


सज्जनों और देवियों, सतीश सक्सेना का नमस्कार. ताऊ वार्षिक कवि सम्मेलन में अपनी रचना सुना रहा हूं...आशा करता हूं आपको अवश्य पसंद आयेगी...आपसे दाद चाहुंगा...हां तो ताऊ....

तुम्हारे ब्लाग ने ब्लाग जगत का सत्यानाश कर के रख दिया है ताऊ ! सारी भीड़, अपनी चार सौ बीस खोपड़ी की ११०% एफिसिएंसी प्रयोग करते हुए,खींच लेते हो और हमारे जैसे धुरंधर बढ़िया बढ़िया पोस्ट लिखे बैठे रहते हैं कोई आता ही नहीं पढने !

गुस्से का मामला यह है कि तुम सरासर लोगो को मूर्ख बनाकर अपना देसी माल बेचे जा रहे हो अबतो मुझे यह भी यकीन हो गया है कि समीरलाल भी इस धंधे में शामिल हैं ! तेरे रूप कंचन तेल की ऐसी की तैसी न की तो मेरा नाम नहीं ! सबका धंधा चौपट कर के रख दिया ...

दुर्भावना एक मेरी भी ले लो
वाकई बेमिसाल हो ! ताऊ

बेईमानी तेरी रुकती तो नहीं
खोपड़ी, बेमिसाल है !ताऊ !

लोग पागल बनाये जाते है
लेखनी बेमिसाल है ! ताऊ

आग ऐसे गुरु की धोती में,
जिसके चेले का नाम है ताऊ

ताई कैसे गुज़ारा कर पाए
अगर तू बंद हो गया ताऊ !

हेरा फेरी , तुरंत बंद करो
सब बहुत तुझसे त्रस्त हैं ताऊ

सतीश सक्सेना



रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" यानि ताऊ के गधे की ब्लागिंग कार्यशाला 2010 अगले सप्ताह से शुरु हो रही है. बहुत ही सीमित मात्रा में स्थान बचे हैं. जिनको भी कार्यशाला मे भाग लेना हो वो अपना रजिस्ट्रेशन तुरंत करवा लें जिससे बाद में पछताना ना पडे.

कार्यशाला में व्याखान रत प्रो. रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे"


अभी तक जिन गणमान्य ब्लागर्स ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है उनको सम्मेलन स्थल पर आने के लिये प्रवेश पत्र भेज दिया गया है. अगर किसी को नही मिला हो तो तुरंत संपर्क करें.

बिना प्रवेश पत्र कार्यशाला में प्रवेश की अनुमति नही होगी.

Comments

  1. लोग पागल बनाये जाते है
    लेखनी बेमिसाल है ! ताऊ

    आग ऐसे गुरु की धोती में,
    जिसके चेले का नाम है ताऊ

    -हा हा!! बढ़िया छाये कवि श्री सतीश सक्सेना.

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  2. बेईमानी तेरी रुकती तो नहीं
    खोपड़ी, बेमिसाल है !ताऊ !

    लोग पागल बनाये जाते है
    लेखनी बेमिसाल है ! ताऊ...
    अब आगे का कहें..

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  3. बेईमानी तेरी रुकती तो नहीं
    खोपड़ी, बेमिसाल है !ताऊ !

    लोग पागल बनाये जाते है
    लेखनी बेमिसाल है ! ताऊ

    Kamaal ki rachna hai...
    pasand aai....

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  4. यह कविता हिमांशु जी को बिना आभार दिए, होली पर चोरी की गयी थी ,वास्तविक बधाई के पात्र हिमांशु जी ही हैं !
    "आग ऐसे गुरु की धोती में
    जिसके चेले का नाम है ताऊ"
    हा... हा .....हा....हा...

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  5. खोपड़ी, बेमिसाल है !ताऊ !

    ताम-झाम, नारों-वादों के शोरगुल से दूर जीवन के हंसी लम्हों को उकेरने में मशगूल...ताऊ.
    ..वाह!

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  6. बहुत खूब , मेरी भी तुकबंदी---

    क्या भरा है तेरी खोपड़िया में
    और कितना धमाल है ताऊ

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  7. बहुत अच्छी कविता।ताऊ !

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  8. कवि सम्मेलन बढ़िया रहा!
    सतीश सक्सेना का तो जवाब ही नही!
    बेमिसाल शायरी!

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  9. दुर्भावना एक मेरी भी ले लो
    वाकई बेमिसाल हो ! ताऊ

    हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा बहुत खूब रही ये काव्य रचना , ये प्यारे भी अपना काम बखूबी सम्भाल रहा है हा हा हा
    regards

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  10. आदरणीय ताउ ,
    सुना है कि कविवर "झाऊ झमाझम " ने भी कवि सम्मेलन के लिए कुछ खास रच के रखा है आज ही किसी मेल के हाथों (पता चला है कि सभी फ़ीमेल महिला आरक्षण के मोर्चे पर निकली हैं सो मेल ही भेजा जा रहा है आपके पास ) उसकी पांडुलिपि आपको प्रेषित करता हूं .....जरा नज़र मारियेगा ..

    अजय कुमार झा

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  11. सतीश जी ने सारा चिट्ठा खोल कर रख दिया है। नाम कविता का लिया है। आपने क्‍या इनको पारिश्रमिक भी दिया है। और मुझे तो अभी तक ब्‍लॉगर कार्यशाला 2010 का प्रवेश पत्र भी नहीं मिला है। ऑनलाईन रजिस्‍ट्रेशन कर दिया था और फेक क्रेडिट कार्ड से पेमेंट भी दस हजार की।

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  12. ताऊजी रामराम,
    सक्सेनाजी की कविता में कुछ अंश मैं भी जोड़ रही हूँ ...समर्पित है
    दुनिया की उठा पटक से अलग
    दो घड़ी की हँसी,छोटी सी धमाल है ताऊ
    एक अनबुझ पहेली एक अजनबी सवाल है ताऊ
    कहे सक्सेनाजी ये कैसा बवाल है ताऊ
    पर कुछ भी कहो पहेलियाँ घड़ने में तो कमाल है ताऊ :)

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  13. वाकई बेमिसाल है।
    nice sorry,nicer,again sorry,nicest जी nicest।

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  14. हमने फीस भर दी है, लेकिन रजिस्‍ट्रेशन पत्र अभी तक नहीं मिला है। हमारी डायरी में सारी तारीखे बुक होती जा रही हैं, कृपया शीघ्र तारीख की घोषणा करें जिससे हम उस तारीख को अण्‍डरलाइन कर सकें।

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  15. ये कैसा घालमाल है ताऊ? हा हा हा सतीश सक्सेना जी तो छा गये हैं। आभार्

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  16. Tauji yo kavi smmelan to jor dar raha.
    satish sxena ji to manch pe chhaye huye hai.

    maja aa gaya kavi sammelan me.

    Ram-Ram

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  17. ताऊ की लेखनी हा...हा...हा..हा....हा...!!!!

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  18. wah wah wah wah.........
    kya hawa nikali hei tau ki.....ibb tau bhagega satish ji ke piche lath lekar.......

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  19. ताऊ महाराज हमारी कविता भी छाप दो....कोई तो पढ़ लेगा तुम्हारे ब्लॉग के बहाने.....बस थम आर्डर करो.......कविता छापने के फैक्ट्री हैं हमारे पास......हँसती रोती छोटी मोटी सब तरीके की कविता......स्पेशल आर्डर पर ताऊ कविता भी

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  20. बहुत अच्छी कविता :)

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  21. सतीश जी ... ताऊ के नाम पर क्या क्या कह गये आप ... बहुत लाजवाब ...

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  22. ताऊ कवि सम्मेलन में सतीश जी ने एक बहुत बेहतरीन कविता पेश की। वैसे ये सच है कि ताऊ जैसा कोई नही।

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  23. ताऊ जी हमारी टिपण्णी कहां गई???? तीन घंटे लगा के लिखी थी.

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  24. @ राज भाटिया जी,

    आपकी इसके अलावा इस पोस्ट पर और कोई टिप्पणी नही आई, पूरी मेल खंगाल ली. लगता है आपने कहीं और चेप दी उस तीन घंटे वाली टिप्पणी को.:)

    रामराम

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  25. होली का रंग..इतनी जल्दी भला छूट कैसे जाय!!!और महफ़िल जब ताऊ की हो ..जय ताऊ की की सतीश जी को बीच बाज़ार में बुलवा लिया..
    पंक्ति .....

    लोग पागल बनाये जाते है
    लेखनी बेमिसाल है ! ताऊ

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  26. areee hamara pravesh patra to milaa hee nahi....intzaar kar rahe hain

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  27. ताऊ राम्रराम,
    आड़े भी बेईमानी कर गया। फ़ोटो चेप दी सक्सेना जी की और मशहूरी कर गया आपणी और आपणी ब्लॉगर कार्यशाला की(खूब जमेगा रंग, जब मिल बैठेंगे तीन यार, मैं, आप और बैगपाईपर सोडा)। ताऊ ये सरोगेटेड विज्ञापन वाली कला आपने टी.वी.आल्या तै सीखी या वे आपसे सीखकर जा रहे हैं।
    जय राम जी की।।

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  28. तो यह लो दोबारा से....
    ताऊ जी कविता ओर लेख की तारिफ़ तो सब ने कर दी, लेकिन इस राम प्यारे के सफ़ेद दांतो की तारीफ़ किसी ने नही की, इस के दांत कोन से पेस्ट से चमकाते हो जी, आज सुबह से जब से हेरी की नजर इस लेख पर पडी वो भुख हडताल कर के बेठा है ओर बोल रहा है कि मेरे दांत भी ताऊ की तरह..... अरे नही ताऊ के गधे की तरह चमकाओ तभी खाऊंगा ओर भींकूगा, अब जल्दी से वो पेस्ट हमे भेज दो.....
    आप का धन्यवाद

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  29. @ राज भाटिया जी,

    हमारा रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" ब्लागिंग करता है और दिन भर हा हा ही ही करता रहता है. इस वजह से उसके दांतों की एक्सरसाईज होती रहती है तो दांत तो चमकेंगे ही?

    आप भी हैरी को ब्लागिंग शुरु करवा दिजिये फ़िर देखिये उसके दांत कैसे चमकते हैं? पर इसे राज ही रखियेगा, किसी को बताईयेगा नही.

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  30. सतीश सक्सेना जी ने तो लगता है कि ताऊ पे पीएचडी कर रखी है। अपनी इतनी खूबियाँ तो ताऊ खुद भी नहीं जानता होगा जितनी कि इन्होने गिनवा दी :-)

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  31. रोचक !
    सतीश जी की इस कविता के क्या kahne लेकिन उनकी टिप्पणियों में भी जबरदस्त पञ्च होता है.
    [Raampyare Chha gaye!kya baat hai!

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