मैं रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" उर्फ़ ताऊ का गधा आपका स्वागत करता हूं और ब्लागर्स कार्यशाला - 2010 का आंखो देखा हाल आपको सुनाता हूं.
ब्लागर्स कार्यशाला मे आशा के विपरीत जबरदस्त भीड जुटी. जिन ब्लागर्स ने अपना पूर्व मे रजिस्ट्रेशन करवा लिया था उनके लिये प्रथम पंक्ति मे बैठने की व्यवस्था की गई थी. जिन्होने आखिरी समय मे मिस. समीरा टेढी द्वारा उदघाटन की खबर सुनने के बाद आवेदन किया था उनको बहुत पीछे बैठना पडा.
कार्यशाला के उदघाटन के लिये आयोजकों ने मिस. समीरा टेढी को आमंत्रित किया था. मिस. टेढी के आते ही वहां भगदड मच गई. यानि हर कोई मिस. टेढी के जादू मे टेढे मेढे हो कर उनकी एक झलक पाने के लिये बेचैन हो उठा. हर कोई मिस समीरा टेडी से हाथ मिलाने और आटोग्राफ़ लेने के लिये दौड पडा. जिससे थोडी देर के लिये माहोल में अस्त व्यस्तता फ़ैल गई जिसे आयोजकों और उपस्थित वालंटियर्स ने काबू किया.
मिस. समीरा टेढी के आते ही कुछ ब्लागर्स का ऐसा व्यवहार देखा गया जैसा मिस. मित्रांगदा के ब्लाग उदघाटन समारोह का था. जैसे मिस. मित्रांगदा के ब्लाग पर कई बुढऊ तो बाल काले रंगवा कर लपक लिये थे और कुछ खूसट बुढ्ढे ऐसे भी थे जो अपने को सठियाया हुआ ना समझ कर जवान ही समझते हैं. ऐसे बुढ्ढों ने वहां जमकर मिस. मित्रांगदा का "ब्लागजगत मे आपका स्वागत है" कहकर स्वागत किया था.
वैसे मिस. मित्रांगदा ने ब्लाग का उदघाटन किया है यह किसी को मालूम भी नही था . यह खबर भी इसी श्रेणी के एक बुढऊ ने ब्लागवुड मे दी थी. और एक दो जासुस किस्म के प्राणी तो बहुत डिप्लोमेट किस्म के कमेंट करते पाये गये यानि कि दोनों हाथों मे लड्डू..अब ये अलग बात है कि इनके दोनो हाथों के बजाये एक में भी लड्डू तो क्या बूंदी भी नही बची...
मिस. समीरा टेढी...भीड से बचकर उदघाटन स्थल की तरफ़ जाते हुये!
मिस. मित्रांगदा के ब्लाग पर कुछ ऐसे भी अंग्रेजी उर्दू की नफ़ासत के साथ पहुंचे जैसे वो दिखाना चाह रहे हों कि वो तो स्टार ब्लागर हैं और एहसान करने के लिये आये हैं. पर वहां पहुंचकर फ़ंस गये, टिप्पणी नही करनी चाहिये या नही? धर्म संकट में फ़ंस गये...बेचारे जासूस
मिस. समीरा टेढी ताऊ जादूई चिराग को लांच करते हुये!
हाय..एवरीवन...मैं मिस. समीरा टेढी...आपको सलाह देती हूं कि आप भी मेरी तरह ताऊ जादूई चिराग का प्रयोग करें और मुंह मांगी मुराद तुरंत पायें.
जैसे की आपको मोटा होना हो..पतला होना हो...सामान.. .कार... रुपया पैसा...बंगला..हवाईजहाज...जो भी चाहिये...वो तो इस चिराग के लिये चुटकियों का काम है...
पर इस चिराग की और एक खासियत है जिसकी वजह से...यू..नो...आई एम रिकमंडिंग दिस चिराग फ़ार एवरी..ब्लागर..यू नो?
ये चिराग तो बस हर ब्लागर की जान है...इस चिराग की विशेषता है कि इसको आप बोलेंगे...उस ब्लाग पर जाकर गालियां देकर आवो..तुरंत उस ब्लाग पर गालियों की टिप्पणियां हो जायेंगी....किसी भी ब्लाग पर अनाम..टिप्पणीयां...या जो कुछ भी आप करवाना चाहें वो सब ये जादूई चिराग करेगा...
आपको किन्ही दो ब्लागर्स के बीच झगडा लगवाना हो तो ये काम इस चिराग की मदद से आनन फ़ानन करवाया जा सकता है.
और एक खास बात..अगर आपके पास ये जादूई चिराग है तो मामा मारीच और सुर्पणखां आपके और आपके ब्लाग की तरफ़ आंख ऊठाकर भी नहीं देख सकेंगे.
सो आइ विल रिकमंड हाईली..टू आल आफ़ यू..प्लिज..प्लिज..मेरे कहने से आप ये जादुई चिराग खरीद कर देखिये..आपकी किस्मत ही बदल जायेगी...
ब्लागर्स कार्यशाला मे आशा के विपरीत जबरदस्त भीड जुटी. जिन ब्लागर्स ने अपना पूर्व मे रजिस्ट्रेशन करवा लिया था उनके लिये प्रथम पंक्ति मे बैठने की व्यवस्था की गई थी. जिन्होने आखिरी समय मे मिस. समीरा टेढी द्वारा उदघाटन की खबर सुनने के बाद आवेदन किया था उनको बहुत पीछे बैठना पडा.
कार्यशाला के उदघाटन के लिये आयोजकों ने मिस. समीरा टेढी को आमंत्रित किया था. मिस. टेढी के आते ही वहां भगदड मच गई. यानि हर कोई मिस. टेढी के जादू मे टेढे मेढे हो कर उनकी एक झलक पाने के लिये बेचैन हो उठा. हर कोई मिस समीरा टेडी से हाथ मिलाने और आटोग्राफ़ लेने के लिये दौड पडा. जिससे थोडी देर के लिये माहोल में अस्त व्यस्तता फ़ैल गई जिसे आयोजकों और उपस्थित वालंटियर्स ने काबू किया.
मिस. समीरा टेढी के आते ही कुछ ब्लागर्स का ऐसा व्यवहार देखा गया जैसा मिस. मित्रांगदा के ब्लाग उदघाटन समारोह का था. जैसे मिस. मित्रांगदा के ब्लाग पर कई बुढऊ तो बाल काले रंगवा कर लपक लिये थे और कुछ खूसट बुढ्ढे ऐसे भी थे जो अपने को सठियाया हुआ ना समझ कर जवान ही समझते हैं. ऐसे बुढ्ढों ने वहां जमकर मिस. मित्रांगदा का "ब्लागजगत मे आपका स्वागत है" कहकर स्वागत किया था.
वैसे मिस. मित्रांगदा ने ब्लाग का उदघाटन किया है यह किसी को मालूम भी नही था . यह खबर भी इसी श्रेणी के एक बुढऊ ने ब्लागवुड मे दी थी. और एक दो जासुस किस्म के प्राणी तो बहुत डिप्लोमेट किस्म के कमेंट करते पाये गये यानि कि दोनों हाथों मे लड्डू..अब ये अलग बात है कि इनके दोनो हाथों के बजाये एक में भी लड्डू तो क्या बूंदी भी नही बची...
मिस. मित्रांगदा के ब्लाग पर कुछ ऐसे भी अंग्रेजी उर्दू की नफ़ासत के साथ पहुंचे जैसे वो दिखाना चाह रहे हों कि वो तो स्टार ब्लागर हैं और एहसान करने के लिये आये हैं. पर वहां पहुंचकर फ़ंस गये, टिप्पणी नही करनी चाहिये या नही? धर्म संकट में फ़ंस गये...बेचारे जासूस
पर इस डर के मारे की कहीं सच मे ही मिस. मित्रांगदा का असली ब्लाग हुआ और मित्रांगदा जी नाराज हो गई तो उन तक पहुंचने का सुनहरी मौका हाथ से निकल जायेगा. करुं नही करूं में, ऐसे लोग दो तीन बाद में स्वागत करते दिखे. क्युंकि जिनका फ़ोलो अप लगा था उनको तो मालूम पड ही गया कि जासूस लोग भी छुपते छुपाते स्वागत करने पहुंच ही गये.
कुछ ऐसा ही हाल मिस. समीरा टेढी के साथ भी हुआ. लोग उनके आगे पीछे पलक पांवडे बिछाये हुये थे. और एकखूसट बूढऊ ने तो उनको ब्लाग हिट कराने तक की टिप्स दे डाली. खैर ये किस्सा फ़िर कभी बाद में. अभी तो मैं आपको फ़टाफ़ट उदघाटन भाषण मे लिये चलता हूं.
खैर जैसे तैसे मिस. समीरा टेढी उदघाटन स्थल तक पहुंची और दीप जलाकर ब्लागर्स कार्यशाला का उदघाटन किया और फ़िर प्रो. रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" का प्रथम उदबोधन शुरु हुआ.
ब्लागर्स कार्यशाला 2010 में प्रथम उदबोधन देते हुये प्रो. रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे"
उपर के चित्र में आपको प्रथम पंक्ति में बायें से दायें क्रमश: सुश्री शैफ़ाली पांडे, डा.श्रीमती अजित गुप्ता, श्री अजयकुमार झा, सुश्री रानी विशाल, श्री खुशदीप सहगल, श्री ललित शर्मा, श्री संजय बेंगाणी, श्री पी.सी.गोदियाल,श्री अविनाश वाचस्पति, श्री सतीश सक्सेना प. श्री डी.के.शर्मा "वत्स" और श्री राज भाटिया दिखाई देरहे हैं.
प्रो. प्यारे का संक्षिप्त उदबोधन
मैं प्रो. रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" आप सभी का ब्लागर्स कार्यशाला 2010 में हार्दिक स्वागत करता हूं. इस कार्यशाला मे आपको सिर्फ़ ब्लागिंग ही नही बल्कि एक ब्लागर की संपुर्ण जीवन शैली के बारे में बताऊंगा. जिससे की आप एक चुस्त दुरुस्त और सफ़ल ब्लागर बन सकें.
आपको एक ब्लागर की संपुर्ण दिनचर्या, खान पान और व्यवहार आदि के बारे मे विस्तारित जानकारी दी जायेगी.स्वस्थ शरीर मे ही स्वस्थ आत्मा रह सकती है और एक स्वस्थ आत्मा ही एक स्वस्थ और सफ़ल ब्लागर बन सकता है.
महानुभावों आज की कार्यशाला में मैं आपको खान पान के बारे में बताऊंगा. खान पान में एक ब्लागर को भैंस का दूध अवश्य प्रयोग में लाना चाहिये. भैंस का दूध बहुत ताकतवर और स्निग्ध होता है. भैंस का दूध पीने से चमडी मोटी हो जाती है जो की एक ब्लागर यानि की सफ़ल ब्लागर का प्रथम गुण है. इस गुण के अभाव में अनेक लोग ब्लागिंग छोड कर चल देते हैं. जो भी सफ़ल ब्लागर है वो इसकी महता जानता है.
हमने अपने जीवन काल में अनेकों ब्लागर्स को स्ट्रिक्टली "मिल्क आफ़ भैंस" पीने की रिकमंडेशन की है. सत्र के अंत मे हम उन सफ़ल ब्लागर्स से भी आपको रुबरु करवायेंगे.
आज आपको नाश्ते में भैंस का मलाईदार दूध और बाजरे की ब्रेड ही यहां मिलेगी. मैं चाहता हूं कि आपकी चमडी भी जल्द से जल्द मोटी हो जाये और आप जल्द से सफ़लता की सीढियों पर चढ सकें. और कल से हमारी नियमित कार्यशाला के भाषण शुरु होंगे. क्योंकि आज उदघाटन समारोह में ही काफ़ी समय होगया है. अब मिस. समीरा टेढी को ताऊ जादूई चिराग का लांचिंग भी करना है. तो आईये अब चलते हैं ताऊ जादूई चिराग के लांचिंग समारोह में.
खैर जैसे तैसे मिस. समीरा टेढी उदघाटन स्थल तक पहुंची और दीप जलाकर ब्लागर्स कार्यशाला का उदघाटन किया और फ़िर प्रो. रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" का प्रथम उदबोधन शुरु हुआ.
उपर के चित्र में आपको प्रथम पंक्ति में बायें से दायें क्रमश: सुश्री शैफ़ाली पांडे, डा.श्रीमती अजित गुप्ता, श्री अजयकुमार झा, सुश्री रानी विशाल, श्री खुशदीप सहगल, श्री ललित शर्मा, श्री संजय बेंगाणी, श्री पी.सी.गोदियाल,श्री अविनाश वाचस्पति, श्री सतीश सक्सेना प. श्री डी.के.शर्मा "वत्स" और श्री राज भाटिया दिखाई देरहे हैं.
मैं प्रो. रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" आप सभी का ब्लागर्स कार्यशाला 2010 में हार्दिक स्वागत करता हूं. इस कार्यशाला मे आपको सिर्फ़ ब्लागिंग ही नही बल्कि एक ब्लागर की संपुर्ण जीवन शैली के बारे में बताऊंगा. जिससे की आप एक चुस्त दुरुस्त और सफ़ल ब्लागर बन सकें.
आपको एक ब्लागर की संपुर्ण दिनचर्या, खान पान और व्यवहार आदि के बारे मे विस्तारित जानकारी दी जायेगी.स्वस्थ शरीर मे ही स्वस्थ आत्मा रह सकती है और एक स्वस्थ आत्मा ही एक स्वस्थ और सफ़ल ब्लागर बन सकता है.
महानुभावों आज की कार्यशाला में मैं आपको खान पान के बारे में बताऊंगा. खान पान में एक ब्लागर को भैंस का दूध अवश्य प्रयोग में लाना चाहिये. भैंस का दूध बहुत ताकतवर और स्निग्ध होता है. भैंस का दूध पीने से चमडी मोटी हो जाती है जो की एक ब्लागर यानि की सफ़ल ब्लागर का प्रथम गुण है. इस गुण के अभाव में अनेक लोग ब्लागिंग छोड कर चल देते हैं. जो भी सफ़ल ब्लागर है वो इसकी महता जानता है.
हमने अपने जीवन काल में अनेकों ब्लागर्स को स्ट्रिक्टली "मिल्क आफ़ भैंस" पीने की रिकमंडेशन की है. सत्र के अंत मे हम उन सफ़ल ब्लागर्स से भी आपको रुबरु करवायेंगे.
आज आपको नाश्ते में भैंस का मलाईदार दूध और बाजरे की ब्रेड ही यहां मिलेगी. मैं चाहता हूं कि आपकी चमडी भी जल्द से जल्द मोटी हो जाये और आप जल्द से सफ़लता की सीढियों पर चढ सकें. और कल से हमारी नियमित कार्यशाला के भाषण शुरु होंगे. क्योंकि आज उदघाटन समारोह में ही काफ़ी समय होगया है. अब मिस. समीरा टेढी को ताऊ जादूई चिराग का लांचिंग भी करना है. तो आईये अब चलते हैं ताऊ जादूई चिराग के लांचिंग समारोह में.
हाय..एवरीवन...मैं मिस. समीरा टेढी...आपको सलाह देती हूं कि आप भी मेरी तरह ताऊ जादूई चिराग का प्रयोग करें और मुंह मांगी मुराद तुरंत पायें.
जैसे की आपको मोटा होना हो..पतला होना हो...सामान.. .कार... रुपया पैसा...बंगला..हवाईजहाज...जो भी चाहिये...वो तो इस चिराग के लिये चुटकियों का काम है...
पर इस चिराग की और एक खासियत है जिसकी वजह से...यू..नो...आई एम रिकमंडिंग दिस चिराग फ़ार एवरी..ब्लागर..यू नो?
ये चिराग तो बस हर ब्लागर की जान है...इस चिराग की विशेषता है कि इसको आप बोलेंगे...उस ब्लाग पर जाकर गालियां देकर आवो..तुरंत उस ब्लाग पर गालियों की टिप्पणियां हो जायेंगी....किसी भी ब्लाग पर अनाम..टिप्पणीयां...या जो कुछ भी आप करवाना चाहें वो सब ये जादूई चिराग करेगा...
आपको किन्ही दो ब्लागर्स के बीच झगडा लगवाना हो तो ये काम इस चिराग की मदद से आनन फ़ानन करवाया जा सकता है.
और एक खास बात..अगर आपके पास ये जादूई चिराग है तो मामा मारीच और सुर्पणखां आपके और आपके ब्लाग की तरफ़ आंख ऊठाकर भी नहीं देख सकेंगे.
सो आइ विल रिकमंड हाईली..टू आल आफ़ यू..प्लिज..प्लिज..मेरे कहने से आप ये जादुई चिराग खरीद कर देखिये..आपकी किस्मत ही बदल जायेगी...
नोट : - अब से नियमित ब्लागर्स कार्यशाला शुरु होगी....आप सभी से निवेदन है कि समय का ध्यान रखें और घर से वजन करवा कर आयें. जिससे यह मालूम पडता रहेगा कि कार्यशाला के दौरान आपकी चमडी कितनी मोटी हुई.
कईयों को बेनकाब और कुछ पर नकाब डालती कार्यशाला -मगर ये प्रोडक्ट बाजार में तो अभी भी नहीं दिख रहे -जरूर ब्लैक मार्केटिंग या जमाखोरी है -attentionplease !
ReplyDeleteताऊ जादुई चिराग....हा हा!! बहुत काम का है. :) आजकल के माहौल में बहुत उपयोगी.
ReplyDeleteबहुप्रतिक्षित कार्यशाला प्रारंभ हुई..बधाई..
मजेदार. चिराग हथियाने का प्रयास करना पड़ेगा.
ReplyDeletenice
ReplyDeleteमिस. समीरा टेढी के उद्घाटन समारोह और कार्यशाला की रिपोर्टिंग रोचक रही.
ReplyDeleteशेफाली जी सामने की पंक्तियों में नज़र आ रही हैं..कार्यशाला में उनकी रिपोर्ट का इंतज़ार है.
मज़ेदार पोस्ट.
--------------
जादुई चिराग !
हा! हा !हा!
'Special selected vyaktiyon' ke liye बड़े ही काम kee वस्तु है.
waise डेली शौपिंग नेटवर्क का प्रोडक्ट लगता है .
Best wishes!
संजय बैंगाणी तो सफेदपोश बने ऐसे लग रहे हैं कि जैसे उदघाटन उन्होंने किया है...कहीं सी एम हो लिए दिखते हैं. :)
ReplyDeleteजय हो।
ReplyDeleteJadui chiraj to jordar hai.
ReplyDeleteis post ke madhyam se gyan chakshu
khule........agali reporting ka
intjar hai.
aabhar
अभी हाल ही में पिक्चर की घोषणा अब यो कार्यशाला ...मन्ने तो लाग रया है ताऊ थारे पर मंदी संदी का कोई असर न पडा....धांसू चल रया है बिजनेस तो ...चराग तो खैर घस लेवेंगे मन्ने तो ये बताओ यो ..मिस समीरा टेढी कहां से हाथ लग गी थारे ....मन्ने तो पता चला है कि इसकी इत्ती छरहरी काया देख के ही ...यादव कंपनी मान गी महिला आरक्षण देने कू ....वर्कशाप शुरू हो ली इब तो रोज भैंस का दूध पिया करेंगे ..मगर बलोग्गर कुछ अजीब सें....कदी ये न हो कि ब्लोग्गरां तो मुटया जां ....भैंस ही पतली हो जाय ....राम राम
ReplyDeleteअजय कुमार झा
ईमानदारी से बता दूं ...मिस मित्रान्गदा के ब्लॉग तक जासूसों को पहुँचाने में किसका योगदान था ...?? :):)
ReplyDeleteये जादुई चिराग तो बहुत काम का है ...मुफ्त में मिले तो ले ले ...ब्लोगिंग पर एक धेला भी खर्च करने का हमारा तो कोई इरादा नहीं है ....!!
चमत्कारों से भरी हुई पोस्ट!
ReplyDeleteवाह कमाल है!
समीर का समीरा!
और
तोन्द भी गायब!
यह कमाल तो
केवल ताऊ ही कर सकता है!
राम-राम!
ताऊजी रामराम,
ReplyDeleteआपके कहे अनुसार वेइंग मशीन ला कर राख ली है ....अब तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा की सच में चमड़ी मोटी हुई क्या :) लेकिन ताऊजी आप जादुई चिराग का स्टोक ख़त्म होने के पहले ही हमें तो सप्लाय कर ही दीजियेगा ....वो ऐसा है की आज कल मेहनत का फल कोन खता है?? सभी कम मेहनत में करिश्मे की जुगाड़ में लगे रहते है. इसलिए यह तो तय है की यह माल आपका खड़े दम बिक जाना है , फिर हम क्यों पीछे रहे. कुछ करिश्मा हम भी कर ले अपने लिए ...बिना मेहनत का ;)
ताऊजी रामराम,
ReplyDeleteआपके कहे अनुसार वेइंग मशीन ला कर राख ली है ....अब तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा की सच में चमड़ी मोटी हुई क्या :) लेकिन ताऊजी आप जादुई चिराग का स्टोक ख़त्म होने के पहले ही हमें तो सप्लाय कर ही दीजियेगा ....वो ऐसा है की आज कल मेहनत का फल कोन खता है?? सभी कम मेहनत में करिश्मे की जुगाड़ में लगे रहते है. इसलिए यह तो तय है की यह माल आपका खड़े दम बिक जाना है , फिर हम क्यों पीछे रहे. कुछ करिश्मा हम भी कर ले अपने लिए ...बिना मेहनत का ;)
ताऊ !
ReplyDeleteअपनी दूकान खूब चमका रहे हो ताऊ और क्यों दूसरों की दुकानों को बंद करवाने के चक्कर में लगे हो ?? यह कुछ लोग अब समझने लगे हैं, और तुम्हे ब्लैक लिस्ट कराने का गुपचुप प्लान चल रहा है !
और यह तुम्हारा भैंस का दूध ? मुझे लगता चमड़ी मोटी करनी वाकई बहुत आवश्यक है, भैंस का दूध कहाँ से लाया जाये, कैसी भैंस हो तफसील से बताओ ....अब तो लगता है तेरी सलाह मनानें में ही खैर है !
और सही बताऊँ ताऊ ...अब तो यहाँ औरों के मुकाबले ताऊ ही अच्छा लगने लगा है कम से अपनी बेईमानियों पर किसी शंकराचार्य का फोटो तो नहीं लगा रहा !
आज कई नए चरित्र दिखे हैं ताऊ ....कौन है यह मिस टेडी ??
हम जैसे लल्लुओं के लिए भी कुछ साफ़ साफ़ लिख दिया करो या एक अलग कार्यशाला खोलो , जिसमें पैसा देकर भी आने को तैयार हूँ !
मिस. समीरा टेढी से परिचय करने का आभार हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा मजा आ गया रिपोर्ट पढ़ कर बहुत रोचक हा हा हा हा
ReplyDeleteregards
--BAHUT KHOOB,ACHHEE KARYASHALA,VAAH---
ReplyDeleteमैं तो कब से फ्रेंचाईजी मांग रहा हूं....
ReplyDeleteमैं तो कब से फ्रेंचाईजी मांग रहा हूं....
ReplyDeleteजै हो समीरा दी ---- अरे नही आप तो बहुत छोटी हैं मुझ से बस समीरा बेटी ---- ये ताऊ भी न जाने क्या क्या गुल खिलाते रहते हैं
ReplyDelete@ उड़न तश्तरीजी, उदघाटन करने के लिए हमारा नम्बर तो बहुत बाद में आएगा जी हमसे पहले तो बहुत से नामी गिरामी बुजूर्ग बैठे हैं. इतने अशिष्ट भी नहीं है कि "ओवर टेक" करें.
ReplyDeleteसफेदपोश वाली बात गुदगुदा गई. अरे भाई जमाना ही दिखावे का है. हो न हो मगर दिखो जरूर. ;)
hahahahaha..........jaduyi chiraag to wakai kaam ki cheese hai aur wo bhi blog jagat ke liye to kafi upyogi item hai ..........sab bloggers ko free baant do phir dekho tamasha.........hahahahaha.
ReplyDeleteताऊ,
ReplyDeleteदेखी आपने इन वरिष्ठ ब्लॉगर्स की करतूत...कैसे मिस इंटरनेशनल समीरा टेडी को देखने के लिए सबसे आगे धूनी जमाए बैठे हैं...वो तो अपुन का कद लंबा है, कार्यशाला में पीछे से भी हुड़कचुल्लू की तरह मुंडी निकाल कर नैनसुख ले रहे हैं...
वैसे मित्रांगदा तो बिजली की तरह एक ही बार कड़क कर बादलों के पीछे छुप गई लगती हैं लेकिन अपनी समीरा टेडी ऐसी बेमुरव्वत नहीं है...ये अपने चाहने वालों को ऐसी ही रेड कार्पेट पर चलने लायक ड्रैस पहन-पहन कर लुभाती रहेंगी...और ताऊ तू भी घणा उस्ताद है, समीरा को आगे कर कार्यशाला को हिट बनाने का पूरा इंतज़ाम करा लिया है...
जय हिंद...
:) jadui chirag majedar cheez hai.
ReplyDeleteजादुई चिराग के लिये "एक खरीदो और एक मुफ्त पाओ" स्कीम आने पर ही इसे खरीदेंगे।
ReplyDeleteजादुई चिराग की सख्त जरूरत थी अब भेज देना ताऊ |
ReplyDeleteहमने तो चिराग आपको सेल करवाने के लिए दी थी आपने उसके माध्यम से धो खा धड़ी शुरू करवा दी। इसमें हमारी टिप्पणी रूपी कमीशन का मिशन सैट हो जाना चाहिए। देख रहा हूं चिराग आपके पास भिजवाने के बाद मेरी एक भी पोस्ट न तो पढ़ी जा रही है और टिप्पणियों से भी महरूम हो गई हैं। आप मेरा चिराग लौटती मेल से वापिस भिजवायें और साथ में एक -दो फीमेल भी ...
ReplyDeleteहा हा ! मस्त. समीरा जी :)
ReplyDeleteमिस समीरा टेढी...... हाय राम!!
ReplyDeleteताऊ क्या इस जुदाई चिराग से यह मिस समीरा टेडी सीधी हो जायेगी, अगर हां तो फ़िर भारत मै ही नही पुरी दुनिया मै आप का माल खुब बिकेगा,क्योकि टेडी को कोन सीधा नही करना चाहता:)
जादुई चिराग की बड़ी ज़रुरत है. राम राम!
ReplyDeleteमज़ेदार पोस्ट ताऊ....मिस. समीरा टेढी की कार्यशाला और प्यारे का संक्षिप्त उदबोधन रोचक हैं..
ReplyDeleteजादुई चराग का कब से इंतेज़ार था। बाबा तुलसीदास ने पहले ही इसके गुणों के बारे में लिख रखा है-
ReplyDeleteमंत्र महामनि विसय-व्याल के
मेटत कठिन कुअंक भाल के
आजकल भैंस का असली दूध मिलता कहाँ है। हमें तो उसे पीने के लिए अपनी ससुराल फरीदाबाद जाना पड़ता है। रोज रोज तो जा नही सकते ताऊ जी। फिर क्या करें जी?
ReplyDeleteभाई
ReplyDeleteमुझे कार्यशाला में न आने का दु:ख है
ठहरो , मेरे गठरी से इस चिराग की चोरी हुई है ,वापस कर दे ताऊ वर्ना--
ReplyDeleteवर्ना गिड़गिड़ाकर मांगुंगा ।
ताऊ राम राम,
ReplyDeleteबस लेण दे औरां ने भी,आड़े तो मजमा लाग रया सै और बाकी ब्लॉगां पे डांगर हांडन लाग रे हैं। औरां ने भी खा-कमा लेन दे।
गजब कर दिया जी,
रामराम।
ब्लोगेर पंचायत जमाये रखो ताऊ.....उदघाटन तो हो ही गया....अब जमात आती रहेगी...चिराग रगड़ती रहेगी!
ReplyDeleteमामा मारीच और सुर्पणखां इन दो को तो सब जानते हैं
ReplyDeleteताऊ मस्त मस्त समीरा थी और तुम हम को भूल गये ... पर कोई बात नही . रिपोर्टिंग के क्या कहने झकाझक ..जादुई चिराग का एक नया पीस मुझ को भी सपलाई कर ही दो ...
ReplyDeleteताऊ अभी तक चिराग की डिलीवरी नहीं मिली....अब कित्ते दिन तो हो गये पैसे एडवाँस में भेजे हुए...अगर डिलीवरी नहीं देनी तो हमारे पैसे वापिस किए जाएं मय हर्जे खर्चे के वर्ना ऎसा न हो कि हमें कोई वकील खोजना पडे :-)
ReplyDeleteऔर एक बात सुबह से लेकर शाम तक कार्यशाला में बैठाय रखा लेकिन इतना भी ख्याल नहीं आया कि कुछ चाय पानी का बन्दोबस्त ही कर लिया जाए..भैंस का दूध तो क्या पिलाना था :-)